अनुच्छेद 370 और 35-A की समीक्षा की जाएगी: राजनाथ सिंह

“राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने अपना दिल बड़ा किया और जम्मू कश्मीर जाकर दिल खोलकर सबसे वार्ता की, और कश्मीर का हल निकालने के प्रयास किये, अब तक सबसे ज्यादा बार जम्मू कश्मीर जाने वाला गृहमंत्री हूं. और अब वक्त की मांग है कि अनुच्छेद 370 और 35ए की समीक्षा की जाये.”
जम्मू काश्मीर की समस्या का हल तभी निकलेगा जब काश्मीरी पंडितों का पुनर्वास घाटी में होगा और अनुच्छेद 35-ए खत्म कर दिया जाएगा

लखनऊ: केंद्रीय गृहमंत्री एवं लखनऊ लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अब समय आ गया है कि जम्मू कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 और 35ए की समीक्षा की जाये. उन्होंने कहा, ‘‘हम डंके की चोट पर कहते हैं कि हम (इसकी) समीक्षा करेंगे.’’ सिंह ने कहा कि हमने अपना दिल बड़ा किया और जम्मू कश्मीर जाकर दिल खोलकर सबसे वार्ता की, और कश्मीर का हल निकालने के प्रयास किये, अब तक सबसे ज्यादा बार जम्मू कश्मीर जाने वाला गृहमंत्री हूँ. और अब वक्त की मांग है कि अनुच्छेद 370 और 35ए की समीक्षा की जाये.

गृहमंत्री ने शिव शान्ति आश्रम सिंगारनगर के कार्यक्रम में कहा कि यह सच्चाई है कि विगत पांच वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार द्वारा जितना काम हुआ है उसकी प्रशंसा देश में ही नहीं बल्कि विश्व में की जा रही है, अब विश्व के देशों में भारत के प्रति धारणा बदल गयी है, चित्र बदल रहा है. 

आज हमारा देश विश्व में सबसे ज्यादा आर्थिक वृद्धि करने वाला देश माना जाने लगा है और अगर इसी तरह यह आर्थिक वृद्धि जारी रही तो 2030 तक हम विकसित राष्ट्र की श्रेणी में आ जायेंगे. उन्होंने कहा कि आज देश में नक्सलवाद, उग्रवाद, आतंकवाद कम हुआ है. पहले जवान ज्यादा मरते थे, जबकि आतंकवादी, नक्सलवादी कम मारे जाते थे. लेकिन अब परिदृश्य बदल गया है.

नक्सलवाद सिमटकर पांच-सात जिलों तक समिति रह गया है.  पूर्वोत्तर राज्यों में आज शांति है इन पांच वर्षों में आतंकवाद की कोई बड़ी वारदात नहीं हुई, यह एक बड़ी उपलब्धि है. सिंह ने कहा कि हम नभ, जल, थल सब जगह अपनी शक्ति बढ़ा रहे हैं आज कोई देश हमारे ऊपर आंख उठाकर नही देख सकता, हम किसी को छेड़ते नहीं यह हमारा इतिहास गवाह है.  यह हमारी कमजोरी नहीं, यही हमारी ताकत है. 

भारत की चीन-पाक सीमा पर बनेंगी सुरक्षा सुरंगें

युद्ध में अपना कम से कम नुक्सान करवा कर शत्रु को अत्यधिक एवं मार्मिक चोट देना ही कुशल सिपहसालार कि निशानी है. साथ ही किसी भी प्रकार के हमले में अपने सैनिकों और उनके मॉल असबाब को दुश्मनों के हाथों से बचाए रखना भी एक रणनीति होती है, भारतीय सेना भी अब सीमा पर इसी प्रकार के निर्माण कार्यों को प्रोत्साहित कर रही है. भारतीय सेना ने सीमा पर सुरंगें बनाने का संकल्प लिया है.

नई दिल्‍ली: भारत अब अपनी सीमाओं की सुरक्षा को और पुख्‍ता करने जा रहा है. अब पाकिस्तान और चीन की सीमा पर पहाड़ों के अंदर गोला-बारूद के जखीरे रखने के लिए सुरंगें बनाई जाएंगीं. हर सुरंग में 2 लाख किलो गोला बारूद स्टोर होगा. ये 4 सुरंगें 2 साल में बनकर तैयार होंगीं. इन सुरंगों की सबसे बड़ी खासि‍यत ये होगी कि ये हर हमले से सुरक्ष‍ित होंगीं.

NHPC और Army के बीच इस समझौते पर दस्तखत किए गए. समझौते के मुताबिक 2 साल में 15 करोड़ की लागत से 4 सुरंगे बनाई जाएंगीं. हर सुरंग में 200 मीट्रिक टन यानी 2 लाख किलो गोला बारूद रखा जा सकेगा.

पहले भी ऐसी सुरंगें बनाने की कोशि‍श हो चुकी है…
3 सुरंगे चीन सीमा और एक पाकिस्तान सीमा पर बनाई जाएंगीं. सेना ने पहले ऐसी सुरंगे बनाने की कोशिश की थी, लेकिन कामयाब  नहीं हुई. अब सेना इसके लिए NHPC की महारत का उपयोग करना चाहती है. NHPC ने पहाड़ों में कई पॉवर प्रोजेक्ट बनाने में सुरंगों का इस्तेमाल किया है.

इसलिए तैयार की जा रही हैं सुरंग
सेना को सबसे ज़्यादा खतरा गोला बारूद के भंडारो पर हमले से होता है. युद्ध के समय ये दुश्मन के सबसे पहले हमलों का निशाना होते हैं. इन सुरंगो में रखा लाखो किलो गोला बारूद न तो ज़मीनी हमले से तबाह किया जा सकेगा और न ही हवाई हमले से. इस पायलट प्रोजेक्ट के बाद इस तरह की और सुरंगें बनाई जाएंगी.

यासिन मलिक को बुधवार को 24 मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया

नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकी समूहों के वित्त पोषण संबंधी एक मामले में गिरफ्तार किए गए जेकेएलएफ प्रमुख यासिन मलिक को बुधवार को 24 मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश स्याल ने, सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण वीडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिए मलिक को पेश करने की मांग कर रही तिहाड़ जेल प्रशासन की एक याचिका पर भी बचाव पक्ष के वकील से जवाब मांगा. 

अदालत ने मलिक को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया. कश्मीर की एक अदालत से एनआईए को मलिक के ट्रांजिट रिमांड की मंजूरी मिलने के बाद उन्हें राष्ट्रीय राजधानी लाया गया था. जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने सीबीआई की एक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. याचिका में सीबीआई ने तीन दशक पुराने उन मामलों को फिर से खोलने की अपील की है जिनमें मलिक आरोपी हैं.

जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख पर 1989 में तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबैया सईद को अगवा करने तथा 1990 में भारतीय वायु सेना के चार कर्मियों को मार डालने के मामले में कथित संलिप्तता का आरोप है.

जेकेएलएफ पर गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत प्रतिबंध लगा दिया गया है.

मसूद ने कहा कि पिछले 17 सालों में वह कभी बीमार भी नहीं पड़ा

मीडिया से हमेशा मुंह छुपा कर रहने वाले चीन के प्यारे मसूद अज़हर ने एक बार फिर सक्रियता दिखाई है और पुलवामा से बड़े हमले की साजिश की तैयारियां शुरू कर दिन हैं। मसूद अज़हर ने एक बार फिर पाकिस्तान के प्रति नर्म पड़ते भारत के रवैये की आग को हवा दे दी है।

नई दिल्ली: बालाकोट में भारतीय वायु सेना की तरफ से किए गए एयर स्ट्राईक के बाद एक बार फिर से जैश ए मोहम्मद चीफ मसूद अजहर सक्रिय हो गया है. खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों अजहर मसूद ने जैश आतंकियों के साथ बैठक कर भारत पर पुलवामा जैसे एक और बड़े आतंकी हमले के लिए तैयार रहने को कहा है. वहीं मसूद अजहर ने मीटिंग के दौरान ये भी कहा कि वो पिछले 17 सालों में कभी न तो बीमार हुआ और न ही वो कभी अस्पताल में भर्ती हुआ है.

मसूद अजहर ने ये भी कहा है कि उसके स्वास्थ के बारे में गलत खबरें फैलाई जा रही हैं. बता दें कि बालाकोट में जैश के कैंप पर हुए एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक विदेशी चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा था कि अजहर मसूद को किडनी की गंभीर बीमारी है और उसका स्वास्थ्य काफी खराब है. कुरैशी ने कहा था कि भारत जिस तरह से मसूद अजहर पर भारत पर हमले के आरोप लगा रहा है वो झूठे हैं.

बहावलपुर में कई बड़े आतंकियों के साथ की बैठक
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक मसूद अजहर ने पिछले दिनों बहावलपुर में जैश के कई बड़े आतंकियों के साथ बैठक की. फिदायीन हमलों के लिए जैश की तैयारियों का जायजा लिया. यही नहीं जैश के बहावलपुर कैंप में मीटिंग के दौरान मसूद ने भारत पर पुलवामा जैसे और बड़े आतंकी हमले के लिए तैयार रहने को कहा है.

पाकिस्तान कर रहा है कार्रवाई का दिखावा…
जाहिर है कि दुनिया भर से पाकिस्तान पर पड़ने वाले अतंराष्ट्रीय दवाब का कुछ खास असर पाकिस्तान पर होता नहीं दिख रहा है. केन्द्रीय सुरक्षा में तैनात एक अधिकारी के मुताबिक, “बालाकोट में जैश के कैंप पर हुए एयर स्ट्राइक के बाद से जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क पर हम लगातार नज़र रखे हुए हैं. हम ये भी देख रहे हैं कि पाकिस्तान ने क्या वाकई में जैश के खिलाफ कोई कार्रवाई की है या कार्रवाई का दिखावा कर रहा है.”

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति में जैश ए मोहम्मद पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का बेस्रबी से इंतजार कर रहा है, लेकिन जिस तरह से चीन मसूद अजहर के बचाव में सामने आया है उससे पाकिस्तान जैश पर कार्रवाई करने में आनाकानी कर रहा है. खुफिया एजेंसियों की इस रिपोर्ट से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है. जाहिर है जब तक मसूद अजहर और जैश पर कड़ी कारवाई नहीं की जाती, तब तक जैश के भारत पर हमले के खतरे कम नहीं होगें.

घाटी में जैश का कोई नामलेवा नहीं

बालाकोट और अभिनंदन की वापसी के बाद सेना के बढ़े हुए मनोबल की जीती जागती तस्वीर है घाटी में सेना द्वारा आतंकी समूहों का सफाया करने की मुहिम। सेना को मिली खुली छूट के कारण घाटी में आतंकियों की संख्या नगण्य हो गयी है। आतंकी अब इधर उधर मारे मारे फिर रहे हैं। इसमें काफी बड़ा योगदान अलगाववादियों की गिरफ्तारी और नज़रबंदी का भी है।

श्रीनगर: घाटी में आतंकवाद के बढ़ते कदमों पर सेना ने ब्रेक लगा दिए हैं. खासकर पिछले दो सालों में सेना ने जिस तरह से आतंकियों का चुन चुन कर सफाया किया है, उसी का असर है कि अब कोई भी आतंक की राह पर नहीं जाना चाहता. लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने बुधवार को कहा कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने घाटी में जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की, जिससे ऐसी स्थिति बन गई है कि कोई भी इस संगठन का नेतृत्व लेने के लिए इच्छुक नहीं है.

लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह एवं सीआरपीएफ महानिरीक्षक जुल्फिकार हसन ने कहा, “ इस साल अब तक 41 आतंकवादी मारे गए. इनमें से 25 जैश-ए-मोहम्मद के थे. 13 विदेशी आतंकवादी थे – पाकिस्तानी एवं श्रेणी ए और उससे ऊपर के.’

श्रीनगर की चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन ने कहा, “हमने जैश-ए-मोहम्मद के नेतृत्व को निशाना बनाया और अब स्थिति ऐसी है कि कोई भी घाटी में जैश की कमान नहीं संभालना चाहता. पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के हम जैश का शमन जारी रखेंगे.” डीजीपी सिंह ने कहा कि घाटी में 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकवादी हमले जैसे कुछेक मामलों को छोड़ 2018 में और उसके बाद से अब तक आतंकवाद को रोकने में कामयाबी मिली है.

जैश के 25 आतंकियों को ढेर किया
पुलिस ने बुधवार को कहा कि बड़ी संख्या में कश्मीरी युवा आतंकवाद से दूर हो गए, लेकिन सुरक्षा कारण से सटीक संख्या प्रकट करना ठीक नहीं होगा. “ऐसे कई युवा हैं, जिन्होंने या तो आत्मसमर्पण कर दिया है या उन्हें आतंकवाद में शामिल होने से रोक दिया गया है. पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा, “हम उनकी सुरक्षा के लिए सटीक संख्या प्रकट नहीं कर सकते.” उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 2018 में कानून व्यवस्था की स्थिति में सकारात्मक सुधार देखे हैं.

उन्होंने कहा, “स्थानीय युवाओं की आतंकवाद में भर्ती बहुत कम हो गई है और उम्मीद है कि आगे कम होगी,” उन्होंने कहा, 2018 से अब तक 272 आतंकवादी मारे गए और कई पकड़े गए. आतंकवादियों के लिए काम कर रहे बड़े पैमाने पर मॉड्यूल का भी भंडाफोड़ दिया गया है और जो गिरफ्तार हुए हैं वे न्यायिक हिरासत में हैं.”

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा, “पथराव की घटनाओं में भारी गिरावट आई है और कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है.” वही सुरक्षाबलों ने  लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी संगठन में भारी सेंध लगाई है. उन्होंने कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हुए और जम्मू-कश्मीर में चल रहे संसदीय चुनावों में भी कोई भी चुनाव संबंधी हिंसा नहीं हुई है.

कॉन्फ़्रेन्स में जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि “बड़ी संख्या में आतंकवादियों के सफाए के कारण कश्मीर में जैश का नेतृत्व करने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है.” ढिल्लन ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद इस साल अभी तक 69 आतंकियों को मार गिराया जा चुका है 12 को ज़िंदा पकड़ा गया, जिनमें जैश के 25 आतंकियों ढेर हुए हैं. उसमें 13 पाकिस्तान से आए आतंकी शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि लश्कर ने बडगाम मुठभेड़ के दौरान बंधक बनाकर रखने के बाद एक जवान लड़के की हत्या कर दी थी, कश्मीरियों को यह पूछना चाहिए कि क्या यह जिहाद है. जीओसी ने स्थानीय युवाओं से भी अपील की है कि वे मुठभेड़ के दौरान या उसके बाद मुठभेड़ स्थलों पर न आएं. श्रीनगर के पुलिस कंट्रोल रूम में सेना और जम्मू पुलिस और सीआरपीएफ ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी है.

‘‘देश के किसी अन्य हिस्से में पिछले पांच वर्ष में कोई बम विस्फोट नहीं हुआ. हम आतंकवाद को जम्मू-कश्मीर के केवल ढाई जिलों तक सीमित करने में सफल रहे हैं.’’ मोदी

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नामांकन के पश्चात देश में सियासी तूफान उबल पड़ा है। जिनके आलाकमान जमानत पर बाहर घूम रहे हैं और जो दो- दो जगहों से चुनाव लड़ रहे हैं वह भी साध्वी के चुनाव लड़ने पर तंज़ कस रहे हैं। कहीं प्रवक्ताओं पर जूता फेंका जा रहा है तो कहीं प्रवक्ताओं को डराया धमकाया जा रहा है। ऐसे में अच्छी खबर है की एक – दो घटना के अलावा चुनाव का दूसरा दौर भी शांति से सम्पन्न हुआ। ऐसे में प्रधान मंत्री मोदी अमरौली में अपनी चुनावी सभा को धन्यवाद सभा कह दें तो क्या अचरज है?

अमरेली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद को जम्मू-कश्मीर के केवल ‘‘ढाई’’ जिलों तक सीमित करने में कामयाब रही है और देश के किसी अन्य हिस्से में पिछले पांच साल में कोई बम विस्फोट नहीं हुआ. पीएम मोदी ने गुजरात के अमरेली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने गुजरात में जो कुछ सीखा, उससे उन्हें 2017 में चीन के साथ डोकलाम गतिरोध के दौरान मदद मिली.

उन्होंने देश में पहले हुए बम विस्फोट के विभिन्न मामलों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘देश के किसी अन्य हिस्से में पिछले पांच वर्ष में कोई बम विस्फोट नहीं हुआ. हम आतंकवाद को जम्मू-कश्मीर के केवल ढाई जिलों तक सीमित करने में सफल रहे हैं.’’

बालाकोट हवाई हमला
बालाकोट हवाई हमले के बाद भारत से संपर्क साधने की कोशिश संबंधी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान पर मोदी ने कहा कि नेता को ‘‘फोन उठाने के लिए हमसे सार्वजनिक रूप से अनुरोध करना पड़ा.’’

उन्होंने देश में कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि सरदार सरोवर परियोजना 40 वर्ष पहले पूरी हो गई होती तो गुजरात बहुत बेहतर जगह होती. मोदी ने कहा कि कांग्रेस को 2014 में आजादी के बाद सबसे कम सीटों पर जीत मिली और 2019 में वह सबसे कम लोकसभा सीटों के लिए लड़ रही है, लेकिन तब भी वह सत्तारूढ़ पार्टी बनने का ‘‘सपना देख’’ रही है.

उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात में बनी सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा का मकसद दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का अनादर करना नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए यह कोई चुनावी रैली नहीं है, बल्कि यह मेरे लिए गुजरात के लोगों को धन्यवाद देने की रैली है क्योंकि मैं यहीं निखरा.’’

LOC के जरिये POK के साथ व्यापार अगले आदेश तक बंद

एनआईए द्वारा कुछ मामलों की चल रही जांच के दौरान, यह सामने आया है कि एलओसी व्यापार में महत्वपूर्ण व्यापारिक चिंताएं आतंकवाद या अलगाववाद को बढ़ावा देने वाले प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े व्यक्तियों द्वारा संचालित की जा रही हैं। जांच में पता चला है कि कुछ व्यक्ति, जो पाकिस्तान के पार हो गए हैं, और आतंकवादी संगठनों में शामिल हो गए हैं, ने पाकिस्तान में व्यापारिक फर्में खोली हैं। ये ट्रेडिंग फर्म कथित रूप से आतंकवादी संगठनों के नियंत्रण में हैं और एलओसी व्यापार में लगे हुए हैं।

नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (एलओसी) के जरिए व्यापार को स्थगित कर दिया है. गुरुवार को एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि जांच एजेंसियों को पता चला था कि पड़ोसी देश के तत्वों द्वारा अवैध हथियार, मादक पदार्थों और नकली मुद्रा की तस्करी के लिए इस मार्ग का दुरुपयोग किया जा रहा है. इसके बाद यह कदम उठाया गया.

बयान में कहा गया है कि एक सख्त विनियामक और प्रवर्तन तंत्र तैयार किया जा रहा है और उसके लागू होने के बाद व्यापार मार्गों को फिर से खोलने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा.

क्या कहा गृह मंत्रालय ने?
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के चकन-दा-बाग और सलामाबाद में एलओसी व्यापार को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है.

इसमें कहा गया है कि यह कार्रवाई उन रिपोर्टों के आधार पर की गई है कि पाकिस्तान स्थित तत्वों द्वारा अवैध हथियारों, नशीले पदार्थों और नकली नोटों को फैलाने के लिए व्यापार मार्गों का दुरुपयोग किया जा रहा है. 

सप्ताह में चार दिन होता है व्यापार 
एलओसी व्यापार अभी बारामूला जिले के उरी के सलामाबाद में और पुंछ जिले के चकन-दा-बाग में दो व्यापार केंद्रों से संचालित होता है. यह व्यापार सप्ताह में चार दिन होता है और यह वस्तु विनिमय प्रणाली और शुल्क मुक्त पर आधारित होता है.

सरकार ने बयान में कहा कि एक सख्त विनियामक और प्रवर्तन तंत्र पर काम किया जा रहा है और इसे विभिन्न एजेंसियों के परामर्श से लागू किया जाएगा. 

‘मुझे खुशी है कि उमर अब्दुल्ला ने उन लोगों से हाथ नहीं मिलाया जिनके हाथ मुसलिमों के खून से रंगे थे’ फारूक

मुसलमान मुसलमान मुसलमान, चुनाव जीतने का आसान तरीका है मुसलमान मुसलमान चिल्लाओ। बार बार पूछो की क्या मुसलमान हिंदुस्तान का हिस्सा नहीं। सबको यह बताओ की मोदी के हाथ मुसलमानों के ख़ून से रंगे हैं। फिर क्षेत्रवाद पर आ जाओ, सबको बताओ की काश्मीरी कभी भी हिंदुस्तानी मोदी पर भरोसा नहीं करेंगे। फिर मैं पर आओ, यदि मैं चाहता तो हिंदुस्तान का वजूद ही नहीं होता। क्या यह सब जो हम बार बार सुनते हैं तिरंगे को कांधा देने वाल कोई नहीं मिलेगा, कांधा किसे दिया जाता है?? क्या इलैक्शन कमीशन को यह सब नहीं सुनता?? क्या इनको दफा 370 के तहत कोई विशेषाधिकार मिले हुए हैं??

श्रीनगर: अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार पर देश को तोड़ने की कोशिश करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों के एक दिन बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्‍दुल्‍ला ने सोमवार को पलटवार करते हुए कहा कि अगर उनका परिवार भारत को तोड़ना चाहता तो ‘कोई हिंदुस्तान होता ही नहीं.’ कठुआ जिले में रविवार को जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अब्दुल्ला और मुफ्ती पर निशाना साधते हुए कहा था कि दोनों परिवारों ने जम्मू कश्मीर की तीन पीढ़ियों को बर्बाद कर दिया और वह उन्हें भारत को बांटने नहीं देंगे. अब्दुल्ला ने जवाब में कहा कि पीएम मोदी ही देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह कामयाब नहीं होंगे.

हमारी पार्टी करती है सभी लोगों की भलाई के लिए काम
फारुख अब्‍दुल्‍ला ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी सभी लोगों के कल्याण के लिए लड़ती है चाहे मुस्लिम हों, हिंदू हों, सिख हों, ईसाई हों या बौद्ध हों. हम लड़ते रहेंगे. पीएम मोदी पूरी ताकत लगा दें तो भी भारत को नहीं तोड़ पाएंगे. मैं आपको आज यहां से बताना चाहता हूं कि आप तोड़ने की कोशिश करेंगे, लेकिन भारत टूटेगा नहीं. आप अब्दुल्ला परिवार पर भारत को विभाजित करने की कोशिश का आरोप लगाते हैं, अगर हमें भारत को तोड़ना चाहते तो कोई भारत नहीं होता.’’ 

मुश्किल वक्त में हमने लड़ा था चुनाव
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी को याद रखना चाहिए कि जब 1996 में राज्य में कोई चुनाव नहीं लड़ना चाहता था तो उन्हीं ने देश का झंडा उठाया था. उन्होंने कहा, ‘‘मोदी को याद करना चाहिए कि 1996 में जब कोई चुनाव के लिए तैयार नहीं था, तो मैं था जो आगे बढ़ा जबकि मेरे सहयोगियों ने कहा कि हमें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. लेकिन मैं चाहता था कि जनता कठिनाइयों से उबरे. मैंने यह बीड़ा उठाया और मुश्किल वक्त में आगे बढ़ा. आपको (मोदी) यह बात कभी नहीं भूलनी चाहिए. तब यहां कोई नहीं था, लेकिन अब आप चिल्ला रहे हैं.’’ 

बीजेपी नहीं जीत पाएगी कश्मीरियों का दिल
केंद्र द्वारा मजबूत राजद्रोह कानून बनाने संबंधी केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान का जिक्र करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘आप क्या करते हैं, हम देखेंगे. लेकिन मोदी और भाजपा कश्मीरियों का दिल नहीं जीत सकते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप कहते हैं कि हम वफादार नहीं हैं, अगर हम वफादार नहीं, तो तुम भी तो दिलदार नहीं. आप कहते हैं कि हम आपके अटूट अंग हैं. हम कैसे आपके अटूट अंग हैं? कहां हैं? यह झूठ है. अगर हम आपके अटूट अंग हैं तो हमारे साथ न्याय कीजिए.’’

कश्मीर में रैली क्यों नहीं करती बीजेपी
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह देश को बर्बाद कर रहे हैं और वे कश्मीर में चुनावी रैली करके दिखाएं. उन्होंने कहा, ‘‘मोदी कहां रैली करते हैं? कठुआ में, अखनूर में. वह कश्मीर में मुसलमानों को संबोधित नहीं करते क्योंकि जानते हैं कि उन्होंने उनके साथ विश्वासघात किया है. आपने जब आवाज नहीं उठाई जब पाकिस्तान जाने से इनकार करने वाले और भारत को कबूल करने वाले भारतीय मुस्लिमों पर आपके लोगों ने हमला किया. क्या वे भारतीय नहीं थे? क्या उन्होंने भारत के लिए अपना खून नहीं बहाया?’’ 

देश को बांट रही है बीजेपी
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘जब जलियांवाला बाग में जनरल डायर ने लोगों को मारा तो कौन नेता लड़ा था? उनका नाम सैफुद्दीन किचलू था. वह बारामूला के रहने वाले कश्मीरी थे. और मारे गये सैकड़ों लोग कश्मीर से थे. क्या आपको उनकी याद भी है या क्या आपने कभी किचलू का नाम लिया? आप केवल उन्हें याद रखते हैं जिन्होंने महात्मा गांधी की हत्या की. भारत में गोडसे का मंदिर बनाया जाता है और आप कुछ नहीं कहते. क्या मुसलमान भारत का हिस्सा नहीं हैं? हम देश को नहीं बांट रहे, लेकिन आप बांट रहे हैं, वो भी धार्मिक आधार पर. आप और अमित शाह भारत को बर्बाद कर रहे हैं. इसलिए हम पर आरोप मत लगाइए.’’ 

हमने नहीं किया था गठबंधन
अब्दुल्ला ने 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा के कुछ लोग उन्हें देखने अस्पताल आये थे जहां उनका इलाज चल रहा था और वे चाहते थे कि नेशनल कॉन्फ्रेंस का भाजपा के साथ गठबंधन हो जाए. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैंने उनसे कहा कि मैं अस्पताल में हूं और इस चीज से मेरा कोई लेनादेना नहीं है. मुझे खुशी है कि उमर अब्दुल्ला ने उन लोगों से हाथ नहीं मिलाया जिनके हाथ मुसलिमों के खून से रंगे थे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं मोदी को बताना चाहता हूं कि फारूक अब्दुल्ला अपने जीते जी आपको समर्थन नहीं देगा. आप जो चाहें कर लें लेकिन आप हमारा विश्वास हासिल नहीं कर सकते.’’ 

बीजेपी से सतर्क रहे जनता
नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि भाजपा उन्हें धन प्रलोभन देने की कोशिश करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘वे आपके पास पैसे लेकर आएंगे. उनके पास राफेल सौदे का करीब 30 हजार करोड़ रुपये है.’’ रैली को संबोधित करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों को राज्य के सामने आ रहीं चुनौतियों और षड्यंत्रों को समझना होगा.

लोकतन्त्र के 4थे स्तम्भ के आत्मीयों की निर्मम हत्याएँ पीड़ादायक तो हैं ही साथ ही घोर दुर्भाग्यपूर्ण हैं: सारिका तिवारी

www.demokraticfront.com ग्रुप सरकार के दोगले रवैये और इस घटना की कड़े शब्दों में निन्दा करता है। और इंसाफ के लिए बिहार सरकार से मांग करता है।

कमल कलसी, बोधगया, (बिहार):

अखिल भारतीय पत्रकार समिति संघ के दिनेश पंडित अजय कुमार पांडे, संतोष कुमार ,राजेश कुमार द्विवेदी, शुभम कुमार विश्वनाथ आनंद, अविनाश कुमार, सहित सैकड़ों पत्रकारों ने बैठक कर नालंदा के शेखपुरा से हिंदुस्तान अखबार के ब्यूरो चीफ आशुतोष कुमार आर्य के पुत्र को निर्मम हत्या किए जाने को लेकर शोक सभा का आयोजन किया गया।

उपस्थित पत्रकारों ने 2 मिनट का मौन रखकर उसकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की एवं इस दुख की घड़ी में ईश्वर शक्ति प्रदान करें और साथ में एकजुटता का परिचय देते हुए हत्यारा की गिरफ्तारी करने की अपील जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन एवं सरकार से की है l बैठक में पत्रकारों ने निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए कहा है कि एक तरफ सरकार पत्रकारों की परिजनों की सुरक्षा करने की बात करती है वहीं दूसरी तरफ लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों पर एवं पत्रकार के परिजनों पर जिस प्रकार से हत्यारा ओं द्वारा निर्मम हत्या की जा रही है हमला किया जा रहा है जो देश लोकतंत्र के लिए खतरा है ।

ज्ञातव्य शेखपुरा हिंदुस्तान अखबार के ब्यूरो चीफ आशुतोष आर्य के पुत्र को रविवार की शाम जब घर पर नहीं लौटा वह लोगों में घबराहट होने लगी खोजबीन किया गया, बाद में पता चला कि गांव के कुछ दूर पर ही हत्या कर फेका हुआ है। इस प्रकार से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के परिजनों के साथ जिस प्रकार से हत्या हमला किया जा रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है सरकार को चाहिए कि ऐसे लोगों को कठोर से कठोर कार्रवाई कर दंडित करें। पत्रकारों ने इसका पुरजोर विरोध किया है एवं जल्द से जल्द हत्यारों की गिरफ्तार करने की मांग की है।

पत्रकारों ने कहा है कि परिजनों की हत्या करने से कलम की लेखनी कम नहीं पड़ सकता। पत्रकारों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि हत्यारों को 2 दिन के अंदर गिरफ्तारी नहीं किया जाता है को चरणबद्ध आंदोलन पूरे देश में चलाई जाएगी पहले प्रखंड मुख्यालय जिला मुख्यालय में किया जाएगा।

यदि चुनाव हार जाते हैं तो कश्मीर को भारत से अलग कर देंगे अब्दुल्लाह

आज कल अब्दुल्लाह पर फिर से काश्मीरियत का बुखार चढ़ा है।गरमियाँ लंदन सर्दियाँ दिल्ली में बिताने के बाद चुनावी मौसम में जब आज कल उनके पास कोई सरकारी रुतबा नहीं है। कोई मंत्रिपद नहीं है। उनके कांग्रेस प्रेम के चलते मौज़ूदा सरकार में उनकी पैठ नहीं बन पाई तो उन्होने अलगाव की राह पकड़ी। घाटी के पत्थर बाज़ उन्हे स्वतन्त्रता सेनानी दिखाई पड़ने लगे, अलगाव वादियों के साथ भारत सरकार को बातचीत करनी चाहिए। पाकिस्तान के साथ उन्हे टेबल के आर पार बैठ कर सौहार्दपूर्ण माहौल में बात करनी चाहिए। पुलवामा हमले के बाद बालाकोट हमले के सबूत भी चाहिए। फिर धारा 370 सरकार इसिलिए हटाना चाहती है क्योंकि वह घाटी में मुसलमानों को संख्या बल में हराना चाहते हैं। तो इसका मतलब जब धारा 370 लगाई गयी थी तो वह घाटी के हिंदुओं को संख्या में कम करने के लिए लगवाई गयी थी। और उसी का असर हमें घाटी से काश्मीरी पंडितों के पालायन में दिखता है। अब्दुल्लाह साहब कुछ तो बताएँगे। आज एस क्यों लगने लग पड़ा है घाटी को सिर्फ मुस्लिम स्टेट बनाने की ही मुहिम चल रही है? अब्दुल्लाह भूलते हैं की न तो केंद्र में नेहरू हैं और न ही काश्मीर में शेख अब्दुल्लाह।

श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि यह लोकसभा चुनाव तय करेंगे कि जम्मू-कश्मीर “गरिमा के साथ संघ का हिस्सा रह पाएगा या नहीं.” 

श्रीनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे फारूक ने गांदरबल में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों को देश की धर्मनिरपेक्षता, अखंडता और एकता को बनाए रखने के लिए मतदान करना है. उन्होंने कहा, “यह चुनाव तय करेंगे कि क्या जम्मू-कश्मीर राज्य गौरव के साथ संघ का हिस्सा बना रह सकता है. राज्य के लोग अपनी पहचान की सुरक्षा के लिए बैलट के माध्यम से भाजपा और यहां के उसके साथियों से सीधे लड़ रहे हैं.” 

इस बीच, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला शनिवार को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खतरे में है. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2020 तक राज्य के संवैधानिक सुरक्षा उपायों को खत्म करने के उसके “स्पष्ट और बलशाली वचनों” से उसके “दुर्भावनापूर्ण एजेंडे” का पता चलता है. अनंतनाग के डाक बंगला इलाके में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने आरोप लगाया कि पिछली पीडीपी-भाजपा सरकार ने राज्य को अराजकता में डाल दिया है.