महाराष्ट्र में एक मई से NPR लागू हो जाएगा

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्य में 1 मई से एनपीआर की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं. वहीं कांग्रेस और एनसीपी इस पूरी कवायद का खुलेआम विरोध कर रही है.

नई दिल्ली(ब्यूरो):

महाराष्ट्र में एक मई से राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) लागू हो जाएगा. इसी बीच महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन महाविकास अघाडी के साझेदारों शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच तनातनी बढ़ती दिख रही है. मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आपत्तियों को दरकिनार करते हुए राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पर आगे बढ़ने का फैसला लिया है.

ये फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब देश भर में एनपीआर, नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है.

राज्य सरकार के एनपीआर लागू करने के फैसले को लेकर सहयोगी दलों के बीच तनातनी देखने को मिल रही है. राज्य में एनपीआर लागू करने को लेकर शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महाविकास अघाड़ी में तनातनी नजर आ रही है.

एनसीपी के वरिष्ठ नेता माजिद मेमन ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि पार्टी एनपीआर का समर्थन नहीं करती. शरद पवार ने भी इसे लेकर आपत्तियां जताई है. इस मामले में ऐसा ही फैसला लिया जाएगा, जो तीनों पार्टियों को स्वीकार्य हो.’

हालांकि ये पहला मौका नहीं, जब महाराष्ट्र के सत्ताधारी गठबंधन में इस तरह मतभेद दिखे हों. इस पहले एनसीपी चीफ शरद पवार ने एल्गार परिषद मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस से लेकर एनआईए को सौंपे जाने को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार की शुक्रवार को आलोचना की थी.

शरद पवार ने कहा, ‘मामले की जांच एनआईए को सौंपकर केन्द्र सरकार ने ठीक नहीं किया और इससे भी ज्यादा गलत बात यह हुई कि राज्य सरकार ने इसका समर्थन किया.’

सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर हो रहे देशव्यापी विरोध के बावजूद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक मई से 15 जून तक एनपीआर के तहत सूचनाएं इकट्ठा करने की अधिसूचना जारी की है.

महाराष्ट्र में एनपीआर को लागू करना उद्धव ठाकरे सरकार के लिए आसान नहीं होगा. महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की महाअघाड़ी गठबंधन की सरकार है. कांग्रेस शुरू से ही CAA, NRC और NPR का खुलकर विरोध कर रही है. एनसीपी ने अभी इस मामले में अपना रुख साफ नहीं किया है.

दूसरी तरफ शिवसेना के सांसद अनिल देसाई भी साफ कह चुके हैं कि उद्धव ठाकरे ने कहा था कि एनपीआर जनगणना जैसी है. वैसे भी जनगणना हर 10 साल में होती ही है तो इसमें किसी को क्या आपत्ति है.

नकुल्नाथ के पैसों से नहीं, जनभागीदारी से बनेगी छत्रपति शिवाजी कि प्रतिमा: शिवराज

मध्य प्रदेश में जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तभी से राष्ट्रीय गौरव, अस्मिता एवं राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान जारी है. सनद रहे पहले कमलनाथ ने वन्देमातरम पर रोक लगवाई थी, फिर चंद्रशेखा आज़ाद कि मूर्ती हटाने का फैसला लिया गया और अब शिवाजी कि मूर्ती गिरा दी गयी. कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने अपने पैसों से शिवाजी कि आदमकद मूर्ती स्थापित करने कि बात कही मानो चोरी पकड़ी गयी और अब मामला बढ़ने पर सफाई देते नहीं बन रहा था.

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

छिंदवाड़ा में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को लेकर जमकर सियासत गरमा गई है। राजनैतिक दलों के बीच बयानबाजी का दौर तेजी से चल रहा है। अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान सामने आया है। शिवराज का कहना है कि आज “मैं छिंदवाड़ा जिले के सौसर जा रहा हूं। कांग्रेस का शगल बन गया है महापुरुषों का अपमान करना। वही सांसद नकुलनाथ द्वारा शिवाजी की मूर्ति का खर्चा उठाने को लेकर कहा कि तुम्हारे पैसे से क्यों लगेगी प्रतिमा । सामर्थ्य है सौसर की जनता में, राष्ट्रभक्त वहां अभी जिंदा है। छत्रपति शिवाजी महाराज के भक्त भी जिंदा है। जनभागीदारी से प्रतिमा लगेगी। मैं लगा दूंगा इस दंभ को भी चूर-चूर करेंगे।”

आज भोपाल में मीडिया से चर्चा के दौरान शिवराज ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज जो राष्ट्र के गौरव हैं हमारी प्रेरणा हैं जिन्होंने हिंदी स्वराज की स्थापना की ।देश के करोड़ों करोड़ लोग उनको अपना आराध्य मानते हैं। ऐसे राष्ट्रपुरूष शिवाजी महाराज का अपमान यह कांग्रेस सरकार कर रही है। उनकी प्रतिमा को जेसीबी से अपमानजनक तरीके से हटाया गया गिराने की कोशिश की गई। मैं सौसर की जनता को प्रणाम करता हूं कि आधी रात के बाद लगभग 3:00 बजे जनता इकट्ठी हो गई और कहा कि यदि छत्रपति शिवाजी महाराज गिरेंगे तो हमारी छाती के ऊपर गिरेंगे। कांग्रेस का शगल बन गया है महापुरुषों का अपमान करना, यहां भोपाल में चंद्रशेखर आजाद जी की प्रतिमा को हटाने का फैसला किया गया। ये आजाद जी का अपमान है ।

शिवराज यहीं नही रुके। आगे कहा कि वीर सावरकर का अपमान रोज कांग्रेस के द्वारा किया जा रहा है। डॉक्टर अंबेडकर का अपमान कांग्रेस ने कई बार किया है। ऐसे महापुरुष जिनके कारण यह राष्ट्र खड़ा हुआ है, उनको अपमानित करने का क्रम इस सरकार में जारी है। यह हम कदापि नहीं होने देंगे।

“राष्ट्रपुरुषों का यह अपमान हिंदुस्तान सहन नहीं करेगा। बात की जा रही है कि हम अपने पैसों से लगा देंगे। पैसों का अहंकार दिखाना, दंभ भरना, पहले प्रतिमा गिराना, यह दंभ और अहंकार हम सहन नहीं करेंगे। महापुरुषों के अपमान को हम खड़े रहकर नहीं देख सकते। जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अपमान किया है उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए। तुम्हारे पैसे से क्यों लगेगी प्रतिमा। सामर्थ्य है सौसर की जनता में, राष्ट्रभक्त वहां अभी जिंदा है। छत्रपति शिवाजी महाराज के भक्त भी जिंदा है। जनभागीदारी से प्रतिमा लगेगी।”

शिवानन्द चौबे मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट और CRPF ने दी पुलवामा शहीदों को श्रद्धांजलि

चंडीगढ़ ब्यूरो:

पुलवामा हमले की पहली बरसी पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के अमर बलिदानियों को शिवानन्द चौबे मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा तेरहवी बटालियन सी आर पी एफ के कैंपस में अधिकारियों और जवानों ने साथ मिलकर दो मिनट का मौन रखा और शहीदो को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि भेंट की.

इस मौके पर कमांडेंट हरमिंदर सिंह, द्वितीय कमांड अधिकारीजसविंदर सिंह, डिप्टी कमांडेंट संजय कुमार, मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर गुरजीत सिद्धू , इंस्पेक्टर शम्भू , इंस्पेक्टर निर्मल उपाध्याय , ट्रस्ट के चेयरमैन संजय कुमार चौबे सहित सभी अधिकारी और जवान समलित हुए !
इस मौके पर हम सभी भारतीय सदैव आपके ऋणी रहेंगे !

विजय माल्या ने बैंकों से कहा कि वह अपने पूरे पैसे वापिस ले लें

कांग्रेस के शासनकाल में राज्यसभा के सदस्य के रूप में चुने गए निरदलिय सांसद , शराब कारोबारी और आज के भगौड़े 64 वर्षीय विजय माल्‍या पर भारत में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप है, जिसकी जांच ईडी और सीबीआई कर रही है. विजय माल्‍या आज अपने मामले में भारतीय बैंकों सीबीआई और ED को कसूरवार ठहरा रहे थे. आज वह बैंकों का मूल लौटाने को भी तैयार हैं लेकिन वह अपनी गलती दोनों जांच एजेंसियों पर थोपना चाहते हैं.

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

 भगोड़े शाराब कारोबारी विजय माल्या ने गुरुवार को ब्रिटिश हाईकोर्ट में पेशी के दौरान हाथ जोड़कर कहा कि भारतीय बैंक तुरंत अपने पूरे पैसे वापस ले लें. रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस के बाहर माल्‍या ने बयान देते हुए कहा कि मूलधन का 100 प्रतिशत भारतीय बैंक को वापस देने के लिए तैयार हूं. उन्‍होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके साथ अच्‍छा व्‍यवहार नहीं किया. 

दरअसल, किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मालिक 64 वर्षीय विजय माल्‍या पर भारत में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं, जिसकी जांच ईडी और सीबीआई कर रही है. कथित रूप से माल्‍या पर 9,000 करोड़ रुपये का बैंक लोन है.

माल्‍या ने कहा कि PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून) के तहत उन्‍होंने कोई अपराध नहीं किया है, लेकिन बैंकों की इस शिकायत पर कि “मैं भुगतान नहीं कर रहा हूं”, ईडी ने मेरी संपत्ति कुर्क कर ली.

माल्‍या ने ईडी पर इल्‍जाम लगाते हुए कहा कि ईडी पैसा लेने से मना कर रहा है जबकि वो पूरा पैसा देने के लिए तैयार है. माल्‍या ने कहा कि हमारे पास इन संपत्तियों पर दावा है. इसलिए एक तरफ ईडी और दूसरी तरफ बैंक एक ही संपत्ति पर लड़ रहे हैं. माल्या ने कहा कि, पिछले चार साल से वे मेरे साथ जो कर रहे हैं, वह पूरी तरह अनुचित है.

वहीं प्रॉसिक्यूशन ने कहा कि माल्या के खिलाफ 32 हजार पेज के सबूत पेश किए गए हैं. आपको बता दें कि विजय माल्या प्रत्यर्पण वारंट को लेकर जमानत पर है. उसके लिए यह जरूरी नहीं है कि वह सुनवाई में हिस्सा ले, लेकिन वह अदालत आ रहा है. भारत वापस जाने के बारे में पूछे जाने पर माल्‍या ने कहा कि मुझे वह जगह चाहिए जहां मेरा परिवार है.

सैक्टर-15 के राजकीय कन्या उच्चतर विद्यालय में नशे के दुष्प्रभावों के प्रति युवा कन्याओं को जागरूक किया

पंचकूला, 14 फरवरी-

जिला समाज कल्याण अधिकारी डा. विशाल सैनी ने सैक्टर-15 के राजकीय कन्या उच्चतर विद्यालय में आज नशा मुक्ति जागरूकता अभियान में नशे के कुप्रभाव के बारे में सभी विद्यार्थियों को जानकारी दी। उन्होेने बताया कि युवा देश का भविष्य है, युवाओं की ताकत व दिमाग का जिले व प्रदेश के विकास में योगदान होना चाहिए।  उन्होंने बताया कि नशे से लाखो घर बबार्द हुए हैं। समाज को नशे की लत से बचाने के लिए प्रशासन और सरकार ने कई जागरूकता अभियान चला कर नशे से होने वाली हानियों के बारे में लोगों को जागरूक किया है। इसके साथ-साथ जिले में काम कर रही संस्था अल्कोहलिक्स अनाॅनिमस की भी उन्होंने जानकारी दी गई। 

जिला समाज कल्याण अधिकारी डा0 विशाल सैनी ने बताया कि जो लोग नशे की लत से ग्रस्त है उन लोगो के लिए अल्कोहलिक्स अनाॅनिमस संस्था और समाज कल्याण विभाग जागरूकता अभियान चलाएगा। अल्कोहलिक्स अनाॅनिमस ऐसी संस्था है जिसमें नशा करने वाले महिला व पुरूष शामिल है, ये महिला व पुरूष नशे को छोडकर अपने अनुभव, शक्ति और आशा बंाटते है किन हालात में उन्होंने नशा शुरू किया और कैसे नशे से छुटकार पाया और युवाओं को नशा छोडने के लिए अपना उदाहरण पेश करते है।  ये संस्था नशा करने वाले से नशा छुडवाले के लिए निशुल्क कार्य करती हैं। इस प्रक्रिया में जिले के सभी स्कूल और काॅलेज को कवर किया जाएगा। हमारा उदेश्य है कि जिले का हर युवा नशा मुक्त हो। नशा समाज ही नहीं बल्कि युवाओं की सोचने-समझने की शक्ति को भी खत्म कर देता है और नशा करने वाले को अच्छे और बुरे की समीक्षा नहीं कर पाता। 

Police Files, Chandigarh

Korel, CHANDIGARH – 14.02.2020

Action against Gambling

Chandigarh Police arrested Rakesh Kumar R/o BDC, Sector-26, Chandigarh, while he was playing dara Satta on 13.02.2020 and recovered cash Rs. 1750/- from his possession.  In this regard, a case FIR No. 29, U/S 13A-3-67 Gambling Act has been registered in PS-26, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Theft

          Satyapal Sharma R/o # 422, Village Kishangarh, Chandigarh reported that unknown person stole away 1 gold ring, 3 pair ear ring, 650 gram Chandi, 3 FD of State Bank Of India and cash Rs. 150000/- by breaking the locks of his residence on the night intervening 08/09-02.2020, while he was gone to attend the Marriage function with his family at Distt. Karnal. A case FIR No. 27, U/S 380 IPC has been registered in PS-IT park, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Snatching

Sudish Kumar R/o #19, Village Jagatpura, (PB) aged about 20 years  reported that 3 unknown person occupants motorcycle Number followed only PB-15— who sped away after snatching complainant’s mobile phone near Mount Carmel School, Sector-47, Chandigarh 13-02-2020. A case FIR No. 24, U/S 379-B, 34 IPC has been registered in PS-31, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

A lady resident of sector 51-B, Chandigarh reported that unknown person on motorcycle number not known who forcibly snatched away complainant’s purse containing cash Rs. 4500/-, ATM card, mobile, Adhar card, Pan card and Office ID card from near Indian enclave, Sector-51, Chandigarh on 13.02.2020.  A case FIR No. 12, U/S 379-A IPC has been registered in PS-49, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

Cheating

Mahesh Kumar R/o # 986, Village Burail, Chandigarh 2 unknown person who cheated complainant’s cash Rs. 29000/- from PNB, Village Burail, Chandigarh on 13.02.2020.  A case FIR No. 23, U/S 420 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

MV Theft

Deepak Vats r/o # 3234, Sector-46, Chandigarh reported that someone has stole away her Activa No. CH01AZ-5719, from GMCH-32, Chandigarh. A case FIR No. 24, U/S 379 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Gurmeet Singh R/o # 791, Sector-41, Chandigarh reported that someone has stole away her Motorcycle No. CH04A-8299, near park Sector-40-C, Chandigarh. A case FIR No. 48, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Surjeet Kumar  R/o # 4772/1, Small flats, Maloya, Chandigarh reported that someone has stole away her bullet motorcycle No. PB27(T)20720 from near his residence. A case FIR No. 20, U/S 379 IPC has been registered in PS-Maloya, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Theft

Chhotey Lal r/o # 188, Sastri Nagar, manimajra, Chandigarh reported that someone has stole away his E-Rikshaw from GMCH-32, Chandigarh. A case FIR No. 22, U/S 379 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Anand Kumar R/o # 1115, Sector-41, Chandigarh reported that unknown person stole away complainant’s Avon cycle from near his residence. A case FIR No. 49, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Assault

A case FIR No. 21, U/S 323, 341, 506, 34 IPC has been registered in PS-Maloya, Chandigarh on the complaint of Ankush Kumar R/o Plot No. C-102A/3, Phase-7, Mohali who alleged that three boys quarreled with complainant’s near House No. 2762, DMC, Chandigarh on 10.02.2020. Investigation of the case is in progress.

क्या भाजपा दिल्ली विधानसभा में जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभा पाएगी?

2 किश्तियों पर सवार आदमी हमेशा ही डूबता है, उसे कोई नहीं बचा सकता।

गृह मंत्री आदरणीय अमित शाह जी, आप, कह रहे है कि गोली मारो, हिंदुस्तान पाकिस्तान का मैच, शाहीन बाग़ का करंट नारों ने BJP को दिल्ली इलेक्शन में नुकसान पहुंचाया है। पर मेरा विश्लेषण है कि इन्ही नारों की बजह से भाजपा की 8 seats आई है , नही तो शायद कोई भी सीट नही आती ।

अर्श अग्रवाल

क्या अमित शाह भी अब मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति के लंबरदार बनेंगे। समझ नहीं आती कि गद्दारों को गोली मारने की बात विवादास्पद कैसे हो सकत है, विवादास्पद तो वह था जब सीसोदिया ने कहा था कि वह शाहीन बाग के प्रोटेस्टोर्स के साथ खड़ा है।शाहीन बाग को जब पीएफ़आई प्रायोजित कर रहा था और साथ ही पाकिस्तान के मंत्रियों के बयान मोदी को हारने के लिए आए तो भारत पाक का मैच भी कैसे विवादास्पद हुआ? आप कई मामलों में मामला विचारधीन हा कह कर बच निकलते हैं, जिससे आपकी छवि जनता में धूमिल ही हुई है। आपके आज के बयान से यह लगता है कि अब आपको देश विरोधी नारे निराश नहीं करेंगे। शाह साहब, यह अवश्य याद रखें, 2 किश्तियों में पैर रखने वालों को पानी में डूबने से कोई भी नही बचा सकता ।

चंडीगढ़: 

Ravirendra-Vashisht
रविरेन्द्र वशिष्ठ
संपादक
डेमोक्राटिकफ्रंट.कॉम

दिल्ली में हार के बाद सार्वजनिक तौर पर पहली बार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी हार स्वीकार कर ली. उन्होंने कहा कि ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो…’ और ‘भारत-पाक मैच’ जैसे बयान नहीं देने चाहिए थे. हो सकता है कि इस तरह के बयानों के कारण पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा हो. शाह ने कहा भाजपा भले ही हार गई हो, लेकिन उसने ‘अपनी विचारधारा का विस्तार किया.’ उन्होंने कहा कि भाजपा दिल्ली विधानसभा में जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाएगी.

जिम्मेदार विपक्ष, केजरीवाल के आगे आप पक्ष ही साबित करें यही गनीमत होगी। विपक्ष में तो आप पिछले 22 वर्षों से हैं तब भी दिल्ली घोटालों कि शिकार हुई तब जिम्मेदार विपक्ष कहाँ था?

गृह मंत्री शाह ने स्वीकार किया कि उनका दिल्ली चुनावों में 45 सीटें प्राप्त करने का आकलन गलत साबित हुआ. उन्होंने कहा, “मेरा आकलन 45 सीटों का था. यह गलत साबित हुआ.”

आपके आंकलन तो कई राज्यों में गलत साबित हुए, वह राजस्थान हो, मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ झारखंड या फिर महाराष्ट्र, आपने हर राज्य को भाजपा मुक्त करने कि ठानी है या फिर मंथन में अगला चुनाव कैसे हारना है इस पर सहमति बनाते हैं।

उन्होंने अपने ईवीएम से करंट लगाने के बयान का तो बचाव किया, लेकिन कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान की गईं कुछ टिप्पणियां अनुचित थीं. उन्होंने कहा, “भाजपा ने उनसे (नेताओं के विवादित बयानों से) खुद को अलग किया था.”

गृहमंत्री शाह ने पीएफआई-शाहीन बाग लिंक पर कहा, ”पीएफआई को लेकर हमें कुछ जांच एजेंसियों की रिपोर्ट मिली है. गृह मंत्रालय उसकी जांच कर रहा है. जांच में जो भी सामने आएगा, हम उस हिसाब से कार्रवाई करेंगे.”

वाड्रा, पर जांच चलते हुए कितने साल हो गए? आपके राज में तो सजायाफ्ता भी बचते नज़र आ रहे हैं। जांच के बाद मुक़द्दमे और फिर वही तारीख पे तारीख, सोनिया राहुल, हुड्डा – वोरा, 6 साल पहले इनके भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बना कर आप सत्तासीन हुए, और अभी तक या तो जांच पूरी नहीं हुई या फिर मामला मुकद्दमों में उलझा दिया गया। क्या आप के शासन काल में भ्रष्टाचारियों पर दंडात्मक कार्यवाही होगी भी, या मामला विचाराधीन है यही सुनने को मिलता रहेगा।

शाह ने कहा, ”मैं 3 दिनों के भीतर समय दूंगा, जो कोई भी मेरे साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है.”

क्या यह ठीक होगा? अमित शाह एक नए धडे को यह संदेश देंगे की संसद में जनप्रतिनिधियों द्वारा लिया गया फैसला अब संसद के बाहर सुलझाया जाएगा, क्या यह एक नयी परिपाटी का आरंभ होगा? क्या भारत में प्रत्यक्षलोक तंत्र है कि भीड़ इकट्ठे होकर फैसले लेगी। और अमित शाह मिलेंगे भी तो किससे, आआपा ने तो संसद में कोई विरोध नहीं उठाया था जबकि शाहीन बाग के साथ वह खड़े थे। यदि केजरीवाल ही से बात करनी है तो वह तो दिल्ली के चुनावों आपको आपकी स्थित बता ही दी है।

बता दें कि भाजपा की दिल्ली विधानसभा चुनावों में करारी हार हुई है. पार्टी को सिर्फ आठ सीटें मिली हैं, जबकि आआपा को 62 सीटों पर जीत मिली है.

ठाकुर और वर्मा के भड़काऊ बयान

गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के रिठाला क्षेत्र में रैली के संबोधन के दौरान भड़काऊ टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, “देश के गद्दारों को, गोली मारो .. को.”

वहीं, प्रवेश वर्मा ने कथित रूप से कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में 500 सरकारी संपत्तियों पर मस्जिदों और श्मशानों का निर्माण किया गया है, जिसमें अस्पताल और स्कूल भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ये अवैध निर्माण जिन क्षेत्रों में हुए हैं, वह दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली जल बोर्ड और कई अन्य सरकारी एजेंसियों की जमीन है.

वर्मा के बयान मान लिया विवादास्पद है जो कि नहीं हैं, परंतु उनके आरोपों कि जांच होनी चाहिए थी कि नहीं, या वह भी अब मुस्लिम तुष्टीकरण कि भेंट चढ़ाये जाएँगे?

ठाकुर और वर्मा पर चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार पर क्रमश: 72 और 96 घंटे की पाबंदी लगाई गई थी.इन दोनों को चुनाव आयोग द्वारा दंडित किया गया और आपको दिल्ली द्वारा।

अरबी भाषा को पढ़ाना और धार्मिक पुस्तकें बांटना सरकार का काम नहीं है: हिमंत बिस्व सरमा

एक ओर जहां केजरिवाल, ममता बनर्जी, जगन रेड्डी, केरल सरकार और तो और ठाकरे मुस्लिम तुष्टीकरण से, मौलवियों इत्यादियों को मोटी तनख़्वाहें बाँट – बाँट कर, मदरसों को मुफ्त किताबें कापियाँ दे कर अपनी सरकरें बना/बचा रहे हैं और स्वयं को सेकुलर कह रहे हैं वहीं असम के शिक्षा मंत्री हेमंत बीस्व सरमा ने सही मायने में धर्मनिरपेक्षता की मिसाल दी है। उन्होने सरकारी सहायता से चलने वाले मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को बंद कर वहाँ नियमित विद्यालयों को आरंभ करने की बात कही है।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के सरकारी सहायता से चलने वाले सभी मदरसों को बंद करने का फैसला लिया है। असम सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि उसने ऐसा धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देने के लिए किया है। इसी के साथ असम सरकार के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि राज्य में अरबी भाषा पढ़ाना और धार्मिक पुस्तकें बांटना सरकार का काम नहीं है।

असम के शिक्षा मंत्री सरमा ने इसपर कहा,

“हम राज्य के सभी सरकारी मदरसों को बंद कर रहे हैं, क्योंकि हमें लगता है कि अरबी भाषा को पढ़ाना और धार्मिक पुस्तकें बांटना सरकार का काम नहीं है। अगर किसी को ऐसा करना है तो वह अपने पैसे से कर सकता है, इसके लिए सरकार कोई फंड जारी नहीं करेगी”।

सरकार ने मदरसों के साथ-साथ सरकारी पैसे पर चलने वाले कुछ संस्कृत स्कूलों को भी बंद कर दिया है और इन सब को नियमित स्कूलों में बदल दिया जाएगा।

हिमंत बिस्व सरमा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा “राज्य में अभी 1200 मदरसा और लगभग 200 ऐसे संस्कृत स्कूल हैं जो बिना किसी बोर्ड के चल रहे हैं। समस्या यह है कि इन मदरसों में पढ़ने वालों छात्रों को भी अन्य नियमित स्कूलों के छात्रों की तरह ही समान डिग्री दी जाती है। इसीलिए अब सरकार ने इन सब मदरसों और संस्कृत स्कूलों को नियमित करने का फैसला लिया है”।

यह फैसला न सिर्फ राज्य सरकार के हित में है बल्कि इससे छात्रों का भविष्य भी सुरक्षित हो सकेगा, क्योंकि एक स्वतंत्र बोर्ड के तहत आने के कारण अब छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिल सकेगी और साथ ही ऐसे स्कूलों की जवाबदेही भी तय हो सकेगी। इसके अलावा राज्य सरकार ने ऐसा करके अपने यहां धर्मनिरपेक्षता को भी बढ़ावा दिया है। सालों तक देश में सेक्यूलरिज़्म के नाम पर मुस्लिमों का तुष्टीकरण करने की राजनीति की जाती रही है जिसे अब राज्य की भाजपा सरकार ने नकार दिया है।

सरकार एक सेक्युलर बॉडी होती है, जिसके लिए सभी धर्म एक समान होते हैं। ऐसे में सरकार किसी एक धर्म के प्रचार के लिए पैसे नहीं खर्च कर सकती। इसीलिए सरकार ने अपने पैसों पर चलने वाले मदरसों को लेकर यह फैसला लिया है। जिसे अपने धर्म का प्रचार अपने पैसे से करना है, उसका स्वागत है लेकिन सरकार की ओर से उन्हें एक भी रुपया नहीं दिया जाएगा।

सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है और असम सरकार ने देश की उन सरकारों के लिए एक उदाहरण पेश किया है जो सिर्फ अपनी राजनीति को चमकाने के लिए मुस्लिमों का तुष्टीकरण करती हैं। असम सरकार ने सही मायनों में एक सेक्युलर सरकार होने का प्रमाण दिया है।

जब सबसिडी दोगुनी करनी थी तो कीमत बढ़ाई ही क्यों?

बढ़े हुए रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों पर इजाफे से घिरी सरकार ने गैस सबसिडी दोगुनी कर दी है। अब प्रश्न यह उठता है की जब सबसिडी दोगुनी करनी थी तो कीमत बढ़ाई ही क्यों? पुरानी कीमत के हिसाब से सिलेन्डर की कीमत 714 रुपये है, जिस पर रुपये 153.86 की सबसिडी है। अब कीमत में बढ़ौतरी हुई रुपये 144.50 जो कि बढ़ाई गयी सबसिडी से रुपये 9.36 कम है। नयी कीमत रुपये 858.50 कि अब प्रभावी कीमत रुपये 704.64 होगी जो कि पुरानी कीमत रुपये 714 से 9.36 रुपये कम होगी। फिर कीमत बढ़ाई ही क्यों? कहीं कीमत बढ़ाने के पीछे डीलर नेटवर्क का दबाव तो नहीं?

नई दिल्ली: 

रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में भारी इजाफे के बाद विरोध से घिरी केंद्र की मोदी सरकार ने घरेलू गैस उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है. केंद्र सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर पर दी जा रही सब्सिडी को करीब दोगुना कर दिया है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी. साथ ही गैस की कीमतें बढ़ने की वजह भी बताई.

पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से बताया गया कि दिल्ली में अभी तक 14.2 किलो के सिलेंडर पर 153.86 रुपए की सब्सिडी मिलती थी, जिसे बढ़ाकर 291.48 रुपए कर दिया गया है. इसी प्रकार से प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत बांटे गए कनेक्शन पर अभी तक जो 174.86 रुपए प्रति सिलेंडर की सब्सिडी मिलती थी, उसे बढ़ाकर 312.48 रुपए प्रति सिलेंडर कर दिया गया है.

दाम में कितनी बढ़ोत्तरी
बता दें कि दिल्‍ली में बिना सब्सिडी वाली घरेलू एलपीजी 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 144.50 रुपये की वृद्धि की गई है. वहीं, बिना सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत 714 रुपये से बढ़ाकर 858.50 रुपये कर दी गई है.

क्यों बढ़ गए LPG के दाम
जनवरी 2020 के दौरान एलपीजी का इंटरनेशनल कीमत 448 डॉलर प्रति एमटी से काफी बढ़कर 567 डॉलर प्रति एमटी हो जाने के कारण घरेलू गैस के दामों में इजाफा किया गया है.

26 करोड़ से ज्यादा कंज्यूमर को सब्सिडी
सरकार ने बताया कि मौजूदा समय में 27.76 करोड़ से भी अधिक कनेक्‍शनों के साथ राष्‍ट्रीय एलपीजी कवरेज लगभग 97 फीसदी है. करीब 27.76 करोड़ में से तकरीबन 26.12 करोड़ उपभोक्‍ताओं के मामले में बढ़ोत्तरी को सरकार वहन करती है.

हिन्दू ही क्यों धर्मनिरपेक्ष रहते हैं?

हिंदुओं के कंधों पर धर्मनिरपेक्षता की जो जिम्मेदारी वर्ष 1947 में डाल दी गई थी, हिंदू आज भी उसी जिम्मेदारी का पालन करते आ रहे हैं और बहुसंख्यक होने के बावजूद हिंदू आसानी से ध्रुवीकरण का शिकार नहीं होते. जबकि मुसलमानों के बीच ये ट्रेंड देखा जाता है कि जब भी उन्हें किसी पार्टी की नीतियों से खतरा लगता है तो वो उसकी विरोधी पार्टी को चुनाव में भारी अंतर से जिता देते हैं. अब आप ये सोचिए कि अगर मोहम्मद अली जिन्ना का 14 सूत्रीय कार्यक्रम आज के भारत में लागू होता तो स्थिति क्या होती?

तब ऐसी सीटों पर शायद हिंदुओं को वोटिंग का अधिकार भी नहीं होता. मुसलमान अपनी सीटों पर अपना उम्मीदवार चुनते जबकि हिंदू धर्मनिरपेक्षता को जिताने के लिए वोट डालते. दुनिया में करीब 50 देश ऐसे हैं जिनकी बहुसंख्यक आबादी मुस्लिम है. इनमें से करीब 20 देश खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं लेकिन इनमें से भी ज्यादातर देशों में धर्मनिरपेक्षता सिर्फ नाम की है. इस्लाम में मूल रूप से धर्मनिरपेक्षता की कोई बात नहीं की गई है. अरबी भाषा में धर्मनिरपेक्षता जैसा कोई शब्द नहीं है.इसका कारण शायद ये है कि इस्लाम राजनीति और धर्म को अलग करके नहीं देखता है. जबकि साधारण भाषा में धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है राज्य का धर्म से दूर रहना. यानी सभी धर्मों के प्रति तटस्थ बने रहना.लेकिन दुनिया के ज्यादातर मुस्लिम देशों में सरकारें खुद को धर्म से अलग नहीं रखतीं. इसलिए दुनिया के लगभग किसी भी इस्लामिक देश में कोई गैर मुस्लिम व्यक्ति राष्ट्र अध्यक्ष बनने का सपना भी नहीं देख सकता है.

दिल्ली चुनाव के नतीजे आने के बाद हमारे अंतरराष्ट्रीय सहयोगी चैनल WION ने दिल्ली के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग से बात की थी.नजीब जंग का कहना था कि भारत अपनी बहुसंख्यक आबादी की वजह से धर्मनिरपेक्ष है. ना कि अल्पसंख्यक आबादी की वजह से. Pew Research Center के मुताबिक 2050 तक भारत में मुस्लिम आबादी 30 करोड़ से ज्यादा हो जाएगी और तब भारत दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश होगा लेकिन समस्या मुसलमान आबादी का बढ़ना नहीं है. समस्या ये है कि भारत के मुसलमानों का तेजी से वहाबी करण किया जा रहा है. यानी उन्हें कट्टर इस्लाम की तरफ मोड़ा जा रहा है. इस्लाम के कट्टर रूप को सर्वश्रेष्ठ मानने वाले विकास की नहीं बल्कि शरिया की बात करते हैं. बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी वाले शहरों के शरियाकरण की शुरुआत सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई विकसित देशों में भी हो चुकी है. ऐसा ही एक देश ब्रिटेन है.ब्रिटेन ने ही आज़ादी से पहले भारत के हिंदुओं और मुसलमानों को बांटने की कोशिश की थी लेकिन आज ब्रिटेन के ही कई शहर ऐसे हैं जहां मुस्लिमों की आबादी मूल निवासियों से ज्यादा होने लगी है.

ब्रिटेन का बर्मिंघम (Birmingham)‌ भी एक ऐसा ही शहर बन चुका है.जहां कुछ वर्षों में मुसलमानों की संख्या मूल निवासियों से ज्यादा हो जाएगी. बर्मिंघम में 200 देशों से आए लोग रहते हैं.लेकिन इनमें बड़ी संख्या मुस्लिम अप्रवासियों की है. अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक बर्मिंघम में कई ऐसे नो गो जोन बन चुके हैं, जहां गैर मुस्लिमों का जाना प्रतिबंधित है. इस रिपोर्ट के मुताबिक बर्मिंघम शहर ब्रिटेन में जेहादी विचारधारा की राजधानी बन गया है. बर्मिंघम के कई इलाके ऐसे हैं जहां 70 प्रतिशत से भी ज्यादा मुस्लिम आबादी रहती है. इन इलाकों में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. ब्रिटिश मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में जेल की सजा भुगत रहे 250 आतंकवादियों में से 26 का रिश्ता बर्मिंघम से ही था.

बर्मिंघम का प्रतिनिधित्व 10 सांसद करते हैं जिनमें से 3 मुस्लिम हैं. बर्मिंघम में भी तुष्टिकरण और ध्रुवीकरण की राजनीति का हाल भारत के कई राज्यों जैसा ही है. इसलिए ब्रिटेन का जो शहर कभी विकास के लिए जाना जाता था, वो अब कट्टर इस्लाम और जेहादी विचरधारा का केंद्र बन गया है. कुल मिलाकर सिर्फ 60 वर्षों में बर्मिंघम विकास के केंद्र से कट्टर इस्लाम के केंद्र में बदल गया और अब वहां की पूरी डेमोग्राफी बदलने लगी और वहां के बहुसंख्य अंग्रेज़ कुछ ही वर्षों में अल्पसंख्यक बन जाएंगे. 

तस्वीर सिर्फ दिल्ली और बर्मिंघम  की ही नहीं बदल रही बल्कि हमारे देश की राजनीतिक तस्वीर भी तेज़ी से बदल रही है. इसलिए अगला विश्लेषण शुरू करने से पहले हम आपको एक तस्वीर दिखाना चाहते हैं. ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. इस तस्वीर में दो राजनीतिक दलों के चुनाव चिह्न दिख रहे हैं.कांग्रेस का चुनाव निशान हाथ.और आम आदमी पार्टी का चुनाव निशान झाड़ू.लेकिन, तस्वीर में जो संदेश दिया गया है, वो ये है कि…कांग्रेस का हाथ अपनी पहचान खो चुका है और ये हाथ आखिरकार अपना रूप बदलकर झाड़ू में तब्दील हो चुका है.

तो क्या ये मान लिया जाए कि कांग्रेस का अपना कोई अस्तित्व नहीं रह गया है और कांग्रेस अब सिर्फ आम आदमी पार्टी के भरोसे है? हमने जो सवाल उठाया है, वो खुद कांग्रेस के नेता भी सार्वजनिक तौर पर उठा रहे हैं. कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्विटर पर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को जो जवाब दिया है, उस पर आपको ध्यान देना चाहिए.

चिदंबरम ने दिल्ली चुनाव के नतीजों पर खुशी जताते हुए कहा था कि दिल्ली के लोगों ने AAP को जिता दिया और बीजेपी के खतरनाक एजेंडे को हरा दिया.इस पर शर्मिष्ठा मुखर्जी ने चिदंबरम से पूछा है कि क्या कांग्रेस ने बीजेपी को हराने की ज़िम्मेदारी क्षेत्रीय दलों को सौंप दी है ? शर्मिष्ठा का सवाल है कि कांग्रेस पार्टी AAP की जीत पर खुश होने के बदले अपनी हार की चिंता क्यों नहीं करती है और ऐसे में क्यों ना प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को बंद कर दिया जाए? 

दरअसल कांग्रेस लगातार दूसरी बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपना खाता नहीं खोल पाई है.यानी पार्टी का एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाया.इतना ही नहीं, पिछले चुनावों से दिल्ली में कांग्रेस का वोट शेयर भी लगातार कम होता गया और AAP का वोट प्रतिशत लगातार बढ़ता गया. जो तस्वीर हमने आपको शुरुआत में दिखाई थी, वो अब आंकड़ों के साथ देखिए.कांग्रेस को वर्ष 2008 में दिल्ली में 40 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि ये वोट शेयर घटते-घटते इस चुनाव में करीब 4 प्रतिशत पर पहुंच गया. दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने पिछले तीन विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया.और इस चुनाव में करीब 53 फीसदी वोट हासिल किए हैं. कहा ये भी जा रहा है कि AAP को जो वोट मिले हैं, वो कांग्रेस के ही वोट हैं.यानी कांग्रेस के पंजे ने जो ताकत खोई है, वो ताकत AAP की झाड़ू को ही मिली है.

कांग्रेस इस देश की सबसे पुरानी पार्टी है, उसका जन्म 1885 में हुआ था.जबकि आम आदमी पार्टी का जन्म 2012 में हुआ.देखा जाए तो कांग्रेस उम्र में AAP से 127 साल बड़ी है.लेकिन, ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने खुद से 127 वर्ष छोटी पार्टी के आगे सरेंडर कर दिया है.AAP को अगर दिल्ली की राजनीति का सबसे सफल startup माना जाए तो ये भी कहा जा सकता है कि AAP ने दिल्ली में अब कांग्रेस को मर्ज कर लिया है.