रूको, अरे सुनो , नए फैशन के पत्रकार:

हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर विशेष:
सरिका तिवारी

रूको, अरे सुनो , नए फैशन के पत्रकार ।
ऐसा कौन सा कर्म-कुकर्म तुमने कर डाला, जो तुम्‍हारे गले की हड्डी की तरह फंसा हुआ है : कलम को तोप नहीं, तमंचा को परमाणु मानते हैं यह जर्नलिस्‍ट : तुम्‍हें इतना ही डर लगता है, तो पत्रकारिता को क्‍यों बदनाम करते हो : दास्‍तान-ए-डरपोंक पत्रकार-एक :

आवश्यकता है

‘‘चाहिए स्वराज्य के लिए एक संपादक। वेतन-दो सूखी रोटियां, एक गिलास ठंडा पानी और प्रत्येक संपादकीय के लिए दस साल जेल और विशेष अवसर पे अपना सिर कटाने के लिये तैयार, योग्य कलमकार’’

ढम्‍म, ढम्‍म, ढम्‍म।
सुनो, सुनो।
आज के कुछ पत्रकारों की कहानी सुनो। 
बिलकुल नएदौर के पत्रकारों की कहानी।
नये टेस्‍ट वाले पत्रकारों की कहानी।
अनोखे बिजूखा-टाइप नये-नये अंदाज के पत्रकारों की कहानी।
बिना कलम वाले पत्रकारों की कहानी। बिना किसी खबर वाले पत्रकारों की कहानी।
बकलोल पत्रकारों की कहानी।
बहादुर होने का चोला पहन कर डर पोंक रहे पत्रकारनुमा पत्रकारों की कहानी।
सिर्फ दलाली पर आमादा पत्रकारों की कहानी। खबर लिखने की तमीज नहीं, लेकिन इन्‍हें भय बहुत है।
इतने भयभीत हैं यह पत्रकार, कि उन्‍हें गनर चाहिए। सरकारी गनर, विद कारबाइन।
ढम्‍म, ढम्‍म, ढम्‍म।

जी हां, आइये ऐसे पत्रकारों की कहानी सुनिये, जो कर्म से भले पत्रकार न हों, लेकिन खुद को पत्रकार के तौर पर यत्र-तत्र-सर्वत्र विचरण करते रहते हैं। मनुष्‍यरूपेण मृगाचरन्ति। यह गजब कहानी है पत्रकारिता के उन पहरूओं की, जिनका पत्रकारिता से धेला भर लेना-देना नहीं होता। वे दावा तो करेंगे कि वह करते हैं पत्रकारिता, लेकिन डर-डर कर। इतना डरेंगे कि डरपोंक मारेंगे। डर के मारे नानी मरती है इन बहादुर पत्रकारों की। लिखने की तमीज भले न हो, लेकिन उन्‍हें अपनी सुरक्षा के लिए वे यत्र-तत्र-सर्वत्र चिल्‍ल-पों करते दिख जाते हैं। जिस किस की भी चरण-धूलि अपने माथे पर टीका की तरह सजा लेंगे और फिर भिक्षा में मांगेंगे गनर। सरकारी गनर। सरकारी स्‍टेनगन के साथ वाला गनर।
उस समय सबकी ज़रूरत सिर्फ और सिर्फ आजादी थी और उसे किसी भी हाल में हासिल करने का एकमात्र उद्देश्य लोगों के ज़हन में था। बंदूक, तलवार, तोपें और तमाम बड़े-बड़े हथियारों से क्रांतिकारी स्वतंत्रता की जंग लड़ रहे थे किंतु क्रांति का हर प्रयास सिर्फ निराशा को ही देने वाला था और इसका परिणाम था 1857 की क्रांति की विफलता। बस इसी दौर में हथियारों से परे आजादी की अलख जगाने का जिम्मा कलमकारों ने अपने हिस्से लिया और कलम की ताकत कुछ ऐसी चमकी, कि मशहूर शायर अकबर इलाहबादी को कहना पड़ा-

“खींचों न कमानों को न तलवार निकालो, जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो”

जुझारू पत्रकारों के इस अमिट योगदान को बयाँ करने के लिये महान् कवियत्री महादेवी वर्मा को कहना पड़ा “पत्रकारों के पैरों के छालों से आज का इतिहास लिखा जाएगा”

इतना ही नहीं, ‘स्वराज्य’ नामक अखबार ने अपने संपादक पद के लिए छपा यह विज्ञापन इस बात को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है- ‘‘चाहिए स्वराज्य के लिए एक संपादक। वेतन-दो सूखी रोटियां, एक गिलास ठंडा पानी और प्रत्येक संपादकीय के लिए दस साल जेल और विशेष अवसर पे अपना सिर कटाने के लिये तैयार, योग्य कलमकार’’

स्वदेशी आंदोलन के समय 1907 में उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के निवासी शांति नारायण भटनागर ने अपनी जमीन-जायदाद बेचकर स्वराज्य नामक साप्ताहिक अखबार निकाला। स्वराज्य अखबार के सम्पादकों को कुल 125 वर्ष के काले पानी की सजा हुई, फिर भी डिगे नहीं। स्वराज के संस्थापक भटनागर जी ‘रायजादा’ कहलाते थे उन्हें भी सरकार ने नहीं छोड़ा। तीन वर्षों का सश्रम कारावास हुआ। स्वराज प्रेस जब्त कर लिया गया। नया प्रेस खुला। बलिदानी सम्पादकों ने फिर कमान संभाल ली। होती लाल वर्मा को 10 वर्ष तथा बाबू राम हरि को 11 अंकों के प्रकाशन के बाद 21 वर्षों की सजा हुयी। मुंशी राम सेवक नये सम्पादक के रूप में कलेक्टर को अपना घोषणा पत्र ही दे रहे थे कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। कलेक्टर ने चुनौती दी कि और भी कोई है इस तख्त पर गद्दीनशीन होने के लिये। तब आगे आये देहरादून के नंद गोपाल चोपड़ा। जिन्हें 12 अंकों के सम्पादन के बाद 30 वर्षों की सजा दी गयी। तब एकदम से 12 नामों की सूची सम्पादक बनने के लिए आयी। सभी ने कहा हम करेंगे सम्पादन। किंतु पंजाब के फील्ड मार्शल कहे जाने वाले लद्धा राम कपूर सम्पादक बने। उन्हें तीन सम्पादकीय लिखने पर प्रति सम्पादकीय 10 वर्ष अर्थात् कुल तीस वर्षों की सजा हुई। इसके पश्चात अमीर चन्द्र जी इसके सम्पादक बने। किन्तु यहां महत्व का विषय यह है कि हर सम्पादक के जेल जाने के बाद स्वराज में एक विज्ञापन छपता था ‘सम्पादक चाहिए- वेतन दो सूखे ठिक्कड़ (रोटी), एक गिलास ठंडा पानी, हर सम्पादकीय लिखने पर 10 वर्ष काले पानी की कैद’। फिर भी लोग डरे नहीं, दमन के सम्मुख झुके नहीं। स्वाभाविक रूप से उनकी प्रेरणा का आधार बिगड़ती व्यवस्था का अंर्तनाद ही था।

लेकिन अब इन्‍हें अपने पेशे को चमकाने के लिए खबरों और व्‍याकरणों की जरूरत नहीं पड़ती है। बल्कि उसके ठीक उलट, उन्‍हें अपना धंधा चमकाने के लिए सरकारी स्‍टेनगन लादे एक सरकारी गनर की जरूरत पड़ती है, जिसके साथ वे खड़े हों और छाती ठोंक कर यह प्रदर्शन करने की मूर्खता कर सकें कि उनकी सुरक्षा अब सरकार का जिम्‍मा बन चुका है। जाहिर है कि वह दलाली ही है, जिसका दारोमदार इस नये दौर के पत्रकारों ने थाम लिया है। इनमें से ही कई लोग भी हैं, जो खुद को वरिष्‍ठ पत्रकार के तौर पर पेश करते हैं, लेकिन अपनी काली-करतूतों के चलते गनर हासिल कर उसका सार्वजनिक प्रदर्शन करते रहते हैं।

जी हां, अब नतीजा यह कि पत्रकारिता अब कलम के सिपहसालारों की संख्‍या अब बेहद न्‍यून होती जा रही है। उनकी जगह ले लिया है बनावटी और दिखावटी पत्रकारों ने, जिनको पत्रकारिता का ककहरा तक नहीं आता, लेकिन झूठ और चापलूसियों की ऐसी-ऐसी लन्‍तरानियां उछालने में माहिर हैं यह पत्रकार।

तेज प्रताप और काँग्रेस ने महागठबंधन की बैठक से बनाई दूरी

पटना: 

लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद आज महागठबंधन की राबड़ी देवी के आवास पर समीक्षा बैठक हुई लेकिन बैठक से कांग्रेस नेताओं ने दूरी बना ली. राबड़ी आवास पर महागठबंधन के नेता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि का इंतजार करते रह गए लेकिन बैठक में न तो अध्यक्ष आए और न कोई दूसरा नेता. आखिरकार बिना कांग्रेस के हीं बैठक शुरू हुई बैठक में तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, शरद यादव, उपेन्द्र कुशवाहा, मुकेश सहनी मौजूद थे. जीतनराम मांझी भी इस बैठक से दूर रहे. उनके तरफ से उनके बेटे विधान पार्षद संतोष सुमन और प्रदेश अध्यक्ष बीएल बैसंत्री शामिल हुए. 

इस बैठक में आरजेडी के 80 विधायक में से 20 विधायक नदारद रहे. तेजप्रताप भी इस बैठक से दूर रहे. बैठक में सर्वसहमति से तेजस्वी यादव को नेता चुना गया और तय किया गया कि 2020 का विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा. 

लोकसभा चुनाव में आरजेडी का सूपड़ा साफ होने के बाद अपनी हार की समीक्षा कर रही है. आज पार्टी द्वारा दो सत्रों में बैठक बुलाई गई. पहले सत्र में जहां महागठबंधन में शामिल दलों की बैठक हुई तो दूसरे सत्र में आरजेडी विधायक दल की बैठक हुई. इसमें शामिल विधायकों से राय ली गई. नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव के अलावा पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देवी समेत अन्‍य विधायक पहुंचे  लेकिन जिसकी उम्‍मीद थी तो वही हुआ. बैठक से तेज प्रताप यादव नदारद रहे. साथ ही 20  विधायक भी बैठक में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे. 

राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित इस बैठक में तेजस्‍वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव के भी पहुंचने की उम्‍मीद थी. इसे लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि लंबे अंतराल के बाद राबड़ी आवास पर तेज प्रताप पहुंचेंगे लेकिन एक बार फिर वे बैठक में नहीं पहुंचे. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे और तेजस्वी यादव से सवाल किया गया तो टाल गए.

वहीं, बैठक में आरजेडी ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आस्था जताई. समीक्षा बैठक में कहा गया कि तेजस्वी बिहार के भविष्य हैं. 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. आरजेडी के अंदर खाने से खबर यह भी है कि आने वाले दिनों में पार्टी में नीचे स्तर से लेकर ऊपर स्तर तक बड़े बदलाव किए जा सकते है लेकिन सवाल यह है कि 2019 में तेजस्वी के नेतृत्व में खता नहीं खोलने वाली आरजेडी 2020 में कितना सफल हो पाएगी, यह आने वाला वक्त बताएगा.

Rishikulam Seva Dham में गरीब बच्चों ने दी वीर सावरकर को भावपूर्ण श्रृद्धान्जली।

Rishikulam Seva Dham में गरीब बच्चों की शिक्षा एवं नशामुकि्त के लिए कार्यकरने वाली प्रमुख समाजसेवी संस्था ह्यूमन लाईफ फाऊण्डेशन द्वारा आज आर्थिक रूप से पिछडे एवं झुग्गी झोंपडियों में रहकर जीवनयापन करनेवाले अत्यधिक कमजोर, बेघर एवं निरक्षर बच्चों के साथ महान स्वतंत्रता सेनानी, हिन्दुत्व की अवधारना के जनक एव विचारक नेता स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर का जन्मदिन १३६ वां जन्मदिन मनाया।

आज समारोह में उपसि्थत अतिथियों, श्रोताओं एवं बच्चों ने मिलकर उनके जीवन संस्मरणों एवं देश की आजादी में उनके योगदान को याद किया।इस अवसर पर ह्यूमन लाईफ फाऊण्डेशन के संस्थापक हेमराज चतुर्वेदी ने बताया कि कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन किया। फिर उनके जीवन की प्रमुख घटनाओं को याद करके सभी अतिथियों ने श्रृद्धान्जली स्वरूप पुष्प अर्पण किये दी।

समाजसेवी कार्यकर्ता हेमराज चुतुर्वेदी ने बताया कि राष्ट्रप्रेम की भावना को जनजन तक पहुंचाने , सभी में आत्मस्वाभीमान जगाने के उद्देश्य से वीर सावरकर जयंती का कार्यक्रम Rishikulam Seva Dham, बीलवा जयपुर में आयोजित किया गया। इसमें भारत रक्षा मंच के श्री नटवरलाल शर्मा मुख्य अतिथि, श्री लक्ष्मीनारायण शर्मा, श्रीमति पायल लश्करी एवं श्रीमति संतोष फतेहपुरिया रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता मानव मिलन संस्था के श्री प्रमोद चौरडिया ने की। मुख्यअतिथि ने वीर सावरकर की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे सुभाष चंद्र बोस सहित हजारों क्रांतिकारियों के प्रेरणा श्रोत रहे। अंग्रेजों की गुलामी उन्हें पसंद नहीं थी । उनका आत्मसम्मान बहुत ऊंचे दर्जे का था इसलिए लंदन में बेरिस्टर की परीक्षा पास करने के बाबजूद वहां के राज्य के प्रति अधीनस्थता की शपथ नही ली। इस कारण उन्हें वकील की डिग्री कभी नहीं मिली।

विशिष्ट अतिथि श्री लक्षमी नारायण शर्मा नेइस मौके पर राजस्थान सरकार से स्कूली पाठ्यक्रम में सावरकर की जीवनी के अध्याय में काटछांट की निंदा की और मांग करी की इस महान स्वतंत्रता सेनानी की जीवनी को अधिक से अधिक कक्षाओं में पढाये जाये जिससे कि बच्चे उनसे प्रेरणा लेकर महान एवं वैभवशााली भारत बनाने में योगदान दे सकें। विशिष्ट अतिथि भारतसरक्षा मंच महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष पायल लश्करी ने ह्यूमन लाईफ फाऊण्डेशन के द्वारा किये गये गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए किये जा रहे सेवा कार्यों को वीर सावरकर के लिए सच्ची श्रृद्धान्जली बताते हुए कहा कि सावरकर ने अपने साहित्य में गरीबों के उत्थान में इसी प्रकार के कार्य करने पर बल दिया। वे अशिक्षा, कुप्रथा,अंधविश्वास, गुलामी एवं देश को विभाजित एवं कमजोर करने वाली हर चीज से जीवन भर लडते रहे।

इस अवसर पर महिला मोर्चा की ओर से ह्यूमन लाईफ के लिए १२ कुर्सियों का योगदान दिया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मानव मिलन संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रमोद चौरडिया ने फाऊण्डेशन के स्कूली बच्चों एवं श्रोताओं को ओजस्वी उद्बोधन देते हुए कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में वीर सावरकर का योगदान अन्य सेनानियों की तुलना में बहुत ज्यादा था। सावरकर का साहित्य सभी क्रांतिकारी नेताओं का प्रेरित करता रहा। देश से अंग्रेजों को खदेडने का कार्य महात्मागांधी ने नही बलि्क वीर सावरकर एवं उनके अनुयायियों ने किया।

वीर सावरकर ने काले पानी की आजीवन सजा के समय जेल में रहकर महान प्रेरणादायी हिदुत्ववादी साहित्य का सृजन किया और चोरी चुपके कांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों तक पहुंचाते रहे। उनका वही साहित्य आज भी देश के लोगों में आत्सम्मान एवं असि्मता को जगा रहा है। उनके विचारों के बल पर ही देशवासीयों में राष्ट्रवाद एवं देशप्रेम की भावना अब ज्वार बनकर दिखाई दे रही है । यदि वीरसावरकर नही होते तो आज देश में पूर्ण बहुमत की सरकार भी नहीं होती। श्रीमित संतोष फतेहपुरिया ने कहा कि आज के दिन देशप्रेम की भावना एवं सेवाकार्यों में प्रतिबद्धता का संकल्प लेना चाहिये। उन्होंने फाऊण्डेशन के कार्य को आगे बढाने का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर ह्यूमन लाईफ फाऊण्डेशन की समाजसेविका रेखा चतुर्वेदी, जितेन्द्र चतुर्वेदी, सदस्य प्रोफेसर श्याममोहन अग्रवाल, एडवाईजर पंकज गंगवानी, नितिन टेलर, एवं वोलेन्टीयर्स कौशल चतुर्वेदी, सुनील मीणा, हरिनारायण मीणा, आर.एल. मीणा आदि कई लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में सभी को नास्ता वितरित किया गया।

हनुमान बेनीवाल को शपथ ग्रहण समारोह में शपथ लेने हेतु निमंत्रण

भाजपा प्रदेश के दिग्गज नेता हनुमान बेनिवाल को भी जीत का सेहरा बांध रही है । आपको बता दें कि राजस्थान में हनुमान बेनिवाल का हाथ थाम कर भाजपा जाट और अन्य जातियों का वोट बैंक अपनी ओर कर पाई। विशेष धन्यवाद करते हुए और बेनिवाल में विश्वास जताते हुए कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण करने के आमन्त्रित किया गया है। प्रदेश से दुष्यंत सिंह, गजेन्द्र सिंह शेखावत और अर्जुन राम मेघवाल भी कल शपथ ग्रहण करेंगे।

हनुमान बेनीवाल

हनुमान बेनीवाल

हनुमान बेनीवाल एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह खिनवसर से 3 बार विधान सभा के सदस्य हैं। और नागौर लोक सभा से संसद सदस्य। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी [आरएलपी] के संस्थापक। वे राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के पूर्व अध्यक्ष भी हैं। उन्हें राजस्थान में किसान नेता के रूप में जाना जाता है।
पार्टी: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी
जीवनसाथी: कनिका बेनीवाल (एम। 2009)

राणा दुष्यंत सिंह

राणा दुष्यंत सिंह

राणा दुष्यंत सिंह (जन्म 11 सितंबर 1973) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और व्यवसायी हैं। वह भारत की 16 वीं लोकसभा के सदस्य हैं। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य के रूप में राजस्थान के झालावाड़-बारन निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
वह धौलपुर के अंतिम मान्यता प्राप्त महाराज महाराजा राणा हेमंत सिंह के पुत्र हैं। उनकी मां, वसुंधरा राजे, राजस्थान की मुख्यमंत्री थीं और एक पूर्व केंद्रीय मंत्री थीं। उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली में अध्ययन किया; जॉनसन एंड वेल्स यूनिवर्सिटी, प्रोविडेंस, आर.आई., और IHTTI स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, नेउचटेल, स्विट्जरलैंड।

अर्जुन राम मेघवाल


अर्जुन राम मेघवाल

अर्जुन राम मेघवाल 16 वीं लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी और पूर्व पार्टी मुख्य सचेतक से संबंधित एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, वर्तमान में वे भारत सरकार के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प और संसदीय मामलों के मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री हैं।

निवास: बीकानेर

पार्टी: भारतीय जनता पार्टी

गजेंद्र सिंह शेखावत

गजेंद्र सिंह शेखावत

गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान के एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो वर्तमान में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं। वह लोकसभा में जोधपुर का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय जनता पार्टी के संसद सदस्य हैं।

जीवनसाथी: नौनंद कंवर (एम। 1993)

बच्चे: सुरंगमा शेखावत, सुहासिनी शेखावत, अर्जुन सिंह शेखावत

Police Files Chandigarh

Purnoor, Chandigarh 29.05.2019

One arrested with fake number plate on stolen Activa Scooter

Crime Branch of Chandigarh Police arrested Harjeet Singh @ Kala R/o Village-Kartarpur Teh-Kharar, Distt. Mohali, (PB) at naka near New OPD Gate, PGI, Sector 12, Chandigarh while he was using fake Registration number CH01BA4021 on stolen Activa Scooter which was stolen from Budanpur, Panchkula (HR). In this regard, a case FIR No. 89, U/S 473, 411 IPC has been registered in PS-11, Chandigarh. Investigation of the case is in progress. 

Theft

Avtar Singh R/o # 510, Sector-16, Chandigarh reported that unknown person stolen away his son’s cycle parked near SCO No. 136, Sec-24, Chandigarh on 03.11.2018. A case FIR No. 88, U/S 379 IPC has been registered in PS-11, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

Raj Kumar R/o # 149, New Colony, Khuda Lohra, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s M/Cycle CH01AE6374 from near his residence on the night intervening 25/26-05-2019. A case FIR No. 67, U/S 379 IPC has been registered in PS-Sarangpur, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Daljit Singh R/o # 3100/2, Sector-44A, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s Royal Enfield M/Cycle No. CH01 BJ 6098 parked near # 2355/A, Block-32, Sec-63, Chandigarh. A case FIR No. 55, U/S 379 IPC has been registered in PS-49, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Snatching

A lady resident of Badheri, Chandigarh alleged that Rakesh R/o # 3007/B, Sector-15, Panchkula (HR) snatched keys of Bolero car No. HR68B5353 from complainant and took away the car near SCO No. 1104-1105, Sec-22, Chandigarh on 28.11.2018. A case FIR No. 144, U/S 356, 379 IPC has been registered in PS-17, Chandigarh on the direction of Hon’ble Court. Investigation of the case is in progress.

Robbery

Devinder Kumar R/o # 89/1, PWT, Mani Majra, Chandigarh reported that three four unknown persons in Auto snatched mobile phone, purse containing cash Rs. 2500/-, voter card, pan card, Aadhar card & passport by attacking him with sharp weapon near Railway light point towards Kalagram light point, Chandigarh on 28.05.2019. A case FIR No. 110, U/S 394, 34 IPC has been registered in PS-IT Park, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Eve-Teasing

A lady resident of Chandigarh alleged that unknown person (security guard) passed abusive comments on complainant near HDFC Bank ATM, Sector 32, Chandigarh on 27.05.2019. A case FIR No. 119, U/S 354-A IPC has been registered in PS-34, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Missing/Abduction

A person resident of Sector-42, Chandigarh, reported that his son age about 14 years went to his tuition at Sector 35, Chandigarh on 27.05.2019 and missing since then. A case FIR No. 110, U/S 363 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh. Later missing boy traced out. Investigation of the case is in progress.

Accident

A case FIR No. 147, U/S 279, 337 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh on the complaint of Krishan Kumar R/o # 2416, Block-17, Azad Nagar, Ludhiana (PB) who alleged that driver of Indica car No. CH03X2836 namely Varinder Pal Singh R/o # 127/1, Sec-55, Chandigarh who hit to complainant’s Skoda car No. PB10FU5956 and to another person on Activa Scooter No. CH01BM0901 near light point, Sector 38/40, Chandigarh on 27.05.2019. Driver of Activa Scooter namely Raju R/o # 630, Milk Colony, Dhanas, Chandigarhgot injured and admitted in GH-16, Chandigarh. Alleged car driver arrested and later bailed out. Investigation of the case is in progress.

A case FIR No. 68, U/S 279, 337, 338 IPC has been registered in PS-Maloya, Chandigarh on the complaint of Narinder Pal R/o # 61, Village Daddu Majra, Chandigarh who alleged that driver of Innova car No. PB-23X-5333 sped away after hitting to complainant (pedestrian) near Samul Atta Chakki, Village Daddu Majra, Chandigarh on 25.05.2019. Complainant got injured and admitted in GH-16, Chandigarh later got admitted in Indus Hospital, Mohali (PB). Investigation of the case is in progress.

The Tournament poster of 33rd All india Shaheed Bhagat Singh Trophy

Panchkula:
All india Shaheed bhagat Singh Trophy released Hotel Red Bishop, Panchkula here today.According to organising Secretary of th e tournament Amarjit kumar total 10 boys under-16 Cricket teams including Our neighbouring Countries NEPAL & United Arab Emirates & 8 Rural areas teams from Tamilnadu, Hyderabad , Delhi, Chennai, Telangana, Bihar , Chandigarh & Haryana shall take part in this tournament .

Total 10 teams divided into 2 pools.Every team shall play 4 league matches & Top two teams shall qualify for the Semifinal stage. All the matches of the tournament shall played at TDL Cricket Stadium,Panchkula & IVCA Cricket Grounds ,Derabassi .All the league matches shall be played 25 overs & Semifinals & final shall be played 3o overs innings. All the matches shall be played coloured dress & white balls.

The tournament committee shall given Cricket kits to Best players of the tournament alongwith Trophies.

खफा राहुल को मिलने का 3 दिन से इंतज़ार कर रहे गहलोत – पायलट

सारिका तिवारी :

हनमान, दुष्यंत, अर्जुन राम और गजेंद्र होंगें केन्द्रीय मंत्री

बहुत खफा हैं राहुल हार से …. इसीलिए शायद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की मखमली बातों के बावजूद तीन दिन के बाद भी मिलने का समय नहीं दिया। गहलोत जहाँ राहुल बाबा की फटकार को भी सिर आँखों पर लेने को ततपर हैं वहीं पायलट भी मीठी धमकी देने से अपने को रोक नहीं पाए।

हालांकि हार के कारणों का आंकलन और ज़िम्मेदारी कांग्रेस की समीक्षा बैठक में ही तय होंगे परन्तु पायलट ने कह दिया है कि अगर “इस्तीफा – इस्तीफा” खेल में राहुल बाबा आउट हो गए तो वह भी उपमुख्यमंत्री की कुर्सी त्याग देंगे। वो अलग बात है उनकी नज़र मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है क्योंकि यह सर्वविदित है कि गहलोत मुख्यमंत्री पद के लिए राहुल की पहली पसंद नहीं थे। प्रियंका चाहती थीं कि पेशे से जादूगर और कट्टर कांग्रेसी अशोक गहलोत ही मुख्यमंत्री आयें क्यों कि वह जानती हैं वाड्रा के खिलाफ राजस्थान में चल रहे मामलों में कोई जादूगरी अवश्य दिखाएंगे जिससे वाड्रा को साफ सुथरे ढंग से इनसे बाहर निकला जा सके और बेशक गहलोत इसमें मदद कर भी रहे हैं।
लेकिन प्रदेश कांग्रेस में विरोधी स्वर उभर रहे हैं कुछ लोग गहलोत को प्रदेश में लोकसभा चुनावों में हार का कारण मांग रहे हैं और उनको बाहर का रास्ता दिखाए जाने की माँग और अधिक मुखर हो कर की जा रही है।

दूसरी ओर सूत्रों की माने तो बहुजन समाजवादी पार्टी के छः के छः विधायक भी हाथी से उतर
कर कमल थामने की तैयारी में हैं। जैसा कि सब जानते ही हैं प्रदेश के 11 कांग्रेस विधायक पहले ही बधाई के समय भाजपा प्रभारियों को आवेदनपत्रों के साथ मिल चुके हैं।
इधर भाजपा भी प्रदेश के दिग्गज नेता हनुमान बेनिवाल को भी जीत का सेहरा बांध रही है । आपको बता दें कि राजस्थान में हनुमान बेनिवाल का हाथ थाम कर भाजपा जाट और अन्य जातियों का वोट बैंक अपनी ओर कर पाई। विशेष धन्यवाद करते हुए और बेनिवाल में विश्वास जताते हुए कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण करने के आमन्त्रित किया गया है। प्रदेश से दुष्यंत सिंह, गजेन्द्र सिंह शेखावत और अर्जुन राम मेघवाल भी कल शपथ ग्रहण करेंगे।

लेकिन विडम्बना यह है असंतुष्ट स्वरों का मानना है कि गहलोत अपने पुत्र कि सीट तमाम सरकारी संसाधनो के इस्तेमाल के बावजूद नहीं निकलवा पाये तो प्रदेश में काँग्रेस की हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए पहला इस्तीफा गहलोत को ही देना चाहिए था, परंतु सत्ता के मोह से बंधे अब भी केवल भूल सुधार की ही बात करते हैं

होंगें केन्द्रीय मंत्री

यह बंगाल में घर वापीसी के फेस 1 की एक्सटैन्शन है: विजय वर्गीय

तृणमूल काँग्रेस के विघटन की खबरें तो उसी दिन से आने लगीं थीं जिस दिन EXIT POLL के नतीजे आए थे। फिर 23 तारीख को तृणमूल का तारीख़ी सफर शुरू हुआ। चुनावों के दौरान कैलाश विजय वर्गीय बंगाल के प्रभारी थे, यहाँ उनकी टीम में मुकुल राय ने बड़ी महती भूमिका निभाई है. टीएमसी और कोमम्युनिस्ट पार्टी से लगातार आ रहे सांसदों से जहां ममता बेनर्जी सांसत में हैं वहाँ इस बात का भी डर है कि कहीं बंगाल राजनीति में आ रहे बदलाव के साथ साथ भाजपा भी टीएमसी और सीपीआई कि गुंडई राह पर न चल पड़े।

नई दिल्ली: लोककसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस विधायकों व नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला जारी है. पार्टी के दिल्ली कार्यालय में बीजेपी के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और बीजेपी के नेता मुकुल राय की उपस्थिति में बीरभूम जिले के लाभपुर के विधायक मनीरूल इस्लाम, पूर्व विधायक गदाधर हाजरा, तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिले के मोहम्मद यासिफ इकबाल व निमई दास बीजेपी में शामिल हो गए.

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को नई दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में तृणमूल कांग्रेस के बीजपुर के विधायक शुभ्रांशु राय और विष्णुपुर के विधायक तुषारकांति भट्टाचार्य और माकपा के हेमताबाद के विधायक देवेंद्रनाथ राय ने भाजपा का झंडा थाम लिया था. 

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Trinamool Congress MLA Manirul Islam joins Bharatiya Janata Party in Delhi. TMC’s Gadadhar Hazra, Mohd Asif Iqbal and Nimai Das also join BJP.3,7654:25 PM – May 29, 20191,112 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

मुकुल राय की बड़ी भूमिका!

तृणमूल कांग्रेस में सेंध लगाने में मुकुल राय की भूमिका मानी जा रही है . राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन में मुकुल राय प्रमुख शिल्पकारों में रहे हैं . बीजेपी ने  लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीती जबकि तृणमूल कांग्रेस की सीटों की संख्या घटकर 22 पर आ गई .

मुकुल रॉय ने दिल्ली में दावा किया कि भगवा पार्टी का निकट भविष्य में 60 नगर पालिकाओं पर नियंत्रण हो सकता है.  उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगले दो-तीन महीनों में भाजपा राज्य में 55-60 नगर पालिकाओं पर नियंत्रण हासिल कर लेगी.’

ED सख़्त वाड्रा पस्त

केंद्र में भाजपा नीत एनडीए की सरकार को वापीसी के साथ ही गांधी-वाड्रा परिवारों में भय व्याप्त हो गया है। जहां एक ओर राहुल गांधी इस्तीफा इस्तीफा खेल रहे हैं वहीं दूसरी ओर वाड्रा भी कानूनी दांवपेच चला कर खुद को देश से बाहर ले जाना चाहते हैं, 23 तारीख के बाद अचानक ही अपनी बड़ी आंत की परेशानी का पता चला है। हैरानी ई बात है की जब भारत विश्व में हैल्थ हब बना हुआ है, विदेशों से लोग भारत में इलाज करवाने आते हैं तो गांधी वाड्रा परिवारों को विदेश में इलाज करवाने की क्या सूझती है। आज सुबह ही ईडी द्वारा एजेएल की सम्पत्तियों के अधिग्रहण की खबर आई है तभी से काँग्रेस में बहुत बेचैनी है।

भारत में बड़े बड़े राजनेता भी सरकारी हस्पताल aiims इत्यादि में इलाज करवाते हैं इस परिवार के लोग अमेरिका स्वीडन एतयादी के हस्पतालों का रुख़ करते हैं। ईडी ने वाड्रा के विदेश प्रवास पर आपत्ति उठाई है लेकिन उन्हे एस नहीं करना चाहिए, वाड्रा को विदेश जाने देना चाहिए बस जमानत पर वह सभी खाते और संपत्तियाँ ले लेनी चाहिए और वहाँ से दिन प्रतिदिन की मेडिकल रिपोर्ट मंगानी चाहिए।

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन मामले में आरोपी रॉबर्ट वाड्रा की दिल्ली की एक अदालत में दायर उस अर्जी का बुधवार को विरोध किया जिसमें उन्होंने विदेश यात्रा की अनुमति मांगी है. 

वाड्रा ने दिया था स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला

वाड्रा ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए ब्रिटेन और दो अन्य देशों की यात्रा की अनुमति मांगी है. वाड्रा ने अदालत के समक्ष अपने चिकित्सकीय रिकार्ड भी रखे हैं ताकि प्रवर्तन निदेशालय उनकी पुष्टि कर सके.

क्या है पूरा मामला?

धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक मामले की जांच का सामना कर रहे वाड्रा को एक अप्रैल को निर्देश दिया गया था कि वे उस अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाएं जिसने उन्हें कई शर्तों के साथ अग्रिम जमानत प्रदान की थी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई वाड्रा लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर में 19 लाख पाउंड कीमत की एक सम्पत्ति खरीद मामले में धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहे हैं.

काँग्रेस में मनमोहन -2 की खोज शुरू, राहुल इस्तीफे पर अड़े

लोक सभा चुनावों में मिली प्रचंड हार के बाद कांग्रेस खेमे में इस्तीफ़ों की बरसात हो रही है। यह एक सियासी खेल है जिसे सबसे पहले रहुल गांधी ने शुरू किया था, प्रभारियों के इस्तीफे तो पहुंचे नहीं पहुंचे पर राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया है और सारी की सारी काँग्रेस पार्टी उन्हे मनाने में जुटी है, आगाह जगह प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं। कर्नाटक में तो कार्यकर्ता अनशन पर जा बैठे थे, जिनहे पुलिस ने जबरन उठाया। चाटुकारिता की हद तो यहाँ तक है कि काँग्रेस प्रशासित किसी भी राज्य से कोई भी मुख्य मंत्री राष्ट्र के प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत नहीं करेगा। यह नाटक अभी कुछ दिन और चलेगा। इस नाटक का पटाक्षेप कि 2 ही सूरतें हैं,
1॰ रहुल गांधी काँग्रेस कार्यकर्ताओं की मांग और उनके मनोबल की चिंता करते हुए इस्तीफा वापिस लेंगे।
2॰ एक और मनमोहन सरीखा अध्यक्ष मिलने पर इस नाटक का पटाक्षेप होगा।

नई दिल्‍ली : लोकसभा चुनाव 2019में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी में मंथन जोरों पर है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी अब नए अध्‍यक्ष के नाम पर विचार कर रही है. यह विचार गांधी परिवार से इतर किसी अन्‍य व्‍यक्ति को पार्टी की कमान सौंपने के लिए किया जा रहा है. वहीं सूत्रों के अनुसार यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस के मौजूदा अध्‍यक्ष राहुल गांधी चुनाव के बाद अपने इस्‍तीफे पर लगातार अड़े हुए हैं. पार्टी नेताओं की ओर से उन्‍हें मनाने के प्रयास भी जारी हैं.

बता दें कि 23 मई को सामने आए लोकसभा चुनाव नतीजे 2019  से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कुल 542 लोकसभा सीटों के सामने आए परिणामों में बीजेपी को बीजेपी को 303 सीटें हासिल हुई हैं. एनडीए को कुल 353 सीटें हासिल हुई हैं. वहीं कांग्रेस नीत यूपीए को महज 90 सीटें मिली हैं, जिनमें कांग्रेस को सिर्फ 52 सीटें मिलीं.

23 मई को ही कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने नतीजों से पहले ही प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके चुनाव में पार्टी की हार की जिम्‍मेदारी ली थी. कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी को गांधी परिवार की परंपरागत सीट अमेठी में हार का सामना भी करना पड़ा है. उन्हें बीजेपी नेता स्‍मृति ईरानी ने चुनाव में शिकस्‍त दी है.

चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक भी हुई है. इसमें राहुल गांधी ने पार्टी अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफे की पेशकश की थी. लेकिन पार्टी की ओर से उनका इस्‍तीफा नामंजूर कर दिया गया. इसके बाद से ही कहा जा रहा है कि राहुल गांधी अपने इस्‍तीफे पर अड़े हुए हैं. कांग्रेस पार्टी अब गांधी परिवार से अलग किसी व्‍यक्ति को नया अध्‍यक्ष बनाने पर विचार कर रही है.