हरियाणा देश का एक मात्र कैरोसीन मुक्त राज्य बना
-हरियाणा प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना महिलाओं के लिए वरदान सिद्ध हो रही है
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गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा सेक्टर 7 पंचकूला की ओर से धन-धन साहिब श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव को समर्पित 20 नवम्बर को दोपहर 12 :30 बजे नगर कीर्तन आरम्भ किया जाएगा। नगर कीर्तन गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा सेक्टर 7 पंचकूला से शुरू होकर सेक्टर 7 ,8 ,9 ,10 ,11 , गुरुद्वारा सेक्टर 12, रैली चौक से होता हुआ गुरु द्वारा साहिब सेक्टर 15 मेंसम्पन्न होगा । नगर कीर्तन में गुरु ग्रन्थ साहिब जी के साथ सुशोभित पालकी के अलावा गतका पार्टिया , अलग अलग श्री सुखमनी साहिब सोसायटीयां , मनीमाजरा ,चंडीगढ़ , मोहाली , बलटाना और जीरकपुर से संगत और स्कूलों के बच्चे विशेष तोर पर भाग लेंगे ।
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा सेक्टर 7 पंचकूला के जनरल सेक्रेटरी कँवर पाल सिंह ने बताया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी को फूलों से सजाया जाएगा । नगर कीर्तन में गतका पार्टी शामिल होगी । नगर कीर्तन के स्वागत के लिए जगह-जगह जलपान स्टॉल लगाए जाएगे। नगर कीर्तन गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा सेक्टर 7 पंचकूला से आरम्भ होकर सेक्टरों से होते हुए गुरुद्वारा साहिब सेक्टर 15 में सम्पन होगा । गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व पर 21 नवंबर को सुबह साढे 9 बजे श्री अखंड पाठ साहिब आरम्भ होंगे और भोग 23 नवंबर को डाला जाएगा ।
कँवर पाल सिंह ने बताया कि गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व के दिन 23 नवंबर को सुबह 9 बजे से दोपहर 2 :30 बजे तक मुख्य विशेष समारोह होगा और लंगर 1 बजे शरू होकर अटूट चलेगा । गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व के दिन 23 नवंबर की शाम को गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा सेक्टर 7 पंचकूला में दीवान सजाए जाएगे और दीप माला की जाएगी।
DATED
19.11.2018
Special drive against consuming liquor at public place was carried out at different parts of the city in which total 02 cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered.
In continuation of a special drive against consuming liquor at public place, yesterday, the drive was carried out at different parts of the city. Under this drive total 02 different cases U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered in different police stations of Chandigarh in which total 03 persons were arrested while consuming liquor at public place. All later on bailed out. The detail of police Stations in which cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 got registered:- PS-03= 1 case, PS-39= 1 case.
This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.
MV Theft
Sh. Vinod Kumar R/o # 2035, Sector-27/C, Chandigarh, reported that unknown person stolen away complainant’s Activa No. CH-01AX-4527 while parked near Punjab National Bank, Sector-28, Chandigarh. A case FIR No. 356, U/S 379 IPC has been registered in PS-26, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Accident
A case FIR No. 337, U/S 279, 337 IPC has been registered in PS-11, Chandigarh on the statement of Hawa Singh R/o # 3848, Sector-25, Chandigarh against driver of Tractor No. HR-35J-1554 namely Manoj Kumar R/o Jhuggi Singa Devi Road, Village-Naya Gaon, Distt.-Mohali, Punjab who hit to complainant’s activa No. CH-01BM-0534 near Yellow Hotel, Naya Gaon Barrier to Khuda Alisher Road on 18.11.2018. Injured person namely Hawa Singh R/o # 3848, Sector-25, Chandigarh got injured and admitted in GH-16, Chandigarh. Alleged person arrested and later bailed out. Investigation of the case is in progress.
A case FIR No. 334, U/S 279, 337 IPC has been registered in PS-Ind. Area, Chandigarh on the statement of Malkit Singh R/o Village Uplehdi, PO- Ugani, PS-Rajpura, Distt.- Patiala, Punjab against driver of Innova Car No. HR-38L-3842 namely Dharminder Yadav R/o # 337, Sanjay Labour Colony, Phase-1, Industrial Area, Chandigarh who hit to CTU Bus No.CH-01GA-5359 near Railway Bridge, Phase-1, Industrial Area, Chandigarh on 17.11.2018. Both persons namely Malkit Singh & Dharminder Yadav got injured and admitted in GH-32, Chandigarh. Alleged person arrested and later bailed out. Investigation of the case is in progress.
Theft
Sh. Raj Kumar R/o # 109, Sector-31/A, Chandigarh reported that unknown person stolen away Battery from complainant’s Bolero car No. RJ-49AU-0180 while parked near his house on night intervening 17/18-11-2018. A case FIR No. 424, U/S 379 IPC has been registered in PS-31, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
“राहुल मुझे घोषणा मशीन बुलाते हैं पर मैं उन्हे “एफ़एन मशीन” कहता हूँ, वह हर जगह जा कर पता नहीं क्या या बोलते रहते हैं। जहां चुनाव में वह अभी विपसखी दल हैं वहाँ जा जा कर प्रचार कर कहते हैं की एचएम आएंगे तो मेड इन इंदौर होगा, मैं पूछता हूँ की भाई पहिले मेड इन अमेठी तो दिखाओ, मेड इन राय बरेली भी कहीं नहीं दिखता। आलू की फकत्री कहाँ लगाई है भाई कुछ तो बताओ” शिवराज सिंह चौहान
यह अलफाज शिव राज सिंह चौहान आज एक टीवी चैनल पर साक्षात कार के दौरान कहे
लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के तलाक की खबर जब से आई है तबसे इस मामले में रोज नए पहलू सामने आ रहे हैं. जहां यादव फैमली इस तलाक को रोकने के लिए पूरा जोर लगा रही है वहीं रविवार को ऐश्वर्या की मां पूर्णिमा दास, राबड़ी देवी से मिलने सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड पहुंची. सूत्रों की माने तो ऐश्वर्या की मां राबड़ी के घर से रोते हुए बाहर निकली.
इस पारिवारिक घमासान के बीच राबड़ी देवी शनिवार को ही बिहार से दिल्ली के लिए निकली थीं. क्योंकि आईआरसीटीसी टेंडर घोटाला मामले में सोमवार को राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी होने वाली है. आरजेडी नेता तेजस्वी पहले से ही दिल्ली में हैं. ऐसा माना जा रहा है कि राबड़ी दिल्ली में ही तेजप्रताप को समझाने की कोशिश करेंगी.
वहीं दूसरी तरफ तेजप्रताप अपने परिवार के रवैये से दुखी हैं. उनका आरोप है कि उनका अपना परिवार इस तलाक केस में ऐश्वर्या के साथ खड़ा है. यही कारण है कि तेजप्रताप अपने घर नहीं जाकर वाराणसी, मथुरा, वृंदावन आदि जगहों पर घूम रहे हैं.
तेजप्रताप यादव पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक लेने की ज़िद पर अड़े हुए हैं. एक तरफ पटना में लालू का परिवार अपने बेटे की घर वापसी की दुआएं मांग रहा है. उनकी सलामती के लिए यज्ञ-अनुष्ठान करवा रहा है, लेकिन, तेजप्रताप फिलहाल घर लौटने के मूड में नहीं हैं. उन्होंने अपने परिवार से गुजारिश की है कि उन्हें अकेले छोड़ दिया जाए.
2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन बनने से पहले ही खत्म होता दिखाई दे रहा है. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती के तेवर दिखाने के बाद अब समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस को इशारों-इशारों में बड़ी चेतावनी दे दी है. ‘महागठबंधन’ बनने पर अखिलेश यादव ने कहा, ‘अगर साइकिल (एसपी का चुनाव चिन्ह) को रोकोगे तो आपका हाथ (कांग्रेस का चुनाव चिन्ह) हैंडल से हटा दिया जाएगा.’
2019 में कांग्रेस के साथ गठबंधन की राह अब मुश्किल नजर आ रही है
अखिलेश यादव ने बीते शनिवार को छत्तीसगढ़ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,” इसलिए हमने भी तय किया है कि साइकिल को रोकोगे तो आपका हाथ हैंडल से हटा दिया जाएगा. कंट्रोल और किसी के हाथ में हो जाएगा”. अखिलेश ने इस बयान के जरिए साफ संकेत दे दिया है कि 2019 में कांग्रेस के साथ गठबंधन की राह अब मुश्किल नजर आ रही है. अगर कांग्रेस ने एसपी की सहमति से अलग कोई फैसला लिया, तो संभव है कि कांग्रेस को पार्टी बड़ा झटका दे सकती है. बता दें बीएसपी-एसपी का पहले से ही गठबंधन हो चुका है.
मायावती ने गठबंधन न करने के लिए कांग्रेस पर आरोप लगाया है
उधर गठबंधन में सीटों को लेकर मायावती कितना गंभीर हैं, इसका अंदाजा 5 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में उनके कदम से लग जाता है. मायावती ने यहां गठबंधन न करने के लिए कांग्रेस पर आरोप लगाया है. उन्होंने सीट शेयरिंग में बीएसपी को उचित हिस्सा नहीं दिए जाने की बात कहकर ऐलान कर दिया है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होगा. बीएसपी अब इन राज्यों में दूसरे क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरने की तैयारी मे है. दूसरी तरफ एसपी मुखिया अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस से विधानसभा चुनावों में गठबंधन नहीं करने का ऐलान किया है.
लखनऊ के सत्ता के गलियारे में महागठबंधन को लेकर चर्चाएं तेज हैं
इन बयानों से कांग्रेस की यूपी में महागठबंधन की स्थिति कमजोर होती दिखाई दे रही है. वहीं दूसरी तरफ बीएसपी के कड़े रुख से समाजवादी पार्टी पर भी दबाव बढ़ता दिख रहा है. लखनऊ के सत्ता के गलियारे में महागठबंधन को लेकर चर्चाएं तेज हैं कि बीएसपी तो सीटों को लेकर समझौता करने वाली नहीं, लिहाजा देखना ये होगा कि अखिलेश यादव कितनी सीटों पर राजी होते हैं?
जेडीयू ने कहा कि मोदी को सिर्फ नीतीश ही टक्कर दे सकते हैं
दरअसल, यूपी चुनाव में बीजेपी की बंपर जीत के तुरंत बाद महागठबंधन बनाने को लेकर कांग्रेस और जेडीयू के बयान आए थे. लेकिन साथ ही नेता कौन होगा इस पर भी बयानबाजी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी के अलावा और कोई नेता नहीं हो सकता तो जेडीयू ने कहा कि मोदी को सिर्फ नीतीश ही टक्कर दे सकते हैं. बाद में नीतीश का भी बयान आया कि अगर यूपी में कांग्रेस-बीएसपी और एसपी मिलकर लड़े होते तो बीजेपी से 10 प्रतिशत ज्यादा वोट पाते.
बिहार में बीजेपी हारी क्योंकि यहां विपक्ष एकजुट था
बिहार में बीजेपी इसलिए हारी क्योंकि यहां विपक्ष एकजुट था. अब यही एकजुटता पूरे देश में दिखानी होगी. तभी बेड़ा पार होगा लेकिन यहां सवाल ये है कि मोदी के खिलाफ एक नेता पर क्या राय बनेगी. राहुल गांधी, नीतीश, मुलायम, ममता, लालू, मायावती, नवीन पटनायक में पीएम फेस को लेकर किस हद तक सहमति बन पाएगी इस पर सबकी निगाहें रहेंगी.
कई उम्मीदवारों ने एक-दूसरे पर भितरघात का आरोप लगाया
महागठबंधन के नाम पर अगर ये दो दर्जन से ज्यादा पार्टियां एक हो भी जाती हैं तो इनके कार्यकर्ता कितने साथ आएंगे ये फैक्टर भी अहम होगा. यूपी में एसपी-कांग्रेस ने मिलकर चुनाव तो लड़ा लेकिन कई सीटों पर दोनों दलों के उम्मीदवार मैदान में उतर गए. चुनाव में हार के तुरंत बाद कई उम्मीदवारों ने एक-दूसरे की पार्टियों पर भितरघात का आरोप लगाना शुरू कर दिया. ऐसा हाल ही अन्य राज्यों में भी होगा.
बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले मानवेंद्र सिंह अब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सीधे चुनौती देने के लिए मैदान में आ डटे हैं, या कहें कि ‘जबरन’ ला दिए गए हैं. बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे मानवेंद्र के पिता जसवंत सिंह और वसुंधरा राजे के बीच कुछ साल से अनबन रही है. ये अदावत पिछले दिनों के घटनाक्रम किसी से छिपे नहीं है. लिहाजा, फिलहाल बात करते हैं झालरापाटन से मानवेंद्र की दावेदारी क्या कहती है.
मीडिया की नजर में कांग्रेस की 32 नाम वाली दूसरी लिस्ट की सबसे बड़ी खासियत मानवेंद्र सिंह की उम्मीदवारी ही है. लेकिन टिकट मिलते ही मानवेंद्र ने जो पहला बयान दिया, उसके मतलब कुछ और निकलते से लगते हैं. मानवेंद्र ने कहा कि मैने पार्टी से टिकट मांगा ही नहीं था. मैं तो पश्चिम में पाकिस्तान बॉर्डर का निवासी हूं लेकिन अब पूर्व में भेज दिया गया है. पार्टी ने मुझे बुलाकर पूछा कि क्या ये चैलेंज मंजूर करोगे तो मैंने कह दिया कि देख लेंगे.
जाल में ‘फंस’ तो नहीं गए मानवेंद्र ?
माना जा रहा था कि उन्हे कांग्रेस ज्वॉइन कराने के पीछे अशोक गहलोत का ही हाथ है. इसी बैकिंग के बूते वे प्रदेशाध्यक्ष को बाइपास कर सीधे राहुल गांधी से ‘डील’ कर रहे थे. बाड़मेर में मानवेंद्र के प्रतिद्वंद्वी हरीश चौधरी ने उनके पार्टी में आने का विरोध भी जताया था. लेकिन जब उनकी सीधे राहुल से बातचीत का पता चला तो हरीश चौधरी भी शांत हो गए. अभी तक राजस्थान में आमतौर पर ये चर्चा थी कि मानवेंद्र ने खुद के लिए बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट और पत्नी चित्रा सिंह के लिए शिव विधानसभा सीट से टिकट की ‘डील’ की थी.
कांग्रेस की पहली लिस्ट में शिव सीट से अमीन खान को टिकट दे दिया गया. उधर हरीश चौधरी ने तो लिस्ट आने से पहले ही बायतू से नामांकन भी दाखिल कर दिया था. ऐसे में सवाल उठ रहे थे कि मानवेंद्र के राजनीतिक भविष्य का क्या होगा ? अब उनकी ‘अनिच्छा’ और वसुंधरा राजे जैसी ताकतवर हस्ती से प्रतिद्वंद्विता देखकर ये सवाल कहीं बड़ा हो गया है.
1980 के दशक से ही वसुंधरा राजे झालावाड़ जिले को अपना पॉलिटिकल बेस बनाए हुए हैं. 2003 से पहले तक वे झालावाड़ लोकसभा सीट से लगातार जीत दर्ज कर रही थी. यहां से अब उनके बेटे दुष्यंत सिंह सांसद हैं. पिछले 15 साल से वे झालरापाटन से विधायक हैं. वैसे भी हाड़ौती संभाग बीजेपी का पुराना गढ़ रहा है. हो सकता है कि वसुंधरा राजे को शिकस्त देना जसोल परिवार की दिली इच्छा हो लेकिन तमाम समीकरणों को देखें तो वसुंधरा राजे के सामने मानवेंद्र के चुनौती बनने में संशय ही दिखता है.
राजपूतों की नाराजगी को भुनाने की कोशिश
मानवेंद्र, राजपूतों की बीजेपी खासकर वसुंधरा राजे से नाराजगी को लगातार हवा दे रहे हैं. हाड़ौती में राजपूतों के अच्छी संख्या में वोट हैं और उन्हे उम्मीद है कि नाराजगी को सुलगाकर वे समाज को अपनी तरफ कर सकते हैं. लेकिन इस रणनीति में भी एक झोल है. राजपूतों के एक वर्ग में बीजेपी के प्रति नाराजगी तो है. लेकिन लगता है ये समाज के कुछ नेताओं की निजी नाराजगी ज्यादा है.
पिछले महीने करणी सेना ने जयपुर में बीजेपी को अपनी ताकत दिखाने के लिए सभा का आयोजन किया था. सभा में 50 हजार लोगों के आने का दावा किया गया. लेकिन हालात ये थे कि तय समय पर पूरे स्टेडियम में सिर्फ 100 लोग पहुंचे थे. आयोजकों ने 3 घंटे तक लोगों का इंतजार कर आखिर में सभा रद्द कर दी. इसके बाद बीजेपी ने इन राजपूत नेताओं की रही सही ‘पूछ-परख’ भी बंद कर दी.
वैसे, जीत न मिले तो भी मानवेंद्र के दोनों हाथों में लड्डू हो सकते हैं. वसुंधरा राजे के सामने होने की वजह से पूरी मीडिया का अटेंशन इस सीट पर रहेगा और उन्हे लगातार पब्लिसिटी मिलेगी. इसके अलावा, अगर वे अच्छी फाइट देने में कामयाब रहते हैं तो हार के बावजूद वे पार्टी से इनाम के हकदार रहेंगे. आखिर उन्होने बिना ना-नुकुर किए सबसे बड़ी चुनौती को स्वीकार किया है. इस कदम के जरिए उन्होंने फिलहाल अपने राजनीतिक विरोधियों को शांत करने में भी कामयाबी हासिल कर ली है.
बीजेपी-कांग्रेस में उठापटक चरम पर
सोमवार यानी 19 नवंबर नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन है. बीच मे सिर्फ रविवार का दिन है और उठापटक ऐसी मची है कि दोनों ही पार्टियां अभी तक पूरे उम्मीदवार भी घोषित नहीं कर पाई हैं. अब तक कांग्रेस ने 2 लिस्ट में 184 तो बीजेपी ने 3 बार मे 170 उम्मीदवार घोषित किए हैं.
कांग्रेस में पहली लिस्ट के बाद शुरू हुआ बवाल अब और तेज हो गया है. जयपुर जिले की फुलेरा सीट पर टिकट के लिए प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट और नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी में राहुल गांधी के सामने ही तीखी बहस हो गई थी. इस सीट के लिए डूडी अपनी रिश्तेदार स्पर्धा चौधरी के लिए टिकट मांग रहे थे. स्पर्धा को टिकट तो नहीं मिला, उल्टे उन्हे 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. निश्चित रूप से ये लड़ाई अब और तीखी होने की आशंका है. सचिन पायलट पर अपनी जाति के खास लोगों को टिकट बांटने के आरोप भी लगने लगे हैं.
इधर, बीजेपी की तीसरी लिस्ट में कांग्रेस से एक दिन पहले ही आए पूर्व मंत्री राम किशोर सैनी को बांदीकुई से टिकट दे दिया गया है. यहां से मौजूदा विधायक अलका गुर्जर का टिकट काटा गया है. जिनके पति ने 1989 में सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट को दौसा लोकसभा सीट से शिकस्त दी थी.
पार्टी ने सवाई माधोपुर से जयपुर राजपरिवार की मौजूदा विधायक दीया कुमारी का पत्ता भी काट दिया है. दीया को 2013 में खुद वसुंधरा राजे ही राजनीति में लेकर आई थी. लेकिन इसके बाद से दोनों के बीच ‘कुछ भी ठीक’ नहीं चल रहा था. चर्चा है कि यहां पिछली बार दीया से हारने वाले किरोड़ी लाल मीणा की सिफारिश चली है. पार्टी ने अलवर के थानागाज़ी से मंत्री हेमसिंह भड़ाना का टिकट काटकर वसुंधरा राजे के नजदीकी डॉ रोहिताश्व शर्मा को टिकट दिया है. जमवा रामगढ़ से भी मौजूदा विधायक का टिकट काट दिया गया है. इन पर अपने बेटे को विधानसभा में सरकारी नौकरी लगवाने में अनैतिकता के आरोप लगे थे.
बीजेपी बदलेगी कुछ उम्मीदवार
बीजेपी ने अब कुछ सीटों पर उम्मीदवार बदलने के संकेत भी दिए हैं. इनमें सबसे ऊपर है टोंक सीट. यहां से सचिन पायलट उतर रहे हैं. जिस तरह से कांग्रेस ने वसुंधरा को घेरने की कोशिश की है, उसके बाद बीजेपी यहां से सरकार मे नंबर 2 युनूस खान को उतारने का मन बना रही है. टोंक सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है. युनूस खान को अभी तक टिकट नहीं दिया गया है.
शुक्रवार को उनके सरकारी आवास पर डीडवाणा से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और उनसे निर्दलीय चुनाव लड़ने की इच्छा जताने लगे. इसी दौरान प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी वहां पहुंचे और खान से एकांत में चर्चा की. माना जा रहा है कि पार्टी की तरफ से उन्हे आश्वासन दे दिया गया है. वैसे भी किसी मुसलमान को टिकट न दिए जाने का मुद्दा बड़ा बनता जा रहा था.
बहरहाल, इस बार लहरविहीन लड़ाई में कांग्रेस जीत को आसान मान कर चल रही थी. लेकिन जिस तरीके से बागियों ने सिर उठाया है, उसने तगड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. निश्चित रूप से कांग्रेस के लिए बागियों को मनाए बिना जीत हासिल करना आसान नहीं होगा. हालांकि यही चुनौती बीजेपी के सामने भी है लेकिन नाम न छापने की शर्त पर पार्टी के एक नेता ने जो कहा वो जबरदस्त पंचलाइन है- “हम तो वैसे भी हारी हुई लड़ाई लड़ रहे है. नुकसान तो कांग्रेस का ही है.”
विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ही अपने-अपने खेमों में बग़ावती सुरों से परेशान हैं. साथ ही अपने मनपसंद नेताओं को टिकट ना मिलने पर पार्टी के कार्यकर्ता भी सड़क पर उतर आए हैं. ऐसे में रविवार को राजस्थान की कांग्रेस नेता ममता शर्मा बीजेपी में शामिल हो गईं.
उन्होंने मुख्यमंत्री आवास पर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. बताया जा रहा है कि ममता शर्मा के साथ ही कुछ अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. वहीं ममता शर्मा के बेटे समृद्ध शर्मा कांग्रेस में ही बने रहेंगे.
बीजेपी की सदस्यता का ग्रहण करने के बाद ममता शर्मा ने आधिकारिक बयान देते हुए कहा, ‘कांग्रेस में इस बार टिकटों की बंदरबांट हुई है. हम पूरा परिवार सालों से कांग्रेस की सेवा करते हैं, लेकिन कांग्रेस ने पूरे परिवार की अवहेलना की है. जो लोग क्षेत्र में मेहनत कर रहे हैं, उन्हें टिकट नहीं दिया जा रहा. मैंने अपने पुत्र के लिए टिकट मांगा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.’
ममता ने कहा, ‘बीजेपी से मुझे चुनाव चिन्ह मिल गया है. इस बार के विधानसभा चुनाव में पीपल्दा से लडूंगी.’
राजस्थान में 7 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से रविवार को जारी उम्मीदवारों की तीसरी सूची में पार्टी ने एक उम्मीदवार का विधानसभा क्षेत्र बदल दिया वहीं पूर्व की सूची में घोषित दो उम्मीदवारों का नाम हटा दिया. कांग्रेस की ओर जारी तीसरी सूची में पार्टी ने पांच सीटों पर गठबंधन की घोषणा की है. राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों पर सात दिसंबर को मतदान होगा.
Three people were killed and at least 10 were injured in a blast at a religious gathering on the outskirts of Amritsar, the police said. The blast reportedly took place when members of the Nirankari sect were gathered at Nirankari Bhawan at Rajasansi village near the Amritsar international airport.
According to News18, the police is investigating several angles behind the attack as no terrorist organisation has taken responsibility for it yet. Eyewitnesses claimed that two or three bike-borne men hurled bombs — grenades, according to some reports — at the gathering and fled.
Hours after the blast, the Punjab Police arrested two suspects from Bathinda and also live cartridges from them, reports said. Officials in the Ministry of Home Affairs said that two “turbaned youths” had thrown the grenade at the gathering, and that security agencies already had “enough leads” in the investigations.
As the Punjab Police said they could not rule out a terror angle in the blast, a three-member team of the National Investigation Agency (NIA) is expected to reach the site of the site in Amritsar later on Sunday, ANI reported.
Out of 250 people who were present in the religious congregation, 3 dead & 15-20 injured. As per initial reports, 2 people had come over here who knocked a grenade here: IG (Border) Surinder Pal Singh Parmar on the blast at Nirankari Bhawan in Amritsar. #Punjab pic.twitter.com/9oKKcQ4FmE
— ANI (@ANI) November 18, 2018
The blast took place despite Punjab being on high alert after the counter-intelligence wing of the state police force had warned them that six to seven Jaish-e-Mohammad (JeM) terrorists were “planning to move towards Delhi” from the state.
The police were asked to set up checkpoints at all important routes, conduct strict vehicle inspection and take suitable countermeasures for all sensitive locations. Police areas along the India-Pakistan border were also asked to coordinate with the Border Security Force. Officers were also advised to plan and implement precautionary measures to thwart any untoward incident.
Following the attack on the outskirts of Amritsar, both Punjab and the Delhi-NCR are on high alert.
According to reports, the chief minister reviewed the security situation in the state in a high level meeting with officials, and has asked the state home secretary along with Punjab DGP, DGP (Intelligence) and DGP (Law and Order) to rush to the site to investigate.
Later in the day, the chief minister said they could not rule out the “possible involvement of ISI-based Khalistani or Kashmiri terror groups”. “Police teams have been rushed to raid the suspected hideouts of the assailants, and multiple teams are investigating various angles to crack the case,” he added.
After the blast in Rajasansi village, Punjab Congress chief Sunil Jakhar offered his condolences, saying: “My condolences are with families of those who lost lives in this incident. It is an attempt to disturb peace in Punjab. I believe all security agencies should stay alert and coordinate with each other to maintain peace.”
Union Home Affairs Minister Rajnath Singh, too, said he was “deeply anguished by the death of innocent people” in Amritsar, and that “strongest possible action will be taken against the perpetrators of this crime”.
Police deny Zakir Musa link to attack
While initial reports speculated about the possible involvement of terrorist Zakir Musa in the Amritsar attack, Parmar denied the supposed links to Musa, who was spotted in Punjab four days ago. Musa is the chief of the Jammu and Kashmir-based Ansar Ghazwat-ul-Hind (AGH), a terror outfit linked to the Al-Qaeda, which allegedly maintains close ties with the JeM.
In October, in a joint operation, the Punjab Police and the Special Operations Group of Jammu and Kashmir Police had arrested three studets and busted a module of AGH in Jalandhar. The students were nabbed from the hostel of CT Institute of Engineering Management and Technology, located in Shahpur on the outskirts of Jalandhar, Director General of Police Suresh Arora had said.
चंडीगढ़:
पीजीआई में तैनात एक प्रोफेसर के खिलाफ यौन शोषण का मामला चलेगा। इसकी मंजूरी शनिवार को केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने दे दी है। ज्ञात रहे पिछले दिनों एक रिसर्च स्कॉलर ने प्रोफेसर पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया था, जिसके बाद पीजीआइ ने मामले में कार्रवाई के लिए कमेटी गठित की थी। कमेटी ने प्रो. गौतम को दोषी माना और अपनी रिपोर्ट गवर्निंग बॉडी को भेज दी थी। अब गवर्निंग बॉडी ने यौनशोषण मामले में कार्रवाई को मंजूरी दे दी है।
यह प्रोफेसर पीजीआइ के माइक्रोबायोलॉजी डिपाटमेंट में कार्यरत है। मीटिंग में रिसर्च में प्लेगियारिज्म (रिसर्च वर्क चोरी करना) करने वाले डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का फैसला लिया गया है। ऐसे डॉक्टरों पर दो साल तक रिसर्च करने पर रोक लगाने के अलावा उन्हें नौकरी से हटाया जा सकता है। पीजीआइ गवर्निंग बॉडी के इस फैसले के बाद पीजीआइ में प्लेगियारिज्म के मामले में फंसे डॉक्टर अब मुसीबत में पड़ सकते हैं।
पीजीआई से कई मुद्दों पर हुई चर्चा
पीजीआई के संबंध में हुई इस बैठक में कई अहम मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। फैसला लिया गया कि जिन डॉक्टर के खिलाफ रिसर्च में धोखाधड़ी का मामला सही पाया जाएगा उन पर एक से दो साल तक रिसर्च पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी जाएगी। साथ ही ऐसे डॉक्टर रिसर्च गाइड भी नहीं बन सकेंगे। आरोपित डॉक्टरों को भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा। कमेटी ने आरोपित डॉक्टर के 3 से 4 इंक्रीमेंट रोकने का फैसला लिया है। शोध चोरी का मामला अत्यधिक गंभीर होने पर आरोपित डॉक्टर को नौकरी से भी निकाला जा सकता है।
पीजीआई में होंगे नए डाक्टर भर्ती
पीजीआई की गवर्निंग बॉडी बैठक में नए डॉक्टर की भर्ती का मामला भी आया। जानकारी अनुसार बैठक में पीजीआइ के लिए 12 नए डॉक्टर की नियुक्ति को स्वीकृति दे दी गई है। गौरतलब है कि पीजीआइ में मरीजों के बढ़ते बोझ और डॉक्टरों की रिटायरमेंट के कारण डॉक्टर की कमी तेजी से बढ़ रही है। पीजीआइ ने कुछ समय पहले 35 फैकल्टी के लिए इंटरव्यू किए थे। जिसमें से कमेटी ने 12 डॉक्टर की नियुक्ति की मंजूरी दी है। कमेटी ने रायबरेली एम्स के लिए भी 4 डॉक्टर की नियुक्ति को मंजूर कर लिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में गवर्निंग बॉडी के करीब 15 लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें पीजीआइ डायरेक्टर प्रो. जगतराम और यूटी प्रशासक के सलाहकार परिमल राय भी मौजूद थे।
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