राहुल का खेद प्रगट करना ही काफी है

जहां अपने आप को निर्दोष साबित करने के लिए पीढ़ियाँ खर्च हो जातीं हैं, वहीं AJL मामले में मुख्य आरोपी 50000 के मुचलके पीआर जमानत पर बाहर रह कर चुनाव लड़ रहे राहुल को जहां चुनाव योग से यह कह कर बारी कर दिया गया की शिकायतकर्ता सिद्ध नहीं कर पाया वहीं राहुल गांधी के मात्र न्यायालय के सामने खेद प्रगट कर देने से उनका छुटकारा हो गया।

नई दिल्‍ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया. उन्‍होंने कहा कि चुनावी माहौल में ऐसा बयान दे दिया था जिसके लिए उन्हें खेद है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफ़ेल फ़ैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट का नाम लेकर चौकीदार चोर है बयान पर खेद जताया.

राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव प्रचार के जोश मे ऐसा कह दिया था. उन्‍होंने कहा कि किसी भी तरीके से राफेल मामले को लेकर चल रही सुनवाई या फैसले के संदर्भ में गलत टिप्पणी कर अदालत की अवमानना करने की उनकी मंशा नहीं थी. उन्होंने उक्त बयान सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर भरोसा करके और उनके पास मौजूद एक्टिविस्ट व कार्यकर्ताओं की बातों पर भरोसा करते हुए कही थी.

उल्‍लेखनीय है कि कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी की टिप्‍पणी के खिलाफ BJP सांसद मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी. राफेल मुद्दे की पुनर्विचार याचिका के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि चौकीदार चोर है. कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (23 अप्रैल) को होगी.  राफेल मुद्दे पर बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी की राहुल गांधी के खिलाफ सु्प्रीम कोर्ट की अवमानना संबंधी याचिका पर कोर्ट ने राहुल गांधी को 15 अप्रैल को नोटिस जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से 22 अप्रैल तक जवाब देने को कहा था.

मीनाक्षी लेखी ने कहा था कि राफेल मामले में गोपनीय दस्तावेज को भी बहस का हिस्सा बनाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने गलत तरीके से पेश किया है. लेखी ने राहुल पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्‍होंने ‘चौकीदार चोर है’ के अपने बयान को सुप्रीम कोर्ट के बयान की तरह प्रस्तुत किया है. उन्‍होंने कहा था कि राफेल पर पुनर्विचार याचिका के मामले में SC के फैसले के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि चौकीदार चोर है!’

राहुल का अमेठी का नामांकन नहीं हुआ रद्द

लोकसभा चुनावों के आरंभ होने से देश में कानून व्यवस्था भी डांवाडोल है। चुनाव आयोग निष्पक्षता के मुद्दे को ले कर मतिभ्रम की स्थिति में है। आम आदमी की बात करें तो कानून के समक्ष व्यक्ति एक बार झूठ बोलता है तो उसके दूसरे बयानों को रद्द कर उनकी भी जांच की जाती है, परंतु जब व्यक्ति AJL मामले में मुख्य आरोपी हो, 50,000 के मुचलके की जमानत पर कैद से रिहाई पाया हो और चुनाव लड़ रहा हो, सर्वोपरि उसने अपने हलफनामे में विवादित सूचनाएँ दीं हों तो उसके लिए नियम आम जन से अलग होंगे। यहाँ सत्यापन के साथ शिकायत करने वाले का कर्तव्य है की वह आरोपों को सिद्ध करे, न की आरोपी का कर्तव्य है की वह अपने को निर्दोष साबित करे। प्रथम दृष्ट्या राहुल गांधी के खिलाफ शिकायाओं को नज़रअंदाज़ किया गया है।

नई दिल्ली: 

लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उम्मीदवारी पर अब कोई संशय नहीं है. अमेठी के रिटर्निंग अधिकारी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नामांकन को वैध ठहराया है.  बता दें कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की अमेठी और केरल की वायनाड सीटों से उम्मीदवार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए एक निर्दलीय उम्मीदवार ने उनके हलफनामे को चुनौती दी थी. यूपी की अमेठी से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार ध्रुवलाल के वकील रवि प्रकाश ने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष राहुल गांधी की नागरिकता और शैक्षिक योग्यता को लेकर सवाल उठाया था और उनकी उम्मीदवारी को रद्द करने की मांग की थी. उन्होंने निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की थी कि राहुल गांधी ने ब्रिटिश नागरिकता ली थी इसलिए उनका नामांकन रद्द किया जाए. 

इस शिकायत का हवाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी से मामले पर सफाई देने को कहा है. रवि प्रकाश ने ब्रिटेन में पंजीकृत एक कंपनी के कागजात के आधार पर यह दावा किया है. अमेठी के निर्वाचन अधिकारी राम मनोहर मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया कि राहुल गांधी के वकील ने जवाब दायर करने के लिये वक्त मांगा है और उन्हें इसके लिये सोमवार तक का वक्त दिया गया है. राहुल गांधी के वकील राहुल कौशिक ने शिकायत में व्यक्त आपत्तियों पर जवाब के लिए समय मांगा. निर्वाचन अधिकारी ने जवाब देने के लिये 22 अप्रैल सोमवार सुबह साढ़े दस बजे का समय तय किया है.

क्या है शिकायत:

रवि प्रकाश ने दावा किया था कि ब्रिटिश कंपनी पांच साल तक अस्तित्व में रही और उसने कुछ लाभ कमाया लेकिन हलफनामे में इसका खुलासा नहीं किया गया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि निर्वाचन अधिकारी से इस पहलू पर गौर करने का अनुरोध किया गया है. इस बीच कांग्रेस के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र मिश्रा ने शनिवार को कहा, ‘जो भी आपत्तियां दाखिल की गयी हैं, उनका निर्धारित तारीख पर कानूनी रूप से जवाब दिया जाएगा.’

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने कहा था कि उन्होंने शिकायत पर जिला निर्वाचन अधिकारी से जानकारी मांगी है. इस बीच नयी दिल्ली में भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने संवाददाताओं को बताया कि यह “चौंकाने” वाला है कि राहुल गांधी के वकील ने इन आपत्तियों पर जवाब देने के लिये वक्त मांगा है.

उन्होंने कहा, “यह गंभीर आरोप हैं. राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नही? क्या वह कभी ब्रिटिश नागरिक बने थे? उन्हें वास्तविक कहानी के साथ सामने आना चाहिए.” निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने कहा कि ऐसे मामलों में निर्वाचन अधिकारी अंतिम प्राधिकार है, लेकिन वह चुनावी हलफनामे में जो लिखा है उसकी प्रमाणिकता की जांच नहीं कर सकता. अगर किसी को भी हलफनामे में दी गई जानकारी पर कोई भी आपत्ति है तो उस व्यक्ति को अदालत से संपर्क करना चाहिए. 

आज सर्वोच्च न्यायालय में राहुल गांधी ने हलफनामा दे कर माफी मांगी।

राव ने दावा किया कि एक ब्रिटिश कंपनी ने अधिकारियों के समक्ष अपने प्रतिवेदन में गांधी को एक ब्रिटिश नागरिक बताया। राहुल गांधी ने 2004 में कहा था कि उन्होंने इस कंपनी में निवेश किया था. शिकायत का हवाला देते हुए, भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि 2004 से 2014 के दौरान विभिन्न चुनावों में गांधी द्वारा दिये गए हलफनामे में “विसंगतियां हैं और तथ्यों को दबाने का प्रयास किया गया.’ राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि कैंब्रिज विश्वविद्यालय से विकास अर्थशास्त्र में एम. फिल किया था लेकिन बाद में दावा किया कि यह विकास अध्ययन में था.

भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि जांच में यह पता चलता है कि उस वर्ष किसी राहुल विंसी को डिग्री मिली थी न कि राहुल गांधी को. राव ने कहा, “हम यह जानना चाहेंगे कि क्या राहुल गांधी विभिन्न देशों में कई नामों से जाने जाते हैं.” उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि क्या गांधी की योग्यता भी कांग्रेस के घोषणा-पत्र की तरह है जो हर पांच साल पर बदल जाती है

Serial blasts claims more than 130 in Sri Lanka

A series of explosions were reported at three churches and two five-star hotels in Sri Lanka’s Colombo on Sunday. At the time of the explosions, Christian faithful were praying at the churches on the occasion of Easter.

According to reports, there have been a total of six blasts. Reports say that at least 130 people have been killed. Over 300 have been injured and taken to hospitals.

Reports say that foreign tourists were among the dead.

The blasts took place at the St. Anthony’s Church in Kochchikade in Colombo, the St. Sebastian’s Church in Katuwapitiya in Katana and a third in Batticaloa.

Sri Lankan media reports that two of the explosions occurred at the same time at around 8:45 am.

The hotels which were hit by explosions are the Shangri-La Hotel and Cinnamon Grand Hotel. Police say that the Kingsbury Hotel in the capital, too, was hit.

Cinnamon Hotels@CinnamonHotels

It is with deep regret that we wish to inform that an explosion occurred in a restaurant located on the ground floor of the @CinnamonGrandC earlier today.5312:22 PM – Apr 21, 2019Twitter Ads info and privacy58 people are talking about this

Unconfirmed reports suggest that two more explosions have taken place at Town Hall Red Cross building and Viharamadevi park.

Photos circulating on Twitter show rubble from tiles of the roof of St Anthony’s church and a disoriented congregation. The explosion apparently happened inside the church during the Easter mass.

St Sebastian Church has appealed for help on its Facebook page.

Police have cordoned off all the sites where the explosions took place. It is not clear what triggered the explosions but Sri Lankan security officials said they were checking for details.

The military has been called in to guard the churches and the hotels.

Initial reports suggest that church-goers may have been specifically targeted on the occasion of Easter. The Sri Lankan police are yet to issue an official statement.

Sri Lankan President Maithripala Sirisena called for calm in a statement issued by his office. Reports say that Prime Minister Ranil Wickremesinghe is chairing an emergency meeting.

Finance Minister Mangala Samaraweera said on Twitter the attacks appeared to be a “well-co-ordinated attempt to create murder, mayhem and anarchy” and had killed “many innocent people”.

Mangala Samaraweera✔@MangalaLK

Easter Sunday bomb blasts in churches & hotels, killing many innocent people seems to be a well coordinated attempt to create murder,mayhem & anarchy.All those who cherish democracy,freedom & economic prosperity must unite now with nerves of steel to defeat this heinous attempt.38510:49 AM – Apr 21, 2019Twitter Ads info and privacy186 people are talking about this

PM Modi expresses grief

Prime Minister Narendra Modi condemned the blasts and said that India stands in solidarity with the people of Sri Lanka.

“Strongly condemn the horrific blasts in Sri Lanka. There is no place for such barbarism in our region. India stands in solidarity with the people of Sri Lanka. My thoughts are with the bereaved families and prayers with the injured,” the PM wrote on Twitter.

Strongly condemn the horrific blasts in Sri Lanka. There is no place for such barbarism in our region. India stands in solidarity with the people of Sri Lanka. My thoughts are with the bereaved families and prayers with the injured.33.7K12:48 PM – Apr 21, 2019Twitter Ads info and privacy10.5K people are talking about this

The Congress, too, expressed grief.

“We are deeply saddened by the terrible attacks on several churches in #SriLanka on the holy day of Easter. We stand with the people in their time of grief & pray for their recovery,” the party said in a tweet.

We are deeply saddened by the terrible attacks on several churches in #SriLanka on the holy day of Easter. We stand with the people in their time of grief & pray for their recovery.2,34211:39 AM – Apr 21, 2019Twitter Ads info and privacy742 people are talking about this

External Affairs Minister Sushma Swaraj said that she is in constant touch with Indian High Commissioner in Colombo. The High Commission also released phone numbers where Indian citizens can approach for any assistance

राहुल के अमेठी नामांकन का असर क्या वायनाड की सीट पर पड़ेगा ??

राहुल विंन्सी गांधी या सिर्फ राहुल गांधी, यदि इन शिकायतों को सच माना जाये और इन पर कार्यवाई हो जाये तो कांग्रेस का क्या भविष्य रह जाएगा??

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नामांकन पत्रों की जांच को अमेठी के रिटर्निंग ऑफिसर ने 22 अप्रैल तक के लिए स्थगित करने का आदेश दिया है। रिटर्निंग ऑफिसर डॉ. राम मनोहर मिश्र ने आदेश में कहा कि राहुल गांधी के अधिवक्ता राहुल कौशिक ने इन आरोपों के खंडन के लिए समय मांगा है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाए हैं।

बीजेपी प्रवक्‍ता जीवीएल नरसिम्‍हा ने शनिवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके राहुल गांधी से उनकी नागरिकता को लेकर जवाब मांगा है। उन्‍होंने कहा है कि राहुल गांधी बताएं कि वह ब्रिटिश नागरिक हैं या नहीं? उन्‍होंने आरोप लगाया कि एक कंपनी में राहुल की नागरिकता ब्रिटिश दर्ज है।

कांग्रेस और राहुल गांधी को जवाब देना पड़ेगा

बीजेपी प्रवक्‍ता जीवीएल नरसिम्‍हा ने कहा कि राहुल गांधी और उनके वकील राहुल कौशिक अमेठी में नामांकन पत्र पर रिटर्निंग अफसर के ऑब्जेक्शन का जवाब नहीं दे सके हैं। उनको 22 तारीख का टाइम दिया गया है। ये आश्चर्य की बात है कि उनके पास जवाब नहीं था। कांग्रेस और राहुल गांधी को जवाब देना पड़ेगा।

राहुल की भारतीय नागरिकता पर सवाल

उन्‍होंने कहा कि राहुल गांधी जी की नागरिकता को लेकर सबसे पहला सवाल है- क्या राहुल गांधी भारत के नागरिक हैं कि नहीं। क्योंकि उनके 2004 के डिक्लेरेशन में राहुल ने कहा था कि बैक ऑप्स कंपनी में उन्होंने निवेश किया था और 2005 में ब्रिटेन के सामने जो डॉक्यूमेंट दिए गए थे, उसमें राहुल गांधी को ब्रिटिश सिटीजन दिखाया गया था। नरसिम्‍हा का कहना है कि अगर वह ब्रिटेन के नागरिक हैं तो देश के नियम के मुताबिक राहुल की भारतीय नागरिकता खत्म हो जाती है।

राहुल गांधी के नामांकन के खिलाफ जताई गई आपत्ति

दरअसल, अमेठी में राहुल गांधी के नामांकन के खिलाफ आपत्ति जताई गई है। राहुल की नागरिकता और डिग्री को लेकर सवाल उठाया गया है। अमेठी से ही चुनाव लड़ रहे एक निर्दलीय उम्‍मीदवार के वकील रवि प्रकाश ने राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए उनके नामांकन पत्र की जांच की मांग की थी।

रवि प्रकाश का कहना है कि ब्रिटेन की एक रजिस्‍टर्ड कंपनी के दस्‍तावेजों में उन्‍होंने अपनी ब्रिटिश नागरिकता का उल्‍लेख किया है और गैर भारतीय देश में चुनाव नहीं लड़ सकता है। रवि प्रकाश का कहना है कि इसके साथ ही राहुल शैक्षणिक सर्टिफिकेट में भी कई सारी गलतियां हैं। उन्‍होंने मांग की कि राहुल गांधी के असली शैक्षणिक दस्‍तावेज सामने आने चाहिए।

बताया गया कि राहुल का असली नाम राउल विंची है। साथ ही उनके पास ब्रिटिश नागरिकता है। निर्दलीय प्रत्याशी ध्रुव लाल कौसल के वकील, अफजल वारिस, सुरेंद्र चंद्र व सुरेश कुमार शुक्ला ने उनके नामांकन को रद्द करने की मांग की है।

वकील का आरोप है कि राहुल ने दस्तावेजों में इंग्लैंड की अपनी कंपनी का जिक्र नहीं किया। उन्होंने राहुल को ब्रिटेन का नागरिक बताया वहीं राहुल की डिग्री पर सवाल भी उठाए। उन्होंने दावा किया है कि राहुल ने एफिडेविट में जिन कॉलेजों से पढ़ाई का जिक्र किया है असल में राहुल ने उन कॉलेजों से पढ़ाई की ही नहीं है।

10 अप्रैल को दाखिल किया था नामांकन

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 10 अप्रैल बुधवार को अमेठी सीट से नामांकन भरा था। नामांकन भरने से पहले उन्होंने रोड शो निकाला। इस दौरान उनके साथ उनका पूरा परिवार था। इस बार राहुल गांधी अमेठी के अलावा वायनाड सीट से भी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। अमेठी लोकसभा सीट पर पांचवे चरण में 6 मई को चुनाव होना है।

कांग्रेस का ‘न्याय’ अब न्यायालय में, 2 हफ्तों में मांगा जवाब

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना (न्याय) को लेकर पार्टी को शुक्रवार को नोटिस जारी किया. इस जनहित याचिका में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र से न्यूनतम आय की गारंटी के वादे को हटाने की मांग की गई है.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जिस याचिक को स्वीकार किया है वह याचिका बहुत साल पहले ही स्वत: संगयान से ले ली जानी चाहिए थी। लैपटाप, साइकल, राशन, कर्जा माफी इत्यादि। 72000 हों या मुफ्त राशन पानी, यह सब बंद होना चाहिए। न्यायालय का यह स्वागत योग्य कदम है, बस यह वकीलों की बहस ही में न उलझ कर रह जाये।

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना (न्याय) को लेकर पार्टी को शुक्रवार को नोटिस जारी किया. इस जनहित याचिका में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र से न्यूनतम आय की गारंटी के वादे को हटाने की मांग की गई है.

जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस राजेंद्र कुमार की पीठ ने अधिवक्ता मोहित कुमार और अमित पांडेय द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया. अदालत ने कांग्रेस पार्टी और चुनाव आयोग को दो सप्ताह के भीतर अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. 

अदालत ने पूछा- इस तरह की घोषणा वोटरों को रिश्वत देने की कैटगरी में क्यों नहीं? क्यों न पार्टी के खिलाफ पाबंदी या दूसरी कोई कार्रवाई की जाए, अदालत ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी जवाब मांगा, कांग्रेस पार्टी और चुनाव आयोग को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया, अदालत ने माना कि इस तरह की घोषणा रिश्वतखोरी व वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश है. 

याचिकाकर्ता की दलील थी कि चुनावी घोषणा पत्र में 72,000 रुपये न्यूनतम आय की गारंटी का वादा रिश्वत के समान है और यह जन प्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन है. एक राजनीतिक दल इस तरह का वादा नहीं कर सकता क्योंकि यह कानून और आचार संहिता का उल्लंघन है. इस याचिका में अदालत से चुनाव आयोग को निर्देश जारी कर कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र से न्यूनतम आय की गारंटी का वादा हटवाने का अनुरोध किया गया है. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 13 मई तय की. 

Kanimozhi house raided IT officials said it was ‘false tip’

CHENNAI: 

Amid allegations of a huge cash-for-votes racket in Tamil Nadu, officials of the Income Tax department visited the house of DMK leader Kanimozhi this evening to “verify allegations of cash being stashed there,” sources said.  Kanimozhi, DMK lawmaker and the sister of party chief MK Stalin, is the candidate for the Tuticorin seat. It was alleged that “lots of cash” was stashed on the first floor of her house in Thoothukudi, sources said. IT sources, however, said later that it was a “false tip” and they drew a blank. No case has been registered.

“Crores and crores of rupees are kept in the house of Tamilisai Soundararajan’s (state BJP chief) residence, why no raids there? Modi is using IT, CBI, judiciary and now Election Commission to interfere in the elections. They are doing this as they fear losing,” DMK chief Stalin said.

Elections for the state’s 39 Lok Sabha seats and 18 assembly seats will be held on Thursday, during the second phase.

In the run-up to the polls, a string of raids have been held in the state, in which around Rs. 500 crore — in illegal cash and gold — has been seized.

Today, in a first, election for the Vellore Lok Sabha seat was cancelled following recovery of huge cash from alleged associates of DMK candidate Kathir Anand, the son of DMK treasurer Durai Murugan.

On March 30, tax officials raided Durai Murugan’s residence and allegedly seized Rs. 10.50 lakh. Two days later, they claimed to have seized Rs. 11.53 crore from a cement godown belonging to an associate of the DMK leader.

Last week, tax department officials conducted searches at 18 locations in the state. The list of sites included state capital Chennai, Namakkal and Tirunelveli. Most of the searches were on properties owned by opposition leaders.

Tax raids on opposition leaders have become one of the key issues in the ongoing elections, with most leaders accusing the BJP of targeting political rivals through government agencies.

DMK spokesperson A Saravanan called it “a murder of democracy and a sick joke”. He added, “This is not an embarrassment for us, but this will backfire and the sympathy this would generate will make the DMK win all seats”.

Though 204 crore unaccounted cash has been recovered in Tamil Nadu ahead of polls, the Income Tax officials have not named any political party or candidates with regard to the remaining 190 crore cash.

A senior officer told newsmen “We are investigating their political affiliation”.

कभी भी राजनीति में प्रवेश कर सकते हैं रोबर्ट वाड्रा, उन्हे कौन रोकेगा? राज बब्बर

राबर्ट वाड्रा भारतीय राजनीति में कोई नया नाम नहीं है। आप कांग्रेस के प्रथम परिवार के दामाद हैं। पेशे से व्यापारी और कांग्रेस में इतना दम रखते हैं की यह जब चाहें सक्रिय राजनीति में कूद सकते हैं। राज बब्बर ने तो यहाँ तक कह दिया की उन्हे कौन रोक सकता है राजनीति में आने से? यह दीगर बात है की उन पर ईडी की जांच में सहयोग न देने की शिकायत कई बार हो चुकी है और वह 5 लाख के मुचलके पर बाहर हैं।

नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने राजनीति में आने को लेकर बड़ा बयान दिया है. रॉबर्ट वाड्रा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि फिलहाल अभी मेरी राजनीति में आने की कोई इच्छा नहीं है. अब तक इस बारे में कोई योजना नहीं बनाई है. उन्होंने कहा कि मैं लोगों के बीच जाकर कड़ी मेहनत कर रहा हूं. जब लोगों को लगेगा कि मुझे राजनीति में प्रवेश करना चाहिए तो, मैं पूरी ताकत के साथ राजनीति के मैदान में उतरूंगा. 

वहीं, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने रविवार को रॉबर्ट वाड्रा के पार्टी में शामिल होने को लेकर कहा था कि अगर वह चाहेंगे तो पार्टी उनके बारे में जरूर सोचेगी. वह परिवार का हिस्सा हैं. उन्हें पार्टी में सम्मलित करने के लिए कौन मना करेगा. गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही प्रियंका गांधी वाड्रा ने सक्रिय राजनीति में आने के बाद कांग्रेस महासचिव के साथ पूर्वी यूपी प्रभारी का पद संभाला था. इसके बाद से ही रॉबर्ट वाड्रा के राजनीति में आने की चर्चाएं लगातार बनी हुई हैं.

बीते सप्ताह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नामांकन से पहले हुए रोड शो में रॉबर्ट वाड्रा अपने दोनों बच्चों और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ नजर आए थे. कुछ समय पहले रॉबर्ट वाड्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि जैसे ही मेरे ऊपर लगे सभी आरोप निराधार साबित हो जाएंगे उसके बाद में बड़े स्तर पर काम करना चाहूंगा

शकील अहमद के इस्तीफे और निर्दलीय चुनाव लड़ने से महागठबंधन को झटका या कोई नयी रणनीति???

जहां एक ओर शकील अहमद के इस्तीफे को एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है वहीं राजनीतिज्ञ इस कांग्रेस की सोची समझी चाल करार दे रहे हैं। शकील निर्दलीय कुनव लड़ेंगे जहां प्रोक्ष रूप से उन्हे कांग्रेस का साथ होगा। इस प्रकार कांग्रेस गठबंधन के सामने पाक साफ बनी रहेगी और वहीं जीतने के बाद शकील पुन: कांग्रेस का दामन थाम लेंगे। गठबंधन में कॉंग्रेस एक सीट की बढ़ौतरी कर लेगी।

कांग्रेस नेता शकील अहमद ने पार्टी प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है. और राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है.

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. बिहार में मधुबनी सीट महागठबंधन के सहयोगी दल के पास जाने के बाद से शकील अहमद आलाकमान को इस पर पूर्ण विचार करने को कह रहे थे. वहीं, आरजेडी नेता असरफ फातमी ने भी पार्टी को इसके लिए अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी. अब शकील अहमद ने मधुबनी सीट से नामांकन कराने का फैसला कर लिया है और पार्टी से इस्तीफा देने के लिए राहुल गांधी को चिट्ठी भेज दी है.

शकील अहमद ने कांग्रेस के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भी भेज दिया है. हालांकि कहा जा रहा है कि उन्होंने पूर्ण विचार के लिए 18 तारीख तक अल्टीमेटम दे दिया है. लेकिन वह मधुबनी सीट से मंगलवार को नामांकन करने का फैसला किया है.

शकील अहमद ने कहा है कि वह मधुबनी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने को तैयार है. इसलिए वह मंगलवार को नामांकन भी कराएंगे. बता दें कि महागठबंधन में मधुबनी सीट वीआईपी पार्टी के खाते में गई है. और पार्टी ने बद्री कुमार पूर्वे को यहां से उम्मीदवार घोषित किया है.

Congress’s Shakeel Ahmad tweets, “As I have decided to file my nomination papers tomorrow from Madhubani Parliamentary Constituency in Bihar, I’m resigning from the post of Senior Spokesperson of AICC. I’m sending my resignation to Congress President Shri Rahul Gandhi.”(file pic) pic.twitter.com/axaHxTV0S41906:10 PM – Apr 15, 2019Twitter Ads info and privacy66 people are talking about this

इससे पहले आरजेडी नेता अली असरफ फातमी ने भी पार्टी छोड़ने के संकेद दिए थे. उन्होंने पार्टी को 18 तारीख तक का अल्टीमेटम दिया है. जिसके बाद उन्होंने ने भी मधुबनी सीट से नामांकन कराने का दावा किया है. हालांकि उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस शकील अहमद को सिंबल दे देती है तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे.

फातमी ने कहा था कि उनकी बात लालू यादव और तेजस्वी यादव से मधुबनी सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर हो गई थी. लेकिन अंतिम समय में किस तरह की साजिश की गई जो सीट वीआईपी को दे दिया गया. वहीं, फातमी ने शकील अहमद के नाम को लेकर महागठबंधन को मौका दिया है और कहा है कि इस पर भी विचार किया जा सकता है.

बहरहाल, महागठबंधन में अब फिर से अंदर खाने में जंग छीड़ गई है. मधुबनी सीट को वीआईपी पार्टी को देने के बाद आरजेडी और कांग्रेस दोनों नेताओं ने बगावती तेवर दिखा दिए हैं. ऐसे में देखना यह कि महागठबंधन में मधुबनी सीट के लिए क्या फैसला होता है. अगर इस पर विचार नहीं किया गया तो मधबनी सीट उनके हाथ से निकलते हुई दिख रही है.

Rahul in trouble deep as SC serves notice to Rahul over his favourite ‘Rafael’

SC notice to Rahul Gandhi over Rafale comments damages his credibility, questions his ‘maturity’ for top job

“remarks made by Rahul to media/public have been incorrectly attributed to this court…” and “…having clarified the matter we deem it proper to ask the respondent [Gandhi] for his explanation”.

While Modi is consistently shown as a trusted figure among the electorate in various surveys, Rahul has failed to live up to his role as a challenger.

The Supreme Court has asked Rahul Gandhi to give an explanation over his remarks on the Rafale case. Though not formal but a notice has been sent to the Congress president seeking his explanation on or before 22 April with the matter set for hearing a day after.

The apex court has been irked by the cavalier way in which Rahul seemingly distorted its views and sought to put a political spin to the court’s decision to admit three sets of fresh documents in the Rafale review petition. In as much as the top court’s ruling goes against the Narendra Modi government’s objections to the admissibility of those documents relied upon by the review petitioners, it is a setback to the Centre.

The government had objected to the citation of these documents by initially calling it “stolen”, threatened to invoke Official Secrets Act against The Hindu (and other publication that had brought the contents into public domain) and subsequently, Attorney General KK Venugopal argued before the court that the papers were leaked, unauthorisedly photocopied, and that they “are sensitive to National Security which relates to war capacity of combat aircraft”.

By admitting these documents and rejecting the government’s objection, the Supreme Court gave fresh impetus to the Rafale case bang in the middle of the Lok Sabha election. However, the apex court’s decision was technical and by no means a judgment on the larger Rafale case

Unfortunately, Rahul showed yet again his very limited gasp of politics. His enthusiasm to bring the development on to sharp focus during campaign season is understandable, but by seeking to make a political capital out of it, the Congress president has now invited court rebuke that will be used by the BJP to further raise questions against the credibility of the Rafale ‘scam’.

Rahul’s interpretation of the Supreme Court’s decision — that the apex court has validated his accusation against the prime minister having stolen money from the air force and given it to his ‘friend’ Anil Ambani — was slammed by the BJP. Union defence minister Nirmala Sitharaman had accused Rahul of “perpetrating lies”, a complaint was lodged with the Election Commission and BJP MP Meenakshi Lekhi took the Congress chief to court, filing a contempt petition and requesting the apex court to take criminal action against him.

Lekhi’s petition read “the words used and attributed by him (Gandhi) to the Supreme Court in the Rafale case has been made to appear something else. He is replacing his personal statement as Supreme Court’s order and trying to create prejudice”.

The Supreme Court bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi and comprising Justices Deepak Gupta and Sanjiv Khanna orally observerd that the “remarks made by Rahul to media/public have been incorrectly attributed to this court…” and “…having clarified the matter we deem it proper to ask the respondent [Gandhi] for his explanation”.

The bench, in its order said that the court “had no occasion to record any such views or make observations in as much as what was decided by this court was the legal admissibility of certain document to which objections were raised”.

The order also said that “no views, observations or findings should be attributed to the Court in political address to the media and in public speeches, unless such views, observations or findings are recorded by the court”.

The court observations may not mean much in terms of criminal proceedings against the Congress president, but it doesn’t need to. The damage to Rahul’s reputation has been done. The Congress president’s repeated flippant and cavalier behaviour calls into question his maturity as a politician at a time when Congress is projecting him as Modi’s only competitor.

In a presidential mode of election — in which mould the 2019 Lok Sabha polls have been cast into — the credibility of the candidates carries great significance. While Modi is consistently shown as a trusted figure among the electorate in various surveys, Rahul has failed to live up to his role as a challenger.

What the court rebuke does is further degrade that trust factor and makes it difficult for the electorate to take Rahul’s even legit charges seriously. The Congress president must ask himself whether he needs to take a pause and mull over the way he is conducting his politics.

Wins and losses are inevitable in elections, but the person who aspires for the top job must show himself to be responsible in his words and actions for it. This is not the first time Rahul has failed in that role. No high-octane PR campaign may undo the damage.

राबर्ट वाड्रा के सोनिया राहुल के प्रचार पर स्मृति ईरानी ने कसा तंज़

रॉबर्ट वाड्रा के चुनाव प्रचार करने की बात पर बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मजाकिया लहजे में कांग्रेस पर तंज कसा.
अमेठी-रायबरेली में रॉबर्ट वाड्रा करेंगे कांग्रेस का प्रचार, स्मृति ईरानी बोलीं- लोग बचाएं अपनी जमीनें
सनद रहे राबर्ट वाड्रा प्रियंका वाड्रा के पति, सोनिया गांधी के दामाद और राहुल गांधी के जीजा हैं। सोनिया और राहुल 50 -50 हज़ार के मुचलके की जमानत पर बाहर हैं सोनिया रायबरेली से चुनाव लड़ रहीं हैं वहीं राहुल गांधी अमेठी और वायनाड (केरल) से चुनाव लड़ रहे हैं। रोबर्ट वाड्रा 5 लाख के निजी मुचलके पर और पाँच लाख ही की जमानत पर बाहर हैं। अब एक 10 लाख का जमानती 2 अन्य जमानतियों के लिए चुनाव प्रसार करेगा तो बातें तो बनेंगी ही।

Robert Vadra, center, son-in-law of Congress party leader Sonia Gandhi arrives to appear before the Enforcement Directorate in New Delhi, India(a file photo)

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के लिए राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार शुरू हो चुका है. इन सबके बीच कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने रविवार को कहा कि वह लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस के लिए पूरे देश में प्रचार करेंगे. उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के नामांकन दाखिल करने के समय भी मौजूद रहेंगे. मालूम हो कि राहुल गांधी 10 अप्रैल और सोनिया गांधी 11 अप्रैल को नामांकन दाखिल करेंगे. 

रॉबर्ट वाड्रा के चुनाव प्रचार करने की बात पर बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मजाकिया लहजे में कांग्रेस पर तंज कसा. स्मृति ईरानी ने कहा कि मैं केवल इतना ही कहना चाहूंगी, जहां-जहां रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस का प्रचार करने जाना चाहते हैं, वहां की जनता आगाह हो जाए और अपनी जमीनें बचा ले. केंद्रीय मंत्री ने रॉबर्ट वाड्रा को जमीनों से प्यार करने वाला व्यक्ति भी बताया. गौरतलब है कि रॉबर्ट वाड्रा पर कथित रूप से लंदन में 19 लाख पाउंड के बंगले की खरीद में काले धन को सफेद में बदलने के आरोप हैं. 

वाड्रा फिलहाल इस मामले में जमानत पर हैं. हालांकि, दिल्ली की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में जांच का सामना कर रहे रॉबर्ट वाड्रा को बिना पूर्व अनुमति के देश छोड़कर नहीं जाने का निर्देश भी दिया है. अदालत ने उन्हें कई अन्य शर्तों के साथ अग्रिम जमानत दी है. कोर्ट ने उन्हें साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित नहीं करने तथा जांच अधिकारी द्वारा बुलाने पर जांच में शामिल होने का निर्देश भी दिया. कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई वाड्रा से पांच लाख रुपये का निजी मुचलका भरने और इतनी ही राशि का जमानतदार लाने को भी कहा था.