विजय माल्या के हाथों से सीपीएल की टीम Barbados Tridents का मालिकाना हक जाएगा

बारबाडोस: भारत से भाग कर ब्रिटेन में रह रहे कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) के हाथों से कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) की टीम बारबाडोस ट्रीडेंट्स (Barbados Tridents) का मालिकाना हक जाएगा. लीग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) डेमियन ओ डोनोहोए ने कहा कि टीम के मालिकाना हक को स्थानांतरित करने के लिए कई लोगों से बात चल रही है. आईपीएल (IPL) की तर्ज पर शुरू हुई कैरेबियन लीग (Caribbean Premier League) में छह टीमें खेलती हैं.

क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, बारबाडोस ट्रीडेंट्स टीम के नए मालिक के नाम का ऐलान 22 मई को लंदन में होने वाले प्लेयर ड्राफ्ट से पहले घोषित कर दिया जाएगा. माल्या ने बारबाडोस ट्रीडेंट्स की टीम को 2016 में खरीदा था. इस टीम के खिलाड़ियों को पिछले सीजन की फीस और अनुबंध राशि अब तक नहीं मिली है. पिछला सीजन सितंबर 2018 में खत्म हुआ था. माल्या इस समय बैंक धोखाधाड़ी के चलते देश से भाग कर ब्रिटेन में पनाह लिए हुए है. माल्या के पास इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू का मालिकाना हक भी है. 

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कैरेबियन लीग के सीईओ डोनोहोए ने गुयान क्रोनिकल से बातचीत में कहा, ‘यह हमारे लिए सबसे बड़ा सिर दर्द है. लेकिन बारबाडोस से संबंधित यह मुद्दा अगले दो-तीन सप्ताह में सुलझा लिया जाएगा. हम इसके मालिकाना हक में बदलाव करेंगे. उम्मीद है कि अगले दो सप्ताह में हम ऐसा कर पाएंगे.’ हाल ही में बाराबाडोस ट्रीडेंट्स के मार्की प्लेयर ड्वेन स्मिथ ने खिलाड़ियों को पैसे नहीं मिलने के मामले में सीपीएल की आलोचना की थी. 

कैरेबियन प्रीमियर लीग में से एक टीम ट्रिनबेगो नाइटराइडर्स (Trinbago Knight Riders) है. इसका मालिकाना हक कोलकाता नाइटराइडर्स के मालिक शाहरुख खान, जूही चावला की कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट (Red Chillies Entertainment) के पास है. 

मसूद पर यूएन का बैन 130 करोड़ भारतवासियों की जीत है: मोदी

पीएम मोदी ने कहा, “ये है नया भारत और ये है इस नए भारत की ललकार. आज भारत की बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मैं डंके की चोट पर ये कहना चाहता हूं कि ये तो सिर्फ शुरुआत है. आगे आगे देखिए, होता है क्या.” 
पीएम मोदी ने कहा, “ये सिर्फ मोदी की सफलता नहीं है, ये पूरे हिंदुस्तान की सफलता है. आज भारत के लिए, हर भारतीय के लिए बेहद गर्व का दिन है. मेरी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि कोई राजनीतिक दल ऐसे उत्साह और आत्मविश्वास के माहौल में कृपा करके मिलावट न करे.” 

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ‘‘जैश-ए-मोहम्मद’’ के सरगना मसूद अजहर को बुधवार को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया. पीएम नरेंद्र मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे 130 करोड़ देशवासियों की सफलता बताया. पीएम मोदी ने अपनी जयपुर रैली में कहा कि ये नया भारत है, जिसकी आवाज को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. 

पीएम ने कहा, “भारत को मिली आतंकवाद के खिलाफ ऐतिहासिक सफलता. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पुलवामा आतंकी हमले का दोषी मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित. आज देश के लिए गर्व का दिन है. आतंक पर विश्व भारत के साथ रहा.” पीएम मोदी ने कहा कि विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा कि आशा करता हूं कि वे आज जश्न मनाएंगे.  

पीएम मोदी ने कहा, “ये है नया भारत और ये है इस नए भारत की ललकार. आज भारत की बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मैं डंके की चोट पर ये कहना चाहता हूं कि ये तो सिर्फ शुरुआत है. आगे आगे देखिए, होता है क्या.” 

Embedded video

#WATCH: “UNSC has listed JeM’s #MasoodAzhar as a Global Terrorist. In our fight against terrorism, it is a big victory,” says, PM Narendra Modi1,1688:51 PM – May 1, 2019359 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

पीएम मोदी ने कहा, “ये सिर्फ मोदी की सफलता नहीं है, ये पूरे हिंदुस्तान की सफलता है. आज भारत के लिए, हर भारतीय के लिए बेहद गर्व का दिन है. मेरी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि कोई राजनीतिक दल ऐसे उत्साह और आत्मविश्वास के माहौल में कृपा करके मिलावट न करे.” 

भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत 
मसूद अजहर पर बैन लगाए जाने को भारत के लिए इसे एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है. सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के तहत उसे ‘‘काली सूची’’ में डालने के एक प्रस्ताव पर चीन द्वारा अपनी रोक हटा लेने के बाद यह घटनाक्रम हुआ. भारत के राजदूत एवं संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट किया, ‘‘बड़े, छोटे, सभी एकजुट हुए. मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध सूची में आतंकवादी घोषित किया गया है. समर्थन करने के लिए सभी का आभार.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या चीन ने अपनी रोक हटा ली है, अकबरूद्दीन ने कहा, ‘‘हां, हटा ली गई है.’’ 

चीन ने उस प्रस्ताव पर से अपनी रोक हटा ली है जिसे फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा संरा सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में फरवरी में लाया गया था. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षा बलों पर 14 फरवरी को पाक के आतंकी संगठन जैश के आतंकी हमला करने के कुछ ही दिनों बाद यह प्रस्ताव लाया गया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.

मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि : मसूद अजहर वैश्विक आतंकी घोषित

संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति ने पुलवामा हमले के मास्टर माइंड जैश – ए – मोहम्मद ए सरगना ओर कुख्यात आतंकी अजहर मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया। टीवी छनलों के माध्यम से यह खबर सब तरफ फ़ेल गयी ए ओर जहां भारत में खुशी की लहर है लोग सरकार ओर उसके प्रयासों की तारीफ कर रही है वहीं कांग्रेस और उनके प्रवक्ता टीवी पर बता रहे हैं कि यह कोई बड़ी बात नहीं है। indyaTV के शो जहां यह ख़बर फ्लैश हुई तब प्रवक्ता राजीव शुक्ला ने अपनी राय रखी।

नई दिल्ली: पुलवामा और पठानकोट के गुनहगार आतंकी मसूद अजहर पर मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत हुई है. संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया है. मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत. चीन ने अपनी आपत्ति वापस ले ली है. चीन हर बार अड़ंगा लगाता आ रहा है. मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाने के बाद उसकी संपत्ति जब्त होगी. मसूद अजहर के आने-जाने पर रोक लगेगी. 

चीन ने 13 मार्च को 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में अमेरिका, ब्रिटेन से समर्थित फ्रांस के एक प्रस्ताव को यह कह कर बाधित कर दिया था कि उसे मामले के अध्ययन के लिए और वक्त चाहिए. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि प्रस्ताव पर रोक यह ध्यान में रखते हुए भी लगाई गई थी कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद संबंधित पक्ष को बातचीत करने का समय मिल सके. 

इसके बाद अमेरिका ने अजहर को काली सूची में डालने के लिए 27 मार्च को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीधे एक प्रस्ताव पेश कर दिया था जिसके बारे में चीन ने कहा था कि यह 1267 समिति को कमतर आंकने के बराबर है.  प्रवक्ता की तरफ से सोमवार को की गई ये टिप्पणियां पहली बार की गई हैं जब चीन ने अजहर के मुद्दे को सुलझाने की प्रगति के बारे में कुछ कहा. 

Masood Azahar is declared Global Terrorist by UNSC

In a major break through United Nations Security Council declared JeM Chief Masood Azhar a Globle Terrorist

Getting him declared as Globle Terrorist is not a big deal Rajiv Shukla Congress spokesperson on zee news

Pakistan-based Jaish-e-Mohammed (JeM) chief Masood Azhar was been listed as a global terrorist by the United Nations on Wednesday, 1 May, after the world body’s Sanctions Committee held a crucial meeting, amid indications that China could lift its hold on the proposal to blacklist Azhar.

“Big,small, all join together,” tweeted India’s India’s Ambassador & Permanent Representative to the United Nations.

This comes a day after Beijing said that the vexed issue of designating Azhar as a global terrorist by the UN will be “properly resolved.”

China had put a hold in March on a fresh proposal by the US, UK and France to impose a ban on the chief of the JeM which claimed responsibility for the deadly Pulwama terror attack. The proposal was the fourth such bid at the UN in the last 10 years to list Azhar as a global terrorist.

The Many Times India Moved to Designate Azhar as Terrorist

In 2009, India had moved a proposal by itself to designate Azhar as “global terrorist.”

In 2016 again India moved the proposal with the P3 – the United States, the United Kingdom and France in the UN’s 1267 Sanctions Committee to ban Azhar, also the mastermind of the attack on the air base in Pathankot in January, 2016.

In 2017, the P3 nations moved a similar proposal again.

However, on all occasions China, a veto-wielding permanent member of the Security Council, blocked India’s proposal from being adopted by the Sanctions Committee.

“I can only say that I believe that this will be properly resolved,” Chinese Foreign Ministry spokesman Geng Shuang told a media briefing in Beijing.

He was responding to questions on the media reports that China has reportedly consented to lift its technical hold on a fresh proposal moved by France, the UK and the US to list Azhar under the 1267 Al Qaeda Sanctions Committee of the UN Security Council.

International Community’s Pressure to Designate Azhar

Keeping up the international pressure to designate Azhar as a global terrorist, the US, supported by France and the UK, moved a draft resolution directly in the UN Security Council to blacklist the Pakistan-based terror organisation’s head.

Though China can exercise its veto power as a permanent member of the UNSC, Beijing has staunchly opposed the issue to be taken to the apex UN body as it has to publicly explain its stand on its reservations to list Azhar, whose group JeM has already been designated as terror outfit by UN, before exercising its veto.

“Regarding the listing issue in the 1267 Committee, we have expressed our position many times and I just want to stress two points,” Geng said answering a number of questions on Azhar’s issue.

On reports that China would lift its technical hold on 1 May, he said, “on the listing issue, China is still working with the relevant parties and we are in contact with all relevant parties within the 1267 Committee and I believe with the joint efforts of all parties, this will be properly resolved.”

Assets Freeze, Travel Ban & More

A UNSC designation will subject Azhar to an assets freeze, travel ban and an arms embargo.

An assets freeze under the Sanctions Committee requires that all states freeze without delay the funds and other financial assets or economic resources of designated individuals and entities. The travel ban entails preventing the entry into or transit by all states through their territories by designated individuals.

Under the arms embargo, all states are required to prevent the direct or indirect supply, sale and transfer from their territories or by their nationals outside their territories, or using their flag vessels or aircraft, of arms and related materiel of all types, spare parts, and technical advice, assistance, or training related to military activities, to designated individuals and entities.

The efforts to resolve Azhar’s listing issue gathered momentum last week with the visit of Pakistan Prime Minister Imran Khan to Beijing to attend China’s 2nd Belt and Road Forum held from 25-27 April.

During the visit, Khan held talks with Xi, besides meeting Premier Li Keqiang and Vice President Wang Qishan during which India-Pakistan tension following the Pulwama terror attack as well as listing of Azhar reportedly figured.

An official statement of China issued after Xi-Khan meeting on Sunday said the Chinese President had expressed hope that Pakistan and India can meet each other halfway and improve their relations.

गढ़चिरौली पर नक्सली हमला 15 शहीद

गढ़चिरौली : महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक बड़ा नक्सली हमला हुआ है. इस हमले में सीआरपीएफ के 15 जवान शहीद हो गए हैं. सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही गाड़ी का ड्राइवर भी मारा गया है. नक्सलियों ने आईडी ब्लास्ट कर पेट्रोलिंग के लिए जा रही गाड़ी को उड़ा दिया है. ये सभी जवान नक्सल विरोधी सी-60 ग्रुप के सदस्य थे.

घटनास्थल पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के भी गोलीबारी भी हुई. पुलिस के जवानों ने भी नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. ज्ञात हो कि गाड़ी में 16 जवान सवार थे. आईजी शेलार शरद ने जवानों के शहीद होने के खबर की पुष्टि की है. आईडी ब्लास्ट काफी जोरदार था. इस ब्लास्ट में गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए. 24 घंटे के अंदर यह दूसरा नक्सली हमला है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नक्सली हमले की निंदा की है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. शहीद जवानों के परिजनों के साथ मेरी संवेदना है. मैं बहादुर जवानों को सलाम करता हूं.

Strongly condemn the despicable attack on our security personnel in Gadchiroli, Maharashtra. I salute all the brave personnel. Their sacrifices will never be forgotten. My thoughts & solidarity are with the bereaved families. The perpetrators of such violence will not be spared.5,7872:32 PM – May 1, 2019

रामदास आठवले ने नक्सली हमले की निंदा करते हुए कहा कि नक्सलियों को खत्म करने की आवश्यक्ता है. नक्सलवादी लोगों की मांग से तो हम सहमत हैं, लेकिन उन्होंने जो मार्ग अपनाया है उससे किसी का भला होने वाला नहीं है. 

घटनास्थल पर सीआरपीएफ और पुलिस की टीम पहुंच चुकी है. ज्ञात हो कि आज महाराष्ट्र अपना स्थापना दिवस मना रहा है. इस दिन नक्सली हिंसी की दूसरी घटना है. बीती रात नक्सलियों ने 50 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. सड़क निर्माण में जुटी कंपनी के लगभग 50 वाहनों को निशाना बनाया गया.

नक्सलियों ने यहां कुरखेडा तालुका के दानापुर इलाके में इस वारदात को अंदाज दिया था. बताया जा रहा है कि रात के 11 से 3 बजे के बीच नक्सलियों ने यह अग्निकांड किया था. दरअसल इस इलाके में रास्तों की मरम्मत और नए रास्ते बनाने का काम चल रहा था. जिसके लिए जेसीबी और सीमेंट से लदे ट्रक रास्ते पर खड़े थे. स्थानीय पुलिस ने बताया था कि यह नक्सली प्रभावित इलाका है. जब काम शुरू हुआ तब कोई भी विरोध नही हुआ था. अचानक बीती रात नक्सलियों नें एक-एक कर 50 से भी ज़्यादा गाड़ियां फूंक दी. 

#UPDATE Official sources: 10 security personnel have lost their lives in an IED blast by Naxals in Gadchiroli. #MaharashtraANI✔@ANI#UPDATE Maharashtra: 10 security personnel injured in an IED blast by naxals in Gadchiroli. The blast was executed by naxals on a police vehicle which was carrying 16 security personnel.1542:11 PM – May 1, 2019

महाराष्ट्र पुलिस के नक्सलरोधी अभियान के आईजी शरद शेलार ने कहा कि नक्सलियों ने क्यूआरटी कमांडो को ले जा रहे वाहन को निशाना बनाया। घटनास्थल पर सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां रवाना की गई हैं।

क्या है सी 60 कमांडो

नक्सलियों से मुकाबला करने के लिए 1992 में सी-60 फोर्स तैयार की गई थी। इसमें पुलिस फोर्स के 60 जवान शामिल होते हैं। यह काम गढ़चिरौली के तब के एसपी केपी रघुवंशी ने किया था। सी-60 में शामिल पुलिस के जवानों को गोरिल्ला युद्ध के लिए तैयार किया जाता है। इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, बिहार और नागपुर में होती है। 

अभी गढ़चिरोली के धमाके की गूंज भी शांत नहीं हुई की राजनीति शुरू हो गयी है.

R भारत के प्रवक्ता आलोक वर्मा से छत्तीस गढ़ में नक्सलियों के छूट जाने और चार्जशीट न होने या फिर ढुलमुल चार्जशीट दायर करने से उनके छूटने की वजह पूछने पर कांग्रेस प्रवक्ता रमेश वर्लीयान ने कहा कि नक्सली कोई देश के दुश्मन नहीं हैं, उन्हे ठीक से डील (deal) नहीं किया गया इसीलिए वह हिंसा का रास्ता अपनाते हैं। उन्होने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी ने इतने साल क्या किया?

जबकि नकसलवाद 1969 में आज़ादी के मात्र 22 वर्ष बाद उभरा था और यह ततकालीन सरकार की कुनीतियों के कारण शोषित वर्ग का दंश था।

भारत में नक्सलवाद की बड़ी घटनाएं

  • 2007 छत्तीसगढ़ के बस्तर में 300 से ज्यादा विद्रोहियों ने 55 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट पर ‌उतार दिया था।
  • 2008 ओडिसा के नयागढ़ में नक्सलवाद‌ियों ने 14 पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की हत्या कर दी।
  • 2009 महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में हुए एक बड़े नक्सली हमले में 15 सीआरपीएफ जवानों की मौत हो गयी।
  • 2010 नक्सलवादियों ने कोलकाता-मुंबई ट्रेन में 150 यात्रियों की हत्या कर दी।
  • 2010 पश्चिम बंगाल के सिल्दा केंप में घुसकर नक्सलियों ने 24 अर्द्धसैनिक बलों को मार गिराया।
  • 2011 छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा में हुए एक बड़े नक्सलवादी हमले में कुल 76 जवानों की हत्या कर दी जिसमें सीआरपीएफ के जवान समेत पुल‌िसकर्मी भी शामिल थे।
  • 2012 झारखंड के गढ़वा जिले के पास बरिगंवा जंगल में 13 पुलिसकर्मीयों को मार गिराया।
  • 2013 छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने कांग्रेस के नेता समेत 27 व्यक्तियों को मार गिराया।

नकसलवाद पर पहले भी कांग्रेस ए बयान आते रहे हैं राज बब्बर नक्सलवादियों को क्रांतिकारी कहते हैं। मतलब भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ने का उन्हे अधिकार है।

Masood issue “can be properly resolved”: Geng Shuang

China put a technical hold in March on a fresh proposal to impose a ban on the head of Pakistan-based JeM which claimed responsibility for the deadly Pulwama terror attack.

Citing “some progress” on the issue of listing of the Pakistan-based Jaish-e-Mohammad chief Masood Azhar as a terrorist at the UN Security Council, China indicated on Tuesday that it was willing to change its decade-old stand opposing the move.

“The relevant consultations are going on within the committee and have achieved some progress,” said Chinese Foreign Ministry spokesperson Geng Shuang, adding that he believed the issue of Azhar’s listing, which was put on hold by Beijing on March 13, “can be properly resolved.”

Diplomatic sources confirmed to media that Masood Azhar could be placed on the UNSC’s 1267 Committee’s list of sanctioned individuals and entities as early as Wednesday, once China formally intimated its decision to lift the hold, which it placed on a proposal initiated by the U.S., the U.K, and France after the Pulwama attack in February this year.

May 1 deadline

A UN diplomat in New York told media that a silence period (during which objections may be raised), which kicked off on April 23, would end at 9 a.m. (New York time) on May 1.

The UNSC 1267 panel last met to discuss the designation of Masood Azhar as a terrorist on April 23, when China and the U.S. disagreed on when the listing would go through, the diplomat said.

While China wanted to hold off on the decision until mid-May, the U.S. did not want to wait beyond April 23 to wrap up the process to list Azhar.

Asked specifically about a newspaper report that the listing would be done on May 1, Mr. Geng said, “China is still working with the relevant parties and we are in contact with all relevant parties within the 1267 Committee and I believe with the efforts of all parties, this will be properly resolved.”

The Ministry of External Affairs did not comment on the report, as an official said the government would “wait for the decision” before making any statement.

The listing of Masood Azhar, who’s organisation JeM was listed in 2001, has been pending for more than a decade.

This is the fourth attempt by countries at the UNSC and India to bring Azhar under UN sanctions . China had vetoed each of the previous proposals citing it had not received enough evidence against Azhar, who was released in 1999 during the IC-814 hijacking in exchange for hostages.

Diplomatic sources said China’s turnaround came after Foreign Secretary Vijay Gokhale’s visit to Beijing last week, where India shared details of all the evidence on Masood Azhar, including links to the February 14 Pulwama attack for which the JeM had claimed responsibility. American, British and French diplomats had been pursuing the case with China, even threatening to bring the listing proposal to the entire UNSC for a vote if China refused to relent.

Optimistic note

On Friday, British High Commissioner to India Dominic Asquith said he was “optimistic” that the proposal would go through shortly.

In an interview on Monday, Pakistan Foreign Ministry spokesman Mohammad Faisal said Pakistan was “willing to discuss the listing”, but rejected evidence of Azhar’s links to the Pulwama attack.

उदित राज के बिगड़े बोल राष्ट्रपति पर की अपमानजनक टिप्पणी

नई दिल्‍ली। राजनीति में निष्‍ठाऐं बदलने की कहावत से चार कदम आगे बढ़कर आज दलित नेता Udit Raj ने निष्‍ठा बदलने के बाद मर्यादाओं की सारी सीमा भी लांघ दी। ये अलग बात है कि जिस लोकसभा टिकट के लिए Udit Raj बीजेपी छोड़ कांग्रेस में गए तो टिकट उन्‍हें कांग्रेस ने भी नहीं दिया।

दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 में टिकट नहीं मिलने पर हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए दलित नेता उदित राज ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेकर विवादित बयान दिया है। उदित राज ने कहा कि बीजेपी ने दलित वोट हासिल करने के लिए एक अयोग्य नेता को राष्ट्रपति के पद पर बैठा दियागूंगे बहरे आदमी को राष्ट्रपति की जिम्मेदारी दे दी।

उदित राज ने कहा कि वे राष्ट्रपति पद की गरिमा पर नहीं, बल्कि व्यक्तिगत तौर पर कोविंद की योग्यता पर सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में भाजपा दलित महिला और मुस्लिम विरोधी है। भाजपा नेता जेएनयू में कंडोम का पता कर सकते हैं तो फिर पुलवामा में 300 किलो आरडीएक्स का पता करने में उनकी इंटेलिजेंस क्यों विफल हो गई। उदित राज ने यह भी कहा कि वे अपने राम मंदिर के बौद्ध नगरी होने को लेकर किए गए दावे को अभी भी कायम हैं।

उन्होंने पीएम मोदी पर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाया।  पीएम मोदी अंबेडकर के नाम पर दलित की राजनीति कर रहे हैं। भाजपा को दलित नेता नहीं, केवल दलित वोट चाहिए। बीजेपी में गूंगे बहरे दलित नेता को ऊपर पहुंचाया जाता है। भाजपा गूंगे बहरे दलित नेता चाहते हैं। इसी वजह से रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया गया है।

हलफनामा जमा करवाने के लिए राहुल को मिली नयी तारीख

आज का मंगलवार राहुल गांधी के लिए मंगलकारी नहीं था। जहां एक ओर गृह मंत्रालय ने उनकी नागरिता को ले कर स्पष्टीकरण मांगा वहीं दूसरी ओर सर्वोच्च न्यायालय ने उनके वकीलों द्वारा दाखिल दूसरे हलफ नामे को भी खारिज कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि एक माफी मांगने के लिए 22 पन्नों का हलफनामा किस लिए? और हलफनामे में माफी शब्द का कहीं भी उल्लेख नहीं? अंत में (खेद) जैसे शब्द का प्रयोग करने से पहले अपने कृत्य को आप 22 पन्नों में सही ठहरा रहे हैं? सर्वोच्च न्यायालय ने कड़े कदम उठाने कि बात कही तो सिंघवी ने हलफनामे को दुरुस्त अरने ए लिए वक्त कि मांग कि।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट  ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उनकी कथित अपमानजनक ‘‘चौकीदार चोर है’’ टिप्पणियों को गलत तरीके से शीर्ष अदालत के हवाले से बताने के मामले में मंगलवार को एक और हलफनामा दाखिल करने का अवसर दिया. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ के समक्ष राहुल गांधी ने अपने वकील के माध्यम से स्वीकार किया कि इस टिप्पणी को शीर्ष अदालत के नाम से बताकर उन्होंने गलती की.

सिंघवी ने कहा कि मेरी ओर (राहुल गांधी की ओर से) से ग़लती हुई है. इसके लिए माफी मांगता हूं. सिंघवी ने कहा सोमवार तक एडिशनल एफिडेविट दाखिल करेगे. सुप्रीम कोर्ट ने एडिशनल एफिडेविट दाखिल करने की इजाजत दी. सोमवार को अगली सुनवाई.

प्रधान न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि हलफनामे में एक जगह कांग्रेस नेता ने अपनी गलती स्वीकार की है लेकिन एक अन्य जगह कोई भी अपमानजनक टिप्पणी करने से इंकार किया है. पीठ ने कहा, “हमें यह समझने में बहुत अधिक दिक्कत हो रही है कि हलफनामे में आप कहना क्या चाहते हैं.” कोर्ट ने कहा, “राहुल गांधी की ओर से दाखिल हलफनामे में विरोधाभास है. एक जगह वो कहते है कि उन्होंने बयान दिया है, दूसरी जगह वो ऐसा करने से मना करते हैं.” 

कोर्ट ने गांधी के वकील से कहा कि हलफनामे में बताए गए राजनीतिक रुख से उसका कोई लेना-देना नहीं है. राहुल गांधी ने कहा कि हलफनामे में प्रयुक्त खेद शब्द उन टिप्पणियों के लिए क्षमायाचना जैसा है जो गलत तरीके से शीर्ष अदालत के नाम से बतायी गयी थीं जबकि उसने ऐसा कभी कहा ही नहीं था. बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने इन टिप्पणियों के लिए ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए याचिका दायर की है लेखी ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर तरह की अवमानना है. न्यायालय ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की याचिका की सुनवाई छह मई के लिए सूचीबद्ध कर दी. 

चीन के मुखपृष्ठ ने माना कि – फिर एक बार मोदी सरकार

द्निया में यूं तो मोदी के बहुत से मुरीद हैं लेकिन राष्ट्र के राष्ट्र मोदी की लहर में होंगे यह अविस्मर्णिया है विदेशों खास कर रूस द्वारा मोदी ओ सर्वोच्च नागरिका सम्मान से विभूषित करना न केवल मोदी के बढ़ते हुए कद को दर्शाता है वहीं हमारे अपने राष्ट्र को भी एक संदेश देता है, सम्मान जन्म से नहीं अपने कर्मों से अर्जित किया जाता है। मोदी को सम्मानित करने वाले देश चीन सरकार का मुखपत्र माने जाने वाले ‘ग्‍लोबल टाइम्‍स’ ने कहा है कि पीएम मोदी के सियासी कद के आगे फिलहाल भारत का कोई नेता नहीं है. बीजेपी का संगठन विपक्ष से बेहतर है, इसलिए वापसी की संभावना है.

बीजिंग: चीन के सरकारी मीडिया ने लोकसभा चुनाव 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में दोबारा बीजेपी के सत्‍ता में आने की भविष्‍यवाणी की है. चीन सरकार का मुखपत्र माने जाने वाले ‘ग्‍लोबल टाइम्‍स’ ने कहा है कि पीएम मोदी के सियासी कद के आगे फिलहाल भारत का कोई नेता नहीं है. बीजेपी का संगठन विपक्ष से बेहतर है, इसलिए वापसी की संभावना है.

‘ग्‍लोबल टाइम्‍स’ के एक आर्टिकल में कहा गया, ”भारत में 11 अप्रैल से चुनाव हो रहे हैं और सबकी निगाहें 23 मई यानी नतीजों के दिन पर टिकी हुई हैं. चुनाव में इस बात की पूरी उम्‍मीद है कि पीएम नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी संसद में सबसे बड़ा दल बनकर उभरेगी. पीएम नरेंद्र मोदी के सियासी कद जैसा कोई नेता नहीं है. बीजेपी की फंडिंग शक्ति और संगठन की ताकत विपक्ष से बेहतर है. ऐसे में लगता है कि पीएम मोदी के दोबारा सत्‍ता में वापसी की संभावना है.”

मोदी की कूटनीतिक विरासत जारी रहनी चाहिए, चुनाव नतीजे चाहें जो हों’ शीर्षक से लिखे गए इस आर्टिकल में पीएम मोदी के दुनिया के देशों के साथ किए गए कूटनीतिक प्रयासों की तारीफ की गई है. इसमें पीएम मोदी को ‘व्‍यावहारिक’ नेता बताते हुए सार्क और चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों के लिए मोदी की सराहना की गई है. इसके साथ ही पीएम मोदी और शी चिनफिंग के पिछले साल वुहान में अनौपचारिक बातचीत का विशेष जिक्र करते हुए आर्टिकल में कहा गया है कि भारत में चुनाव नतीजे चाहें जो हों लेकिन भारत और चीन के बीच राजनीतिक, सांस्‍कृतिक और आर्थिक संबंध प्रगाढ़ होने चाहिए.

वुहान बैठक का एक साल पूरा
उल्‍लेखनीय है कि भारत और चीन वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच ‘अनौपचारिक बैठक’ के एक साल होने पर मध्य चीनी शहर में सप्ताह भर चलने वाले भारत महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं. मोदी-शी के बीच 27-28 अप्रैल 2018 को हुई बैठक के एक साल होने पर भारत ने वुहान में भारत के रंग (कलर्स ऑफ इंडिया) सप्ताह की शुरूआत की है. इस दौरान नृत्य प्रस्तुति, सिनेमा की प्रदर्शनी, फोटो प्रदर्शनी और व्यापार तथा पर्यटन को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों का आयोजन होगा.

चीन में भारतीय दूत विक्रम मिसरी और वुहान के उप मेयर चेन शीजिन ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया. भारतीय दूतावास ने बताया कि बीजिंग में भारतीय दूतावास और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर), नयी दिल्ली हुबेई प्रांतीय सरकार और वुहान नगर सरकार के सहयोग से इसका आयोजन कर रहा है. चाइना आर्ट एसोसिएशन ने भी इसमें मदद की है.

शलिनी यादव ने वाराणसी चुनाव को दिया दिलचस्प मोड़

समाजवादी पार्टी ने बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव को सोमवार को वाराणसी संसदीय सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. तेजबहादुर पहले प्रधानमंत्री के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे. सपा ने पहले इस सीट पर शालिनी यादव को टिकट दिया था लेकिन नामांकन के आखिरी दिन पार्टी ने तेज बहादुर को टिकट देकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. 

लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव को सोमवार को वाराणसी संसदीय सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. तेजबहादुर पहले प्रधानमंत्री के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे. सपा ने पहले इस सीट पर शालिनी यादव को टिकट दिया था लेकिन नामांकन के आखिरी दिन पार्टी ने तेज बहादुर को टिकट देकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. 

सोमवार दोपहर बाद सपा की ओर से आधिकारिक तौर पर बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव को वाराणसी से सपा का टिकट दे दिया गया. इस बाबत सपा के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से जानकारी भी दोपहर बाद साझा की गई. तेजबहादुर सपा समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार पहुंचे, और उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया. 

इसी बीच, पूर्व में वाराणसी सीट से सपा की ओर से घोषित उम्मीदवार शालिनी यादव ने कहा कि वह अभी भी पार्टी की आधिकारिक प्रत्याशी हैं. शालिनी ने कहा, “मैंने अपना नामांकन पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर दाखिल किया है. मैं पार्टी की आधिकारिक प्रत्याशी हूं.”

शालिनी ने हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा देकर सपा का दामन थामा था. वह कांग्रेस की ओर से मेयर प्रत्याशी रह चुकी हैं. शालिनी ने हालांकि तेजबहादुर की उम्मीदवारी को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह पार्टी के आदेश का पालन करेंगी. शालिनी ने कहा, “मैं तेजबहादुर की उम्मीदवारी पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी. मैंने पार्टी अध्यक्ष के निर्देश का पालन किया है और करूंगी.” 

वाराणसी से पीएम मोदी फिर से मैदान में
वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम नरेंद्र मोदी एक बार फिर से चुनावी मैदान में हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के बीच मुकाबला हुआ था. मोदी ने केजरीवाल को 3.33 लाख वोट से हराया था. इस बार सपा, पूरे उत्तर प्रदेश में बीएसपी और आरएलडी से गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस की ओर से अजय राय मैदान में हैं. अजय राय पिछले बार भी पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़े हैं. हालांकि उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था.वाराणसी में लोकसभा के अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होना है. 

समाजवादी पार्टी ने बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव को सोमवार को वाराणसी संसदीय सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. तेजबहादुर पहले प्रधानमंत्री के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे. सपा ने पहले इस सीट पर शालिनी यादव को टिकट दिया था लेकिन नामांकन के आखिरी दिन पार्टी ने तेज बहादुर को टिकट देकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.