Vivek Atre releases book of English poems written by 12 year old Prisha

Panchkula. Former IAS officer Vivek Atre today released a book of English poems composed by Prisha Sharma, a 12 year old girl from Panchkula. Prisha’s book was released in a simple program in the premises of JP Toddler School, Sector 10. Addressing on this occasion, Atre said,I am amazed and astounded by the special talent that young Prisha has for writing and the poetic word. All of 12 years of age, she is a surprising package of creativity and verve. Her parents are obviously extremely supportive of her creative art as all parents should be, but only rare ones are.The mettle of her poetry lies in the simplicity of her language and the directness of her message. Poems such as “The Things I love” and “My wonderful Life” are reflective of her perceptive and grateful mind, well beyond her years.My best wishes to Prisha for her poetic tryst with destiny. May many young poets and writers take heart from her example and surge ahead in the literary world The need for young people to read more and write more has never been more pressing. I am sure that Prisha and rare gems of her ilk will be torchbearers of the written world in the years to come.

गवर्नमेंट हाई स्कूल कजहेडी द्वारा  कोलाज और ड्राइंग वर्कशॉप का आयोजन

गिरिवर बालदिया, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

गवर्नमेंट हाई स्कूल कजहेडी  सेक्टर 52 चंडीगढ़ द्वारा  कोलाज और ड्राइंग वर्कशॉप का आयोजन किया यह वर्कशॉप चाइल्ड वेलफेयर काउंसिल,पंजाब की तरफ से आयोजित की गई । इस वर्कशॉप में चाइल्ड वेलफेयर काउंसिल पंजाब की अध्यक्ष श्रीमती प्राजक्ता अवहाद, डॉक्टर प्रीतम, श्रीमती गुरप्रीत उपस्थित रहे।

इस वर्कशॉप  के लिए  शहर की मशहूर कलाकारा श्रीमती साधना और श्रीमती भारती शर्मा ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। स्कूल की प्रधानाध्यापिका श्रीमती गुरमीत कौर गोल्डी ने अतिथियों का स्वागत किया और बच्चों को इस कार्यशाला के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधानाध्यापिका श्रीमती गुरमीत कौर गोल्डी के प्रोत्साहन पर इस कार्यशाला का आरंभ किया गया। कार्यशाला में श्रीमती भारती व श्रीमती साधना ने बच्चों को बहुत ही सुंदर कोलाज बनाना सिखाए, साथ ही सिखाया कि रंगों के माध्यम से किस तरह से अपनी भाव भावनाओं को व्यक्त किया जा सकता है। इसके साथ बच्चों को यह समझाया कि रंगों की दुनिया अपार है, जिसके माध्यम से हम न केवल अपने मन के विचारों को समझ सकते हैं अपितु दूसरे के भावों को भी आसानी से जान सकते हैं।

कार्यशाला में बच्चों ने बड़े जोश और उत्साह के साथ हिस्सा लिया तथा अपने मन के भावों को व्यक्त किया। कुल मिलाकर के यह कार्यशाला का उद्देश्य सफल रहा।

पंजाब एंड सिंध बैंक को चौथी तिमाही में 317 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ

Chandigarh Correspondent, Demokretic Front,Chandigarh 19 May

पंजाब एंड सिंध बैंक को मार्च 2022 में समाप्त हुई तिमाही में 317 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ। सरकारी बैंक ने वीरवार को नियामकीय सूचना में बताया कि बैंक ने पिछले वर्ष के बजाए 72.28 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है।

जहां पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22में बैंक को 2,732.90 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ जो इस बार  1039 करोड़ के मुनाफे में बदल गया है ।

पंजाब एंड सिंध बैंक के एम डी व सी ई ओ एस कृष्णन ने बताया कि बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 1039 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज करके अपने अच्छे प्रदर्शन को बरकरार रखा है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 2733 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था, जबकि चौथी तिमाही में लाभ 346 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2020 21 की चौथी तिमाही के अनुसार 161 करोड़ रुपये। एमडी और सीईओ ने यह भी सूचित किया कि बैंक ने खुदरा व्यापार पर अपना विशेष ध्यान जारी रखा है जिसके परिणामस्वरूप रैम संरचना 48% से बढ़कर 51% हो गई है, जबकि कॉर्पोरेट अग्रिम 52% से घटकर 49% Y = O – Y आधार पर हो गया है। कासा जमाराशियों में भी वाई-ओ-वाई आधार पर 9.51% की मजबूत वृद्धि देखी गई है। बैंक ने प्राथमिकता क्षेत्र और कृषि ऋण में क्रमशः 40% और 18% के नियामक लक्ष्यों को भी पार कर लिया है।

73 वर्षीय ब्रेन स्ट्रोक मरीज को मिली नई जिंदगी

अंबाला , 19 मई

73 वर्षीय ब्रेन स्ट्रोक मरीज को हाल ही में आईवी अस्पताल, मोहाली में  सफल मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी प्रोसीजर के बाद नई जिंदगी मिली।
आज यहाँ एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए, आईवी में न्यूरो इंटरवेंशनल एंड एंडोवस्कुलर न्यूरो सर्जरी के हेड, डॉ विनीत सग्गर ने कहा कि यमुनानगर के मरीज को सुबह बिस्तर से उठने के दौरान अचानक कमजोरी महसूस हुई । वह नीचे गिर गए और रोगी को एक स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया।
जांच में दाहिनी इंटरनल कैरोटिड आर्टरी (धमनी) में ब्लॉकेज का पता चला, जो मस्तिष्क के दाईं ओर अधिकांश रक्त की आपूर्ति करती है। मरीज को आईवी अस्पताल लाया गया।
डॉ सग्गर ने बताया कि मरीज को मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी के लिए ले जाया गया, जहां एंडोवस्कुलर न्यूरो सर्जरी के माध्यम से ग्रॉइन (पेडू और जांघ जोड़ का वो हिस्सा जहां पर पेट खत्म होता है ) के माध्यम से वेसल्स को खोले बिना क्लॉट को वेसल्स से हटा दिया गया।
डॉ सग्गर ने यह भी बताया कि ब्रेन स्ट्रोक के रोगियों का उपचार एंडोवस्कुलर न्यूरो सर्जरी से भी किया जा सकता है। यदि स्ट्रोक से पीडि़त रोगी को स्ट्रोक के 4-5 घंटे के भीतर अस्पताल में लाया जाये, तो स्ट्रोक से प्रभावित क्षेत्र को मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी द्वारा खोला जा सकता है और रोगियों की जान बचाई जा सकती है, उन्होंने बताया।

प्राचीन गुग्गा माडी मंदिर में लखदाता पीर का वार्षिक  उत्सव का आयोजन

  • उत्सव में भजन, कीर्तन व प्रवचन से निहाल हुए श्रद्धालु
  • प्राचीन गुग्गा माडी मंदिर में लखदाता पीर का वार्षिक  उत्सव का आयोजन
  • उत्सव में भजन, कीर्तन व प्रवचन से निहाल हुए श्रद्धालु

चंडीगढ़ 19 मई 2022: 

सेक्टर 36 बी में स्थित प्राचीन गुग्गा माडी मंदिर में लखदाता पीर के वार्षिक उत्सव मंदिर के गद्दीनशीन महंत, विश्वकर्मा समाज, चंडीगढ़ के शंकराचार्य व सूर्यवंशी अंतर्राष्ट्रीय अखाड़़ा के जगतगुरू जयकृष्ण नाथ तथा मंदिर की सह-संचालिकाविश्वकर्मा महिला मंडल की महामंडलेश्वर माता सुरिंद्रा देवी के सानिध्य में आयोजित किया गया। इस अवसर पर उत्सव में शामिल हुए दूर-दर्राज से आये श्रद्धालु भगवान के मधुर भजन, कीर्तन व प्रवचन सुनकर निहाल हो गये।

उत्सव का शुभारंभ भव्य हवन के साथ किया गया जिसके पश्चात विधि-विधान के साथ ध्वजारोहण किया गया। कार्यक्रम के दौरान शहर की विभिन्न भजन मंडलियों ने अपने भजनों के द्वारा प्रभु नाम का आनंद बरसाया। जबकि दूसरी और मंदिर की सह-संचालिका व विश्वकर्मा महिला मंडल की महामंडलेश्वर माता सुरिद्रा देवी ने भगवान विश्वकर्मा व गणेश वंदना से उत्सव को प्रारंभ करते हुए मधुर भजनों से संगत को निहाल किया । इसके साथ म्यूजिक पर कुमार साहिल एंड पार्टी द्वारा भजनों में चार चांद लगाने में पूर्ण सहयोग दिया। इसी कड़ी में राम दरबार के बिट्टू कव्वाल, साहिल एंड पार्टी ने भी भक्तों का समा बांधा। अंत में संगत और आए हुए समस्त संत समाज को सम्मानित करते हुए सभी का श्रीमती सीमा रानी द्वारा धन्यवाद किया गया ।

इस अवसर पर मंदिर के गद्दीनशीन महंत, विश्वकर्मा समाज, चंडीगढ़ के शंकराचार्य व सूर्यवंशी अंतर्राष्ट्रीय अखाड़़ा के जगतगुरू जयकृष्ण नाथ जी ने प्रभु नाम की महत्ता समझाते हुए उत्सव में शामिल हुए श्रद्धालुओं को प्रभु नाम में मन से जुड़े रहने को प्रेरित किया और धर्म के मार्ग पर चलते हुए और संसार के साथ अलौकिक जगत का मार्ग भी सुगम बनाए रखने पर प्रवचन देते हुए उत्सव को प्रारंभ किया। वहीं माता सुरिंद्रा देवी ने अपनी मधुर वाणी से संगत को ईमानदारी और सत्यनिष्ठ रहकर धर्म की शिक्षा पर जोर दिया। योगी सूरज नाथ जी ने संगत को संतो के साथ जुड़े रहने के साथ साथ नाम सिमरन सत्संग जनसेवा में लगे रहने को प्रेरित करते हुए अपनी वाणी द्वारा वातावरण को शुद्धता व शांति प्रदान की। अंबाला से आए हुए स्वामी ज्ञान नाथ जी ने संगत को प्रभु से आत्मा को जोड़ने की शिक्षा दी। महामंडलेश्वर राजनाथ जी, ने संत समाज के साथ संगत को जुड़ कर रहने का संदेश दिया। गंगा नाथ जी के अलावा अन्य संत समाज भी सम्मेलन में उपस्थित हुए।।जिनका सम्मान किया गया।

मार्केट फेज 3बी 2 मोहाली में किया 43 युवायों ने रक्तदान

मोहाली 19 मई 2022

 विश्वास फाउंडेशन व इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी ज़िला शाखा मोहाली ने संयुक्त रूप से मिलकर मार्केट फेज 3बी2 में रक्तदान शिविर का आयोजन किया। शिविर सुबह 10 बजे शुरू हुआ और दोपहर 2 बजे तक चला।

विश्वास फाउंडेशन की महासचिव साध्वी नीलिमा विश्वास ने बताया कि शिविर का उद्घाटन श्री कमलेश कौशल सचिव इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के करकमलों द्वारा किया गया। ब्लड बैंक पीजीआई ब्लड सेंटर चंडीगढ़ की टीम ने डॉक्टर प्रियंका नागरथ की देखरेख में 43 यूनिट्स रक्त एकत्रित किया।

कमलेश कौशल ने बताया कि लोगों में यह भ्रम है कि रक्तदान करने से शरीर में कमजोरी आती है। रक्तदान के कारण कोई कमजोरी नहीं आती, बल्कि सभी को 90 दिन में एक बार अवश्य ही रक्तदान करना चाहिए। इससे जरूरतमंदों को मदद मिलती है साथ ही शरीर स्वस्थ रहता है। रक्तदान जैसा पुनीत काम सबसे बड़ी सेवा में आता है।रक्त ही एकमात्र ऐसा पदार्थ है जिसका निर्माण किसी फैक्ट्री में नहीं किया जा सकता। केवल स्वयं अपनी मर्जी से रक्तदाताओं द्वारा रक्तदान करने से ही रक्त की कमी पूरी की जा सकती है।

साध्वी नीलिमा विश्वास ने बताया कि पहले रक्तदान जब जरूरत होती थी तब किया जाता था। अब तो कई लोग ऐसे भी हैं, जो जन्मदिन और शादी की सालगिरह पर भी रक्तदान करते हैं। रक्तदान जीवन का सबसे बड़ा दान है, जिससे मनुष्य ना जाति देखता है ना धर्म देखता। यह मनुष्य के लिए जीवन का सबसे पुनीत कार्य है। हमारी संस्था का प्रयास रहता है कि रक्त की कमी ना हो पाये। रक्तदान करके ही हम जरूरतमंदों की जान बचा सकते हैं।

शिविर में रक्तदान करने आए सभी रक्तदाताओं को प्रशंसा पत्र व गिफ्ट देकर प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर विश्वास फाउंडेशन से शिशुपाल पठानिया, रमेश सुमन, कृष्ण लाल कोमल, सुदेश कुमारी, भारत भूषण, परोमिला सूद, रेडक्रॉस का स्टाफ  व अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे। 

34 साल पुराने गैर इरादतन हत्या के मामले में सर्वोच्च न्यायालय की सिद्धू को एक साल की सज़ा

27 दिसंबर 1988 को पटियाला में एक विवाद हुआ था। यह विवाद पार्किंग को लेकर था। जब पीड़ित और दो अन्य बैंक से पैसा निकालने के लिए जा रहे थे, सड़क पर जिप्सी देखकर सिद्धू से उसे हटाने को कहा। यहीं बहसबाजी शुरू हो गई। पुलिस का आरोप था कि इस दौरान सिद्धू ने पीड़ित के साथ मारपीट की और मौके से फरार हो गए। पीड़ित को अस्पताल ले जाने पर मृत घोषित कर दिया गया। नवजोत सिंह सिद्धू को इस मामले में 2006 में हाई कोर्ट ने तीन साल की सजा दी थी। सिद्धू और एक अन्य को गैर इरादतन हत्या के मामले में दोषी मानते हुए यह सजा मिली थी। उन्होंने इस फैसलो को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने तब सिद्धू को मारपीट का दोषी करार देते हुए एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। पीड़ित के परिवार की तरफ से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी। जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला बदलकर उन्हें एक साल की सजा सुनाई है। क्रिकेट से संन्यास के बाद सिद्धू राजनीति में सक्रिय हो गए। वह 2004 में भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता था। उन्हें 2009 में भी जीत मिली। जनवरी 2017 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नई दिल्‍ली ,  

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने 34 साल पुराने रोड रेज मामले में एक साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है। इससे पहले सुप्रीम ने उनको एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था। सिद्धू को जब सुप्रीम कोर्ट सजा सुना रहा था उस समय वह हाथी पर सवार होकर महंगाई के मुद्दे पर पटियाला में प्रदर्शन कर रहे थे।

सिद्धू को अब या तो गिरफ्तार किया जाएगा, या फिर वो सरेंडर करेंगे। पंजाब पुलिस को इस मामले में कानून का पालन करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को सरेंडर या गिरफ्तारी पर रोक के लिए कोई राहत नहीं दी है। सिद्धू को आज ही जेल जाना होगा। सिद्धू को सजा काटने के लिए पटियाला जेल भेजा जा सकता है। सिद्धू कुछ देर पहले पटियाला स्थित अपने घर पहुंच गए हैं। इस मामले में नवजोत सिद्धू की प्रतिक्रिया आ गई है। उन्होंने ट्वीट किया कि उन्हें कानून का फैसला स्वीकार है। हालांकि उन्होंने फैसले को लेकर सिर्फ ‘नो कमेंट्स’ कहा। वहां वह लीगल टीम से आगे के कदम के लिए चर्चा कर सकते हैं।

अब चर्चा हो रही है कि सिद्धू के पास जेल जाने से बचने के लिए कोई ज्यादा जरिया नहीं बचा है। उन्हें जेल जाना ही होगा। पंजाब सरकार उन्हें पटियाला जेल भेज सकती है। यहां दिग्गज अकाली नेता बिक्रम मजीठिया भी ड्रग्स केस में बंद हैं। अगर सिद्धू को भी यहां भेजा गया तो फिर जेल में उनका सामना मजीठिया से हो सकता है।

सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का मामला साल 1988 का है। सिद्धू का पटियाला में पार्किंग को लेकर 65 साल के गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया। आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई। जिसमें सिद्धू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया। बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया।

इसके बाद मामला अदालत में पहुंचा। सुनवाई के दौरान सेशन कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को सबूतों का अभाव बताते हुए 1999 में बरी कर दिया था। इसके बाद पीड़ित पक्ष सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गया। साल 2006 में हाईकोर्ट ने इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को तीन साल कैद की सजा और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।

हाईकोर्ट से मिली सजा के खिलाफ नवजोत सिद्धू सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। सुप्रीम कोर्ट ने 16 मई 2018 को सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के आरोप में लगी धारा 304IPC से बरी कर दिया। हालांकि, IPC की धारा 323, यानी चोट पहुंचाने के मामले में सिद्धू को दोषी ठहरा दिया गया। इसमें उन्हें जेल की सजा नहीं हुई। सिद्धू को सिर्फ एक हजार रुपया जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ अब मृतक के परिवार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। उनकी मांग है कि हाईकोर्ट की तरह सिद्धू को 304IPC के तहत कैद की सजा होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार किया, जिस पर आज फैसला आया है।

 चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड का अफसर 10 हजार रिश्वत लेते काबू : CBI ने 10 हजार रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के सीईओ आईएएस यशपाल गर्ग के अनुसार सीएचबी में पिछले कुछ समय से अकारण बड़ी संख्या में ई-फाइलें लंबित थी। इसे लेकर पहले भी संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। बुधवार को सीबीआइ ने सीएचबी के सीनियर सहायक शमशेर सिंह को रंगे हाथ दस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उन्होंने मनीमाजरा के माडर्न हाउसिंग कांप्लेक्स में एक रेजिडेंशियल यूनिट के हस्तांतरण से संबंधित आवेदन को लेकर उक्त रिश्वत की मांग की थी। इस मामले में सीबीआइ की ओर से शिकायत और अन्य जानकारी अभी साझा नहीं की गई है।  

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

चंडीगढ़ सीबीआई की टीम ने चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) के सीनियर असिस्टेंट शमशेर सिंह को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते दबोचा है। जानकारी के मुताबिक हाउसिंग बोर्ड के दफ्तर से उसकी गिरफ्तारी की गई है। सीबीआई की टीम ने दफ्तर में दस्तावेजों की जांच कर रही है। वहीं हाउसिंग बोर्ड के दफ्तर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी जांची जा रही है। आरोप के मुताबिक उसने मार्डन हाउसिंग काम्प्लैक्स, मनीमाजरा में एक अर्जीकर्ता की रेजिडेंशियल युनिट के ट्रांसफर के नाम पर रिश्वत ली है। सीबीआई इस पूरे मामले की जांच में जुटी है। आरोपी को वीरवार सीबीआई कोर्ट में पेश किया जाएगा।

CHB के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) यशपाल गर्ग ने जानकारी दी कि 31 मार्च, 2022 को एक शिकायत मिली थी। इसके मुताबिक कुछ ई-फाइल्स CHB अफसरों/कर्मियों ने अनावश्यक रूप से लंबित रखी हुई थीं। इसकी शिकायत मिली और तुरंत जांच करवाई गई तो जांच के दौरान शिकायत के पीछे कुछ ठोस आधार नजर आया। फाइल वर्क में जानबूझकर देरी को लेकर अफसरों/कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए।

यशपाल गर्ग ने कहा है कि भ्रष्टाचार को लेकर चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड में जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। ऐसे मामलों में हमेशा सख्त कार्रवाई की जाती है। इस केस में भी बोर्ड की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे अन्य अफसरों/कर्मियों को ऐसे शर्मनाक कृत्यों से बचे रहने की सीख मिलेगी।

सीबीआई ने आरोपी के घर पर भी छापामारी की। इस दौरान कई अहम दस्तावेज कब्जे में लिए। सीबीआई आरोपी को गुरुवार को सीबीआई अदालत में पेश करेगी। आरोपी मनीमाजरा स्थित मोर्डन कंपलेक्स में मकान ट्रांसफर के एवज के लिए पैसे मांग रहा था।

गुजरात, पंजाब के बाद क्या हरियाणा में कांग्रेस की तीसरी विकट गिरने वाली है

हरियाणा कांग्रेस में एक बार फिर से बगावत के सुर सामने आ रहे हैं। पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई ने अपने बगावती तेवर से कांग्रेस पार्टी को सकते में डाल दिया है। एचपीसीसी के आला अधिकारियों में जगह न मिलने से बिश्नोई नाराज हैं. उनका हरियाणा कांग्रेस के साथ टकराव बना हुआ है। कई मौके ऐसे आए, जब कभी कुलदीप तो कभी उनके बेटे भव्य बिश्नोई के भगवा रंग में रंग जाने की खबरें उड़ीं, लेकिन राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी कुलदीप ने अपने समर्थकों को विश्वास में लिए बिना कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया। अब, राजनीतिक कयास और भी अधिक तेज हो गए, जब कुलदीप ने सीएम से मुलाकात कर आने के तुरंत बाद हिसार में रविवार को सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों के अपने खास समर्थकों की बैठक बुलाई।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल से कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने की मुलाकात। गुजरात, पंजाब के बाद क्या हरियाणा में कांग्रेस की तीसरी विकट गिरने वाली है

  1. सुनील जाखड़
  2. हार्दिक पटेल
  3. कुलदीप बिश्नोई

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, प्पंचकुला :

कांग्रेस केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य एवं आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई ने गुरुवार को चंडीगढ़ आवास पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने आदमपुर में विकास परियोजनाओं बारे उनके साथ विस्तार से चर्चा की। हरियाणा कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस बात के संकेत हैं कि अगर बिश्नोई को नहीं मनाया गया, तो वह ऐसा कदम भी उठा सकते हैं, जिससे कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। जिससे अक्टूबर 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

पंजाब की तरह हरियाणा कांग्रेस की आंतरिक कलह से जूझ रही है। हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई बागी तेवर अपना रखे हैं। कहा जा रहा है कि बिशनोई हरियाणा के नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव खुश नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष उदय भान हुड्डा के खेमे के माने जाते हैं। दिल्ली में राहुल गांधी, भूपिंदर सिंह हुड्डा और उदय भान ने अपनी नई टीम के साथ मुलाकात की है।

नाराजगी का आलम यह है कि बिश्नोई इस घोषणा के बाद से पार्टी के कार्यक्रमों में भाग नहीं भी नहीं ले रहे हैं। 4 मई को पार्टी मुख्यालय में आयोजित उस कार्यक्रम में भी वह शामिल नहीं हुए जिसमें उदय भान और हरियाणा कांग्रेस के चार कार्यकारी अध्यक्षों को नई जिम्मेदारी दी गई थी।

हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का पद मिलाने का दर्द आदमपुर से कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई की जुबां पर आखिरकार आ ही गया। कुलदीप बिश्नोई ने शुक्रवार को एक ट्वीट लिखा कि थोड़ा डूबूंगा, मगर मैं फिर तैर आऊंगा, ऐ जिंदगी, तू देख मैं फिर जीत जाऊंगा। अध्यक्ष न बन पाने के कारण उनका यमुनानगर में होने वाला जन जागरण अभियान भी स्थगित हो गया है। कुलदीप के समर्थक निराश होकर उनके नए संदेश का इंतजार कर रहे हैं।

कुलदीप बिश्नोई द्वारा लिखा गया ट्वीट।

हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का पद कुलदीप बिश्नोई को न मिलने पर उनके समर्थकों में रोष था, लेकिन बुधवार को कुलदीप ने ट्वीट करके संयम बरतने के लिए कहा है। कुलदीप ने ट्वीट किया कि साथियों, आप सबके संदेश सोशल मीडिया पर पढ़ रहा हूं। आपका अपार प्यार देखकर अत्यंत भावुक हूं, लेकिन मेरी सब से प्रार्थना है कि जब तक मैं राहुल जी से जवाब न मांग लूं, हमें कोई कदम नहीं उठाना है। अगर मेरे प्रति आपके मन में स्नेह है तो संयम रखें।

कुलदीप का पहला ट्वीट

आदमपुर से विधायक बिश्नोई हाल के दिनों में अपने गृह क्षेत्र और उसके आसपास जनसभाएं कर रहे हैं। अपने निर्वाचन क्षेत्र में से संबंधित मुद्दों को उठाने के लिए भाजपा नेता और सीएम मनोहर लाल खट्टर से भी मुलाकात की है। हरियाणा कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस बात के संकेत हैं कि अगर बिश्नोई को नहीं मनाया गया तो वह ऐसा कदम भी उठा सकते हैं जिससे कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। जिससे अक्टूबर 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

बिश्नोई गैर-जाट नेता के तौर पर जाने जाते जबकि राज्य कांग्रेस में भूपेंद्र हुड्डा, उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा और रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे जाट नेताओं का वर्चस्व है। वहीं भान दलित समुदाय से संबेध रखते हैं। बिश्नोई अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक भी हैं। 25 अप्रैल को हिसार में अपने समुदाय की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि उनके आलोचकों के साथ उनके राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन सामाजिक मतभेद नहीं।

बिश्नोई को उम्मीद थी कि नई टीम में उन्हें जगह मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और शायद इसी वजह से वो नाराज भी है। कुलदीप ने राहुल गांधी से मिलने के लिए समय भी मांगा है, लेकिन यह मीटिंग अभी तक नहीं हो पाई है। नई टीम की घोषणा के तुरंत बाद, बिश्नोई ने कहा था कि वह राहुल गांधी से मिलने के बाद अपने भविष्य को लेकर कोई अगला कदम उठाएंगे। बिश्नोई हुड्डा के आलोचक रहे हैं। 2007 में तत्कालीन सीएम हुड्डा से खींचतान के बाद उनको पार्टी से बाहर कर दिया गया था।

बिश्नोई की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर हरियाणा के एआईसीसी प्रभारी विवेक बंसल ने कहा- “यह सब जल्द ही सुलझा लिया जाएगा, मैं बिश्नोई के संपर्क में हूं।” बंसल ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में कांग्रेस की जिला और ब्लॉक इकाइयों के गठन के लिए इन स्तरों पर संगठनात्मक चुनाव कराना पार्टी की प्राथमिकता होगी।

इससे पहले पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ ने पिछले शनिवार को नाटकीय अंदाज में पार्टी से नाता तोड़ लिया था। उन्होंने ये इस्तीफा तब दिया जब उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर चल रहा था। उसी तरह चिंतन शिविर में शामिल न होते हहुए गुजरात के कार्यकारिणी प्रदेशाध्यक्ष ‘हार्दिक पटेल ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था। अब तीसरी ‘विकेट’ के गिरने की भी उम्मीद जाग रही है।

कांग्रेस को गुजरात से पंजाब तक झटके देगी भाजपा, आज ‘दिग्गज हिंदू नेता’ सुनील जाखड़ भाजपा में हो सकते हैं शामिल

सुनील जाखड़ ने बीते शनिवार को ही पार्टी को गुड बाय कह दिया था। सुनील जाखड़ कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व से तब से ही नाराज चल रहे थे, जब राहुल गांधी की ‘मंजूरी’ के बावजूद वह पंजाब के मुख्यमंत्री इसलिए नहीं बन पाए, क्योंकि वह हिंदू थे। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने अंतिम समय पर यह कह कर स्थिति बदल दी, “अगर किसी हिंदू को मुख्यमंत्री बनाया गया तो पंजाब में आग लग जाएगी।” भाजपा नेता पूर्व विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा ने कहा , “जाखड़ बड़े लीडर हैं। अगर हाईकमान राजी हो तो हम ऐसे नेताओं का बांहें फैलाकर स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि कमजोर हाईकमान की वजह से सुनील जाखड़ के साथ यह व्यवहार किया गया। उन्हें सस्पेंड करने और पदों से हटाने की बात कही गईजाखड़ परिवार ने 50 साल तक इस पार्टी को खून पसीने से सींचा है। जाखड़ का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है। पहले हम 23 सीटों पर लड़ते थे, अब 73 पर लड़े और आगे 117 पर लड़ेंगे, इसलिए अच्छे नेताओं का स्वागत करेंगे।”

सारिका इवरी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :  

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जाखड़ को पार्टी की सदस्यता दिलवाएंगे। जानकारी के अनुसार, जाखड़ के भाजपा में शामिल होने का फैसला कल ही हो गया था। कांग्रेस को गुड बाय कहने वाले जाखड़ ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ दिल्ली में मुलाकात की थी। जाखड़ इन दिनों दिल्ली में ही हैं।  उनके अलावा गुजरात के कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे हार्दिक पटेल के भी भाजपा में जाने की अटकलें हैं। इस तरह भाजपा की ओर से कांग्रेस को गुजरात से पंजाब तक झटके दिए जा सकते हैं। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ लंबे समय से कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। इसके अलावा पार्टी ने उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए सभी पदों से हटा दिया था। उन पर पार्टी लाइन से अलग बयान देने के आरोप लगे थे, जिसके बाद हाईकमान ने यह कार्रवाई की थी।

इसके बाद सुनील जाखड़ ने फेसबुक लाइव कर भावुक भाषण देते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से ही इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में पंजाब के लोगों को नजरअंदाज किया जा रहा है और बाहर के ही कुछ लोग इसे चला रहे हैं। हाईकमान पर तंज कसते हुए सुनील जाखड़ ने कहा था कि सोनिया गांधी जी पंजाब को बख्श दीजिए। इसके साथ राजनीति करना सही नहीं है। उन्होंने कांग्रेस की महिला नेता अंबिका सोनी पर भी इशारों में ही जमकर हमला बोला था।

सुुनील जाखड़ को कांग्रेस के दिग्गज हिंदू नेताओं में गिना जाता था, जो पंजाब में उसका दशकों से हिस्सा रहे हैं। उनके पिता बलराम जाखड़ भी कांग्रेस में थे और किसानों के बीच उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती थी। दरअसल कैप्टन अमरिंदर सिंह को कुर्सी से हटाने के बाद ज्यादातर विधायक उनके पक्ष में थे। इसके बावजूद उन्हें सीएम नहीं बनाया गया। इसके पीछे की वजह सोनिया गांधी की नजदीकी अंबिका सोनी हैं। जिन्होंने कहा, “अगर किसी हिंदू को मुख्यमंत्री बनाया गया तो पंजाब में आग लग जाएगी, पंजाब में सिख सीएम ही होना चाहिए।” इसीलिए चुनावों से पहले जाखड़ को हटाकर कांग्रेस ने नवजोत सिद्धू को प्रधान बना दिया था। इसके बाद नाराज होकर जाखड़ ने एक्टिव पॉलिटिक्स से किनारा कर लिया था।

सुनील जाखड़ को कांग्रेस ने अनुशासनहीनता का नोटिस भेजा था। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव से पहले उनके बयानों से पार्टी को बहुत नुकसान हुआ। हालांकि जाखड़ ने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया। जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान को उनसे बात करनी चाहिए थी। इसके बजाय उन्हें नोटिस थमा दिया गया।

सुनील जाखड़ ने कांग्रेस छोड़ने से पहले पार्टी नेताओं पर बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व चापलूसों से घिरा हुआ है। राहुल गांधी फैसले नहीं लेते। उन्हें दोस्त और दुश्मन की पहचान करनी चाहिए। जाखड़ ने अंबिका सोनी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंजाब में ज्यादातर कांग्रेस इंचार्ज सोनी की ही कठपुतली बनकर काम करते रहे। जाखड़ ने कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर पर भी सवाल उठाए थे।