सरस्वती जीनियस स्कूल जैतो में कहानी वाचन प्रतियोगिता आयोजित

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो,19 नवम्बर  :

            क्षेत्र की जानी-मानी शिक्षा संस्थान सरस्वती जीनियस स्कूल इकाई जैसे के प्रांगण में बच्चों के सृजनात्मक विकास को बढ़ावा देने के लिए जूनियर विंग के विद्यार्थियों के मध्य कहानी वाचन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में पहली से तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

            यह प्रतियोगिता हिंदी ,अंग्रेजी और पंजाबी तीनों भाषाओं में आयोजित की गई ।इस प्रतियोगिता में बच्चों ने प्रोपस के साथ कहानी के पात्रों का रोल प्ले किया।वहां उपस्थित अन्य बच्चों ने भी इस प्रतियोगिता का भरपूर आनंद उठाया। प्रतियोगिता में कक्षा एक(बी) के विद्यार्थियों ने प्रथम स्थान ,कक्षा तीन (बी)के विद्यार्थियों ने द्वितीय स्थान और कक्षा दो (बी)के विद्यार्थियों ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

            इस अवसर पर स्कूल के प्रधान भी मौजूद थे उन्होंने बच्चों की प्रतिभा की सराहना की तथा भविष्य में भी बच्चों की इस तरह की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती अंजू डोगरा जी ने स्कूल की अध्यापिकाओ  व बच्चों द्वारा किए गए प्रयास की सराहना की तथा इस अवसर पर उपस्थित स्कूल के प्रबंधक अशोक अरोड़ा जी भी उपस्थित थे। उन्होंने भी विजेता बच्चों को बधाई दी।

चंडीगढ़ का मदरहुड चैतन्य अस्पताल  नार्थ  इंडिया का पहला ईट राइट अस्पताल घोषित

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुरू किया अच्छा भोजन देने का अभियान
  • कई तरह के पैरामीटर्स को आधार बनाकर की गई है जांच

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़  :

            फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से चंडीगढ़ के मदरहुड चैतन्य अस्पताल को नार्थ इंडिया  में पहला  ईट राईट अस्पताल  घोषित किया गया। एफएसएसए के पांच सितारा श्रेणी के प्रमाण पत्र के मानदंड पूरे करने वाले चंडीगढ़ व आसपास के पहले अस्पताल के रूप में मदरहुड चैतन्य अस्पताल  को नामित  किया गया है ।

            इस बारे में आई एम ए चंडीगढ़ के पूर्व प्रेसिडेंट व के डायरेक्टर डॉ  नीरज कुमार ने बताया कि यह हमारी तजुर्बेकार व डेडीकेटेड  एफएंडबी टीम की अथक मेहनत का नतीजा है और हम सरकार द्वारा दिखाए गए इस भरोसे को हमेशा पूरा करने को प्रयासरत रहेंगे। यदि अस्पताल में दाखिल बच्चों को पौष्टिक व स्वादिष्ट आहार मिले तो यह बच्चों की शीघ्र रिकवरी में सहायक होता है।

             स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय  के तहत ईट राइट इंडिया एक वैधानिक निकाय  एफएसएसएआई  का एक प्रमुख मिशन है। इस मिशन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश के नागरिकों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाए,जिससे विभिन्न जीवन शैली से संबंधित बीमारियों के बोझ को कम करने में मदद मिल सके।

इंडियन पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर :

            इंडियन पब्लिक स्कूल जगाधरी के विज्ञान विद्यार्थियों ने प्रयोग व अनुसंधान के माध्यम से उत्तर भारत मे व्याप्त पर्यावरण प्रदूषण समस्या  के समाधान की दिशा मे एक आश्चर्यजनक कार्य किया है ।यह जानकारी देते हुए विद्यालय प्रबंध समिति के प्रबंधक डाॅ ओ पी तनेजा और निदेशिका प्रो चन्द्र कांता तनेजा ने बताया है कि विद्यालय के विद्यार्थियों ने धान और गेहूं के फसल अवशिष्ट पराली से फाल्स सीलिंग टाइल्स (ईंटें) बना कर किसानों के लिए आशा की एक उज्जवल किरण जगाया है । अक्सर किसान पराली को समस्या मानते हुए तथा अगली फसल जल्द शुरु करने के प्रयास मे खेतों मे ही जला देते हैं ।

            परिणाम स्वरूप जहाँ पर्यावरण संरक्षण का  भयंकर संकट उत्पन्न हो जाता है वही दूसरी तरफ खेतों मे मौजूद किसान व फसल मित्र कीडे भी जल जाते हैं ।जिसके कारण अगली फसल की गुणवत्ता मे नकारात्मक प्रभाव पड़ता है ।इस दृष्टि से इंडियन पब्लिक स्कूल जगाधरी के विज्ञान विद्यार्थियों का अविष्कार मील का पत्थर साबित होगा । प्राचार्या मीनाक्षी भारद्वाज ने बताया कि पराली से फाल्स  सीलिंग टाइल्स बनाने के शोध कार्य को जब क्षेत्रीय स्तर पर डाॅ आई के गुजराल साईंस सिटी जालंधर-कपूरथला मे आयोजित और राष्ट्रीय विज्ञान एव तकनीकी परिषद संचार द्वारा आयोजित प्रदर्शनी मे प्रथम स्थान मिला ।तत्पश्चात इस शोध माॅडल को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता व प्रदर्शिनी के लिए  बडोदरा गुजरात भेजा गया ।

            जहां शानदार प्रसंसा व उपलब्धि मिलने के बाद इसे इंडिया इंटरनेशनल एनोवेटर तथा इन्वेंटर एक्सपो इनेक्स इंडिया गोवा मे 16-18 नवम्बर तक आयोजित प्रदर्शनी मे प्रस्तुत किया ।इस अंतर्राष्ट्रीय एनोवेशन प्रदर्शनी  मे पोलैंड,जर्मनी,रूस ,युरोप के देश तथा इरान सहित 45 से भी ज्यादा देशों के प्रतिष्ठित शोध,अनुसंधान व अविष्कार संस्थानों के  माॅडल पेश किए गए थे।इस कडी प्रतियोगिता मे इंडियन पब्लिक स्कूल जगाधरी के विज्ञान विद्यार्थियों के द्वारा अति उपयोगी व पर्यावरण संरक्षण अभियान को गति देने की असीम संभावनाएं लिए माॅडल को रजत पदक देकर सम्मानित किया गया है ।उन्होंने बताया कि विद्यालय के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण व गौरवशाली उपलब्धि है । डाॅ तनेजा ने यह भी बताया कि उनका विद्यालय बहुत जल्द अपने विद्यार्थियों की इस खोज को पेटेंट करवा कर जनहित मे  लोकार्पण किया जाएगा ।

            मौके पर विज्ञान  के क्षेत्र मे नव प्रयोग व शोध को प्रेरित करने वाले विद्यालय के अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल)व विद्यालय की समन्वयक देवकी सिंह,विक्रम वर्मा,राहुल दहिया ,रंजना व अन्य विज्ञान शिक्षक भी उपस्थित थें।

Awareness About E-Waste Recycling By Dept. Of Statistics

Koral ‘Purnoor’, Demokratic Front,Chandigarh – November 18 :

The Department of Statistics organized a Seminar on AWARENESS ABOUT E-WASTE RECYCLING on November 17 th, 2022 at 3:00 pm in the Seminar Hall of the Department of Statistics, Panjab University, Chandigarh, wherein Dr. Payal Nandurkar from WE The Recycling Company addressed the audience comprising of students, faculty members along with Chairpersons of various departments: Dr. Amrita Shergill (Economics), Dr. Rohini Sharma (DCSA), Dr. Upneet Kaur Mangat (Human Rights and Duties), Mrs Suman Bala, (Mathematics) to name a few, about how e waste management has become the need of an hour. Additionally, the Chairperson Department of Statistics, Dr. Anju Goyal clearly reflected upon the steps taken by University to recycle E waste and also advised the attendees from different departments to come forth on the path of E- Recycling. Followed by this, the e waste present itself in the department was being handed over to initiate the process formally. This marked the end to the insightful event.

एलआइसी, चण्डीगढ़ मंडल ने मूक – बधिर स्कूल के बच्चों को किया सम्मानित

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चण्डीगढ़, 17 नवंबर, 2022

            भारतीय जीवन बीमा निगम, चण्डीगढ़ मंडल की ओर से स्कूली छात्र-छात्राओं के कल्याण हेतू हर साल ‘एलआइसी स्टूडेंट आफ द ईयर’ का पुरस्कार दिया जाता है। इस साल जिला पटियाला के गांव सैफदीपुर के ‘पटियाला स्कूल आफ द डीफ, डंब एंड ब्लाइंड को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। ये पुरस्कार इस स्कूल के 10 मूक-बधिर छात्रों को और 10 दृष्टिबाधित छात्रों को भारतीय जीवन बीमा निगम, चण्डीगढ़ मंडल के वरिष्ठ मंडल प्रबंधक हरविंदर सिंह के हाथों प्रदान किया गया।

            यह पुरस्कार स्कूल में पहली से लेकर दसवीं कक्षा के एक-एक विद्यार्थी को पढ़ाई-लिखाई में अव्वल आने पर प्रदान किया गया। इस मौके पर स्कूल प्राचार्य सुश्री रेनू सिंगला और भारतीय जीवन बीमा निगम की पटियाला शाखा के प्रबंधक हरप्रीत सिंह वालिया भी उपस्थित थे।

            पुरस्कार पाने वाले विद्यार्थियों के चेहरे पर मुस्कान बता रही थी कि वह सम्मानित होकर किस कदर खुश हैं और उनकी यही मुस्कान अन्य छात्रों को भी पढ़ाई-लिखाई में कुछ बेहतर कर दिखाने की दिशा  में प्रेरित करने वाली साबित होगी।

            इस अवसर पर स्कूल प्राचार्य सुश्री रेनू सिंगला ने कहा कि इन विशेष विद्यार्थियों के लिए तो एलआइसी की यह पहल अपने-आप में वाकई एक सराहनीय कदम है जाे अपनी शारीरिक अक्षमताओं के बावजूद पढ़ाई-लिखाई में शानदार प्रदर्शन करने में जुटे हैं।

            इस मौके पर एलआइसी के चंडीगढ़ मण्डल प्रबंधक हरविंदर सिंह ने स्कूल प्रबंधन के सद्प्रयासों को सराहते हुए वहां पढ़ने आने वाले विशेष बच्चों के शिक्षा स्तर की भी प्रशंसा की। यह स्कूल ‘सोसायटी फार वेलफेयर आफ द हैंडीकैप्ड’ द्वारा सन् 1967 से संचालित किया जा रहा है।

उर्दू विभाग में शायर अल्लामा इकबाल व देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती 

कोरल‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :  

      पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के उर्दू विभाग में शायर अल्लामा इकबाल व देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती विश्व उर्दू दिवस व राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाई गई।

           उर्दू विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में अल्लामा इकबाल और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के जन्मदिन को अंतर्राष्ट्रीय उर्दू दिवस और राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रोफेसर रेहाना परवीन ने की।गुल पेशी के साथ डॉ. ज़रीन, शमीम चौधरी और रिजवाना ने उनका स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत इकबाल की कविता “सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा ” से हुई।

 तत्पश्चात विभाग के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों ने अल्लामा इकबाल एवं मौलाना अबुल कलाम आजाद की कृतियों के संबंध में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये, जिसमें विभाग के शोधार्थी मुहम्मद सुल्तान ने इकबाल के काव्य विचारों के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।

 विभाग की शोधार्थी शमीम चौधरी ने अबुल कलाम आजाद के जीवन और सेवाओं पर अपना पेपर प्रस्तुत किया।

 इसके अलावा मनीज़ पनेसर, बशीर, इंदरजीत कौर, अरविन्दर कौर, राम व हरमंदर कौर ने इकबाल  की कविताएं सुनाकर दर्शकों का मनोरंजन किया।इस बीच फारसी विभाग के शिक्षक डॉ. जुल्फिकार अली ने इकबाल की फ़ारसी शायरी पर बातचीत की ।

 प्रोफेसर रेहाना परवीन ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कविता पाठ और उसकी बारीकियां समझाईं और छात्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित  किया।

      इस कार्यक्रम में मंच की जिम्मेदारी विभाग के शोधार्थी मुहम्मद शरीफ ने निभाई थी। बैठक के अंत में विभाग के अध्यक्ष डॉ. अली अब्बास ने अपने समापन भाषण में मौलाना अबुल कलाम आजाद पर तर्कपूर्ण चर्चा की,जिसमें उन्होंने मौलाना के पत्रों के संग्रह “गुबार ए खातिर” पर चर्चा की और उनकी दूरदर्शिता और समझ के साथ-साथ उनकी देशभक्ति और हिंद-पाक बँटवारे के दूरगामी आशंकाओं को समझाया। डॉ. अब्बास ने आगे कहा कि मौलाना आजाद जहां अंग्रेजों के खिलाफ थे, वहीं वे राष्ट्रीय सद्भाव और हिंदू-मुस्लिम एकता के भी प्रबल समर्थक थे।

 उन्होंने अपने समाचार पत्रों के माध्यम से राष्ट्रीय और देशभक्ति की भावनाओं को जगाने का प्रयास किया। मौलाना अबुल कलाम स्वतंत्र राजनीतिक मोर्चे में भी सक्रिय थे। उन्होंने ‘असहयोग आंदोलन’, ‘भारत छोड़ो’ और ‘खिलाफह आंदोलन’ में भी भाग लिया। महात्मा गांधी के साथ उनके बहुत अच्छे संबंध थे ।

 वे गांधीजी के अहिंसा के रास्ते से बहुत प्रभावित थे। इन विचारों को व्यक्त करते हुए डॉ. अली ने आगे कहा कि अबुल कलाम आजाद को गांधीजी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा था। उन्होंने गांधी के विचारों को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश का दौरा भी किया।

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उर्दू विभाग व अन्य विभागों के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

बदलते समय के अनुसार शिक्षा क्षेत्र में भी बदलाव बेहद जरुरी : डॉ. मीनू जैन

  • शिक्षा क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का बढ़ता महत्व

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर :

            डीएवी कॉलेज के फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम सेल की ओर से यूट्यूब पर शॉट्स तैयार करने के विषय पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया ! जिसमे डॉ. मधु मुख्य वक्ता रही ! कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. मीनू जैन व एफडीपी सेल की कन्वीनर डॉ सुरेंद्र कौर ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम की अध्यक्षता की ! 

            डॉ. मधु ने यूट्यूब के नए फीचर यूट्यूब शॉट्स के बारे में बताया कि यूट्यूब शॉट्स यानि छोटे वीडियोस (60 सेकण्ड्स या उससे कम) का एक प्लेटफार्म है जिसमे आप कम समय में एक शानदार वीडियो बना सकते है और साथ ही यूट्यूब पर #शॉट्स लिखकर अपलोड भी कर सकते हो ! उन्होंने बताया की इन वीडियो का मोबाइल फॉर्मेट 9/16  का होना चाहिए ! 

            डॉ. मीनू जैन ने कहा कि हर शिक्षक अपने छात्र के प्रदर्शन में सुधार करना चाहते है और टेक्नोलॉजी उन्हें इस उद्देश्य को पूरा करने में मदद करती है ! बदलते समय के अनुसार शिक्षा क्षेत्र में भी बदलाव बेहद जरुरी है ! 

            डॉ. सुरेंद्र  कौर ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में कुछ नया और आधुनिक करने से छात्र का शिक्षा के प्रति उत्साह बढ़ता है और अपने करियर को बनाने में भी मदद मिलती है ! कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. सुनीता कौशिक, डॉ. रचना सोनी एवं डॉ. मीनाक्षी सैनी  ने पूर्ण रूप से सहयोग दिया !

विश्व बाल दिवस के सप्ताह भर का उत्सव

  • मुख्य अतिथि देबेन्द्र दलाई के किया  बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट: से नो टू सिंगल प्लास्टिक थीम प्रतियोगियों को सम्मानित अंकुर स्कूल पी यु में
  • 28 स्कूलों के बच्चों ने लिया हिस्सा

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ 16 NOV :

            अंकुर स्कूल में दिनांक 16-11-2022 को मल्टी पर्पज हॉल में बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट: से नो टू सिंगल प्लास्टिक थीम के तहत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता चंडीगढ़ कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट (CCPCR), चंडीगढ़ द्वारा आयोजित ‘विश्व बाल दिवस के सप्ताह भर चलने वाले उत्सव’ का एक हिस्सा थी। श्री देबेंद्र दलाई, आईएफएस, निदेशक, पर्यावरण विभाग, चंडीगढ़ मुख्य अतिथि थे और  हरजिंदर कौर, सीसीपीसीआर चेयरपर्सन इस कार्यक्रम की सम्मानित अतिथि थीं। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता और अंकुर स्कूल प्रबंधन समिति की सदस्य डॉ. मोनिका मुंजाल भी अपनी टीम के सदस्यों के साथ उपस्थित थीं।

            इस कार्यक्रम में चंडीगढ़ के लगभग 28 स्कूलों ने भाग लिया। स्टूडेंट्स ने आर्ट एंड क्राफ्ट के जरिए अपने इनोवेटिव आइडियाज का प्रदर्शन किया। मुख्य अतिथि  देबेंद्र दलाई और सम्मानित अतिथि  हरजिंदर कौर ने कार्यक्रम की सर्वश्रेष्ठ कृतियों को पुरस्कार देकर छात्रों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने छात्रों को प्लास्टिक का उपयोग न करने और संसाधनों के संरक्षण के तीन आर को बढ़ावा देने के लिए भी प्रेरित किया। प्राचार्य, डॉ परमिंदर दुग्गल ने छात्रों और शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की।

Ashish Mittal Foundation celebrates Children’s day with the students of Holy Flames School

Demokratic Front Coresspondent, Mohali Nov 16 :

Ashish Mittal Foundation celebrates Children’s day with the students of Holy Flames School, Village Mubarakpur.

Snacks were prepared by the volunteers along with offering prayers for a safe and healthy future. The children thanked the team of 5 volunteers. 

Holy Flames School is operating in the premise of the village Mubarakpur and providing for education and other needs of children in the region. 

There are a total of 67 children associated with Holy Flames School, 32 out of which are from Mubarakpur. 

Ashish Mittal, Chairman, AMF said They receive free education through certified educators and mentoring from volunteers. Recrestional activities are also organized with the help of donors.

Community Perception about Air Pollution, Willingness to Pay and Awareness about Health Risks

Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Chandigarh :

According to the Global Burden of Diseases, air pollution is a major risk factor for health issues. In the 21st century, many cities around the globe are seeing a significant rise in high outdoor pollution. Many Indian cities have poor air quality, which is a serious concern for public health. Recently, Chandigarh city, situated in the Indo-Gangetic Plain, also recorded very poor air quality, even worse than Delhi, for a few days. Chandigarh, the first planned city of India, whose focus remains on urban greenery, was also included in the non-attainment cities under National Clean Air Program.

High levels of air pollution in cities increase people’s susceptibility to heart, lung and other respiratory illnesses, including mental health. India has launched many schemes and policies at the multi-sectoral level to reduce air pollution. Community perceptions play a vital role in determining how individuals respond to air pollution and related policies. Therefore, understanding people’s level of consciousness, actions, and attitudes toward air pollution is necessary.

Considering this, Prof. Ravindra Khaiwal from Post Graduate Institute of Medical Education and Research (PGIMER), Chandigarh, and Ms. Pooja Parihar, and Dr. Suman Mor, Department of Environment Studies, examined the community perception of air pollution, willingness to pay and awareness about health risks in Chandigarh based on a  questionnaire based-survey. The study is recently published in Environmental Challenges, a reputed peer-reviewed international journal by Elsevier.

This study used a questionnaire to assess the levels and correlations between people’s perceptions of air pollution and its associated health risk before and during COVID-19. The study highlights that 80% of respondents were aware and worried about the city’s air quality. 55 % of study participants believed that pollution levels increase as the day progresses, especially in the afternoon. The perception of automobile emissions as the prime source of air pollution was reported by 40% of study participants, in addition to mentioned other sources such as industrial pollution, dust, agricultural emissions, aviation emissions, etc. On assessing the air quality perception and respondent’s happiness as a place to live, participants’ happiness was found to be strongly correlated with their neighborhood as a place to live with their opinion of the air quality.

The study also evaluated the relationship between socio-demographic characteristics and people’s awareness of air pollution, attitudes, and health implications. Respondents in the younger age group were found to be more aware of air pollution. This might be because younger people living in cities or working in factories are exposed to poor air quality Respondents believed that air pollution exposure is associated with respiratory and chest disorders. A linear correlation was established between people’s willingness to improve air quality and their awareness. The attitudes and behaviors of individuals toward air pollution revealed that they were willing to pay to reduce air pollution.

Prof. Ravindra Khaiwal, Department of Community Medicine and School of Public Health,  Post Graduate Institute of Medical Education and Research (PGIMER), Chandigarh, mentioned that community perceptions play a vital role in the understanding of people’s level of knowledge and attitudes towards air pollution, which can be used for effective policy-making having community participation and acceptance.

Dr. Suman Mor, Associate Professor, Department of Environment Studies, Panjab University, Chandigarh, highlighted that 25% of participants responded that the internet/social media is the most effective means to educate the public about air pollution. She added that the public perception of risk is crucial because it influences policy-making directly. Dr Mor mentioned that if policymakers understand how the audience sees air pollution, they will be better equipped to develop and implement policies and programs that promote public health and well-being.

The study reported that people’s perception of air pollution and health effects was more significant during pre-COVID than during COVID-19. Prof Khaiwal mentioned that this might be because people believed that the level of air pollution decreased during the COVID-19-related lockdown. To mitigate air pollution, many policies have been implemented in the country; but without involving people. However, it is not possible to combat the problem of air pollution without citizen engagement. Hence, understanding the population’s knowledge, attitude, and perception (KAP) will be the key to refining and implementing the National Clean Air Programme (NCAP) in India, which aims to reduce 40-60% of particulate pollution in non-attainment cities by 2024-26.

Publication details:

Article Title: Community Perception about Air Pollution, Willingness to Pay and Awareness about Health Risks in Chandigarh, India.

Authors: Suman Mor, Pooja Parihar, and Ravindra Khaiwal

Journal and Publishes: Environmental Challenges by Elsevier

Article link: https://doi.org/10.1016/j.envc.2022.100656