aap

अब आम आदमी पार्टी ने उठाया मोटर मार्केट से पेड़ काटने का मुद्दा

पुलिस की कार्रवाही पर उठाया सवाल : दोषियों का पता होनें पर भी अज्ञात पर क्यों किया मामला दर्ज

चंडीगढ़:16June

लॉकडाउन के दौरान  मनीमाजरा स्थित मोटर मार्केट में एक दुकानदार द्वारा अपने शो रूम के सामने लगे एक हरे-भरे पेड़ को काटने के मामले में अब आम आदमी पार्टी ने पुलिस की कार्रवाही पर सवाल उठाए। आम आदमी पार्टी के स्थानीय अध्यक्ष प्रेम गर्ग सीए, जो अपने पर्यावरण प्रेम की वजह से भी जाने जातें हैं, ने इस मामले को लेकर आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की।

प्रेम गर्ग ने कहा क‌ि जब विडियों में साफ साफ एक आदमी पेड़ काटते हुए और फिर गढ्डे को भरने के लिए मिट्टी डालते हुए दिखाई दे रहा है तो पुलिस उसको पकड़ कर पूछताछ क्यों नहीं कर रही कि पेड़ कटवाने के पीछे किसका हाथ है। वहीं उन्होंने पुलिस को टारगेट करते हुए कहा क‌ि पुलिस ने आरोपियों को बचाने के लिए अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। जबकि पेड़ काटने वाले के बयान से सारा मामला पानी की तरह साफ हो सकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं करती है तो इस मामले में आरोपियों को सजा दिलाने वो आदोंलन चलाएंगे।

उल्लेखनीय है क‌ि लॉकडाउन के दौरान 24 अप्रेल  को मोटर मार्केट में शोरूम नंबर 232 के आगे पेड़ को काटे जाने के  मोटर मार्किट के प्रधान परमिंदर सिंह सिद्धू उर्फ़ पिंदा ने चंडीगढ़ पुलिस के डीजीपी व हार्टिकल्चर विभाग को शिकायत दी। मामले को तूल पकड़ता देख मनीमाजरा थाना पुलिस ने  इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामला को रफा दफा करने की कोशिश की, लेकिन परमिंदर उर्फ पिंदा ने हार नहीं मानी और इस मामले को लेकर वो पुलिस अधिकारियों और वन विभाग के अधिकारियों के साथ संपर्क में रहा। पिंदा की इस मुहिम में अब पर्यावरण प्रेमी और आम आदमी पार्टी भी जुड गई है।

*पुलिस की कार्रवाई में लोचा*

आम आदमी पार्टी के प्रेम गर्ग ने यहां  जारी बयान में कहा कि उन्होंने पुलिस एफआईआर का अध्ययन किया तो ये चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि पुलिस को मोटर मार्केट के प्रधान ने लिखित रूप में शिकायत दी थी परन्तु पुलिस ने उसके बयान को दर्ज ना कर अपनी थाना पुलिस के कर्मचारी के बयान पर मामला दर्ज किया है। इससे साफ पता चलता है की पुलिस आरोपियों को बचाने के चक्कर में मामले को रफा-दफा करने में जुटी हुई है।

सुशांत ने अत्महत्या नहीं की, यह प्लांन्ड मर्डर है: कंगना रनौट

राजविरेन्द्र वसिष्ठ :

सुशांत सिंह राजपूत नहीं रहे। सोशल मीडिया पर तरह तरह की बातें पढ़ने सुनने को मिल रहीं हैं। कहीं वह एक नायक हैं तो कहीं वह हारे हुए अभिनेता। जीतने पर कोई भी ख़ुदकुशी नहीं करता। फिर सुशांत के हारने के क्या कारण थे? क्या कारण थे की छिछोरे के बाद सुशांत ने ए साथ 7 फिल्में साइन कीं और वह अपने सबसे अच्छे दिनों का आनंद ले रहे थे। यह 7 फिल्में उन्हे उनकी प्रतिभा ए बल पर मिलीं थीं, पर किसी के हाथ से तो यह फिल्में फिसल गईं थीं। इंडस्ट्री में जुम्मा जुम्मा आए आठ दिन नहीं हुए और एक साथ 7 फिल्में! भाई भतीजावाद वाली इस फिल्म इंडस्ट्री में बाहरी को इतना सम्मान यह कैसे हो गया, बिना किसी कारण यह सातों फिल्में स्शांत के हाथ से निकाल गईं या यूं कहें की यह फिल्में उनसे छीन लीं गईं। फिल्में बंद नहीं हुईं बस नायक बदल दिये गए। संजय निरूपम ने सुशांत की मौत को हत्या कहा है। यदि यह हत्या है तो जांच तो होनी ही चाहिए।

कंगना रनौत सुशांत की मौत को लेकर बहुत व्यथित है। कंगना की ही भांति सुशांत भी एक गैर फिल्मी परिवार से आते हैं। कंगना ने फिल्म उद्योग के रिश्तों का दंश झेला है जो सुशांत भी झेल रहे थे। कंगना को सुशांत उनकी कर्मठता, जिम्मेदाराना व्यवहार और अपने परिवार से जुड़े रहें के आरन बहुत ही अधिक पसंद थे। कंगना ने इंडस्ट्री को एक तरफा अथवा यूं कहें की भाई भतीजावाद की अंदरूनी लोब्बीस(lobbies) जिनहे बर्दाश्त नहीं होता की कोई बाहरी आ कर अपने दम खम पर छा जाये। सुशांत के हुनर के आगे कई नामी गिरामी चेहरे फीके पड़ रहे थे। सुशांत का अपना ही एक अंदाज़ था जो युवा मन में उत्साह तो जागता ही था साथ ही एक नयी शुरुआत का जज़्बा हासिल करवा देता है कंगना ने अपनी मेहनत से वह मुकाम हासिल कर लिया है जो यहाँ के दिग्गजों की दूसरी या तीसरी पीढ़ी को भी नसीब नहीं होता। कंगना ने अपने क्षोभ को twitter पर उतारा।

कंगना ने उन सभी लोगों पर करारा प्रहार किया है जो सुशांत की आत्महत्या को कायरता भरा कदम बता रहे हैं. जिन्होंने भी सुशांत की आत्महत्या को नशे आदि से जोड़कर देखा, उन सभी को कंगना ने आड़े हाथों लिया है. कंगना की टीम की ओर से ट्विटर पर डाले गए एक वीडियो में कंगना ने फिल्म इंडस्ट्री के लोगों पर निशाना साधते हुए यहां तक कहा कि ये कोई सुसाइड नहीं बल्कि एक प्लान मर्डर है.

‘गली बॉय’ जैसी वाहियात फिल्म को दिया अवॉर्ड, ‘छिछोरे’ को नहीं
कंगना ने कहा, “सुशांत ‌सिंह राजपूत कई इंटरव्यूज में ये कह चुके थे कि उन्हें इंडस्ट्री अपना नहीं रही है. जबकि वो लगातार अच्छी फिल्में कर रहे थे.” कंगना ने ये भी कहा, “सुशांत की पहली फिल्म (काय पो चे) को फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने इज्जत नहीं दी. इसके बाद ‘एमएस धोनीः द अनटोल्ड स्टोरी’ या ‘छिछोरे’ को भी वैसा सम्मान नहीं दिया गया जैसा उसे मिलना चाहिए. जबकि ‘गली बॉय’ जैसी वाहियात फिल्म को इतने सारे अवॉर्ड दिए गए.”

‘सुशांत के काम को अहमियत नहीं देते थे इंडस्ट्री के लोग’
कंगना का कहना है कि सुशांत को इस इंडस्ट्री के लोगों ने सात सालों के करियर में वो मान्यता नहीं दी जिसके वो हकदार थे. कंगना ने यह आरोप भी लगाया कि सुशांत ने सुसाइड नहीं किया बल्कि उसका एक प्लान मर्डर हुआ है. क्योंकि आज लोग मुझे भी ऐसे मैसेज कर रहे हैं कि बहुत कठिन समय चल रहा है तुम कोई ऐसा वैसा कदम मत उठा लेना. आखिर इस तरह के मैसेज का क्या मतलब है. क्यों मेरे दिमाग में सुसाइड कर लेने जैसी बात डाली जा रही है.”

‘संजय दत्त का एडिक्‍शन इंडस्ट्री के लोगों को क्यूट लगता है’
कंगना ने आरोप लगाया कि बहुत से लोगों को संजय दत्त का एडिक्‍शन क्यूट लगता है जबकि इंडस्ट्री में बाहर से आए लोगों को लेकर कहानियां बनाई जाती हैं. उन्होंने कहा कि आखिर क्यों उनके नाम पर छह केस दर्ज कराए गए ताकि वो परेशान रहें.

सोन चिराइया से

रणवीर शौरी की खीज, झुंझलाहट गुस्सा फूट कर twitter पर निकला है। रणवीर शौरी भी इन दोनों (कंगना और सुशांत) की ही भांति गैर फिल्मी परिवार से आते हैं, प्रतिभा के धनी लेकिन फिल्मी बाड़ेबंदियों से मात खाये हे हैं। उनके काम को भी पूरा श्रेय नहीं दिया जाता। सोन चिराया के अपने सह कलाकार को याद करते हुए शौरी ने बॉलीवुड को अपनी संपत्ति समझने वालों पर निशाना साधा है. उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को लेकर बॉलीवुड के दिग्गजों को गैर जिम्मेदार चौकीदार करार दिया है.

रणवीर ने बॉलीवुड के बड़े निर्माताओं की ओर इशारा करते हुए लिखा- ‘उसने जो फैसला लिया, वह उसका खुद का था. इसके लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. वह एक बड़ा दांव खेल रहा था, जहां सब जीतना और हारना था. लेकिन खुद को ‘बॉलीवुड के चौकीदार’ कहने वालों के बारे में जरूर कुछ कहना होगा.’

इतना ही नहीं शौरी ने एक अन्य ट्वीट में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा- ‘उन्हें इस बारे में जरूर कुछ कहना चाहिए जो वह खेल, खेल रहे हैं और उन्हें अपने दोगलेपन के बारे में भी बताना चाहिए. उन्हें उस ताकत के बारे में भी बात करनी चाहिए जो उन्होंने जुटा रखी है लेकिन फिर भी कोई जिम्मेदारी नहीं है. ताकत का इस्तेमाल वह सिर्फ अपनी विरासत को आगे बढ़ाने में करते हैं और देश का मीडिया उनकी गोद में बैठा हुआ है.’

सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की खबर बाहर आने के बाद बॉलीवुड के कई सितारों ने बॉलीवुड में नेपोटिज्म के खिलाफ आवाज उठाई है. रणवीर शौरी ने बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद की प्रथा को लेकर लिखा- ‘बड़े लोगों की ताकत ही यह फैसला करती है कि यहां कौन स्टार बनेगा और कौन यहां से बाहर जाएगा. जब किसी कैसीनो में जिस मेज पर सबसे बड़े लोग बैठकर दांव लगाते हैं और वहां कोई हारता है तो वहां कोई सवाल नहीं किया जा सकता. क्योंकि, उस समय बाकी सभी लोग अपना खेल खेलने में मस्त होते हैं. सच्चाई सभी जानते हैं कि यह खेल पहले से ही फिक्स है.’ 

शेखर कपूर अपने दुख को अपने गुस्से के साथ ज़ाहिर करते हैं।

शेखर ने ट्वीट कर अफसोस जताया कि आखिरी के 6 महीने वह सुशांत सिंह राजपूत के टच में नहीं थे.

उन्होंने कुछ देर पहले ट्वीट कर सुशांत के जाने का दुख व्यक्त किया. उन्होंने लिखा, ‘मुझे पता था कि आप किस दर्द से गुजर रहे हैं. मुझे लोगों की कहानी पता है, जिन्होंने तुम्हें इतनी बुरी तरह गिराया कि तुमने रोने के लिए मेरे कंधे का साहारा लिया. काश पिछले 6 महीनों में मैं तुम्हारे आस-पास होता. काश, तुम मेरे पास पहुंचे होते. तुम्हारे साथ जो हुआ वह उनका कर्म था. तुम्हारा नहीं.’ शेखर कपूर अपनी फिल्म “पानी” के लिए सुशांत सिंह राजपूत को कास्ट करने वाले थे. फिल्म को लेकर काफी काम भी हो चुका था. सुशांत का नाम फाइनल था, लेकिन कुछ कारणों से यशराज फिल्म्स ने इस प्रोजेक्ट को रोक दिया और ये फिल्म बड़े पर्दे पर रिलीज नहीं हो पाई.

अत्महत्या की अनसुलझी पहेली है डेटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी उर्फ सुशांत राजपूत की

मशहूर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने बांद्रा स्थित अपने घर में खुदकुशी कर ली है. खुदकुशी की वजह अभी साफ़ नहीं हो पाई है.

  •  बांद्रा पुलिस स्टेशन में सुशांत सिंह राजपूत के नौकर ने इस बारे में जानकारी दी है.
  • टीवी से अपने करियर की शुरुआत करने वाले सुशांत सिंह राजपूत ने हाल के सालों में बड़े पर्दे पर अपनी उल्लेखनीय मौजूदगी दर्ज की थी.

एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने रविवार को अपने घर पर खुदकुशी कर ली. उन्होंने बांद्रा में अपने घर फांसी लगाकर जान दे दी. खुदकुशी के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है. मुंबई पुलिस उनके घर पर पहुंच गई है और मामले की जांच कर रही है. सुशांत काफी लंबे समय से डिप्रेशन से गुजर रहे थे. हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं गया है. सुशांत ने आखिरी पोस्ट इंस्टाग्राम में 3 जून को मां की फोटो पोस्ट की थी. 

मुंबई(ब्यूरो) – जून 14 :

बॉलीवुड से एक बेहद ही दर्दनाक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है. मशहूर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने मुंबई में सुसाइड कर लिया है. सुशांत ने अपने घर पर फांसी लगाकर जान दी है. सुसाइड की वजह क्या है अभी इस बात की जानकारी नहीं है.

सुशांत सिंह राजपूत ने एम एस धोनी की बायोपिक ‘एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी’ में भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का किरदार निभाया था. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत कई मशहूर फिल्मों में अभिनय किया है. हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘छिछोरे’ में उनकी एक्टिंग को दर्शकों ने काफी सराहा था. स्शंत ने अपना फिल्मी सफर ‘काई पो चे ‘ से शुरू किया था. उनकी बंगला जासूसी किरदार ब्योमकेश बक्शी पर बनी ‘डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी’ में बहुत असरदार अभिनय किया था।

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत टीवी सीरियल की थी, ‘पवित्र रिश्ता’ की थी में अंकिता लोखंडे के साथ उनकी शानदार केमिस्ट्री वजह से दर्शकों के दिलों में उनके लिए खास जगह बन गई. सुशांत सिंह राजपूत ने टीवी से अपना करियर शुरू करके फिल्म तक का रुख किया और जिस तरह से टीवी जगत में उन्हें प्यार मिला, वैसे ही फिल्म जगत में भी उनकी एक्टिंग को लोगों ने काफी सराहा.

काफी लंबे समय से तनाव में थे राजपूत
सूत्रों के मुताबिक, सुशांत काफी लंबे समय से थे तनाव में थे. बहुत समय से पार्टी और मेन स्ट्रीम में दिखाई नहीं दे रहे थे. कुछ दिनों पहले उनकी एक्स मैंनेजर ने भी खुदकुशी कर ली थी. उन्होंने काई पे चे अपने करियर की शुरुआत की थे. उन्होंने अपने छोटे से करियर में खास छाप छोड़ी थी. फिल्म एमएम धोनी में उनके अभिनय की काफी तारीफ हुई थी. 

सुशांत अपनी मां के काफी करीब थे लेकिन 2002 में उनके निधन के बाद वह काफी हताथ हो गए थे. सुशांत ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के एंट्रेस एग्जाम 2003 में ऑल इंडिया में 7वीं रैंकि हासिल की थी. मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र थे पर एक्टिंग के लिए थर्ड ईयर में कॉलेज छोड़ दिया था.

आज सुशांत सिंह राजपूत के असमय निधन की वजह से सारा बॉलीवुड अभिनेता के इस कदम से शॉक में हैं.

बता दें कि कुछ दिन पहले ही सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर रहीं दिशा सालियान ने मुंबई के मालाड के मालवणी इलाके की एक इमारत की 14वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. दिशा सालियान ने मालवणी के जनकल्याण नगर में जिस इमारत के फ्लैट से कूदकर खुदकुशी की, वो उनके मंगेतर रोहन राय का घर था, जो कि एक एक्टर और मॉडल हैं.

ऋषि कपूर नहीं रहे

ऋषि कपूर (4 सितंबर 1952 – 30 अप्रैल 2020) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। ऋषि कपूर एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, फ़िल्म निर्माता और निर्देशक थे। वह एक बाल कलाकार के रूप मे काम कर चुके है। उन्हें बॉबी फ़िल्म के लिए 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार और साथ ही 2008 में फ़िल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने उनकी पहली फ़िल्म मेरा नाम जोकर में बाल कलाकार के रूप में शानदार भूमिका के लिए 1970 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त किया।

पुरनूर (नाट्य शास्त्र डेस्क), चंडीगढ़:

कैंसर से जूझ रहे ऋषि कपूर का गुरुवार सुबह 8:45 बजे मुंबई में निधन हुआ. ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) का गुरुवार दोपहर चंदनवाड़ी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया. यहां उनकी पत्नी नीतू कपूर और बेटे रणबीर कपूर समेत करीब 24 लोग मौजूद थे. अपने पिता के सबसे करीब है बेटी रिद्धिमा कपूर साहनी. रिद्धिमा साहनी अभी दिल्ली में ही हैं. उन्होंने पहले डीजीसीए से चार्टर प्लेन से जाने की मंजूरी मांगी थी, जो नहीं मिल सकी. अब दिल्ली पुलिस ने उन्हें सड़क के रास्ते जाने की मंजूरी दी है. रिद्धिमा 1400 किमी का सफर सड़क के रास्ते तय करेंगी. इसलिए पिता के अंतिम संस्कार के वक्त वे मुंबई नहीं पहुंच सकीं. रिद्धिमा कपूर साहनी ने अपने पिता के नाम आखिरी संदेश लिखा है.

रिद्धिमा ने इंस्टग्राम पर अपनी और पिता ऋषि कपूर की एक तस्वीर पोस्ट की हैं. उन्होंने उसके साथ एक बेहद इमोशनल संदेश भी लिखा हैं. रिद्धिमा लिखती हैं, ‘पापा आई लव यू मैं हमेशा आपसे प्यार करुंगी, मेरे सबसे मजबूत योद्धा, मैं आपको हर दिन, हर वक्त याद करुंगी. मैं आपके फेसटाइम कॉल हर रोज याद करुंगी! काश मैं आपको अलविदा कहने के लिए वहाँ हो सकती! जब तक हम फिर से मिलते हैं पापा आई लव यू. आपकी मुशक.’

ऋषि कपूर के निधन की खबर से बॉलीवुड सेलेब्स सदमे में हैं. ऋषि कपूर के निधन के बाद पत्नी नीतू कपूर (Neetu Kapoor) ने पहला पोस्ट किया है. उन्होंने ऋषि कपूर की फोटो शेयर करते हुए पूरे परिवार की ओर से एक स्टेटमेंट जारी किया है.

इस पोस्ट में ऋषि कपूर की एक मुस्कराती तस्वीर भी शेयर की गई है. जिसके साथ नोट में लिखा है, ”हमारे प्यारे ऋषि कपूर आज सुबह 8.45 पर इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गए. डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ का कहना है कि वह लास्ट तक सभी को एंटरटेन करते रहते थे. वह इन 2 सालों में बीमारी से लड़ते हुए भी खुश रहते थे. उनका फोकस सिर्फ परिवार, दोस्त, खाना और फिल्मों में था. जो भी उनसे मिलता वो ये देखकर चौंक जाते थे कि कैसे ऋषि ने बीमारी से खुद को कभी निराश नहीं होने दिया.” 

View this post on Instagram

🙏

A post shared by neetu Kapoor. Fightingfyt (@neetu54) on

इसके आगे नीतू ने जो बात लिखी वह पढ़कर सभी का दिल भर आएगा. नीतू ने लिखा है, ”फैन्स द्वारा मिले प्यार से वह काफी खुश होते थे. वह चाहते थे कि जब वह इस दुनिया से जाएं तो उनके फैन्स उन्हें उनकी स्माइल से याद करें आंसू से नहीं.” 

वहीं, 67 साल के ऋषि कपूर के निधन पर बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट ने एक इमोशनल नोट लिखा है. उन्होंने अपनी फीलिंग्स को इंस्टाग्राम पर साझा करते हुए लिखा, आलिया ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘खूबसूरत इंसान के बारे में मैं क्या कह सकती हूं, जो मेरी जिंदगी में इतना ज्यादा प्यार और अच्छाई लेकर आए. आज सभी लोग ऋषि कपूर के लीजेंड होने की बात कर रहे हैं.’ 

इसके आगे लॉकडाउन पर नीतू ने लिखा, ”इस वक्त दुनिया में जो परेशानी चल रही इस वजह से काफी प्रतिबंध होंगे और पब्लिक में ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते हम सभी फैन्स और परिवार से ये रिक्वेस्ट करते हैं कि आप सभी नियमों का पालन करें.”

View this post on Instagram

❤️❤️❤️

A post shared by Alia Bhatt ☀️ (@aliaabhatt) on

आलिया ने आगे लिखा, ‘मैंने पिछले दो सालों से उन्हें एक दोस्त की तरह जाना है. वह चाइनीज फूड लवर, सिनेमा लवर, एक फाइटर, एक लीडर, शानदार स्टोरीटेलर, ट्विटर के दीवाने और शानदार पिता थे. इन पिछले दो वर्षों में मुझे जो प्यार मिला है, मैं इसे हमेशा संजोकर रखूंगी. मैं ब्रह्मांड का शुक्रिया अदा करती हूं कि मुझे आपको जानने का मौका मिला. आज शायद मैं यह कह सकती हूं कि वह मेरे परिवार का एक हिस्सा थें क्योंकि उन्होंने ऐसा ही महसूस करवाया. लव यू ऋषि अंकल. हम आपको हमेशा याद रखेंगे. इन सब चीजों के लिए शुक्रिया.’ 

View this post on Instagram

beautiful boys 🤍

A post shared by Alia Bhatt ☀️ (@aliaabhatt) on

खूबसूरत लड़के

बता दें कि ऋषि कपूर ने बॉलीवुड में बाल कलाकार के रूप में ‘मेरा नाम जोकर’ से शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने ‘बॉबी’, ‘नगीना’, ‘चांदनी’, ‘प्रेम ग्रंथ’, ‘हिना’, ‘कर्ज’, ‘दीवाना’, ‘अमर अकर एंथोनी’, ‘दामिनी’, ‘बोल राधा बोल’, ‘सरगम’, ‘कभी कभी’, ‘नसीब’, ‘सागर’, ‘हम किसी से कम नहीं’, ‘दरार’, ‘लव आजकल’ जैसी शानदार फिल्मों मे काम किया है.

मुझे भरोसा है, मैंने आत्मसमर्पण कर दिया है : इरफान खान

मशहूर अभिनेता इरफान खान जिन्होंने कई अंतरार्ष्ट्रीय और भारतीय फिल्मों में अपनी भूमिकाओं से लाखों प्रशंसकों के दिल जीते, वे अब इस दुनिया में नहीं रहे। मुंबई के कोकिला बेन हॉस्पिटल में इरफान ने बुधवार सुबह आखिर सांस ली। इसके बाद वर्सोवा स्थित कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस दौरान उनकी पत्नी और बेटे वहां मौजूद थे। कोरोना लॉकडाउन की वजह से उनके परिवार के 20 लोग ही उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हो सके।   

इरफान को अंतिम विदाई देने के लिए कई सेलेब्स आना चाहते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से ज्यादा लोग नहीं जा पाए। बता दें कि इरफान के निधन की खबर सुनने के बाद इरफान के करीबी दोस्त और डायरेक्टर तिग्मांशु धूलिया हॉस्पिटल पहुंचे थे। तिग्मांशु और इरफान ने कई फिल्मों में साथ काम किया है। तिग्मांशु ने इरफान की फिल्म पान सिंह तोमर का निर्देशन किया था, जिसके लिए इरफान को बेस्ट एक्टर के नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था।

अभिनेता के निधन की पुष्टि वाले बयान में कहा गया है, मुझे भरोसा है, मैंने आत्मसमर्पण कर दिया है’, ये वे शब्द थे, जिन्हें इरफान ने अपने दिल से व्यक्त किए थे। ऐसा उन्होंने 2018 में कैंसर से अपनी लड़ाई की जानकारी देते समय लिखा था।” आगे कहा गया है, “मूक भावों को अपनी आंखों से व्यक्त करने की क्षमता रखने वाले अभिनेता की आंखों की गहराई स्क्रीन पर उनके यादगार कामों के साथ हमेशा याद की जाएगी। यह दुखद है कि आज हमें उनके निधन की खबर देनी पड़ रही है। इरफान एक मजबूत आत्मा थे, ऐसा व्यक्ति जो अंत तक लड़ता रहा और जो भी उसके करीब आया, उसे वह हमेशा प्रेरित करता रहा। साल 2०18 में दुर्लभ किस्म का कैंसर शरीर में पनपने का पता चलने के साथ ही उन्होंने जिंदगी के लिए कई लड़ाइयां लड़ीं। वह अपने प्यार और अपने परिवार से पूरे समय घिरे रहे, और उनकी उन्होंने हमेशा बहुत परवाह की। अब वह स्वर्ग में रहने के लिए चले गए हैं और अपने पीछे वास्तव में खुद की एक विरासत छोड़ गए हैं। हम सभी प्रार्थना करते हैं और आशा करते हैं कि वह शांति से रहें। इरफान के शब्दों में- ‘जैसे कि मैं पहली बार जीवन चख रहा था, जो कि इसका जादुई पक्ष है।”’

बता दें कि मंगलवार को इरफान को कोलोन संक्रमण के साथ मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि बुधवार के शुरुआती घंटों में उनके प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में उड़ाई गई अफवाहों से दूरी बना ली थी, लेकिन बाद में इरफान के निधन की पुष्टि हुई। इरफान खान के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए फिल्म निमार्ता शूजित सरकार ने बुधवार सुबह ट्वीट किया, “मेरे प्यारे दोस्त इरफान। आपने लड़ाई लड़ी और लड़ते रहे। मैं हमेशा आप पर गर्व करूंगा … हम आपसे मिलेंगे … सुतपा और बाबिल के प्रति संवेदना … सुतपा आपने भी बहुत संघर्ष किया और इस लड़ाई में हर संभव मदद की। ओम शांति। इरफान खान को सलाम। शूजित सरकार ने साल 2015 की अपनी फिल्म ‘पीकू’ में इरफान को निर्देशित किया था, जिसमें दीपिका पादुकोण और अमिताभ बच्चन भी थे। अभिनेता तब से बीमार हैं, जब उन्हें कुछ समय पहले न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला था और तब से ही वे चिकित्सा निगरानी में थे। वे इलाज के लिए विदेश भी गए थे।

इरफान खान आखिरी बार फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ में देखे गए थे। उनकी यह आखिरी रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्म कोविड-19 का फैलाव रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किए जाने से ठीक एक दिन पहले ही सिनेमा हॉल में आई थी। 

पत्नी के लिए दोबारा जीना चाहते थे इरफान खान…

बता दें कि इरफान खान ने कैंसर से लंबी जंग लड़ी है। हालांकि तबीयत ठीक होने के बाद इरफान ने फिल्म अंग्रेजी मीडियम की। इस फिल्म के रिलीज के दौरान उन्होंने एक इंटरव्यू में बीमारी से चल रही अपनी जंग को लेकर बात की थी।

इरफान ने कहा था, मेरे लिए ये जो दौर था वो रोलर कोस्टर राइड जैसा था। हम थोड़ा रोए, लेकिन बहुत हंसे भी। मुझे बहुत बेचैनी होती थी, लेकिन मैंने उसे  बाद में कंट्रोल कर लिया था।

उन्होंने कहा था, हालांकि इस बीच जो सबसे अच्छी बात हुई वो ये कि मैं अपने बच्चों के साथ ज्यादा समय रहा। मैंने उन्हें बढ़ता देखा। अपनी पत्नी सुतापा को लेकर तो मैं क्या ही कहूं। वह 24 घंटे मेरे साथ रहती हैं। हमेशा मेरा ध्यान रखतीं। अगर मुझे जीने का मौका मिला तो मैं उसके लिए जीना चाहूंगा। मैं अगर अभी तक हूं तो उसकी बड़ी वजह मेरी पत्नी है।

ह्रितिक रौशन, कपिल रजनी और अन्यों ने कोरोना के चलते किए करोड़ों दान

“The History Of India has to be reckoned not in decades or in centuries but in thousands of years. It is only under british rule that India for the first time in her history has begun to feel that she has been conquered.” …Subhash Chandra Bose.

उपरोक्त पंक्तियाँ आज किस संदर्भ में सटीक बैठती हैं जब टुकड़े टुकड़े गैंग, अवार्ड वापिसी गैंग, मोदी हटाओ शरिया लाओ वाले गैंग वामपंथी और हमेशा से युवा पीढ़ी के पुरोधा रहे फिल्म स्टार गैंग, जावेद-शबाना-फरहान, नसीर, आमिर – किरन, ‘शाहीन बाग’ प्रेमी स्वरा शाहरुख, सलमान और सैफ जिन्हे भारत में डर लगता है, जिन्हें यहाँ के हुक्मरानों से घिन आती है वह खामोश हैं। आज यदि हम नाम लें तो एक धर्म विशेष के कलाकार ही अपने देश के दुख में शरीक हैं बाकी सिर्फ कमाई करने के लिए बैठे हैं।

नई दिल्ली: 

वैश्विक महामारी कोविड -19 (Covid-19) के प्रकोप के बीच संकट की इस घड़ी में कई परोपकारी उद्योगपति और फिल्म जगत के सितारे कोरोना वायरस से लड़ने वाले योद्धाओं की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. इस समय पूरा विश्व कोरोना महामारी से लड़ रहा है. चीन, इटली और अमेरिका जैसे देश इससे बुरी तरह से प्रभावित हैं. ऐसे में भारत ने कोरोना से लड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.

उत्तर-पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद (लोकसभा) और गायक हंस राज हंस ने अपनी सांसद निधि से 50 लाख रुपये दान करने की घोषणा की. नार्थ दिल्ली नगर निगम की आयुक्त वर्षा जोशी को लिखे एक पत्र में हंस राज ने 50 लाख रुपये की राशि का योगदान देने की इच्छा जताई. पत्र में लिखा गया है “उत्तर पश्चिम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में एनडीएमसी द्वारा चलाए जा रहे डिस्पेंसरियों, एरिया सैनिटाइजेशन और अस्पतालों में मरीजों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के प्रावधान, चिकित्सा उपकरण, दवाओं और उपचार के लिए इस राशि का इस्तेमाल किया जा सकता है.

कॉमेडियन कपिल शर्मा ने ट्विटर पर जानकारी शेयर की कि वह प्रधानमंत्री रिलीफ फंड में 50 लाख की मदद कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कर रहे हैं. कपिल ने इस मदद के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी दी है. उन्होंने लिखा- यह वक्त है उन लोगों के साथ खड़े होने का जिन्हें हमारी जरूरत है. कोरोना से चल रही इस जंग के लिए पीएम रिलीफ फंड में 50 लाख रुपए का सहयोग कर रहा हूं. साथ ही हर किसी से प्रार्थना करता हूं कि घर पर रहें, सुरक्षित रहें.

कपिल शर्मा के अलावा ऋतिक रोशन ऐसे दूसरे सितारे हैं जिन्होंने कोरोना के खिलाफ जंग में मुंबई नगरपालिका कर्मचारियों के लिए मास्क खरीदकर दिए हैं. सोशल मीडिया के अनुसार इन मास्क की कुल कीमत 20 लाख रुपए है. ऋतिक ने ट्विटर पर लिखा- इस वक्त हमारे शहर और सोसायटी के केयरटेकर्स के लिए हमसे जो बन पड़े हमें वो करना चाहिए. मैंने हमारे बीएमसी कार्यकर्ताओं और अन्य के लिए N95 और FFP3 मास्क खरीदे हैं. बीमारी पर अंकुश लगाने के लिए महाराष्ट्र सरकार का समर्थन करने का अवसर देने के लिए आदित्य ठाकरे का आभार. यह हमारा कर्तव्य है कि हमारी जो भी क्षमता हो उसके अनुसार मदद करें.

इस मौके पर रजनीकांत, प्रभास, रामचरण और पवन कल्याण ने भी करोड़ों रुपए का दान किया है. इतना ही नहीं सुपरस्टार कमल हासन ने तो अपने घर को ही अस्पताल में बदलने के लिए प्रस्ताव सरकार को दिया है.

Police Files, Chandigarh

Korel, DATED – 26.03.2020

Theft

A lady resident of Maulijagran, Chandigarh reported that unknown person who stole away 1 LED TV, cash Rs. 28000/-, one pair gold ear ring, mangal sutra, gold ring, silver kada, silver kangan, 1 smart watch, 2 ladies watch from complainant’s residence on 22.03.2020. A case FIR No. 44, U/S 380 IPC has been registered in PS-Maulijagran, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

Dowry death

A case FIR No. 50, U/S 304-B, 34 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh on the complaint of Satya Bushan Mishra R/o # 351, Sabha Kheda, Primary School, gali No.3, Ekta Nagar, Raibrailly road, Lucknow, U.P., who alleged that Manoj Kumar Mishra, Saket Kumar Mishra and a lady all resident of Sector 44, Chandigarh all they harassed complainant’s daughter for more dowry due to this she committed suicide. All accused arrested in this case. Investigation of case is in progress.

पूरा भाषण न पढ़ पाने पर भी सीतारमण ने तोड़ा अपना ही सबसे लंबा भाषण पढ़ने के रेकार्ड

आम बजट 2020 (Union Budget 2020) पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया। उन्होंने देश के बजट इतिहास में सबसे लंबी स्पीच देने का रिकॉर्ड बना दिया। उनका ये बजट भाषण (Budget Speech) दो घंटे 42 मिनट तक चला।

नई दिल्ली. 

आम बजट 2020 (Union Budget 2020) पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया. उन्होंने देश के बजट इतिहास में सबसे लंबी स्पीच देने का रिकॉर्ड बना दिया। उनका ये बजट भाषण (Budget Speech) दो घंटे 42 मिनट तक चला। उनका ये बजट भाषण और भी लंबा हो सकता था, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण वह बजट भाषण के आखिरी दो पन्ने नहीं पढ़ पाईं. इसके बाद उन्हें ये भाषण वहीं रोकना पड़ा। हालांकि तब तक वह सबसे लंबा भाषण देने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ चुकी थीं।

लगातार दो घंटे 42 मिनट तक अपना बजट भाषण देने के बाद निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की तबीयत खराब हो गई. उस समय बजट भाषण में दो पेज बचे हुए थे। उन्हें पसीना आने लगा और वह माथे से पसीना पोछती दिखाई दीं. उनके सहयोगी मंत्रियों द्वारा टेबलेट दी गईं। इस बीच अकाली दल की सांसद और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर (Harsimarat Kaur) उन्हें एक टेबलेट देने आईं जो उन्होंने नहीं ली। उन्होंने कौर को बताया कि वह पहले से ही एक टेबलेट ले रखी है.इसके बाद उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से बजट भाषण रोकने की अपील की. लोकसभा अध्यक्ष ने उनसे पूछा कितने पेज बचे हैं। उन्हें बताया गया कि 2 पेज बचे हैं. इसके बाद उन्हें भाषण रोकने की इजाजत दे दी गई।

निर्मला सीतारमण ने सबसे लंबा भाषण देकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया. 2019 में उनके नाम 2 घंटे 17 मिनट का भाषण दिया था. तब उन्होंने 2003 में एनडीए के वित्तमंत्री जसवंत सिंह का सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड तोड़ा था.

नसीर को अनुपम का ‘अनुपम’ जवाब

नई दिल्ली: 

सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर हाल ही में एक इंटरव्यू में अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने अनुपम खेर पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘जोकर’ कहा था. अब खेर ने नसीरुद्दीन शाह को वीडियो ट्वीट कर करारा जवाब दिया है. अनुपम ने अपने जवाब में कहा कि मेरे खून में हिंदुस्तान है, बस इसको समझ जाइए.

खेर ने अपने ट्वीट में लिखा, “जनाब नसीरुदीन शाह साब के लिए मेरा प्यार भरा पैग़ाम!!! वो मुझसे बड़े हैं. उम्र में भी और तजुर्बे में भी. मैं हमेशा से उनकी कला की इज़्ज़त करता आया हूं और करता रहूंगा. पर कभी-कभी कुछ बातों का दो टूक जवाब देना बहुत ज़रूरी होता. ये है मेरा जवाब.” 
 
खेर ने अपने वीडियो में कहा, “जनाब! नसीरुदीन शाह साब मेरे बारे में आपका दिया हुआ इंटरव्यू देखा. आपने मेरी तारीफ के बारे में बातें कहीं कि मैं क्लाउन हूं, मुझे सीरियसली नहीं लेना चाहिए. मैं साइकोफैन हूं. ये मेरे खून में है, वगैरह, वैगैरह. इस तारीफ के लिए शुक्रिया, पर मैं आपको और आपकी बातों को बिल्कुल भी सीरियसली नहीं लेता. हालांकि, मैंने कभी भी आपकी बुराई नहीं की. आपको भला बुरा नहीं कहा. अब जरूर कहना चाहूंगा कि आपने अपनी पूरी जिंदगी, इतनी कामयाबी मिलने के बावजूद फ्रस्टेशन में गुजारी है. अगर आप दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, शाहरुख खान और विराट कोहली को क्रिटिसाइज कर सकते हैं, तो आई एम श्योर, आई एम इन ग्रेट कंपनी.”

उन्होंने आगे निशाना साधते हुए कहा, “और इनमें से किसी ने भी आपकी स्टेटमेंट को सीरियसली नहीं लिया क्योंकि हम सब जानते हैं कि आप नहीं, आप वर्षों से जिन पदार्थों का सेवन करते हैं, उनकी वजह से क्या सही है, क्या गलत है; आपको इसका अंतर ही पता नहीं लगता. मेरी बुराई करके अगर आप सुर्खियों में आते हैं तो मैं ये खुशी आपको भेंट करता हूं. भगवान आपको खुश रखे. आपका शुभचिंतक अनुपम. आप जानते हैं मेरे खून में क्या है? मेरे खून में है हिंदुस्तान. इसको समझ जाइए बस.”

इस पूरे विवाद की शुरुआत हाल ही में नसीरुद्दीन शाह के एक इंटरव्यू से हुई. शाह ने सीएए और एनआरसी का विरोध करते हुए अनुपम खेर पर तीखा हमला बोला था. उन्होंने कहा था, ‘अनुपम खेर इस मामले में काफी मुखर रहे हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए. वो एक जोकर हैं. एनएसडी और एफटीआईआई में उनके समकालीन रहे लोग उनके चापलूस स्वभाव के बारे में बता सकते हैं. ये चीज उनके खून में है और वे इसमें कुछ भी नहीं कर सकते लेकिन, बाकी लोग जो इनका समर्थन कर रहे हैं, उन्हें फैसला करना चाहिए कि वे आखिर किसका सपोर्ट कर रहे हैं.”

हरियाणवी फिल्मों को बालीवुड में एक नई पहचान दिलवाने के लिए खट्टर के प्रयास रंग लाये

चंडीगढ़:

  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की हरियाणवी संस्कृति व हरियाणवी फिल्मों को बालीवुड में एक नई पहचान दिलवाने के लिए की गई पहल के सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं। मंत्रिमण्डल बैठक में लिए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत हरियाणा फिल्म प्रोत्साहन बोर्ड का गठन किया था और उसी कड़ी में गठित स्क्रिप्ट कमेटी ने पंचकूला के सैक्टर 1 स्थित लोक निर्माण विश्राम गृह के सभागार में 14 व 15जनवरी, 2020 को दो दिनों में हरियाणवी व गैर-हरियाणवी 22फिल्मों का मूल्यांकन किया।

        हरियाणवी फिल्मों के जाने-माने चेहरे यशपाल शर्मा, बालीवुड अभिनेत्री मीता वशिष्ठ तथा हरियाणवी फिल्म पगड़ी के निदेशक राजीव भाटिया इस स्क्रिप्ट कमेटी के सदस्य हैं। फिल्मों का मूल्यांकन करने के बाद संयुक्त रूप से एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोंधित करते हुए उन्होंने बताया कि वर्तमान हरियाणा सरकार ने हरियाणवी भाषा व हरियाणवी फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए राज्य में पहली बार फिल्म नीति बनाई है। 

      उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत हरियाणा की धरती पर बनाई जाने वाली अन्य भाषा की फिल्मों को हरियाणवी फिल्मों के समान आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो एक सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के निदेशक पी.सी.मीणा ने स्वयं यहां कुछ फिल्मों को उनके साथ बैठकर देखा है, जो इस बात को दर्शाता है कि हरियाणा सरकार अपनी फिल्म नीति के प्रति कितनी गंभीर है।

        एक प्रश्न के उत्तर में यशपाल शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपनी फिल्म ‘दादा लख्मीचंद’ यहां दिखाई है, जिसकी शूटिंग सिरसा जिले के जमाल, गौसांईयां तथा बकरियांवाली गांव में की गई है। पंडित लख्मीचंद के पैतृक गांव में भी इस फिल्म के दृश्यों की शूटिंग की गई। उन्होंने बताया कि यह फिल्म दो भागों में है, जिसका शूटिंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और ऐसी उम्मीद है कि आगामी जुलाई माह तक यह फिल्म रिलीज हो जाएगी। उन्होंने बताया कि हरियाणवी संस्कृति से जुड़ी यह फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आएगी तथा हरियाणा की माटी को दर्शाती यह फिल्म आने वाले समय में निश्चत रूप से अपनी एक अलग पहचान बनाएगी।

        स्क्रिप्ट कमेटी के सदस्यों ने विजेता दहिया की हरियाणवी फिल्म ‘दरारें’ की भी सराहना की। जिन फिल्मों को स्क्रिप्ट कमेटी ने देखा उनमें हरियाणवी फिल्मों में ‘दादा लख्मीचंद’ के अलावा, ‘हे राम’ ‘बनो तेरा हस्बैंड’, ‘बदला’, ‘बो मैं डरगी’, ‘कर्मक्षेत्र’ ,‘छोरियां छोरों से कम नहीं होती’, तथा ‘दरारें’ शामिल है, जबकि गैर-हरियाणवी तथा लघु फिल्मों की श्रेणी में  ‘जब से मिली है वो’, ‘48कोस’, ‘जंगम प्राईस्ट आफ लॉर्ड शिवा’, ‘आधी छुट्टी सारी’, ‘तुर्रम खां’, ‘वन्स अपॉन ए टाईम इन अम्बाला’, ‘तेरी मेरी गल बन गई’, ‘भिवानी-वल्र्ड आफ वेनसिंग वॉल पेटिंगस’,  ‘गोल गप्पे’ तथा  ‘ये बेचारा मर्द’ शामिल हैं। इसी प्रकार, पंजाबी फिल्मों में  ‘जख्मी’ तथा  ‘वियाह दे वाजे’ रहे।

        इस अवसर पर सूचना,जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के निदेशक पी.सी.मीणा, हरियाणा फिल्म नीति के प्रावधान के तहत गठित शासी परिषद के सदस्य हरीश कटारिया तथा इन दर्शायी गई फिल्मों के प्रोडयुसर, निदेशक व कलाकार भी उपस्थित थे।