India asked the Pak PM to stop supporting and glorifying terrorists and terror activities against India and its other neighbours.

External Affairs Ministry Spokesperson Raveesh Kumar said, instead of making comments on India’s internal affairs, Pakistan leadership should look inwards and address its own issues. (File Photo)


India asked the Pak PM to stop supporting and glorifying terrorists and terror activities against India and its other neighbours.


A day after Pakistan Prime Minister Imran Khan condemned the ‘new cycle of killing of innocent Kashmiris’ targeting India, India, on Tuesday, termed Pakistan Prime Minister’s remark about the situation in Kashmir as deeply regrettable.

India asked the Pak PM to stop supporting and glorifying terrorists and terror activities against India and its other neighbours.

External Affairs Ministry Spokesperson Raveesh Kumar said, instead of making comments on India’s internal affairs, Pakistan leadership should look inwards and address its own issues.

Pakistan should serve the interest of the people of the region by taking credible action against all kind of support to terrorism and terror infrastructure from all territories under its control, said Kumar, adding that Pakistan’s deceitful stand on dialogue, while supporting terror and violence, stands exposed to the whole world.

भारत की पाक सेना को दो टूक, अपने सरजमीं से आतंकियों को संभाले वरना…

भारत की पाक सेना को दो टूक, अपने सरजमीं से आतंकियों को संभाले वरना...


पाकिस्तान सेना की वर्दी पहने दो आतंकवादी मुठभेड़ में मारे गए. इसके बाद भारतीय सेना ने पाक सेना को चेता दिया है


हथियारों से लैस दो पाकिस्तानी घुसपैठियों की मुठभेड़ में मौत के भारतीय सेना ने पाकिस्तान को सख्त शब्दों में चेतावनी दी है कि अपनी सरजमीं से चलने वाले आतंकवादियों को वह काबू में रखे. एक दिन पहले ही भारतीय सेना कुलगाम में दो आतंकियों को मार गिराया था.

भारतीय सेना के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि पाकिस्तान से दोनों पाकिस्तानी घुसपैठियों के शव भी ले जाने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तानी सेना को स्थापित संचार माध्यमों से सूचित किया गया है कि वह शत्रु पाकिस्तानी नागरिकों के शव ले जाए. पाकिस्तानी सेना को अपनी सरजमीं से चल रहे आतंकवादियों को काबू में रखने के लिए एक सख्त चेतावनी भेजी गई है.’

पांच से छह पाकिस्तानी सशस्त्र घुसपैठियों ने राजौरी जिले के सुंदरबनी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पार कर सेना के गश्ती दल पर गोलीबारी की. इस गोलाबारी में जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंटरी नौशेरा (राजौरी) के तीन सैनिक- हवलदार कौशल कुमार, डोडा के लांस नाइक रणजीत सिंह और पल्लांवाला (जम्मू) के रजत कुमार बासन- शहीद हो गए और सांबा के राइफलमैन राकेश कुमार घायल हो गए.

दोनों तरफ से गोलीबारी के दौरान सेना की वर्दी पहने दो घुसपैठिए मारे गए. माना जाता है कि वे पाकिस्तानी ‘बॉर्डर ऐक्शन टीम’ के सदस्य थे. लेकिन उनकी शिनाख्त सुनिश्चित नहीं की जा सकी.

पाक के आग्रह पर डीजीएमओ स्तर की मीटिंग हुई थी:

अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान के आग्रह पर 29 मई को सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) स्तर की वार्ता हुई थी और तब से सरहद पार से उकसावे की हरकतों के बावजूद संघर्षविराम का पालन करने के लिए भारतीय सेना पूरा संयम बरत रही थी. उन्होंने बताया कि 30 मई से ले कर अब तक भारतीय सेना ने घुसपैठ की सात कोशिशें नाकाम कीं, जिनमें 23 आतंकवादी मारे गए.

कुलगाम जिले के लारो इलाके में रविवार सुबह से ही आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, 3 आतंकी ढेर


सुरक्षाबलों को यहां कुछ आतंकियों के छुप होने की खबर मिली थी. ऐस में जब सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया तो वहां छुपे आतंकियों ने उनपर हमला बोल दिया


रविवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद हुए एक रहस्यमयी विस्फोट में छह नागरिक और तीन आतंकवादी मारे गए और 40 अन्य घायल हो गए. दक्षिण कश्मीर जिले के कुलगाम जिले में दोनों घटनाएं हुईं. आईजीपी कश्मीर एस पी पानी ने बताया कि मुठभेड़ के बाद हुए विस्फोट में 6 लोगों की मौत हो गई है.

उन्होंने बताया, ‘लोग मुठभेड़ की जगह पर जा रहे थे तभी रहस्यमयी तरीके से वहां एक बम विस्फोट हुआ. इसी विस्फोट से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ.’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘लोगों ने पुलिस की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया. हमने बार-बार उनसे कहा है कि मुठभेड़ की जगह के आस-पास इकट्ठा न हों.’

4 घायलों को श्रीनगर रेफर किया गया:

इसके पहले पुलिस ने तीन आतंकियों और सेना के बीच चल रहे मुठभेड़ का विरोध करने वाले युवाओं पर पुलिस ने आंसू के गोले और छर्रों चलाए. कुलगाम के लारो गांव में छः घंटे चली इस मुठभेड़ में सभी तीन आतंकवादी मारे गए थे. एक अधिकारी ने कहा कि घायलों को अस्पताल ले जाया गया जिसमें से चार को श्रीनगर शिफ्ट कर दिया गया. अनंतनाग अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक डॉ अब्दुल मजीद मेहराब ने बताया कि 11 घायल व्यक्ति यहां लाए गए थे. उनमें से तीन को विशेष उपचार के लिए श्रीनगर शिफ्ट कर दिया गया.

मृत नागरिकों की पहचान लारो के मोहम्मद मकबूल लॉय के पुत्र उबैद लॉय, उजैर अहमद, मंसूर अहमद और तालिब मकबूल. डेनू बोगुंड के ताजमुल अहमद और शूरत के इरशाद अहमद के रूप में की गई है. एक किशोर लड़के की अभी तक पहचाना नहीं हो पाई है. तालिब, ताजमूल और इरशाद की मौत मुठभेड़ की जगह पर हुए विस्फोट में हुई. जबकि दो अन्य- उजैर और मंसूर की मौत एसएमएचएस अस्पताल में हुई.

बीजेपी इतिहास फिर से लिखने, नेताजी की धरोहर हथियाने को व्याकुल: सिंघवी


सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही बहादुर देशभक्त और धर्मनिरपेक्षतावादी बोस के आदर्शों को संरक्षित रखने और उन्हें प्रसारित करने की कोशिश की है


कांग्रेस ने बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की धरोहर हथियाने के लिए ‘षडयंत्रपूर्ण प्रयास’ करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि भगवा पार्टी इतिहास फिर से लिखने के लिए व्याकुल है.

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनकी पार्टी (कांग्रेस) ने राष्ट्र नायकों को अपमानित करने के नरेंद्र मोदी सरकार के नापाक मंसूबों को खारिज दिया है.

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस और सरदार पटेल सांप्रदायिकता एवं धर्मांधता के दर्शन के पूरी तरह से खिलाफ थे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैचारिक संस्थाओं-आरएसएस और हिंदू महासभा- द्वारा इसका समर्थन किया गया. वहीं, विनायक दामोदर सावरकर ने देशवासियों से ब्रिटिश इंडियन आर्मी में शामिल होने की पुरजोर अपील की थी. सावरकर को आरएसएस बहुत सम्मान की नजरों से देखता है.

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नेहरू – गांधी परिवार पर परोक्ष हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि सिर्फ ‘एक परिवार’ का महिमामंडन करने के लिए स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल, भीमराव आंबेडकर और बोस जैसे कई नेताओं के योगदान को जानबूझ कर भुला दिया गया. प्रधानमंत्री ने आजाद हिंद सरकार के गठन के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर यह कहा.

वहीं, सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही बहादुर देशभक्त और धर्मनिरपेक्षतावादी बोस के आदर्शों को संरक्षित रखने और उन्हें प्रसारित करने की कोशिश की है.

उन्होंने कहा कि जिन लोगों की अपनी कोई विचारधारा और आदर्श नहीं हैं और जिनका राष्ट्रीय आंदोलन में कुछ भी योगदान नहीं रहा है, वे खुद को राष्ट्रवादी के तौर पर पेश करने का प्रयास करते हुए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की धरोहर हथियाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज, प्रधानमंत्री मोदी ने भी यही करने की हताशापूर्ण कोशिश की.

सिंघवी ने कहा, ‘व्याकुल बीजेपी इतिहास फिर से लिखने की कोशिश कर रही है और सरदार पटेल एवं जवाहरलाल नेहरू के बीच तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस एवं नेहरू के बीच एक काल्पनिक प्रतिद्वंद्विता पैदा कर रही है. इसने शुभ अवसरों का इस्तेमाल इन ओछे राजनीतिक हथकंडों के लिए किया है.’

उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि पटेल ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखे अपने पत्र में कहा था कि हिंदू महासभा की गतिविधियां सरकार के अस्तित्व के लिए एक स्पष्ट खतरा है और प्रतिबंध के बावजूद गतिविधियां खत्म नहीं हुई हैं.

उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि नेहरू आजाद हिंद फौज के सेनानियों पर चले मुकदमे के दौरान बोस के वकीलों में शामिल थे.

सिंघवी ने पूछा, ‘क्या आरएसएस से किसी व्यक्ति ने नेताजी का समर्थन किया था? बीजेपी और प्रधानमंत्री हर राष्ट्रीय धरोहर को हथियाने की हताशापूर्ण कर रहे हैं.’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि आरएसएस और बीजेपी देश को आजाद कराने की बोस की सैन्य कोशिशों को लेकर उनकी सराहना कर रही है, जबकि उनके वैचारिक पूर्वजों ने इसके ठीक उलट कार्य किया था.

उन्होंने कहा कि जब नेताजी जापान में आजाद हिंद फौज को तैयार कर कर रहे थे और गांधीजी ने भारत छोड़ो आंदोलन का आह्ववान किया था, उस वक्त आरएसएस अंग्रेजों से घनिष्ठ संबंध बना रहा था.

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्विटर पर कहा कि यदि आप इतिहास को हथियाना चाहेंगे, तो राष्ट्र को यह याद दिलाना पड़ेगा कि नेताजी ने सैन्य अभियान के जरिए अंग्रेजों से भारत को आजादी दिलाने की अलख जगाई थी. जबकि वीर सावरकर जैसे लोगों ने अंग्रेजों के पिट्ठू के तौर पर काम किया था. सांप्रदायिक बीजेपी विभाजन का यही खेल आज खेल रही है.

BJP shows its presence in Kashmir for first time in municipal elections


The victory has given BJP control of at least four of the 20 civic bodies in Anantnag, Kulgam, Pulwama and Shopian districts.


The BJP on Saturday made impressive gains in the urban local body elections in four districts of militancy-infested south Kashmir. It won 53 of the 132 wards, which went to the polls in four phases earlier this month, election officials said.

The victory for the party has given it control of at least four of the 20 civic bodies in the four districts of Anantnag, Kulgam, Pulwama and Shopian.

The results of 94 wards of south Kashmir have been declared so far in which the Congress has managed to win 28 seats. The party, thus, will have control of at least three municipal bodies.

The BJP did well in Shopian where its candidates won in 12 wards unopposed. Five wards in the district did not have any nominations.

6 दिसम्बर से भव्य राम मंदिर का निर्माण आरंभ होगा: वेदांती

राम जन्मभूमि न्यास समिति के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने शुक्रवार को दावा किया कि अयोध्या मे विवादित भूमि पर इसी साल छह दिसम्बर से भव्य राममंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के राममंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने जाने की पहल का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि पांच अक्टूबर को साधु संतों के ऐलान के बाद आरएसएस प्रमुख का बयान स्वागत योग्य है। कभी दो सीटों वाली भारतीय जनता पार्टी आज देश की सबसे अधिक सांसदों वाली पार्टी तो है ही, साथ ही दुनिया मे सबसे लोकप्रिय पार्टी होने का तमगा भाजपा के पास ही है। देश मे आज 20 राज्यों में भाजपा की सरकार है।

शिवसेना प्रमुख उद्वव ठाकरे के नंबवर मे अयोध्या मे राममंदिर निर्माण की दिशा में शिलान्यास करने के ऐलान पर वेदांती ने कहा कि भाजपा के अलावा कोई भी दल राममंदिर का निर्माण करने का पक्षधर नहीं है।

उन्होंने कहा कि देश का मुसलमान चाहता है कि अयोध्या में भव्य रामलला इन मंदिर बने। सुन्नी वक्फ बोर्ड के लोग चाहते हैं, शिया वक्फ बोर्ड के लोग चाहते हैं, केवल 20 प्रतिशत लोग नहीं चाहते और वह ऐसे लोग हैं जो पाकिस्तान से सम्मानित किए जाते हैं। पाकिस्तान की मंशा है कि भारत का हिंदू और मुसलमान आपस में इसी तरह से लड़ता और भिडता रहे।

फैजाबाद के पूर्व सांसद ने कहा कि भारत के हिंदू और मुसलमानों को आपस में लडाने के लिए पाकिस्तान पैसा भेजता है। अरबों डालर रुपया भारत में इसी बाबत भेजा जाता है ताकि देश का मुसलमान और हिंदू आपस में लड़ते रहे।

उन्होंने कहा कि 2018 के आखिर मे अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का शुभारंभ किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रहते श्रीराम मंदिर का निर्माण नहीं होगा तो फिर कब होगा।

आज देश मे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, देश के 20 राज्यों में भाजपा की सरकार होना इस बात का सबूत है कि हर कोई राममंदिर निर्माण मे अपनी अपनी हिस्सेदारी रखना चाहता है। हमारे पक्ष ने साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए धार्मिक ग्रंथों तथा पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट प्रस्तुत की तो वाल्मीकि रामायण के अनुरूप मंदिर माना।

वेदांती ने बाबर के वंशज प्रिंस के दावे को खारिज करते हुए कहा कि प्रिंस झूठ बोलते हैं। उन्होंने जमीन का मालिकाना हक पर सवाल उठाते हुए कहा कि अयोध्या की जमीन सरकारी दस्तावेज में दशरथ के नाम पर दर्ज हुआ करती थी जो आज राजाराम के नाम पर दर्ज है। इस बात का सबूत अदालत मे प्रस्तुत किए जा चुके हैं।

लश्कर के पैसे से मस्जिद? NIA कर रहा जांच, कहीं टेरर फंडिंग का नया मॉड्यूल तो नहीं


हरियाणा में पलवल के गांव उटावड़ में आतंकवादी फंड से मरकज नामक मस्जिद बनाई जा रही है. इस मामले में नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की टीम ने सलमान नाम के एक युवक और उसके दो साथियों के साथ दिल्ली से गिरफ्तार किया है. सलमान को मस्जिद का संचालक बताया जा रहा है उटावड़ की इस मस्जिद के निर्माण में आतंकी हाफिज सईद की ओर से फंडिंग की भी खबर है.


नरेश शर्मा भारद्वाज, नयी दिल्ली:

पलवल के उटावड़ गांव में कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा के पैसे मस्जिद बनाए जाने के मामले में एक बड़ी साजिश का ऐंगल दिख रहा है। इस ममले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FII) के टेरर फंडिंग मॉड्यूल की जांच कर रही है। FII ने कथित तौर पर मस्जिद के निर्माण के लिए पैसे दिए थे। एक बड़ी आशंका यह भी खड़ी हो गई है कि इसी मॉड्यूल पर पूरे देश में एक बड़े नेटवर्क की मदद से टेरर फंडिंग तो नहीं की जा रही है। एनआईए इस दिशा में भी जांच कर रही है।

एनआईए यह भी जांच कर रही है कि कहीं दूसरे भारतीय जो दुबई जा रहे हैं या वहां काम कर रहे हैं, किसी ऐसे पाकिस्तानी के संपर्क में तो नहीं हैं जो FIF के लिए काम तो नहीं कर रहा। इसकी जांच की जा रही है कि भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कहीं FIF इस रास्ते तो टेरर फंडिंग नहीं करा रहा। उटावड़ मामले में मुख्य आरोपी मोहम्मद सलमान दुबई की अपनी दो यात्राओं के दौरान पाकिस्तानी बिजनसमैन कामरान के संपर्क में आया था।

कामरान FIF के डेप्युटी चीफ के संपर्क में था। यह शख्स लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद का सहयोगी था, जो हवाला के जरिये भारत में टेरर फंड भेज रहा था। सलमान के अलावा एनआईए ने 25 सितंबर को दिल्ली में दो और हवाला कूरियर्स, मोहम्मद सलीम और सज्जाद अब्दुल वानी को गिरफ्तार किया था। सलीम दिल्ली के दरियागंज का और वानी श्रीनगर का रहने वाला था। श्रीनगर में वानी के घर पर रेड भी मारी गई।

पूछताछ में वानी ने बताया कि वह किसी हिलाल अहमद के लिए फंड लेकर आया था। इसके बाद एनआईए ने लाजपत नगर में हिलाल के ऑफिस और आवास पर छापा मारकर 18 लाख रुपये कैश,6 मोबाइल फोन, सिम और कुछ संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए थे। वहीं सलमान ने पूछताछ में बताया कि FIF से मिले फंड का इस्तेमाल कर उसने उटावड़ में मस्जिद बनाने के लिए किया। एनआईए ने बाद में मस्जिद में सर्च कर वे डॉक्युमेंट निकाले जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि करीब 2 से ढाई करोड़ में से 70 लाख रुपये मस्जिद बनाने में इस्तेमाल हुए।

FIF से यह पैसा हवाला रूट के जरिए आया था

FIF से यह पैसा हवाला रूट के जरिए आया था। इसकी मॉडस ऑपरेंडी स्पष्ट थी। कामरान ने FIF के फंड को हवाला के जरिए भारत पहुंचाने के लिए सलमान को तैयार किया। जांच कर रही टीम के एक सदस्य ने बताया कि अब इसका पता लगाया जा रहा है कि भारत में ऐसा ही कोई दूसरा शख्स तो इस तरह की गतिविधियों में नहीं लगा हुआ है।

एक अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने 25 सितंबर को दरियागंज, निजामुद्दीन और कूचा घासीराम समेत कई जगहों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में 1.5 करोड़ रुयपे कैश, 43 हजार रुपये की नेपाली करंसी, 14 मोबाइल फोन, 5 पेन ड्राइव और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं। उन्होंने बताया कि एनआईए इन दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है।

आपको बता दें कि एनआईए की जांच में कहा गया है कि हरियाणा के पलवल में स्थित एक मस्जिद के निर्माण के लिए लश्कर-ए-तैयबा ने फंड जारी किया था। यह मस्जिद पलवल जिले के उत्तावर गांव में है जिसका नाम खुलाफा-ए-रशीदीन है। हालांकि, गांव के प्रधान ने जांच रिपोर्ट को नकारा है

पंजाब में आतंक फैलाने की बड़ी साजिश बेनकाब, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की हत्या का षडयंत्र, यूपी पुलिस का बड़ा खुलासा

शामली पुलिस की पिकेट पर हमला कर हथियार लूटने वाले बदमाशों के मंसूबे खतरनाक निकले। इनकी योजना प्रकाश सिंह बादल पर हमले की थी।

नरेश शर्मा भारद्वाज:

 

उत्तर प्रदेश के शामली जिले में यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में पुलिसकर्मियों से ही लूटी गई राइफल और दूसरे असलहे बरामद कर लिए हैं। मामले में गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि उनका मकसद अलगे कुछ दिनों पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की रैली में आतंक फैलाना और उनकी हत्या करने का था।मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि झिंझाना थाना क्षेत्र के गांव रंगाना में रविवार देर रात हुए पुलिस एनकाउंटर में पकड़े गए बदमाशों से पुलिसकर्मियों से लूटी हुई इंसास और थ्री नॉट थ्री की इंसास राइफल बरामद कर ली गई है। वहीं भारी मात्रा में कारतूस और दूसरे असलहा भी बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि दो अक्टूबर की रात को झिंझाना थाना क्षेत्र में ​कमालपुर चौकी के पास पुलिस पिकेट पर हमला कर अपराधियों ने असलहा लूटा था।

एक इंसास राइफल, 20 कारतूस, एक 303 राइफल और 10 कारतूस थे
इसमें एक इंसास राइफल, 20 कारतूस, एक 303 राइफल और 10 कारतूस थे। मामले में रविवार देर रात 3 बजे के करीब अपराधियों की पुलिस से मुठभेड़ हुई। इसमें तीन बदमाश गिरफ्तार किए गए हैं, जिसमें से दो पुलिस की गोली लगने से घायल हुए हैं, वहीं इस मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। लूट के बाद ये राइफलें पूजा ​स्थल पर छुपा रखी गई थीं, जिसे देर रात पंजाब शिफ्ट किया जाना था। हालांकि इस दौरान पुलिस को दौरान ये मुठभेड़ हुई।

लूट के हथियारों से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का मारने का था प्लान
एडीजी ने बताया कि बदमाशों ने कबूला है कि उनका मकसद आने वाले समय में लूट के हथियारों से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की रैली में आतंक फैलाना था। यही नहीं वह उनकी हत्या भी करना चाहते थे। एडीजी मेरठ ने बताया कि पकड़े गए बदमाशों का मास्टरमाइंड जर्मन नाम का अपराधी है। वह अभी भी फरार है। शुरुआती जांच में उसकी फेसबुक आईडी की शिनाख्त की गई, जिससे खालिस्तान की मांग से जुड़े आतंकी संगठन से संपर्क की पुष्टि हुई है। एडीजी ने बताया कि पकड़े गए बदमाशों का जनपद में कोई भी अपराधिक इतिहास नहीं है।

उन्होंने बताया कि इस मामले का खुलासा होते ही देश की सभी एजेंसियों को सूचित कर दिया गया है। इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को भी सूचित कर दिया है। वहीं मास्टरमाइंड जर्मन की भी तलाश तेज कर दी गई है। एडीजी ने बताया कि घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 50 हजार रुपए का ईनाम दिया गया है।

माँ दुर्गा का पांचवां रूप : स्कंदमाता

 

 

नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंद माता की पूजा करनी चाहिए। यह दिन इस बार नवरात्रि 2018  में 14  अक्टूबर को आएगी। देवी स्कंद माता वात्सल्य की मूर्ति है। दरअसल माता के इस रूप से साधक यह विचार कर सकते हैं कि उन्हें किसी तरह की हानि कोई भी व्यक्ति नहीं पहुंचा सकता है, अन्यथा मां क्रोध में आकर अपने साधक, भक्त या पुत्र को नुकसान पहुंचाने वाले का सर्वस्व मिटा सकती है। जब इंद्र कार्तिकेय को परेशान कर रहे थे, तब मां ने उग्र रूप धारण कर लिया। चार भुजा और शेर पर सवार मां प्रकट हुई। मां ने कार्तिकेय को गोद में उठा लिया। इसके बाद इंद्र आदि देवताओं ने मां की स्कंदमाता के रूप में आराधना की।

संतान सुख देती है स्कंदमाता 

स्कंद माता की आराधना करने से संतान सुख की प्राप्ति भी होती है। नवरात्रि के पांचवें दिन लाल चुनरी, पांच तरह के फल, सुहाग का सामान आदि से धान/ चावल से मां की गोद भरनी चाहिए। इससे मां खुश होती है और भक्तों को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती है।

बच्चे खुश तो मां खुश

स्कंद माता की कृपा तभी प्राप्त होती है, जब उनके भक्तों को नहीं सताया जाए। अनावश्यक मां के भक्तों को परेशान करने वालों से मां नाराज हो जाती है। इस दिन कार्तिकेय की पूजा का भी विधान है। लोगों को चाहिए कार्तिकेय की पूजा के बाद मां की पूजा करें और पांच कन्याओं के साथ छोटे बालकों को भी खीर का प्रसाद खिलाएं।

बुद्धिमता, ज्ञान की देवी : माँ स्कंदमाता

देवी माँ का पाँचवाँ रूप स्कंदमाता के नाम से प्रचलित्त है। भगवान् कार्तिकेय का एक नाम स्कन्द भी है जो ज्ञानशक्ति और कर्मशक्ति के एक साथ सूचक है। स्कन्द इन्हीं दोनों के मिश्रण का परिणाम है। स्कन्दमाता वो दैवीय शक्ति है,जो व्यवहारिक ज्ञान को सामने लाती है – वो जो ज्ञान को कर्म में बदलती हैं।

शिव तत्व आनंदमय, सदैव शांत और किसी भी प्रकार के कर्म से परे का सूचक है। देवी तत्व आदिशक्ति सब प्रकार के कर्म के लिए उत्तरदायी है। ऐसी मान्यता है कि देवी इच्छा शक्ति, ज्ञान शक्ति और क्रिया शक्ति का समागम है। जब शिव तत्व का मिलन इन त्रिशक्ति के साथ होता है तो स्कन्द का जन्म होता है। स्कंदमाता ज्ञान और क्रिया के स्रोत, आरम्भ का प्रतीक है.इसे हम क्रियात्मक ज्ञान अथवा सही ज्ञान से प्रेरित क्रिया, कर्म भी कह सकते हैं।

प्रायः ऐसा देखा गया की है कि ज्ञान तो है, किंतु उसका कुछ प्रयोजन या क्रियात्मक प्रयोग नहीं होता। किन्तु ज्ञान ऐसा भी है, जिसका ठोस प्रोयोजन, लाभ है, जिसे क्रिया द्वारा अर्जित किया जाता है। आप स्कूल, कॉलेज में भौतिकी, रसायन शास्त्र पड़ते हैं जिसका प्रायः आप दैनिक जीवन में कुछ अधिक प्रयोग करते। और दूसरी ओर चिकित्सा पद्धति, औषधि शास्त्र का ज्ञान दिन प्रतिदिन में अधिक उपयोग में आता है। जब आप टेलीविज़न ठीक करना सीख जाते हैं तो अगर कभी वो खराब हो जाए तो आप उस ज्ञान का प्रयोग कर टेलीविज़न ठीक कर सकते हैं। इसी तरह जब कोई मोटर खराब हो जाती है तो आप उसे यदि ठीक करना जानते हैं तो उस ज्ञान का उपयोग कर उसे ठीक कर सकते हैं। इस प्रकार का ज्ञान अधिक व्यवहारिक ज्ञान है। अतः स्कन्द सही व्यवहारिक ज्ञान और क्रिया के एक साथ होने का प्रतीक है। स्कन्द तत्व मात्र देवी का एक और रूप है।

हम अक्सर कहते हैं, कि ब्रह्म सर्वत्र, सर्वव्यापी है, किंतु जब आपके सामने अगर कोई चुनौती या मुश्किल स्थिति आती है, तब आप क्या करते हैं? तब आप किस प्रकार कौनसा ज्ञान लागू करेंगे या प्रयोग में लाएँगे? समस्या या मुश्किल स्थिति में आपको क्रियात्मक होना पड़ेगा। अतः जब आपका कर्म सही व्यवहारिक ज्ञान से लिप्त होता है तब स्कन्द तत्व का उदय होता है। और देवी दुर्गा स्कन्द तत्व की माता हैं।

 

इस मंत्र से करें मां की पूजा- 

 

सिंहसनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।

शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी॥

 

 इसके बाद इस मंत्र का जाप करना सुखद होता है।

या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

 

 

स्कंदमाता को प्रसन्न करके मूर्ख व्यक्ति भी ज्ञान प्राप्त कर सकता है 

भगवान स्कंद ‘कुमार कार्तिकेय’ नाम से भी जाने जाते हैं। पुराणों में स्कंद को कुमार और शक्ति कहकर इनकी महिमा का वर्णन किया गया है। देवी स्कन्दमाता की तीन आंखें और चार भुजाएं हैं। स्कंदमाता अपने दो हाथों में कमल का फूल धारण करती हैं और एक भुजा में भगवान स्कन्द या कुमार कार्तिकेय को सहारा देकर अपनी गोद में लिये बैठी हैं जबकि मां का चौथा हाथ भक्तों को आशीर्वाद देने की मुद्रा मे होता है। ऐसा कहा जाता है कि मां स्कंदमाता की पूजा करने से, मूर्ख व्यक्ति भी ज्ञानी या बुद्धिमान बन सकता है। जीवनमें परिवर्तन पाने के लिए आज ही मेरु पृष्ठ श्री यंत्र का प्रयोग करें।

 

देवी स्कंदमाता अपने अमोघ भक्तों को मुक्ति प्रदान करती है 

नवरात्रि के पांचवें दिन, भक्त का मन विशुद्धा चक्र तक पहुंच जाता है और इसी में रहता है। इस स्थिति में, भक्त का मन अत्यधिक शांत रहता है। स्कंदमाता  की पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इसके अलावा ये भक्त के लिए मुक्ति का रास्ता खोलती है और सूर्य की भांति अपने भक्तों को असाधारण तेज और चमक प्रदान करती है।

मां स्कंदमाता का मंत्र और संबंधित तथ्यः 

 

ध्यान

 

स्कंदमाता का मंत्रः ॐ ह्रीं सः स्कंदमात्रये नमः , इस मंत्र का 108 बार जाप करें। 

 

पांचवें दिन का रंग : क्रीम

 

पांचवें दिन का प्रसादः केसर पिश्ता वाला श्रीखंड

पूजा मे उपयोगी वस्तु

पंचमी तिथि के दिन पूजा करके भगवती दुर्गा को केले का भोग लगाना चाहिए और यह प्रसाद ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है।

स्कन्द माता की आरती

जय तेरी हो अस्कंध माता
पांचवा नाम तुम्हारा आता
सब के मन की जानन हारी
जग जननी सब की महतारी
तेरी ज्योत जलाता रहू मै
हरदम तुम्हे ध्याता रहू मै
कई नामो से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा
कही पहाड़ो पर है डेरा
कई शेहरो मै तेरा बसेरा
हर मंदिर मै तेरे नजारे
गुण गाये तेरे भगत प्यारे
भगति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो
इन्दर आदी देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे
दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये
तुम ही खंडा हाथ उठाये
दासो को सदा बचाने आई
‘भक्त’ की आस पुजाने आई

 

 

Two Hizbul Mujahideen Terrorists, Including Manan Bashir Wani, Killed By Security Forces At Handwara


  • Two terrorists, including top Hizbul commander, Manan Wani, were killed in a gunfight encounter with the security forces in Handwara area of North Kashmir
  • A police official, while confirming the killing of two terrorists in a gunfight said identity of the slain terrorists is being ascertained

Two terrorists, including top Hizbul commander, Manan Wani, were killed in a gunfight encounter with the security forces in Handwara area of North Kashmir’s frontier district Kupwara on October 11.

A police official, while confirming the killing of two terrorists in a gunfight that raged intermittently since 3:00 am in Shatgund, Handwara, following a cordon-and-search-operation (CASO), said identity of the slain terrorists is being ascertained.

While speaking to मीडिया पर्सन्स, top Police senior officer, while wishing anonymity, said that Wani was enrolled as a PhD scholar with the AMU before joining the ranks in January this year. However, sources said Wani along with two of his accomplice had come to the area to receive a group of recently infiltrated terrorists. “There is possibility that the infiltrated group is hiding in the nearby forest area and the operation may take longer than usual,” he revealed. 

Meanwhile, authorities have suspended the Internet services in the Kupwara district “as a precautionary measure”. Schools and colleges have also been closed in the district and also in South Kashmir.

Reports said clashes erupted near the gunfight site with youth pelting the forces with stones who responded by firing tear gas. Clashes were also reported in Lal Chowk, Anantnag. This is the first encounter reported in the valley after municipal election began in J&K.

On 27th September, encounter was reported from Panzan , Budgam district of South Kashmir. In an encounter at Panzan in Budgam district, security forces had “neutralised” two terrorists. The slain terrorists were identified as Sheeraz Ahmad Bhat and Irfan Ahmad Dar of terror outfit Hizbul Mujahideen.

“Dar was working as an SPO before deserting the police force a couple of months ago,” police spokesman claims. 

The police spokesman that time had said the terrorists fired on a search party from a mosque, prompting the security personnel to cordon off the area. “The local Auqaf Committee was engaged to convince the hiding terrorists to come out. Security forces too appealed the terrorists to come out,” said the police spokesperson.

But they turned down the offer, forcing the security personnel to launch the operation. The forces carried out the operation “very cautiously”, ensuring that the sanctity of the mosque is not breached, he said.