माया की माया से अनभिज्ञ नहीं थी कांग्रेस अपितु कांग्रेस का हाथ अराजकता के साथ
बीएसपी प्रमुख मायावती की चेतावनी के एक दिन बाद ही मध्य प्रदेश की सरकार ने ऐलान कर दिया है कि एससी-एसटी आंदोलन के दौरान दर्ज हुए सभी केस वापस लिए जाएंगे. बीते साल 2 अप्रैल को पूरे देश में एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ आंदोलन हुआ था. राज्य के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि 2 अप्रैल 2018 (भारत बंद) और बीते 15 साल में दर्ज हुए इस तरह के सभी केस को वापस लिया जाएगा.
इससे पहले भी पीसी शर्मा ने कहा था कि बीजेपी सरकार के दौरान प्रदेश में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर दर्ज किए गए मामले वापस लिए जाएंगे. उन्होंने कहा था कि सीएम को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा क्योंकि सभी मामले राजनीतिक थे.
इसके अलावा, मध्य प्रदेश सचिवालय में मंगलवार को वंदे मातरम नहीं गाने के मामले में उन्होंने कहा कि वंदे मातरम कांग्रेस और देश सभी का है. शर्मा ने कहा कि इसे नहीं गाने का कोई सवाल ही नहीं है, हम इसका कारण ढूंढेंगे और इसे ठीक करेंगे.
सोमवार को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा था कि अगर राजस्थान और मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ 2 अप्रैल को हुए भारत बंद के दौरान दर्ज मामले को वापस नहीं लेती है, तो पार्टी समर्थन वापस ले लेगी. मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले को मायावती के बयान का असर माना जा रहा है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/09/Sonia-Gandhi-Mayawati.jpg498885Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-01 18:06:312019-01-01 18:06:33एससी-एसटी आंदोलन के दौरान दर्ज हुए सभी केस वापस लिए जाएंगे: मध्य प्रदेश सरकार
राजनैतिक विद्वेष इतना गहरा है कि पहली तारीख को गया जाने वाला राष्ट्र गान बैन और तो और प्रात: विद्यालयों के व्यायाम सत्र में से सूरी नमस्कार को निषेध किया गया। यह कमाल नाथ के उसी कथन कि पुष्टि करता है जहां वह कहते दिक पड़ते हैं कि आप हमें वोट दो इन्हे तो हम निपट लेंगे
मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के वंदेमातरम गाने पर रोक लगा दी है. सरकार ने फैसला लिया है कि हर महीने की पहली तारीख को राज्य सचिवालय में वंदे मातरम नहीं गाया जाएगा. कर्मचारियों के वंदे मातरम गाने पर रोक लगाते हुए कहा गया है कि वे जनता के कल्याण के कामों पर ध्यान दें. हालांकि कांग्रेस सरकार के इस फैसले से बीजेपी को निशाना साधने का मौका मिल गया है.
बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार के राज में सरकारी कर्मचारियों के वंदे मातरम गाने पर रोक लगा दी गई है. यही वजह रही कि हर महीने के पहले कामकाजी दिन में भोपाल स्थित मंत्रालय में होने वाला वंदे मातरम आज एक जनवरी को नहीं गाया गया. जबकि पिछली सरकार में ऐसा होता था.
भीजेपी सरकार में मंत्री रहे उमा शंकर गुप्ता ने कहा, ‘जिस वंदे मातरम को लेकर आजादी की लड़ाई लड़ी गई उससे कांग्रेस को परहेज है तो मानसिकता समझ लीजिए. कामतानाथ जी के दर्शन करने से लेकर जनेऊ पहन लेने की जनता को दिखाने की प्रवृत्ति साफ होती जा रही है. सूर्य नमस्कार को दुनिया अपना रही है. यह योग है. उस पर पाबंदी लगा रहे हैं. नकारात्मक भावना से राजनैतिक विद्वेष से की शुरुआत र कांग्रेस अपने पैर में कुल्हाड़ी मार रही है’.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/kamal-nath-1.jpg498885Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-01 17:45:202019-01-01 17:45:45कांग्रेस नीत राज्यों में वंदे मातरम का गान नहीं होगा और सूर्य नमस्कार भी किया बंद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने तंज कसते हुए कहा, ‘यदि सरकार, प्रवर्तन निदेशालय और मीडिया की चली, तो इस देश में केस की सुनवाई टीवी चैनलों पर होगी’
अगस्ता सौदे में ‘मिसेज गांधी’ का नाम आने पर भड़के पीसी
चिदंबरम ने सरकार, ईडी, मीडिया की आलोचना की
चिदंबरम ने कई ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी का नाम लेने पर सवाल उठाए हैं. रविवार को चिदंबरम ने इसपर मीडिया की भी भूमिका की आलोचना करते हुए ट्वीट किया, ‘कंगारू कोर्ट में भी सुनवाई होती है. मगर हमारे नए ‘बेहतर’ व्यवस्था में इससे भी आगे बढ़कर टीवी चैनलों पर न्याय हो रहा है.’
Further, the Criminal Procedure Code and the Evidence Act will not apply. What ED says will be oral evidence, any piece of paper ED produces will be documentary evidence, and what the TV channel pronounces will be the judgement.
उन्होंने आगे कहा, ‘क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) और एविडेंस एक्ट लागू नहीं होंगे. जो प्रवर्तन निदेशालय कहेगा वो मौखिक सबूत होंगे. ईडी कागज का कोई भी टुकड़ा पेश करेगा तो वो दस्तावेजी सबूत हो जाएंगे. और जो टीवी चैनल दिखाएंगे वो निर्णय हो जाएगा.’
कोर्ट को बताया था मिशेल के सोनिया गांधी का नाम लेने की बात
दरअसल अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदा मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को पटियाला हाउस कोर्ट को बताया था कि बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने सोनिया गांधी का नाम लिया है. ईडी ने हालांकि कहा कि अभी यह साफ नहीं है कि मिशेल ने सोनिया गांधी का नाम किस संदर्भ में लिया.
ईडी ने कोर्ट को कहा कि मिशेल ने ‘इटली की महिला के पुत्र’ के बारे में बताया है. साथ ही यह भी बताया है कि कैसे ‘वो देश का अगला पीएम बनने जा रहा है.’
कोर्ट को ईडी की दी गई इस जानकारी के बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि ‘मिशेल पर एक परिवार का नाम लेने का दबाव बनाया गया है. आखिर चौकीदार सरकारी एजेंसियों पर एक परिवार का नाम लेने के लिए दबाव क्यों बना रही है? बीजेपी के स्क्रिप्ट राइटर ओवरटाइम काम कर रहे हैं.’
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/p-chidambaram_625x300_1528700762458.jpg400650Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2018-12-30 19:03:402018-12-30 19:03:43अगस्ता हेलीकॉप्टर सौदा: ‘मिसेज गांधी’ का नाम आने पर भड़के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि लोकसभा में जब यह विधेयक पेश किया गया था तब 10 विपक्षी दल इसके खिलाफ खुल कर सामने आए थे
शनिवार को कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि उनकी
पार्टी तीन तलाक विधेयक को इसके मौजूदा रूप में राज्यसभा में पारित नहीं होने
देगी. वेणुगोपाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस अन्य दलों को साथ
लेकर विधेयक को इसके मौजूदा रूप में पारित नहीं होने देगी.
कांग्रेस
महासचिव ने कहा कि लोकसभा में जब यह विधेयक पेश किया गया था तब 10 विपक्षी दल इसके खिलाफ खुल कर
सामने आए थे. कांग्रेस नेता ने कहा कि यहां तक कि अन्नाद्रमुक और तृणमूल कांग्रेस
ने भी इस विधेयक का खुल कर विरोध किया है. गौर करने वाली बात यह है कि अन्नाद्रमुक
ने कई मुद्दों पर बीजेपी नीत सरकार का समर्थन किया है.
लोकसभा में पास हो चुका है बिल
उन्होंने
कहा कि यह विधेयक महिलाओं को सशक्त करने में कोई मदद नहीं करेगा. गौरतलब है कि गुरुवार को लोकसभा में यह विधेयक
पारित हुआ था. उम्मीद की जा रही है कि अगले सप्ताह राज्यसभा में इस पर विचार किया जा सकता है. कांग्रेस महासचिव का यह भी कहा है कि इस विधेयक को
लेकर कांग्रेस नीत यूपीए या केरल में पार्टी नीत यूडीएफ में कोई भ्रम नहीं है.
संसद के निचले सदम में यह बिल ध्वनी मत से पास हो चुका है और अगर यह राज्यसभा में भी पास हो जाता है तो यह कानून बन जाएगा. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक बीजेपी नेता और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि इस बिल पर राजनीति नहीं की जानी चाहीए. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह बिल किसी एक समुदाय के खिलाफ नहीं है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/08/muslim-women_triple-talaq.jpg5641002Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2018-12-30 05:08:462018-12-30 05:08:49ट्रिपल तालाक बिल राज्य सभा में मुंह के बल गिरेगा: कांग्रेस महासचिव
It’s a ‘riveting tale of how a family held the country to ransom for 10 long years,’ says BJP
“The Accidental Prime Minister”, a film starring Anupam Kher as Manmohan Singh, is BJP’s propaganda against their party, Congress leaders said on Friday as the former Prime Minister evaded comment on the growing controversy over the film on him.
The trailer of the film, based on the book of the same name by Sanjay Baru who served as Mr. Singh’s media advisor from 2004 to 2008, was released in Mumbai on Thursday.
The trailer shows Mr. Singh as a victim of the Congress’ internal politics ahead of the 2014 general election.
“Riveting tale of how a family held the country to ransom for 10 long years. Was Dr Singh just a regent who was holding on to the PM’s chair till the time heir was ready? Watch the official trailer of ‘TheAccidentalPrimeMinister’, based on an insider’s account, releasing on 11 January,” the BJP said on Thursday night.
Congress chief spokesperson Randeep Surjewala said on Twitter that such fake propaganda by the party would not stop it from asking the Modi government questions on “rural distress, rampant unemployment, demonetisation disaster, flawed GST, failed Modinomics, all pervading corruption.”
Asked by journalists to comment on the film at the Congress’s foundation day function at the party headquarters on Friday, Dr. Singh walked away without saying anything.
Truth shall prevail, says Gehlot
Congress leader and Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot said propaganda against the Congress and its leaders would not work and the truth shall prevail.
Mr. Gehlot’s party colleague PL Punia accused the BJP of evading answers on its ”misgovernance” after having ”failed” on all fronts.
“This is the handiwork of the BJP. They know that time has come to give answers after completion of five years and they are now trying to divert attention by raising such issues and evade answering to the public after its government failed on all fronts,” he said.
National Conference leader Omar Abdullah tweeted, saying, “Can’t wait for when they make The Insensitive Prime Minister. So much worse than being the accidental one.”
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/1545887603-ak-ak-1.jpg450600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2018-12-28 12:25:292018-12-28 12:25:32‘The Accidental Prime Minister’ is BJP’s propaganda against our party, say Congress leaders
The trailer of political drama ‘The Accidental Prime Minister’ starring Anupam Kher in the lead role was unveiled, earlier in the day.
New Delhi: Soon after the trailer of ‘The Accidental Prime Minister’ was released, Maharashtra Youth Congress on Thursday wrote to the makers of the political drama, demanding the screening of the film before its release.
The youth wing added that if some of the scenes are found to be unfactual, those will have to be deleted else they would not let the movie to be screened anywhere in the country.
The trailer of political drama ‘The Accidental Prime Minister’ starring Anupam Kher in the lead role was unveiled, earlier in the day. The film, which is scheduled to hit the screens on January 11, 2019, is based on a book written by Sanjaya Baru by the same name.
The film has already created an immense buzz amongst the audience owing to its controversial subject. It aims to focus on the tenure of the former prime minister Dr Manmohan Singh, who ruled the country from 2004 to 2014.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/1545887603-ak-ak.jpg450600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2018-12-27 15:30:552018-12-27 15:30:58Youth Congress threatens to stall release ‘Accidental Prime Minister’only if….
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष के इस बयान को मध्य प्रदेश में पार्टी के एकमात्र विधायक को कमलनाथ मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने से कांग्रेस के खिलाफ पैदा हुई नाराजगी के रूप में देखा जा रहा है
2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में दरार दिखने लगा है. समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में बनने वाले गठबंधन के गैर-कांग्रेस होने की बात कही है.
अखिलेश ने बुधवार को कहा, ‘बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन खड़ा करने में सभी पार्टियों को साथ लाने का प्रयास किया जा रहा है. मैं तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर को इस दिशा में प्रयास के लिए बधाई देता हूं. वो इसके लिए जुटे हैं. मैं उनसे मिलने हैदराबाद जाऊंगा.
उन्होंने यह भी कहा कि हम कांग्रेस का भी धन्यवाद देना चाहेंगे कि मध्य प्रदेश में हमारे विधायक को मंत्री नहीं बनाया. हम कांग्रेस और बीजेपी दोनों को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने कम से कम समाजवादियों का रास्ता साफ कर दिया. जबकि एसपी का विधायक मध्य प्रदेश में कांग्रेस को समर्थन दे रहा था.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष के इस बयान को मध्य प्रदेश में पार्टी के एकमात्र विधायक को कमलनाथ मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने से कांग्रेस के खिलाफ पैदा हुई नाराजगी के रूप में देखा जा रहा है.
बता दें कि 11 दिसंबर को आए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. वहीं बीजेपी के खाते में 109 सीटें आई थी.
बहुमत से दूर कांग्रेस को बाद में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के 2, समाजवादी पार्टी के 1 और 4 निर्दलीय विधायकों ने सरकार बनाने के लिए समर्थन दिया था. जिसके बाद कांग्रेस को कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/06/akhilesh-yadavpti.jpg500667Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2018-12-26 17:54:402018-12-26 17:54:43यूपी में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन कांग्रेस मुक्त होगा: सपा
Services of state-owned banks are expected to be impacted Wednesday due to a nation-wide strike call given by unions to protest against the proposed amalgamation of Vijaya Bank and Dena Bank with Bank of Baroda. This will be the second bank strike in less than a week.
Last Friday (December 21), an officers’ union of state-run banks observed a day-long strike to protest against the merger and also demanded immediate settlement of wage negotiations. Most of the banks have already informed customers about the strike.
Private sector banks will continue to function as usual.
The strike is being organised by the United Forum of Bank Unions (UFBU), an umbrella organisation of nine unions, including the All India Bank Officers Confederation (AIBOC), the All India Bank Employees’ Association (AIBEA), National Confederation of Bank Employees (NCBE) and the National Organisation of Bank Workers (NOBW). The UFBU claims membership of 10 lakh officers and staffers.
According to AIBEA General Secretary C H Vekatachalam, the conciliation meeting called by Additional Chief Labour Commissioner did not lead to any assurance and so the unions are going ahead with the strike.
During the meeting, neither the government nor the concerned banks came forward to assure that they will not go ahead with the merger, he added.
The unions claim that the government wants banks to grow in size by such mergers but even if all public sector banks are bundled into one, the merged entity will not find a place among the top 10 globally.
The government in September approved the amalgamation of Bank of Baroda (BoB), Vijaya Bank and Dena Bank — the first three-way merger in the public sector banking space.
The move follows top lender State Bank of India last year merging five of its subsidiary banks with itself and taking over Bharatiya Mahila Bank, catapulting it to among the top 50 global lenders.
On wage revision, NOBW Vice President Ashwani Rana it is due since November 2017. So far, Indian Banks’ Association (IBA) has offered 8 per cent wage hike which is not acceptable to UFBU, he said.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/IMG_20181221_110626.jpg30004000Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2018-12-25 14:21:272018-12-25 14:21:57Nationalised Banks on Strike today: 26 Dec, 2018
This comes after the Madhya Pradesh Assembly elections, wherein the BSP and the Congress fought separately, but the former extended its support to the grand old party after the declaration of the results.
Mayawati’s Bahujan Samaj Party (BSP) seems to have put the plans for a grand alliance of opposition parties on hold by declaring that the party would contest on all seats in Madhya Pradesh during the 2019 Lok Sabha elections. According to an announcement by party’s vice president Ramji Gautam, the BSP is preparing to contest on all 29 Lok Sabha seats of Madhya Pradesh.
Notably, this comes shortly after the Madhya Pradesh Assembly elections, wherein the BSP and the Congress fought separately, but the former extended its support to the grand old party after the declaration of the results.
Ahead of the Assembly elections in the state, Mayawati had in October declared that she would not get into pre-poll alliance with the Congress party, blaming leaders like former Madhya Pradesh chief minister Digvijaya Singh. She had, however, said that the intentions of Congress chief Rahul Gandhi and Sonia Gandhi for a BSP-Congress alliance was “honest”.
But after the Congress party fell short of majority by winning 114 seats in Madhya Pradesh Assembly elections, Mayawati extended support to ensure that a Congress-led government was formed in the state. She had said that the BSP had decided to support the Congress party so that the Bharatiya Janata Party (BJP) could be kept out of power.
This comes even as Nationalist Congress Party (NCP) chief Sharad Pawar has said that talks are on among all opposition parties for a Mahagathbandhan ahead of the Lok Sabha elections 2019. He also suggested that seat sharing discussions were also underway at different levels, saying that parties that are powerful in a particular state would be given more seats in that region.
“All opposition parties have decided to come together and form a Mahagathbandhan. Talks are on for the same. Whichever party is more powerful in a state will be given more number of seats,” the veteran leader wrote on microblogging site Twitter in Marathi.
In another significant political development, Telangana Rashtra Samithi supremo K Chandrasekhar Rao on Monday met Trinamool Congress chief and West Bengal CM Mamata Banerjee. Following the meeting the Telangana Chief Minister said that soon a “concrete plan” would be formulated.
The TRS chief, who had declared after the Telangana Assembly elections that he would play an active role in national politics, is also slated to meet Mayawati and Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav. Earlier, he had met Odisha chief minister and Biju Janata Dal (BJD) supremo Naveen Patnaik.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/images-1-1.jpg176286Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2018-12-25 05:09:162018-12-25 05:09:18Till results we are apart; Mayavati
Appeals are listed before a Bench of CJI Ranjan Gogoi and Justice S.K. Kaul
The volatile Ayodhya dispute appeals have been listed before a Bench led by Chief Justice of India on January 4, 2019.
The Supreme Court’s main cause list for January 4 shows that an application for early hearing and the appeals are listed before a Bench of Chief Justice Ranjan Gogoi and Justice S.K. Kaul. On October 29, a three-judge Bench led by Justice Gogoi had ordered the appeals to be listed in January 2019 before an appropriate Bench to fix a date for hearing.
The October order had come when the parties had sought an early hearing. At the time, Justice Gogoi had orally told them that the decision when to start hearing the appeals would be in the realm of discretion of the “appropriate Bench” before which the matter would come up in January.
“We have our own priorities… whether hearing would take place in January, March or April would be decided by an appropriate Bench,” the Chief Justice had remarked.
Majority opinion
On September 27, the apex court, in a majority opinion, had declined the plea made by Islamic bodies and individuals to refer the question as to whether prayer in a mosque is an essential part of Islam to a seven-judge Constitution Bench.
The majority verdict, in its last paragraph, had further directed the Supreme Court to start hearing the pending cases from October 29. This direction had triggered questions whether the court intended to deliver a judgment in the appeals before the May 2019 elections.
In 2017, when the court had started to hear the appeals after a hiatus of over seven years, senior advocate Kapil Sibal had suggested it to adjourn the hearings to after the general elections in May 2019.
HC verdict
The Ayodhya appeals are against the September 30, 2010 decision of the Allahabad High Court to divide the disputed 2.77 acre area among Sunni Waqf Board, Nirmohi Akhara and the Ram Lalla. The High Court had concluded that Lord Ram, son of King Dashrath, was born within the 1,482.5 square yards of the disputed Ramjanmabhoomi-Babri Masjid premises over 9,00,000 years ago during the Treta Yuga.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/65799122.jpg282400Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2018-12-24 17:08:192018-12-24 17:08:21SC to hear Ram Mandir title dispute on January 4
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