आज का पांचांग

पंचांग 02 जनवरी 2019

विक्रमी संवत्ः 2075, 

शक संवत्ः 1940, 

मासः पौष़, 

पक्षःकृष्ण पक्ष, 

तिथिः द्वादशी रात्रि 02.11 तक है, 

वारः बुधवार,  

नक्षत्रः विशाखा प्रातः 09.39 तक, 

योगः शूल रात्रि 02.03 तक, 

करणः कौलव, 

सूर्य राशिः धनु, 

चंद्र राशिः वृश्चिक, 

राहु कालःदोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,

 सूर्योदयः 07.18, 

सूर्यास्तः05.32 बजे।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

जय भारत या जय हिन्द से होगी स्कूलों में हाजिरी, गुजरात शिक्षा मंत्री भूपेद्र सिंह चुदास्मा

मध्य प्रदेश में सूर्य नमस्कार और वंदे मातरम के बैन के बाद कांग्रेस को गुजरात में जा भारत या जय हिन्द से भी एतराज़

नई दिल्ली। गुजरात सरकार ने स्कूलों के भीतर दशकों से चली आ रही परंपरा को बदलने का फैसला लिया है। सरकार ने अब स्कूल में यस सर और प्रेजेंट सर की बजाए जय हिंद और जय भारत कहने का नोटिफिकेशन जारी किया है। सरकार के इस नोटिफिकेशन के बाद अब तमाम स्कूलों में बच्चों को क्लास में यस सर और प्रेजेंट सर नहीं कहना होगा। सरकार का यह नोटिफिकेशन आज यानि एक जनवरी से प्रदेशभर के हर स्कूल में लागू होगा।

रकार के नोटिफिकेशन के बाद स्कूल में होने वाली उपस्थिति के दौरान छात्रों को जय हिंद या जय भारत कहना होगा। इस नोटिफिकेशन को गुजरात सरकार की ओर से 31 दिसंबर को जारी किया गया था, जोकि कक्षा एक से कक्षा 8 और कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक सभी कक्षाओं में अनिवार्य होगा। सरकार का यह निर्देश ना सिर्फ सरकारी स्कूलों बल्कि प्राइवेट स्कूलों में भी लागू होगा। इस बाबत तमाम अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि वह इस नियम को स्कूलों में लागू करवाएं। डायरेक्टोरेट ऑफ प्राइमरी एजूकेशन, गुजरात सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजूकेशन बोर्ड की ओर से यह निर्देश जारी किया गया है। जिसमे कहा गया है कि इस नियम को 1 जनवरी 2019 से सभी स्कूलों में लागू किया जाए। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह फैसला गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेद्र सिंह चुदास्मा ने सोमवार को हुई समीक्षा बैठक के बाद लिया है।

एससी-एसटी आंदोलन के दौरान दर्ज हुए सभी केस वापस लिए जाएंगे: मध्य प्रदेश सरकार

इसीलिए मायावती को कहीं भी मजबूत सरकार नहीं चाहिए 

माया की माया से अनभिज्ञ नहीं थी कांग्रेस अपितु कांग्रेस का हाथ अराजकता के साथ

बीएसपी प्रमुख मायावती की चेतावनी के एक दिन बाद ही मध्य प्रदेश की सरकार ने ऐलान कर दिया है कि एससी-एसटी आंदोलन के दौरान दर्ज हुए सभी केस वापस लिए जाएंगे. बीते साल 2 अप्रैल को पूरे देश में एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ आंदोलन हुआ था. राज्य के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि 2 अप्रैल 2018 (भारत बंद) और बीते 15 साल में दर्ज हुए इस तरह के सभी केस को वापस लिया जाएगा.

इससे पहले भी पीसी शर्मा ने कहा था कि बीजेपी सरकार के दौरान प्रदेश में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर दर्ज किए गए मामले वापस लिए जाएंगे. उन्होंने कहा था कि सीएम को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा क्योंकि सभी मामले राजनीतिक थे.

इसके अलावा, मध्य प्रदेश सचिवालय में मंगलवार को वंदे मातरम नहीं गाने के मामले में उन्होंने कहा कि वंदे मातरम कांग्रेस और देश सभी का है. शर्मा ने कहा कि इसे नहीं गाने का कोई सवाल ही नहीं है, हम इसका कारण ढूंढेंगे और इसे ठीक करेंगे.

सोमवार को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा था कि अगर राजस्थान और मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ 2 अप्रैल को हुए भारत बंद के दौरान दर्ज मामले को वापस नहीं लेती है, तो पार्टी समर्थन वापस ले लेगी. मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले को मायावती के बयान का असर माना जा रहा है.

कांग्रेस नीत राज्यों में वंदे मातरम का गान नहीं होगा और सूर्य नमस्कार भी किया बंद

राजनैतिक विद्वेष इतना गहरा है कि पहली तारीख को गया जाने वाला राष्ट्र गान बैन और तो और प्रात: विद्यालयों के व्यायाम सत्र में से सूरी नमस्कार को निषेध किया गया। यह कमाल नाथ के उसी कथन कि पुष्टि करता है जहां वह कहते दिक पड़ते हैं कि आप हमें वोट दो इन्हे तो हम निपट लेंगे

मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के वंदेमातरम गाने पर रोक लगा दी है. सरकार ने फैसला लिया है कि हर महीने की पहली तारीख को राज्‍य सचिवालय में वंदे मातरम नहीं गाया जाएगा. कर्मचारियों के वंदे मातरम गाने पर रोक लगाते हुए कहा गया है कि वे जनता के कल्याण के कामों पर ध्यान दें. हालांकि कांग्रेस सरकार के इस फैसले से बीजेपी को निशाना साधने का मौका मिल गया है.

बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार के राज में सरकारी कर्मचारियों के वंदे मातरम गाने पर रोक लगा दी गई है. यही वज‍ह रही कि हर महीने के पहले कामकाजी दिन में भोपाल स्थित मंत्रालय में होने वाला वंदे मातरम आज एक जनवरी को नहीं गाया गया. जबकि पिछली सरकार में ऐसा होता था.

भीजेपी सरकार में मंत्री रहे उमा शंकर गुप्ता ने कहा, ‘जिस वंदे मातरम को लेकर आजादी की लड़ाई लड़ी गई उससे कांग्रेस को परहेज है तो मानसिकता समझ लीजिए. कामतानाथ जी के दर्शन करने से लेकर जनेऊ पहन लेने की जनता को दिखाने की प्रवृत्ति साफ होती जा रही है. सूर्य नमस्कार को दुनिया अपना रही है. यह योग है. उस पर पाबंदी लगा रहे हैं. नकारात्मक भावना से राजनैतिक विद्वेष से की शुरुआत र कांग्रेस अपने पैर में कुल्हाड़ी मार रही है’.

“It is going to be ‘janta (public) versus gathbandhan (coalition)’. Modi

The 2019 Lok Sabha elections will be a “public versus coalition” contest, Prime Minister Narendra Modi said on Tuesday while ridiculing the alliance proposed to be formed by anti-BJP parties.

In an exclusive interview to ANI, he dismissed claims by some political pundits that the BJP might not get more than 180 out of 543 seats in the Lok Sabha elections, saying there were a similar “set of persons” who echoed a similar narrative even in 2014. The prime minister was responding to a question whether people had now considered the “gathbandhan” to be an alternative to Modi.

He expressed confidence that the people will again repose faith in the BJP, considering the work done by his government over the last four and a half years.

“I believe, this election is going to be a contest between those who fulfill and take forward the aspirations of the people and those who stop these aspirations. There is experience of 70 years. The public is the decider,” the prime minister said when asked if the 2019 elections were heading towards a US presidential style of elections between Modi versus Rahul.

Asked whether the upcoming Lok Sabha polls would be “anybody but Modi” contest as projected by the Opposition parties, he said, “It is going to be ‘janta (public) versus gathbandhan (coalition)’. Modi is just a manifestation of public love and blessings,” he added.

Ridiculing the coalition sought to be formed by some anti-BJP parties, he said, “The public knows that earlier it was de-centralised corruption, those who sat in the states, looted the states, those who were in the Centre, looted at the Centre… The people will decide whether or not they should ally with these forces of corruption who are coming together.”

The prime minister’s attention was drawn to the “180 club” claim by some sections, inferring that the BJP might not get more than 180 seats in the Lok Sabha polls.

In his response, he said, “Is there any scientific study? In 2013 too, the same set of persons used to talk the same thing about BJP getting less than 180 seats. That narrative continues.”

The prime minister also spoke on India’s ties with Pakistan. Two days after the Indian Army foiled a fresh attempt by Pakistan’s Border Action Team (BAT) to push infiltrators through the LoC (Line of Control) in Kashmir, Modi said India will make all efforts to keep pressure on Pakistan, but it will be a huge mistake to believe that the country will mend its ways anytime soon.

Modi said that whether it is surgical strikes or action at other levels, the Indian government is working out various strategies to keep up the pressure on Pakistan to check terrorism. He said that while India favours a dialogue and good friendly relations with Pakistan, it is also wary of the fact that the neighbouring country is not going to mend it ways of promoting cross border terrorism any time soon.

When asked why cross border attacks have not stopped after the surgical strikes, Modi replied, “Whatever strategy is to be adopted, how to do, is ongoing at appropriate levels, has been happening. 1965 war, war during partition…Ek ladai se Pakistan sudhar jayega, yeh sochne mein bahut badi galti hogi. Pakistan ko sudharne mein abhi aur samay lagega. (It will be a huge mistake to believe that Pakistan will mend its ways after a war. It will take a lot of time for Pakistan to mend its ways.)”

“India, whether under UPA or NDA government, has never opposed dialogue. It is our consistent policy that we are in favour of dialogue. It is the consistent policy of the country, not Modi government or Manmohan Singh government. It is our consistent policy that we are ready to talk on all issues, not this issue or that issue. Because India’s argument is strong. We only say one thing that amid the noise of bombs and guns, the dialogue cannot be heard. Cross-border terrorism must end. And we are persistently maintaining pressure on this,” the prime minister said.

He added that India has created an environment that terror-supporting Pakistan stands isolated in the world. On a question whether he will go to Pakistan if invited by his Pakistani counterpart Imran Khan for SAARC, the prime minister said: “We will cross the bridge when we reach there.”

On his government’s foreign policy with regard to China, the prime minister said India should be judged on the basis of what it did in Doka La. He asserted that nothing has happened with India since then that can be considered as deceit.

On the issue of triple talaq, Modi said that while triple talaq is a matter of gender equality, entry of women in Sabarimala is related to tradition. He tried to clear the air on BJP’s apparent contradiction in its stand on the controversial triple talaq ordinance and the ban on entry of women between the age group of (10-50 years) in the Sabarimala temple by saying the ordinance against triple talaq was brought keeping in mind gender equality and social justice and it should not be seen as interference in religious issues.

Triple talaq ordinance was brought after Supreme Court verdict. We have said in our BJP manifesto that a solution would be found to this issue under the Constitution,” Modi said.

“Most Islamic countries have banned triple talaq. So it is not a matter of religion or faith. Even in Pakistan, triple talaq is banned. So it is an issue of gender equality, matter of social justice. It is not an issue of faith. So keep the two separate,” he said.

Reacting to a question on the BJP’s stand on the Sabarimala issue, the prime minister said: “India is of one opinion that everyone should get justice. There are some temples, which have their own traditions, where men can’t go. And men don’t go… In this, Sabarimala, a woman judge in the Supreme Court has made certain observations. It needs to be read minutely. There is no need to attribute those to any political party. As a woman, she has made some suggestions. There should be a debate on that as well sometimes.”

On the Ram Temple issue, Modi made it clear that any decision on bringing an ordinance on Ram Temple can be considered only after the judicial process ends. Modi also suggested that the judicial process is being slowed down because Congress lawyers were creating “obstacles” in the Supreme Court.

“We have said in our BJP manifesto that a solution would be found to this issue under the ambit of the Constitution,” the prime minister said about the Ram Temple matter when asked whether the Ram Mandir issue had been relegated as merely an emotive issue for the BJP.

The BJP, as articulated in its manifesto, wants building of a majestic Ram Temple in Ayodhya. Recently, there has been a renewed pitch within the party as well as by its sister organisations in the Sangh Parivar for expediting the process of construction of the temple.

The Sangh Parivar organisations have expressed unhappiness over the delay in resolving the matter and there are demands for promulgating an ordinance, similar to the one issued on triple talaq, to facilitate construction of a temple.

The ordinance demand has been articulated even by BJP’s ally the Shiv Sena. Asked whether the government could consider issuing an ordinance on Ram temple, the prime minister pointed out that the matter is before the Supreme Court and possibly in the final stages.

“Let the judicial process be over. After the judicial process is over, whatever will be our responsibility as the government, we are ready to make all efforts,” he added. The matter is slated to be heard by the Supreme Court on 4 January.

The prime minister also said that mob lynchings in the name of cow protection were “totally condemnable”, saying such incidents do not reflect well on a civilised society.

With inputs from ANI

आज का पांचांग

पंचांग 01 जनवरी 2019

विक्रमी संवत्ः 2075, 

शक संवत्ः 1940, 

मासः पौष़, 

पक्षःकृष्ण पक्ष, 

तिथिः एकादशी रात्रि 01.29 तक है, 

वारः मंगलवार,  

नक्षत्रः स्वाती प्रातः 08.44 तक, 

योगः धृति रात्रि 02.41 तक, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः धनु, 

चंद्र राशिः तुला, 

राहु कालःअपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.18, 

सूर्यास्तः05.31 बजे।

नोटः आज सफला एकादशी व्रत है।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

2019 मीन राशि का वार्षिक भविष्यफल

Pisces

इस राशि के जातको को लिए नववर्ष 2019 अच्छे मुकाम देने वाला होगा। किन्तु संबंधित कार्य व व्यापार के क्षेत्रों में इच्छित लाभ हेतु कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। लग्नस्थ केतु और राहु की दृष्टि यद्यपि आपको अचानक ही सफलता दायक होगी। किन्तु कठिन परिश्रम से इंनकार नहीं किया जा सकता है। फरवरी माह पारिवारिक जीवन की सुख शांति में इजाफा देने वाला होगा। आजीविका के प्रयासों को महती सफलता प्राप्त होगी। मन प्रसन्न व खिला हुआ होगा। किन्तु वर्ष के मध्य तक गुरू व राहु का योग अश्रद्धा व अनावश्क तर्क दे सकता है, जिससे आप प्रतियोगी और कार्य क्षेत्रों से अपने लक्ष्य से विमुख हो सकते हैं। किन्तु वर्ष के अंत में पुनः गुरू की स्वगृही दृष्टि से अनेक प्रकार से शुभफलों में वृद्धि के योग विद्यमान हैं। परिणामतः आप धर्म व शुभ कार्यों को आयोजित करने में आपकी रूचि रहेगी। विवेकी व प्रतिष्ठत लोगों से मैत्री लाभ होगा। अर्थात् ग्रहस्थिति के अनुसार शुभाशुभ फल दोनों ही आपको प्राप्त होगे।
अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषी पंडित उमेश चंद्र पन्त से संपर्क करे | हम आपको निश्चित समाधान का आश्वासन देते है |

उपायः-भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा श्रद्धा विश्वास के साथ व गुरू विप्रों की सेवा से अनिष्ट फलों को हटाकर शुभ फल प्राप्त किए जा सकते हैं।

2019 में मीन राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी

सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से आय भाव में, 13 फरवरी को व्यय भाव में, 14 मार्च को प्रथम भाव में, 14 अप्रैल को द्वितीय भाव में, 15 मई तृतीय भाव, 15 जून को चतुर्थ भाव में, 16 जुलाई को पंचम भाव में, 17 अगस्त को षष्ठ भाव में, 17 सितम्बर को दारा भाव में, 17 अक्टूबर को अष्टम भाव में, 16 नवम्बर को धर्म भाव में, 16 दिसम्बर को कर्म भाव में संचरण करेगा।

चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।

मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को द्वितीय भाव में, 22 मार्च को तृतीय भाव में, 07 मई को चतुर्थ भाव में, 22 जून को पंचम भाव में, 08 अगस्त को षष्ठ भाव में, 25 सितम्बर को दारा भाव में, 10 नवम्बर को अष्टम भाव में, 25 दिसम्बर को धर्म भाव में संचरण करेंगे।

बुधः 01 जनवरी को कर्म भाव में, 20 जनवरी को आय भाव में, 07 फरवरी को व्यय भाव में, 25 फरवरी को प्रथम भाव, 03 मई को द्वितीय भाव में, 18 मई को तृतीय भाव में, 01 जून को चतुर्थ भाव में, 20 जून को पंचम भाव में, 26 अगस्त को षष्ठ भाव में, 10 सितम्बर को सप्तम भाव में 29 सितम्बर को अष्टम भाव में, 23 अक्टूबर को धर्म भाव 25 दिसम्बर को कर्म भाव में संचरण करेंगे।

गुरूः इस वर्ष गुरू धर्म भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को कर्म भाव 22 अप्रैल को धर्म भाव में 04 नवम्बर को कर्म भाव में संचरण करेंगे।

शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को धर्म भाव में, 29 जनवरी कर्म भाव में, 24 फरवरी को आय भाव में 21 मार्च को व्यय भाव में, 15 अप्रैल को प्रथम भाव में, 10 मई को द्वितीय भाव में, 04 जून को तृतीय भाव में, 28 जून को चतुर्थ भाव में, 23 जुलाई को पंचम भाव में, 16 अगस्त को षष्ठ भाव में, 09 सितम्बर को दारा भाव में, 03 अक्टूबर को अष्टम भाव में, 28 अक्टूबर को धर्म भाव में 21 नवम्बर को कर्म भाव में 15 दिसम्बर को आय भाव में संचरण करेंगे।

शनिः शनि वर्ष पर्यन्त कर्म भाव में गोचर करेंगे।

राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक पंचम भाव इसके पश्चात् चतुर्थ भाव में संचरण करेगा।

केतुः केतु इस वर्ष 06 मार्च तक आय भाव में इसके पश्चात् कर्म भाव में संचरण करेगा।

2019 मकर राशि का वार्षिक भविष्यवाणी


Capricorn

इस राशि के जातकों को नववर्ष 2019 शुरूआती दिनों से ही तरक्की देने वाला होगा। स्वगृही दृष्टि होने से इस राशि के जातकों को भू-जायदाद में लाभ रहेगा। कार्य व व्यापार को विस्तारित करने के सुअवसर रहेंगे। किसी खास योजनाओं को क्रियान्वित करने का मौका प्राप्त होगा। नौकरी पेशा में सम्मान प्राप्त होगा। कैरियर को चमकाने के विशेष अवसर प्राप्त होगे। किन्तु वर्ष के मध्य भाग मे सूर्य व शनि का योग होने से स्वजनों के मध्य तनाव की आशंका रहेगी। मन में अशान्त व क्रोध की आवृत्ति रहेगी। सेहत की पीड़ाएं हो सकती हैं। कई मामलों में धनाभाव झलक सकता है। इस वर्ष के अंत में इस राशि के जातको को योजनाओं को अंतिम रूप देने हेतु अधिक संघर्ष करना पड़ सकता है। गुरू की नीच पंचम दृष्टि होने से प्रतियोगी क्षेत्रों में सफलता हेतु अधिक कशमकश करनी पड़ सकती है। कैरियर के क्षेत्रों में अचानक उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। प्रेम संबंधों में नारागी रहेगी। किन्तु संतान पक्ष से शुभ समाचार प्राप्त होगा।

उपायः-इस राशि के जातकों को भगवान शिव, सूर्य, व श्रीराधेकृष्ण की अर्चना से लाभ होगा। विप्र व गुरू के प्रति श्रद्धा व दान देने वे अशुभ फलों से…

2019 मे मकर राशि के लिए ग्रहों का गोचर

2019 में मकर राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी

सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से प्रथम भाव में, 13 फरवरी को द्वितीय भाव में, 14 मार्च को तृतीय भाव में, 14 अप्रैल को चतुर्थ भाव में, 15 मई पंचम भाव, 15 जून को षष्ठ भाव में, 16 जुलाई को सप्तम भाव में, 17 अगस्त को अष्टम भाव में, 17 सितम्बर को धर्म भाव में, 17 अक्टूबर को कर्म भाव में, 16 नवम्बर को आय भाव में, 16 दिसम्बर को व्यय भाव में संचरण करेगा।

चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।

मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को चतुर्थ भाव में, 22 मार्च को पंचम भाव में, 07 मई को षष्ठ भाव में, 22 जून को दारा भाव में, 08 अगस्त को अष्टम भाव में, 25 सितम्बर को धर्म भाव में, 10 नवम्बर को कर्म भाव में, 25 दिसम्बर को आय भाव में संचरण करेंगे।

बुधः 01 जनवरी को व्यय भाव में, 20 जनवरी को प्रथम भाव में, 07 फरवरी को द्वितीय भाव में, 25 फरवरी को तृतीय भाव, 03 मई को चतुर्थ भाव में, 18 मई को पंचम भाव में, 01 जून को षष्ठ भाव में, 20 जून को दारा भाव में, 26 अगस्त को अष्टम भाव में, 10 सितम्बर को धर्म भाव में 29 सितम्बर को कर्म भाव में, 23 अक्टूबर को आय भाव 25 दिसम्बर को व्यय भाव में संचरण करेंगे।

गुरूः इस वर्ष गुरू आय भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को व्यय भाव 22 अप्रैल को आय भाव में 04 नवम्बर को व्यय भाव में संचरण करेंगे।

शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को आय भाव में, 29 जनवरी व्यय भाव में, 24 फरवरी को प्रथम भाव में 21 मार्च को द्वितीय भाव में, 15 अप्रैल को तृतीय भाव में, 10 मई को चतुर्थ भाव में, 04 जून को पंचम भाव में, 28 जून को षष्ठ भाव में, 23 जुलाई को दारा भाव में, 16 अगस्त को अष्टम भाव में, 09 सितम्बर को धर्म भाव में, 03 अक्टूबर को कर्म भाव में, 28 अक्टूबर को आय भाव में 21 नवम्बर को व्यय भाव में 15 दिसम्बर को प्रथम भाव में संचरण करेंगे।

शनिः शनि वर्ष पर्यन्त व्यय भाव में गोचर करेंगे।

राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक दारा भाव इसके पश्चात् षष्ठ भाव में संचरण करेगा।

केतुः केतु इस वर्ष 06 मार्च तक प्रथम भाव में इसके पश्चात् व्यय भाव में संचरण करेगा।

2019 धनु राशि का वार्षिक भविष्यवाणी

इस वर्ष 2019 में इस राशि के जातकों को वर्षारम्भ से संबंधित कार्य क्षेत्रों में तरक्की प्राप्त होगी। आपके सेवा क्षेत्रों में पदोन्नति के योग है। रूकी हुई योजनाओं को मूर्तरूप देने में प्रगति होगी। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। हंसी-खुशी के पल और अधिक प्राप्त होगे। आमदनी का जरिया और मजबूत होगा। कला, साहित्य, फिल्म, निर्माण, उद्योग, उत्पादन, प्रबंधन के सबंधित कार्यों मे पद व गरिमा की वृद्धि के योग हैं। संतान पक्ष की उन्नति होगी। व निजी संबंधों में मधुरता का क्रम होगा। सेहत को खिलाए रखने में कामयाबी हासिल होगी। सरकारी व निजी क्षेत्रों की संस्थाओं से लाभ होगा। देवारधन में रूचि होगी। किन्तु शनि की साढ़े साती का प्रभाव वर्षपर्यन्त होने के कारण छोटी-छोटी परेशानियां भी आ सकती है। इस वर्ष अगस्त माह से गुरू के शत्रुराशि में संचरण करने से शुभ फलों में कमी होती नजर आएगी। फलस्वरूप इस राशि के जातकों को आजीविका व आमदनी बढ़ाने हेतु कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। विरोधियों से परेशानियां हो सकती हैं।

उपायः-भगवान विष्णु व श्रीगणेश जी का पूजन वंदन करना व करवाना चाहिए। गुरू ब्राह्मणों की सेवा तन व धन द्वारा करने से लाभ होगा।

2019 में धनु राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी

धनु राशि

सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से द्वितीय भाव में, 13 फरवरी को तृतीय भाव में, 14 मार्च को चतुर्थ भाव में, 14 अप्रैल को पंचम भाव में, 15 मई षष्ठ भाव, 15 जून को सप्तम भाव में, 16 जुलाई को अष्टम भाव में, 17 अगस्त को धर्म भाव में, 17 सितम्बर को कर्म भाव में, 17 अक्टूबर को आय भाव में, 16 नवम्बर को व्यय भाव में, 16 दिसम्बर को प्रथम भाव में संचरण करेगा।

चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।

मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को पंचम भाव में, 22 मार्च को षष्ठ भाव में, 07 मई को दारा भाव में, 22 जून को अष्टम भाव में, 08 अगस्त को धर्म भाव में, 25 सितम्बर को कर्म भाव में, 10 नवम्बर को आय भाव में, 25 दिसम्बर को व्यय भाव में संचरण करेंगे।

अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषी पंडित उमेश चंद्र पन्त से संपर्क करे | हम आपको निश्चित समाधान का आश्वासन देते है |

बुधः 01 जनवरी को प्रथम भाव में, 20 जनवरी को द्वितीय भाव में, 07 फरवरी को तृतीय भाव में, 25 फरवरी को चतुर्थ भाव, 03 मई को पंचम भाव में, 18 मई को षष्ठ भाव में, 01 जून को दारा भाव में, 20 जून को अष्टम भाव में, 26 अगस्त को धर्म भाव में, 10 सितम्बर को कर्म भाव में 29 सितम्बर को आय भाव में, 23 अक्टूबर को व्यय भाव 25 दिसम्बर को प्रथम भाव में संचरण करेंगे।

गुरूः इस वर्ष गुरू व्यय भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को प्रथम भाव 22 अप्रैल को व्यय भाव में 04 नवम्बर को प्रथम भाव में संचरण करेंगे।

शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को व्यय भाव में, 29 जनवरी प्रथम भाव में, 24 फरवरी को द्वितीय भाव में 21 मार्च को तृतीय भाव में, 15 अप्रैल को चतुर्थ भाव में, 10 मई को पंचम भाव में, 04 जून को षष्ठ भाव में, 28 जून को दारा भाव में, 23 जुलाई को अष्टम भाव में, 16 अगस्त को धर्म भाव में, 09 सितम्बर को कर्म भाव में, 03 अक्टूबर को आय भाव में, 28 अक्टूबर को व्यय भाव में 21 नवम्बर को प्रथम भाव में 15 दिसम्बर को द्वितीय भाव में संचरण करेंगे।

शनिः शनि वर्ष पर्यन्त प्रथम भाव में गोचर करेंगे।

राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक अष्टम भाव इसके पश्चात् सप्तम भाव में संचरण करेगा।

केतुः केतु इस वर्ष 06 मार्च तक द्वितीय भाव में इसके पश्चात् प्रथम भाव में संचरण करेगा।

2019 वृश्चिक राशि का वार्षिक भविष्यफल


Scorpio

इस राशि के जातको के लिए नववर्ष कई पहुओं को सुधारने वाला साबित होगा। अचल सम्पत्ति व भू-जायदाद का लाभ होगा। कैरियर व व्यावसाय के संबंधित क्षेत्रों में इच्छित प्रगति होगी। यद्यपि शनि की साढे़साती का प्रभाव इस राशि के जातकों को शुरू के दिनों में छोटी-छोटी परेशानियां भी दे सकता है। कार्य व व्यापार हेतु अधिक भागदौड़ का क्रम बढ़ सकता है। तद्पश्चात् राशि स्वामी मंगल के गोचर प्रभाव वश वर्ष के मध्य भाग में इस राशि के जातकों को सामाजिक जीवन व कार्य क्षेत्र में प्रतिष्ठा का लाभ होगा। जून के मध्य भाग से उत्तेजना का क्रम अधिक तीव्र हो सकता है। इस वर्ष के अंतिम चरण में जातकों के धन, बल, विवेक की वृद्धि होगी। सेहत संदर्भों में सुधार और पदोन्नति प्राप्ति होगी।

उपायः-इस राशि के जातको को स्वकल्याण हेतु हनुमान प्रभु की, भगवती दुर्गा व सीताराम प्रभु की अर्चना करना व करवाना चाहिए तथा गुरू व ब्राह्ममणों को दान श्रद्धा व विश्वास के साथ देना चाहिए।

2019 में वृश्चिक राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी

सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से तृतीय भाव में, 13 फरवरी को चतुर्थ भाव में, 14 मार्च को पंचम भाव में, 14 अप्रैल को षष्ठ भाव में, 15 मई दारा भाव, 15 जून को अष्टम भाव में, 16 जुलाई को धर्म भाव में, 17 अगस्त को कर्म भाव में, 17 सितम्बर को आय भाव में, 17 अक्टूबर को व्यय भाव में, 16 नवम्बर को प्रथम भाव में, 16 दिसम्बर को द्वितीय भाव में संचरण करेगा।

चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।

मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को षष्ठ भाव में, 22 मार्च को दारा भाव में, 07 मई को अष्टम भाव में, 22 जून को धर्म भाव में, 08 अगस्त को कर्म भाव में, 25 सितम्बर को आय भाव में, 10 नवम्बर को व्यय भाव में, 25 दिसम्बर को प्रथम भाव में संचरण करेंगे।

बुधः 01 जनवरी को द्वितीय भाव में, 20 जनवरी को तृतीय भाव में, 07 फरवरी को चतुर्थ भाव में, 25 फरवरी को पंचम भाव, 03 मई को षष्ठ भाव में, 18 मई को दारा भाव में, 01 जून को अष्टम भाव में, 20 जून को धर्म भाव में, 26 अगस्त को कर्म भाव में, 10 सितम्बर को आय भाव में 29 सितम्बर को व्यय भाव में, 23 अक्टूबर को प्रथम भाव 25 दिसम्बर को द्वितीय भाव में संचरण करेंगे।

गुरूः इस वर्ष गुरू प्रथम भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को द्वितीय भाव 22 अप्रैल को प्रथम भाव में 04 नवम्बर को द्वितीय भाव में संचरण करेंगे।

शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को प्रथम भाव में, 29 जनवरी द्वितीय भाव में, 24 फरवरी को तृतीय भाव में 21 मार्च को चतुर्थ भाव में, 15 अप्रैल को पंचम भाव में, 10 मई को षष्ठ भाव में, 04 जून को दारा भाव में, 28 जून को अष्टम भाव में, 23 जुलाई को धर्म भाव में, 16 अगस्त को कर्म भाव में, 09 सितम्बर को आय भाव में, 03 अक्टूबर को व्यय भाव में, 28 अक्टूबर को प्रथम भाव में 21 नवम्बर को द्वितीय भाव में 15 दिसम्बर को तृतीय भाव में संचरण करेंगे।

शनिः शनि वर्ष पर्यन्त द्वितीय भाव में गोचर करेंगे।

राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक धर्म भाव इसके पश्चात् अष्टम भाव में संचरण करेगा।

केतुः केतु इस वर्ष 06 मार्च तक तृतीय भाव में इसके पश्चात् द्वितीय भाव में संचरण करेगा।