ज्योतिष शोध कार्यों में आधुनिक संचार माध्यमों का हो सार्थक उपयोग- रजनीश सूद ज्योतिषाचार्य

गणना पर आधारित इस विज्ञान की मदद से भूत, वर्तमान व भविष्य के बारे में पता लगाया जा सकता है। जरूरत इसके नियमों, उप-नियमों, देशकाल की स्थिति को समझने तथा आधुनिक परिवेश में अपने शोध कार्यों को और अधिक सटीक व जनोपयोगी बनाने की है। ज्योतिष शोध कार्यों में आधुनिक संचार माध्यमों का भी सार्थक उपयोग होना चाहिए।

ज्योतिष के माध्यम से हमारे ऋषि-मुनियों, तपस्वियों व बुद्धिजीवियों ने विभिन्न शोध कार्यों से जनसाधारण के जीवन को सुगम बनाने के सतत् प्रयास किए हैं। ज्योतिष भारतीय संस्कृति की सर्वोत्तम धरोहर है। गणना पर आधारित इस विज्ञान की मदद से भूत, वर्तमान व भविष्य के बारे में पता लगाया जा सकता है। जरूरत इसके नियमों, उप-नियमों, देश काल की स्थिति को समझने तथा आधुनिक परिवेश में अपने शोध कार्यों को और अधिक सटीक व जनोपयोगी बनाने की है। ज्योतिष शोध कार्यों में आधुनिक संचार माध्यमों का भी सार्थक उपयोग होना चाहिए। इसी सोच से नक्षत्र २७ रिसर्च सेंटर आयजित करवा रहा है राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन रविवार पांच दिसंबर को होटल सनबीम में ; इस ज्योतिष महासम्मेलन में ,राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ज्योतिषाचार्य जी. डी. वशिष्ठ  ,अनिल वात्स  ,एच .एस रावत , पंडित लेखराज ,पी .पी. एस राणा  ,मदन गुप्ता स्पाटू  , रविंद्र भंडारी , अक्षय  तथा इसके इलावा देश भर से   प्रमुख ज्योतिषी इस सम्मेलन में भाग लेंगे  ।इस सम्मेलन के आयोजक संगठन के सी ई ओ डॉ रजनीश सूद व् चेयरपर्सन डॉ बविता अग्रवाल  है। इस सम्मेलन को करवाने का मुख्य उद्देश्य- ज्योतिष शास्त्र के विद्यार्थियों  को प्रोत्साहित करना है ।क्योंकि वही ज्योतिष का भविष्य है। ज्योतिष भारत की नस नस में है, भारत की संस्कृति है, भारत की धड़कन है ।

रोजगारपरक ज्योतिष से हो रहा है जनकल्याण : बबिता  

 नक्षत्र 27 रिसर्च सेंटर की डॉ बबिता अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान दौर में ज्योतिष जहां स्वरोजगार का साधन बना है, वहीं इसके उपायों से जनकल्याण कार्य भी हो रहे हैं। इनसे जहां समाज में जागृति आती है, वहीं ज्योतिषीय कार्य, उपायों का सामान बेचने वाले लोगों को भी रोजगार के अच्छे अवसर मिल रहे हैं। ऐसे में राष्ट्री स्तर के ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन समाज में एकजुटता, समरसता भाव लाने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। 

ਹਰਿੰਦਰ ਹੁੰਦਲ ਦਾ ਵੀਡੀਓ ਟਰੈਕ ਅੰਮੀਏ (ਮਾਂ) ਲਾਂਚ

ਅਭਿਨੇਤਰੀ ਸੁਨੀਤਾ ਧੀਰ, ਮਲਕੀਤ ਰੋਨੀ ਅਤੇ ਮੁੰਬਈ ਅਧਾਰਤ ਅਦਾਕਾਰਾ ਪ੍ਰਿਯੰਕਾ ਸਨਾਤ ‘ਤੇ  ਰਾਜਸਥਾਨ ਅਤੇ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਵਿੱਚ ਸ਼ੂਟ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਖੂਬਸੂਰਤ ਟਰੈਕ ਅੰਮੀਏ ਆਪਣੇ ਆਪ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਗੰਭੀਰ ਪਰ ਦਿਲ ਨੂੰ ਛੂਹ ਲੈਣ ਵਾਲਾ ਸੰਦੇਸ਼ ਦਿੰਦਾ ਹੈ।ਭਾਰਤ ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਕਾਲ ਤੋਂ ਆਪਣੀ ਸੰਸਕ੍ਰਿਤੀ ਅਤੇ ਸੱਭਿਅਤਾ ਲਈ ਮਸ਼ਹੂਰ ਰਿਹਾ ਹੈ।  ਸਾਡੀ ਸੱਭਿਅਤਾ ਅਤੇ ਸੱਭਿਆਚਾਰ ਦੇ ਵਾਹਕ ਇੱਥੋਂ ਦੇ ਸਾਂਝੇ ਪਰਿਵਾਰ ਰਹੇ ਹਨ, ਜੋ ਪੀੜ੍ਹੀ ਦਰ ਪੀੜ੍ਹੀ ਇਸ ਨੂੰ ਅੱਗੇ ਤੋਰਦੇ ਆ ਰਹੇ ਹਨ।  ਸਾਰੇ ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੇ ਮੋਤੀਆਂ ਦੀ ਮਾਲਾ ਵਿੱਚ ਬੰਨ੍ਹਿਆ ਸਾਂਝਾ ਪਰਿਵਾਰ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਪੂਰੀ ਦੁਨੀਆ ਲਈ ਖਿੱਚ ਅਤੇ ਖੋਜ ਦਾ ਵਿਸ਼ਾ ਰਿਹਾ ਹੈ।  ਸਾਡੇ ਸੱਭਿਆਚਾਰ ਵਿੱਚ ਮਾਂ ਦਾ ਰੋਲ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਚਾ ਹੈ, ਪਰ ਇੱਕ ਧੀ ਲਈ ਉਸ ਦਾ ਬਾਬਲ ਵਾਲਾ ਘਰ ਅਤੇ ਉਸ ਦੇ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਉਸ ਨਾਲ ਯਾਦਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਜੁੜੇ ਹੋਏ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਇਸ ਸੰਸਾਰ ਤੋਂ ਚਲੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਵੀ ਧੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਭੁੱਲਦੀ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਯਾਦਾਂ ਵਿੱਚ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸੰਭਾਲੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ | , ਇਹ ਸਭ ਕੁਝ ਅੰਮੀਆਂ ਵਿੱਚ ਫਿਲਮਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਹਰਿੰਦਰ ਹੁੰਦਲ ਨੇ ਗਾਇਆ ਹੈ, ਸੰਗੀਤ ਹਰਦੀਪ ਗੁੱਡੂ ਨੇ, ਬੋਲ ਹਰਜਿੰਦਰ ਬੱਲ, ਨਿਰਮਾਤਾ ਕਸ਼ਮੀਰ ਸੋਹਲ ਅਤੇ ਕੁਲਜੀਤ ਖਾਲਸਾ ਅਤੇ ਵੀਡੀਓ ਬੇਬੀ ਬਾਜਵਾ ਨੇ ਬਣਾਈ ਹੈ।ਗਾਇਕ ਹਰਿੰਦਰ ਨੇ ਭਾਵੁਕ ਹੁੰਦਿਆਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਇੱਕ ਗਾਇਕ ਨੂੰ ਕਾਮਯਾਬੀ ਹਾਸਿਲ ਕਰਨ ਲਈ ਸਮਾਂ ਲੱਗਦਾ ਹੈ, ਨੌਜਵਾਨ ਗਾਇਕਾਂ ਨੂੰ ਸ਼ਾਰਟ ਕੱਟ ਰਾਹ ਤਲਾਸ਼ਣ ਦੀ ਬਜਾਏ ਆਪਣੀ ਪ੍ਰਤਿਭਾ ‘ਤੇ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਰਿਆਜ਼ ਕਰਕੇ ਢੁੱਕਵੇਂ ਮੌਕਿਆਂ ਦੀ ਤਲਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਲਗਾਤਾਰ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। 

कंगना रानौत को भेजो जेल या पागलखाने -मजिंदर सिंह सिरसा

कंगना रनौत ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, ‘खालिस्तानी आतंकवादियों ने भले ही आज सरकार की बांह मरोड़ दी हो… लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि एक महिला… केवल महिला प्रधानमंत्री ने इनको कुचल दिया था…चाहे इससे देश को कितना भी कष्ट हुआ हो…उन्होंने अपनी जान की कीमत पर इन्हें मच्छर की तरह मसल दिया था लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनके निधन के दशकों बाद आजभी उसके नाम पर कांपते हैं ये…इनको वैसा ही गुरु चाहिए।’

‘पुरनूर’ कोरल, नयी दिल्ली:

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत एक बार फिर से विवादों में हैं। कंगना रनौत ने एक कार्यक्रम के दौरान आजादी को लेकर बयान दिया जिसपर अब बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने निशाना साधा है। वरुण गांधी ने कंगना रनौत पर स्वतंत्रता सेनानियों के अपमान का आरोप लगाया है और कहा है कि कंगना की सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह। दरअसल, कंगना ने बयान दिया था कि 1947 में मिली आजादी भीख थी, देश को असली आजादी तो साल 2014 में मिली। अब उनके एक ऐसे ही विवादित बयान पर दिल्ली की सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमिटी भड़क गई है। कमिटी ने शनिवार को कंगना रनौत के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। कंगना ने अपनी एक इंस्टाग्राम स्टोरी में सिख समुदाय के बारे में अपमानजनक भाषा में लिखा है। कंगना के खिलाफ मंदिर मार्ग पुलिस थाने की साइबर सेल में शिकायद दर्ज कराई गई है।

कमिटी ने अपनी शिकायत में कहा है कि कंगना रनौत ने अपने हालिया पोस्ट में जानबूझकर और इरादे से किसान आंदोलन को ‘खालिस्तानी आंदोलन’ बताया है। इसके साथ ही उन्होंने सिख समुदाय को खालिस्तानी आतंकवादी कहा है। शिकायत में आगे कहा गया है कि कंगना ने सिख समुदाय के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है। कंगना ने जानबूझकर सिख समुदाय की भावनाएं आहत करने के लिए आपराधिक इरादे से इस पोस्ट को शेयर किया है।

बीच शिरोमणि अकाली दल के नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमिटी के प्रेसिडेंट मनजिंदर सिंह सिरसा ने कंगना के पोस्ट पर तीखी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि या तो ऐक्ट्रेस को जेल में डाला जाए या उनको मेंटल हॉस्पिटल में भेज दिया जाए। सिरसा ने अपने एक बयान में कहा, ‘कंगना का स्टेटमेंट उनकी चीप मेंटेलिटी को दर्शाता है। यह कहना की तीनों कृषि कानून खालिस्तानी आंदोलन के कारण वापस लिए गए, यह एक तरह से किसानों का अपमान है। वह नफरत की फैक्टरी बन चुकी हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम इंस्टाग्राम पर ऐसे नफरत भरे पोस्ट करने के लिए सरकार से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग करते हैं। कंगना की सिक्यॉरिटी और पद्म श्री को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। उनको या तो जेल भेजा जाए या मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाए।’

कंगना रनौत ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, ‘खालिस्तानी आतंकवादियों ने भले ही आज सरकार की बांह मरोड़ दी हो… लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि एक महिला… केवल महिला प्रधानमंत्री ने इनको कुचल दिया था…चाहे इससे देश को कितना भी कष्ट हुआ हो…उन्होंने अपनी जान की कीमत पर इन्हें मच्छर की तरह मसल दिया था लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनके निधन के दशकों बाद आजभी उसके नाम पर कांपते हैं ये…इनको वैसा ही गुरु चाहिए।’

बापूधाम में निकली जगन्नाथ यात्रा, हजारों भक्तों ने लिया आर्शीवाद

चंडीगढ़।

वार्ड नंबर-3 बापूधाम में शनिवार को भगवान जगन्नाथ यात्रा निकाली गई। ये यात्रा भाजपा के  स्थानीय पार्षद दिलीप शर्मा की अगुवाई में निकाली गई जिसमें हजारों की संख्या में भक्त पहुंचे और भगवान जगन्नाथ का आर्शीवाद लिया। यात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ के प्रवचन हुए। यात्रा का आरंभ पार्षद दिलीप शर्मा के घर से हुआ जिसके बाद यात्रा शीतला माता मंदिर, तमिल मंदिर, ट्रांसपोर्ट एरिया होते हुए वाल्मीकि मंदिर, जयमाता मंदिर, संतोषी माता मंदिर, शिव पार्क मंदिर, हरि सनातन धर्म मंदिर होते हुए पार्षद के घर पर ही समाप्त हुई। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कैलाश जैन ने बताया कि भाजपा पार्षद व कार्यकर्ताओं ने भगवान जगन्नाथ का आर्शीवाद लिया और समस्त देशवासियों की सुख-स्मृद्धि की कामना की।पार्षद दिलीप शर्मा ने कहा कि भगवान जगन्नाथ का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। वे लगातार दूसरे साल भगवान जगन्नाथ यात्रा का आयोजन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बापूधाम के लोगों को पिछले साल कोरोना जैसी महामारी का सामना करना पड़ा था। वह साल लोगों के लिए कष्टों भरा रहा। अब दोबारा इस महामारी का प्रकोप किसी पर न पड़े, इसी कामना के साथ इस जगन्नाथ यात्रा का आयोजन किया गया। पार्षद दिलीप शर्मा ने कहा कि वे भगवान से कामना करते हैं कि शहर ही नहीं, बल्कि पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से मुक्त हो जाए और हर देशवासी के घर में सुख-स्मृद्धि बनी रहे।

PU Organises Azadi Ka Amrit Mahotsav

Chandigarh November 17, 2021

Department of Community Education and Disability Studies, Panjab University, Chandigarh  organized Web Series-1 with Collaboration in National Institute for the Empowerment of Persons with Visual Disabilities (NIEPVD), Dehradun, on the topic “Understanding Visual and Performing Arts: Its Role in Enhancing Learning for Children with Special Needs today under the Web series of AZADI KA AMRIT MAHOTSAV

The Webinar was organized under the patronage of our honorable Vice-Chancellor Prof. Raj Kumar and chaired by Prof. (Dr.) Navleen Kaur Chairperson, Department of Community Education and Disability Studies, Panjab University, Chandigarh. The chairperson introduced the topic and warm welcomed the resource person Dr. Pankaj Kumar, Assistant Professor, National Institute for the Empowerment of Persons with Visual Disabilities (NIEPVD), Dehradun. He highlighted different aspects of arts and multiple intelligence which involved in creating the relationship between human and environment. It was also focused on the types of arts (visual and performing) which are required by the children with special needs in the process of academic and nonacademic learning. By understanding and training of these arts, children with special needs will be capable to orient themselves appropriately and enhance of their potential of learning very comfortably.

Around 100 participants like; rehabilitation professionals, research scholars, students, parents, and other stakeholders attended the Webinar. The skills learnt in this webinar can be utilized by them to enhance the learning capability of children with special needs (CWSN). Dr. Md. Saifur Rahman  proposed the vote of thanks.

The Webinar was organized by the Department Faculty: Dr. Md. Saifur Rahman, Mr. Nitin Raj and Md. Taukir Alam.

देश की स्वतंत्रता व स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने वाली अभिनेत्री से पद्म पुरस्कार लिया जाना चाहिए वापिस- हुड्डा

12 नवंबर, चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हाल ही में पद्मश्री से पुरस्कृत एक अभिनेत्री द्वारा देश की आजादी के बारे में दिये गये बयान की कड़े शब्दों में आलोचना की है। हुड्डा ने कहा कि किसी को भी देश की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इतना ही नहीं, आज़ादी व आज़ादी के संघर्ष के दौरान हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को अपमानित करने वाली अभिनेत्री को जो पद्म पुरस्कार दिया गया है, उसे भी वापस लिया जाना चाहिए।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वर्षों के संघर्ष और अनगिनत कुर्बानियों के बाद हमारे देश को स्वतंत्रता मिली है। जिन लोगों को लगता है कि देश को आजादी भीख में मिली है, उन्होंने शायद कभी स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में पढ़ा तक नहीं है। महारानी लक्ष्मी बाई, मंगल पांडे, तात्यां टोपे से लेकर महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, खुदी राम बोस, सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, लाला लाजपत राय, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, अशफाकउल्ला खां समेत अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया। यहां तक कि देश की आज़ादी के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए। तब कहीं जाकर हम एक आजाद मुल्क बन पाए हैं।

हुड्डा ने कहा कि वो खुद एक स्वतंत्रता सेनानी परिवार से हैं। उनके पिता स्वर्गीय चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों का अत्याचार सहा और कई बरस विभिन्न जेलों में गुज़ारे। अपने निजी और पारिवारिक लाभ-हानि व सुख को त्याग कर उन्होंने अपना सब कुछ स्वतंत्रता आंदोलन में झोंक दिया था। ऐसे कितने ही हजारों लाखों जाने अनजाने महान स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान ने अंग्रेजों को भारत छोड़कर भागने के लिए मजबूर किया।

हुड्डा ने कहा कि जिस पीढ़ी को आजादी के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ा, जिसने गुलामी का दौर नहीं देखा और जिसको आजादी विरासत में मिली है, उसे आजादी के संघर्ष व स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी को कभी भूलना नहीं चाहिए। इस पीढ़ी के लोगों को हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़ना, समझना और जानना चाहिए, ताकि उन्हें भी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन, तप, त्याग, बलिदान से देशप्रेम की प्रेरणा मिल सके।
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वरुण कंगना पर बरसे , वक्तव्य को बताया पागलपन

वरुण गांधी ने कंगना पर बरसते हुए कहा कि ऐसे बयान को कंगना का पागलपन कहा जाए या के देशद्रोह । उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कंगना ने भारतीय स्वतंत्रता को भीख में मिली आजादी कह कर महात्मा गांधी , लक्ष्मी बाई, मंगल पांडे जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है, जोकि घोर निंदनीय है ।
उधर विपक्ष कंगना से पद्मश्री वापस लेने की मांग कर रहा है पिछले दिनों एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में कंगना ने अपने आप को बहुत बड़ा देश भक्त बताया और कांग्रेस को नरम दल, जो अंग्रेजों कि सदा अंग्रेजों की राह आसान करती रही। इसी कड़ी में उन्होंने यहां तक कह डाला कि वर्ष 1947 में मिली आजादी भीख में मिली आजादी थी जबकि असल आज़ादी वर्ष 2014 में मिली इस पर विपक्ष बवाल कर रहा है।
आपको बता दें ट्विटर एकाउंट पर बैन लगने के बाद कंगना व्यक्तिगत रूप से खुलेआम भाजपा पक्ष में बयान बाजी करती हैं ।बहुत से राजनीतिक विचारक यहां तक कह रहे हैं कंगना देश भक्ति की बातों की आड़ में अन्य पार्टियों पर कीचड़ उछालती है और भाजपा का अजेंडा लेकर चलती हैं। राष्ट्रवाद के नाम पर भाजपा का अजेंडा चलाना सरासर निंदनीय है।

भारतीय लोकतंत्र में अब नेता और अभिनेता घी खिचड़ी की तरह साथ हो लिए हैं पहले भी अभिनेता चुनाव लड़ते थे संसद जाते थे लेकिन अब राजनीतिक दलों के स्पोक्सपर्सन की तरह डिजिटल मीडिया पर छाए हुए हैं और अनर्गल बयानबाजी करने से भी बाज नहीं आते।
कंगना रनोत हों या स्वरा भास्कर अनगर्ल बयानों की वजह से कोई ना कोई विवाद खड़ा कर अपने राजनीतिक नासमझी का परिचय देती रहती है। ऐसे नासमझी वाले बयान जनता को असल मुद्दों से वरगलाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं ।
बदले में अभिनेता दोनों ही अपना अपना लाभ लेते हैं जनता प्राइम टाइम पर इन विवादों पर बहस सुनती है और मीडिया को अपनी अलग से टीआरपी का लाभ मिलता है।

डायनासोर के साथ सेलफ़ी

चंडीगढ़ 26 अक्टूबर:

जिनके साथ फैमिली सेल्फी लेती नजर आईं और बच्चे वीडियो भी बनाते नजर आए ये डायनासोर 8-10 अलग अलग परजाति के है जोकि बच्चो के लिए ज्ञानवर्धक भी है|ये डायनासोर नजर आए सर्कस ग्राउंड सेक्टर 17 में लगे दीवाली मेले में कोरोना का कहर कम होने के बाद लोगों में डर का माहौल भी खत्म नजर आ रहा है। लोग छुट्टी का मजा उठाने के लिए घर से मार्केटों एवं टूरिस्ट स्थानों पर जमकर घूम रहे हैं। सेक्टर-17 स्थित सर्कस ग्राउंड   में लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई है। विशाल प्रांगण में लगे देश के कुछ  पहले रोबोटिक डायनासोर में से एक को देखना बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

इस रोबोटिक डायनासोर के बारे में जानने के लिए शहर के युवा, बुजुर्ग भी इच्छुक दिखाई दिए।यह डायनासोर असली नहीं, बल्कि रोबोटिक डायनासोर हैं। डायनासोर सभी के लिए सेल्फी का केंद्र बने हुए हैं। इन डायनासोर को देखकर जहां बच्चे एक बार तो डर जाते हैं, लेकिन दूसरे ही पल उनके साथ फोटो खिचवाने के लिए उत्साहित नजर आते हैं। डायनासोर चलता हुआ कई बार बच्चों को डरा भी देता है। कोविड के बाद पहली बार शहरवासियों के लिए दिवाली मेला सेक्टर 17 के सर्कस ग्राउंड में हुआ शुरू ,इस बार लंदन ब्रिज व रोबोटिक डायनासोर हैं  मुख्य आकर्षण , चंडीगढ़ ट्रेड एक्सपो 2021 में देश भर से कामगार  व ट्रेडर्स के स्टालस पर लेटेस्ट प्रोडक्ट डिसप्ले किये गए हैं,  शाम को मौसम सुहावना होते ही लोगों की भीड़ शुरू हो गयी ,मेले के आकर्षणों  में भूत बंगला , 360 डिग्री झूला , मैजिक शो शामिल है ,जानकारी दी आयोजक  सनी सिंह ने ।

        सर्कस ग्राउंड  में आयोजित ट्रेड महोत्सव का लुत्फ उठाने के लिए सप्ताहांत को लोगों ने परिवार सहित जाकर भरपूर मनोरंजन और खरीदारी की। नौकरी-पेशा लोग भी पहुंचे। देर शाम तक लोगों को आवाजाही बनी रही। महोत्सव में लगी तरह-तरह के सामान की स्टालों पर महिलाओं ने बर्तन, क्राकरी, हैंडीक्राफ्ट,वस्त्र साज-सज्जा के अनेक सामान खरीदे। मेला एक महीना चलेगा ।

पुत्र वियोग में दशरथ ने त्यागे प्राण, भाई से मिलने वन में गए भरत

सिरसा : (सतीश बंसल )

श्री रामा क्लब चेरिटेबल ट्रस्ट के मंच पर बीती रात भगवान राम का वन में जाना, उनके जाने के बाद दशरथ का पुत्रों के वियोग में दम तोड़ना, ननिहाल गए भरत व शत्रुध्न को स्वप्न में अनहोनी की आशंका होना होने के मार्मिक दृश्य को बेहतर तरीके से मंचित किया गया। लाइट एंड साउंड इफेक्ट्स का इस्तेमाल करते हुए इस दृश्य को जीवंत बना दिया। भरत के अयोध्या वापस लौटने पर पिता की मृत्यु और राम लक्ष्मण के वन गमन की जानकारी मिलने का दृश्य मंचित किया गया। भरत द्वारा अपनी माता कैकयी को खरी खरी सुनाना और कहना कि उसके लिए राजतिलक व राम के लिए वन जाने का वर मांगने से तो अच्छा होता कि वह बचपन में ही उसका यानि भरत का गला घोंट देती। इसके बाद वह राम को मनाने वन में जाते हैं लेकिन राम उन्हें पिता के वचन की पालना का कहकर उसे अपनी चरण पादुका देकर लौटा देते हैं।

भगवान राम के वन गमन प्रसंग को भी शानदार तरीके से मंचित किया गया। जब राम, सीता व लक्ष्मण दर्शकों के बीच में से गुजरे तो दर्शकों ने श्रद्धापूर्वक उनके चरणों को स्पर्श किया। उधर राम के वन जाने के बाद राजा दशरथ को श्रवण कुमार व उसके अंधे माता पिता द्वारा दिया गया श्राप याद आता है। उसे श्रवण व उसके माता पिता दिखाई देते हैं। इस दृश्य को परछाइयों व साउंड इफेक्ट के माध्यम से मंचित किया गया। जिसके बाद पुत्र वियोग में तड़पते हुए राजा दशरथ प्राण त्याग देते हैं। उधर ननिहाल में गए भरत शत्रुध्न को भी स्वप्न में अयोध्या में अनहोनी होने की आशंका दिखाई देती है, इस दृश्य को भी स्पेशल इफेक्ट से दिखाया गया। अयोध्या लौटने के बाद भरत को सारे घटनाक्रम की जानकारी मिलती है तो वे अपनी मां कैकयी को खूब खरी खरी सुनाते हैं। इसके बाद सभी माताओं को लेकर वन में जाते हैं और भगवान राम से वापस लौटने का आग्रह करते हैं परंतु राम पिता के वचन की पालना करते हुए लौटने से इंकार कर देते हैं। राम उन्हें अपनी चरण पादुकाएं देते हैं, जिन्हें भरत श्रद्धा पूर्वक अपने शीश पर धारण करते हैं और कहते हैं कि जब तक राम अयोध्या वापस नहीं आते तब तक ये चरण पादुकाएं अयोध्या के राज सिहासन पर विराजेंगी ओर वे स्वयं तपस्वी वेश में रहेंगे। इस दृश्य के दाैरान कथा व्यास स्वामी धर्मवीर पाठक ने रामचरित मानस के श्लोक – प्रभू करी कृपा पांवरी दीन्ही, सादर भरत शीश धर लिन्हीं के माध्यम से और मार्मिक बना दिया। रामलीला मंचन के बीच बीच में कथा व्यास के द्वारा गाए गए भजन व श्लोक वातावरण को भक्तिमय बना देते हैं।

दशरथ के किरदार में ओम प्रकाश, कैकयी के रोल में सोनाली रावत, कौशल्या की भूमिका मानसी रावत, भरत के रोल में रवि भारती ने निभाई दोनों ही बहनें हैं। मंथरा का रोल मनप्रीत कौर ने निभाया। इस अवसर पर मुख्य संरक्षक श्याम बजाज, प्रधान अश्वनी बाठला, महासचिव गुलशन गाबा, वरिष्ठ उपप्रधान गुलशन वधवा, अनिल बांगा, सचिव मिंटू कालड़ा, सुरेश कालड़ा, बिशंभर चुघ, ओपी लूना, संत लाल गुंबर, ज्ञान मेहता, नरेश छाबड़ा, सुरेश अनेजा, नरेश खुंगर, भूषण वसूजा, मंगत कुमार, शाम लाल, राकेश मदान, गुलशन वधवा, दिनेश वधवा, गोबिंद राम ग्रोवर, टोनी बब्बर, मनीष ऐलनावादी, बिट्टू अनेजा मौजूद रहे।

Exhibits by students of USOL, PU at CLKA Gallery

Chandigarh October 11, 2021

            The Photography exhibition by the students of USOL, Panjab University was inaugurated at Chandigarh Lalit Kala Akademy ’s Gallery at underpass connecting Sector 16 and 17, by Dr. Bheem Malhotra, Chairperson, Chandigarh Lalit Kala Akademy (CLKA) and Prof. Madhurima Verma, Chairperson, University School of Open Learning, PU. The exhibition is supported by CLKA. A total of 20 students pursuing PG Diploma in Photography (PGDP) from University School of Open Learning (USOL), Panjab University, Chandigarh are exhibiting their 55 works. The exhibition is open till 19th October 2021 (Tuesday).

            Prof. Madhurima Verma congratulated the students for displaying their art work for the general public and motivated the students of USOL to further hone their skills and creativity. Dr. Bheem Malhotra interacted with artists and appreciated their exhibited works.

            The photography exhibition was curated under the mentorship of Jeesu Jaskanwar Singh, Coordinator, PGDP and CLKA and in informed that this exhibition is part of the practical paper in the curriculum. The works of Amandeep Singh, Arrush Chopra, Abhinav Poonia, Deepak Gupta, Amanpreet Kaur, Tushar Narula, Suresh Kumar, Sahil Chaudhary, Vikas Kapila, Shubhangi Ambashtha, Neha Sharma, Sourav Joshi, Sarabjit Singh Bhinder, Sakshi Gaur, Vishal Chauhan, Hargobind Singh, Gagan Mittal, Jagdeep Singh, Paramdeep Singh and Jaspinder Singh are exhibited in the Group Photography Exhibition.

            During the USOL’s Personal contact Programme (PCP) students got insight into various aspects of Photography from Sh. Swadesh Talwar, Kulbhushan Kanwar, Vikas Kahol, Pradeep Tewari, Guldeep Singh, Sudhir Baweja, Shivali Raj, Praveen Jaggi, Anurag Malhotra, Neetu Katyal, Rajni Chauhan, Hitesh Vig, Sukhjit Singh, Vikram, Arun Bansal, Kamal Kishore Shankar and Pawan Sing. Besides that, students learnt about art of exhibiting the photographs from Sh. Gurdeep Dhiman, Gursharan Kaur, Michaelangelo and Jaspal Singh. The exhibited works covers wide range of topics like wildlife, nature, street photography, photojournalism, night photography, art photography, etc.