श्रीलंका नहीं सहेगा धार्मिक उन्माद, 200 मौलानाओं समेत 600 लोगों को देश से निकाला
श्रीलंका अभी गृह युद्ध के संताप से उबर रहा है। चीन की विसतरवादी नीति और मदद से यहाँ श्रीलंका को एक आर्थिक उपनिवेश बनाया जा रहा है। चीन की उपस्थिती से वहाँ कोई धार्मिक असहिशुणता का माहौल नहीं बनता। अभी हाल ही में हुए धमाकों से दहला श्रीलंका अपने राष्ट्र हित में अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कुछ कड़े निर्णय लेने को बाध्य हुआ है। इन निर्णयों के पीछे राष्ट्र में तुष्टीकरण की राजनीति का न होना ही प्रमुख कारण है। श्रीलंका द्वारा अपने राष्ट्र हित में उठाए गए कदम स्वागत योग्य हैं।
कोलंबो: श्रीलंका ईस्टर आत्मघाती बम धमाकों के बाद से अब तक 200 मौलानाओं समेत 600 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को निष्कासित कर चुका है. एक मंत्री ने रविवार को यह जानकारी दी. गृह मंत्री वाजिरा अभयवर्द्धने ने कहा कि मौलाना वैध रूप से देश में आए थे, लेकिन हमलों के बाद हुई सुरक्षा जांच में पाया गया कि वह वीजा खत्म होने के बावजूद देश में रह रहे थे. इसके लिये उन पर जुर्माना लगाकर देश से निष्कासित कर दिया गया. अभयवर्द्धने ने कहा, “देश में सुरक्षा की ताजा स्थिति को ध्यान में रखते हुए हमने वीजा प्रणाली की समीक्षा की और धार्मिक शिक्षकों के लिये वीजा प्रतिबंध को कड़ा करने का निर्णय लिया.”
उन्होंने कहा, “निष्कासित किये गए लोगों में 200 मौलाना हैं.” गौरतलब है कि श्रीलंका में 21 अप्रैल को ईस्टर के मौके पर हुए बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी और 500 से ज्यादा घायल हो गए थे. इन हमलों को स्थानीय मौलाना ने अंजाम दिया था, जिसने हमले से पहले पड़ोसी देश भारत का दौरा कर जिहादियों से संपर्क बनाए थे. हमले की जिम्मेदारी एक स्थानीय जिहादी समूह ने ली थी.
ईस्टर के मौके पर बम विस्फोट के दो सप्ताह बाद सोमवार को फिर से खुलेंगे श्रीलंका के स्कूल
देश में सबसे भीषण आतंकी हमले के दो सप्ताह के बाद भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार को श्रीलंका में फिर से स्कूल खुलेंगे. हमले के बाद अधिकारियों ने शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया था. हमले के बाद अधिकारियों ने अगले आदेश तक स्कूलों को बंद कर दिया था. कोलंबो पेज की खबर के मुताबिक, सोमवार को छठी से लेकर 13 वीं कक्षा तक के सभी सरकारी स्कूलों का दूसरा सत्र शुरू हो जाएगा.
पहली से लेकर पांचवीं तक का दूसरा सत्र 13 मई को शुरू होगा. हालांकि, सरकारी सूचना के महानिदेशक नलका कलुवेवा के मुताबिक, कक्षा छठी और उससे ऊपर की कक्षाएं ही चलेंगी. मंत्री अकिला विराज करियावासम ने बताया कि स्कूल के नए सत्र की शुरूआत के साथ स्कूल परिसरों में एक विशेष सुरक्षा कार्यक्रम को लागू किया जाएगा. रिपोर्ट में बताया गया है कि स्कूलों की सुरक्षा के सिलसिले में शिक्षा मंत्रालय द्वारा विशेष परिपत्र जारी किए गये हैं.