नादान बच्चों की जिंदगी लीलते खुले पड़े बोर

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ – 31 अक्टूबर:

बोरवेल दुर्घटना के कारण तमिलनाडु में दो वर्षीय सुजीत विल्सन और पंजाब के फ़तह सिंह की दुखद मौत एक आंख खोलने वाली घटनाएं हैं। लेकिन सम्बन्धित विभागों और प्राधिकरणों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस तरह की घटनाएं अभी भी जारी हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने लगभग नौ साल पहले दिशा-निर्देश जारी किए थे।
शीर्ष अदालत द्वारा स्वत संज्ञान लिए गए एक मामले में बोरवेल में गिरने और ट्यूबवेल में गिरने के कारण छोटे बच्चों के साथ होने वाली घातक दुर्घटनाओं की रोकथाम के उपायों पर फिर से विचार किया गया था।

तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस.एच. कपाड़िया और जस्टिस के.एस. राधाकृष्णन और जस्टिस स्वतंत्र कुमार की पीठ ने विभिन्न राज्यों में कई मामलों पर ध्यान दिया था, जहां बच्चे बोरवेल और ट्यूबवेल या खाली पड़े कुओं में गिर गए थे। उसी के अनुसार , अदालत ने 6 अगस्त 2010 को इस तरह के हादसों को रोकने के लिए तत्काल उपाय करने के लिए निर्देश दिए थे। परन्तु ऐसी दर्दनाक हादसों का सिलसिला रुक नहीं रहा।
बोरवेल दुर्घटनाओं का सिलसिला भले ही सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जारी निर्देश को नौ साल बीत चुके हों, लेकिन इस तरह की घातक घटनाएं थमी नहीं हैं। ताजा घटना सुजीत विल्सन की हाल ही में हुई मौत है, जिसके मृत शरीर को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में खुले छोड़ दिए गए बोरवेल से 80 घंटे तक नॉन स्टॉप रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के बाद निकाला गया था। विल्सन अपने परिवार के फॉर्म में खेलते समय एक खुले बोरवेल में गिर गया था और वह 88 फीट की गहराई पर 80 घंटे से अधिक समय तक उसमें फंसा रहा। इस घटना के साथ कई अन्य घटनाओं को भी रोका जा सकता था,अगर संबंधित अधिकारियों ने उन दिशानिर्देशों का पालन किया होता, जो सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए थे। विशेष रूप से खुले बोरवेल के संबंध में।

अदालत ने निर्देश दिया था कि

1. इनको नीचे से लेकर जमीनी स्तर तक मिट्टी/रेत/बोल्डर/ कंकड़/ ड्रिल कटिंग आदि द्वारा भरा जाना चाहिए। इसके अलावा, ग्राउंड वाटर /पब्लिक हेल्थ/म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन/ प्राइवेट कॉन्ट्रैक्टर आदि के संबंधित विभाग से उपरोक्त प्रभाव या काम के लिए एक प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना चाहिए।
2. संबंधित एजेंसी /विभाग की कार्यकारिणी इन अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए ऐसे खुले कुओं का समय-समय पर औचक निरीक्षण करें।
3. ऐसे सभी खुले बोरवेलों की जानकारी राज्य के जिला कलेक्टर/ खंड विकास कार्यालय में रखी जाए। बोरवेल के निर्माण और उसके बाद के रखरखाव के संबंध में, अदालत ने निर्देश दिया था कि-

1. एक भूमि मालिक, बोरवेल का निर्माण करने के लिए कोई भी कदम उठाने से कम से कम 15 दिन पहले लिखित में क्षेत्र के संबंधित अधिकारियों ,जिनमें जिला कलेक्टर / जिला मजिस्ट्रेट /ग्राम पंचायत के सरपंच/ किसी अन्य सांविधिक प्राधिकारी या भूजल / सार्वजनिक स्वास्थ्य/नगर निगम के संबंधित अधिकारी, को सूचित करें।
2. निर्माण के समय, कांटेदार तार की बाड़ या किसी अन्य उपयुक्त अवरोध को कुएं या बोरवेल के चारों ओर लगाया जाना चाहिए। इसके अलावा, ड्रिलिंग एजेंसी और कुएं के मालिक के विवरण के साथ कुएं या बोरवेल के पास एक साइनबोर्ड लगाया जाना चाहिए।
3. कुएं या बोरवेल के आवरण के चारों ओर 0.50Û0.50Û0.60 मीटर ( जमीनी स्तर से 0.30 मीटर ऊपर और जमीन के स्तर से 0.30 मीटर नीचे) वाले सीमेंट प्लेटफॉर्म का निर्माण किया जाना चाहिए।
4. कुएं या बोरवेल को अच्छी तरह से ढ़कने के लिए वेल्डिंग स्टील प्लेट का प्रयोग किया जाना चाहिए या बोल्ट और नट्स के साथ आवरण पर पाइप की एक मजबूत कैप लगाई जानी चाहिए।
5. एक विशेष स्थान पर ड्रिलिंग संचालन का काम पूरा होने पर, ड्रिलिंग को शुरु करने से पहले जमीन की जैसी स्थिति थी,उसे बहाल करना चाहिए, मिट्टी के गड्ढों और चैनलों को भरना होगा।
6. पंप की मरम्मत के मामले में, नलकूप या ट्यूबवेल को खुला नहीं छोड़ा जाना चाहिए।

इसके अतिरिक्त, यह निर्देश दिए गए थे कि

1. उपरोक्त दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए जिला कलेक्टर को सशक्त बनाया जाना चाहिए।
2. जिला प्रशासन/वैधानिक प्राधिकारी के साथ निजी एजेंसियों सहित सभी ड्रिलिंग एजेंसियों का पंजीकरण अनिवार्य होना चाहिए।
3. जिला/ब्लॉक/ ग्रामवार स्तर पर खोदे गए बोरवेल की स्थिति- उपयोग में आने वाले बोरवेल या कुओं की संख्या, खुले बोरवेलों की संख्या जो खुले पाए गए हैं, परित्यक्त बोरवेलों की संख्या जिनको भूमि स्तर तक ठीक से भर दिया गया है और ऐसे बोरवेल जो अभी जमीनी स्तर तक भरे जाने हैं उनकी संख्या, को जिला स्तर पर बनाए रखी जानी चाहिए।…

अब देश में होंगे 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर अब राज्य नहीं

इतिहास के पटल पर आज 31 अक्तूबर का दिन खास तौर पर दर्ज़ हो गया जब आज आधी रात से  जम्मू कश्मीर का राज्य के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया ।

यह पहला मौका है जब एक राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया हो। आज आधी रात से फैसला लागू होते ही देश में राज्यों की संख्या 28 और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या नौ हो गई है।

आज जी सी मुर्मू और आर के माथुर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के प्रथम उपराज्यपाल के तौर पर बृहस्पतिवार को शपथ लेंगे।

श्रीनगर और लेह में दो अलग-अलग शपथ ग्रहण समारोहों का आयोजन किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल दोनों को शपथ दिलाएंगी।

सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था, जिसे संसद ने अपनी मंजूरी दी। इसे लेकर देश में खूब सियासी घमासान भी मचा। 

भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने की बात कही थी और मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 90 दिनों के भीतर ही इस वादे को पूरा कर दिया। इस बारे में पांच अगस्त को फैसला किया गया।


सरदार पटेल की जयंती पर बना नया इतिहास 


सरदार पटेल को देश की 560 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय का श्रेय है। इसीलिए उनके जन्मदिवस को ही इस जम्मू कश्मीर के विशेष अस्तित्व को समाप्त करने के लिए चुना गया।
देश में 31 अक्टूबर का दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। आज पीएम मोदी गुजरात के केवडिया में और अमित शाह दिल्ली में अगल-अलग कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। कश्मीर का राज्य के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया। इसके साथ ही दो केंद्रशासित प्रदेशों का दर्जा मध्यरात्रि से प्रभावी हो गया है। नए केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आए हैं।

 जम्मू और कश्मीर में आतंकियों की बौखलाहट एक बार फिर सामने आई है. आतंकियों ने कुलगाम में हमला किया है, जिसमें 5 मजदूरों की मौत हो गई है. जबकि एक घायल है. मारे गए सभी मजदूर कश्मीर से बाहर के हैं. जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से घाटी में ये सबसे बड़ा आतंकी हमला है. आतंकियों की कायराना हरकत से साफ है कि वे कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले से बौखलाए हुए हैं और लगातार आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं.

जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बलों ने इस इलाके की घेराबंदी कर ली है और बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है. अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया गया है. माना जा रहा है कि मारे गए मजदूर पश्चिम बंगाल के थे.

ये हमला ऐसे समय हुआ है जब यूरोपियन यूनियन के 28 सांसद कश्मीर के दौरे पर हैं. सांसदों के दौरे के कारण घाटी में सुरक्षा काफी कड़ी है. इसके बावजूद आतंकी बौखलाहट में किसी ना किसी वारदात को अंजाम दे रहे हैं. डेलिगेशन के दौरे के बीच ही श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के कुछ इलाकों में पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आईं.

जम्मू एवं से अनुच्छेद-370 हटने के बाद यूरोपीय संघ के 27 सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों द्वारा सवाल उठाने पर भारतीय जनता पार्टी ने जवाब दिया है. पार्टी का कहना है कि कश्मीर जाने पर अब किसी तरह की रोक नहीं है. देसी-विदेशी सभी पर्यटकों के लिए कश्मीर को खोल दिया गया है, और ऐसे में विदेशी सांसदों के दौरे को लेकर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं है.

भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा, ‘कश्मीर जाना है तो कांग्रेस वाले सुबह की फ्लाइट पकड़कर चले जाएं. गुलमर्ग जाएं, अनंतनाग जाएं, सैर करें, घूमें-टहलें. किसने उन्हें रोका है? अब तो आम पर्यटकों के लिए भी कश्मीर को खोल दिया गया है.’शहनवाज हुसैन ने कहा कि जब कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटा था, तब शांति-व्यवस्था के लिए एहतियातन कुछ कदम जरूर उठाए गए थे, मगर हालात सामान्य होते ही सब रोक हटा ली गई. उन्होंने कहा, ‘अब हमारे पास कुछ छिपाने को नहीं, सिर्फ दिखाने को है.’

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘जब कश्मीर में तनाव फैलने की आशंका थी, तब बाबा बर्फानी के दर्शन को भी तो रोक दिया गया था. यूरोपीय संघ के सांसद कश्मीर जाना चाहते थे. वे पीएम मोदी से मिले तो अनुमति दी गई. कश्मीर को जब आम पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है तो विदेशी सांसदों के जाने पर हायतौबा क्यों? विदेशी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर जाने से पाकिस्तान का ही दुष्प्रचार खत्म होगा.’

आठ दिन और छ्ह फैसले

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ 31-अक्टूबर:

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई नवंबर की 17 तारीख को रिटाइर हो रहे हैं  उन्हें छह महत्त्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाना है। सुप्रीम कोर्ट में इस समय दिवाली की छुट्टियां चल रही हैं और छुट्टियों के बाद अब काम 4 नवंबर को शुरू होगा।

अयोध्या बाबरी मस्जिद मामला, राफल समीक्षा मामला , राहुल पर अवमानना मामला, साबरिमाला , मुख्य न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का मामला और आर टी आई अधिनियम पर फैसले आने हैं।

अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला इन सभी मामलों में सर्वाधिक चर्चित है अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला। पांच जजों की संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई पूरी कर चुकी है और 16 अक्टूबर को अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा। इस पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ही कर रहे हैं। इस विवाद में अयोध्या, उत्तर प्रदेश में स्थित 2 .77 एकड़ विवादित जमीन पर किसका हक़ है, इस बात का फैसला होना है। हिन्दू पक्ष ने कोर्ट में कहा कि यह भूमि भगवान राम के जन्मभूमि के आधार पर न्यायिक व्यक्ति है। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना था कि मात्र यह विश्वास की यह भगवान राम की जन्मभूमि है, इसे न्यायिक व्यक्ति नहीं बनाता। दोनों ही पक्षों ने इतिहासकारों, ब्रिटिश शासन के दौरान बने भूमि दस्तावेजों, गैज़ेट आदि के आधार पर अपने अपने दावे पेश किये है। इस सवाल पर कि क्या मस्जिद मंदिर की भूमि पर बनाई गई? आर्किओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट भी पेश की गई।

 रफाल समीक्षा फैसला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में एसके कौल और केएम जोसफ की पीठ के 10 मई को रफाल मामले में 14 दिसंबर को दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई समीक्षा रिपोर्ट पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मामला 36 रफाल लड़ाकू विमानों के सौदे में रिश्वत के आरोप से संबंधित है। इस समीक्षा याचिका में याचिकाकर्ता एडवोकेट प्रशांत भूषण और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने मीडिया में लीक हुए दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में तर्क दिया कि सरकार ने फ्रेंच कंपनी (Dassault) से 36 फाइटर जेट खरीदने के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण सूचनाओं को छुपाया है। कोर्ट ने इस मामले में उन अधिकारियों के विरुद्ध झूठे साक्ष्य देने के सन्दर्भ में कार्रवाई भी शुरू की जिन पर यह आरोप था कि उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को गुमराह किया है। 10 अप्रैल को अदालत ने इस मामले में द हिन्दू आदि अखबारों में लीक हुए दस्तावेजों की जांच करने के केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों को दरकिनार कर दिया था। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलील दी थी कि ये दस्तावेज सरकारी गोपनीयता क़ानून का उल्लंघन करके प्राप्त किए गए थे, लेकिन पीठ ने इस प्रारंभिक आपत्तियों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि साक्ष्य प्राप्त करने में अगर कोई गैरकानूनी काम हुआ है तो यह इस याचिका की स्वीकार्यता को प्रभावित नहीं करता।

राहुल गांधी के “चौकीदार चोर है” बयान पर दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा रफाल सौदे की जांच के लिए गठित मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने राहुल गांधी के खिलाफ मीनाक्षी लेखी की अवमानना याचिका पर भी फैसला सुरक्षित रखा। राहुल गांधी ने रफाल सौदे को लक्ष्य करते हुए यह बयान दिया था कि “चौकीदार चोर है।” कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी इस टिपण्णी के लिए माफी मांग ली थी।

सबरीमाला समीक्षा फैसला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने सबरीमाला मामले में याचिकाकर्ताओं को एक पूरे दिन की सुनवाई देने के बाद समीक्षा याचिका पर निर्णय को फरवरी 6 को सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति खानविलकर, न्यायमूर्ति नरीमन, न्यायमूर्ति चंद्रचूड और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की संविधान पीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में ट्रावनकोर देवस्वोम बोर्ड, पन्दलम राज परिवार और कुछ श्रद्धालुओं ने 28 दिसंबर 2018 को याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी। याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में अपनी दलील में यह भी कहा था कि संवैधानिक नैतिकता एक व्यक्तिपरक टेस्ट है और आस्था के मामले में इसको लागू नहीं किया जा सकता। धार्मिक आस्था को तर्क की कसौटी पर नहीं कसा जा सकता। पूजा का अधिकार देवता की प्रकृति और मंदिर की परंपरा के अनुरूप होना चाहिए। यह भी दलील दी गई थी कि फैसले में संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत ‘अस्पृश्यता’ की परिकल्पना को सबरीमाला मंदिर के सन्दर्भ में गलती से लाया गया है और इस क्रम में इसके ऐतिहासिक सन्दर्भ को नजरअंदाज किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआई के अधीन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 4 अप्रैल को सीजेआई कार्यालय के आरटीआई अधिनियम के अधीन होने को लेकर दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने दिल्ली हाईकोर्ट के जनवरी 2010 के फैसले के खिलाफ चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सीजेआई का कार्यालय आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 2(h) के तहत ‘सार्वजनिक प्राधिकरण’है। वित्त अधिनियम 2017 की वैधता पर निर्णय ट्रिब्यूनलों के अधिकार क्षेत्र और स्ट्रक्चर पर डालेगा प्रभाव राजस्व बार एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखा। इस याचिका में वित्त अधिनियम 2017 के उन प्रावधानों को चुनौती दी गई है, जिनकी वजह से विभिन्न न्यायिक अधिकरणों जैसे राष्ट्रीय हरित अधिकरण, आयकर अपीली अधिकरण, राष्ट्रीय कंपनी क़ानून अपीली अधिकरण के अधिकार और उनकी संरचना प्रभावित हो रही है। याचिकाकर्ता की दलील थी कि वित्त अधिनियम जिसे मनी बिल के रूप में पास किया जाता है, अधिकरणों की संरचना को बदल नहीं सकता।

यौन उत्पीडन मामले में सीजेआई के खिलाफ साजिश मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के खिलाफ यौन उत्पीडन के आरोपों की साजिश की जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति एके पटनायक ने की और जांच में क्या सामने आता है, इसका इंतज़ार किया जा रहा है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन और दीपक गुप्ता की पीठ ने न्यायमूर्ति पटनायक को एडवोकेट उत्सव बैंस के दावों के आधार पर इस मामले की जांच का भार सौंपा था। उत्सव बैंस ने कहा था कि उनको किसी फ़िक्सर, कॉर्पोरेट लॉबिस्ट, असंतुष्ट कर्मचारियों ने सीजेआई के खिलाफ आरोप लगाने के लिए एप्रोच किया था। ऐसा समझा जाता है कि न्यायमूर्ति पटनायक ने इस जांच से संबंधित अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है।


Pradeep choudhary from kalka wins

काँग्रेस के प्रदीप चौधरी ने भाजपा की लतिका शर्मा को पछाड़ा

हरियाणा में काँग्रेस की तरफ से सरकार बनाने की हलचल तेज़

75 पार का नारा देने वाली भाजपा 40 के आंकड़े को छूती भी दिख नहीं पड़ रही। ऐसे में काँग्रेस की बांछें खिली ही हैं ओर वह जेजेपी के सहारे सत्ता सुख के लिए मंथन कर रही है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजे 2019: हरियाणा विधानसभा चुनाव की मतगणना के अंतिम रुझान आते ही कांग्रेस सरकार बनाने के लिए सक्रिय हो गई और पार्टी के अंदर हलचल तेज हो गई. सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस की तरफ से सरकार बनाने के लिए जेजेपी से संपर्क साधा गया और कांग्रेस के आला पदाधिकारियों के बीच सरकार बनाने को लेकर गहन मंत्रणा शुरू हो गई. इसके तहत भूपिंदर सिंह हुड्डा ने जहां कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से बातचीत की तो उन्‍होंने कांग्रेस के चाणक्‍य अहमद पटेल के अलावा गुलाम नबी आजाद से भी बातचीत की. उधर, कांग्रेस की हरियाणा प्रदेश अध्‍यक्ष कुमारी शैलजा भी अहमद पटेल से मिलीं.

हरियाणा विधानसभा चुनाव की मतगणना के अंतिम रुझान आते ही कांग्रेस सरकार बनाने के लिए सक्रिय हो गई और पार्टी के अंदर हलचल तेज हो गई. सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस की तरफ से सरकार बनाने के लिए जेजेपी से संपर्क साधा गया और कांग्रेस के आला पदाधिकारियों के बीच सरकार बनाने को लेकर गहन मंत्रणा शुरू हो गई. इसके तहत भूपिंदर सिंह हुड्डा ने जहां कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से बातचीत की तो उन्‍होंने कांग्रेस के चाणक्‍य अहमद पटेल के अलावा गुलाम नबी आजाद से भी बातचीत की. उधर, कांग्रेस की हरियाणा प्रदेश अध्‍यक्ष कुमारी शैलजा भी अहमद पटेल से मिलीं.

दरअसल, रुझानों में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) (JJP) किंगमेकर साबित हुई. ऐसे में राज्‍य में सरकार बनाने की गणित तेज हो गई और कांग्रेस ने जेजेपी से संपर्क साधा. सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए जेजेपी नेता दुष्‍यंत चौटाला से संपर्क किया है.

वहीं, जेजेपी ने कोई भी फैसला लेने से पहले कल विधायकों की बैठक बुलाई है. सूत्रों के अनुसार, त्रिशंकु विधानसभा होने पर जेजेपी कल विधायकों से मंत्रणा करेगी. जेजेपी का दावा है कि वह सरकार बनाएगी. लिहाजा, कल विधायकों से रायशुमारी कराई जा सकती है.

त्रिशंकु विधानसभा की ओर हरियाणा अग्रसर, खट्टर दिल्ली तलब

नई दिल्‍ली: हरियाणा की सभी 90 सीटों के रुझानों में त्रिशंकु विधानसभा के आसार बनते दिख रहे हैं. नतीजतन सियासी दांवपेंच का खेल शुरू हो गया है. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्‍व ने हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को दिल्‍ली बुलाया है. रुझानों के मुताबिक दुष्‍यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी 11 सीटों पर आगे चल रही है. यानी जेजेपी किंगमेकर बनकर उभरी है.

रुझानों के आने के साथ ही बदलते सियासी समीकरणों के बीच कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए जेजेपी से संपर्क किया है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला से संपर्क किया है. सूत्रों के मुताबिक त्रिशंकु विधानसभा होने पर कल जेजेपी अपने विधायकों से मंत्रणा करेगी. कल विधायकों से रायशुमारी कराई जा सकती है. विधायक दल की बैठक में तय होगा कि किसके साथ जाना है. इस बीच दुष्‍यंत चौटाला ने इन रुझानों के बीच दावा करते हुए कहा भी है कि मेरे पास सत्‍ता की चाबी है. हरियाणा में बदलाव होगा.

खास बात : BJP ने प्रवक्ताओं को निर्देश दिए, JJP के खिलाफ मत ब्यान दें ।

ईवीएम के अब तक के रुझान भाजपा सिकुड़ती दिख रही है

10:30 ब्रेकिंग

भाजपा 42
काँग्रेस 27
INLD 3
जेजेपी 13
अन्य 5

द्श्यंत चौटाला के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होने कॉंग्रेस से संपर्क साधा है और मुहयमन्त्री पद क मांग कि है वहीं भाजपा ने प्रकाश सिंह बादल को जेजेपी से बात करने कि ज़िम्मेदारी दी है।

कालका विधानसभा की अभी तक कोई रिपोर्ट मीडिया को नही दी जा रही

सेक्टर 14 के गर्ल कालेज में अभी तक मीडिया तक नही पहुचाई गई कोई चुनावी अपडेट आखिर क्यों देरी की जा रही है

जबकि बाहर से व्हाट्सएप पर मैसेज आ रहे है कि कालका में किसको कितने वोट डाले गए हैं
सेक्टर 14 में कालका विधानसभा सीट की मतगणना के दौरान डीपीआरओ विभाग की अव्यवस्था दो राउंड होने के बावजूद भी नहीं उपलब्ध करवाया जा रहा कोई डाटा
पत्रकारों व मीडिया कर्मियों को रखा जा रहा है दूर सुबह के 10:00 बज चुके हैं लेकिन अभी तक पहले राउंड की डिटेल डीपीआर विभाग द्वारा मुहैया नहीं करवाई गई अब तक का सबसे घटिया व्यवस्था डीपीआर विभाग द्वारा की गई है कहा जा रहा है कि 12 बजे आपको डिटेल्स दे दी जायेगी

बहादुरगढ़ में इंटरनेट और झज्जर में इलैक्शन ऑब्जर्वर की मनमानी तो पुंडरी में मतगणना रोकी गयी

ब्रेकिंग बहादुरगढ़:-

बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के काउंटिंग सेंटर पर अब तक शुरू नहीं हुई है मतगणना।
इंटरनेट केबल कटी हुई होने के कारण शुरू नहीं हुई है गिनती।
अब तक सिर्फ स्ट्रांग रूम खोलने की प्रक्रिया हुई है पूरी।

ब्रेकिंग झज्जर:-

झज्जर में इलेक्शन ऑब्जर्वर की मनमानी।
बादली विधानसभा क्षेत्र के मतगणना केंद्र में ऑब्जर्वर ने पत्रकारों की इंट्री पर लगाई रोक।
बहादुरगढ़, बेरी और झज्जर के मतगणना केंद्र पर पत्रकारों की ठीक तरह से हो रही इंट्री।
लेकिन बादली विधानसभा के ऑब्जर्वर और एसडीएम ने लगा रखी है रोक।

पुंडरी ब्रेकिंग:

पत्रकारों के साथ झड़प के चलते पुंडरी में मतगणना रोकी गयी

बैलट पेपर की गिनती में भाजपा आगे

हरियाणा

भाजपा 40
काँग्रेस 21
INLD 0
JJP 4
अन्य 1