लोकसभा चुनाव में अकाली दल हरियाणा में लड़ने की तैयारी कर रही थी, तब भरोसा दिलाया गया था कि इस चुनाव में बीजेपी का साथ दें, इसकी एवज में अकाली दल को विधानसभा चुनाव में कुछ सीटें दी जाएंगी. इसी के चलते लोकसभा में चुनाव नहीं लड़े और बीजेपी को सहयोग किया था. भूंदड़ ने कहा कि उस समय सीटों की संख्या पर कोई बातचीत नहीं हुई थी.
अकाली दल अब हरियाणा में अब कम से कम 30 विधानसभा सीटें मांग रही है. हरियाणा की कुरुक्षेत्र, करनाल, सिरसा और अंबाला इलाके में करीब दो दर्जन विधानसभा सीटें सिख बाहुल्य हैं. अकाली इन्हीं सीटों पर दावेदारी कर रही है, लेकिन बीजेपी इतनी सीटों की डिमांड मानें यह मुश्किल है. जबकि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा की 90 में से 79 विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल की थी. माना जा रहा है कि बीजेपी ज्यादा से ज्यादा 5 से 7 सीटें अकाली दल के लिए छोड़ सकती है.
सनद रहे कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हरियाणा में क्लीन स्वीप करते हुए सभी 10 संसदीय सीटें जीतने में कामयाब रही है. इतना ही नहीं हरियाणा में बीजेपी को 58 फीसदी से ज्यादा वोट मिले हैं, जिससे पार्टी के हौसले काफी बुलंद हैं. यही वजह है कि बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में 75 प्लस सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है.
चंडीगढ़:
शिरोमणि अकाली दल ने हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. चंडीगढ़ में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला हुआ है. शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा के साथ गठबंधन के लिए दरवाजे खुले रखे हैं. फिलहाल पार्टी ने चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों से 22 सितंबर तक आवेदन मांगे हैं. इन उम्मीदवारों के नाम की स्क्रूटनी 22 सितंबर को कुरुक्षेत्र में होने वाली बैठक में की जाएगी. वहीं, पंजाब में उपचुनाव के लिए भी अकाली दल ने तैयारी पूरी कर ली है.
उल्लेखनीय है कि शिरोमणी अकाली दल ने चंडीगढ़ में कोर कमेटी की बैठक की और हरियाणा में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया. पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के बाद अकाली दल की हरियाणा इकाई के साथ बातचीत की गई, जिसमें प्रदेश में पार्टी की स्थिति का जायजा लिया गया. पार्टी के महासचिव दलजीत चीमा ने जानकारी दी है कि चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ने 22 सितंबर तक चुनाव लड़ने में दिलचस्पी रखने वाले उम्मीदवारों से पार्टी ने आवेदन मांगे हैं. 22 सितंबर को कुरुक्षेत्र में बैठक करके उम्मदीवारों के नामों की स्क्रूटनी की जाएगी. इसके लिए सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़ के नेतृत्व में एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई है.
गठबंधन के लिए शिरोमणि अकाली दल ने केवल भाजपा के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं, बल्कि भाजपा से गठबंधन पर बात करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. वरिष्ठ अकाली नेता सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़ के नेतृत्व में गठित यह कमेटी हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा से सीटों के बंटवारे के बारे में भी विचार विमर्श करेगी. हरियाणा चुनाव प्रचार के लिए बनाई इस कमेटी के बाकी सदस्यों में प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा तथा सरदार सुरजीत सिंह रखड़ा शामिल हैं. यह कमेटी पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए रणनीति भी तैयार करेगी.
पार्टी ने पंजाब में होने वाले उपचुनाव के लिए भी पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जिम्मेवारियां सौंप दी हैं. अकाली दल ने वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने जलालाबाद तथा दाखा उपचुनाव के लिए प्रचार कमेटियां बनाई हैं. पूर्व कैबिनेट मंत्री तथा वरिष्ठ अकाली नेता सरदार जनमेजा सिंह सेखों जलालाबाद निर्वाचन क्षेत्र के प्रचार अध्यक्ष होंगे और डॉ. दलजीत सिंह चीमा दाखा के लिए बनाई प्रचार कमेटी का नेतृत्व करेंगे.
फिलहाल, पंजाब में उप चुनाव में जीत दर्ज करके शिरोमणि अकाली दल लोगों को वापसी का संदेश देने की कोशिश करेगी. वहीं, हरियाणा में इनेलो के साथ के बिना मैदान में उतरेगी, फिर चाहे भाजपा का साथ मिले या ना मिले. अभी तक शिरोमणि अकाली दल हरियाणा में इनेलो के साथ चुनाव लड़ती आई है, जबकि इस बार लोकसभा चुनाव से पहले ही यह साथ छूट गया था. पिछला विधानसभा चुनाव अकाली दल ने इनेलो के साथ मिलकर लड़ा था और एक सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब भी रही थी. बहरहाल दोनों चुनावों के लिए अकाली दल ने तैयारी शुरू कर दी है, क्यूंकि इस सियासी जंग में अब ज्यादा दिन का समय नहीं बचा है.