Bank of Baroda, IDBI Bank Ltd, Oriental Bank of Commerce and Central Bank of India

 

The government is considering merging at least four state-run banks, including Bank of Baroda, IDBI Bank Ltd, Oriental Bank of Commerce and Central Bank of India, two people aware of the matter said. If the plan goes through, the merged entity will become the second-largest bank in the country after State Bank of India, with combined assets of ₹16.58 trillion.

With the merger, the government hopes to help stem the rise in bad loans in their books at a time when poor asset quality has crippled the lending ability of some of them. The merger will also allow the weak banks to sell assets, reduce overheads and shut money-losing branches.

The four banks that are being proposed to be merged are under pressure with combined losses of ₹21,646.38 crore in the year ended 31 March.

The department of financial services, under the finance ministry, is also simultaneously considering a 51% stake sale in IDBI Bank to a strategic partner, for ₹9,000-10,000 crore, the people said on condition of anonymity.

“Dilution of (government) stake in IDBI Bank could also be achieved through stake sale to private equity investors,” said one of the two people cited above. Queries emailed to IDBI Bank, Bank of Baroda, Oriental Bank of Commerce and Central Bank of India did not elicit any response.

On 21 May, IDBI Bank told the exchanges in a regulatory filling that a special resolution will be placed for further issue of capital at its board meeting of 25 May.

On the following day, IDBI Bank informed the exchanges about a scrutinizer report for an increase in the bank’s authorized capital from the existing ₹4,500 crore to ₹8,000 crore.

The increase in authorized capital could facilitate the sale of a stake of 51% or more, in the form of a preferential issue to investors.

Government officials declined to comment, saying the matter is highly market sensitive. In his 2016 budget speech, finance minister Arun Jaitley said that the government was considering reducing its stake in IDBI Bank to less than 50%.

The government had merged SBI with five of its associate banks and Bharatiya Mahila Bank in April 2017.

चलती चक्की

दिनेश पाठक अधिवक्ता, राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर। विधि प्रमुख विश्व हिन्दु परिषद

लोक तंत्र खतरे में ………. !!!

आजकल भारतीय राजनीति मे एक नारा बहुत जोर शोर से बोला जाता है”भारत में लोकतंत्र खतरे मे है”आज देश के किसी भी हिस्से मे खासकर भाजपा शासित राज्य मे कोई भी घटना घटित होती है फिर चाहे वो घटना आपराधिक हो,सामाजिक हो,आर्थिक हो,विपक्ष का यह नारा बुलंद हो जाता है कि देश मे लोकतंत्र खतरे मे है!यही नही कि यह नारा देने वाले सिर्फ राजनैतिक दल ही है,बल्कि वामपंथ से प्रभावित कुछ पत्रकार,बुजुर्ग छात्र, एवं एनजीओ भी इसमे शामिल है‌‌‌ ! सबसे पहलेहमें समझना होगा कि आखिर ये लोकतंत्र है क्या? शासनव्यवस्था के क ई तरीके होते हैजैसे राजतंत्र, सैनिक शासन,एक दलीय व्यवस्था, एवं लोकतंत्र! अतःशासन व्यवस्था का एक तरीका है लोकतंत्र! लोकतंत्र दो प्रकार का होता है प्रत्यक्ष लोकतंत्र और अप्रत्यक्ष लोकतंत्र! प्रत्यक्ष लोकतंत्र मेजनता स्वयं कानून बनाती है या जनता सरकार से कानून बनवाती है इसमे जनता का सीधा हस्तक्षेप होता है प्रत्यक्ष लोकतंत्र मे ही रैफरेण्डम,रिकाल,की प्रक्रिया होती है,जैसाकि फ्रांस,स्विटजरलैंड मे प्रत्यक्ष लोकतंत्र काम करता है!दूसरा होता है अप्रत्यक्ष लोकतंत्र जैसाकि भारत मे है इसमे जनता शासन चलाने की शक्ति अपने चुने हुये प्रतिनिधि को देती है !ये जनता के चुने हुये प्रतिनिधि ही जनता के लिये कानून बनाते है!पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के अनुसार”जनता का जनता के लिये जनता द्वारा किया शासन” ही सही मायने मे लोकतंत्र है!अप्रत्यक्ष लोकतंत्र मे बहुसंख्यक का शासन होता है लेकिन अल्पसंख्यक को उचित अधिकार दिये जाते है तथा प्रेस की आजादी,स्वतंत्र न्यायपालिका, व्यस्क मताधिकार लोकतंत्र की पहचान है,विभिन्न राजनैतिक दल होते हैजिनमे से बहुमत से सरकार का गठन होता है! विचारणीय विषय यह है कि लोकतंत्र को खतरा कब और किससे होगा ? क्या लोकतंत्र मे बहुमत से जो सरकार चुनी जाती है वो अब नही चुनी नही जा रही या देश मे अब बहुमत से चुनी सरकार नही रही? लोकतंत्र मे एक विपक्ष होता है क्या अब इस देश मे विपक्ष नही रहा?या विपक्षी दल देश मे राजतंत्र, सैनिक शासन लागू होने का खतरा महसुस हो रहा है? जिससे उनको लगता है कि भारत मे लोकतंत्र खतरे मे है और राजतंत्र या सैनिक शासन आने वाला है !क्या लोकतंत्र मे स्वतंत्र न्यायपालिका होती है वो स्वतंत्र नही रही? क्या देश मे जनता के चुने हुये प्रतिनिधि शासन नही कर रहे?क्या भारत का लोकतंत्र इतना कमजोर है कि एक दलित या मुस्लिम की हत्या या उनके साथ कोई दुर्घटना हो जाये जो कि सिर्फ एक आपराधिक क्रत्य है से देश मे लोकतंत्र खतरे मे आ जाये?उस अपराध के लिये दण्ड संहिता,दण्ड प्रक्रिया संहिता मे अपराधी को दण्डित करने का प्रवधान है पर देश मे ऐसा वातावरण तैयार किया जाता कि देश का लोकतंत्र खतरे मे आ गया! जिससे देश की छवि धूमिल होती है! जो राजनैतिक दल यह नारा बुलंद करते है वह क्या अपने दल मे भी लोकतंत्र अपनाते है या वहां सिर्फ राजतंत्र ही पसंद करते है?देश के ज्यादातर राजनैतिक दल पारिवारिक दल है वहां लोकतंत्र लागू नही करेंगे जबकि यह नारा बुलंद करने से पहले अपने अपने दलो मे लोकतंत्र अपनाये असली लोकतंत्र तो इन राजनैतिक दलो के अन्दर ही खतरे मे है!डा.भीमरावाम्बेडकर ने कहा था कि किसी राजनेता के लिये इतनी अंधमंददता न रखे जिसकी कीमत लोकतंत्र को चुकानी पडे ! राजनैतिक दलों मे ही चुनाव प्रक्रिया का अभाव ,राजनिति मे जातिधर्म का उपयोग, राजनीति का अपराधीकरण,एवं राजनैतिक भ्रष्टाचार से ही भारतीय लोकतंत्र को खतरा हो सकता है और किसी से नही!आज ससंद मे बहस का स्तर इतना गिर गया है कि पहले तो ससंद को चलने ही नही दिया जाता बमुश्किल चल भी गयी तो हमारे जन प्रतिनिधि जिस विषय पर बहस होती है उस पर दो मिनिट बोलेंगे अन्य बातों पर घण्टो भाषण देंगे जिससे ससंद मे किसी मुद्दे पर एक सार्थक चर्चा होनी चाहिये वो नही हो पाती जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पडता है ! ये है लोकतंत्र को खतरा!देश के सभी राजनैतिक दलो को एक साथ बैठकर विमर्श करना चाहिये और बजाये देश मे लोकतंत्र का खतरा दिखने के ससंद मे सार्थक बहस करनी चाहिये

चंडीगढ़ नंबर की गाड़ी दुदू, राजस्थान के पास दुर्घटना ग्रस्त हुई

अभी हम लोग जयपुर से अजमेर जा रहे थे तो जैसे ही हमने देखा कि यहां पर एक्सीडेंट हुआ है “दूदू” में तो हम लोग एक बच्ची जिसे लोगों ने किनारे पर निकाला हुआ था उसे गाड़ी में से हम लोग उसे लेकर हॉस्पिटल में पहुंचे वहां का बेसिक ट्रीटमेंट कराया और इसे लेकर जयपुर SMS हॉस्पिटल जा रहे हैं इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिए यह गाड़ी चंडीगढ़ की है और हो सके तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिए!
Sandeep jindal 9319761037
Maneesh sharma 9760455554
Abhishek Sharma 9997971717

यह टोयोटा फर्चुनेर गाड़ी श्री नवीन कुमार के नाम से रजिस्टर है, गाडी का नंबर CH01BD 7976 है

 

 

                                                                             

 

 

 

ज़ोर पकड़ रहा किसान आन्दोलन

 

जालंधर 3 जून 2018:(नरेश श. भा.)

किसानों द्वारा किया जा रहा प्रदर्शन अब उग्र रूप धारण करता जा रहा है. अपनी मांगों को लेकर किसानों ने 10 दिन की हड़ताल की है, जिससे आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त होता दिखाई दे रहा है. लेकिन जिस तरह से किसान सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, उससे ये साह ज़ाहिर हो रहा है कि ये प्रदर्शन रुपी ये तूफ़ान जल्दी नहीं थमेगा. किसानों के इस प्रदर्शन में अपना सहयोग देने के लिए जालंधर के काला बकरा गाँव के नजदीक एक भुग्गा नामक एक छोटे से गाँव के किसान ने अपने खेत में पकी हुई फसल पर ही ट्रैक्टर चला दिया. किसान का कहना है कि ऐसा करके वह बाकी के किसानों के प्रदर्शन में अपना सहयोग दे रहा है.

किसानों के इस प्रदर्शन ने बार फिर से मंदसौर के किसान प्रदर्शन की यादों को ताज़ा कर दिया है. जिस तरह से अपनी मांगों को लेकर किसान सब्जियां, फल और दूध रास्ते में गिराकर सरकार के खिलाफ रोष ज़ाहिर कर रहे हैं, उससे ये साफ़ ज़ाहिर हो रहा है कि शायद सरकार ने किसानों का मंदसौर प्रदर्शन देखकर सार नहीं ली. किसान भी बड़े ही अनोखे ढंग से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही मामला जालंधर के गाँव काला बकरा के नजदीकी गाँव भुग्गा का है. जहाँ एक किसान ने बाकी के किसानों का साथ देते हुए अपनी पकी हुई फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. मनोहर सिंह नामक किसान इस किसान का कहना है कि वह बाकी के प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ है. हालाँकि ऐसा करने से उसे करीब 5 लाख रूपए का नुक्सान हुआ है।

किसानों का कहना है ऐसा करके उन्होंने सरकार को किसानों की समस्या के प्रति ज्गाने जगाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की फसल का उन्हें वाजिब मूल्य नहीं दे रही है, जिससे खफा हो उन्हें अपने खेतों में ट्रैक्टर चलाने पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की फसलों का निर्धारित मूल्य तय करे. वहीँ, इस प्रदर्शन से लोगों को हो रहे नुक्सान के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को भी किसानों का साथ देना चाहिए, जिससे उन्हें मुश्किलों का सामना न करना पड़े.।

किसानों के इस उग्र हो रहे प्रदर्शन से जहाँ किसान तो भारी नुक्सान तो उठा ही रहे हैं लेकिन इसके आम लोगों को भी इसके नतीजे भुगतने पड़  रहे हैं. फिलहाल देखने वाली बात ये होगी कि सरकार किसानों की बात को कब मानती है और अगर मानती है तो उसके सामने क्या चुनौतियां होंगी.

150 करोड़ के क़र्ज़ तले लक्ष्मी प्रिसिशन लिमिटेड पर तलाबंदी का डर

 

चंडीगढ, 2जून:

हरियाणा के रोहतक स्थित बडे उद्योग लक्ष्मी प्रिसीजन स्कू्र लि पर संकट के बादल मंडरा गए है। कम्पनी के कर्मचारियों और श्रमिकों को पांच माह से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। साथ ही कम्पनी के कर्जदाता केनरा बैंक ने डिफाल्टर घोषित कर 138 करोड रूपए के कर्ज को एनपीए में डाल दिया है। बैंक की ओर से उद्योग के गेट पर नोटिस भी चस्पा किया गया है। बैंक ने कर्ज की वसूली के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।

1972 में स्थापित यह उद्योग अच्छे किस्म के नट-बोल्ट बनाने का काम करता है। ये नट-बोल्ट भारी उद्योगों व लक्जरी गाडियों में इस्तेमाल किए जाते है। इनका निर्यात किया जाता है और इस उद्योग पर कई स्थानीय उद्योग निर्भर है। ये छोटे उद्योग इसे जरूरी माल की आपूर्ति करते है। माल के निर्यात से विदेशी मुद्रा हासिल होती है। उद्योग पर करीब 150 करोड रूपए का कर्ज है जिसमें से करीब 130 करोड रूपए केनरा बैंक के है। अब तालाबंदी की आशंका से सभी परेशान है।

उधर श्रमिक व कर्मचारी संगठन का आरोप है कि कम्पनी को जानबूझकर घाटे में दिखाया जा रहा है ताकि करीब 200 करोड रूपए हडपे जा सकें। उनकी दलील है कि यदि घाटा है तो करीब 28 अन्य उद्योग कैसे खडे किए गए है। ये उद्योग भी इसके समान ही वस्तुओं का उत्पादन कर रहे है। इन अन्य कम्पनियों के डायरेक्टर भी एलपीएस के डायरेक्टर है। एलपीएस के श्रमिकों व सप्लायरों ने हरियाणा सरकार को पत्र भेजकर एलपीएस के डायरेक्टरों व खातों की सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही कम्पनी के वारों निदेशकों के पासपोर्ट जब्त करने की मांग की है। उन्होंने आशंका जताई है कि ये डायरेक्टर विजय माल्या और नीरव मोदी की तरह विदेश चले जायेंगे।

हरियाणा की सड़कों पर दूध की नदियाँ

जींद, 2 जून:
देश भर में स्वामीनाथन आयोग कि रिर्पोट को लागू करवाने की मांग को लेकर 1 जुन से लेकर 10 जून तक किसानों ने फल,सब्जी,दूध न देने का निर्णय लिया हुआ है,जिसका असर हरियाणा के जिला जींद में भी देखने को मिला। किसान आंदोलन के दूसरे दिन शनिवार दोपहर किसान गांव ईक्कस में भारतीय किसान युनीयन कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला कि अगुवाई में इक्टठे हुए और सड़कों पर दुध, फल व सब्जीयां बिखेरकर अपना रोष जाहिर किया। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए रामफल कंडेला ने सरकार पर किसानों की जायज मांगों पर विचार न करने का आरोप लगाया।  उन्होंने कहा कि अपनी मांगों के चलते देश भर के किसानों ने 1 जून से लेकर 10 जून तक किसान आंदोलन का निर्णय लिया है जिसके तहत किसान अपने उत्पादों को नही बेचेगा। उन्होंने बताया कि अगर दस तारीख तक उनकी मागों पर सरकार ने गौर नहीं किया तो वें फिर आगामी निर्णय लेगें।
उन्होने कहा कि स्वामी नाथन आयोग कि रिर्पोट को लागू करवाने की उनकी लंबे समय से मांग रही है लेकिन काफी समय बीत जाने के पश्चात भी इस रिर्पोट को लागू नही किया जा रहा है जिसका देश भर के किसान विरोध कर रहे है। उन्होंने कहा सरकार को चाहिए कि वें किसान हित को देखते हुए जल्द से जल्द इस रिर्पोट को लागू करें ताकि देश भर के किसान इसका लाभ उठा पाएं।

कैराना का मुस्लिम -दलित गठजोड़ आजमगढ़ में धाराशायी

दिनेश पाठक अधिवक्ता, राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर। विधि प्रमुख विश्व हिन्दु परिषद

कैराना मे मुस्लिम दलित गठजोड का दम्भ भरने वालो कैराना उपचुनाव का परिणाम आने के दो दिन बाद ही गठजोड ने आजमगढ मे दम तोड दिया ! हाल ही मै हुये कैराना लोकसभा के उपचुनाव मे भाजपा के खिलाफ एकजुटता दिखाने वाले मुस्लिम और दलित आजमगढ मे आमने सामने हो गये बताया जाता है कि 31 म ई की रात सरायवीर के बखरा गांव मे दलित बस्ती पर मुस्लिम भीड ने हमला कर दिया घरो मे तोडफोड की मारपीट की जिससे 10 दलित लोग बुरी तरह घायल हो गये जिन्हे पास के ही खरेवा अस्पताल मे भर्ती कराया गया है जहां उनका जिनका इलाज चल रहा है यह घटना एक 10 साल के दलित अमन और एक मुस्लिम युवक के बीच गौ कशी को लेकर हुयी तकरार का नतीजा थी तकरार के बाद अमन अपने घर चला गया कुछ देर बाद भारी संख्या मे आये मुस्लिमो ने दलितो के घरो पर हमला कर दिया पूरे गांव मे तबाव का माहौल बना हुआ है दलित वर्ग के लोग भयभीत है हालांकि सीओ फूलपुर के साथ भारी संख्या मे पुलिस बल तैनात कर दिया गया है खास बात है कि कुछ दिन पहले ही इन दोनो समुदाय ने कैराना उपचुनाव मे अपनी एकता का जमकर प्रदर्शन किया तथा अपनी पूरी ताकत भाजपा और नरेन्द्र मोदी को पराजित करने मे लगाई दो दिन बाद ही जबकि उपचुनाव का परिणाम आ चुका जिसमे भाजपा पराजित हुयी मुस्लिम दलित एकता का भी पर्दाफास आजमगढ मे हो गया लेकिन कोई दलित नेता ,चिंतक ,दलित हितैषी पीडित दलितो का हाल जानने नही आया अब जबकि 2019 मे लोकसभा चुनाव आने वाले है तो क्या मुस्लिम दलित गठजोड बच पायेगा या 2019 के बाद भी यही परणाम देखने को मिलेगा

 

Protest in Srinagar the Day before HM’s Visit

 

SRINAGAR: 

  1. The incident occurred days before Home Minister is to visit the valley
  2. Video footage shows the vehicle encircled by a mob
  3. “Selective picture” didn’t show “whole scene”: Jammu and Kashmir police
 A CRPF vehicle targeted by protesters in downtown Srinagar ran over three people in an attempt to get away, triggering a fresh wave of protests and criticism for the government. One of the three who had received serious injuries, later died.

The police have filed two First Information Reports or FIRs against the CRPF and unidentified stone throwers. While the stone throwers have been charged for attempt to murder and rioting, the CRPF driver has been charged with rash driving.

The incident in Srinagar’s Nowhatta area, just a few days before Home Minister Rajnath Singh is to visit the valley, could dampen the centre’s renewed efforts to reach out to Kashmiri youth after announcing the Ramzan truce with terrorists.

Mr Singh had planned to use his visit to not only review preparations for the Amarnath Yatradue to begin on June 29 but more importantly, signal his intent to engage with all stakeholders including the Hurriyat leaders.

The outrage over the latest incident could overshadow the outreach.

A police officer said the incident took place when the CRPF vehicle, on its way back after dropping a senior officer, ran into a street protest.

The sequence of events isn’t very clear yet.

But video footage that has emerged shows the vehicle encircled by a mob, people trying to force their way into the vehicle and the driver trying hard to get away.

Another clips shows the vehicle driving through the hostile group of people who are throwing stones and bricks from close range, and people removing one of the injured.

A couple of photographs that made its way to social media showed the vehicle just before it ran over a youth.

National Conference leader Omar Abdullah was unsparing in his attack on Chief Minister Mehbooba Mufti, who has not spoken on the incident. “Ceasefire means no guns so use jeeps,” he tweeted, asking Ms Mufti if this was the standard operating procedure of dealing with protesters.

But the Jammu and Kashmir police tweeted that “a selective picture” did not present the “whole scene”, a reference to the videos and pictures that showed the aggressive mob attacking the vehicle.
Mr Abdullah’s party described the pictures of a man being run over by a CRPF gypsy “haunting”.”The gypsy was attacked – that’s a fact – yes. However, it’s a failure of the local police in the area to have allowed a CRPF gypsy to pass through an almost 200 strong hostile crowd,” National Conference spokesperson Junaid Azim Mattu tweeted, blaming the police for allowing the jeep to pass through a hostile crowd.

“Almost every single civilian casualty in Kashmir is due to continued, repeated failures at crowd control, sanitisation of encounter sites and policing blunders. It’s not rocket science! You allow a CRPF gypsy to speed through a hostile crowd – didn’t you know this could happen???,” Mr Mattu said.

मोदी सरकार का किसानो के प्रति आक्रामक रवैया : सुरजेवाला

 

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने आज मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों की कड़ी भर्त्सना की. उन्होंने बताया की किसानों के प्रति सहानुभूति रखने की बजाये नीतियों का विरोध कर रहे  किसानों के विरुद्ध झूठे मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं जोकि बहुत निंदनीय है.

सुरजेवाला के अनुसार अपने घोषणा पत्र में भाजपा  ने   किसानों को स्वामी नाथन समिति की सिफारिशों के अनुसार  ही लागत अक ५० प्रतिशत के ऊपर समर्थन मूल्य देने का वादा किया था परन्तु  ऐसा नहीं किया गया जबकि कांग्रेस शासनकाल में स्वामी नाथन समिति की 201 सिफारिशों में से १७५ लागू कर दी गई थी.

कांग्रेस ने शनिवार को सरकार से किसानों के कर्ज माफ करने की मांग की और आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार देश के गन्ना किसानों की परेशानी पर ध्यान देने की बजाय पाकिस्तान से चीनी का आयात कर रही है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘देश भर के 130 से अधिक किसान संगठन मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते एक से दस जून तक ‘गांव बंदी’ आंदोलन कर रहे हैं. यह पहला अवसर नहीं है कि किसानों ने बीजेपी सरकार के प्रति अपना रोष प्रकट किया हो. बीते चार सालों से यही हालत है.’

कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों को धोखा देते हुए देश के सुपईम कोर्ट में 6 फरवरी, 2015 को शपथ पत्र दिया कि अगर स्वामीनाथन कमीशन की ‘लागत का 50 फीसदी से ज्यादा समर्थन मूल्य’ देने की सिफारिश को स्वीकार किया गया तो बाजार बिगड़ जाएगा. इसका मतलब यह है कि मोदी सरकार किसानों की अपेक्षा जमाखोरों और बिचौलियों के पक्ष में खड़ी हो गई.

उन्होंने कहा, ‘गन्ना किसानों की दुर्दशा का भी यही हाल है. देश के गन्ना किसानों का लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपया बकाया है. मूल कारण यह है कि शक्कर के अच्छे उत्पादन के बाद भी शक्कर का भाव धराशाई हो गया है. मोदी जी ने पाकिस्तान से बड़ी मात्रा में शक्कर का आयात करवा कर देश के गन्ना किसानों के जीवन में कड़वाहट घोल दी है.’ सुरजेवाला ने सवाल किया कि मोदी सरकार जब अपने कुछ धनपतियों का लाखों करोड़ रूपए का कर्ज माफ़ कर सकती है तो फ़िर किसानों का कर्ज क्यों नहीं माफ़ कर सकती ?

 

Arbaaz Khan has confessed to involvement in betting over IPL

Bollywood actor-producer Arbaaz Khan has confessed to involvement in betting over Indian Premier League (IPL) matches, said police officials of Thane anti-extortion cell. The actor reportedly said that he had placed bets in IPL matches last year and had lost Rs 2.75 crore.

Meanwhile, Thane Police Commissioner, Param Bir Singh said that interrogation in the matter is underway, while adding that the Deputy Commissioner of Police will brief about it once the interrogation concludes.

On being asked about the issue, Rajeev Shukla, IPL Chairman said,”The matter is with the police, we have nothing to do with it. Both BCCI and ICC have anti-corruption units, police can coordinate with them.”

Earlier in the day, the actor, brother of Bollywood superstar Salman Khan was called to record his statement before the anti-extortion cell of Thane police.

The summons were issued to Arbaaz after prominent bookie Sonu Jalan alias Sonu Batla who reportedly has links with various mafia dons, including absconding Dawood Ibrahim Kaskar was arrested sometime ago and interrogated by the AEC sleuths in connection with the IPL scam, Police Inspector Rajkumar Kothmire said.

“The case investigations are going on since the past five-six years and could involve amounts of over Rs 500-600 crore. We want to find out from Arbaaz what was his role in the entire matter,” said Kothmire who is probing the matter.

The 50-year-old actor-producer’s cropped up during Jalan’s interrogation and recovery of some photographs which include other major film personalities who may be subsequently summoned, he indicated.

According to Kothmire, the entire IPL scam involves some of the biggest bookies operating from Mumbai, Ahmedabad, Jaipur and New Delhi. Jalan was first nabbed around 10 years ago when the IPL betting scam had erupted and later investigations proved he was in touch with several world personalities, including Arbaaz.