आप झंडे उठाकर खालिस्तान के नारे लगाओ फिर भी हम भागने वाले नहीं है, पहले भी शहादत दी है: बिट्टू
‘आप झंडे उठाकर खालिस्तान के नारे लगाओ, फिर भी हम भागने वाले नहीं है। पहले भी शहादत दी है. हम पर बड़ी प्लानिंग के तहत हमला किया गया है, मारने की प्लानिंग थी। हम लोगों पर कातिलाना हमला किया गया है. हमारी पगड़ी पर हमला किया गया. लाठी से हमला हुआ। हम जाने वाले नहीं है. कुछ लोग हैं, इनसे सरकार और एजेंसी निपट लेंगी. 26 जनवरी को जो होना था वो आज ही एक्सपोज हो गया. उनके हाथ में झंडे थे, वो किसानों के झंडे नहीं थे.’ यह शब्द सिंघू बार्डर पर पहुंचे स्वर्गीय पूर्व मुख्य मंत्री सरदार बेअंत सिंह ए पौत्र और वर्तमान में लुधियाना से कॉंग्रेस पार्टी के सांसद रावनीत सिंह बिट्टू के हैं। सनद रहे सरदार बेअंत सिंह आतंक ग्रस्त पंजाब के वह मुख्य मंत्री थे जिनहोने पंजाब से आतंकवाद को नष्ट करने में काफी हद तक सफलता पा ली थी,उन्हे खलिस्तान समर्थक आतंकियों ने कार बंब से मार दिया था। रावनीत सिंह बिट्टू ने अपने लिए भी इसी संदर्भ में यह बात कही है। हो भी सकता है कि स्व॰ बेअंत सिंह के बाद अब उनही के पौत्र पर भी हमला हुआ हो। रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा, हम खालिस्तानी झंडे और नारे लगाने वालों से भयभीत नहीं होंगे। वे (हमला करने वाले) तथाकथित नक्सली, खालिस्तानी या 2020 के लोग (रेफरेंडम 2020) हैं।” उन्होंने आगे दावा किया कि
उपद्रवी लोगों को किसान आंदोलन स्थल पर खालिस्तानी झंडा लहराने और फहराने के लिए 1 करोड़ 80 लाख रुपए ऑफर किए जा रहे हैं।
नयी दिल्ली/चंडीगढ़ :
दिल्ली में पिछले दो महीने से किसानों की ओर से केंद्र सरकार के जरिए लाए गए कृषि कानूनों को विरोध किया जा रहा है. दिल्ली बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. इस बीच सांसद रवनीत सिंह बिट्टू सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे, जहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा है. इसके साथ ही उन पर हमला किए जाने की बात भी सामने आई है.
किसानों की ओर से पिछेल 60 दिनों से बॉर्डर पर कृषि कानूनों का विरोध किया जा रहा है। किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को वापस ले. इस बीच पंजाब के लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को दिल्ली में सिंघु बॉर्डर पर विरोध का सामना करना पड़ा है. इसके साथ ही बिट्टू को कथित रूप से अपमानित करने की बात भी सामने आई है। बित्त को यान माँ बहन की गालियां देते हुए भी सुना जा सकता है।
‘मारने की प्लानिंग’
बिट्टू ने कहा, ‘आप झंडे उठाकर खालिस्तान के नारे लगाओ, फिर भी हम भागने वाले नहीं है. पहले भी शहादत दी है. ।हम पर बड़ी प्लानिंग के तहत हमला किया गया है, मारने की प्लानिंग थी. हम लोगों पर कातिलाना हमला किया गया है. हमारी पगड़ी पर हमला किया गया. लाठी से हमला हुआ. हम जाने वाले नहीं है. कुछ लोग हैं, इनसे सरकार और एजेंसी निपट लेंगी. 26 जनवरी को जो होना था वो आज ही एक्सपोज हो गया. उनके हाथ में झंडे थे, वो किसानों के झंडे नहीं थे।’
कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने कहा कि हम किसान नेताओं की बैठक में भाग लेने गए थे. वहां कुछ लोग हम पर घात लगाए बैठे थे, लोग लाठी और अन्य हथियारों से लैस थे. हम अब कोई कदम नहीं उठाने जा रहे हैं क्योंकि किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है. ऐसे तत्वों को झंडे लहराने के लिए 1 करोड़ से लेकर 80 लाख रुपये तक दिए जाते हैं और मैं वैसे भी एक टारगेट हूं।
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