डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने आकाश-एनजी (नेक्स्ट जेनरेशन) मिसाइल का सोमवार को सफल परीक्षण किया। इंडियन एयरफोर्स के लिए तैयार किए गए अगली पीढ़ी के इस मिसाइल ने टारगेट को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया। ओडिशा के इंडिग्रेटेड टेस्ट रेंज से एक सैन्य वाहन से इसे लॉन्च किया गया।
DRDO ने कहा कि आकाश-एनजी एक नई पीढ़ी का सरफेस-टू-एयर मिसाइल है जिसका उपयोग भारतीय वायुसेना द्वारा हवाई खतरों को रोकने के उद्देश्य से किया जाता है। मिसाइल ने अपने लक्ष्य को ढूंढ निकाला और सटीकता के साथ उसे ध्वस्त कर दिया। मिसाइल का परीक्षण सभी मानकों पर सफल रहा।
आकाश मिसाइल का वजन 720 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 19 फीट है। यह 60 किलोग्राम के भार वाले हथियारों को ले जाने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता 40 से 60 किलोमीटर तक की है। यह मिसाइल 4321 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरती है। यानी एक सेकेंड में 1.20 किलोमीटर। दुश्मन जब तक इसको रोकने का प्रयास करेगा तब तक यह उसे मार कर नेस्तनाबूद कर देगी। इसको एंटी मिसाइल के तौर पर भी उपयोग में लाया जा सकता है।
पिछले दिनों आकाश मिसाइल की खरीद में दक्षिण एशिया के नौ देशों एवं अफ्रीकी मित्र देशों ने रुचि दिखाई। कुछ मित्र देशों ने आकाश मिसाइल के अतिरिक्त तटीय निगरानी प्रणाली, रडार तथा एयर प्लेटफॉर्म को भी खरीदने में अपना रुझान दिखाया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित आकाश मिसाइल की तकनीक एवं विकास 96 प्रतिशत स्वदेशी है। भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भारत आकाश मिसाइल केवल उन्हीं देशों को बेचेगा जिनसे उसके बेहतर एवं मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/01/D8EberlVUAEwMUy.jpg721719Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-25 12:31:112021-01-25 12:37:33आकाश-एनजी मिसाइल का सफल परीक्षण
LAC पर चल रहे भारत और चीन के विवाद के बीच एक बार फिर सिक्किम में दोनों पक्षों में झड़प हुई है। कहा जा रहा है कि तीन दिन पहले चीन ने भारत की सीमा में घुस कर यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया, लेकिन तभी भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोका और खदेड़ कर वापस उनके क्षेत्र में भेज दिया। इस दौरान ही झड़प भी हुई, जिसमें 20 चीनी सैनिक घायल हुए। वहीं भारत के भी 4 जवानों को चोटें आईं।
मीडिया खबरों के अनुसार, सिक्किम के नाकुला में यह झड़प हुई थी, जिसके कारण वहाँ हालात तनावपूर्ण हैं लेकिन स्थिति अब काबू में हैं। कहा जा रहा है कि झड़प के दौरान हथियारों का इस्तेमाल नहीं हुआ, मगर दोनों देशों के सैनिकों को चोटें आई हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय क्षेत्र के साथ सभी प्वाइंट पर मौसम की स्थिति खराब होने के बावजूद कड़ी चौकसी बरती जा रही है।
गौरतलब है कि भारत-चीन सैनिकों के बीच इस झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख के मोल्डो में भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच बैठक हुई। करीब 15 घंटे चली इस बैठक का निष्कर्ष अभी सामने नहीं आया है। लेकिन इसके जरिए तनाव को कम करने की अपील की गई। इसके अलावा यह भी खबर है कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख से अपने 10,000 सैनिकों को वापस बुला लिया है। हालाँकि कुछ सेना की तैनाती अब भी है इसलिए भारतीय जवान भी पीछे नहीं हुए हैं।
यहाँ बता दें कि साल 2017 में डोकलाम विवाद के बाद लद्दाख में पिछले साल भारत और चीनी सैनिक एक-दूसरे के सामने आए थे। 15 जून 2020 को गलवान घाटी पर हुई भिड़ंत के दौरान 20 भारतीय जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। वहीं 43 चीनी सैनिकों के भी मारे जाने की खबर सामने आई थी, लेकिन चीन ने मरने वाले सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया था।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल जून में LAC पर हुई हिंसा 1975 के बाद पहली ऐसी हिंसा थी जिसमें सैनिकों ने जान गॅंवाई। चीन ने भारतीय सेना पर हमला करने के लिए लाठी-ंडंडे, रॉड, हॉकी, ड्रैगन पंच, कंटीली तारों वाले हथियार आदि का इस्तेमाल किया था।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/01/5-चीनी-सैनिक-ढेर-11-घायल.jpg344640Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-25 09:43:282021-01-25 09:47:05LAC पर भारत और चीनी सैनिकों की झड़प
नरेंद्र चंचल की मां कैलाशवती भी भजन गाया करती थीं। मां के भजन सुनते- सुनते उनकी रुचि भक्ति संगीत में बढ़ी. नरेंद्र चंचल की पहली गुरु उनकी मां ही थीं , इसके बाद चंचल ने प्रेम त्रिखा से संगीत सीखा, फिर वह भजन गाने लगे। नरेंद्र चंचल ने अपनी गायकी से बॉलीवुड में एक खास पहचान बनाई थी. उनकी गायकी का सफर राज कपूर के समय ही शुरू हुआ था। फिल्म ‘बॉबी’ में उनके द्वारा गाया गाना ‘बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो’ काफी मशहूर हुआ था. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में गाने गाए, लेकिन उन्हें पहचान मिली फिल्म ‘आशा’, में गाए माता के भजन ‘चलो बुलावा आया है’ से जिसने रातोरात उन्हें मशहूर बना दिया। हाल ही में नरेंद्र चंचल ने कोरोनावायरस महामारी को लेकर गाना गाया था जो काफी वायरल भी हुआ था।
मुंबई/ चंडीगढ़:
प्रसिद्ध भजन गायक नरेंद्र चंचल का निधन हो गया है| 80 वर्ष की आयु में उन्होने अपनी अंतिम सांस ली है| बताया जाता है कि नरेंद्र चंचल काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे और आज उन्होने इस दुनिया को अलविदा कह दिया| वहीँ नरेंद्र चंचल के निधन से भजन भूमि और धार्मिक क्षेत्र और भजन गायकों के साथ-साथ उनके भजनों का रसपान करने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है| चंचल की आवाज बेहद अलग थी और वह अपनी गायकी में एक अलग और उम्दा स्थान रखते थे|
उनके निधन की खबर सामने आते ही इंडस्ट्री में शोक की लहर है। सभी उन्हें श्रद्धांजली दे रहे हैं। उनके निधन पर देश के प्रधानमंत्री ने भी शोक व्यक्त किया है।
मशहूर सिंगर दलेर मेहंदी ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताया साथ ही उन्हें श्रद्धांजली भी अर्पित की।
उनके अलावा हरभजन सिंह ने भी नरेंद्र चंचल के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
बतादें कि, नरेंद्र चंचल का जन्म 16 अक्टूबर, 1940 को अमृतसर के नामक मंडी में एक धार्मिक पंजाबी परिवार में हुआ था। 22 जनवरी, 2021 को उनका निधन हो गया। वह एक धार्मिक माहौल में बड़े हुए, जिसने उन्हें भजन और आरती गाने के लिए प्रेरित किया। नरेंद्र चंचल ने हिंदी फिल्मों में भजन दिए जो कि सुपर से सुपरहिट रहे| नरेंद्र चंचल का ”चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है’ गाना बेहद सुपरहिट रहा और भक्तों के बेहद करीब| नरेंद्र चंचल के शो भी होते थे जहाँ उनके मुख से भजन सुनने के लिए लोगों का ताँता लग जाता था| चंचल एक भक्त और भगवान के मिलन का एक समा बांध देते थे| बेहतरीन भजनों के लिए नरेंद्र चंचलको हमेशा याद किया जायेगा|
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/01/navbharat-times-1.jpg405540Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-22 10:33:432021-01-22 10:36:10माँ भगवती के लाडले भजन गायक ‘नरेंद्र चंचल’ नहीं रहे, वह 80 वर्ष के थे
लोन ने कहा कि उनका मानना है कि।. लोन ने पत्र में कहा, ‘‘ गुपकर गठबंधन के पक्ष और विपक्ष में हुए चुनिंदा मतदान का नतीजा बहुत खराब मत प्रतिशत रहा। यह वह मत प्रतिशत नहीं है जो जम्मू-कश्मीर की जनता पांच अगस्त के बाद हकदार थी।’’
श्रीनगर:
जम्मू कश्मीर में 370 की बहाली को लेकर प्रमुख विपक्षी पार्टियों को लेकर बने गुपकार गठबंधन में 4 महीने के भीतर ही फूट पड़ने लगी है। सिर्फ एक चुनाव मिलकर साथ लड़ने के बाद ही जम्मू कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस ने गुपकार गठबंधन से अपना नाता तोड़ लिया है। पीपल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने गठबंधन के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला को पत्र लिखकर कहा है कि वह गठबंधन से रिश्ता तोड़ रहे हैं।
पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेयरेशन (PAGD), जिसे गुपकार गठबंधन कहा जाता है, का गठन बीते साल अक्टूबर में गुपकार घोषणा के साथ हुआ था। इसके तहत सभी दलों ने 370 की बहाली के लिए एक साथ होने की हुंकार भरी थी। इसके बाद राज्य के जिला विकास परिषद (DDC) के लिए सबने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा।
लोन के इस फैसले के बाद बीजेपी ने गठबंधन पर निशाना साधा है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने कहा कि गुपकार गठबंधन में टूट शुरू हो चुका है।
नाव में साथ न देने का आरोप
अब यही जिला परिषद का चुनाव गुपकार गठबंधन में फूट की वजह बना है। जम्मू कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन के गठबंधन से अलग होने की पीछे डीडीसी चुनाव में हुआ घटनाक्रम ही प्रमुख है। लोन ने गठबंधन पर चुनाव के दौरान उनकी पार्टी के प्रत्याशियों को मदद न करने का आरोप लगाया है।
PAGD के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला को लिखे एक पत्र में लोन ने लिखा है कि पिछले दिनों उनकी पार्टी नेताओं के साथ बैठक हुई जिसमें डीडीसी चुनाव के दौरान पीपल्स कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवारों को अकेला छोड़ दिए जाने को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने लिखा कि अधिकांश जगहों पर जहां उनकी पार्टी के उम्मीदवार खड़े थे वहां गठबंधन में शामिल दूसरी पार्टियों ने उन्हें लड़ने के लिए अकेला छोड़ दिया। इस दौरान दूसरी पार्टियां या तो चुप रहीं या फिर उन्होंने बिना नाम के अपने समर्थन से उम्मीदवार उतार दिए।
उन्होंने आगे लिखा कि डीडीसी चुनाव का वैसे तो बहुत महत्व नहीं है लेकिन ये 5 अगस्त के बाद (370 खत्म किए जाने का दिन) के बाद पहला चुनाव था। इसलिए जरूरी था कि इसमें सभी प्रमुख दलों को अपनी एकजुटता दिखानी थी और इससे एक बड़ा राजनीतिक संदेश देना था।
गठबंधन से अलग हो रहे हैं उद्येश्यों से नहीं
उन्होंने लिखा कि पार्टी में कार्यकर्ता हमारी तरफ देख रहा है कि अगर हम डीडीसी चुनाव में गुपकार गठबंधन पर भरोसा नहीं कर सकते हैं तो आने वाले बड़े मुद्दों पर कैसे हो पाएगा।.. सभी पार्टियों को इसके लिए अपने हितों का बलिदान करना होगा लेकिन कोई करने को तैयार नहीं है।
गठबंधन खत्म करने की बात करते हुए लोन ने लिखा ‘हम इस गठबंधन से रिश्ता तोड़ रहे हैं लेकिन इसके उद्येश्यों से अलग नहीं हो रहे हैं। हम उन उद्येश्यों का पीछा करते रहेंगे जो इस गठबंधन की स्थापना के समय निर्धारित किए गए थे।’
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.png00Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-19 15:44:532021-01-19 16:15:094 महीने बाद ही जम्मू कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस ने गुपकार गठबंधन से अपना नाता तोड़ा
सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल समिति (CCS) ने आज करीब 48,000 करोड़ रुपये की लागत से तेजस विमान खरीदने को मंजूरी दी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली CCS ने आज भारतीय वायुसेना के बेड़े के स्वदेशी फाइटर जेट ‘LCA-Tejas’ को मजबूत करने के लिए लगभग 48,000 करोड़ रुपये के सबसे बड़े स्वदेशी रक्षा खरीद सौदे को मंजूरी दी है। यह सौदा भारतीय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए एक गेम-चेंजर होगा।
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
भारतीय सेना की ताकत में और इजाफा होने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के बेड़े में जल्द 83 तेजस विमान शामिल होंगे। लंबे इंतजार के बाद, सरकार ने आज भारतीय वायु सेना के लिए स्वदेशी रूप से विकसित तेजस लड़ाकू विमान के Mk1A वर्जन की खरीद को मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमिटी ऑफ सिक्योरिटी ने एलसीए तेजस Mk1A विमान के लिए 48,000 करोड़ रुपए की रक्षा सौदों की इस खरीद को मंजूरी दे दी है। निर्णय के अनुसार, 83 विमानों को हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड से अब तक के सबसे बड़े स्वदेशी रक्षा सौदे के तहत खरीदा जाएगा।
वहीं इस फैसले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर कहा, “भारतीय रक्षा विनिर्माण सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ये डील रक्षा क्षेत्र में गेमचेंजर साबित होगी।” उन्होंने कहा कि एलसीए-तेजस आने वाले वर्षों में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की रीढ़ बनने जा रहा है। मंत्री ने कहा कि एलसीए-तेजस में बड़ी संख्या में नई प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं, जिनमें से कई का प्रयास भारत में कभी नहीं किया गया। वर्तमान में, यह 50 फीसद की स्वदेशी सामग्री के साथ लड़ाकू विमान की पहली खरीद (भारतीय स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित) श्रेणी है, जो कार्यक्रम के अंत तक उत्तरोत्तर 60 प्रतिशत तक पहुँच जाएगी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि एयरक्राफ्ट बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने पहले से अपने नासिक और बेंगलुरू डिवीजन में सेकेंड लाइन मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं को स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि बढ़े हुए इंफ्रास्ट्रक्चर से युक्त HAL LCA-Mk1A के उत्पादन को बढ़ाएगा जिससे भारतीय वायुसेना को समय पर डिलीवरी हो सके।
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, मंत्रिमंडल ने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से भारतीय वायु सेना के लिए 83 तेजस विमान खरीदने को मंजूरी प्रदान कर दी। इसके तहत 73 हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए और 10 तेजस एमके-1 प्रशिक्षण विमान शामिल हैं। एचएएल उन्हें 2026 तक डिलीवर कर देगा।
तेजस एमके1 ए, तेजस एमके 1 (फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस) का एक एडवांस वर्जन है, जिसके पहले ही 16 विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल किया जा चुका है। इन Mk1 (FOC) को उनके पिछले वर्जन Mk1 (IOC) से अपग्रेड किया गया है।
हल्के लड़ाकू एयरक्राफ्ट Mk-1A का वैरिएंट एक स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया अत्याधुनिक लड़ाकू विमान है। यह विमान, जो सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन किए गए व्यूह रचना वाला (एईएसए) रडार, बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सुइट और एयर टू एयर रिफ्यूलिंग (एएआर) की महत्वपूर्ण परिचालन क्षमताओं से लैस है। जेट के मार्क ए 1 वर्जन में शुरुआती संस्करण में कुल 43 सुधार होंगे। यह भारतीय वायु सेना की ऑपरेशन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक शक्तिशाली प्लेटफार्म होगा।
तेजस एमके1 ए विमान वर्तमान में भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित विमानों की जगह लेगा, जिसमें मिग -21 और जगुआर विमान शामिल हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/01/16105580705fff2a76be8a2.jpeg7101242Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-14 04:10:282021-01-14 04:10:44‘तेजस’ मेक इन इंडिया, 83 विमान होंगे वायुसेना में शामिल
याचिका में यह भी कहा गया है कि उक्त नियम अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के प्रावधानों का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता के अनुसार, नियमों में किए गए संशोधन भारत के संविधान के तहत पेशे की प्रैक्टिस के अधिकार का उल्लंघन करते हैं और बीसीआई की ओर से एक साल के एलएलएम पाठ्यक्रम को समाप्त करने का कोई उचित औचित्य नहीं है।
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
भारत में एक साल के एलएलएम कोर्स को खत्म करने की बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की हालिया अधिसूचना को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है।
याचिकाकर्ता एक लॉ स्टूडेंट तमन्ना चंदन ने अपनी याचिका में शिक्षा के अपने मौलिक अधिकार का उल्लंघन होने का हवाला देते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया लीगल एजुकेशन (पोस्ट ग्रेजुएट, डॉक्टोरल, एग्जीक्यूटिव, वोकेशनल, क्लिनिकल एंड अदर कंटीन्यूइंग एजुकेशन) रूल्स, 2020 को चुनौती दी है।
अधिवक्ता राहुल भंडारी के माध्यम से दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि उक्त नियम अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के प्रावधानों का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता के अनुसार, नियमों में किए गए संशोधन भारत के संविधान के तहत पेशे की प्रैक्टिस के अधिकार का उल्लंघन करते हैं और बीसीआई की ओर से एक साल के एलएलएम पाठ्यक्रम को समाप्त करने का कोई उचित औचित्य नहीं है।
याचिका में एक और तर्क दिया गया है कि यूजीसी, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अधिकार क्षेत्र में भारत में उच्च कानूनी शिक्षा के नियमों को विनियमित करने की बीसीआई को शक्ति प्राप्त नहीं है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया लीगल एजुकेशन (पोस्ट ग्रेजुएट, डॉक्टोरल, एग्जीक्यूटिव, वोकेशनल, क्लीनिकल एंड अदर कंटीन्यूइंग एजुकेशन) रूल्स, 2020 को अधिसूचित किया है, जिसमें लॉ (एलएलएम) में एक साल की मास्टर डिग्री को खत्म करने का प्रयास किया गया है।
नए नियम में कहा गया कि पोस्ट ग्रेजुएट (स्नातकोत्तर डिग्री) लॉ में मास्टर डिग्री एलएलएम चार सेमेस्टर में दो साल की अवधि का होगा। इसके अलावा, एलएलएम पाठ्यक्रम केवल कानून स्नातक तक ही सीमित है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/01/bar-council-1570036729.jpg275500Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-12 03:34:482021-01-12 04:00:16बीसीआई के एक वर्षीय एलएलएम कोर्स को खत्म करने की अधिसूचना को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती
भारत और चीन के बीच बीते साल जून से ही तनाव जारी है। दोनों देशों ने लद्दाख में अपनी-अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई है। इस विवाद को खत्म करने के मकसद से दोनों देशों की सेना के बीच कई बार बात हुई, लेकिन हर बार चर्चा बेनतीजा ही रही। जून में दोनों सेनाओं के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प हुई थी। इस घटना के बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते सीमा पर तल्ख हो गए थे। इसी बीच सेना ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पैंगॉन्ग इलाके में एक चीनी सैनिक को पकड़ा है। यह चीनी सैनिक भारतीय इलाके में पकड़ा गया है। चीनी सैनिक से पूरे नियम और प्रक्रिया के साथ ही पूछताछ की जा रही है। वहीं, इसकी जाँच भी की जा रही कि चीनी सैनिक किन हालातों में भारतीय इलाके में पहुँचा था। चीनी सैनिक को पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर से पकड़ा गया है।
लद्दाख़/जम्मू:
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन उकसावे वाली हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। भारत और चीन के बीच जारी सैन्य तनाव के बीच शुक्रवार (जनवरी 08, 2021) को चीन का एक सैनिक भारतीय सीमा में घुस गया। वो पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे वाले इलाके में घुसा जिसे भारतीय सैनिकों ने हिरासत में ले लिया।
बताया जा रहा है की चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का एक सैनिक एलएसी को लाँघकर भारतीय सीमा में पहुँच गया, लेकिन वहाँ तैनात भारतीय सैन्य टुकड़ी ने उसे दबोच लिया। एक अधिकारी ने बताया, “पीएलए सैनिक एलएसी के इस तरफ सीमा पार कर आ गया था। इसके बाद इलाके में तैनात भारतीय सेना ने उसे कस्टडी में ले लिया था।” उन्होंने यह भी बताया कि सैनिक से पूरे नियम और प्रक्रिया के साथ ही पूछताछ की जा रही है। वहीं, इसकी जाँच भी की जा रही कि चीनी सैनिक किन हालातों में भारतीय इलाके में पहुँचा था। चीनी सैनिक को पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर से पकड़ा गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले अक्टूबर में एक चीनी सैनिक LAC पर भटकता हुआ पहुँच गया था, जिसे भारतीय सेना ने पकड़ लिया था। PLA सैनिक को पूर्वी लद्दाख के चुमार-डेमचोक इलाके में पकड़ा गया था। हालाँकि, पूछताछ करके भारतीय सौनिकों ने उस चीनी सैनिक को चीन को वापस कर दिया। इस दौरान भारतीय सेना ने चीनी सैनिक को ठंडे मौसम से बचाने के लिए मेडिकल मदद के साथ साथ खाना-पीना और गर्म कपड़े भी दिए थे।
बता दें कि एलएसी के दोनों तरफ भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती लंबे समय से बरकरार है। अप्रैल महीने में ही कुछ चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में अतिक्रमण करने की कोशिश की थी जिसका भारत की तरफ से करारा जवाब दिया गया। बाद में 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने धोखे से भारतीय सैनिकों पर गैर-परंपरागत हथियारों से हमला कर दिया जिसमें 20 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे जबकि करीब दोगुने तादाद में चीनी सैनिक भी मारे गए।
सीमा पर जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडर लेवल की कई दौर की बातचीत हो चुकी है। चीन चाहता है कि पहले भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उन चोटियों से पीछे हट जाए जिन पर दिसंबर महीने में उसका कब्जा हुआ था। वहीं, भारत ने चीन को इसकी पहल करने को कही है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/01/pengong-Lake.jpg433770Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-09 14:58:562021-01-09 14:59:47भारतीय सीमा में घुस आए चीनी सैनिक से भारतीय सेना कर रही पूछ ताछ
Panjab University, Chandigarh has approved the last dates for submission of examination forms (with and without late fees) of LL.B. & LL.M. Examination for session 2020-2021 (Semester System) as under:-
Without late fee
With late fee of Rs.2075/-
With late fee of Rs.6075/-
With late fee of Rs.11,075/-
With late fee of Rs.22,075/-
LL.B. and LL.M
11.01.2021
18.01.2021
25.01.2021
01.02.2021
08.02.2021
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/07/punjab-university.jpg712957Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-01 10:24:042021-01-01 10:24:07PU declares last dates for submission of forms for LLB & LLM 2020 – 21 courses
पिछले कुछ समय से आंध्र प्रदेश में लगातार हिंदू मंदिरों पर हमले की घटनाएँ सामने आ रही हैं। कहीं मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है, तो कहीं रथों को आग में जलाकर राख किया जा रहा है। 27 सितंबर को चित्तूर जिले में एक शिव मंदिर पर हमला किया गया और मंदिर में स्थित नंदी की प्रतिमा को खंडित कर दिया गया। रिपोर्टों के अनुसार, मंदिर में नंदी की मूर्ति को 26 और 27 सितंबर की रात कुछ बदमाशों ने तोड़ा। मूर्ति के टुकड़े पास रखी कुर्सी पर बिखरे हुए पाए गए थे।“जिस समय अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण चल रहा है, हमारे राज्य में भगवान राम की मूर्ति को नष्ट कर दिया गया है। मूर्ति के सिर को अलग करना एक पागल व्यक्ति का कार्य नहीं हो सकता है। यह धार्मिक उन्मादियों का कृत्य है।”
विशाखापत्तनम/नयी दिल्ली :
एक तरफ आंध प्रदेश की सरकार पर मुस्लिमों और ईसाइयों के तुष्टिकरण के आरोप लग रहे हैं, दूसरी तरफ हिंदू मंदिरों पर हमले रुक नहीं रहे। ताजा घटना में प्रदेश के विजयनगरम जिले के नेल्लीमरला मंडल में एक पहाड़ी पर स्थित मंदिर में अज्ञात उपद्रवियों ने भगवान राम की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया।
मूर्ति रामतीर्थम गाँव के पास पहाड़ी की चोटी पर स्थित बोडिकोंडा कोदंडाराम मंदिर में विराजमान थी। कथित तौर पर उपद्रवी ताला तोड़ मंदिर के गर्भगृह में घुसे और और स्वामी कोदंडारामुडु का सिर काटकर अलग कर दिया।
बताया जाता है कि यह मूर्ति 400 साल पुरानी थी। इसके साथ ही मंदिर में माता सीता और लक्ष्मण की भी मूर्तियाँ विराजमान हैं। मुख्य मंदिर पहाड़ी की तलहटी में है। जिस मंदिर में मूर्ति क्षतिग्रस्त की गई वह पहाड़ी की चोटी पर है। एक ही पुजारी दोनों मंदिरों में नियमित अनुष्ठान करते हैं। यह घटना तब सामने आई जब पुजारी मंगलवार (दिसंबर 29, 2020) सुबह मंदिर में नियमित अनुष्ठान करने के लिए पहुँचे।
मंगलवार की सुबह, पुजारियों को रामतीर्थम में बोडिकोंडा पहाड़ी पर प्राचीन सीता लक्ष्मण कोदंडाराम मंदिर के दरवाजे खुले मिले और गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति का सिर धड़ से अलग दिखा। मंदिर के कर्मचारियों ने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी। बुधवार को क्षतिग्रस्त किए गए हिस्से को पास के तालाब में प्रवाहित कर दिया गया।
जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने बुधवार (दिसंबर 30, 2020) को एक बयान में कहा, “जिस समय अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण चल रहा है, हमारे राज्य में भगवान राम की मूर्ति को नष्ट कर दिया गया है। मूर्ति के सिर को अलग करना एक पागल व्यक्ति का कार्य नहीं हो सकता है। यह धार्मिक उन्मादियों का कृत्य है।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसी घटनाओं को लेकर लापरवाह है। इसकी वजह से ही यह घटना हुई है। उन्होंने पूछा कि मंदिर पर लगातार हो रहे हमले पर मुख्यमंत्री जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं? वे चुप क्यों हैं?
पुलिस की टीमों ने मौके पर पहुँचकर सबूत इकट्ठे किए और अपराधियों को पकड़ने के लिए विशेष टीमें बनाई है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जाँच सभी संभावित एंगल से की जा रही है।
TNM से बात करते हुए, जिला पुलिस अधीक्षक (SP) राजा कुमारी ने कहा, “घटना सोमवार को मंदिर के बंद होने के बाद हो सकती है। यह कल (मंगलवार) हमारे संज्ञान में आई। अज्ञात बदमाशों ने भगवान राम की मूर्ति का सिर अलग कर दिया। अभी तक आरोपित का पता नहीं चला है। टीमें मामले पर काम कर रही हैं।”
मूर्ति के क्षतिग्रस्त होने के पीछे के मकसद के बारे में पूछे जाने पर एसपी ने कहा, “यह घटना दुर्घटना की तरह नहीं दिख रही है, बल्कि इरादन किया गया कृत्य जान पड़ता है। हालाँकि, फिलहाल हम इस बारे में निष्कर्ष नहीं निकाल सकते हैं कि इसके पीछे क्या इरादे थे।”
घटना की जानकारी मिलने के बाद टीडीपी के स्थानीय नेता एस.रविशेखर और अन्य लोगों ने मंदिर में जाकर पहाड़ी पर धरना दिया। उन्होंने सरकार से उपद्रवियों पर कार्रवाई करने और मंदिरों को सुरक्षा प्रदान करने की माँग की। वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष आर.पावनी और अन्य लोगों ने भी मंदिर का दौरा किया और धरना दिया। उन्होंने भी घटना की निंदा की और सरकार से अपराधियों का पता लगाने और मंदिर की सुरक्षा करने की माँग की।
दूसरी तरफ, नेल्लीमारला के विधायक बी.पला नायडू ने मंदिर का दौरा किया और स्थिति की समीक्षा की। रामतीर्थम परिक्षेत्र परिषद के अध्यक्ष श्रीनिवासानंद स्वामी ने भी मंदिर का दौरा किया और कहा कि इसकी अपमानजनक घटना से भक्तों की भावनाएँ आहत हुई है। सरकार को इस मुद्दे पर तेजी से काम करना चाहिए और जनता में विश्वास पैदा करना चाहिए। राज्य के सभी मंदिरों को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से आंध्र प्रदेश में लगातार हिंदू मंदिरों पर हमले की घटनाएँ सामने आ रही हैं। कहीं मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है, तो कहीं रथों को आग में जलाकर राख किया जा रहा है। 27 सितंबर को चित्तूर जिले में एक शिव मंदिर पर हमला किया गया और मंदिर में स्थित नंदी की प्रतिमा को खंडित कर दिया गया। रिपोर्टों के अनुसार, मंदिर में नंदी की मूर्ति को 26 और 27 सितंबर की रात कुछ बदमाशों ने तोड़ा। मूर्ति के टुकड़े पास रखी कुर्सी पर बिखरे हुए पाए गए थे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/12/05_08_2020-kodand_ram.jpg600800Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-12-31 08:46:442020-12-31 08:47:07आंध्र में हिन्दू मंदिरों पर हमले जारी, या यह सरकारी तुष्टीकरण की अगली सीढ़ी है ?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल के दो दिन के दौरे पर कोलकाता पहुंच गए हैं. बंगाल में सियासी उठापटक के बीच अमित शाह का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस दौरे से अमित शाह जहां जनता से संवाद करेंगे वहीं टीएमसी के असंतुष्ट कई नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की भी खबर है. इनमें पूर्व मंत्री व विधायक शुभेंदु अधिकारी का नाम भी शामिल है.
अमित शाह की मिदनापुर रैली में मंच पर कैलाश विजयवर्गीय, तपन घोष जैसे बड़े अधिकारियों के बीच अमित शाह के दायीं ओर बैठे दिखे शुभेन्दु अधिकारी। अमित शाह ने उन्हे भाजपा का झण्डा थमाया वहीं शुभेन्द अधिकारी ने शाह का आशीर्वाद लेते हुए भाजपा के कमल को थाम भाजपा की सदस्यत ग्रहण की।
किसान सनातन सिंह के घर भोजन करने के बाद अमित शाह ने आजतक से एक्सक्लूसिव बात की. अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी ने सोनार बंगला का सपना तो दिखा दिया, लेकिन इसे पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस सपने को पूरा करेगी. अमित शाह ने कहा कि बीजेपी इस बार 200 सीटें जीतेगी और ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल का बीजेपी का कार्यकर्ता ही उनके खिलाफ चुनाव लड़ेगा और उन्हें हराएगा. अमित शाह ने कहा कि ऐसा कहीं नहीं हुआ कि 18 महीने में किसी पार्टी के 300 कार्यकर्ता मारे गए. लेकिन पश्चिम बंगाल में ऐसा हुआ है. फिर भी हम डटे रहे, डरे नहीं. अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता सरकार से लोग नाराज और नाखुश है इसलिए वो बीजेपी में आ रहे हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पीएम आवास तो बने दिख रहे हैं, लेकिन पीएम के द्वारा किसानों को भेजा गया पैसा नहीं मिल रहा है. गृह मंत्री ने कहा कि अगर किसी पार्टी के अध्यक्ष पर हमला होता है तो केंद्र को कार्रवाई पड़नी पड़ती है. अमित शाह ने संघीय ढांचे के उल्लंघन के आरोपों को इनकार किया. अमित शाह ने कहा कि अगर किसी दूसरे राज्य में किसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर हमला हुआ होता तो क्या किया जाता. उन्होंने कहा कि केंद्र अपने दायरे में रहकर ही काम कर रहा है.
शुभेंदु अधिकारी के भाई भी बीजेपी में शामिल होंगे
मिदनापुर में न सिर्फ टीएमसी सांसद शुभेंदु अधिकारी बीजेपी में शामिल होंगे, बल्कि कोंटाई निगम के चेयरमैन और शुभेंदु अधिकारी के छोटे भाई सुमेंदु अधिकारी भी बीजेपी में शामिल होंगे.
इनके अलावा 10 और विधायक बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. दक्षिण कोंटाई के विधायक बनसारी मैती भी बीजेपी में शामिल होने जा रही हैं.
अगर सीपीएम की बात करें तो हल्दिया से CPM विधायक तापसी मंडल और ताल्मुक के CPI विधायक अशोक डिंडा भी बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. हल्दिया नगर निगम के कुछ पार्षद भी बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. यही नहीं कई ग्राम पंतायत के सदस्य और ग्राम प्रधान भी बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं.
आज मिदनापुर में टीएमसी, सीपीएम, कांग्रेस के ये नेता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
मिदनापुर में न सिर्फ टीएमसी सांसद शुभेंदु अधिकारी बीजेपी में शामिल होंगे, बल्कि कोंटाई निगम के चेयरमैन और शुभेंदु अधिकारी के छोटे भाई सुमेंदु अधिकारी भी बीजेपी में शामिल होंगे.
इनके अलावा 10 और विधायक बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. दक्षिण कोंटाई के विधायक बनसारी मैती भी बीजेपी में शामिल होने जा रही हैं.
अगर सीपीएम की बात करें तो हल्दिया से CPM विधायक तापसी मंडल और ताल्मुक के CPI विधायक अशोक डिंडा भी बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. हल्दिया नगर निगम के कुछ पार्षद भी बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. यही नहीं कई ग्राम पंतायत के सदस्य और ग्राम प्रधान भी बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. कांग्रेस के पुरुलिया से विधायक सुदीप मुखर्जी के भी बीजेपी में शामिल होने की संभावना है. बैरकपुर से टीएमसी विधायक शीलभद्र दत्ता के भी बीजेपी में शामिल होने की संभावना है.
बर्दवान पूर्व से टीएमसी सांसद सुनील मंडल के भी बीजेपी में शामिल होने की संभावना
स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस को नमन
गृह मंत्री अमित शाह मिदनापुर में स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस के घर पहुंचे और उनके परिवार वालों से मुलाकात की.इससे पहले अमित शाह ने खुदीराम बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. अमित शाह ने कहा कि उन्हें शहीद खुदीराम बोस के जन्मस्थान की मिट्टी को कपाल पर लगाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
अमित शाह ने कहा कि बंगाल के अंदर जो ओछी राजनीति करते हैं उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि खुदीराम बोस जितने बंगाल के थे वे उतने ही पूरे भारत के थे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जितने यूपी के थे उतने ही वे बंगाल के लिए थे. अमित शाह ने कहा कि आज पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां को अंग्रेजी ने फांसी दी थी. आज के दिन उन्हें कम से कम देश के शहीदों के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/12/Eplt6SCVoAAY0yr.jpg5761024Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-12-19 09:46:512020-12-19 09:59:31शूभेन्दु अधिकारी ने थामा कमल
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