PU All Set for issuing Online Degrees Through NAD

Chandigarh July 18, 2020:


Panjab University Examination branches are all set to upload the Examination data on National Academic Depository (NAD) for awarding Online Degrees and DMCs etc from the current academic session, informed Prof. Parvinder Singh, Controller of Examination. He added that in this regard reasonable measures have already been taken including legal agreement and registration of candidates from affiliated colleges and teaching departments.  

In the present situation due to Covid 19 pandemic, it is felt many candidates may not be able to get Examination related testimonials due to lockdown of administrative  offices at the moment. He also shared that it is the need of hour to initiate online mode of issuance of Degree/DMCs to all our eligible PG students as well as Ph D scholars for which NAD registration is must.

Till date, data of 35000 students has been uploaded on National Academic Depository (NAD) for Post Graduates and Ph D students of the academic sessions 2018-19 and 2019-20. More than 800 research scholars have enrolled and due to Covid19 pandemic about 110 scholars have already downloaded their PhD degrees from NAD. Out of the data of 35000 students, approximately the data of 15000 students has been verified as authentic academic data which can also be downloaded by the students of PU affiliated colleges and teaching departments.  

CoE shared that due to present pandemic situation and for further transparency, efficiency ,the Online degrees and DMCs issuance by Panjab University Examination system will not only bring a big relief to the students but also is  another examination reform endeavour for the credibility of examination system.

National Academic Depository (NAD) is a 24X7 online store house of all academic awards viz.certificates, diplomas, degrees, mark-sheets etc. duly digitised and lodged by academic institutions / boards / eligibility assessment bodies. NAD not only ensures easy access to and retrieval of an academic award but also validates and guarantees its authenticity and safe storage.

The NAD provides students convenient access to their degrees without the risk of loosing, spoiling or damaging them. PU has signed an agreement with National Securities Depository Limited(NSDL), a central security depository based in Mumbai, for uploading the degree on the NAD, an online storehouse of academic awards. The students  have to register themselves on NAD where all their documents will be made available for easy retrieval in the future. The degrees will be available permanently on the portal giving round-the-clock access to them for any academic or professional purpose

The Quick brown fox नहीं यह है एक वर्णमाला का सम्पूर्ण वाक्य ‘क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोटौठीडढण:।’

अजय नारायण शर्मा ‘अज्ञानी’, चंडीगढ़:

संस्कृत भाषा का कोई सानी नहीं है। यह अत्यंत वैज्ञानिक व विलक्षण भाषा है जो अनंत संभावनाएं संजोए है।

अंग्रेजी में
A QUICK BROWN FOX JUMPS OVER THE LAZY DOG
यह एक प्रसिद्ध वाक्य है। अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर इसमें समाहित हैं। किन्तु इसमें कुछ कमियाँ भी हैं, या यों कहिए कि कुछ विलक्षण कलकारियाँ किसी अंग्रेजी वाक्य से हो ही नहीं सकतीं। इस पंक्ति में :-

1) अंग्रेजी अक्षर 26 हैं और यहां जबरन 33 का उपयोग करना पड़ा है। चार O हैं और A,E,U,R दो-दो हैं।
2) अक्षरों का ABCD.. यह स्थापित क्रम नहीं दिख रहा। सब अस्तव्यस्त है।

अब संस्कृत में चमत्कार देखिये!

क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोटौठीडढण:।
तथोदधीन पफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।

अर्थात्– पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का, दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनहार कौन? राजा मय कि जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं।

आप देख सकते हैं कि संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस पद्य में आ जाते हैं। इतना ही नहीं, उनका क्रम भी यथायोग्य है।

एक ही अक्षर का अद्भुत अर्थ विस्तार।
माघ कवि ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल “भ” और “र”, दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है-

भूरिभिर्भारिभिर्भीभीराभूभारैरभिरेभिरे।
भेरीरेभिभिरभ्राभैरूभीरूभिरिभैरिभा:।।

अर्थात् धरा को भी वजन लगे ऐसे वजनदार, वाद्य यंत्र जैसी आवाज निकालने वाले और मेघ जैसे काले निडर हाथी ने अपने दुश्मन हाथी पर हमला किया।

किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में केवल “न” व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है और गजब का कौशल प्रयोग करके भारवि नामक महाकवि ने कहा है –

न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नाना नना ननु।
नुन्नोSनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नन्नुनन्नुनुत्।।

अर्थ- जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है वो भी मनुष्य नहीं है। घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करें वो भी मनुष्य नहीं है।

अब हम एक ऐसा उदहारण देखेंगे जिसमे महायमक अलंकार का प्रयोग किया गया है। इस श्लोक में चार पद हैं, बिलकुल एक जैसे, किन्तु सबके अर्थ अलग-अलग –

विकाशमीयुर्जगतीशमार्गणा विकाशमीयुर्जगतीशमार्गणाः।
विकाशमीयुर्जगतीशमार्गणा विकाशमीयुर्जगतीशमार्गणाः।।

अर्थात् – अर्जुन के असंख्य बाण सर्वत्र व्याप्त हो गए जिनसे शंकर के बाण खण्डित कर दिए गए। इस प्रकार अर्जुन के रण कौशल को देखकर दानवों को मारने वाले शंकर के गण आश्चर्य में पड़ गए। शंकर और तपस्वी अर्जुन के युद्ध को देखने के लिए शंकर के भक्त आकाश में आ पहुँचे।

संस्कृत की विशेषता है कि संधि की सहायता से इसमें कितने भी लम्बे शब्द बनाये जा सकते हैं। ऐसा ही एक शब्द इस चित्र में है, जिसमें योजक की सहायता से अलग अलग शब्दों को जोड़कर 431 अक्षरों का एक ही शब्द बनाया गया है। यह न केवल संस्कृत अपितु किसी भी साहित्य का सबसे लम्बा शब्द है। (चित्र संलग्न है…)

संस्कृत में यह श्लोक पाई (π) का मान दशमलव के 31 स्थानों तक शुद्ध कर देता है।

गोपीभाग्यमधुव्रात-श्रुग्ङिशोदधिसन्धिग।
खलजीवितखाताव गलहालारसंधर।।

pi=3.1415926535897932384626433832792

श्रृंखला समाप्त करने से पहले भगवन श्री कृष्णा की महिमा का गान करने वाला एक श्लोक प्रस्तुत है जिसकी रचना भी एक ही अक्षर से की गयी है।

दाददो दुद्ददुद्दादी दाददो दूददीददोः।
दुद्दादं दददे दुद्दे दादाददददोऽददः॥

यहाँ पर मैंने बहुत ही काम उदाहरण लिए हैं, किन्तु ऐसे और इनसे भी कहीं प्रभावशाली उल्लेख संस्कृत साहित्य में असंख्य बार आते हैं। कभी इस बहस में न पड़ें कि संस्कृत अमुक भाषा जैसा कर सकती है कि नहीं, बस यह जान लें, जो संस्कृत कर सकती है, वह कहीं और नहीं हो सकता।

कॉंग्रेस बरौदा में रेकॉर्ड मतों से जीतेगी – किरण मलिक

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ – 17 जुलाई:

बरोदा उपचुनाव मैं कांग्रेस रिकॉर्ड मतों से ने जीत दर्ज करवाएगी हरियाणा महिला कांग्रेस की महासचिव किरण मलिक का।

किरण ने खट्टर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहां कि पिछले 6 सालों में लोगों की इन्होंने कोई सुध नहीं ली ना ही उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान दिया । भाजपा को अपने हालात इतने खराब दिखाई पड़ रहे हैं कि जजपा को आगे रखकर खुद को वहां स्थापित करने का सपना देख रही, जबकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री बनने से लेकर अब तक इस चुनाव क्षेत्र के मतदाताओं ने हमेशा से ही कांग्रेस का साथ दिया है। यहां के लोग अपने और पराए का अंतर समझते हैं। किरण ने कहा रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने बरोदा क्षेत्र में रेल कोच फैक्ट्री लगाने की मंजूरी दे दी थी लेकिन मोदी सरकार के आते ही इसे रिजेक्ट कर दिया गया, जिसे आज तक यहां के मतदाता भूल नहीं पाए।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने कार्यकाल के दौरान राज्य सरकार की ओर से औद्योगिकरण को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों सुदृढ़ और रेलवे लाइने बिछाने के प्रोजेक्ट मंजूर करवाए थे उन सभी पर खट्टर मोदी टीम ने कैंची चला दी।

पिछले दिनों दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने वकतव्य में कहा कि सरकार प्रदेश को बचाने की बजाए, अपनी कुर्सी को बचाने में लगी हुई है। सांसद संजय भाटिया, कृषि मंत्री जेपी दलाल, बिजली मंत्री रणजीत सिंह वहां जाकर कार्यक्रम कर रहे हैं। संक्रमण काल के दौरान जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रमों पर रोक लगा रखी है तो ये बरोदा में कार्यक्रम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम भी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर सकते हैं लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन और कोरोना काल के चलते हमारी पार्टी अनुशासन में है।

मलिक ने बताया के हरियाणा की महिलाएं सजग हैं और अपना भला बुरा सोच सकती हैं इसीलिए वह कांग्रेस को सहयोग करने के लिए आगे रहती है कांग्रेस के समय में हुए विकास का गुणगान करते हैं यह महिलाएं आमतौर पर मिल जाते हैं मलिक ने बताया दीपेंद्र सिंह हुड्डा पूरी तरह से चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं और बरोदा की सीट जीतने के लिए कांग्रेस कटिबद्ध है।

गन्ना उत्पादक किसानों की समस्याओं का करवाएंगे समाधान : महेंद्र राठी

 मनोज त्यागी करनाल 16जुलाई :

गांव नरू खेड़ी जिला करनाल में गन्ना उत्पादक किसानों की एक बैठक भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति के बैनर तले आयोजित की गई । इस बैठक की अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति  हरियाणा के प्रदेश प्रभारी महेंद्र राठी ने की । भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति हरियाणा के अध्यक्ष बलवीर नरवाल ने  गन्ना उत्पादक  किसानों की यह बैठक आयोजित की थी। गन्ना उत्पादक किसानों ने इस बैठक में भाग लिया और अपनी समस्याएं रखी। गन्ना उत्पादक राममेहर ने बताया कि शुगर मिल करनाल द्वारा  मुढे व बोड  ईख का  सही सर्वे नहीं होने से मुढे ईख की पर्ची पहले नहीं मिलती । गांव के किसान बलविंदर ने बताया कि  रात  को जब किसान ट्रॉली में गन्ना लेकर जाते हैं तो पुलिस वाले  बिना कारण उन्हें रोक लेते हैं जिससे उन्हें शुगर मिल पहुंचने में देरी होती है । सुभाष ने कहा कि पर्ची जारी होने के बाद गन्ना डालने में 3 दिन का समय मिलता है और तीसरी रात 12 बजे तक पर्ची की वैधता होती है।  इससे किसानों को रात को ही ट्रॉली में गन्ना भर कर जाना पड़ता है । किसानों ने मांग की कि रात 12 बजे की बजाए  अगले दिन प्रातः 9 या 10 बजे तक पर्ची की वैधता होनी चाहिए ताकि किसानों को रात को न चलना पडे।  पहले  की तरह किसानों  को यह सुविधा मिलनी चाहिए  जो कि  इस सीजन में  छीन ली गई । एक किसान ने  बताया कि जिन किसानों  की मृत्यु हो जाती है उन के नाम शुगर मिल करनाल के  शेयर उत्तराधिकारी के नाम बदलाने में काफी चक्कर काटने पड़ते हैं। किसानों ने मांग की कि उनके शेयर उनके उत्तराधिकारी के नाम  बिना  देरी  के बदल देने चाहिए ।  किसानों ने यह भी मांग की कि गन्ना उत्पादक  किसान  की  मृत्यु  होने पर उसे उचित मुआवजा शुगर मिल की ओर से दिया जाना चाहिए। बैठक के अंत में महेंद्र राठी ने  किसानों की समस्याओं का समर्थन किया और कहा कि समाधान के लिए  शुगर मिल के अधिकारियों व प्रशासन के सामने मामला उठाया जायेगा  और  अगला सीजन शुरू होने से पहले समस्याओं को दूर करवा दिया जाएगा। बैठक के अंत में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष बलवीर नरवाल ने मुख्य अतिथि का व आसपास के गांव से पहुंचे किसानों का धन्यवाद किया और उन्हें आश्वासन दिया कि किसानों को गन्ना शुगर मिल तक पहुंचाने और समय पर उनकी पेमेंट में आने वाली  समस्याओं को  दूर करवाने के लिए प्रशासन के साथ मामला उठाया जाएगा ।

        विदित हो कि शुगर मिल में डायरेक्टर के चुनाव 19 जुलाई 20 को होने निश्चित हैं।  बैठक में डायरेक्टर पद के उम्मीदवार प्रकाश नरवाल भी पहुंचे थे। बैठक में 58 गावों के  किसानों  की ओर से  उन्हें अपना समर्थन भी  दिया गया। 

सुभाष, देवेन्दर, परदीप, सुमित, विजेन्द्र, जसबीर, राम मेहर, महेन्द्र  सिहं  आदि किसान विशेष रूप से उपस्थित रहे।  धन्यवाद सहित बैठक संपन्न हुई। 

PU Gets Grant of 1.40 Crores from Getty Foundation for Gandhi Bhawan

Chandigarh July 16, 2020

The Department of Gandhian and Peace Studies,  Panjab University, Chandigarh has received a grant of  Rs 1 crore 40 Lakhs from the Getty Foundation, USA as an announcement“ Keeping It Modern Grant”. As an exceptional case, this is the second grant given by the Getty Foundation for Gandhi Bhawan. Earlier in 2015 PU received grant of around 87 Lakhs Rs for the Conservation Management Plan(CMP) of Gandhi Bhawan.

Professor Raj Kumar, Vice Chancellor, Panjab University, expressed that this excellent announcement of grant for Gandhi Bhawan will enable Panjab University to do more research based projects related  to Architecture and Heritage. This will boost the morale of the faculty and students to take up similar projects in the future. Such grants for innovative techniques will take a University to a new level of research. As Panjab University has a rich history, iconic architectural heritage and artefacts too, we appreciate such grants for preserving our repository of heritage for future generations, he added. He congratulated Dr. Manish Sharma and his entire team for bringing such positive and inspiring news during this pandemic. 

It is pertinent to mention here that Gandhi Bhawan is the only building of any Institution of India which has received the grant in 2015 and now in 2020 again. Earlier the work against grant received in 2015 was completed in 2017 with the support of the inhouse PU team, CMP was  prepared by Development and Research Organisation for Nature, Arts and Heritage (DRONAH), Gurgaon with support of IIT Madras and other associate experts which was duly approved by the Chandigarh Heritage Conservation Committee and guides all Implementation works for the site now.

With the approval of the project by Getty Foundation, now the major conservation works of the exterior which include the conservation of the exterior cladding panels and the reflecting pool are to be undertaken, thus completing total conservation of the Gandhi Bhawan exteriors. The project team includes Gandhi Bhawan, Chandigarh College of Architecture and DRONAH architects, conservation architects and landscape experts. The project will be started by November 2020 with all implementation works to be completed in a period of 1 year after which it will be monitored for another year to determine the impact of the water filled pool on the microclimate of the interiors of Gandhi Bhawan.

पारस अस्पताल पंचकूला के डाक्टरों ने दिमाग की नस फटने के केस में मरीज की जान बचाई

  • दिमाग की नस फूलने का सफल इलाज पारस अस्पताल में सुलभ: डा. विवेक गुप्ता
  • दिमाग का दौरा उम्र से पहले बनता है मौत कारण : डा. अनिल ढींगरा

पंचकूला, 15 जुलाई:

सुपर स्पैशलिटी अस्पताल पंचकूला के दिमाग के रोगों संबंधी विभाग के डाक्टरों की टीम ने दिमाग की नस फटने तथा नस फूलने जैसे रोगों प्रति जागरूकता पैदा करने के मकसद से पत्रकारों के साथ बातचीत की। इस अवसर पर न्यूरो सर्जरी के एसोसिएट डायरेक्टर डा. अनिल ढींगरा तथा न्यूरोरेडियोलॉजी के सीनियर कंस्लटेंट तथा प्रोफैसर विवेक गुप्ता ने संबोधन किया।

पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए डा. विवेक गुप्ता ने कहा कि दिमाग का दौरा (ब्रेन स्ट्रोक) तथा नस फूलने की समस्या अब भारत में आम बीमारी के तरह में उभर रही है तथा हर साल देश में डेढ़ से दो लाख लोग इस बीमारी से पीडि़त होते हैं। उन्होंने कहा कि यह बीमारी सबसे अधिक जानलेवा है। ऐसे मरीजों की गिनती इससे भी अधिक हो सकती है, क्योंकि ज्यादातर लोग इलाज के लिए अस्पतालों में नहीं पहुंचते। डा. गुप्ता ने कहा कि अब नई तकनीक से इसका इलाज संभव है। पारस अस्पताल में कोआइल एंड फलो डाइवर्टज नामक यह इलाज सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि देश में सिर्फ 50 अस्पतालों में में इस तकनीक से इलाज किया जाता है।

डा. विवेक गुप्ता ने बताया कि उनकी टीम ने इस तकनीक से एक 41 वर्षीय पुरूष मरीज का इलाज किया है, जिसको बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था। उसके दिमाग की नस फटने से दिमाग के अंदर बहुत सारा खून बह गया था। अस्पताल में उसका इलाज इस नई तकनीक से किया गया तथा वह 8 दिनों में ठीक हो गया तथा चलना-फिरना शुरू कर दिया। इलाज के बाद उसको अधरंग या लकवे वगैरह की कोई शिकायत नहीं थी। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में पारस अस्पताल एकमात्र ऐसा अस्पताल है जहां दिमागी दौरे के इलाज के लिए यह आधुनिक सुविधा उपलब्ध है।

डा. अनिल ढींगरा ने इस मौके संबोधन करते हुए कहा कि दिमागी दौरा तथा नस फूलने की समस्या आम तौर पर रक्तचाप (बल्ड प्रैशर) बढऩे से होती है, क्योंकि दिमाग के अंदर की नस रक्त के प्रेशर से कमजोर जगह से फूल जाती है तथा कई बार फट जाती है। इस कारण एक तिहाई मरीजों की मौत हो जाती है तथा अन्यों को अधरंग या लकवा हो जाता है, जिस कारण वह अपाहिज हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि समय पर मरीज का इलाज शुरू न हो तो बहुत नुकसान हो जाता है।

ENACTUS PU TEAM AND DIR DISTRIBUTES FACE MASKS AND RATION KITS TO THE IMPOVERISHED

Chandigarh July 15, 2020

Enactus SSBUICET, Panjab University team along with Developing Indigenous Resources- India (DIR) distributed reusable and washable face masks and ration kits to the needy people in the village of Nayagaon. Also in Maloya village, face masks were distributed to the potter community working under project Dhra of Enactus team. The team is successfully running two projects – Dhra and Uday. Project Dhra aims to enhance the lives of potters by promoting the art of pottery as well as eradicating the use of plastic ware. Project Uday works on similar lines by eliminating the use of plastic bags by bringing up cloth bags into function. Both the projects were started with an aim to curb plastic menace, conveyed Prof. Seema Kapoor, Faculty Advisor, Enactus team.

DIR in collaboration with Enactus team has been working in Nayagaon Punjab for the upliftment and welfare of the underprivileged families particularly women to promote women empowerment. These Basti women, working under project Uday of Enactus team were given cloth to make reusable masks to earn some livelihood especially during the lockdown period when their husbands had no livelihood. During these rough times of uncertainty, the two bodies came together to work and to help them. The ration kits were distributed to extremely poor needy families who are dependent on day to day wages to earn the livelihood, identified by health promoters i.e medical team of DIR.

With COVID-19 being a major threat to health and economy globally, the team realized that it was not just the government implementing rules for safety but we also must take steps to maintain social distance and personal protection. It was a great opportunity for the community to use the up cycled material to make these non-surgical face masks for general use. The use of face masks in social spaces is therefore likely to play a vital role in mitigating disease spread. These masks are hand washable and comfortable to wear.

A total number of 128 grocery kits including 5 kg atta, 3 kg rice, 1 kg daal, 1 kg sugar, 100 gms haldi, 100 gms mirchi powder, 250 gms tea leaves & lifebuoy soap were distributed along with one bottle of supplements with 180 tablets. And a total of 250 number of stitched face masks were distributed in Nayagaon and Maloya, told Harleen Singh, President, Enactus team. 

Dr. Asha Kotch, CEO, DIR-India conveyed that she is extremely grateful to Enactus team who is deeply involved in this mission of social cause. The team makes us all proud as the future and growth of India is only possible with dedication of such young blood.

Harleen Singh informed that DIR will soon start selling these masks in the local market at affordable prices to provide a stable income to the ladies working under Project Uday. The team seems to be optimistic and confident about this new challenge.

आशोक गहलोत ने बंधक बनाए अपने ही विधायक, रिज़ॉर्ट राजनीति जारी है

राजस्थान राजनैतिक संकट के दौरान गहलोत द्वारा जो बैठक सुबह 10 बजे बुलवाई गयी थी वह बैठा 2 बजे तक भी शुरू नहीं हो पाई थी। अव्वल तो बैठा में पूरे विधायक नहीं पहुंचे और जो 96 विधाया पहुंचे भी उन्हे बंधक बना लिया गया।

राजस्थान (ब्यूरो) – 13 जुलाई

आशोक गहलोत ने बंधक बनाए अपने ही विधायक, मुख्यमंत्री निवास में सात बसों के आने से ही स्थिति स्पष्ट हो गयी थी की सरकार खतरे में है। गहलोत का दर इतना अधिक है की वह विधायकों से एक पल के लिए भी दूर नहीं हो सकते। इन सात बसों में विधायकों को ‘कूकस’ ले कर जाया जा रहा है। इस बात से साफ ज़ाहिर हो रहा है की गहलोत को अपने आप पर ही भरोसा नहीं है।सचिन खेमे के 10 विधायक भी इन्हीं बंधकों में शामिल हैं।

राजस्थान कॉंग्रेस ने जो सुबह पायलट के पोस्टर उतारने की गलती की उससे जो संदेश जाना था वह तो गया ही साथ ही रही सही कसर सुरजेवाला के बयानों ने पूरी कर दी। सुरजेवाला आए तो संकट का हल निकालने थे परंतु उन्होने सचिन पायलट को राष्ट्रीय मंच से सीधे सीधे चुनौती देने के अंदाज़ में अपील की की आपके पास 48 से 72 घंटे हैं आप वापिस आ जायें इस बयान का क्या अर्थ निकाला जाये कि आ जाओ अन्यथा 48 घंटों से 72 घंटों के पश्चात सब दरवाजे बंद।

राजस्‍थान में मचे सियासी भूचाल के बीच कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू होनी है। इस बैठक के लिए विधायकों का आना शुरू हो गया है। कांग्रेस पार्टी की ओर से व्हिप जारी किया गया है कि जो भी इस बैठक में नहीं आएगा, उसपर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, डिप्‍टी सीएम सचिन पायलट (CM Sachin Pilot) समर्थक 17 विधायक इसके बावजूद बैठक में शिरकत करने नहीं पहुंचे।

बैठक में 96 विधायक पहुंचे थे जबकि दावा 102 का किया गया था।

बैठक में न पहुंचने वाले विधायक

  1. राकेश पारीक
  2. मुरारी लाल मीणा
  3. जीआर खटाना
  4. इंद्राज गुर्जर
  5. गजेंद्र सिंह शक्तावत
  6. हरीश मीणा
  7. दीपेंद्र सिंह शेखावत
  8. भंवर लाल शर्मा
  9. इंदिरा मीणा
  10. विजेंद्र ओला
  11. हेमाराम चौधरी
  12. पीआर मीणा
  13. रमेश मीणा
  14. विश्वेंद्र सिंह
  15. रामनिवास गावड़िया
  16. मुकेश भाकर
  17. सुरेश मोदी

क्या राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाजी पलट दी है?

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाजी पलट दी है. उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की बगावत से गहलोत सरकार पर छाए संकट के बाद फिलहाल छंटते नजर आ रहे हैं. सीएम आवास के अंदर गहलोत ने अपने समर्थक विधायकों की मीडिया के सामने परेड कराई है. गहलोत खेमे ने दावा किया है कि उनके पास 109 विधायक हैं. यानी बहुमत के आंकड़े 101 से ज्यादा विधायक उनके पास हैं. हालांकि, सचिन पायलट का कहना है कि उनके पास 25 विधायक हैं. लेकिन फिलहाल अशोक गहलोत की सरकार बचती नजर आ रही है. अब प्रियंका गांधी ने भी इस संकट को खत्म करने के लिए मार्चो संभाल लिया है. प्रियंका के अलावा राहुल गांधी समेत कुल 5 बड़े नेताओं ने पायलट से बात कर उन्हें समझाने की कोशिश की है.

राजस्थान (ब्यूरो)

सीएम अशोक गहलोत और डिप्‍टी सीएम सचिन पायलट के बीच सियासी मनमुटाव ने कांग्रेस आलाकमान की परेशानी बढ़ा दी है. तमाम प्रयासों के बावजूद सोमवार को सचिन पायलट (Sachin Pilot) की गैरमौजूदगी में ही राजस्‍थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. इस बीच, सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) अब इस सियासी संकट को निपटाने के लिए सामने आई हैं. उनके दखल पर नाराज पायलट से फिर से बातचीत शुरू हुई है, ताकि हालात को सामान्‍य किया जा सके. जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस कार्यालय से सचिन पायलट के उतारे गए होर्डिंग्‍स को फिर से लगा दिए गए हैं. बताया जाता है कि राजस्‍थान के राजनीतिक घटनाक्रम से कांग्रेस आलाकमान बेहद चिंतित है.

इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर बुलाई गई विधायक दल की बैठक में 100 से ज्यादा विधायकों के पहुंचने के बाद दो दिन से चल रहे सियासी घटनाक्रम का पटाक्षेप होता दिखा. सीएम गहलोत ने 10 से ज्यादा निर्दलीय विधायकों का समर्थन जुटाकर मीडिया को संकेत दिया कि उनकी सरकार सुरक्षित है. हालांकि इस बैठक में सचिन पायलट और उनके कुछ समर्थक विधायक शामिल नहीं हुए. पायलट के करीबी सूत्रों ने यह दावा भी किया था कि उनके गुट को 25 MLA का समर्थन हासिल है. उन्‍होंने स्‍पष्‍ट रूप से कहा था कि सीएम गहलोत की अध्यक्षता में होने वाली विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे. बहरहाल, बदलते घटनाक्रम के बीच अब डिप्टी सीएम सचिन पायलट को मनाने की कवायद फिर से शुरू हो गई है.

आपको बता दें कि कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने आज सुबह मीडिया के साथ बातचीत में प्रदेश की सरकार को अस्थिर करने का आरोप भारतीय जनता पार्टी के ऊपर लगाया था. पांडे ने कहा था कि बीजेपी की साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. राजस्थान कांग्रेस के सब विधायक एकजुट हैं. उन्होंने कहा था कि बीजेपी हर राज्य में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी सरकारों को अस्थिर करने की साजिश रच रही है. वह कर्नाटक और मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी ऐसी घटनाएं दोहराना चाहती है, लेकिन इसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा.

कमलनाथ के करीबी प्रद्युमान सिंह भाजपा में शामिल, बने नागरिक आपूर्ति निगम का अध्यक्ष

  • एमपी में प्रद्युम्न सिंह लोधी को बनाया गया नागरिक आपूर्ति निगम का अध्यक्ष
  • प्रदीप जायसवाल को मध्य प्रदेश राज्य खनिज निगम का अध्यक्ष बनाया गया

एक ओर जहां सबकी निगाहें राजस्थान में सचिन – गहलोत प्रकरण पर लगीं थीं वहीं उमा भारती की नाराजगी मिटाने के लिए मध्यप्रदेश में प्रद्युमान सिंह लोधी को भाजपा में शामिल करवा लिया गया। बीजेपी में शामिल होने से पहले प्रद्युम्न सिंह लोधी पहले श्यामला हिल्स स्थित उमा भारती के बंगले पहुंचे और वहां पर मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने सीएम हाउस गए. सीएम हाउस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें मिठाई खिलाई और बीजेपी में उनका स्वागत किया. इसके बाद सभी नेता बीजेपी प्रदेश मुख्यालय पहुंचे और वहां विधिवत रूप से प्रद्युम्न सिंह लोधी ने बीजेपी ज्वाइन कर ली.

दिल्ली(ब्यूरो):

मध्य प्रदेश में एक और कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया है. इसके साथ ही अब उन्हें रविवार को नागरिक आपूर्ति निगम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वहीं निर्दलीय कोटे से विधायक प्रदीप जायसवाल को मध्य प्रदेश राज्य खनिज निगम का अध्यक्ष बनाया गया है.

एक तरफ जहां राजस्थान में सियासत गर्मा रही है तो वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेताओं का बीजेपी में शामिल होने का सिलसिला अभी भी चल रहा है. कांग्रेस के विधायक रहे प्रद्युम्न सिंह लोधी आज ही बीजेपी में शामिल हुए हैं. वहीं बीजेपी में आने के साथ ही लोधी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है.

उमा भारती की नाराजगी का असर?

प्रद्युम्न सिंह लोधी का बीजेपी में शामिल होना कांग्रेस को झटका देने से ज्यादा उमा भारती की नाराजगी को दूर करने के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल हाल ही में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में उमा भारती की नाराजगी सामने आई थी. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को एक संदेश भेजते हुए मंत्रिमंडल में जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन ना होने की वजह से नाराजगी जाहिर की थी. माना जा रहा है कि उमा की इसी नाराजगी को दूर करने के लिए बड़ा मलहरा से विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी को बीजेपी में शामिल कराया गया है. खुद उमा भारती भी इस सीट से विधायक रह चुकी हैं.

इसके साथ ही उन्हें नागरिक आपूर्ति निगम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. प्रद्युम्न सिंह लोधी कांग्रेस की तरफ से बड़ा मलहरा क्षेत्र के विधायक रहे हैं. हालांकि उन्होंने विधायकी से अपनी इस्तीफा प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को सौंप दिया है और स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने लोधी का इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में लोधी ने बीजेपी ज्वॉइन की है. इससे पहले मार्च में कांग्रेस के 22 ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद कमलनाथ सरकार गिर गयी थी. वहीं लोधी के बीजेपी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट के माध्यम से उनका अभिनंदन किया.

प्रदीप जायसवाल खनिज निगम के अध्यक्ष

इसके अलावा निर्दलीय कोटे से विधायक प्रदीप जायसवाल को मध्य प्रदेश राज्य खनिज निगम का अध्यक्ष बनाया गया है. प्रदीप जायसवाल शिवराज सरकार को समर्थन दे रहे हैं. इससे पहले वो निर्दलीय कोटे से कमलनाथ सरकार में खनिज मंत्री थे लेकिन कमलनाथ के इस्तीफा देते ही बीजेपी को समर्थन दे दिया था.

अब 25 सीटों पर होगा उपचुनाव

प्रद्युम्न सिंह लोधी ने बीजेपी में शामिल होने से पहले विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. बीजेपी में औपचारिक तौर पर उनके शामिल होने के कुछ वक्त पहले ही विधानसभा सचिवालय की ओर से उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया. और बड़ा मलहरा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है. इस सीट के खाली होने के बाद अब मध्य प्रदेश में 24 के बजाय 25 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होगा. इससे पहले कांग्रेस के 22 विधायक इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे, जबकि दो सीटें विधायकों के निधन की वजह से खाली हुई हैं.