महाराष्ट्र में सुरक्षित नहीं हैं हिन्दू समाज के पुरोधा

ठाकरे परिवार सत्ता सुह के लिए इस हद तक जा सकता है मानो यह देखना अभी बाकी ही है। पालघर लिंचिंग का मामला हो अथवा टीपू सुल्तान की जयंती एफ़आर उद्धव ठाकरे का ब्यान की राम मंदिर का निर्माण तुरंत रुकवा देना चाहिए और अब नांदेड़ में साधू की हत्या। कारण कोई भी हो यह तय है की अब कोई भी पत्रकार सत्ता पक्ष अथवा उनके घटक दलों से सीधे सीधे कोई प्रश्न नहीं करेगा, किसी को 12 घंटे की अनर्गल पूछताछ के चक्कर में नहीं फंसना। न जाने क्यों यह लाग्ने लग गया है की पूछो जितने प्रश्न पूछने हैं यह सब तो चलता ही रहेगा। आप पर हमला भी होगा और पूछताछ में दोषी भी आप ही को बनाया जाएगा। महाराष्ट्र में साधुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. पालघर में दो साधुओं की हत्या का मामला अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ था कि अब नांदेड़ में एक साधु की हत्या से इलाके में खौफ का माहौल है। अब महाराष्ट्र के नादेंड़ के उमरी तालुका के नागठाना में बाल ब्रह्मचारी साधु शिवाचार्य की हत्या का मामला सामने आया है। शिवाचार्य के पास ही भगवान शिंदे नाम के शख्स की भी लाश मिली। इन दोनों की लाश बाथरूम के पास मिली है। हत्या गला रेत कर की गई। पुलिस ने हत्या के मामले में साईनाथ शिंगाडे नाम के शख्स को तेलंगाना से पकड़ा है।

मुंबई(ब्यूरो) – 24मई

      महाराष्ट्र में पालघर के बाद अब नांदेड़ जिले में लिंगायत समाज के साधु की हत्या का मामला सामने आया है। मृतक साधु का नाम रुद्र पशुपति महाराज बताया जा रहा है। इस घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। नांदेड़ अधीक्षक विजयकुमार मगर ने कहा कि देर रात नांदेड़ के उमरी में लिंगायत समुदाय के एक साधु का शव उनके आश्रम में पाया गया।

      जानकारी के मुताबिक, रुद्र पशुपति महाराज के साथ ही बदमाशों ने उनके एक और सहयोगी की भी हत्या कर दी है। दूसके मृतक का नाम भगवान राम शिंदे बताया गया है। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुँचकर दोनों के शव कब्जे में ले लिए हैं और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए हैं।

      वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साधु की हत्या पर गाँव वालों ने अनशन कर दिया है। उनका कहना है कि हत्यारे के पकड़े जाने के बाद ही इन दोनों का अंतिम संस्कार होगा।

      बताया जा रहा है कि साधु की हत्या साईनाथ राम नाम के शख्स ने की है। पुलिस के मुताबिक आरोपित भी लिंगायत समाज का ही है और मृतक भगवान राम शिंदे आरोपित का साथी था।

कैसे हुई हत्या?

      आरोपित साईनाथ शनिवार रात दरवाजा खोलकर आश्रम में दाखिल हुआ, क्योंकि कहीं भी दरवाजा तोड़ने के निशान नहीं हैं। दरवाजा अंदर से खुला है, यह कैसे खुला फिलहाल इस बारे में स्पष्ट नहीं है। पशुपति महाराज की हत्या करने के बाद आरोपित साईनाथ साधु की लाश कार में रखकर बाहर निकलने की फिराक में था। लेकिन कार गेट में फँस गई। इस दौरान छत पर सो रहे आश्रम के दो सेवादार जाग गए। उन्हें जब तक सारी बात समझ में आती आरोपित भागने लगा। सेवादारों ने आरोपित का पीछा किया, लेकिन वह भाग निकला।

सुबह एक और मृत शरीर मिला

      रविवार (मई 24, 2020) सुबह जिला परिषद स्कूल के पास भगवान राम शिंदे की डेड बॉडी मिली। भगवान राम शिंदे भी लिंगायत समाज से हैं। उनकी हत्या साईनाथ ने की या किसी और ने, पशुपति महाराज की हत्या से पहले या बाद में, तमाम सवालों पर पुलिस फिलहाल जाँच कर रही है।

      बताया जा रहा है कि साधु की गला रेतकर हत्या की गई है। नांदेड़ के आश्रम में लिंगायत समुदाय के साधु की हत्या ने फिर महाराष्ट्र की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हत्या के बाद एक बार फिर बीजेपी ने उद्धव सरकार के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा, “साधु और एक सेवकरी की नांदेड़ जिले में नृशंस हत्या स्तब्ध करने वाला और दुखद है। मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं. राज्य सरकार से मेरा यह अनुरोध है कि आरोपी को फौरन गिरफ्तार किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उसे कठोर सजा मिले.” 

      बीजेपी नेता और प्रवक्ता राम कदम ने कहा, “महाराष्ट्र में एक महीने के अंतराल में ही एक बार फिर साधु की हत्या कर दी गई। पहली बार हुई साधुओं की हत्या को अफवाह करार देने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने बचने की कोशिश की थी, लेकिन सच तो यह है कि महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है। जिस तरह से राज्य में साधु-संतों की हत्या हो रही है, उससे साफ है कि राज्य में साधु सुरक्षित नहीं हैं।”

      गौरतलब है कि इससे पहले पालघर में 70 साल के कल्पवृक्षनाथगिरी और 35 साल के सुशीलगिरी नाम के 2 साधु और उनके 32 साल के ड्राईवर नीलेश तेलगडे की पीच-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस दौरान वहाँ मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही। जानकारी के मुताबिक दोनों साधु लॉकडाउन के दौरान गुजरात में अपने गुरु की अंतिम यात्रा में शामिल होने जा रहे थे।

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