बकरीद पर कश्मीर में गोवंश और दूसरे जानवरों की कुर्बानी पर प्रशासनिक रोक

बकरीद से पहले कश्मीर में प्रशासन का बड़ा फैसला, इन पशुओं की कुर्बानी पर लगी रोक जम्मू कश्मीर में प्रशासन ने बकरीद के मौके पर गोवंश समेत कई जानवारों की कुर्बानी देने पर रोक लगा दी है। यदि कोई ऐसा करता है तो फिर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जम्मू/कश्मीर/चंडीगढ़:

जम्मू कश्मीर में प्रशासन ने बकरीद के मौके पर गोवंश समेत कई जानवारों की कुर्बानी देने पर रोक लगा दी है। यदि कोई ऐसा करता है तो फिर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार को प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, ‘गोवंश, ऊंटों या अन्य जानवरों की अवैध हत्या या कुर्बानी को रोका जाना चाहिए।’ पशुओं के कल्याण के लिए बने कानूनों का हवाला देते हुए प्रशासन ने यह रोक लगाई है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि प्रशासन की ओर से जानवरों की कुर्बानी पर पूरी तरह से बैन लगाया गया है या फिर गोवंश और कुछ अन्य पशुओं को लेकर ही यह आदेश दिया गया है।

इस संबंध में निदेशक योजना, जम्मू-कश्मीर पशु और भेड़ पालन और मत्स्य पालन विभाग ने कश्मीर और जम्मू दोनों क्षेत्रों के संभागीय आयुक्तों और आईजीपी को एक पत्र लिखकर इन जानवरों के वध पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है. 

भारत के पशु कल्याण बोर्ड, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त एक आधिकारिक पत्र संख्या: 9-2/2019-20/पीसीए दिनांक 25.06.2021 का जिक्र करते हुए, संचार पढ़ता है:

“इस संबंध में 21-23 जुलाई, 2021 से निर्धारित बकरा ईद त्योहार के दौरान जम्मू-कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश में बड़ी संख्या में बलि देने वाले जानवरों की हत्या की संभावना है और पशु कल्याण बोर्ड ऑफ इंडिया ने पशु कल्याण के मद्देनजर सभी के कार्यान्वयन के लिए अनुरोध किया है. पशु कल्याण कानूनों को सख्ती से लागू करने के लिए एहतियाती उपाय. पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960; पशु कल्याण नियम, 1978 का परिवहन; पशुओं का परिवहन (संशोधन) नियम, 2001; स्लॉटर हाउस नियम, 2001; म्युनिसिपल लॉ एंड फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने त्योहार के दौरान जानवरों (जिसके तहत ऊंटों का वध नहीं किया जा सकता) के वध के निर्देश दिए हैं.