IFSC महाराष्ट्र ही में रहने दें: पवार

एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) घरेलू अर्थव्यवस्था के अधिकार क्षेत्र से बाहर के ग्राहकों को पूरा करता है, सीमाओं के पार वित्त, वित्तीय उत्पादों और सेवाओं के प्रवाह से निपटता है। ऐसे केंद्र सीमाओं के पार वित्त, वित्तीय उत्पादों और सेवाओं के प्रवाह से संबंधित हैं। लंदन, न्यूयॉर्क और सिंगापुर को वैश्विक वित्तीय केंद्रों में गिना जा सकता है। दुनिया भर के कई उभरते IFSCs, जैसे कि शंघाई और दुबई, आने वाले वर्षों में एक वैश्विक भूमिका निभाने के इच्छुक हैं। विश्व बैंक के पूर्व अर्थशास्त्री पर्सी मिस्त्री की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ पैनल ने 2007 में मुंबई को एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र बनाने के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। हालांकि, 2008 में भारत सहित वैश्विक वित्तीय संकट ने अपने वित्तीय क्षेत्रों को तेजी से खोलने के बारे में सतर्क किया।

पहले उद्धव ठाकरे के चयन को लेकर केन्द्र और राज्य में रार उट्ठी थी, फिर अजित पवार पर ईडी ने फिर से शिकंजा कस दिया और अब IFSC को लेकर तो हद ही हो गयी बड़े पवार को प्रधान मंत्री को चेतना पड़ा। शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि- मुझे माननीय से उम्मीद है कि PMOIndia राज्य की राजनीति को अलग रखते हुए तर्कसंगत, विवेकपूर्ण निर्णय लेने और इसे अत्यधिक राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा मानता है. उन्होंने आगे लिखा- मुझे उम्मीद है कि मेरा पत्र एक सही भावना से लिया जाएगा

मुंबई(ब्यूरो):

 इटरनेशनल फायनेंशियल सर्विसेस सेंटर (IFSC) के हेडक्वार्टर को लेकर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार के बीच ठन गई है. IFSC का मुख्यालय मुंबई (Mumbai) की बजाय गुजरात (Gujarat) के गांधीनगर (Gandhinagar) में बनाने के केंद्र सरकार के फैसले पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को खत लिखकर नाराजगी जताई है. उन्होंने पीएम से तुरंत फैसले को पलटने की मांग की है.

दरअसल, IFSC सेंटर मुंबई मे बनाने को लेकर महाराष्ट्र के नेताओं ने सालों से केंद्र सरकार पर दबाव बनाया हुआ है. लेकिन केंद्र के इस सेंटर को मुंबई की बजाय गुजरात के गांधीनगर मे शिफ्ट करने के फैसले से अब सियासी तूफान खड़ा हो गया है. 

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस केंद्र की बीजेपी सरकार पर आक्रामक हो गई हैं. IFSC सेंटर को लेकर सूबे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि- मुझे माननीय से उम्मीद है कि PMOIndia राज्य की राजनीति को अलग रखते हुए तर्कसंगत, विवेकपूर्ण निर्णय लेने और इसे अत्यधिक राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा मानता है. उन्होंने आगे लिखा- मुझे उम्मीद है कि मेरा पत्र एक सही भावना से लिया जाएगा और IFSC मुख्यालय को भारत की वित्तीय राजधानी में स्थापित करने पर विचार किया जाएगा. 

IFSC क्या सेवाएं दे सकता है?

  • व्यक्तियों, निगमों और सरकारों के लिए -फंड बढ़ाने वाली सेवाएं
  • सेटसेट फंड, बीमा कंपनियों और म्यूचुअल फंड द्वारा शुरू किए गए -सेट मैनेजमेंट और ग्लोबल पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन
  • धन प्रबंधन
  • ग्लोबल टैक्स मैनेजमेंट और क्रॉस-बॉर्डर टैक्स लायबिलिटी ऑप्टिमाइज़ेशन, जो वित्तीय मध्यस्थों, एकाउंटेंट और कानून फर्मों के लिए एक व्यावसायिक अवसर प्रदान करता है।
  • ग्लोबल और रीजनल कॉर्पोरेट ट्रेजरी मैनेजमेंट ऑपरेशन जिसमें फंड जुटाने, लिक्विडिटी इन्वेस्टमेंट और मैनेजमेंट और एसेट-लायबिलिटी मैचिंग शामिल हैं
  • बीमा और पुनर्बीमा जैसे प्रबंधन प्रबंधन संचालन
  • अंतरराष्ट्रीय निगमों के बीच विलय और अधिग्रहण की गतिविधियाँ

उधर, इस फैसले को लेकर महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात पहले की केंद्र पर हमला बोल चुके हैं. थोरात ने ट्वीट कर कहा था कि, ‘केंद्र सरकार का  IFSC मुख्यालय को गुजरात में स्थापित करने का फैसला बेहद निराशाजनक है. केंद्र का ये कदम मुंबई के कद को कम करने के लिए उठाया गया है. केंद्र को अपने इस फैसले पर पुनिर्विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुंबई देश की वित्तीय राजधानी है. उन्होंने इस मुद्दे पर महाराष्ट्र बीजेपी नेताओं की खामोशी पर भी सवाल उठाए थे. शिवसेना भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और बीजेपी से खफाहै.

महाराष्ट्र कैबिनेट में मंत्री और शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने कहा कि उन्होंने संसद में केंद्र सरकार से IFSC केंद्र गुजरात नहीं ले जाने की अपील की थी. लेकिन सरकार ने शिवसेना की मांग को नजरअंदाज कर दिया. 

इस मुद्दे पर राजनीति तेज होती देख महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण गुजरात के गांधीनगर में स्थापित करने के केंद्र के फैसले का बचाव किया है. फडणवीस ने विपक्षी दलों पर राजनीति का आरोप लगाया है. 

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का काम हर चीज के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को दोषी ठहराना है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार की एक उच्चस्तरीय समिति ने फरवरी, 2007 में रिपोर्ट सौंपी थी जिसें IFSC के गठन की सिफारिश की गई थी. उन्होंने कहा कि न तो महाराष्ट्र सरकार ने कोई आधिकारिक प्रस्ताव सौंपा है और न ही केंद्र ने इस पर विचार किया है. गांधीनगर में IFSC के मुख्यालय की घोषणा इसलिए की गई क्योंकि यहां पहले से ही IFSC के कामकाज हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अब जो लोग ये बयान दे रहे हैं वो साल 2007 से 2014 तक सत्ता में थे. लेकिन उन्होंने मुंबई मे  IFSC के लिए कुछ कदम नहीं उठाया. जब पहली बार  IFSC का विचार आया था तो गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने इसे अपने राज्य में लाने के लिए काम शुरू किया था. वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस की सरकार ने इसके लिए कोई कदम नहीं उठाया था.

‘कोरोना योद्धाओं’ पर भारतीय सेना ने की पुष्पवर्षा

सरहद पर वतन के लिए जान न्यौछावर करने वाले रविवार को एक अलग ही तरह की सेवा पर हैं। आज वे उन योद्धाओं पर फूल बरसा रहे हैं, जो कोरोना की जंग में मैदान में अपनी जान की बाजी लगाकर मैदान में डटे हुए हैं। इन कोरोना योद्धाओं में डाक्टर, सभी स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी और पुलिस कर्मी शामिल हैं।

  • जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जताया आभार
  • महाराष्ट्र से लेकर बंगाल की खाड़ी तक दी गई सलामी
  • बंगाल की खाड़ी में INS जलशवा ने जताया आभार

डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम, चंडीगढ़ :

दिल्ली सहित मुंबई, बेंगलुरु, लखनऊ, चेन्नई, राजस्थान, मध्य प्रदेश में कोरोना योद्धाओं के सम्मान में तीनों सेनाएं विभिन्न आयोजनों के जरिए उनका आभार व्यक्त किया।

चंडीगढ़ में भारतीय वायुसेना के विमान C-130 ने सुखना झील के ऊपर से फ्लाई पास्ट किया। आज तीनों सेनाएं ‘कोरोना योद्धाओं’ को उनकी सेवाओं के लिए आभार प्रकट किया।

जम्मू-कश्मीर: जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज(GMC) में भारतीय सेना ने ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति अपना आभार प्रकट करने के लिए बैंड बजाया

भारतीय वायु सेना (IAF) ने दिल्ली में वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज, सफदरजंग हॉस्पिटल के ऊपर से फ्लाई पास्ट करते हुए फूल बरसा कर कोरोना वॉरियर्स के प्रति आभार व्यक्त किया।

असम: गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल(GMCH) में ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार जताते हुए भारतीय वायुसेना ने बैंड बजाया और फ्लाईपास्ट किया गया। 

बिहार: भारतीय वायुसेना ने ‘कोरोना योद्धाओं’ का आभार जताते हुए AIIMS पटना पर फूल बरसाए और फ्लाईपास्ट किया।

त्रि-सेवा प्रमुखों के प्रतिनिधि- मेजर जनरल आलोक काकेर, रियर एडमिरल मैकार्थी और एयर वाइस मार्शल पी.के. घोष ने आज राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में श्रद्धांजलि अर्पित की: दिल्ली

दिल्ली: नरेला क्वारंटाइन सेंटर में बैंड बजाकर ‘कोरोना योद्धाओं’ का आभार जताई भारतीय सेना।

दिल्ली: LNJP अस्पताल के नोडल ऑफीसर ने कहा कि भारतीय वायुसेना बहुत अच्छा काम कर रही है। हमारा जो सम्मान किया गया है इसके हम आभारी हैं। ऐसा लग रहा है जैसे हम कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई को जीत गए हों। इससे हमारे हौंसले और भी बढ़ेंगे।

दिल्ली: भारतीय वायुसेना बहुत अच्छा काम कर रही है। हमारा जो सम्मान किया गया है इसके हम आभारी हैं। ऐसा लग रहा है जैसे हम कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई को जीत गए हों। ये हमारे हौंसले को बढ़ाएगा: नोडल ऑफीसर, LNJP अस्पताल

दिल्ली: ये हमारे लिए गर्व की बात है क्योंकि राष्ट्र के लिए वो भी लड़ते हैं और राष्ट्र के लिए हम भी लड़ रहे हैं लेकिन वो हमारा सम्मान कर रहे हैं तो हम उन्हें सल्यूट करते हैं: कोरोना वॉरियर 

दिल्ली: भारतीय वायु सेना ने ‘कोरोना योद्धाओं’ को आभार प्रकट करते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) पर फूल बरसाए।

दिल्ली: भारतीय वायुसेना ने ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार जताते हुए राम मनोहर लोहिया अस्पताल पर फूल बरसाए।

दिल्ली: भारतीय वायुसेना ने पुलिसकर्मियों का आभार प्रकट करने के लिए पुलिस युद्ध स्मारक पर फूलों की वर्षा की।

दिल्ली: भारतीय वायुसेना के चॉपर ने पुलिसकर्मियों का आभार प्रकट करने के लिए पुलिस युद्ध स्मारक पर फूलों की वर्षा की

दिल्ली: गंगा राम अस्पताल में बैंड बजाकर ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति अपना आभार जताती भारतीय सेना। आज तीनों सेनाएं अलग-अलग तरह से स्वास्थ्यकर्मियों और दूसरे अग्रिम पंक्ति के कर्मियों के प्रति अपना आभार जता रही हैं।

मध्यप्रदेश: भोपाल के चिरायु अस्पताल में ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार जताते हुए स्वास्थ्यकर्मियों पर फूल बरसाए गए।

लेह: S.N.M. अस्पताल में कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ रहे कोरोना वॉरियर्स पर भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टर ने फूल बरसा कर हवाई सलामी दी।

राजस्थान: भारतीय वायुसेना ने जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ऊपर से फ्लाईपास्ट कर ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति अपना आभार जताया।

त्रिवेंद्रम: भारतीय वायुसेना ने ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार जताने के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज पर फूल बरसाए

चेन्नई: भारतीय वायुसेना ने ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार जताने के लिए राजीव गांधी सरकारी अस्पताल पर फूल बरसाए।

बेंगलुरु: भारतीय वायुसेना ने इस मुश्किल वक़्त में लोगों को अपनी सेवाएं दे रहे ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार प्रकट करने के लिए विक्टोरिया अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों पर फूल बरसाए। 

लखनऊ: भारतीय वायुसेना ने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (KGMU) के ऊपर से फ्लाईपास्ट किया और ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार प्रकट करने के लिए फूलों की वर्षा की। 

मुंबई: INHS अश्विनी नौसैनिक अस्पताल में कार्यरत कोरोना वॉरियर्स के कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जुटे रहने के हौंसले के प्रति आभार प्रकट करने के लिए हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए गए।

मुंबई: मरीन ड्राइव से फ्लाई पास्ट करता भारतीय वायुसेना का विमान। आज तीनों सेनाएं अलग-अलग तरह से ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार प्रकट कर रही हैं|

भारतीय वायु सेना ने मेडिकल प्रोफेशनल्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स के कोरोना महामारी के खिलाफ सराहनीय काम के प्रति आभार प्रकट करने के लिए राजपथ के ऊपर से फ्लाईपास्ट किया: दिल्ली

गोवा: भारतीय नौसेना ने ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार जताने के लिए गोवा मेडिकल कॉलेज के ऊपर से फ्लाई पास्ट किया और स्वास्थ्यकर्मियों पर फूल बरसाए।

हरियाणा: कोरोना वॉरियर्स के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए पंचकूला सेक्टर-6 के सरकारी अस्पताल के बाहर आर्मी बैंड ने लयबद्ध होकर प्रस्तुति दी।

भारतीय वायुसेना आज सम्पूर्ण भारत में कोरोना वाररिओर्स पर फूल बरसाएगी

नई दिल्ली. 

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के अधिकारियों (Officers) ने सूचना दी है कि 9 फाइटर एयरक्राफ्ट (Fighter Aircraft), जिसमें 3 सुखोई-30 MKI (Sukhoi-20 MKI), 3 मिग-29 (MIG-29) और 3 जगुआर (Jaguar) शामिल हैं, 3 C-130J ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (Transport Aircraft) के साथ मिलकर COVID-19 वॉरियर्स (COVID-19 Warriors) के प्रति सम्मान दिखाने के लिए रविवार को राष्ट्रीय राजधानी के ऊपर उड़ान भरेंगे.

9 फाइटर प्लेन के जरिए श्रीनगर से ...

भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के अधिकारियों (Officers) ने यह भी बताया कि इसके कई सारे हेलिकॉप्टर भी अस्पतालों (Hospitals) के ऊपर फूलों की बारिश करेंगे.

प्लेन मेडिकल सप्लाई लेकर भी जाएंगे, जो एयरबेस पर की जाएंगी डिलीवर
भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के अधिकारियों ने यह भी बताया है, “दो C-130J सुपर हरक्यूलिस स्पेशल ऑपरेटर्स (C-130J Super Hercules Special Operators) ट्रांसपोर्ट रविवार सवेरे श्रीनगर से उड़ान भरेंगे और कोविड-19 वॉरियर्स (Covid-19 Worriers) के प्रति सम्मान का प्रदर्शन करने के लिए केरल में त्रिवेंद्रम (Thiruvananthapuram) तक जाएंगे. यह प्लेन उन आवश्यक मेडिकल सप्लाई (Medical Supply) को भी लेकर जाएंगे, जिन्हें किसी एयरबेस पर डिलीवर किया जाना है.”

CDS बिपिन रावत ने शुक्रवार को इस तरह से कोविड वॉरियर्स के सम्मान की बात कही थी
इससे पहले शुक्रवार को CDS बिपिन रावत ने कहा है कि कोविड-19 वॉरियर्स के सम्मान में श्रीनगर से त्रिवेंद्रम और डिब्रूगढ़ से कच्छ तक के अपने फ्लाईपास्ट के दौरान भारतीय वायुसेना, एयरक्राफ्ट से कुछ जगहों पर फूल बरसाएगी. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह बात कही थी.

इसे लेकर उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी विशेष गतिविधियां हैं, जिनका गवाह राष्ट्र को बनना चाहिए. उन्होंने बताया था कि इस अवसर पर एयर फोर्स श्रीनगर से त्रिवेंद्रम तक का फ्लाईपास्ट करेगी और ऐसा ही एक और फ्लाईपास्ट असम (Assam) के डिब्रूगढ़ से गुजरात (Gujarat) के कच्छ तक होगा. इसमें ट्रांसपोर्ट और फाइटर एयरक्राफ्ट दोनों ही शामिल होंगे. उन्होंने बताया था कि नौसेना की ओर से अपने युद्धपोतों को 3 मई को शाम को तटीय क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा. नौसेना के वॉरशिप पर भी रोशनी की जाएगी और उसके हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल अस्पतालों पर फूल बरसाने के लिए किया जाएगा.

Tale Of Two States

Chandigarh:

All of us have probably read these famous opening lines:

It was the best of times, it was the worst of times, it was the age of wisdom, it was the age of foolishness, it was the epoch of belief, it was the epoch of incredulity….

Yes, Charles Dickens and his Tale of Two Cities. So here is a story many of you might have missed. A Tale of Two States.

First the positive story.

Ravi Bharti Gupta
(Editorial Advisor)

Punjab is governed by a “opposition” party. Their CM vowed not one grain of wheat would be wasted in the Khariff crop. So Punjab and Central Govt worked in tandem to harvest the crop. You probably know Punjab contributes 35% of our wheat.

Migrant labour was missing. To compensate people under MNREGA were mobilised by Centre. Fleets of combined harvesters were mobikised and escorted in convoys from elsewhere to Punjab’s fields. FCI was mobilised. 2000 odd additional mandis were created to reduce crowding and improve social distancing. Centre controlled Paramilitary forces worked with local police to control convoys of thousands of trucks and tractors conveying wheat from fields to mandi/arat and beyond to godowns. Harvesting started on 15 Apr and is continuing. They are actually lighting up the fields at night to allow harvesting on 24×7 basis. The focus was to quickly complete harvesting and disband the workforce to reduce chances of disease spread.

Capt. Amrinder Singh CM Punjab

Net result? Last year Punjab harvested 1.3 Million Tonnes (MT) all thru April. Some more in May. This year, from 15-26 Apr i.e. in 9 days only, Punjab has harvested 2.8 MT. Stunning! Not only that, Punjab would have all time high record wheat production this year.

FCI is present at all the mandis and arats, procuring and immediately paying for the wheat as it is coming in. Putting money in the hands of the population, encouraging farmers to harvest even more quickly.

Story doesn’t end there. Punjab Govt is working with FCI and Indian Railways to simultaneously take the grain away from Punjab. Because there is no place to store all that grain in Punjab itself.

So Indian Railways have created special Annapoorna Trains. Each train is an amazing 2.4 km long, comprising 84 wagons with multiple engines and radio communication between driver and guard. Best of Ind Rail drivers and guards from the Shatbadis and Rajdhanis are operating the Annapoornas. These trains are taking all the wheat away from Punjab to FCI godowns around the country.

In April last year IR transported some 2 MT of food grains. This April they have already crossed 4 MT and April isn’t over yet.

All of the above is being managed by special teams comprising DMs + SPs + Para Military + IR + FCI under the overall supervision of MHA. Brilliant example of amazing achievement if State + Centre works together.

But this is a Tale of Two States.

See what’s happening at WB. The only topic that all 4 Bangla news channels have been covering for last 7 days is State vs Centre fights. CM’s 3 page letter, followed by Governor’s 5 page letter, followed by CM’s 7 page letter, followed by Governor’s 11 page letter. Whether Constitution is being upheld etc etc. Utter Bullshit.

Mamta Banerjee CM West Bengal

Do you find any news of how and when the Khariff crops in Bengal would be harvested? Any news of the Khariff potato, onion, rice and mustard harvesting? Any news of their sale and procurement? Any report of how to put money in the hands of the farmers? I couldn’t find any. It seems, the entire world has forgotten the Bengal farmers.

परशुराम सेना ने सामाजिक मर्यादाओं में रह कर मनाई ‘परशुराम जयंती’

चंडीगढ़ :

भगवान परशुराम सेना विगत कई वर्षों से निरन्तर भगवान परशुराम जयंती का महोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाती रही है जिसमे रथयात्रा, भंडारा, पूजन,भजन संध्या,वेदपाठ, प्रवचन इत्यादि कार्यक्रम सुचारू रूप से किए जाते रहे है। परंतु इस वर्ष कोरोना के कारण सरकार के आदेशानुसार कोई भी कर्यक्रम नही हो सकेगा। अतः परशुराम सेना ने यह यह निर्णय लिया है कि वह अपने अपने घरों में ही दीपक जलाकर भगवान परशुरामजी का पूजन अर्चन करेगें। ओर इस पावन पुनीत अवसर पर परशुराम सेना 1000 भोजन के पैकेट जररूतमंदो को बांटेगी। तथा अन्य मूलभूत आवश्यक वस्तूए जैसे दवाएं, मास्क, सेनेटाइजर,साबुन,मसाले, तेल, राशन,वितरण करेगी। ओर सेना के प्रवक्ता का कहना है कि इस वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव हेतु लोग घरों रहकर सरकार को सहयोग दे और कोरोना योद्धाओं का सम्मान करें तथा सेना भी सफाई कर्मियों, पुलिस आदि के लिये चाय पकोड़े का प्रबंध करेगी।

सेना ने लोगो से अपील की है कि वह अफवाहों से दूर रहे और यदि किसी को कोई सहायता की आवश्यकता को तो वह कभी भी सेना से सम्पर्क कर सकता है सेना ने आश्वासन दिया है कि वह जनता जनार्दन की सेवा के लिये 24×7 तत्पर है परशुराम सेना के सदस्यों प. सुरेश शर्मा, योगेंद्र शर्मा, पुण्य दीप शर्मा, कृष्ण भारद्वाज ,नवीन शर्मा,दिनेश शर्मा, दीपक कौशिक,सार्थक आश्री, गौरव कौशिक , रजत पण्डित ने लोगो से अपील की है कि लोग अपने अपने घरो में दीपक जलाकर भगवान परशुराम से राष्ट्र के सुरक्षा और स्वास्थ्य की मंगलकामना करें और उन्होंने ने कहा कि कोरोना किसी के धर्म को देखकर नही होता अतः लोग ये ना समझे कि हमे हमारे धर्म के लोगो को कोरोना नही होगा सेना ने मुस्लिम समुदाय से विशेष आग्रह किया है कि वे लोग रमजान सम्बन्धी सभी रस्में घर मे रह कर ही करें उन्होंने ने यह बात कुछ मुस्लिमों द्वारा पुलिस, डॉक्टरों पर हमला, जगह जगह थूकना, नर्सो से अश्लीलतापूर्वक व्यवहार, मस्जिदों में नमाज के लिये एकत्रित होने जैसे घटनाओं से आहत हो कर अपने दुःख और संवेदना प्रकट करते हुए कही।

संतों की हत्या पर कॉंग्रेस की चुप्पी उजागर क्या की की अर्नब पर टूट पड़े कांग्रेसी और दरबारी पत्रकार

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी माँग की है कि अर्नब गोस्वामी पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने सांसद राजीव चंद्रशेखर से अर्नब को बर्खास्त करने की माँग की। चंद्रशेखर ने उन्हें करारा जवाब देते हुए कहा कि अर्नब को कोई नहीं निकाल सकता, उन्होंने ये सब अपनी मेहनत से ख़ुद पाया है और ‘रिपब्लिक’ के ओनर वही हैं।

कॉन्ग्रेस नेता ‘रिपब्लिक टीवी’ के संस्थापक-संपादक अर्नब गोस्वामी के पीछे हाथ धो के पड़ गए हैं। उन्होंने महाराष्ट्र स्थित पालघर में साधुओं की भीड़ द्वारा निर्मम हत्या को लेकर सवाल क्या पूछ दिया, कॉन्ग्रेस के दरबारी नेताओं का गैंग उनके पीछे ही पिल पड़ा। उनके ख़िलाफ़ पार्टी ने एफआईआर तक दर्ज कराने का निर्णय लिया। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने तो एक वीडियो क्लिप शेयर कर के पूर्व प्रधानमंत्री द्वय इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी की हत्या की बात उठाई। हालाँकि, ऐसा उन्होंने क्या किया, ये समझ से परे है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी माँग की है कि अर्नब गोस्वामी पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने सांसद राजीव चंद्रशेखर से अर्नब को बर्खास्त करने की माँग की। चंद्रशेखर ने उन्हें करारा जवाब देते हुए कहा कि अर्नब को कोई नहीं निकाल सकता, उन्होंने ये सब अपनी मेहनत से ख़ुद पाया है और ‘रिपब्लिक’ के ओनर वही हैं।

लॉकडाउन में खाली बैठे कॉन्ग्रेस समर्थकों ने भी अर्नब गोस्वामी पर निशाना साधने में अपना समय खपाया और कॉन्ग्रेस आलाकमान को ख़ुश करने के लिए तरह-तरह के तिकड़म आजमाते नज़र आए। कॉन्ग्रेस की सोशल मीडिया सेल में कार्यरत गौरव पांडी ने अर्नब गोस्वामी पर पालघर में साधुओं की हत्या को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया। उन्होंने एक वीडियो बना कर उन पर निशाना साधा।

यूथ कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल ने अपनी पार्टी की अध्यक्ष को ‘महान’ बताने के लिए उनके एक बयान को आधार बनाया। सोनिया गाँधी ने कहा था कि वो इसी देश में अपनी अंतिम साँस लेगी और यूथ कॉन्ग्रेस ने इस बयान को चलाते हुए अर्नब को आड़े हाथों लिया। पार्टी ने लिखा कि आज कॉन्ग्रेस का नायकत्व, अदम्य साहस, इच्छाशक्ति और त्याग से परिपूर्ण देशभक्त के पास है, जो एक गर्व की बात है।

दरबारी पत्रकारों में भी हलचल ही मच गई। पत्रकार विजेता सिंह ने दावा किया कि ये भारत सरकार के ब्रॉडकास्ट नियमों का खुला उल्लंघन है। साथ ही उन्होंने एमआईबी इंडिया को टैग कर के इस पर जवाब माँगा। साथ ही पूछा कि इस पर क्या कार्रवाई की गई है?

राजदीप सरदेसाई ने भी अर्नब गोस्वामी द्वारा एडिटर्स गिल्ड से लाइव शो के दौरान इस्तीफा दिए जाने की बात करते हुए उन पर निशाना साधा। राजदीप ने बिना नाम लिए कहा कि अर्नब ने पिछले 12 सालों में एडिटर्स गिल्ड की एक भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि जब मीडिया व पत्रकारों पर हमले हो रहे थे, तब भी अर्नब गोस्वामी उनके पक्ष में खड़े नहीं हुए, जो उनकी ‘मीडिया की स्वतंत्रता’ के प्रति ‘प्रतिबद्धता’ को बताता है।

सोनिया गाँधी को लेकर क्या कहा था अर्नब गोस्वामी ने?

अर्नब ने आचार्य प्रमोद कृष्णन से कहा कि अगर किसी पादरी की हत्या होती तो आपकी पार्टी और आपकी पार्टी की ‘रोम से आई हुई, इटली वाली’ सोनिया गाँधी बिलकुल चुप नहीं रहतीं। अर्नब ने दावा किया कि मॉब लिंचिंग पर सोनिया गाँधी आज चुप हैं तो इसका मतलब है कि वो मन ही मन में खुश भी हैं। मॉब लिंचिंग पर सोनिया गॉंधी की चुप्पी को लेकर अर्नब ने कहा:

“सोनिया गाँधी तो खुश हैं। वो इटली में रिपोर्ट भेजेंगी कि देखो, जहाँ पर मैंने सरकार बनाई है, वहाँ पर हिन्दू संतों को मरवा रही हूँ। वहाँ से उन्हें वाहवाही मिलेगी। लोग कहेंगे कि वाह, सोनिया गाँधी ने अच्छा किया। इनलोगों को शर्म आनी चाहिए। क्या उन्हें लगता है कि हिन्दू चुप रहेंगे? आज प्रमोद कृष्णन को बता दिया जाना चाहिए कि क्या हिन्दू चुप रहेंगे? पूरा भारत भी यही पूछ रहा है। बोलने का समय आ गया है।”

बता दें कि अर्नब गोस्वामी ने हाल ही में एक लाइव शो के दौरान ही एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया से त्यागपत्र दे दिया था। अर्नब ने अपने इस्तीफे के लिए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के गिरते हुए मूल्यों को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने व्यक्तिगत पूर्वग्रहों के लिए नैतिकता से समझौता किया है। उन्होंने कहा कि वह काफी लंबे वक्त से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्य हैं। लेकिन अब यह मात्र कुछ लोगों का समूह है, जिनमें फेक खबरों को फेक कहने का दम नहीं है।

कोरोना : त्रासदी के साथ अवसर भी @ भारत

      ऐसा माना जा रहा  है कि साल 2020 की शुरुआत ही कोरोना नामक वायरस का मानव पर हमले से हुई और  चीन के  एक शहर वुहान मे चमगादड़ से यह वायरस इन्सान के शरीर मे आया है यह  अत्यंत चिंता  एवं  खोज का विषय तो है ही पर   सवाल चीन की नियत पर  भी उठ रहा है कि  कंही  I विश्व शक्ति बनने की दौड़ मे कभी चीन तो यह नहीं कर रहा है  । विश्व शक्ति बनने के इस  विनाशकारी खेल मे कई बार अमरीका और पूर्व सोवियत संघ रूस आमने सामने आ चुके थे  पर क्या हासिल हुआ यह  सर्व विदित  है

इस  महामारी  से भारत भी अछूता नहीं है 

      पर आशावादी नजरिये से आज के इस लेख क़े माध्यम से मैं आप का ध्यान  भारत के लिए यह  कोरोना   त्रासदी  क़े साथ अवसर   के तौर पर भी  दिलाना चाहूँगा

प्रो . महिपाल सिंह
पूर्व अकादमिक सलाहकार  
अंसल यूनिवर्सिटी

      अगर  आप आकड़ो के हिसाब से देखे तो यह प्रतीत होता है की भारत सब से कम प्रभावित होने वाले देशो मे शुमार  है, पर साथ ही स्वास्थ्य  सेवाओं के  मापदंडो मे बहुत ही निम्न स्तर पर  है। वही दूसरी और  बेहतरीन स्वास्थय  सेवाओं के बावजूद   यूरोप, अमरीका, ग्रेट ब्रिटेन  जैसे विकसित देश  इस ला – इलाज बीमारी का सामना करने मे लगभग विफल साबित हो रहे  है।

      सभी देशो क़े सामने जो सबसे बड़ा  सवाल खड़ा हो रहा है वो ये कि  आज की  दुनिया चीन पर कितनी निर्भर हो गई है,  सिर्फ इस लिए कि चीनी  सामान सस्ता होता  है  तो हम खुद  क्यों उत्पादन  करे? लगभग दुनिया क़े सभी देशो ने अपने  संसाधनों को किनारे कर क़े पूरी तरह  से अपने   उद्योगों  और श्रमशक्ति को  विराम अवस्था मे डाल दिया है।

       परन्तु  जब  कोविड 19   क़े कारण चीन मे प्रोडक्शन लाइन रुक गई  तो सारी दुनिया क़े बाजार संकट मे आ गए और विश्व प्रसिद्ध स्टॉक एक्सचेंज  ‘वाल स्ट्रीट’ तक  में सन 1929 क़े क्रैश से भी तेज गिरावट दर्ज की  गई।   ब्रितानी   पाउंड 35 साल के  निम्न सत्र पर आ गया क्यों कि ब्रिटेन, यूरोप और अमेरिका तथा भारत सहित विकासशील देशो मे बेचे जाने वाली 95 % एंटीबायोटिक दवा चीन उपलब्ध करवाता है।  यह तो  मात्र एक वस्तु का उदाहरण है ऐसी अनेको वस्तुओ  के लिए दुनिया के देश पूर्णतया चीन पर निर्भर हो चुके है।

       अब   भारत क़े पास मैन्युफैक्चरिंग  क्षेत्र मे चीन की जगह लेने का भरपूर अवसर है,  दुनिया के  देशो  के  लिए दवाओं से लेकर स्मार्टफोन  तक  अनेको वस्तुओ की सप्लाई चेन टूट गई है।  इस कारण अफोर्डेबल मैन्युफैक्चरिंग क़े लिए  चीन का विकल्प ढूंढा जा रहा है, बल्कि जापान जैसे कुछ विकसित देशो ने तो चीन मे कार्यरत अपनी कम्पनियों   पलायन कर   दूसरे विकासशील देशो मे उद्योग स्थापित करने की सलाह  तक दे दी है  अब इस   अवसर को भांपते हुए  भारत ने समझदारी भरे कदम उठाये तो यह मौका उनके हाथ लग सकता है। बस शर्त भारत की राजनैतिक इच्छा शक्ति  स्मार्ट अफसरशाही  तथा वर्क फोर्स को ज़्यादा सक्ष्म  और स्किल्ड हो। साथ साथ  अपने हितो को ध्यान मे रख कर विदेशी कम्पनीओ क़े लिए राह और भी आसान बनानी होगी,  तभी आप हर हाथ को काम देने क़े सपने को साकार कर सकते हैं। तब तक सामान  क्षेत्रीय विकास की नीति बना कर प्रवासी मजदूरों की समस्या से निजात  पाई जा सकती है और सही  मे मायनो मे  जी डी पी और प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाया जा  सकता  है।

      गौरतलब है कि  भारत के पास  सिर्फ मलेरिया से लड़ने की सब से सस्ती  एक दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोकुनीन  है और दुनिया क़े सब मुल्को मे सबसे अधिक भारत मे बनाई जाती है  विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO तथा विकसित देशो के डॉक्टर  इस  दवाई को  कोरोना क़े इलाज मे सब से ज़्यादा कारगर  बता रहे  है

   और विश्व शक्ति  समझने वाले ये  देश आप से इस दवा को  लेने क़े लिए मिन्नत कर रहे है और अपने करोडो  नागरिको  की जिंदगी बचाने  के लिए  उम्मीद भरी नजरो  से आप की तरफ    देख रहे है  अमरीका जहा आप का दिल से शुक्रिया अदा  कर रहा है वही ब्राजील के राष्ट्रपति इस दवा को  हनुमान जी  की संजीवनी बूटी की  संज्ञा दे रहे है तो जरा कल्पना करो आज आप क़े पास  वेंटीलेटर मास्क तथा मानव रक्षक दवाओं का भंडार और  बनाने की क्षमता और कौशल होता तो आप आज अरबो खरबो का व्यापर कर चुके होते और दुनिया मे आप की साख  भी बढ़ती।

      इस आपदा से  यह भी  जगजाहिर  हो गया की हमारे देश का  स्वास्थ्य  तंत्र कितना लचर  है और हॉस्पिटलों  मे  जीवन रक्षक  मेडिकल उपकरण जैसे  मास्क, वेंटिलेटर्स आदि की कमी की बहुत ही  भयावह तस्वीर सामने आई है,  हम कितने सजग है और किन किन  उपकरणों का अपने देश मे निर्माण करते  है और क्या नहीं  तथा   ऐसी वस्तुओ के लिए हम करोडो डॉलर इम्पोर्ट पर खर्च करते है  जो हम अपने कौशल के बल पर देश मे ही निर्माण कर सकते है  यह सही  वक्त है इन अवसरों को  निर्माण मे बदलने का

      देश की राज्य सरकारों  और केंद्रीय सरकार को  साहस जुटाना  होगा वस्तुओ क़े निर्माण  और अनुसन्धान का  उपभोक्तावादी सोच से ऊपर उठ कर निर्माता की सोच बनानी होगी आज यह भी निश्चित हो चुका है की दुनिया को भारत  से कौन सी वस्तुए चाहिए। आज  विश्व समुदाय  हमारी  प्रतीक्षा कर रहा है  

      जैसा की विश्व सतर पर अनुमान लगाया जा रहा है की अगर इस कोरोना बीमारी की उत्पत्ति और प्रसार मे चीन की कुटिल नीयत  शामिल है तो विश्व समुदाय अपने  लाखो  निर्दोष नागरिको  की मौतों  का बदला जरूर लेगा और परिणाम स्वरूप   बहुत ही जबरदस्त आर्थिक प्रतिबंद चीन पर लगाए जा  सकते है  तब तो भारत की पौ बारह हो सकती है

       मेरा अनुमान है की वो समय आ गया है की आप “मेक इन इंडिया” के साथ “मेक बाय इंडिया” का सपना भी साकार कर सकते है उस क़े पीछे एक और सटीक दलील यह  है की  चीन क़े अलग थलग  पड़ने पर  सिर्फ  भारत क़े  पास ही मैनपावर और उद्योगिक इंफ़्रा, निवेश के लिए अनुकूल माहौल मौजूद है जो स्वयं  भारत की घरेलू  जरुरत  और  विश्व की वस्तु निर्माण कंपनियों की जरूरतों को  पूरा कर सकती है।  ऐसी परिस्थितियों  के सन्दर्भ  मे  भगवान श्री कृष्ण ने  विश्व प्रसिद्ध गीता उपदेश मे यही बताया था  की अवसर सिर्फ  अवसर होता है उस क़े साथ कोई किन्तु परन्तु  मत करो  बल्कि जितना जल्दी हो  सके उसका फायदा उठाना चाहिए

            भारत मे अपार सम्भावनाओ के मद्दे नजर   कुछ  क्षेत्रों जैसे कृषि (फल, फूल, मसाले) प्रसंस्करण क्षेत्र, फार्मा क्षेत्र, केमिकल, पेट्रोकेमिकल, आयुर्वेदिक दवा, एक्सपोर्ट, ऑटो पार्ट्स निर्माण, टाइल एवं सेरेमिक उत्पाद, इंटीरियर, हाउस होल्ड गुड्स, डायमंड स्टोन क्राफ्टिंग, वुड एंड प्लास्टिक फर्नीचर गुड्स, मेडिकल औजार  जैसे  डाइलिसिस मशीन, वेंटिलेटर्स, मॉनिटर और सहायक साजो सामान  के स्व देशी  निर्माण  के लिए क्रन्तिकारी विश्व निर्माता नीति बना कर  समयबद्ध और  चरणबद्ध   तरीके से  लागू कर क़े दुनिया क़े सामने मिसाल पेश कर सकते है 

पंचकूला में भाजपा नेता के आर्मी सोसायटी फ्लैट से 3 लाख नकदी और 15 तोले सोना चोरी

लॉकडाउन में परिवार गया था गांव, दूसरे चरण के लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद फ्लैट में पहुंचा तो घर में बिखरा पड़ा था सामान

जंगशेर राणा, पंचकुला:

 पंचकूला के सेक्टर-27 स्थित आर्मी सोसायटी फ्लैट को सुरक्षित माना जाता है, लेकिन यहां भी चोर आसानी से घुस रहे हैं। कड़ी सुरक्षा होने के बावजूद भी चोरे भाजपा नेता के फ्लैट से 3 लाख की नकदी औ 15 तोले सोना चोरी कर ले गए।
दूसरे चरण का लॉकडाउन शुरू होने पर जब भाजपा नेता अपने फ्लैट में पहुंचा तो उसके होश उड़ गए। घरों में चोरों ओर सामान बिखरा पड़ था और घर से नकदी व गहने गायब था।

पंचकूला भाजपा पूर्व महासचिव जसबीर सिंह संधू ने बताया कि वह 20 मार्च को जनता कर्फ्यू से पहले अपने गांव गगसीना करनाल में गया हुआ था। जनता कर्फ्यू के बाद अचानक ही 14 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा हो गई। इसके चलते वे दोबारा पंचकूला नहीं आ सके। दूसरे लॉकडाउन की घोषणा के बाद 15 अप्रैल को वे अपने फ्लैट में पहुंचे तो सारा सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा था। उन्होंने तुरंत ही पुलिस को सूचित किया। चंडीमंदिर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सीन ऑफ क्राइम टीम की मदद से जरूरी साक्ष्य जुटाए।

संधू ने आरोप लगाया कि सोसायटी के प्रधान कर्नल जगरूप सिंह से जब बात की गई और सीसीटीवी फुटैज मांगी तो उन्होंने जवाब दिया कि एच-ब्लॉक में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। सोसायटी के प्रधान की ओर से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। मुख्य द्वार की सीसीटीवी फुटेज तक भी उपलब्ध नहीं कराई गई है। यही नहीं कोरोना संक्रमण का हवाले देते हुए सोसायटी प्रधान ने तर्क दिया कि वे उन्होंने खुद को क्वारंटाइन किया हुआ है।

संधू का यह भी कहना है कि घर का सामान इधर-उधर जरूर बिखरा पड़ा था, लेकिन ज्यादातर सामान को केवल दिखावे मात्र के लिए खोला गया था जबकि चोरों ने उन दो स्थानों को निशाना बनाया जहां गहने और नकदी रखी थी।

पुलिस की कार्रवाई भी संतोषजनक नहीं है। पुलिस अभी तक न तो सीसीटीवी फुटेज ले पाई और न ही चोरी का कोई सुराग लगा पाई है। लॉकडाउन का हवाला लेते हुए पुलिस कोई कार्रवाई भी नहीं कर रही है। केवल यही जवाब मिलता है कि उनकी ड्यूटी लॉकडाउन में लगी हुई है। 

श्री हरिहर सेवा मंडल, चण्डीगढ़ द्वारा रोजाना 1500 लोगों के लिएतैयार करवाया जा रहा है लंगर

चण्डीगढ़ पुलिस के कर्मी भी अपनी संस्था के जरिये जुटे हुए हैं सेवा में 

चण्डीगढ़ :

श्री हरिहर सेवा मंडल, चण्डीगढ़ द्वारा प्राचीन शिव मंदिर, से. 23-डी के सहयोग से रोजाना 1500 लोगों के लिए तैयार लंगर तैयार करवाया जा रहा है। मंडल के प्रधान सुनील कुमार के मुताबिक उन्होंने लॉकडाउन व कर्फ्यू के पहले दिन से ही सेवा शुरू कर दी थी व संकल्प लिया कि जब तक लॉकडाउन जारी रहेगा तब तक वे जरूरतमंदों के लिए लंगर भेजते रहेंगे। इसके अलावा उनकी संस्था द्वारा जल्द ही पीपीई किट्स भी कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे हुए डॉक्टर्स व नर्सों को प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था प्रतिवर्ष श्री अमरनाथ यात्रा के दौरान भी भंडारा चलाती है।      

सुनील कुमार, जो चण्डीगढ़ पुलिस में हेड कांस्टेबल भी हैं, के मुताबिक उनके यहां से तैयार लंगर में से 500 पैकेट भोजन प्रशासन को जाता है जबकि 200 पैकेट पीजीआई सराय को भेजा जाता है। बाकि पैकेट शहर की विभिन्न झुग्गी झोंपड़ियों व कॉलोनियों में बांटे जातें हैं। इस कार्य में प्राचीन शिव मंदिर, से. 23-डी की कमेटी के अध्यक्ष दिनेश शर्मा भारद्वाज भी पूरा सहयोग दे रहे हैं।

सती अनुसूया की जयंती पर विशेष

अनसूया प्रजापति कर्दम और देवहूति की 9 कन्याओं में से एक तथा अत्रि मुनि की पत्नी थीं। उनकी पति-भक्ति अर्थात सतीत्व का तेज इतना अधिक था के उसके कारण आकाशमार्ग से जाते देवों को उसके प्रताप का अनुभव होता था। इसी कारण उन्हें ‘सती अनसूया’ भी कहा जाता है। सती अनसूया ने राम, सीता और लक्ष्मण का अपने आश्रम में स्वागत किया था। उन्होंने सीता को उपदेश दिया था और उन्हें अखंड सौंदर्य की एक ओषधि भी दी थी। सतियों में उनकी गणना सबसे पहले होती है।

बाल रूप में त्रिदेवों पर अपना ममत्व उंढेलतीं माता अनुसूया

अत्रि ऋषि की पत्नी और सती अनुसूया की कथा से अधिकांश धर्मालु परिचित हैं। उन की पति भक्ति की लोक प्रचलित और पौराणिक कथा है। जिसमें त्रिदेव ने उनकी परीक्षा लेने की सोची और बन गए नन्हे शिशु

एक बार नारदजी विचरण कर रहे थे तभ तीनों देवियां मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और मां पार्वती को परस्पर विमर्श करते देखा। तीनों देवियां अपने स तीत्व और पवित्रता की चर्चा कर रही थी। नारद जी उनके पास पहुंचे और उन्हें अत्रि महामुनि की पत्नी अनुसूया के असाधारण पातिव्रत्य के बारे में बताया। नारद जी बोले उनके समान पवित्र और पतिव्रता तीनों लोकों में नहीं है। तीनों देवियों को मन में अनुसूया के प्रति ईर्ष्या होने लगी। तीनों देवियों ने सती अनसूया के पातिव्रत्य की परीक्षा लेने के लिए अपने पतियों को कहा, तीनों ने उन्हें बहुत समझाया पर पर वे राजी नहीं हुई।

इस विशेष आग्रह पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने सती अनसूया के सतित्व और ब्रह्मशक्ति परखने की सोची। जब अत्रि ऋषि आश्रम से कहीं बाहर गए थे तब ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ने यतियों का भेष धारण किया और अत्रि ऋषि के आश्रम में पहुंचे तथा भिक्षा मांगने लगे।

अतिथि-सत्कार की परंपरा के चलते सती अनुसूया ने त्रिमूर्तियों का उचित रूप से स्वागत कर उन्हें खाने के लिए निमंत्रित किया।

लेकिन यतियों के भेष में त्रिमूर्तियों ने एक स्वर में कहा, ‘हे साध्वी, हमारा एक नियम है कि जब तुम निर्वस्त्र होकर भोजन परोसोगी, तभी हम भोजन करेंगे।’ 

अनसूया अस मंजस में पड़ गई कि इससे तो उनके पातिव्रत्य के खंडित होने का संकट है। उन्होंने मन ही मन ऋषि अत्रि का स्मरण किया। दिव्य शक्ति से उन्होंने जाना कि यह तो त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं। 

मुस्कुराते हुए माता अनुसूया बोली ‘जैसी आपकी इच्छा’, तीनों यतियों पर जल छिड़क कर उन्हें तीन प्यारे शिशुओं के रूप में बदल दिया। सुंदर शिशु देख कर माता अनुसूया के हृदय में मातृत्व भाव उमड़ पड़ा। शिशुओं को स्तनपान कराया, दूध-भात खिलाया, गोद में सुलाया। तीनों गहरी नींद में सो गए।

अनसूया माता ने तीनों को झूले में सुलाकर कहा- ‘तीनों लोकों पर शासन करने वाले त्रिमूर्ति मेरे शिशु बन गए, मेरे भाग्य को क्या कहा जाए। फिर वह मधुर कंठ से लोरी गाने लगी। उसी समय कहीं से एक सफेद बैल आश्रम में पहुंचा, एक विशाल गरुड़ पंख फड़फड़ाते हुए आश्रम पर उड़ने लगा और एक राजहंस कमल को चोंच में लिए हुए आया और आकर द्वार पर उतर गया। यह नजारा देखकर नारद, लक्ष्मी, सरस्वती और पार्वती आ पहुंचे।

 नारद ने विनयपूर्वक अनसूया से कहा, ‘माते, अपने पतियों से संबंधित प्राणियों को आपके द्वार पर देखकर यह तीनों देवियां यहां पर आ गई हैं। यह अपने पतियों को ढूंढ रही थी। इनके पतियों को कृपया इन्हें सौंप दीजिए।’ 

अनसूया ने तीनों देवियों को प्रणाम करके कहा, ‘माताओं, झूलों में सोने वाले शिशु अगर आपके पति हैं तो इन्हें आप ले जा सकती हैं।’ लेकिन जब तीनों देवियों ने तीनों शिशुओं को देखा तो एक समान लगने वाले तीनों शिशु गहरी निद्रा में सो रहे थे। इस पर लक्ष्मी, सरस्वती और पार्वती भ्रमित होने लगीं। 

नारद ने उनकी स्थिति जानकर उनसे पूछा- ‘आप क्या अपने पति को पहचान नहीं सकतीं? जल्दी से अपने-अपने पति को गोद में उठा लीजिए।’ देवियों ने जल्दी में एक-एक शिशु को उठा लिया। वे शिशु एक साथ त्रिमूर्तियों के रूप में खड़े हो गए। तब उन्हें मालूम हुआ कि सरस्वती ने शिवजी को, लक्ष्मी ने ब्रह्मा को और पार्वती ने विष्णु को उठा लिया है। तीनों देवियां शर्मिंदा होकर दूर जा खड़ी हो गईं। ती नों देवियों ने माता अनुसूया से क्षमा याचना की और यह सच भी बताया कि उन्होंने ही परीक्षा लेने के लिए अपने पतियों को बाध्य किया था। फिर प्रार्थना की कि उनके पति को पुन: अपने स्वरूप में ले आए। 

तीनों देवियों को उनए पतियों से मिलवाती हुईं सती अनुसूया

माता अनसूया ने त्रिदेवों को उनका रूप प्रदान किया। तीनों देव सती अनसूया से प्रसन्न हो बोले, देवी ! वरदान मांगो। त्रिदेव की बात सुन अनसूया बोलीः- “प्रभु ! आप तीनों मेरी कोख से जन्म लें ये वरदान चाहिए।

तभी से वह मां सती अनुसूया के नाम से प्रख्यात हुई तथा कालान्तर में भगवान दतात्रेय रूप में भगवान विष्णु का, चन्द्रमा के रूप में ब्रह्मा का तथा दुर्वासा के रूप में भगवान शिव का जन्म माता अनुसूया के गर्भ से हुआ। मतांतर से ब्रह्मा के अंश से चंद्र, विष्णु के अंश से दत्त तथा शिव के अंश से दुर्वासा का जन्म हुआ।