RSS – BJP Make Major Changes in Organisation in UP

 

Following recent defeats for the BJP in bypolls in Uttar Pradesh, the RSS on Saturday made some key changes in the posts of organisation secretaries of the party’s regional units in the state by replacing BJP appointees with RSS pracharaks. Sources said the decision to make the changes was taken in the ongoing meeting of organisation secretaries convened by the RSS in Surajkund, Haryana.

The organisation secretary is a key link between the party and the Sangh. The organisation secretaries replaced are Shiv Kumar Pathak (Gorakhpur region), Om Prakash (Kanpur-Bundelkhand) and Braj Bahadur (Awadh) — all three are BJP leaders. Ratnakar, who was the RSS ‘vibhag pracharak’ of Kashi (Varanasi) region and was thus far organisation secretary of Kashi region, was given additional charge of Gorakhpur region. His centre of work will remain Kashi.

Pradumn, earlier vibhag prachark in Rajasthan, was appointed organisation secretary for Awadh region. He was in-charge of different cells of the BJP in UP so far. Bhawani Singh, earlier vibhag pracharak of Agra and so far organisation secretary of Braj region, has been given charge of Kanpur-Bundelkhand too. His centre will remain Agra.

The roles of BJP leaders who were asked to step down will be decided later, it was informed. A BJP leader said that the influence of the RSS in decision-making in the party at the regional level will increase now with appointment of RSS pracharaks. “They will have a key role in BJP organisation ahead of the Lok Sabha polls. They will also have a say in restructuring of the party organisation,” the leader said.

हिन्दु विरोधी ताकतों का षडयंत्र-सीआईए की रिपोर्ट

दिनेश पाठक , वरिष्ठ अधिवक्ता राजस्थान उच्च न्यायालय,एवं विश्व हिन्दू परिषद के विधि प्रमुख

 

अमेरिकी गुप्तचर एजेंसी सीआईए का देश के धार्मिक, सामाजिक,सांस्कृतिक संगठनो विश्व हिन्दुपरिषद,बजरंग दल को धार्मिक आतंकी संगठन बताना किसी देश की गुप्तचर एजेंसी की क्षमताओ पर एक प्रश्न चिन्ह लगाता है! क्या किसी देश की इंटेलिजेंस एजेंसी ईसाई मिशनरियों के बयानो के आधार पर अपनी रिपोर्ट बनाती है ? किसी संगठन को आतंकी कहने से पहले क्या उस संगठन को बारीकी से परखा नही जाना चाहिये?अगर सीआईए अपनी रिपोर्ट इस तरह तैयार करती है जैसे विश्वहिन्दु परिषद,बजरंगदल के लिये की है तो अमेरिका के लिये ही नही पूरे विश्व के लिये चिंता का विषय है और सिर्फ चिंता ही नही दुनिया के घातक है! अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी सीआईए ने विगत 4 जून को एक फैक्टबुक प्रकाशित की जिसमे उसने विश्व हिन्दु परिषद,बजरंगदल को धार्मिक आतंकी संगठन घोषित किया! अपनी फैक्टबुक मे इन दोनो संगठनो को राजनैतिक दबाब वाले समूह मे रखा है जिसका राजनीति मे सीधे तौर पर असर रहता है लेकिन ये खुद कभी चुनाव का हिस्सा नही रहते! ऐसी इंटेलिजेंस एजेसी की समझ पर तरस आता है जो किसी संगठन के चुनाव का सीधा हिस्सा न होने को आतंकी कहता हो?यह सिर्फ विश्व हिन्दुपरिषद ,,बजरंगदल या हिन्दुओ के लिये ही अपमानजनक नही बल्कि पूरे देश के लिये अपमानजनक है
अपनी रिपोर्ट से पहले कथित एजेंसी को चाहिये था कि वह इन संगठनो की सोच,कार्य का गहनता से अध्ययन करता ! इस कथित एजेंसी ने आर एस एस को राष्ट्रवादी संगठन माना है जो कि विश्व हिन्दू परिषद ,बजरंगदल का मूल संगठन है!विचारणीय प्रश्न ये है जब मूल संगठन रष्ट्रवादी संगठन है तो उसके आयाम आतंकी संगठन कैसे हो सकते है? ये प्रश्न एजेंसी की योग्यता पर सवालिया निशान है! यहां यह बता देना भी आवश्यक है कि ये सीआईए वही है जिसने ओसामा बिन लादेन को खडा करके पूरे विश्व को जिहादी आतंक की आग मे ढकेल दिया था! तो सीआइए किस आधार पर किसी देश के धार्मिक संगठन को आतंकी संगठन कह सकता है? विश्व हिन्दु परिषद,बजरंगदल धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन हैं देशभक्त संगठन है तथा इनकी गतिविधियां राष्ट्र को समर्पित है!60 हजार सेज्यादा एकल विधालय एक हजार से ज्यादा अन्य सेवाकार्य करते हुये देश के समग्र विकास को समर्पित है!बजरंगल दल देश के युवाओ के बीच काम करता है,धार्मिक क्षेत्र को अपना सहयोग तथा समाज के रचनात्मक कार्यों को सहयोग प्रदान करता है ! गौरक्षा,वनवासी लोगो का जीवन स्तर बेहतर बनाने के लिये काम करता है! इन संगठनो की गतिविधियो मे पुजारी,महन्त,साधूसंत,बडचढकर हिस्सा लेते है! ऐसे संगठन को आतंकी बताकर एक देश की गुप्तचर एजेंसी ने अपने आपको ही अयोग्य और फर्जी संस्था घोषित कर लिया! ऐसा नही है कि इन संगठनो की उल्लेखित जानकारी सीआईए के पास नही है फिर भी अनर्गल आरोप लगाना निहित स्वार्थ के कारण ही संभव है! चर्चो द्वारा हाल ही मे लिखे पत्र जिन्हे सीआईए ने ही लिखवाया और देश के ही कुछ हिन्दु विरोधी ताकतो जिनमे कुछ विपक्षी दल भी शामिल है जो देश की हिन्दू वादी सरकार को पचा नही पा रहे और न ही उनको 2019 के चुनाव मे हटाने की सम्भावना नजर आ रही ,इस षडयंत्र का हिस्सा है अमेरिकी सरकार को चाहिये की सीआईए को आदेश दे कि त्रुटि को शी्घ्र हटाये जिससे हिन्दूओ की भावनाएँ आहत न हो क्योंकि विश्व हिन्दु परिषद ,बजरंगदल सिर्फ भारत मे ही नही विश्व के अनेक देशो मे कार्यरत है साथ ही भारत की सरकार को अमेरिकी सरकार पर दबाव बनाना चाहिये कि वो सीआईए को ऐसी टिप्पणी को हटाने का आदेश दे अन्यथा कानूनी कार्यवाही की जायेगी तथा वैश्विक स्तर पर आन्दोलन किया जायेगा

ग्रीस में राष्ट्रपति का ज़ोरदार स्वागत, वह क्यूबा और सूरीनाम भी जायेंगे

 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को ग्रीस, सूरीनाम और क्यूबा की आठ दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए हैं। राष्ट्रपति कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपति के तौर पर यह कोविंद की चौथी और अफ्रीका से बाहर पहली अधिकारिक यात्रा है। वह सूरीनाम और क्यूबा की यात्रा करने वाले पहले भारतीय राष्ट्रपति होंगे। वहीं राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के वर्ष 2007 में ग्रीस की यात्रा करने के बाद वह इस देश की यात्रा करने वाले पहले राष्ट्रपति हैं।’

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने दौरे के पहले पड़ाव यानी ग्रीस पहुंच चुके हैं। जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उनकी पत्नी सविता के अलावा, राष्ट्रपति के साथ केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री विष्णु देव, लोकसभा सदस्य दिनेश कश्यप और नित्यानंद राय और वरिष्ठ अधिकारी भी इन देशों की यात्रा पर गए हैं। ग्रीस में, कोविंद राष्ट्रपति प्रोकोपिस पावलोपोलुस, प्रधानमंत्री एलेक्सी सिप्रास और विपक्ष के नेता कायरिआको मित्सोटाकिस के साथ बैठक करेंगे।

कोविंद वहां ग्रीस के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे और ग्रीस के अग्रणी थिंकटैंक, हैलेनीक फाउंडेशन फॉर यूरोप एंड फॉरेन पॉलिसी में ‘बदलते विश्व में भारत और यूरोप’ के मुद्दे पर भाषण देंगे। भारत और ग्रीस के बीच द्विपक्षीय व्यापार 53 करोड़ डॉलर का है और कुछ भारतीय कंपनियां इस मध्य यूरोपीय देश में आधारभूत, फर्मास्युटिकल इस्पात क्षेत्र में मौजूद हैं।

कोविंद ग्रीस में 12,000 भारतीय प्रवासी समुदाय को भी संबोधित करेंगे। ग्रीस के बाद, कोविंद 19 जून को सूरीनाम जाएंगे, जोकि भारत के राष्ट्रपति का पहला दौरा होगा। कोविंद की सूरीनाम और क्यूबा दौरे को भारत के लैटिन अमेरिकी देशों को ज्यादा महत्व देने के नजरिए से देखा जा रहा है। सूरीनाम में वह स्वास्थ्य और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।

सूरीनाम की 33 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल के लोगों की है। कोविंद यहां विवेकानंद संस्कृति केंद्र की आधारशिला भी रखेंगे। 21 जून को, कोविंद वहां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कार्यक्रमों में शामिल होंगे। सूरीनाम के बाद, वह अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ क्यूबा जाएंगे, जोकि किसी भी भारतीय राष्ट्रपति का पहला दौरा होगा।

ममता, चंद्रबाबू नायडू सहित चार मुख्यमंत्रियों को नहीं मिली केजरीवाल से मिलने की इजाजत

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों को धरने पर बैठे दिल्ली के मुख्यमंत्री से मुलाकात की अनुमति नहीं दी। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल छह दिनों से उपराज्यपाल के कार्यालय सह आवास ‘राजनिवास’ में धरने पर बैठे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी आज केजरीवाल से मिलने वाले थे। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा ने शनिवार को ट्वीट किया कि उपराज्यपाल ने मिलने की इजाजत नहीं दी।

राघव के ट्वीट को आगे बढ़ाते हुए केजरीवाल ने कहा कि यह अत्यंत विचित्र होता जा रहा है। इससे पहले चड्ढा ने ट्वीट किया था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार रात आठ बजे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के लिए उपराज्यपाल से समय मांगा है।

केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन व गोपाल राय सोमवार से ही राजनिवास में धरने पर हैं। इनकी मांग है कि उपराज्यपाल दिल्ली में प्रशासन चलाने वाले आईएएस अधिकारियों को अघोषित हड़ताल खत्म कर काम करने का निर्देश दें।

उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा केजरीवाल से मुलाकात की मंजूरी नहीं मिलने के बाद ये चारों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर से राज निवास तक पैदल जाएंगे. आम आदमी पार्टी ने यह जानकारी दी है. सभी मुख्यमंत्री रविवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली आए हुए हैं.

अरविंद केजरीवाल पिछले छह दिनों से धरने पर बैठे हैं. उन्होंने कहा था कि, हम तब तक यहां से नहीं जाएंगे, जब तक LG साब IAS अधिकारियों को मेरी सरकार के साथ फिर सहयोग शुरू करने का निर्देश नहीं देते. तीन महीने से वे हमारे द्वारा आहूत की गई बैठकों में आने से इंकार कर रहे हैं, और किसी भी निर्देश का पालन करने से भी. क्या आपने देश के किसी भी हिस्से में IAS अधिकारियों के काम करना छोड़ देने के बारे में सुना है…?

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो दिन पहले ही अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के आंदोलन को अपना समर्थन दिया था. ममता बनर्जी ने ट्वीट किया था, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देश की राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ दिनों से उप राज्यपाल के कार्यालय में बैठे हैं. निर्वाचित मुख्यमंत्री को अवश्य ही उचित सम्मान मिलना चाहिए.’ ममता ने ट्विटर पर लिखा था, ‘मैं भारत सरकार एवं दिल्ली के उप राज्यपाल से समस्या का तत्काल समाधान करने की अपील करती हूं ताकि लोगों को परेशानी न हो.’

इन सबके बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘मुझे नहीं लगता माननीय उप-राज्यपाल ने खुद ये फ़ैसला लिया होगा. साफ़ है पीएमओ ने उन्हें इजाज़त नहीं देने के निर्देश दिए होंगे. बिल्कुल उसी तरह जैसे आईएएस हड़ताल पीएमओ ने करवाई है.’

वहीं उन्होंने दूसरा ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, ‘हम एक लोकतंत्र में रहते हैं. क्या पीएम दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को सीएम से मिलने से रोकेंगे? राजभवन किसी की व्यक्तिगत संपति नहीं है. ये भारत की जनता का है.

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट किया है कि, ‘ आखिर कैसे पीएमओ दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने से रोक सकते हैं. क्या ये दिल्ली में अघोषित आपातकाल है?

गौरतलब है कि इससे पहले भी अनिल बैजल ने यशवंत सिन्हा, संजय सिंह को मिलने की अनुमति नहीं दी थी. इसके अलावा केजरीवाल की पत्नी, उनके भाई और उनकी मां को भी उनसे मिलने नहीं दिया गया था. एलजी कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों के परिजन उपराज्यपाल कार्यालय से बाहर उनसे मुलाकात कर सकते हैं, क्योंकि ऐसी मुलाकातों पर कोई प्रतिबंध नहीं है.

भाजपा दबाव में है, क्योंकि दिल्ली में ‘आप’ सरकार कड़ी मेहनत कर रही है: अरविन्द

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के तीन सहयोगियों का उपराज्यपाल निवास पर धरना शनिवार को भी जारी रहा। आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से रविवार को प्रधानमंत्री आवास तक मार्च निकाला जाएगा, क्योंकि दिल्ली में जारी भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों की हड़ताल को लेकर सरकार में गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।

‘आप’ प्रवक्ता पंकज गुप्ता ने कहा कि दिल्ली उसी तरह का जनांदोलन शुरू करने जा रही है, जैसा कि हमने पहले किया था और दिल्ली की राजनीतिक तस्वीर बदल गई। उन्होंने कहा कि न सिर्फ पार्टी कार्यकर्ता, बल्कि दिल्ली की आम जनता भी रविवार चार बजे शाम मार्च में हिस्सा लेगी। उन्होंने आगे कहा कि हमने पूरी कोशिश की, मगर वे सुनने को तैयार नहीं हैं।

इस घोषणा से पहले केजरीवाल ने कहा कि आईएएस अधिकारी दबाव में हैं और उनकी हड़ताल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से प्रेरित है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी उनका रुख स्पष्ट करने को कहा कि क्या वह भाजपा के साथ हैं या दिल्ली की जनता के साथ। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार के पास उतना अधिकार नहीं है, जितना पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पास था।

उन्होंने कहा कि मेरे पास एक चपरासी का भी तबादला करने की शक्ति नहीं है, लेकिन दीक्षित के पास अधिकारियों का तबादला करने और भ्रष्टाचार के आरोपों में उनकी गिरफ्तारी भी करवाने की शक्ति थी।

भाजपा पर आईएएस अधिकारियों को हड़ताल के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा अधिकारियों पर हड़ताल करने के लिए दबाव डाल रही है। भाजपा दबाव में है, क्योंकि दिल्ली में ‘आप’ सरकार कड़ी मेहनत कर रही है। मैं यहां दिल्ली की जनता के लिए बैठा हूं और उन्हें यह सुनिश्चत करता हूं कि स्थिति बदलेगी।

चंडीगढ़ से फ्लाइट्स ऑपरेट होनी शुरू

आज शनिवार तड़के हुई बारिश से आसमान पर धूल का गुब्बार कम होने के बाद चंडीगढ़ से फ्लाइट्स सामान्य हो गई हैं। एअर पोर्ट ऑथारिटीज ने ने इस बात की पुष्टि की है। दो दिन से आसमान में धूल के कण और प्रदूषण हाेने के बाद अब फ्लाइट्स ऑपरेट होनी शुरू हो गईं।

एअरपोर्ट अथॉरिटीज के प्रवक्ता के मुताबिक कुछ फ्लाइट्स देरी से ऑपरेट हुई हैं, लेकिन अब धीरे धीरे सभी फ्लाइट्स सामान्य हो जाएंगी। शनिवार को इंटरनेशनल फ्लाइट भी ऑपरेट हुई है। गौरतलब है कि बीते दो दिनों में पुअर विजिबिलिटी के कारण शिमला हेली टैक्सी समेत करीब 30 फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा था। दुबई जाने वाले यात्रियों को सड़क मार्ग से दिल्ली पहुचाया गया था।

चंडीगढ़ में शुक्रवार को एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 800 के आसपास पहुंच गया था। लोगों को सांस लेने में परेशनी का सामना करना पड़ रहा था। चंडीगढ़ की हवा में धूल के कणों की मौजूदगी पहले कभी इतनी ज्यादा नहीं रही। चंडीगढ़ की तरह पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी यूपी में भी धूल की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई। मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार को धूल कुछ छंट जाएगी। रविवार को बारिश से धूल से पूरी तरह राहत मिल सकती है।

More regional parties have expressed their support to Delhi chief minister Arvind Kejriwal

photo for representational purpose only

More regional parties have expressed their support to Delhi chief minister Arvind Kejriwal’s protest against the Lieutenant Governor with Jharkhand Mukti Morcha (JMM) and Telugu Desam Party (TDP) being the latest.

JMM’S working president and former chief minister Hemant Soren, in a tweet, said: “I salute to the fight by Delhi for its rights. The AAP government in Delhi is forced to come on the street for its rights, which kind of democracy is it? Jharkhand is with the people of Delhi and with Kejriwal.”

Andhra Pradesh chief minister and TDP chief N Chandrababu Naidu expressed solidarity with the “elected” Delhi government.

“The trend of using the Governor’s office for political benefits of the ruling party at the Centre goes against the spirit of the Constitution,” he said in a statement.

Kejriwal’s protest has already been backed by West Bengal chief minister and Trinamool Congress chief Mamata Banerjee, the Rashtriya Janata Dal and Bihar’s Leader of Opposition Tejashwi Yadav, along with former Union minister Yashwant Sinha, Samajwadi Party President Akhilesh Yadav, and actors-turned-politicians Kamal Hassan and Shatrughan Sinha.

The Communist Party of India-Marxist and the Communist Party of India were also supporting Kejriwal.

She is not appeasing any community clears Mamta

West Bengal chief minister Mamata Banerjee said those who accuse her of appeasing Muslims are friends of neither the Hindus nor the Muslims.

“Some accuse me of Muslim appeasement. My question to them is whether loving Hindus means you have to hate Muslims. I respect and love all communities and religion. This country belongs to everybody,” she said.

“Those who say I appease Muslims are friends of neither the Hindus nor the Muslims,” Banerjee said while addressing a special prayer gathering on Red Road to celebrate Eid-ul-Fitr.

The BJP and some other organisations have been charging Banerjee with appeasement of Muslims for political reasons. The chief minister said it was due to her protest that the Niti Aayog meeting which was earlier scheduled for Saturday was changed to Sunday.

“My question to the central government officials is whether they are not aware that Eid is scheduled to be celebrated on 16 June. Why was the Niti Aayog meeting kept on that day? I had written to the central government urging it to change the date so that it doesn’t clash with Eid,” she said.

Banerjee had confirmed her participation in the Niti Aayog’s rescheduled governing council meeting in New Delhi on Sunday. The meeting, which will be chaired by Prime Minister Narendra Modi, was earlier scheduled for Saturday, the day when Eid-ul-Fitr is being celebrated.

Banerjee and a few other chief ministers had expressed unwillingness to attend the meeting in view of Eid, following which it was postponed by a day.

Modi wants bureaucrats to spend time in field, be innovative

File Foto

While pushing for innovative ideas from senior bureaucrats in the ministries, the Prime Minister Narendra Modi has said that a certain budget of each department should be allocated for innovation. PM Modi has made a set of observations in a recent meeting with the senior officials of the ministries.

The PM has also observed that officers have lost field focus and asked that officers may be mandated to spend at least 5-6 days in a month in the field.

The PM has also asked to develop in-house capabilities in the ministries and government departments to do away with consultants. Recruiting consultants for different works or projects under government schemes is quite a general practice in various ministries and departments.

Analysis of set of observations made by the PM suggested that his focus is on quick delivery of projects in the country and all the hurdles coming in the way of this be removed. The set of observations have been made by the PM in a recent meeting with senior officers of various ministries.

Keeping in view the delay in implementation of some flagship projects in the country, the PM has observed, “Speed of decision making is critical-officers should constantly endeavour to reduce delays in processes.” The observation has been made in respect of all the central ministries.

Speaking about the need of innovations in government working, the PM has observed that innovations need not be big always and small changes can bring in big impact. “An award to innovation among officers…Innovation needs system flexibility. 1 % of each department may be considered to be allocated for innovation,” the PM observed.

Focusing on performance, the PMO has also noted that there is need to move from process based administration to performance based administration and each officer should be given clear task with freedom and responsibility.

The PM has also talked about team work as he observed, “Need to reach out to everyone in the team. Break the habit of working in silos. Knowledge sharing is necessary and helps better decision making.”

Speaking further on works, the PMO has observed, “Need to have a positive attitude towards work-behind every file are people. Whatever you do or not do, impacts the entire country. Need to aware of this always.”

It has also been said that successful experiments in governance should be documented and developed into a framework for replication across the country and institutions of repute may be engaged in this regard.

Apart from this, the PM has also asked for simplification of rules in government working. “Simplification of rules needs immediate attention—annual validation of all government circulars and orders is a must.”

The PMO has also asked the ministries to focus more on ‘soft copies’ as it has said that “hard copies of government orders or guidelines should be an exception.”

Speaking about coordination among seniors and juniors in the government departments, the PMO has observed, “there is need for communication between seniors and juniors. Need for a department vision and not just project plans. Need to align all employees of the organization to the vision of the organization.”