राजनैतिक विद्वेष इतना गहरा है कि पहली तारीख को गया जाने वाला राष्ट्र गान बैन और तो और प्रात: विद्यालयों के व्यायाम सत्र में से सूरी नमस्कार को निषेध किया गया। यह कमाल नाथ के उसी कथन कि पुष्टि करता है जहां वह कहते दिक पड़ते हैं कि आप हमें वोट दो इन्हे तो हम निपट लेंगे
मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के वंदेमातरम गाने पर रोक लगा दी है. सरकार ने फैसला लिया है कि हर महीने की पहली तारीख को राज्य सचिवालय में वंदे मातरम नहीं गाया जाएगा. कर्मचारियों के वंदे मातरम गाने पर रोक लगाते हुए कहा गया है कि वे जनता के कल्याण के कामों पर ध्यान दें. हालांकि कांग्रेस सरकार के इस फैसले से बीजेपी को निशाना साधने का मौका मिल गया है.
बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार के राज में सरकारी कर्मचारियों के वंदे मातरम गाने पर रोक लगा दी गई है. यही वजह रही कि हर महीने के पहले कामकाजी दिन में भोपाल स्थित मंत्रालय में होने वाला वंदे मातरम आज एक जनवरी को नहीं गाया गया. जबकि पिछली सरकार में ऐसा होता था.
भीजेपी सरकार में मंत्री रहे उमा शंकर गुप्ता ने कहा, ‘जिस वंदे मातरम को लेकर आजादी की लड़ाई लड़ी गई उससे कांग्रेस को परहेज है तो मानसिकता समझ लीजिए. कामतानाथ जी के दर्शन करने से लेकर जनेऊ पहन लेने की जनता को दिखाने की प्रवृत्ति साफ होती जा रही है. सूर्य नमस्कार को दुनिया अपना रही है. यह योग है. उस पर पाबंदी लगा रहे हैं. नकारात्मक भावना से राजनैतिक विद्वेष से की शुरुआत र कांग्रेस अपने पैर में कुल्हाड़ी मार रही है’.