बिजली संकट से दिल्ली बेहाल, केजरीवाल ने मोदी को लिखा पत्र जल्द ही केंद्र होगा कसूरवार

मुफ्त में बिजली पानी देने वाली केजरिवल सरकार बार बार बिजली पानी के संकट से जूझ रही है। देश में लगभग 70% बिजली कोयले से बनती है। बिजली उत्पादन के लिए पावर प्लांट्स के पास कोयले का स्टॉक काफी कम रह गया है। देश में कोयले से 135 पावर प्लांट हैं। इनमें अभी 2 से 4 दिन का स्टॉक है। कोयले की कमी का संकट गहराने के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राजधानी दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों के लिए पर्याप्त कोयला और गैस देने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। अब यदि समय पर आपूर्ति नहीं होती तो वह मोदी और केंद्र सरकार को दोषी ठहरा सकते हैं।

नई दिल्ली(ब्यूरो) :

दिल्ली को बिजली की सप्लाई देने वाली कंपनिया इसे लेकर चिंतित हैं । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री को ख़त भी लिखा है ।प्रधानमंत्री को लिखे ख़त में अरविंद केजरीवाल ने थर्मल पावर प्लांट में कोयले की किल्लत और कोयले की मौजूदा स्टॉक की जानकारी दी है । अरविंद केजरीवाल ने ये भी लिखा है कि कोयले की कमी के चलते गैस आधारित पावर प्लांट पर निर्भरता बढ़ती है लेकिन इतनी गैस नहीं है कि वह पावर प्लांट अपनी पूरी क्षमता पर चल सकें।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि राजधानी के लोगों को बिजली के संकट का सामना करना पड़ सकता है और उनकी सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों में कोयले और गैस की उचित व्यवस्था होती रहे, इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हस्तक्षेप करने के लिए पत्र लिखा है।

कोयला संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, ”दिल्ली को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर पैनी नजर रख रहा हूं। हम इससे बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इस बीच, मैंने माननीय प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है।”

पीएम मोदी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली अगस्त से ही कोयले की कमी का सामना कर रही है। पत्र में कहा गया कि मैं आपका ध्यान कोयले की कमी की स्थिति पर आकृष्ट कराना चाहता हूं जो अगस्त/सितंबर से जारी है और अब तीन महीने होने जा रहे हैं। दिल्ली को बिजली आपूर्ति करने वाले प्रमुख केंद्रीय उत्पादन संयंत्र इससे प्रभावित हैं।

इस बीच, दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर ने अपने ग्राहकों को फोन पर मैसेज भेजकर इसकी जानकारी दी है और उनसे शनिवार दोपहर बाद से बिजली का विवेकपूर्ण उपयोग करने का आग्रह किया है। टाटा पावर की शाखा टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (डीडीएल), जो मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में काम करती है, उसने अपने ग्राहकों को एसएमएस भेजा है।

शनिवार को भेजे गए एसएमएस में कहा गया है, ”उत्तर भर में उत्पादन संयंत्रों में कोयले की सीमित उपलब्धता के कारण, दोपहर दो बजे से शाम छह बजे के बीच बिजली आपूर्ति की स्थिति गंभीर स्तर पर है। कृपया विवेकपूर्ण तरीके से बिजली का उपयोग करें। एक जिम्मेदार नागरिक बनें। असुविधा के लिए खेद है – टाटा पावर-डीडीएल।”

पिछले हफ्ते की शुरुआत में, ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने देश में थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले की कमी को स्वीकार किया था और इसे सामान्य स्थिति से परे करार दिया था। हालांकि, बाद में उन्होंने यह भी कहा था कि अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में बिजली की मांग कम हो जाएगी और संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति में भी सुधार होगा।