भाजपा के शत्रु अब कांग्रेस के हुए

पूनम सिन्हा स्पा ऊमीद्वार और पति शत्रु कांग्रेस के उम्मीदवार घर में गठबंधन

पत्नी को समाजवादी पार्टी से टिकट दिलवा राजनाथ सिंह के मुक़ाबले चुनाव लड़वायेंगे, और खुद कांग्रेस की पटना सीट से उम्मीदवार बनेंगे। अपनी सुविधा से यशवंत सिन्हा और अरूण शोरिए के साथ मोदी के धूर विरोधी रहे और शिकायत भी मोदी से। जब मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया था तभी से यह मोदी विरोध में उतर पड़े थे। अब मोदी विरोधि पार्टियों में अपने परिवार को उतार यह किसके साथ न्याय कर रहे हैं या फिर यह सभी को महागठबंधन का सच और उत्तरप्रदेश में अखिलेश का झूठ दिखाने जा रहे हैं।

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से लगातार बागी तेवर अपनाए शत्रुघ्न सिन्हा ने आखिरकार अपनी पुरानी पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है. दिल्ली में उन्हें कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेताओं ने सदस्यता दिलाई. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर कई आरोप भी लगाए. उन्होंने इस बात के लिए भी नाराजगी जताई कि 2014 में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार बनी तो उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया.

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि बीजेपी में अरुण शौरी, मुरली मनोहर जोशी, जसवंत सिंह और यसवंत सिन्हा सरीखे कई काबिल नेताओं को मंत्री नहीं बनाया गया. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या मेरी छवि खराब थी? मेरे ऊपर किसी भी तरह के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं थे. ऐसे लोगों को मंत्री बनाया गया है, जिन्हें कोई जानता तक नहीं है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार में सिर्फ पीएमओ से सारा काम होता है.

शत्रुघ्न सिन्हा ने आरोप लगाया कि सभी काबिल नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया गया, जिसकी आज तक एक मीटिंग नहीं हुई. साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लाल कृष्ण आडवाणी के करीबी हेने के कारण बीजेपी में उनका पत्ता काटा गया.

कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी की स्थापना दिवस पर बधाई भी दी. साथ ही कहा कि पार्टी में मेरी परवरिश नानाजी देशमुख के देखरेख में हुई. मुझे अटली जी और आडवाणी जी ने मर्गदर्शन दिया. बीजेपी में शामिल होने के बाद सुबोध कांत सहाय मुझे पहली बार पब्लिक लाइफ में लेकर गए.

साथ ही बिहारी बाबू ने कहा कि मुझे कांग्रेस के नेता 25 वर्षों से कह रहे थे कि आपको कांग्रेस में शामिल होना चाहिए. बीजेपी से ट्रेनिंग लेता हुआ मैं सही मायने में लोकशाही का पालन करते हुए आगे बढ़ता गया.

पार्टी को प्रत्याशी घोषित करने में इतना समय नहीं लगाना चाहिए: सुमित्रा महाजन

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha elections 2019) में इंदौर से बीजेपी सांसद और लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. सुमित्रा महाजन ने चिट्ठी लिखकर चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहा है. हालांकि अपनी चिट्ठी में सुमित्रा महाजन ने इस फैसले को लेने के लिए भी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है. सुमित्रा महाजन का कहना है कि पार्टी इंदौर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी के ऐलान में इतनी देरी क्यों कर रही है? इंदौर में लोकसभा चुनाव के लिए 19 मई को मतदान होना है. 

बता दें कि 2 अप्रैल को मीडिया से बात करते हुए सुमित्रा महाजन ने कहा था कि उन्होंने अपने तीन दशक लम्बे संसदीय जीवन में आज तक अपनी पार्टी से मांग नहीं की है कि उन्हें चुनावी प्रत्याशी बनाया जाये. लगातार आठ दफा लोकसभा में इंदौर की नुमाइंदगी करने वाली वरिष्ठ बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि अगर इस बार उनकी उम्मीदवारी के विकल्पों पर चर्चा की जा रही है, तो यह “स्वाभाविक प्रक्रिया” होने के साथ खुद उनके लिये “गौरव” की बात है क्योंकि इससे पता चलता है कि बीजेपी में योग्य नेताओं की कमी नहीं है.

“ताई” (मराठी में बड़ी बहन का सम्बोधन) के नाम से मशहूर नेता ने यह बात ऐसे वक्त कही है, जब इंदौर सीट से बीजेपी उम्मीदवार की घोषणा में देरी के चलते अटकलों के सियासी गलियारों में यह सवाल जोर पकड़ रहा है कि क्या लालकृष्ण आडवाणी (91) और मुरलीमनोहर जोशी (85) सरीखे वरिष्ठतम बीजेपी नेताओं की तरह महाजन को भी इस बार चुनावी समर से विश्राम दिया जायेगा? 

इसी महीने की 12 तारीख को उम्र के 76 साल पूरे करने जा रहीं महाजन ने यहां पत्रकारों से कहा, “सबसे पहली बात तो यह है कि जब मैंने वर्ष 1989 में इंदौर से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था, तब भी मैंने पार्टी से टिकट नहीं मांगा था. पार्टी ने मुझे खुद टिकट दिया था. मैंने अपनी पार्टी से आज तक टिकट नहीं मांगा है.” 

इंदौर से बीजेपी उम्मीदवार की घोषणा में देरी के सबब को लेकर किये गये सवाल पर उन्होंने कहा, “इस प्रश्न का उत्तर तो बीजेपी संगठन ही दे सकता है. हो सकता है कि उनके (बीजेपी संगठन के नेताओं के) मन में कुछ बात हो. इस बारे में जब तक बीजेपी संगठन कुछ नहीं बोलेगा, मैं भी कुछ नहीं कह सकती.” 

उन्होंने कहा, “मैंने बीजेपी संगठन के किसी भी नेता से बात नहीं की है कि इंदौर से पार्टी के उम्मीदवार की घोषणा क्यों रोकी गयी है? हमारी पार्टी में इस तरह के सवाल नहीं किये जाते, क्योंकि उम्मीदवार तय करना हमारे संगठन का काम है. इंदौर से उम्मीदवार चयन के मामले में बीजेपी संगठन उचित समय पर उचित निर्णय करेगा.” 

इंदौर सीट के उम्मीदवार के तौर पर उनके विकल्प के रूप में बीजेपी के कुछ स्थानीय नेताओं के नाम सामने आये हैं. इस बारे में महाजन ने कहा, “यह (विकल्पों पर चर्चा) अच्छी बात है और स्वाभाविक प्रक्रिया भी है. (पार्टी में) बहुत सारे विकल्प होने चाहिये. इसी से पार्टी मजबूत मानी जाती है और यह भी पता चलता है कि पार्टी में इतने योग्य कार्यकर्ता हैं कि इनमें से किसी को भी टिकट दे दिया जाये, तो वह चुनाव जीत जायेगा.” 

उन्होंने कहा, “अगर इंदौर में मेरे विकल्पों की चर्चा की जा रही है, तो यह मेरे लिये गौरव की बात है क्योंकि मैं भी पार्टी की एक घटक हूं.” 

बहरहाल, अपना टिकट कटने की अटकलों से बेपरवाह महाजन ने स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं की मार्गदर्शक के तौर पर चुनावी मैदान पकड़ लिया है. वह लोकसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर बीजेपी के अभियान के तहत शहर भर में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकें ले रही हैं. 

वर्ष 1982 में इंदौर नगर निगम के चुनावों में पार्षद पद की उम्मीदवारी से अपने चुनावी करियर की कामयाब शुरूआत करने वाली बीजेपी नेता ने कहा, “चुनाव एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरी पार्टी लड़ती है. व्यक्ति (उम्मीदवार) तो सहायक की भूमिका में रहता है. अभी हमारे मन में एक ही लक्ष्य है कि लोकसभा चुनाव जीतकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर बहुमत वाली सरकार बनानी है.” 

महाजन के अलावा, इंदौर लोकसभा सीट से बीजेपी के चुनावी टिकट के दावेदारों के रूप में शहर की महापौर तथा पार्टी की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़, बीजेपी की अन्य विधायक ऊषा ठाकुर, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत और इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन शंकर लालवानी के नाम चर्चा में हैं. 

अखिलेश अपनी नीतियों के कारण अजमगढ़ खो देंगे : ‘निरहुआ’

नई दिल्ली: 

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ के नाम से जाने जाते हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में निरहुआ भी चुनावी मैदान में हैं और बीजेपी की तरफ से उन्हें यूपी के आजमगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया है. इस सीट पर निरहुआ का मुकाबला यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश सिंह यादव से होने वाला है. अब तक अपनी फिल्मी करियर में निरहुआ ने खूब नाम कमाया है और अब वह राजनीतिक गलियारों में भी अपनी पहचान बनाने निकल पड़े हैं.

पूरा आजमगढ़ यही कह रहा है

एक निजी टीवी चैनल के साथ खास बातचीत में निरहुआ ने आजमगढ़ सीट पर चर्चा करते हुए बताया, ‘अखिलेश सिंह हमारे बड़े भाई हैं, साथ ही एक बड़े नेता भी हैं, लेकिन आजमगढ़ में वह सिर्फ अपने नीतियों के कारण हारेंगे. मेरे लिए तो पूरा आजमगढ़ ही मेरा है, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लमान हो, चाहे वो कोई दलित हो या पिछड़ा हो कोई भी हो, सारे मेरे साथ हैं. पूरा आजमगढ़ कह रहा है कि भइया हमें सिर्फ आप ही चाहिए. सच के साथ जो हैं, उसके साथ सभी हैं. अगर मैं गलत राह पर होता तो मेरे साथ कोई नहीं होता.’

आजमगढ़ में चुनाव लड़ना को बताया नियती

आज तक जिसके लिए आप चुनाव प्रचार करते आए हैं और आज उन्हें के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. क्या आप उन्हें हराने की क्षमता रखते हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए निरहुआ ने बताया, ‘ईश्वर को कब क्या करना है और नियती में कब क्या लिखा है वो हम लोग नहीं जानते. कहा जाता है कि एक पल में क्या से क्या हो जाएगा ये कोई नहीं जानता है और आज मैं अखिलेश सिंह के खिलाफ चुनाव में खड़ा हूं, यह उसी का उदाहरण है.’

पीएम मोदी ने जो कहा वो कर दिखाया

वहीं, पीएम मोदी के बारे में बातचीत करते हुए निरहुआ ने कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी आज किसी से ये नहीं पूछने जाते हैं कि तुम अगले हो या पिछले हो, तुम मोदी हो या यादव हो. अरे भाई गरीब है तो इसको पेंशन दो, शौचालय दो… सबको दे रहे हैं, सबका साथ सबका विकास. पीएम ने जो कहा, वो करके दिखाया भी. कथनी और करनी में बाकी लोगों का तो बड़ा अंतर है. बाकी लोग तो कहते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं.’

यूपी में सारी सीटें बीजेपी की

निरहुआ ने कहा, ‘वे लोग कहते हैं कि हम बाबासाहेब अंबेडकर जी को मानते हैं. बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर दलितों को इकट्ठा किए और बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा कि शिक्षत बनो, संघर्ष करो और आगे बढ़ो. ये थोड़ी ही न कहा था कि शिक्षक बनो और दलितों का शोषण करो. ये (मायावती) तो शिक्षक बन गईं और शिक्षक बनने के बाद इन्होंने अपने दिमाग का इस्तेमाल करके सबको एक साथ जुटाकर उनके हक की चीजों को आज क्या कर रही हैं, देखिए आप.’ उन्होंने अंत में कहा, ‘यूपी में सारी सीटें बीजेपी ही जीतेगी. मैं उन लोगों के विचार से बिलकुल भी सहमत नहीं हूं, जो ये सोचते हैं कि नरेंद्र मोदी जी से बेहतर प्रधानमंत्री कोई और हो सकते हैं.

मोदी द्वारा पुराना बयान याद दिलाये जाने पर भड़के इमरान मसूद

चित भी मेरी पट भी मेरी, इमरान मसूद ने 2014 में जो ब्यान दिया था वह गलत था, तत्कालीन सरकार ने उस पर कोई कारवाई नहीं की थी क्योंकि ‘लड़कों में दोस्ती थी’। आज जब प्रधान मंत्री ने वही ब्यान याद दिलाया तो ‘प्रधान मंत्री की बौखलाहट है’। मसूद भाई आप कहें तो चौकीदार चोर और यदि आपके विरोधी आपको आप ही का वक्तव्य याद दिला दें तो वह बौखला गए हैं।

सहारनपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सहारनपुर में आयोजित रैली में कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद पर परोक्ष रूप से निशाना साधा. प्रधानमंत्री ने सहारनपुर से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद द्वारा वर्ष 2014 में अपने खिलाफ दिए गए ‘बोटी काट देंगे’ वाले बयान की याद दिलाई. उधर, मसूद ने भी पीएम के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.  

बोटी- बोटी करने वाले शहजादे के बड़े चहेते
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, ‘यहां तो बोटी—बोटी करने वाले लोग शहजादे (कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी) के बड़े चहेते हैं. उन पर उन्हें ज्यादा ही प्यार आता है. याद रखिएगा वो बोटी-बोटी की धमकी देने वाले लोग हैं और हम बेटी-बेटी को सुरक्षा और सम्मान देने वाले लोग हैं.’ 

तीन तलाक का मुद्दा उठाया
मुस्लिम बहुल सहारनपुर में मोदी ने तीन तलाक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के कुचक्र से मुक्ति दिलाकर उनका जीवन सुरक्षित करने का प्रयास किया, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी ऐसा नहीं चाहते.

उन्होंने कहा, ‘मैं मुस्लिम बेटियों से कहना चाहता हूं कि कांग्रेस, सपा, बसपा के राज में मुस्लिम महिलाओं का शोषण जारी रहेगा. ये तीन तलाक के खिलाफ कानून को भी अनुमति नहीं देंगे और हम जो अध्यादेश लाएं हैं उसे पारित नहीं होने देंगे.’ पीएम ने कहा, “सहारनपुर के बाजारों में आगजनी और व्यापारियों के साथ बदसलूकी यूपी भुला सकता है क्या? कैराना में पलायन की घटनाएं आप भूल सकते हैं क्या? अब कैराना में पलायन का भय खत्म हो चुका है.”

इमरान ने कहा, “पीएम को कम से कम इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए. ये बौखलाहट है. यहां सहारनपुर में क्योंकि हिंदू मतदाता बहुत भारी तादाद में मेरे साथ जुड़ने का काम कर रहा है, उसको प्रभावित करने के लिए इस प्रकार की भाषा का उपयोग किया जा रहा है.”

UPSC रिज़ल्ट घोषित

नई दिल्ली: सिविल सर्विस (UPSC Civil Services Result 2019) का रिजल्ट घोषित हो चुका है. कनिष्क कटारिया ने UPSC Exam 2019 में टॉप किया है. सृष्टि जयंत देशमुख ने महिलाओं में टॉप किया है. उनकी ऑल इंडिया रैंकिंग (AIR) 5 है. नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ की नम्रता जैन 12वें स्थान पर आई हैं. फाइनल रिजल्ट UPSC की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर चेक किया जा सकता है. 

टॉप 25 में 15 पुरुष और 10 महिला छात्र हैं. कुल 759 परीक्षार्थियों का IAS और IPS के लिए सलेक्शन हुआ है. इनमें 577 पुरुष और 182 महिलाएं हैं. 759 पास करने वाले परीक्षार्थियों में से जनरल कैटेगरी के 361, ओबीसी कैटेगरी के 209, एससी कैटेगरी के 128 और एसटी कैटेगरी के 61 परीक्षार्थी हैं.

पहले नंबर पर कनिष्क कटारिया, दूसरे नंबर पर अक्षत जैन, तीसरे नंबर  पर जुनैद अहमद, चौथे नंबर पर श्रेयांस कुमत और पांचवें नंबर  पर सृष्टि जयंत देशमुख हैं. छठे नंबर पर शुभम गुप्ता, सातवें नंबर पर करनाती वरुण रेड्डी, आठवें नंबर पर वैशाली सिंह, नौवें नंबर पर गुंजन द्विवेदी और 10वें नंबर पर तन्मय वषिष्ठ शर्मा हैं.

कनिष्क कटारिया IIT बॉम्बे के छात्र रहे हैं. उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट गणित था. वह IIT बॉम्बे के प्लेसमेंट सेल के सदस्य भी हैं और डाटा साइंटिस्ट के तौर पर जॉब भी कर रहे हैं. महिला टॉपर सृष्टि जयंत देशमुख ने राजीव गांधी प्रौद्योगिरी विश्वविद्यालय, भोपाल से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रैजुएट हैं.

कनिष्क कटारिया IAS सांवरमल वर्मा के बेटे हैं. वह अपने परिवार के तीसरे IAS अधिकारी हैं. उनके परिवार में पिता के अलावा चाचा भी IAS अधिकारी हैं. दूसरे नंबर पर रहने वाले अक्षत जैन IPS अधिकारी DC जैन के बेटे हैं.

Faculty Training Programme

Purnoor, Chandigarh April 5, 2019

            The University Institute of Pharmaceutical Sciences (UIPS), Panjab University is organizing a one week faculty training school on “Innovation and Entrepreneurship” from April 8 to 13, 2019 under the initiative of UGC Networking Resource Centre. The course will be attended by 20 selected faculty participants representing 10 states across the country.

            Models for transforming innovative ideas to entrepreneurial start-ups will be discussed during the course. Experts will dwell upon critical areas including ideation, proof of concept, validation, regulatory compliances and approvals. The course will also deliberate on the ways to secure the required financial backing. Critical thinking, problem solving, negotiation, collaboration, flexibility, teamwork, communication, and leadership – the key skills to being a successful entrepreneur, will be especially covered during the course.

            The program will be inaugurated by Professor Hirendra N Ghosh, Director, Institute of Nano Science and Technology, Mohali on the occasion and Professor Karamjeet Singh, Registrar, Panjab University, will preside over the function‎.

            Chairperson of the Institute, Professor Kanwaljit Chopra is the Programme Coordinator of UGC-NRC Programme. Professor Indu Pal Kaur (UIPS) will be the Coordinator of the Course, while Dr Vandita Kakkar (UIPS) will be the Joint Coordinator.

            Sessions will open with a lecture by Dr Rohit Sharma, Chief Coordinator & Project Leader, Cluster Innovation Centre in Biotechnology & BioNEST, Panjab University, Chandigarh, followed by interaction with various start-ups working at BioNEST. The post-lunch session will cover plenary lecture by Dr Manmohan Singh Gill, Technical Specialist, PDS, Contract Pharmaceuticals Limited Canada, and an alumnus of the Institute; and a popular lecture by Dr Jatinder V Yakhmi, Ex-Associate Director, Physics Group, and Head, Technical Physics Division, Bhabha Atomic Research Centre, Mumbai on the topic “When Talents in Fine Arts Helped Creativity and Innovations in Science.”

            Highlight of this course is a One-Day Symposium on April 9, 2019 with the same theme. Candidates selected for participation in the UGC-NRC program will get free registration for the Symposium. The day will cover plenary talks and panel discussion by eminent speakers.

मोदी ने आडवाणी को जूता मार कर स्टेज से उतार दिया: राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू धर्म में गुरु का काफी महत्व है. गुरु शिष्य का रिश्ता बेहद महत्वपूर्ण है. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने गुरु लालकृष्ण आडवाणी को जूता मारकर स्टेज से उतार दिया.

चंद्रपुर :

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं. राहुल अपनी रैलियों में बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर तीखे हमले बोल रहे हैं. शुक्रवार को चंद्रपुर की रैली में राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर लालकृष्ण आडवाणी का अपमान करने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने गुरु लालकृष्ण आडवाणी को जूता मारकर स्टेज से उतार दिया. 

राहुल गांधी ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी पीएम मोदी के गुरु हैं लेकिन यह शिष्य अपने गुरु के सामने हाथ तक जोड़कर नहीं जाता. यह शिष्य अपने गुरु को स्टेज से नीचे उतार देता है.  राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू धर्म में गुरु का काफी महत्व है. गुरु शिष्य का रिश्ता बेहद महत्वपूर्ण है. 

पीएम मोदी ने किए झूठे वादे

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर के चांदा क्लब में राहुल गांधी ने एक चुनावी सभा को संबोधित किया. राहुल गांधी ने कहा कि हर खाते में 15 लाख रुपए जमा करवाने का पीएम मोदी का वादा झूठा था. 

मेरा किया वादा सच्चा है

उन्होंने दावा किया कि उनका गरीबों को हर साल 72 हजार रुपए और पांच साल में 3.60 लाख रुपए देने का वादा सच्चा है. राहुल गांधी ने कहा कि जिनकी आमदनी 12 हजार रुपए से कम है उन्हे ये मदद  दी जाएगी.

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पिछले पांच साल के दोरान पीएम मोदी ने 15 लोगों को लाखों करोड़ों रुपए दिए हैं. पीएम मोदी कहते हैं कि वे चौकीदार हैं लेकिन इन्होंने सिर्फ पैसेवालों की चौकीदारी की है. 

वोट बनवाने के साथ-साथ अपने मताधिकार का प्रयोग भी करें मतदाता-अतिरिक्त उपायुक्त

पुरनूर, पंचकूला, 5 अप्रैल:

 अतिरिक्त उपायुक्त उतम सिंह ने कहा कि प्रजातंत्र में मतदान प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण है, जिसके माध्यम से मतदाता अपनी पंसद के प्रतिनिधियों का चुनाव करते है। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले प्रत्येक नागरिक को न केवल अपना वोट बनवाना चाहिए बल्कि मतदान के दिन अपने मताधिकार का प्रयोग करना भी जरूरी है।

 उन्होंने कहा कि 12 अप्रैल तक मतदाता सूची में पंजीकरण करवाया जा सकता है।  अतिरिक्त उपायुक्त आज जिला सचिवालय के मीटिंग हाॅल में दिव्यांग व युवा मतदाताओं के आयोजित जागरूकता कार्यक्रम के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में  अपने नाम की जानकारी के लिये टोल फ्री नंबर 1950 का प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि मतदाता सूची से संबंधित कोई दिक्कत है तो उसकी जानकारी भी इस नंबर पर दी जा सकती है।  उन्होंने कहा कि दिव्यांग मतदाताओं के लिये सभी मतदान केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। सुविधाजनक तरीके से मताधिकार का प्रयोग के लिये रैंप, मागदर्शन के लिये स्वैच्छिक कार्यकर्ता, आवश्यकतानुसार परिवहन की सेवा भी उपलब्ध रहेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे दिव्यांग मतदाता, जिन्होंने अभी तक अपना पंजीकरण नहीं करवाया है, वे छह नंबर फार्म भरकर पंजीकरण करवा सकते है।

उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे दिव्यांग मतदाताओं के सहयोग के लिये मतदान के दिन मतदान केंद्रों पर स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं की उपलब्धता के लिये जिला प्रशासन का सहयोग करें।  इस कार्यक्रम में छह युवा मतदाताओं शिवानी, अनुष्का, दिव्या, संदीप कुमार, पंकज और सुदर्शन को मतदाता पहचान पत्र भी वितरित किये है।

कार्यक्रम में ई0वी0एम0 के साथ वी0वी0 पैट मशीन पर सही मतदान के सत्यापन का प्रदर्शन भी किया गया।  कार्यक्रम में एस0डी0एम पंचकूला पंकज सेतिया, कालका मनीता मलिक, नगराधीश गगनदीप सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। 

सरिता नायर राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी

नई दिल्ली

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी दूसरी सीट के रूप में केरल की वायनाड सीट से पर्चा भर दिया है। इसी सीट से एक महिला ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इस महिला का नाम सरिता नायर है। सरिता नायर का कहना है कि वो दुनिया को बताना चाहती है कि राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस की असलियत क्या है। बता दें कि सरिता नायर 2013 में सुर्खियों में आईं थीं। तब उनके कांग्रेस से कनेक्शन थे, सोलर घोटाला सहित करीब 30 मामले दर्ज हुए थे। तब सरिता नायर ने कहा था कि कांग्रेस के कई नेता उसकी मदद करते थे, बदले में उसे नेताओं के साथ सेक्स करना पड़ता था। 

चुनाव लड़कर कांग्रेस को नीचा दिखाऊंगी: सरिता

बकौल सरिता, मुझे न तो सांसद बनना है और ना ही लोकसभा में जाकर बैठना है। मैं राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़कर यह बताना चाहती हूं कि यह एक महिला की लड़ाई है। राहुल से सरिता इस बात को लेकर नाराज है कि पार्टी अध्यक्ष ने आरोपी कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। बकौल सरिता, मैं कांग्रेस के भ्रष्ट नेताओं को शर्मसार करने और नीचा दिखाने के लिए चुनाव लड़ रही हूं। ये नेता मुझे हमेशा धोखेबाज कहते रहे, लेकिन इनको अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए कि इन्होंने महिलाओं पर कैसे-कैसे अत्याचार किए हैं।

राहुल गांधी महिलाओं का सम्मान नहीं करते

सरिता ने बताया, मैंने कई बार राहुल गांधी से बात करने की कोशिश की और उन्हें कई चिट्ठियां भी लिखीं कि कांग्रेस को ऐसे भ्रष्ट नेताओं से पीछा छुड़ा लेना चाहिए। जो आदमी आज देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहा है, उसने एक महिला की शिकायत पर ध्यान तक नहीं दिया।

सोलर स्कैम में आया था नाम

सरिता का नाम उन 30 नेताओं में शामिल है, जिन पर सोलर स्कैम का आरोप लगा है। यह घोटाला 2013 में तब सामने आया था, जब पुलिस ने सबसे पहले सरिता और उनके लिव-इन-पार्टनर बिजू राधाकृष्णन को गिरफ्तार किया था। अलग-अलग कोर्ट में सरित और उनके पार्टनर के खिलाफ धोखाधड़ी के 30 से ज्यादा केस चल रहे हैं। पुलिस का कहना है कि दोनों ने 6 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी की है। इसके बाद सरिता ने आरोप लगाया था कि उनकी मदद करने और बिजनेस फैलाने के नाम पर कांग्रेस नेताओं उनका शोषण किया। हालांकि कांग्रेस शुरू से इन आरोपों को खारिज करती रही है।

आडवाणी के ब्लॉग की 5 बातें और मोदी का ट्वीट

नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी के स्थापना दिवस (6 अप्रैल) के मौके पर गुरुवार को ब्लॉग लिखा है। इसी के साथ पूरे देश में इस ब्लॉग की चर्चाएं शुरू हो गईं हैं, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उनके ब्लॉग पर प्रतिक्रिया दी है। आइए हम बताते हैं उन्होंने अपने ब्लॉग में वो कौन सी 5 महत्वपूर्ण बातें लिखीं हैं जो चर्चा का केंद्र बन गईं हैं: 

आडवाणी के भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम 5 संदेश

  1. राष्ट्रवाद के भाजपा सिद्धांत में हमने कभी ऐसे लोगों को राष्ट्रविरोधी नहीं कहा, जो हमसे राजनीतिक मतभेद रखते थे। पार्टी निजी और राजनीतिक स्तर पर हमेशा हर नागरिक के चुनाव की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध रही। 
  2. पार्टी के भीतर और राष्ट्रीय स्तर पर लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की सुरक्षा भाजपा की गौरवपूर्ण विशिष्टता रही है।
  3. भाजपा हमेशा से ही सभी लोकतांत्रिक संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता, निष्पक्षता और मजबूती के लिए आवाज उठाने में सबसे आगे रही है।
  4. यह सच है कि चुनाव लोकतंत्र का उत्सव होते हैं लेकिन, यह भारतीय लोकतंत्र के सभी भागीदारों के लिए ईमानदारी से आत्मावलोकन का अवसर भी हैं।
  5. 6 अप्रैल को भाजपा अपने स्थापना दिवस का उत्सव मनाएगी। यह हम सभी के लिए अतीत और भविष्य में देखने के साथ-साथ अपने भीतर झांकने का महत्वपूर्ण अवसर है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया

आडवाणी के ब्लॉग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, “आडवाणीजी ने सही अर्थों में भाजपा का मतलब बताया। भाजपा का मूल मंत्र पहले राष्ट्र, फिर पार्टी और अंत में खुद। भाजपा कार्यकर्ता होने के नाते मुझे अपने ऊपर गर्व है। मुझे गर्व है कि आडवाणीजी जैसे महान लोगों ने इसे मजबूत किया।