पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता है। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, पंचांग, 29 दिसम्बर 2025

नोटः आज से पंचम समाप्त हो रहे हैं। आज 29 दिसंबर, 2025 (सोमवार) को सुबह लगभग 7:41 बजे दिसंबर महीने का पंचक समाप्त हो गया है, जो 24 दिसंबर 2025 (बुधवार) की शाम से शुरू हुआ था, और अब आप बिना किसी ज्योतिषीय बाधा के शुभ कार्य कर सकते हैं।
- क्या नहीं करते: इन दिनों में यात्रा, घर बनाना, या कोई नया काम शुरू करना अशुभ माना जाता है।
- अब क्या करें: चूंकि पंचक समाप्त हो गए हैं, आप विवाह, सगाई, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य कर सकते हैं।
विक्रमी सवत्ः 2082,
शक संवत्ः 1947,
मासः पौष, पक्षः शुक्ल,
तिथिः नवमी प्रातः काल 10.13 तक है,
वारः सोमवार ।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः रेवती प्रातःः काल 07.41 तक है, योग परिघ प्रातः काल 07.36 तक, है,
करण कौलव,
सूर्य राशिः धनु, चन्द्र राशिः मीन,
राहू कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 07.17, सूर्यास्तः 05.30 बजे।

