पंचांग, 16 फरवरी 2024

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 16 फरवरी 2024

नोटः आज रथ आरोग्य सप्तमी व्रत है। आज पुत्र सप्तमी व्रत है। आज श्री माधवाचार्य जयंती है। एवं भानू सप्तमी व्रत एवं पूजन है।

इसलिए इस दिन को सूर्य की जन्मतिथि भी कहा जाता है। इस दिन पूजा और उपवास से आरोग्य व संतान की प्राप्ति होती है, इसलिए इसको आरोग्य सप्तमी और पुत्र सप्तमी भी कहा जाता है। इसी दिन से सूर्य के सातों घोड़े उनके रथ को वहन करना प्रारंभ करते हैं, इसलिए इसे रथ सप्तमी भी कहते हैं। इस साल रथ सप्तमी 16 फरवरी यानी आज मनाई जा रही है।

श्री माधवाचार्य जयंती : (1238-1317) भारत में भक्ति आन्दोलन के समय के सबसे महत्वपूर्ण दार्शनिकों में से एक थे। वे पूर्णप्रज्ञ व आनन्दतीर्थ के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। वे तत्ववाद के प्रवर्तक थे जिसे द्वैतवाद के नाम से जाना जाता है। द्वैतवाद, वेदान्त की तीन प्रमुख दर्शनों में एक है। मध्वाचार्य को वायु का तृतीय अवतार माना जाता है (हनुमान और भीम क्रमशः प्रथम व द्वितीय अवतार थे)।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः माघ, 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः सप्तमी प्रातः काल 08.55 तक है, 

वारः शुक्रवार। 

नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः भरणी प्रातः काल 08.47 तक है, 

योगः ब्रह्म अपराहन् काल 03.17 तक, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः कुम्भ, चन्द्र राशिः मेष, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.03, सूर्यास्तः 06.08 बजे।