जफरुल इस्लाम के विवादित बोलों पर आम आदमी पार्टी की चुप्पी

आआपा के पंचकुला इकाई के प्रमुख योगेश्वर शर्मा का मानना है की दिल्ली सरकार में अल्पसंख्यक आयोग के चेयर पर्स्न ‘जफरुल इस्लाम’ जिसे दिल्ली के उप मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तावित और मुख्यमंत्री द्वारा चयनित किया गया है वह आआपा से संबन्धित नहीं हैं और उनके बयान उनके जी बयान हैं इस बारे में उन्होने एक अड़वाइसरी भी जारी की है जिसमें उन्होने अपने पक्ष को रखा है। योगेश्वर ने अपनी तरफ से पल्ला झाड़ने की कोशिश की। योगेश्वर शर्मा जफरुल इस्लाम के ब्यान की निंदा करने की भी हिम्मत नहीं जुटा पाये, जफरुल इस्लाम आआपा का हिस्सा भले ही न हों लेकिन वह दिल्ली सरकार का तो हिस्सा हैं ही। शाहीन बाग, AMU और दिल्ली दंगों में अपने पार्षद की लिप्तता से खिसियाई पार्टी के पदाधिकारियों से अधिक उम्मीद भी नहीं।

जफरूल इस्लाम ने लिखा, ”भारतीय मुस्लिमों के साथ खड़े होने के लिए धन्यवाद कुवैत. हिंदुत्व विचारधारा के लोग सोचते हैं कि कारोबारी हितों की वजह से अरब देश भारत के मुस्लिमों की सुरक्षा की चिंता नहीं करेंगे .वो भूल गए भारतीय मुस्लिमों का अरब और मुस्लिम देशों से कैसे रिश्ते हैं. जिस दिन मुसलमानों ने अरब देशों से अपने खिलाफ जुल्म की शिकायत कर दी, सैलाब आ जाएगा.” बता दें कि यह पोस्ट 28 अप्रैल को लिखी गई है.

नई दिल्ली: 

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक भड़काऊ पोस्ट शेयर की है. जफर इस्लाम ने अरब राष्ट्रों को भारत में ‘हिंदु कट्टरता’ के खिलाफ बोलने के लिए धन्यवाद दिया है. इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. वहीं, नेशनल अल्पसंख्यक आयोग की तरफ से कहा गया कि ये बेतुका और बचकाना बयान है और दिल्ली सरकार को इस पर तुरन्त एक्शन लेना चाहिए.

जफरुल इस्लाम खान ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था, “भारतीय मुस्लिमों के साथ खड़े होने के लिए धन्यवाद कुवैत. जिस दिन मुसलमानों ने अरब देशों से अपने खिलाफ जुल्म की शिकायत कर दी, सैलाब आ जाएगा.” 

भड़काऊ पोस्ट पर बीजेपी ने निशाना साधा

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम के भड़काऊ पोस्ट पर बीजेपी ने निशाना साधा है. बीजेपी ने शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि जफरुल इस्लाम ने देश के खिलाफ पोस्ट किया है. उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. 

उधर दिल्ली के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट के जरिये जफरुल इस्लाम पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, “घटिया और जहरीली सोच वाले जफरुल इस्लाम को तुरंत पद से हटाइए. आतंकी जाकिर नाइक का समर्थन कर रहा है. देश के अंदर हमलों की बात कर रहा है. ऐसे आतंकी सोच वाले को आम आदमी पार्टी ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग का मुखिया बना रखा है. हमारी मांग और चेतावनी है कि इसे तुरंत हटाइए.”

शजीय इलामी ने कड़े शब्दों में जफरुल इस्लाम की निंदा करते हुए सफर के इस्तीफे की मांग की है

दिल्ली सरकार से एक्शन की मांग

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान एक विवादित बयान को लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने जफरूल का बयान बेतुका है और केजरीवाल सरकार को इस पर एक्शन लेना चाहिए. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद घयोरुल हसन रिजवी ने कहा, “उनको इस तरीके का बयान नहीं देना चाहिए था, ये एक धमकी भरा बयान है. इस देश में सभी धर्मो के लोग एक साथ रहते हैं, अरब कंट्री ने अपने देश का सबसे बड़ा सम्मान हमारे देश के प्रधानमंत्री को दिया था. दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की तरफ से यह बयान बिल्कुल ही बेतुका, बचकाना बयान है. इस बयान से इस देश में आपसी सद्भाव बिगड़ेगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इनके ऊपर जरूर एक्शन लेना चाहिए.”

विभोर आनंद ने टिवीटर पर खबर सांझा करते हुए लिखा की जफरुल इस्लाम पर हिंदुओं के खिलाफ उनके देशद्रोही और आपराधिक फेसबुक पोस्ट के लिए IPC की धारा 124A / 153A / 295A / 505 IPC और आईटी एक्ट की धारा 66A के तहत आपराधिक मामला दर्ज

बताते चलें कि जफरुल इस्लाम पर सीधी या टेढ़ी किसी भी प्रकार की कार्यवाही की उम्मीद, शाहीन बाग और AMU समर्थक सरकार से नहीं की जा सकती, हाँ जफरुल इस्लाम के बचाव में छद्म सेकुलरों को कूदा दिया जाएगा। और कोई बड़ी बात नहीं की जफरुल इस्लाम के बयान के लिए मोदी सरकार ही को जिम्मेदार ठहराया जाए।

चोरी और सीना जोरी : चीन का एक और कारनामा

कोरोना वाइरस हो या फिर व्यापारिक धोखा सबमें चीन माहिर है। चोरी और सीना जोरी चीन का पुराना व्यापार मंत्र है अपनी इसी आदतों से चीन ने कई व्यापारिक प्रतिष्ठानों को अरबों का चूना लगाया है। सी से लेकर हवाई जहाज़ तक कि चीन के पास प्रतिलिपि है। बड़ी बात यह है कि अपने चोरी के डिज़ाइन किए हुये उत्पाद यह धड़ल्ले से वैश्विक बाज़ार में बेच लेता है। और आपस में व्यापारिक हितों से बंधे होने के बावजूद मित्र राष्ट्र चोरी के उत्पादों में रुची दिखते हैं और अपने बाज़ार इन उत्पादों के लिए खोल देते हैं। मेरे विचार से बेशर्मी अथवा उद्दंडता वाली भावना का जनक भी चीन ही रहा होगा।

नई दिल्ली(ब्यूरो): 

दूसरे देशों के उत्पादों के डिजाइन चुराना चीन (China) के लिए कोई नई बात नहीं है. नकल करने में वैसे भी चीन का नाम हमेशा से ही अव्वल रहा है. एक बार फिर चीन ने भारतीय कार का डिजाइन चुराया है. Tata Motors की एक कार का डिजाइन चीनी कार निर्माता कंपनी ने चुराया है. बताते चलें कि ये दूसरी बार टाटा का डिजाइन चुराने का मामला सामने आया है.

Tata Nixon का डिजाइन चोरी
चीन की कार निर्माता कंपनी Fengsheng ने Maple 30X नाम से एक कार बाजार में उतारा है. इसका डिजाइन हूबहू Tata Nexon SUV से मेल खाता है. इसकी फ्रंट ग्रिल भी Nexon के प्री-फेसलिफ्ट वर्जन वाली दी है. इसके बोनट लिड की बात करें तो इसमें Nexon EV वाला ही बोनट देखने को मिल रहा है. इसमें साफ देखने को लगता है कि चीन की कंपनी ने गाड़ी बनाते वक्त दिमाग और रचनात्मकता का इस्तेमाल ही नहीं किया है. चीन में Tata Nexon SUV के समान डिजाइन वाली गाड़ी इलेक्ट्रिक वेरिएंट में मौजूद है जिसकी कीमत RMB 68,800 (करीब 7.5 लाख रुपये) है.

पहले भी हुआ है टाटा का डिजाइन चोरी
जानकारों का कहना है कि चीनी कंपनियां कार बनाना तो जानती हैं लेकिन डिजाइन के मामले में हमेशा से ही चोरी का सहारा लेती रही हैं. कुछ समय पहले एक चीनी कंपनी को टाटा मोटर्स की लग्जरी कार मेकर जगुआर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover) का डिजाइन चुराने के आरोप में भारी जुर्माना भरना पड़ा था. आरोप था कि चीन की लोक कंपनी जियांगलिंग मोटर्स (Jiangling Motors Corp) ने इस कार के कई फीचर्स पूरी तरह कॉपी कर लिए हैं. 

बताते चलें कि चीनी कंपनियों पर हमेशा ही डिजाइन चोरी के आरोप लगते रहे हैं. चीनी कंपनियां अन्य देशों को पॉपुलर डिजाइन चुराकर कार तैयार करती हैं और अन्य देशों में बेचती हैं. कई मोटर साइकिलों के डिजाइन भी चीनी कंपनियों ने चुराए हैं. 

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आज का राशिफल

Aries

29 अप्रैल 2020:  आप किसी नतीजे या फैसले का इंतजार कर रहे हैं तो शांति रखें, सब ठीक हो जाएगा. अपने नियमित काम से हटकर कुछ करने की कोशिश करेंगे तो सफल रहेंगे. मेहनत से सफलता मिलने के योग हैं. कोई बड़ा फायदा भी हो सकता है. मनचाहे कामों को पूरे करने के लिए आपको थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है. परिवार के साथ समय बिताने की कोशिश करेंगे. बिजनेस के लिहाज से आज का दिन अच्छा है.

Taurus

29 अप्रैल 2020: अपनी राय और बातों से आप ज्यादातर लोगों पर प्रभाव जमा सकते हैं. अपने से छोटे लोगों की टेंशन हो सकती है. उलझे हुए काम सुलझाने के लिए स्थितियां आपके फेवर में हो सकती हैं. आपके सोचने के तरीके में बदलाव हो सकता है. दोस्तों से समय पर मदद मिल सकती है. घर परिवार के काम निपटाने में भी मन लगेगा.

Gemini

29 अप्रैल 2020: रोजमर्रा का कामकाज निपटाने के लिए एक्स्ट्रा कोशिश करें. अपनी जिम्मेदारियों को ध्यान में रखें. अपने समय और धैर्य का पूरा इस्तेमाल करें. आज इसकी जरूरत होगी. अपने ही दम पर और शांत मन से जो काम करेंगे, उसमें आपको सफलता मिल सकती है. पॉजिटिव रहने की कोशिश करें.

Cancer

29 अप्रैल 2020: लव लाइफ में गलतफहमियां हो सकती हैं. किसी मामले में लापरवाही न करें. जॉब और बिजनेस में लापरवाही या जल्दबाजी न करें. सोचे हुए काम पूरे होने में थोड़ा समय लग सकता है. आज किसी भी काम में आपको मेहनत ज्यादा करनी पड़ सकती है. कर्क राशि वाले लोग आज सेहत के मामले में लापरवाह न रहें.

Leo

29 अप्रैल 2020:  पैसा कमाने की कोशिश में सफलता मिल सकती है. एक्स्ट्रा काम में किसी की मदद मिल सकती है. पुराने कुछ मामलों में अनबन खत्म हो सकती है. दूसरों का नजरिया समझने की कोशिश करें. आपको किसी अच्छी खबर का इंतजार रहेगा.

Virgo

29 अप्रैल 2020: आज का दिन अच्छा है. अपनी भावनाओं पर कंट्रोल करेंगे तो फायदा होगा. किसी नई महिला मित्र के साथ कुछ ज्यादा बातचीत हो सकती है. ऐसे लोगों से मदद मिलने के भी योग हैं. प्रेम जताने के लिए दिन ठीक है. समय पर काम पूरे हो सकते हैं. किसी के मेंटल सपोर्ट से आपकी मानसिक स्थिति में संतुलन रहेगा.

Libra

29 अप्रैल 2020:  अपने हालातों को बदलने की कोशिश कर सकते हैं. हिम्मत और दिमाग से बिगड़ी हुई स्थिति को संभालने में बहुत हद तक सफल भी हो सकते हैं. अच्छे व्यवहार के कारण कुछ लोगों की मदद मिल सकती है. रुके हुए काम पूरे होने की संभावना है. कुछ खास काम निपटाने में आप सफल हो सकते हैं. काम में भी मन लगेगा. आपको संयम में रहना होगा.

Scorpio

29 अप्रैल 2020: बहुत से काम आसानी से पूरे हो सकते हैं और आपका अच्छा असर लोगों पर होगा. जो काम और बातें अटक रही हैं उनके लिए कोई बीच का रास्ता भी निकल सकता है. कामकाज में सफलता के योग बन रहे हैं. आप बहुत सारा काम निपटाने की कोशिश कर सकते हैं. जीवनसाथी से मदद मिल सकती है. आप घर के मामले सुलझा लेंगे. सबसे विनम्र होकर बात करें. आज आपको बुजुर्गों का आशीर्वाद भी मिल सकता है

Sagittarius

29 अप्रैल 2020: आज ऐसे काम पूरे हो सकते हैं जिनके बारे में आप पिछले कुछ दिनों से प्लानिंग कर रहे हैं. लंबे समय से अधूरी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं. अपनी कोशिशों में आप सफल रहेंगे. कुछ नया सीखने को मिलेगा. नए स्थान पर भी जा सकते हैं. आप मीठा बोलकर सारे काम पूरे करवा सकते हैं. आज आपको किस्मत का साथ भी मिल सकता है. दूसरों की जरूरतों और मूड का अंदाज आप आसानी से लगा सकेंगे. अपने आप पर भरोसा रखें.

Capricorn

29 अप्रैल 2020: बेरोजगार लोगों को नौकरी मिल सकती है. उन मामलों को टाल दें जिनको निपटाने में आप परेशान हो रहे हैं. जरूरी काम निपटाने में कुछ लोगों की मदद मिल सकती है. बड़ा कदम उठाने के पहले अच्छी तरह विचार कर लें. किसी अनुभवी से भी सलाह लें. शारीरिक परेशानियां खत्म हो सकती हैं. बिजनेस में अच्छी स्थिति बन सकती है. कोशिश करने पर रुका हुआ पैसा मिल सकता है.

Aquarius

29 अप्रैल 2020: आपके लिए दिन सामान्य रहेगा. परेशानी में खुद को संभाल लें. विवाद के मामलों से खुद को दूर रखने की कोशिश करें. कुछ विवादों में समझौते हो सकते हैं. पैसों के क्षेत्र में प्रगति होगी. पुराने अटके कामों में भी गति आ सकती है. आपको कोई अच्छी खबर भी मिल सकती है.

Pisces

29 अप्रैल 2020: रोजमर्रा और पार्टनरशिप के काम समय से पूरे हो सकते हैं. दोस्तों और भाइयों की मदद मिलने के योग बन रहे हैं. किसी तरह का कन्फ्यूजन खत्म हो सकता है. आज पैसों और अन्य मामलों में फायदे वाला दिन है. आज आप कामकाज में व्यस्त रहेंगे. आपके सामने कई जिम्मेदारी वाले काम भी आ सकते हैं. मानसिक तौर पर आप सक्रिय रहेंगे. रोजमर्रा के कामकाज में बदलाव की कोशिश हो सकती है. अपने कामकाज में सुधार करने का दिन है.

“कांग्रेस और राहुल गांधी को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि वे व्यवस्था की सफाई में रचनात्मक भूमिका निभाने में विफल क्यों हैं?: सीतारमण

देश में जब लॉकडाउन की स्थिति है और जनता अपने घरों में घबराई बैठी है उन्हे भ्रामक ज्ञान देने से बाज नहीं आ रही काँग्रेस। बेड़ी बात यह है कि रणदीप सुरजेवाला को आपण पहचान तक के लाले पड़े हुये हैं, ऐसे समय में जबकि उन्हे सृजनात्मक माहौल बनाने कि कोशिश करनी चाहिए इसके विपरीत वह वृथा प्रलाप में व्यस्त हैं। राहुल और सुरजेवाला यह बताना चाहते हैं कि संसाद में इस विषय पर जो भी जवाब दिये गए वह असत्य हैं अर्थात वित्त मंत्री श्रीमति निर्मला सीतारमण संसद में भी झूठ बोलती हैं

सारिका तिवारी, चंडीगढ़:

परिसंपत्तियों के निपटान के बावजूद नहीं चुकते हैं   कर्ज़ ; माल्या, नीरव  विलफुल डिफॉल्ट

“राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला (कांग्रेस प्रवक्ता) ने लोगों को भ्रामक तरीके से गुमराह करने का प्रयास किया है। सीतारमण ने कहा कि आज कांग्रेस के नेताओं की कोशिश विलफुल डिफॉल्टर्स, बैड लोन और राइट-ऑफ पर गुमराह करने की है। सीतारमण ने बताया कि सरकार संसद में गांधी के सवाल का लिखित जवाब दे चुकी है

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पर विपक्ष के हमले से स्तब्ध होकर बैंकों ने स्वीकार किया कि 30 सितंबर, 2019 तक बैंकों ने शीर्ष 50 विलफुल डिफॉल्टरों के 68,607 करोड़ रुपये के कर्ज को बंद कर दिया था, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार वित्तीय प्रणाली को साफ कर रही है, विलफुल डिफॉल्टर्स के बाद, और कांग्रेस पर ‘सनसनीखेज’ बनाने और इस विषय पर लोगों को गुमराह करने में ‘बेशर्म’ होने का आरोप लगाया।

“कांग्रेस और राहुल गांधी को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि वे व्यवस्था की सफाई में रचनात्मक भूमिका निभाने में विफल क्यों हैं? न तो सत्ता में रहते हुए, न ही विपक्ष में रहते हुए, कांग्रेस ने भ्रष्टाचार और वंशवाद को रोकने के लिए कोई प्रतिबद्धता या झुकाव दिखाया है, “सीतारमण ने मंगलवार देर रात ट्वीट किया।

“राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला (कांग्रेस प्रवक्ता) ने लोगों को भ्रामक तरीके से गुमराह करने का प्रयास किया है। सीतारमण ने कहा कि आज कांग्रेस के नेताओं की कोशिश विलफुल डिफॉल्टर्स, बैड लोन और राइट-ऑफ पर गुमराह करने की है।

आरबीआई ने कहा कि भारतीय बैंकों ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर एक याचिका के जवाब में 30 सितंबर, 2019 तक शीर्ष 50 विलफुल डिफॉल्टरों के कर्ज का 68,607 करोड़ रुपये लिखा है। राइट-ऑफ तकनीकी तकनीकी या विवेकपूर्ण है, जिसका अर्थ है कि बैंकों ने ऋण के खिलाफ 100 प्रतिशत प्रावधान किए हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि बैंकों ने ऋण की वसूली का अधिकार छोड़ दिया है। इसका यह भी मतलब नहीं है कि बैंकों ने संपूर्ण ऋण को बंद कर दिया है, क्योंकि कुछ ऋण सुरक्षा के विरुद्ध लिए गए हैं, जो या तो पहले से ही हो सकते हैं या पहले ही वसूले जा चुके हैं।

आरटीआई साकेत गोखले, एक कार्यकर्ता, 19 मार्च को दायर किया गया था, और उन्होंने 24 अप्रैल को सूची प्राप्त की। यह पिछले साल 30 सितंबर तक डिफॉल्टरों को सूचीबद्ध करता है, जिसका अर्थ है कि या तो आरबीआई ने सूची को अपडेट नहीं किया था, या रुपये से अधिक की विलफुल डिफॉल्टर्स 5 करोड़ इस अवधि में अपडेट नहीं हुए।

“आरबीआई द्वारा निर्धारित चार-वर्षीय प्रावधान चक्र के अनुसार एनपीए के लिए प्रावधान किए गए हैं। पूर्ण प्रावधान किए जाने पर, बैंक पूरी तरह से प्रदान किए गए एनपीए को लिखते हैं लेकिन उधारकर्ता के खिलाफ वसूली जारी रखते हैं। कोई ऋण माफ नहीं किया गया है। सीतारमण ने कहा कि जो चूककर्ता भुगतान करने की क्षमता, डायवर्ट या साइफन ऑफ फंड्स या बैंक की अनुमति के बिना सुरक्षित परिसंपत्तियों के निपटान के बावजूद नहीं चुकते हैं, उन्हें विलफुल डिफॉल्टरों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

ऐसे विलफुल डिफॉल्टर्स को अच्छी तरह से जुड़े प्रमोटर्स को बुलाते हुए, जिन्होंने यूपीए के will फोन बैंकिंग ’से लाभान्वित हुए, सीतारमण ने कहा कि यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान, बैंकों ने 1.45 ट्रिलियन रुपये लिखा था।

“यह नरेंद्र मोदी सरकार है जो इन विलफुल डिफॉल्टरों का पीछा कर रही है। मामलों में 9,967 रिकवरी सूट, 3,515 एफआईआर, भगोड़ा संशोधन अधिनियम लागू करना। नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या के मामलों में कुर्की और जब्ती का कुल मूल्य हमें 18332.7 करोड़ रुपये है, ”वित्त मंत्री ने ट्वीट किया।

आरटीआई में आरबीआई की प्रतिक्रिया के अनुसार, मेहुल चोकसी की गीतांजलि रत्न 5,492 करोड़ रुपये की सूची में सबसे ऊपर है। बहुप्रचारित किंगफिशर एयरलाइंस 1,943 करोड़ रुपये की राइट-ऑफ के साथ शीर्ष -10 की सूची में है। गीतांजलि के बाद REI एग्रो है, जिसमें 4,314 करोड़ रुपये, और विनसम डायमंड्स और ज्वैलरी 4,076 करोड़ रुपये की है।

इससे पहले दिन में सुरजेवाला ने बकाएदारों की सूची जारी की थी। राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने संसद में सरकार से शीर्ष 50 बैंक ऋण चूककर्ताओं के नाम पूछे थे, लेकिन वित्त मंत्री ने उनके सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि अब आरबीआई ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और भाजपा के कई “मित्रों” की सूची जारी की है।

“मैंने संसद में सीधा सवाल पूछा – देश के 50 शीर्ष बैंक ऋण बकाएदारों के नाम बताएं। वित्त मंत्री ने इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। अब आरबीआई ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और भाजपा के कई लोगों के नाम दिए हैं।” दोस्तों, बैंक धोखाधड़ी की सूची में। यही कारण है कि यह सच संसद से वापस आयोजित किया गया था, “गांधी ने हिंदी में एक ट्वीट में कहा।

हालांकि, सीतारमण ने कहा कि सरकार ने संसद में गांधी के सवाल का लिखित जवाब दिया था।

रामानुजाचार्य जयंती पर विशेष

चंडीगढ़ (धर्म – संस्कृति)

भारत की पवित्र भूमि ने कई संत-महात्माओं को जन्म दिया है। जिन्होंने अपने अच्छे आचार-विचार एवं कर्मों के द्वारा जीवन को सफल बनाया और कई सालों तक अन्य लोगों को भी धर्म की राह से जोड़ने का कार्य किया। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार संत श्री रामानुजाचार्य का जन्म सन् 1017 में श्री पेरामबुदुर, तमिलनाडु के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम केशव भट्ट था। जब उनकी अवस्था बहुत छोटी थी, तभी उनके पिता का देहावसान हो गया। बचपन में उन्होंने कांची में यादव प्रकाश गुरु से वेदों की शिक्षा ली। हिन्दू पुराणों के अनुसार श्री रामानुजम का जीवन काल लगभग 120 वर्ष लंबा था। रामानुजम ने लगभग नौ पुस्तकें लिखी हैं। उन्हें नवरत्न कहा जाता है। वे आचार्य आलवन्दार यामुनाचार्य के प्रधान शिष्य थे। गुरु की इच्छानुसार रामानुज ने उनसे तीन काम करने का संकल्प लिया था। पहला– ब्रह्मसूत्र, दूसरा- विष्णु सहस्रनाम और तीसरा– दिव्य प्रबंधनम की टीका लिखना। 

जगद्गुरु श्री रामानुजाचार्य

रामानुजाचार्य के गुरु यादव प्रकाश थे, जो एक विद्वान थे और प्राचीन अद्वैत वेदांत मठवासी परंपरा का एक हिस्सा थे। श्री वैष्णव परंपरा यह मानती है कि रामनुज अपने गुरु और गैर-दैवीय अद्वैत वेदांत से असहमत हैं, वे इसके बजाय वे भारतीय अलवर परंपरा, विद्वान नथमुनी और यमुनाचार्य के नक्शेकदम पर चले।

रामानुजाचार्य वेदांत के विशिष्टाद्वैत सबस्कुल के प्रमुख प्रत्याशी के रूप में प्रसिद्ध हैं, और उनके शिष्यों को संभवतः शांतियानी उपनिषद जैसे लेखों के लेखकों के रूप में जाना जाता है। रामनुज ने स्वयं ब्रह्म सूत्रों और भगवद गीता पर भक्ति जैसे संस्कृत के सभी प्रभावशाली ग्रंथ लिखे थे।

उनके विशिष्टाद्वैत (योग्य मोनिस्म) दर्शन में माधवचर्या के द्वैता (ईश्वरीय द्वैतवाद) दर्शन और शंकराचार्य के अद्वैत (अद्वैतवाद) दर्शन, साथ में दूसरे सहस्त्राब्दि के तीन सबसे प्रभावशाली वेदांतिक दर्शन थे। रामानुजाचार्य ने उपन्यास प्रस्तुत किया जिसमे भक्ति के सांसारिक महत्व और एक व्यक्तिगत भगवान के प्रति समर्पण को आध्यात्मिक मुक्ति के साधन के रूप में प्रस्तुत किया।

रामानुजाचार्य ने विवाह किया और कांचीपुरम में चले गये, उन्होंने अपने गुरु यादव प्रकाश के साथ अद्वैत वेदांत मठ में अध्ययन किया। रामानुजाचार्य और उनके गुरु अक्सर वैदिक ग्रंथों, विशेषकर उपनिषदों की व्याख्या में असहमत रहते थे। बाद में रामानुजाचार्य और यादव प्रकाश अलग हो गए, और इसके बाद रामनुज ने अपनी पढ़ाई जारी रखी।

रामानुजा कांचीपुरम में वरधराजा पेरुमल मंदिर (विष्णु) में एक पुजारी बन गए, जहां उन्होंने यह पढ़ाना शुरू कर दिया कि मोक्ष (मुक्ति और संसार से छुटकारा) आध्यात्मिक, निरगुण ब्राह्मण के साथ नहीं, बल्कि व्यक्तिगत भगवान और साधू विष्णु की सहायता से प्राप्त करना है। रामानुजाचार्य ने श्री वैष्णव परंपरा में लंबे समय से सबसे अधिक अधिकार का आनंद लिया।

रामानुजाचार्य की कई पारंपरिक जीवनी ज्ञात हैं, कुछ 12 वीं शताब्दी में लिखी गईं, लेकिन कुछ बाद में 17 वीं या 18 वीं शताब्दियों में लिखी गई। विशेष रूप से वाड़काले और तिकालियों में श्रीविष्णव समुदाय के विभाजन के बाद, जहां प्रत्येक समुदाय ने रामानुजाचार्य की संतचर विज्ञान का अपना संस्करण बनाया।

ब्रह्मंत्र स्वतन्त्र द्वारा मुवायिरप्पाती गुरुपरमपराप्राभावा सबसे पहले वद्कालाई जीवनी का प्रतिनिधित्व किया। रामानुजाचार्य के बाद उत्तराधिकार के वद्कालाई दृश्य को दर्शाता है दूसरी ओर, श्रीरायिरप्पा गुरुपारम्परपभावा, दसकेली जीवनी का प्रतिनिधित्व करते हैं। [उद्धरण वांछित] अन्य दिवंगत जीवनचर्या में अन्धरभर्णा द्वारा यतीराजभविभव शामिल हैं।

लेखन

श्री वैष्णव परंपरा में संस्कृत ग्रंथों में रामनुज के गुण हैं-

-वेदार्थसंग्रह (सचमुच, “वेदों का सारांश”),
-श्री भाष्य (ब्रह्मा सूत्रों की समीक्षा और टिप्पणी),
-भगवद गीता भाष्य (भगवद गीता पर एक समीक्षा और टिप्पणी),
-और वेदांतपिडा, वेदांतसारा, गाडिया त्रयम (जो कि तीन ग्रंथों का संकलन है, जिन्हें सरनागती ग्यादाम, श्रीरंग गद्यम और श्रीकांत ग्रन्दाम कहा जाता है), और नित्या ग्रन्थम नामक लघु कार्य हैं।

रामानुजाचार्य की दार्शनिक नींव मोनिसम के योग्य थी, और इसे हिंदू परंपरा में विशिष्टाद्वैत कहा जाता है। उनका विचार वेदांत में तीन उप-विद्यालयों में से एक है, अन्य दो को आदी शंकर के अद्वैत (पूर्ण मोनिसम) और माधवचार्य के द्वैता (द्वैतवाद) के नाम से जाना जाता है।

रामानुजाचार्य दर्शन

रामानुजा ने स्वीकार किया कि वेद ज्ञान का एक विश्वसनीय स्रोत हैं, फिर हिन्दू दर्शन के अन्य विद्यालय, अद्वैत वेदांत सहित, सभी वैदिक ग्रंथों की व्याख्या में असफल होने के कारण, उन्होंने श्री भास्कर में कहा कि पुरव्पेक्सिन (पूर्व विद्यालय) उन उपनिषदों को चुनिंदा रूप से व्याख्या करते हैं जो उनकी नैतिक व्याख्या का समर्थन करते हैं, और उन अंशों को अनदेखा करते हैं जो बहुलवाद की व्याख्या का समर्थन करते हैं।

रामनुज ने कहा, कोई कारण नहीं है कि एक शास्त्र के एक भाग को पसंद किया जाए और अन्य को नहीं, पूरे शास्त्र को सममूल्य समझा जाना चाहिए। रामानुजाचार्य के अनुसार कोई भी, किसी भी वचन के अलग-अलग भागों की व्याख्या करने का प्रयास नहीं कर सकता है।

बल्कि, ग्रंथ को एक एकीकृत संगठित माना जाना चाहिए, एक सुसंगत सिद्धांत को व्यक्त करना चाहिए। वैदिक साहित्य, ने रामानुजाचार्य पर जोर दिया, जो बहुलता और एकता दोनों का उल्लेख करते हैं, इसीलिए इस सत्य को बहुलवाद और अद्वैतवाद या योग्यतावाद को शामिल करना चाहिए।

शास्त्रीय व्याख्या की इस पद्धति ने रामनुज को आदि शंकरा से अलग किया। शंकर की अनाव्या-व्यातिरेका के साथ समनवयित तात्पर्य लिंगा के व्यापक दृष्टिकोण में कहा गया है कि उचित रूप से सभी ग्रंथों को समझने के लिए उनकी संपूर्णता में जांच की जानी चाहिए। और फिर उनके इरादे छह विशेषताओं द्वारा स्थापित किए गए, जिसमें अध्ययन शामिल है जो लेखक द्वारा उनके लक्ष्य के लिए कहा गया है।

क्या वह अपने विवरण में दोहराता है, क्या वह निष्कर्ष के रूप में बताता है और क्या यह व्यावहारिक रूप से सत्यापित किया जा सकता है। शंकर कहते है, किसी भी पाठ में समान वजन नहीं है और कुछ विचार किसी भी विशेषज्ञ की पाठ्य गवाही का सार है।

शास्त्रीय अध्ययनों में यह दार्शनिक अंतर दर्शाया, शंकराचार्य ने यह निष्कर्ष निकाला कि उपनिषद के सिद्धांत मुख्य रूप से तात तवम सी जैसे उपनिषदों के साथ बौद्ध धर्म को पढ़ाते हैं। जबकि रामानुजाचार्य ने यह निष्कर्ष निकाला कि योग्यतावाद हिंदू आध्यात्मिकता की नींव पर है।

रामानुज जी के शिष्य

  • किदंबी आचरण
  • थिरुकुरुगाई प्रियन पिल्लान
  • दाधुर अझवान
  • मुदलीयानंदन
  • कुराथाझवान

निधन

करीब एक सहस्राब्दी के बाद से (सीए 1017-1137) से रामानुजाचार्य दक्षिणी भारत की सड़कों पर भ्रमण करते रहे। अभी तक उनके धर्मशास्त्रज्ञ, शिक्षा और दार्शनिक के विरासत रूप में जीवित है।

उनकी मृत्यु 1137, श्रीरंगम में हुइ थी।

आज का पंचांग

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः वैशाख़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः षष्ठी अपराहन्ः 03.13 तक है, 

वारः बुधवार, 

नक्षत्रः पुनर्वसु रात्रि 02.02 तक, 

योगः धृति सांय 09.47 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः मेष, 

चंद्र राशिः मिथुन, 

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.47,

सूर्यास्तः 06.51 बजे।

नोटः आज श्री रामानुजाचार्य जयंती है।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

कोरोना की सुरक्षा कवच बनी खादी, सुधरेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था: मास्क के जरिये खादी पहुंचेगी घर-घर

 कोरोना की जंग में खादी सुरक्षा कवच के तौर पर आमजन को सुरक्षित रखेगी। मास्क के जरिये खादी घर-घर पहुंचाई जाएगी। यही नहीं खादी के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कदम भी बढ़ाया गया है। कोरोना माहमारी के दौर में खादी को नई पहचान मिलने जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने खादी के मास्क हर घर तक पहुंचाने की पहल की है।

जंगशेर राणा, पंचकुला:

कोरोना की लड़ाई में खादी भी अहम भूमिका निभाएगी। प्रदेश में 120 खादी ग्रामोद्योग केंद्रों पर मास्क बनाने का काम जोरों पर है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना के निर्देशानुसार जिला स्तर पर प्रशासन को 500-500 मास्क दिए जा रहे हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में सेनिटाइजर व लोगों को खाद्य सामग्री मुहैया करवाई जा रही है।

खादी ग्रामोद्योग केंद्र के सचिव सतपाल सैनी बताते हैं कि केंद्र सरकार के फैसले से आजादी के बाद पहली बार घरों तक पहुंचने से खादी की ब्राडिंग हो रही है। उनके केंद्र के साथ दो से तीन हजार बुनकर, कतिन व कारीगर जुड़े हुए हैं, जो सभी ग्रामीण क्षेत्रों से संबंध रखते हैं। सरकार की पहले से ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था में नया सुधार होगा। खादी से तैयार मास्क मानक के अनुसार पूरी गुणवत्ता युक्त हैं। यह तीन लेयर के हैं और खास बात यह है कि इस मास्क को बारी-बारी से प्रयोग किया जा सकता है। इससे कोरोना के अलावा वायरस जनित और रोगों से भी सुरक्षा होगी।

बिजनौर जाएंगे तैयार किए 10 हजार मास्क

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से 10 हजार मास्क तैयार किए गए हैं। जिन्हें जल्द ही यूपी के बिजनौर जिले में पहुंचाया जाएगा। सतपाल सैनी का कहना है कि खादी संघ की ओर से ग्राम पंचायतों के जरिये गांवों में भी ग्रामीणों को मास्क वितरित किए जा रहे हैं। यही नहीं आयोग के चेयरमैन के निर्देशानुसार हर बुनकर व कारीगर को एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता के लिए कारीगर कल्याण कोष ट्रस्ट में राशि जमा कराई गई है। संघ की ओर से 21 हजार रुपये प्रधानमंत्री सहायता कोष में भी जमा कराए गए हैं।

बाजारी मास्क को देगी मात

खादी ग्रामोद्योग बड़े पैमाने पर रंगीन फैशनेबल मास्क बनाए जा रहे हैं। इन मास्क का दाम भी बड़े वाजिब रखे गए हैं। बाजार में महंगे मास्कों को खादी का साधारण मास्क मात देने की तैयारी कर रहा है। बाजार की कीमतों के अनुरूप इस मात्र 15 रुपये में दिया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग खादी के मास्क को खरीदने के लिए प्रेरित हों। 

Tale Of Two States

Chandigarh:

All of us have probably read these famous opening lines:

It was the best of times, it was the worst of times, it was the age of wisdom, it was the age of foolishness, it was the epoch of belief, it was the epoch of incredulity….

Yes, Charles Dickens and his Tale of Two Cities. So here is a story many of you might have missed. A Tale of Two States.

First the positive story.

Ravi Bharti Gupta
(Editorial Advisor)

Punjab is governed by a “opposition” party. Their CM vowed not one grain of wheat would be wasted in the Khariff crop. So Punjab and Central Govt worked in tandem to harvest the crop. You probably know Punjab contributes 35% of our wheat.

Migrant labour was missing. To compensate people under MNREGA were mobilised by Centre. Fleets of combined harvesters were mobikised and escorted in convoys from elsewhere to Punjab’s fields. FCI was mobilised. 2000 odd additional mandis were created to reduce crowding and improve social distancing. Centre controlled Paramilitary forces worked with local police to control convoys of thousands of trucks and tractors conveying wheat from fields to mandi/arat and beyond to godowns. Harvesting started on 15 Apr and is continuing. They are actually lighting up the fields at night to allow harvesting on 24×7 basis. The focus was to quickly complete harvesting and disband the workforce to reduce chances of disease spread.

Capt. Amrinder Singh CM Punjab

Net result? Last year Punjab harvested 1.3 Million Tonnes (MT) all thru April. Some more in May. This year, from 15-26 Apr i.e. in 9 days only, Punjab has harvested 2.8 MT. Stunning! Not only that, Punjab would have all time high record wheat production this year.

FCI is present at all the mandis and arats, procuring and immediately paying for the wheat as it is coming in. Putting money in the hands of the population, encouraging farmers to harvest even more quickly.

Story doesn’t end there. Punjab Govt is working with FCI and Indian Railways to simultaneously take the grain away from Punjab. Because there is no place to store all that grain in Punjab itself.

So Indian Railways have created special Annapoorna Trains. Each train is an amazing 2.4 km long, comprising 84 wagons with multiple engines and radio communication between driver and guard. Best of Ind Rail drivers and guards from the Shatbadis and Rajdhanis are operating the Annapoornas. These trains are taking all the wheat away from Punjab to FCI godowns around the country.

In April last year IR transported some 2 MT of food grains. This April they have already crossed 4 MT and April isn’t over yet.

All of the above is being managed by special teams comprising DMs + SPs + Para Military + IR + FCI under the overall supervision of MHA. Brilliant example of amazing achievement if State + Centre works together.

But this is a Tale of Two States.

See what’s happening at WB. The only topic that all 4 Bangla news channels have been covering for last 7 days is State vs Centre fights. CM’s 3 page letter, followed by Governor’s 5 page letter, followed by CM’s 7 page letter, followed by Governor’s 11 page letter. Whether Constitution is being upheld etc etc. Utter Bullshit.

Mamta Banerjee CM West Bengal

Do you find any news of how and when the Khariff crops in Bengal would be harvested? Any news of the Khariff potato, onion, rice and mustard harvesting? Any news of their sale and procurement? Any report of how to put money in the hands of the farmers? I couldn’t find any. It seems, the entire world has forgotten the Bengal farmers.

वैशाख शुक्ल पंचमी, आदि शंकराचार्य जयंती पर विशेष

आदि शंकराचार्य एक महान हिन्दू दार्शनिक एवं धर्मगुरु थे. आदि शंकराचार्य जी का जन्म 788 ईसा पूर्व केरल के कालड़ी में एक नंबूदरी ब्राह्मण परिवार में हुआ था. इसी उपलक्ष में वैशाख मास की शुक्ल पंचमी के दिन आदि गुरु शंकराचार्य जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष आद्यगुरू शंकराचार्य जयंती 28 अप्रैल 2020, के दिन मनाई जाएगी. हिन्दू धार्मिक मान्यता अनुसार इन्हें भगवान शंकर का अवतार माना जाता है यह अद्वैत वेदान्त के संस्थापक और हिन्दू धर्म प्रचारक थे. आदि शंकराचार्य जी जीवनपर्यंत  सनातन धर्म के जीर्णोद्धार में लगे रहे उनके प्रयासों ने हिंदु धर्म को नव चेतना प्रदान की.

चंडीगढ़(धर्म – संस्कृति), 28 अप्रैल:

शंकराचार्य जी को,आदिशंकराचार्य भी कहा जाता है आप साक्षात् भगवान शिव के अवतार थे . आपने परमेश्वर के विभिन्न रूपों से लोगो को अवगत कराया जिसमे, आपने यह बताया कि,

  • ईश्वर क्या है ?
  • ईश्वर का जीवन मे महत्व क्या है ?

यह ही नही आपने अपने जीवनकाल मे, ऐसे कार्य किये जो बहुत ही सरहानीय है और भारत की, अमूल्य धरोहर के रूप मे आज भी है . आपने हिन्दू धर्म को बहुत ही खूबसूरती से एक अलग अंदाज मे निखारा, इसी के साथ अनेक भाषाओं मे, आपने अपने ज्ञान का प्रकाश फैलाया . आपने विभिन्न मठो की स्थापना की इसी के साथ कई शास्त्र, उपनिषद भी लिखे . 

आदिशंकराचार्य जी का जीवन परिचय ( Shankaracharya history )

आदिशंकराचार्य जी साक्षात् भगवान का रूप थे . आप केरल के साधारण ब्राह्मण परिवार मे जन्मे थे . आपकी जन्म से आध्यात्मिक क्षेत्र मे रूचि रही है जिसके चलते, सांसारिक जीवन से कोई मोह नही था . आपको गीता,उपन्यास, उपनिषद् , वेदों और शास्त्रों का स्वज्ञान प्राप्त था, जिसे आपने पूरे विश्व मे फैलाया.

आदि शंकराचार्य का जीवन परिचय ( Adi Shankaracharya biography in hindi)

जन्म788 ई.
मृत्यु820 ई.
जन्मस्थानकेरल के कलादी ग्राम मे
पिताश्री शिवागुरू
माताश्रीमति अर्याम्बा
जातिनाबूदरी ब्राह्मण
धर्महिन्दू
राष्ट्रीयताभारतीय
भाषासंस्कृत,हिन्दी
गुरुगोविंदाभागवात्पद
प्रमुख उपन्यासअद्वैत वेदांत

शंकराचार्य जी की जन्म व मृत्यु (shankaracharya Birth & Death)

जन्म- आदिशंकराचार्य जी का जन्म 788 ई. मे, केरल के एक छोटे से, गाव कलादी मे हुआ था.

असाधारण प्रतिभा के धनी आद्य जगदगुरू शंकराचार्य का जन्म वैशाख शुक्ल पंचमी के पावन दिन हुआ था. दक्षिण के कालाड़ी ग्राम में जन्में शंकर जी आगे चलकर ‘जगद्गुरु आदि शंकराचार्य’ के नाम से विख्यात हुए. इनके पिता शिवगुरु नामपुद्रि के यहाँ जब विवाह के कई वर्षों बाद भी कोई संतान नहीं हुई, तो इन्होंने अपनी पत्नी विशिष्टादेवी सहित संतान प्राप्ति की इच्छा को पूर्ण करने के लिए से दीर्घकाल तक भगवान शंकर की आराधना की इनकी श्रद्धा पूर्ण कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें स्वप्न में दर्शन दिए और वरदान मांगने को कहा.

शिवगुरु ने प्रभु शंकर से एक दीर्घायु सर्वज्ञ पुत्र की इच्छा व्यक्त की. तब भगवान शिव ने कहा कि ‘वत्स, दीर्घायु पुत्र सर्वज्ञ नहीं होगा और सर्वज्ञ पुत्र दीर्घायु नहीं होगा अत: यह दोनों बातें संभव नहीं हैं तब शिवगुरु ने सर्वज्ञ पुत्र की प्राप्ति की प्रार्थना की और भगवान शंकर ने उन्हें सर्वज्ञ पुत्र की प्राप्ति का वरदान दिया तथा कहा कि मैं स्वयं पुत्र रूप में तुम्हारे यहाँ जन्म लूंगा.

इस प्रकार उस ब्राह्मण दंपती को संतान रूप में पुत्र रत्न की प्राप्त हुई और जब बालक का जन्म हुआ तो उसका नाम शंकर रखा गया शंकराचार्य ने शैशव में ही संकेत दे दिया कि वे सामान्य बालक नहीं है. सात वर्ष की अवस्था में उन्होंने वेदों का पूर्ण अध्ययन कर लिया था, बारहवें वर्ष में सर्वशास्त्र पारंगत हो गए और सोलहवें वर्ष में ब्रह्मसूत्र- भाष्य कि रचना की उन्होंने शताधिक ग्रंथों की रचना शिष्यों को पढ़ाते हुए कर दी अपने इन्हीं महान कार्यों के कारण वह आदि गुरू शंकराचार्य के नाम से प्रसिद्ध हुए.

मृत्यु- 820 ई मे आपका देव लोक गमन हो गया था , अर्थात् मात्र बत्तीस वर्ष आपने, इस संसार के साथ व्यतीत करके उसे धन्य कर दिया .

जीवनशैली

जन्म से ही आदिशंकराचार्य जी जीवन शैली कुछ भिन्न थी . शंकराचार्य जी ने वेद-वेदांतो के इस ज्ञान को भारत के चारों कोनो मे फैलाया . उनका उद्देश्य प्रभु की दिव्यता से लोगो को अवगत कराना अद्वैत कहावत के अनुसार ब्रह्म सर्वत्र है या स्व ब्रह्म है अर्थात् ब्रह्म का मै और मै कौन हू ? का सिद्धांत शंकराचार्य द्वारा प्रचारित किया गया . इसी के साथ शिव की शक्ति और उसकी दिव्यता बताई गई . शंकराचार्य द्वारा कथित तथ्य और सिद्धांत जिसमे सांसारिक और दिव्य अनुभव दोनों का बेजोड़ मिलन है, जो कही देखने को नही मिलता है . शंकराचार्य ने कभी किसी देवता के महत्व को कम नही किया ना ही उनकी बाहुल्यता को कम किया . इन्होंने अपने जीवनशैली के माध्यम से लोगो जीवन के तीन वास्तविक स्तरों से अवगत कराया .

तीन वास्तविक स्तर

  1. प्रभु – यहा ब्रह्मा,विष्णु, और महेश की शक्तियों का वर्णन किया गया था .
  2. प्राणी – मनुष्य की स्वयं की आत्मा – मन का महत्व बताया है .
  3. अन्य – संसार के अन्य प्राणी अर्थात् जीव-जन्तु, पेड़-पौधे और प्राकृतिक सुन्दरता का वर्णन और महत्व बताया है .

इस प्रकार इन तीन को मिला कर, उनके साथ भक्ति,योग, और कर्म को जोड़ दिया जाये तो जो, आनंद प्राप्त होता है वो, बहुत ही सुखद होता है . इसी तरह का जीवन स्वयं व्यतीत कर, अपनी ख्याति सर्वत्र फैलाते थे .

कार्यकाल

आदिशंकराचार्य जी ने बहुत कम उम्र मे, तथा बहुत कम समय मे अपने कार्य के माध्यम से, अपने जीवन के उद्देश्य को पूर्ण किया . आपके जीवन के बारे मे यहा तक कहा गया है कि आपने महज दो से तीन वर्ष की आयु मे सभी शास्त्रों , वेदों को कंठस्थ कर लिया था . इसी के साथ इतनी कम आयु मे, भारतदर्शन कर उसे समझा और सम्पूर्ण हिन्दू समाज को एकता के अटूट धागे मे पिरोने का अथक प्रयास किया और बहुत हद तक सफलता भी प्राप्त की जिसका जीवित उदहारण उन्होंने स्वयं सभी के सामने रखा और वह था कि आपने सर्वप्रथम चार अलग-अलग मठो की स्थापना कर उनको उनके उद्देश्य से अवगत कराया . इसी कारण आपको जगतगुरु के नाम से नवाज़ा गया और आप चारो मठो के प्रमुख्य गुरु के रूप मे पूजे जाते है .

शंकराचार्य चार मठो के नाम (shankaracharya math Name)

  1. वेदान्त मठ – जिसे वेदान्त ज्ञानमठ भी कहा जाता है जोकि, सबसे पहला मठ था और इसे , श्रंगेरी रामेश्वर अर्थात् दक्षिण भारत मे, स्थापित किया गया .
  2. गोवर्धन मठ – गोवर्धन मठ जोकि, दूसरा मठ था जिसे जगन्नाथपुरी अर्थात् पूर्वी भारत मे, स्थापित किया गया .
  3. शारदा मठ – जिसे शारदा या कलिका मठ भी कहा जाता है जोकि, तीसरा मठ था जिसे, द्वारकाधीश अर्थात् पश्चिम भारत मे, स्थापित किया गया .
  4. ज्योतिपीठ मठ – ज्योतिपीठ मठ जिसे बदरिकाश्रम भी कहा जाता है जोकि, चौथा और अंतिम मठ था जिसे, बद्रीनाथ अर्थात् उत्तर भारत मे, स्थापित किया गया .

इस तरह आदिशंकराचार्य जी ने, भारत भ्रमण कर इन मठो की, स्थापना कर चारो ओर, हिन्दुओ का परचम लहराया .

प्रमुख्य ग्रन्थ – आदिशंकराचार्य जी ने हिन्दी,संस्कृत जैसी भाषओं का प्रयोग कर दस से अधिक उपनिषदों , अनेक शास्त्रों, गीता पर संस्करण और अनेक उपदेशो को , लिखित व मौखिक लोगो तक पहुचाया . आपने अपने जीवन मे, कुछ ऐसे कार्यो की शुरूवात कि, जो उससे पहले कभी नही हुई थी . आपने अपने जीवन मन , आत्मा और ईश्वर को बहुत खूबसूरती से, अपने जीवन मे जोड़ा और लोगो को, इनके मिलाप से होने वाले अनुभव से अवगत कराया .

प्रमुख सन्देश  

आदिशंकराचार्य जी ने तो अपने जीवनकाल मे इतना कुछ लिखा और बहुत अच्छे सन्देश दिये है जिसे हर कोई गंभीरता से सोंचे और अपने जीवन में उतारे तो यह जीवन धन्य हो जायेगा . वैसे आपके उपर कई लेख, और पुस्तके लिखी भी गई है . हम अपने इस संस्करण मे आफ्ही के द्वारा कथित कुछ महत्वपूर्ण सन्देश लोगो तक पंहुचा रहे है .

शंकराचार्यजी द्वारा अनमोल वचन (Shankaracharya quotes )

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आज का राशिफल

Aries

28 अप्रैल 2020: आपको राहत की सांस लेने का समय है. अब तक का महीना आपके लिए व्यस्त रहा है, लेकिन आज आप मन की शांति पा सकेंगे. आप स्वयं को ध्यान और आराम के लिए इच्छुक पाएंगे. यह एक अच्छी बात है. अपने दोस्तों और परिवार के लिए भी कुछ समय निकालने की कोशिश करें.

Taurus

28 अप्रैल 2020: आज व्यस्त रहने की उम्मीद है. आपके पास करने के लिए बहुत सारी चीजें हैं और आप इसे प्रबंधित करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं. अपने सभी कार्यों से निपटने का सबसे आसान तरीका एक टू-डू लिस्ट बनाकर पहले जो आपके लिए आवश्यक हों उसे प्राथमिकता दें. इस तरह आपके पास पूरे दिन का पालन करने के लिए एक संरचना होगी और चीजें गड़बड़ नहीं होंगी.

Gemini

28 अप्रैल 2020: आप किसी ऐसे व्यक्ति को याद कर सकते हैं जिसके साथ आपकी दोस्ती थी. आपके लिए मिथुन राशि की सबसे अच्छी बात, अतीत को भूलकर आगे बढ़ना होगा. उस व्यक्ति को अपने दोबारा दोस्ती करें. किसी ऐसे दोस्त को मत खोइए जिसे आपका दिल जाने नहीं दे.

Cancer

28 अप्रैल 2020: आज आपके द्वारा किए गए कार्य भविष्य के लिए फायदेमंद होंगे. अभी आप नहीं सोच सकते कि वे महत्वपूर्ण हैं लेकिन आपके द्वारा बनाए गए कनेक्शन आपकी जरूरत के समय में आपकी मदद करने जा रहे हैं. आज किसी भी परिस्थिति में भीड़ वाली जगह पर बिल्कुल भी ना जाएं.

Leo

28 अप्रैल 2020: यदि आप जो चाहते हैं उसके बारे में बहुत अधिक दबंग हैं तो लोग आपकी मदद करने में थोड़ा सशंकित हो सकते हैं. आदेशों को इधर-उधर फेंकने के बजाय, अन्य लोगों के सुझाव मांगें और फिर अपनी राय उनके सामने रखें. एक टीम के रूप में चीजें करें, न कि बॉस के रूप में.

Virgo

28 अप्रैल 2020: आपका क्षति नियंत्रण कौशल आज सबसे बड़ा साबित होने जा रहा है. लोग जरूरत के समय में आपके पास सलाह लेने आएंगे. आपसे उन्हें सबसे अच्छी सलाह मिलती है. हालांकि अपनी खुद की सलाह का पालन करना न भूलें और अपने जीवन को वापस ट्रैक पर लाएं.

Libra

28 अप्रैल 2020: आप आज बहुत रचनात्मक रूप से प्रेरित होने जा रहे हैं. यदि कोई कला, या पुस्तक, या संगीत है, जिस पर आप काम कर रहे हैं तो आज का दिन इसे प्राप्त करने का सबसे अच्छा दिन है. आपके मन में आज बहुत सारे विचार आने वाले हैं, उन पर अमल करने की योजना बनाएं.

Scorpio

28 अप्रैल 2020: हो सकता है कि चीजें आपके अनुसार नहीं चल रही हों लेकिन यह ठीक है. एक बदलाव के लिए, ब्रह्मांड को अपने जीवन के नियंत्रण में रहने दें. कभी-कभी नियंत्रण छोड़ना सबसे अच्छी बात है जो आप अपनी उत्पादकता और मानसिक पवित्रता दोनों के लिए कर सकते हैं.

Sagittarius

28 अप्रैल 2020: आपकी राय आज दूसरों के लिए बहुत मायने रखने वाली है. लोग आपको देखेंगे और जवाब के लिए आपके पास आएंगे. आप गुरु की तरह माने जाएंगे. अपने नेतृत्व कौशल का उपयोग करना सुनिश्चित करें ताकि आप उन सभी प्रश्नों के लिए तैयार हों जो लोग आपके ऊपर फेंकने जा रहे हैं.

Capricorn

28 अप्रैल 2020: आज आप विशेष रूप से मंडी महसूस कर सकते हैं. यह सब कुछ आपके आसपास होने के कारण हो सकता है. आपको वह अधिकार नहीं मिल रहा है जो आप चाहते हैं और हकदार हैं. लेकिन याद रखना धैर्य एक गुण है, बस इस बात पर पकड़ बनाए रखें कि आप क्या चाहते हैं जो आपको मिल रहा है, लेकिन यह बस थोड़ी देर लेने वाला है.

Aquarius

28 अप्रैल 2020: आज आपके चारों तरफ सकारात्मक ऊर्जा रहने वाली है. आप ऊर्जावान और शांत महसूस करेंगे. इस दिन को एक शक्ति दिवस के रूप में उपयोग करें ताकि आप उन सभी कार्यों को पूरा कर सकें जो आप अगले दिन के लिए छोड़ रहे हैं. जब आपके पास ऊर्जा हो और शिथिलता न हो तो बेहतर है.

Pisces

28 अप्रैल 2020: एक नया खेल शुरू करने और उसे अपनाने के लिए एक अच्छा दिन है. आप हमेशा सोफे पर बैठकर टीवी नहीं देख सकते. आपको थोड़ा व्यायाम करने की आवश्यकता है. यदि आप सैर-सपाटे के लिए बाहर जाने का मन है तो ऐसा ना करें. घर में ही रहकर व्यायाम करें.