पुलवामा पर हुए हमले पर एबीवीपी ने आक्रोश जताया

ख़बर, विडियो और फोटो : तारा ठाकुर


विडियो : तारा ठाकुर

आज सम्पूर्ण राष्ट्र पुलवामा में हुए कायराना आतंकी हमले को ले कर आक्रोश में है। गलियों चौराहों से लेकर टीवी के शो में इसी बात की चर्चा है। जगह जगह देश के स्वाभिमान और संप्रभुता पर हुए इस हमले की निंदा की जा रही है। पंचकुला में भी विद्यार्थियों में इस हमले को ले कर आक्रोश दिखाई पड़ा।

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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गवर्नमेंट पीजी कॉलेज सेक्टर 1 के छात्र संघ अध्यक्ष चिराग के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। चिराग के नेतृत्व में कॉलेज के छात्रों ने मुख्य द्वार से शहीद संदीप सांखला के शहीद स्मारक तक कैंडल मार्च निकाला और शहीद जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।


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छात्रसंघ अध्यक्ष चिराग ने इस अवसर पर कहा कि हमारे देश के जवान बहुत ही वीर और बहादुर है आतंकियों द्वारा ऐसा आत्मघाती हमला का एक कायरता पूर्ण घटना है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवानों पर हुए हमले का मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए और एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी जांबाजी दिखाने के लिए हमारे सैनिकों को अवसर देना चाहिए हमें अपने जवानों और उनकी वीरता पर पूरा भरोसा है कि वे इस आतंकी हमले का बदला जरूर लेंगे।

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जम्मू काश्मीर में हुए फिदायीन हमले में 30 जवान शहीद

नई दिल्‍ली : जम्‍मू और कश्‍मीर में 2019 का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ है. जम्‍मू से श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ के काफ‍िले पर ये हमला गुरुवार दोपहर को क‍िया गया. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस हमले में सीआरपीएफ के 30 जवानों शहीद होने की खबर है. आतंकियों ने इलाके में जवानों पर पहले गोलीबारी की और फिर उन पर कार के जरिये आईईडी ब्‍लास्‍ट किया. ये हमला उरी से भी बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा है. यह आतंकी हमला पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में हुआ
सुरक्षा अधिकारी के मुताबि‍क जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों को निशाना बना कर किये गये आईईडी विस्फोट की जैश-ए-मोहम्मद ने जिम्मेदारी ली है. सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि ये एक आत्‍मघाती हमला है. इस आत्‍मघाती हमले को जैश के आतंकी आद‍िल अहमद डार ने अंजाम दिया. हमले में 45 से ज्‍यादा जवान घायल हुए हैं.

हमला तब हुआ जब सीआरपीएफ का काफ‍िला जम्‍मू से कश्‍मीर जा रहा था. काफ‍िले में 70 वाहन थे. इसमें से एक बस को सबसे ज्‍यादा नुकसान उठाना पड़ा है. सेना से जुड़े अध‍िकार‍ियों का कहना है कि 2001-02 में आतंकियों ने इसी तरह के फ‍िदायीन हमले को अंजाम दिया है. सेना का कहना है कि सेना ने ज‍िस तरह से आतंक‍ियों के ख्‍ािलाफ ऑपरेशन चलाया है, उसमें उनकी बौखलाहट बढ़ गई है. इसी कारण उन्‍होंने आईएसआईएस की तर्ज पर ये हमला किया है.
पुलिस के अनुसार, पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग सीआरपीएफ के काफ‍िले में 2500 जवान शामिल थे. इसमें एक बस में 20 से ज्‍यादा जवान मौजूद थे. आतंक‍ियों ने काफ‍िले पर आईईडी विस्फोट करते हुए  सीआरपीएफ के वाहन पर गोलियां बरसाईं. सुरक्षाबलों का यह काफिला श्रीनगर-जम्मू हाईवे से होकर जा रहा था. यह एक मात्र हाइवे है, जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है. भारी बर्फबारी के कारण 7 दिनों के बाद 13 फरवरी को इस राजमार्ग पर यातायात फिर से शुरू किया गया था.
पुलिस के अनुसार, पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग सीआरपीएफ के काफ‍िले में 2500 जवान शामिल थे. इसमें एक बस में 20 से ज्‍यादा जवान मौजूद थे. आतंक‍ियों ने काफ‍िले पर आईईडी विस्फोट करते हुए  सीआरपीएफ के वाहन पर गोलियां बरसाईं. सुरक्षाबलों का यह काफिला श्रीनगर-जम्मू हाईवे से होकर जा रहा था. यह एक मात्र हाइवे है, जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है. भारी बर्फबारी के कारण 7 दिनों के बाद 13 फरवरी को इस राजमार्ग पर यातायात फिर से शुरू किया गया था.
धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जिले के अवंतिपुरा इलाके में श्रीनगर जम्मू राजमार्ग पर यह आईईडी विस्फोट हुआ.  पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था.

सीआरपीएफ के सूत्रों का कहना है कि सड़क पर एक चार पहिया वाहन में IED लगाया गया था. कार हाईवे पर खड़ी थी. जैसे ही सुरक्षाबलों का काफिला कार के पास से गुजरा, उसमें ब्लास्ट हो गया. इस दौरान काफिले पर फायरिंग की भी खबर है. इस हमले में 30 सीआरपीएफ जवानों की मौत गई, जबकि 18 गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. सबसे अधिक संभावना है कि यह एक रिमोट कंट्रोल्ड व्हीकल आईईडी था.

रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने आईईडी में विस्फोट करने के बाद सीआरपीएफ बस पर स्वचलित हथियारों से गोलियां भी बरसाईं. जम्मू एवं कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने 10 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की पुष्टि की और कहा कि यह एक आत्मघाती हमला हो सकता है. खुद को जेईएम का प्रवक्ता बताने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने स्थानीय समाचार एजेंसी जीएनएस को दिए एक बयान में कहा कि यह संगठन द्वारा किया गया एक फिदायीन हमला था.

फिदायीन हमले में 25 सीआरपीएफ़ जवान शहीद

इस आत्‍मघाती हमले की जिम्‍मेदारी जैश-ए-मोहम्‍मद ने ली है. गौर करने वाली बात ये है कि इस आत्‍मघाती हमले को अंजाम देने वाला आतंकवादी पाकिस्‍तान से नहीं है. वह घाटी का ही रहने वाला है.

नई दिल्‍ली/श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने आत्‍मघाती हमले को अंजाम देते हुए विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी. इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए. इस आत्‍मघाती हमले की जिम्‍मेदारी जैश-ए-मोहम्‍मद ने ली है. गौर करने वाली बात ये है कि इस सीआरपीएफ के काफ‍िले पर आत्‍मघाती हमले को अंजाम देने वाला आतंकवादी पाकिस्‍तान से नहीं है. वह घाटी का ही रहने वाला है.

इस आतंकी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर हुई है. पुलिस ने बताया कि आदि‍ल अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था. वह तभी से घाटी में बड़े आतंकी हमले की फिराक में था. सुरक्षाबलों का कहना है कि आदिल को कुछ दिनों पहले एक ऑपरेशन के दौरान घेर भी लिया गया था. लेकिन वह किसी तरह बच निकला था.

डार ने इस वीडियो में ऐलान करते हुए सरकार के प्रति अपनी नफरत को दिखाया है. इसमें उसने बाबरी मस्‍ज‍िद के मुद्दे को भी उठाया है. इस वीडियो से साफ है कि इस हमले से पहले उसका ब्रेनवॉश किस हद तक किया गया था.

इस हमले के बाद जैश ए मोहम्‍मद ने आदिल डार का एक वीडियो जारी किया. कहा जा रहा है कि इस वीडियो को इस आत्‍मघाती हमले के पहले ही शूट किया गया. इस वीडियो में आदिल के पीछे जैश ए मोहम्‍मद का बैनर दिख रहा है. इसमें हव खुद तमाम हथियारों से लैस है. इस हमले के बाद जैश के प्रवक्‍ता मोहम्‍मद हसन ने दावा किया है कि इस हमले में सेना के कई वाहन नष्‍ट कर दिए गए हैं.

इससे पहले जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर गुरुवार को आतंकियों द्वारा किए गए एक आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 18 जवान शहीद हो गए और 45 अन्य घायल हुए हैं. पुलिस ने कहा कि आतंकियों ने यहां से करीब 30 किलोमीटर दूर लेथपोरा इलाके में अपरान्ह करीब सवा तीन बजे सीआरपीएफ बस को निशाना बनाकर आईईडी विस्फोट किया.

धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास बिखरे क्षत-विक्षत शवों को देखा जा सकता है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विस्फोट की घटना श्रीनगर जम्मू राजमार्ग पर अवंतिपुरा इलाके में हुई. रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने आईईडी में विस्फोट करने के बाद सीआरपीएफ बस पर स्वचलित हथियारों से गोलियां भी बरसाईं. जम्मू एवं कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने 25 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की पुष्टि की और कहा कि यह एक आत्मघाती हमला हो सकता है. खुद को जेईएम का प्रवक्ता बताने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने स्थानीय समाचार एजेंसी जीएनएस को दिए एक बयान में कहा कि यह संगठन द्वारा किया गया एक फिदायीन हमला था.

Kashmiri Students’ visit to PU under Op Sadbhavna

Chandigarh February 12, 2019

            A group of twelve under-graduate students along with their two faculty members from the Government College, Nowshera of the Rajauri District in Jammu and Kashmir visited Panjab University, Chandigarh, here today.

            The visiting group held an interaction with the Dean University Instruction and officiating Vice Chancellor Prof. Shankarji Jha. They also met the Secretary to the Vice Chancellor and faculty members from the various departments of the university.

            Prof. Jaskaran Singh Waraich, Chairperson, Department of Defence and National Security Studies informed that their visit was part of the Deshattan 2019 tours being organised by the Rashtriya Rifles Force of the Indian Army under Operation Sadbhavana also known as Operation Goodwill. Op Sadhavana is a military-civic action programme launched by the Indian Army in the state of Jammu and Kashmir with the aim of “winning the hearts and minds” of the people in the region. The students also visited their department for an informal interaction with the faculty, research scholars and students of the department.

            This interaction was followed by a visit to the University Library and Gandhi Bhawan.  The Lunch for the visiting group was organised by the University Administration at the Boys Hostel No. 2.      

Fees Notification

Chandigarh February 12, 2019

              It is notified for the information of the Public in general and the students in particular that the last date for submission of examination forms of all UG,PG & Professional courses (without and with late fee) has been extended upto 07.03.2019 from 18.02.2019. Revised schedule for submission of examination forms (without and with late fee) is as under:-

Without late fee                                         07.03.2019

With late fee of Rs.2,075/-                         14.03.2019

With late fee of Rs.6,075/-                         22.03.2019

With late fee of Rs.11,075/-                       16.04.2019

With late fee of Rs.22,075/-                       25.04.2019                                                       

               (Students can also visit the University website www.puchd.ac.in for information)

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एक बड़े फैसले में शुक्रवार को लद्दाख के लिए एक अलग संभाग बनाया.

जम्मू: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एक बड़े फैसले में शुक्रवार को लद्दाख के लिए एक अलग संभाग बनाया. यह अभी तक कश्मीर संभाग का एक हिस्सा था. प्रशासन द्वारा जारी एक आदेश में बताया गया है कि कश्मीर और जम्मू संभाग की तरह अब लद्दाख एक पूर्ण प्रशासनिक और राजस्व संभाग होगा, जहां एक अलग संभागीय आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक होंगे.

इसमें बताया गया,’लद्दाख का गठन एक अलग प्रशासनिक और राजस्व संभाग के तौर पर किया गया है. जम्मू कश्मीर में तीन संभाग जम्मू, लद्दाख और कश्मीर होंगे.’ 

आदेश में कहा गया है कि प्रशासन ने लेह और करगिल जिलों को मिला कर एक अलग प्रशासनिक और राजस्व संभाग के गठन को मंजूरी दी है. इसका मुख्यालय लेह में होगा.

विभागों के संभागीय स्तर के प्रमुखों के पदों की पहचान करने के लिए योजना, विकास और निगरानी विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक समिति के गठन का आदेश भी दिया गया है. इसकी नए संभाग और खासतौर पर उनके स्टाफ पैटर्न, जिम्मेदारियों और इन कार्यालयों के प्रस्तावित स्थानों के लिये जरूरत पड़ सकती है. आदेश में कहा गया है कि इस निर्णय से लद्दाख क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से शासन और विकास की आकांक्षाएं पूरी होंगी.

आदेश पर क्या बोले राजनीतिक दल?
नए संभाग के गठन पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि इस साल होने वाले जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह चेनाब घाटी और पीर पंजाल क्षेत्र को संभाग का दर्जा देंगे. पूर्व मुख्यमंत्री ने लेह और करगिल जिलों को मिलाकर लद्दाख क्षेत्र को संभाग का दर्जा दिये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह बात कही. 

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी नए संभाग का गठन किये जाने के निर्णय का स्वागत किया. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह चेनाब घाटी और पीर पंजाल क्षेत्रों की अनदेखी करने के पीछे की सरकार की मंशा को समझने में विफल हैं क्योंकि वे इलाके भी समान रूप से दूरदराज के क्षेत्र हैं और वहां की आबादी लद्दाख से कहीं अधिक है.

रोज वैली और शारदा चिटफंड मामला क्या है जानें

रोज वैली और शारदा चिटफंड मामले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के लिए सीबीआई उनकी तलाश कर रही है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक उनकी गिरफ्तारी भी तय हो चुकी है. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि चिटफंड मामले में राजीव कुमार शक के घेरे में हैं. पूछताछ के लिए उन्होंने कुमार को दो बार समन भी भेजा, लेकिन वो जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.

रोज वैली और शारदा चिटफंड मामले में फरार पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के निवास पर सीबीआई के 40 अधिकारियों की एक टीम पहुंची थी. दरअसल, रोज वैली स्कैम 15000 करोड़ रुपए और शारदा चिट फंड में 2500 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है.

रोज वैली घोटाला

रोज वैली घोटाले पर काफी वक्त से हड़कंप मचा हुआ है. इसमें कई बड़े नेताओं का नाम भी शामिल होने की बात सामने आ चुकी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर चूना लगाने वाले इस समूह के पैर राजनीति, रियल एस्टेट और फिल्म जगत तक पसरे हुए थे. दरअसल, रोज वैली चिटफंड घोटाले में रोज वैली ग्रुप ने लोगों 2 अलग-अलग स्कीम का लालच दिया और करीब 1 लाख निवेशकों को करोड़ों का चूना लगा दिया था. आशीर्वाद और होलिडे मेंबरशिप स्कीम के नाम पर ग्रुप ने लोगों को ज्यादा रिटर्न देने का वादा किया. जिसके बाद लोगों ने भी इनकी बातों में आकर इसमें निवेश कर दिया. ग्रुप एमडी शिवमय दत्ता इस घोटाले के मास्टरमाइंड बताए जाते हैं.

शारदा चिटफंड घोटाला

पश्चिम बंगाल की एक चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने लोगों को लुभावने ऑफर देकर चूना लगा दिया. शारदा चिटफंड ने लालच दिया कि सागौन से जुड़े बॉन्ड्स में निवेश कर 34 गुना ज्यादा रिटर्न हासिल किया जा सकेगा. इसके लिए 25 साल का लॉकिंग पीरयड बताया गया था. मसलन, अगर आप 1 लाख रुपए का निवेश करते हैं तो 25 साल बाद आपको 34 लाख रुपए मिलते. हालांकि ये बस एक लोगों को लालच देकर ठगी करने का पैंतरा था. वहीं आलू के बिजनेस में 15 महीनों के भीतर ही रकम डबल करने का सपना भी इस ग्रुप ने दिखाया. लालच में आकर 10 लाख लोगों ने निवेश किया और आखिर में कंपनी पैसों के साथ फरार हो गई.

वहीं इन चिटफंड घोटालों की जांच करने वाली पश्चिम बंगाल पुलिस की SIT टीम का नेतृत्व 2013 में राजीव कुमार ने किया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक सीबीआई सूत्रों का कहना है कि एसआईटी जांच के दौरान कुछ खास लोगों को बचाने के लिए घोटालों से जुड़े कुछ अहम सबूतों के साथ या तो छेड़छाड़ हुई थी या फिर उन्हें गायब कर दिया गया था. इसी सिलसिले में सीबीआई कुमार से पूछताछ करने चाहती है. राजीव कुमार पश्चिम बंगाल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं. रोज वैली और शारदा चिटफंड मामले में सीबीआई ने अब तक 80 चार्जशीट फाइल की हैं जबकि एक हजार करोड़ से ज्यादा रुपए रिकवर कर लिए गए हैं.

“1989-90 में आतंकवाद के डर से बेची गयी कश्मीरी हिंदूओं की प्रॉपर्टी का सौदा होगा रद्द, मोदी सरकार की योजना तैयार”

आतंकवाद के चलते घाटी छोड़ने वाले कश्मीरी हिंदूओं के लिए एक बड़ी खबर है, 90 के दशक में साढ़े लाख हिंदूओं को उनकी उस तमाम प्रॉपर्टी पर वापिस कब्ज़ा मिलेगा। जिसको इस्लामिक आतंकवाद के डर से घाटी छोड़ने से पहले उन्होंने कौड़ियों के दाम अपने मुस्लिम पड़ोसी को बेच दिया था।

सरकारी आंकडे के मुताबिक करीब डेढ लाख ऐसे कश्मीरी हिंदू हैं जिन्होंने अपने घर, जमीन, ऑफिस, दुकान, बिजनेस, फैक्ट्री, गाड़ियों जैसी प्रॉपर्टी औने-पौने दाम पर स्थानीय मुस्लिमों को बेच दी थी। हज़ारों मामले ऐसे भी थे, जिसमें स्थानीय मुस्लिमों में जबरन प्रॉपर्टी पर कब्ज़ा कर लिया था।

जान बचाने के लिए कश्मीरी हिंदू वो प्रॉपर्टी यूं ही छोड़ आये, जिसपर आज भी अवैध कब्जा बना हुआ है। लेकिन एक बड़ी योजना के तहत मोदी सरकार ने इस प्रॉपर्टी को वापिस कश्मीरी हिंदूओं को लौटाने के लिए एक योजना तैयार की है। जिसके तहत सबसे पहले उन प्रॉपर्टी के सौदों को खारिज़ किया जायेगा। जोकि 89-90 के दौरान बेची गयी थी।

 कैसे हो रही है इसकी तैयारी :

मोदी सरकार के एजवायज़री पैनल नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटरिएट (NSCS) ने इस योजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारी की है। एनएसए अजीत दोभाल की अध्यक्षता वाले इस एडवायजरी पैनल ने जम्मू कश्मीर सरकार से 89-90 में कश्मीरी हिंदूओं की अचल संपत्ति का ब्यौरा तैयार करने को कहा है।

इस कड़ी में पहले जम्मू कश्मीर सरकार एरिया-वाइज़ कश्मीरी हिंदू द्वारा बेची गयी अचल संपत्ति का ब्यौरा तैयार करेगी।

साथ ही एरिया-वाइज़ 1990 और अब जमीन स्वामित्व की डिटेल्स भी तैयार करने को कहा गया है।

इसके अलावा ऐसी प्रॉपर्टी का भी ब्यौरा मांगा गया है, जोकि जम्मू कश्मीर सरकार के अधीन है।

इस तमाम डिटेल्स का ब्यौरा मिलने के बाद ही इस जमीन को वापिस कश्मीरी हिंदूओं को लौटाने की योजना तैयार की जायेगी।

NSCS के अडिशनल सेक्रेटरी एसएम सहाय इस योजना को तैयार कर रहे हैं। जोकि जम्मू कश्मीर काडर आईपीएस हैं और एडिशनल डायरेक्टर जनरल पुलिस के पद पर जम्मू कश्मीर में कार्यरत रह चुके हैं।

कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर को एसएम सहाय का आधिकारिक पत्र मिलने के बाद कश्मीर के तमाम डिप्टी कमिश्नरों को डिटेल्स तैयार करने का आदेश जारी कर दिया गया है।

राज्य के नेता चाहते हैं ‘नौजवान मारे जाते रहें’ ताकि दिल्ली को ‘ब्लैकमेल’ कर उसे ‘दबाव में रखा जा सके.’ सत्यपाल मलिक

जौरियां (जम्मू): जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गुरूवार को यह कहकर एक बार फिर विवाद को जन्म दे दिया कि राज्य के राजनीतिक नेता चाहते हैं कि ‘नौजवान मारे जाते रहें’ ताकि दिल्ली को ‘ब्लैकमेल’ कर उसे ‘दबाव में रखा जा सके.’  

अखनूर के जौरियां में एक किसान मेला को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर के लोगों को हर वह चीज देने के लिए तैयार हैं जो वह संविधान के तहत मांगें, क्योंकि वह राज्य के लोगों से प्रेम और उनका आदर करते हैं. 

सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के नेता चाहते हैं कि नौजवान मारे जाते रहें ताकि वे नई दिल्ली (केंद्र सरकार) को दबाव में रख सकें.’ उन्होंने कहा, ‘नगर निकाय एवं पंचायत चुनावों के दौरान मेरी ओर से यह गलतफहमी दूर की गई और संदेश दिया गया कि नई दिल्ली दबाव में नहीं आने वाली. नई दिल्ली अब ब्लैकमेल के दबाव में नहीं आएगी. यदि गोलियां चलेंगी तो यहां से गुलदस्ते नहीं भेजे जाएंगे.’  

आंतकवादियों से की मुख्यधारा में लौटने की अपील
सत्यपाल मलिक ने कहा कि कश्मीर में आतंकवादियों को मारकर कोई समाधान नहीं तलाशा जा सकता. उन्होंने आतंकवादियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की. 
उन्होंने कहा,’मैं इन बच्चों की जान लेने के पक्ष में नहीं हूं. यदि वे वापस आते हैं तो हम उनके लिए कुछ करने के लिए तैयार हैं. हम कोई रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं.’  

परोक्ष रूप से पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए मलिक ने कहा,’राजनीतिक पार्टियों का दोहरा मानदंड होता है. मैं उनसे गुस्सा हूं.’ 

राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने प्रोटोकॉल तोड़कर मुफ्ती और अब्दुल्ला से संपर्क साधा और उनसे कहा कि वे नगर निकाय एवं पंचायत चुनावों में हिस्सा लें ताकि लोगों को सशक्त किया जा सके, लेकिन दोनों ने इसका ‘विरोध और बहिष्कार’ किया. 

ISRO Successfully Launched World’s Smallest Satellite Build by Students ‘Kalam SAT’ On Board PSLV-C44 on 24th January 2019

Nellore, January 24: The Indian Space Research Organisation (ISRO) today successfully launched the world’s lightest satellite ‘Kalamsat’ made by Indian students at 11.40 pm from the First Launch Pad (FLP) of Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota. The communication satellite, KalamSat, is designed and built by students who work with a private organisation called “Space Kidz India.” Along with Kalamsat, the ISRO also launched Microsat-R, an imaging satellite, by the same launching vehicle. Both the satellites were launched by Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV) in its 46th flight.

The ISRO has not charged a single rupee for the launch of Kalamsat. Speaking on the launch, ISRO Chief K Sivan said, “ISRO is open to all students of India. Bring to us your satellites and we will launch it for you. Let’s make India into a science-fairing nation.”

The Kalamsat satellite weighs just 1.26 kilogram and is lighter than a laptop. It cost Rs 12 lakh to make this satellite, and it was ready in only six days, but the group took six years to perfect the satellite. The satellite is named after Former President Dr APJ Abdul Kalam as a tribute to him. Notably, Kalamsat is the first satellite designed by an Indian Private entity to be launched by ISRO. In 2017, a 64-gram version of Kalamsat named as “Gulab Jamun” was launched by National Aeronautics and Space Administration (NASA), but it never reached the earth’s orbit.

About Kalam SAT satellite:

  • Kalam SAT is named after former Indian president Dr. A. P. J. Abdul Kalam and is the world’s smallest and lightest satellite.
  • The student satellite weighs just 64 grams and it is fitted in a 3.8 centimeters cube. The probe is composed of 3-D printed reinforced carbon fiber polymer. Part of the components were supplied from India and other parts from abroad.
  • The satellite is built by an Indian High school student team, led by Rifath Sharook, an 18-year-old from the Tamil Nadu town of Pallapatti.
  • The high school team participated in Cubes in Space, a STEM-based education program by Idoodle Learning.Inc and NASA.
  • As selected student competitors, the team won an opportunity to design experiments to be launched into space on a NASA rocket.
  • Kalam SAT was launched by NASA along with several other experiments on Terrier Orion sounding rocket on 22 June 2017 from Wallops Island flight facility in Virginia.
  • Kalam SAT is listed in the pages of Asia Book of Records, India Book of Records and Assist World Records, as holding the record title of “World’s lightest and smallest satellite”

On Friday, while addressing a conference, Dr K Sivan, ISRO Chairman stated that the launch window for Chandravaan-2 is March 25 – April 30 this year.  He said that ISRO has planned 32 missions this year. Elaborating on the priority areas of ISRO, the Chairman said that these include Gaganyaan project, reaching out to students, outreach programmes, planned missions of this year and Vikram Sarabhai Centenary celebrations.  ISRO Successfully Launches India’s Heaviest and Most Powerful Satellite GSAT-11 From French Guiana; All You Need to Know. 

For the first time, ISRO has announced the ‘Young Scientists Programme’ to encourage the scientific talent and increase scientific pool in the country. Under this programme, Dr Sivan said, 3 students from each state and UT will be selected for ISRO programme for one month during which they will visit ISRO centres, interact with senior scientists and will have access to Research and Development facilities, a government release stated. All the expenses of travelling and boarding will be borne by ISRO.

Meanwhile, the other satellite, Microsat-R imaging satellite of the Defence Research and Development Organisation (DRDO) weighs 700-kg. About 14 minutes into the flight the rocket would eject Microsat R at an altitude of about 277km, and it would start functioning at an altitude of 450km in about the 103rd minute after take-off. “To reduce weight and increase the mass, an aluminium tank is being used for the first time in the fourth stage,” ISRO Chairman K. Sivan had told IANS earlier. ISRO Successfully Launches India’s Heaviest and Most Powerful Satellite GSAT-11 From French Guiana; All You Need to Know.

PSLV is a four-stage launch vehicle with alternating solid and liquid stages. In its normal configuration, the rocket would have six strap-on motors. The PSLV with two strap-on configuration has been identified for this mission, and the configuration is designated as PSLV-DL. PSLV-C44 is the first mission of PSLV-DL and is a new variant of PSLV. In PSLV-C44, the fourth stage (PS4) of the vehicle will be moved to a higher circular orbit to establish an orbital platform for carrying out experiments.