Police File

DATED 21.03.2019 :

One arrested for consuming liquor at public place

One case U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC has been registered in PS-26, Chandigarh against one person who was arrested while consuming liquor at public place on 20.03.2019. This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.

Action against Gambling/Satta

Chandigarh Police arrested Anish R/o # 754/B, EWS Colony, Village- Dhanas, Chandigarh and Aklesh R/o # 1068/A, EWS Colony, Village- Dhanas, Chandigarh while they were gambling in front of Jwala Mukhi Mandir, EWS Colony, Village- Dhanas, Chandigarh on 20.03.2019. Total cash Rs. 14,000/- were recovered from them. In this regard, a case FIR No. 37, U/S 13-3-67 Gambling Act has been registered in PS-Sarangpur, Chandigarh. Later they were released on bail. Investigation of the case is in progress.

One arrested for possessing illegal liquor

Chandigarh Police arrested Satya Parkash R/o # 328, Vikas Nagar, Mauli Jagran, Chandigarh from near Community Centre, Vikas Nagar, Mauli Jagran, Chandigarh while illegally possessing 24 bottles of English wine on 20.01.2019. A case FIR No. 46, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-Mauli Jagran, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Burglary

Krishan Kumar Garg R/o # 3298, Maloya Colony, Chandigarh alleged that unknown person stolen away some cash and other things after broken lock of his Kiryana Store at Citco Shed No. 9, near stadium, Maloya Colony, Chandigarh on night intervening dated 19/20.03.2019. A case FIR No. 39, U/S 380, 457 IPC has been registered in PS-Maloya, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Attempt to Burglary

Smt. Charanjit Kaur, Asst. Manager of Oriental Bank of Commerce, Sector-26, Chandigarh alleged that unknown person try to robbed after broken the ATM machine of Oriental Bank of Commerce, Sector-26, Chandigarh on night intervening dated 18/19.03.2019. A case FIR No. 61, U/S 380, 457, 511 IPC has been registered in PS-26, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Theft

          Prem Chand R/o # H-367, HMT Colony, Pinjore, Haryana reported that unknown person stolen away complainant’s E-Rikshaw No. HR/3/TMP/2018118744 from hotel Dana Pani near Railway Fatak, Manimajra, Chandigarh on night intervening 30/31.01.2019. A case FIR No. 40, U/S 379 IPC has been registered in PS-MM, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Cheating

Saroj Kumar R/o # 1236, Sector-43, Chandigarh reported that unknown person cheated Rs. 105,000/- from complainant’s account using debit card in between September, 2018 to till month.  A case FIR No. 68, U/S 420 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.  

Quarrel

Deepak R/o # 1491, Sector-45, Village- Burail, Chandigarh alleged that Chander Pal quarreled and beaten complainant in market, Sector-30, Chandigarh on 19.03.2019. Complainant and his brother-in-law Giriraj got injured got injured and admitted in GMCH-32, Chandigarh. A case FIR No. 79, U/S 323, 336, 341 IPC has been registered in PS-Indst. Area, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

आज का राशिफल

Aries

21 मार्च 2019: आज आप निजी व सरकारी जिन क्षेत्रों से संबंधित हैं, उन क्षेत्रों में आपकी आय बढ़ी हुई होगी। इसके लिए पहले से अधिक सक्रिय होगे। आज आपके सामाजिक व राजनैतिक जीवन मे सफलता होगी। उच्च शिक्षा के क्षेत्रों में वांछित प्रगति के अवसर होगे। जिससे आप खुश होगे। किन्तु नौकरी के क्षेत्रों में तनाव होगे।

Taurus

21 मार्च 2019: आज आप किसी प्रथक स्थान में आने-जाने के लिए तैयार होगे। जहाँ से अच्छे बाजार की सम्भावना को तलाशने में लगे हुए होगे। कि सेवा तथा उत्पादों के लिहाज से यह स्थान सही होगा या नहीं। धन निवेश व विदेश के कामों में आप उत्साह से लगे हुए होगे। किन्तु निजी संबंधों में साथी की अप्रिय बातों से आहत होगे।

Gemini

21 मार्च 2019: आज आप अपने उद्योग-धंधों को और अच्छा बनाने के लिए पहले से अधिक मेहनत करते हुए होगे। आपकी इच्छा तेजी से अगले पायदान पर पहुंचने की होगी। स्वास्थ्य के लिए आज का दिन ठीक होगा। सैन्य, सुरक्षा तथा चिकित्सा के क्षेत्रों में आज कोई बड़ी कामयाबी होगी। किन्तु विरोधी पक्ष से तनाव होगे।

Cancer

21 मार्च 2019: आज अपने मुख्य-मुख्य कामों को चिन्हित करने में लगे हुए होगे। उन्हें सही तरह से क्रियान्वित करने का खाका खींचने में लगे हुए होगे। हालांकि आपको इस हेतु अधिक धन व्यय करने की जरूरत होगी। पे्रम संबंधों में साथी के साथ सहयोग की कमी होगी। जिससे आपके चहरे में शिकन साफ तौर पर होगी।

Leo

21 मार्च 2019:  आज रोजगार के क्षेत्रों में सफलता की राह पर होगे। कामों की निरन्तरता बनाने के लिए तैयार होगे। जिसका फायदा आपको होगा। अर्थात् आपके लाभ में इजाफा होगा। साथियों के साथ मिलकर कुछ कामों को पूरा करने के लिए तैयार होगे। आज शिक्षा की दिशा में आपको लाभ होगा। किन्तु किसी रिश्तेदार से तनाव होगे।

Virgo

21 मार्च 2019: आज आप अपने किसी मित्र से मिलने के काम को स्थागित कर सकते हैं। क्योंकि आप किसी काम के प्रस्ताव को लाने के लिए तत्पर होगे। चाहे वह राजनैतिक क्षेत्र हो या फिर कार्मिक क्षेत्र हो आपको लाभ होगा। किन्तु पुत्र/पुत्री आपके बार-बार कहने पर भी आपकी बातों को नहीं मानते हुए होगे। जिससे परेशान होगे।

21 मार्च 2019: आज आप कुछ कामों को सुचारू रूप से चलाने के लिए तत्पर होगे। आपका भरोसा घर परिवार के प्रति और मजबूत होगा। हालांकि अलग भवन के निर्माण की योजना होगी। जिसे मूर्तरूप देने के लिए आपको अधिक मेहनत करने की जरूरत होगी। सेहत में आज कुछ पीड़ा हो सकती हैं। जिससे आपको उपचार लेना होगा।

Scorpio

21 मार्च 2019: आज आप सिर उठा रही समस्याओं को कम करने तथा उन्हें हल करने के उपायों पर लगे हुए होगे। आज आपको सामूहिक कल्याण के कामों को पूरा करने में प्रगति होगी। आप कुछ कामों को नियमों को दायरे में लाने के लिए तैयार होगे। कार्य व व्यवसाय के तमाम आयामों पर विचार करने में लगे हुए होगे।

Sagittarius

21 मार्च 2019: आज आप अपने घर-गृहस्थी को संवारने के लिए कुछ नए कदमों को उठा सकते हैं। किन्तु आज आप पहले आने वाली समस्याओं दूर करने में भी ध्यान देगे। जिससे आज किसी संस्था के साथ महत्वपूर्ण करार में हस्ताक्षर करना होगा। वैवाहिक जीवन में खुशी हेगी। व्यवसाय के क्षेत्रों में आपका भरोसा और मजबूत होगा।

Capricorn

21 मार्च 2019:  आज आप मजबूत इरादे के साथ अपने आजीविका के क्षेत्रों में लगे हुए होगे। जिससे आने वाले समय में आप प्रगति अर्जित कर लेगे। हालांकि भूमि व देन के मामालों में आप अपने स्तर पर कुछ जांच हेतु दखलनदाजी करनी होगी। ऐसे जातक जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमताएं कम हैं। उन्हें उपचार लेना होगा।

Aquarius

21 मार्च 2019: आज आप अपने अर्थ लाभ को बढ़ाने वाले बाजार को अपने लक्ष्य में लेकर चलते हुए होगे। जिससे अर्थ लाभ के मसलों को हल करने में सफलता होगी। आप बाजार की वास्तविकता की पहचान में लगे हुए होगे। पे्रम संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए किसी स्थान में मनोरंजन के लिए जा सकते है। निवेश के विस्तार में परेशान होगे।

Pisces

21 मार्च 2019: आज का दिन आपके लिए काफी अच्छा होगा। क्योंकि आप कुछ सुधारों को लागू करते हुए आगे निकले की कोशिश में होगे। आज आपका मक्सद योजनाओं को तय समय से पूरा करना है। स्वास्थ्य में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना हुआ होगा। जिससे आप और अपने कामों को पूरा करने में लगे हुए होगे। किन्तु प्रतिद्वन्दी को शिकस्त देने की चुनौती होगी।

आज का पांचांग

पंचांग 21 मार्च 2019

विक्रमी संवत्ः 2075, 

शक संवत्ः 1941, 

मासः फाल्गुऩ, 

पक्षःशुक्ल पक्ष, 

तिथिः पूर्णिमा प्रातः 07.13 तक, 

वारः गुरूवार, 

नक्षत्रः उत्तराफाल्गुनी, दोहपर 01.34 तक, 

योगः अतिगण्ड प्रातः 09.07 तक, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः मीन, 

चंद्र राशिःकन्या, 

राहु कालः दोपहर1.30 से 3.00 बजे तक 

सूर्योदयः06.28, 

सूर्यास्तः 06.29 बजे।

नोटः आज होलाष्टक समाप्त एवं होली पर्व है। प्रतिपदा तिथि का क्षय है।

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

होली : आस्था विश्वास और आनंद का संगम

आनंद भरे रंगों से अपनी आत्मा को ऊपर उठाएं – श्री श्री रवि शंकर जी

होली भारत का बहुत ही लोकप्रिय और हर्षोल्लास से परिपूर्ण त्यौहार है। लोग चन्दन और गुलाल से होली खेलते हैं। प्रत्येक वर्ष मार्च माह के आरम्भ में यह त्यौहार मनाया जाता है। लोगों का विश्वास है कि होली के चटक रंग ऊर्जा, जीवंतता और आनंद के सूचक हैं। होली की पूर्व संध्या पर बड़ी मात्रा में होलिका दहन किया जाता है और लोग अग्नि की पूजा करते हैं।

होलिका दहन की कहानी

प्रह्लाद से जुड़ी एक किंवदंति के अनुसार तभी से होली का त्यौहार आरम्भ हुआ था। प्रह्लाद ईश्वर को समर्पित एक बालक था, परन्तु उसके पिता ईश्वर को नहीं मानते थे। वह बहुत दंभी (घमंडी) और क्रूर राजा थे। तो कहानी कुछ इस तरह से आगे बढ़ती है कि प्रह्लाद के पिता एक नास्तिक राजा थे और उनका ही पुत्र हर समय ईश्वर का नाम जपता रहता था। इस बात से आहात हो कर वह अपने पुत्र को सबक सिखाना चाहते थे। उन्होंने अपने पुत्र को समझाने के सारे प्रयास किए, परन्तु प्रह्लाद में कोई परिवर्तन नहीं आया। जब वह, प्रह्लाद को बदल नहीं पाए तो उन्होंने उसे मारने की सोची। इसलिए उन्होंने अपनी एक बहन की मदद ली। उनकी बहन को यह वरदान प्राप्त था कि यदि वह अपनी गोद में किसी को भी ले कर अग्नि में प्रवेश करेगी तो स्वयं उसे कुछ नहीं होगा परन्तु उसकी गोद में बैठा व्यक्ति भस्म हो जाएगा। राजा की बहन का नाम होलिका था। होलिका ने प्रह्लाद को जलाने के लिए अपनी गोद में बिठाया, परन्तु प्रह्लाद के स्थान पर वह स्वयं जल गई और “हरि ॐ” का जाप करने एवं ईश्वर को समर्पित होने के कारण, प्रह्लाद की आग से रक्षा हो गई और वह सुरक्षित बाहर आ गया।

कुछ गावों में लोग अंगारों पर से हो कर गुजर जाते हैं और उन्हें कुछ भी नहीं होता, उनके पैरों में छाले/फफोले भी नहीं पड़ते! विश्वास में बहुत शक्ति होती है। जीवन में विश्वास का बड़ा योगदान होता है। आने वाले मानसून पर होलिका दहन का प्रभाव पड़ता है।

होलिका भूतकाल के बोझ का सूचक है जो प्रह्लाद की निश्छलता को जला देना चाहती थी। परन्तु नारायण भक्ति से गहराई तक जुड़े हुए प्रह्लाद ने सभी पुराने संस्कारों को स्वाहा कर दिया और फिर नए रंगों के साथ आनंद का उद्गम हुआ। जीवन एक उत्सव बन जाता है। भूतकाल को छोड़ कर हम एक नई शुरुआत की तरफ बढ़ते हैं। हमारी भावनाएं आग की तरह हमें जला देती हैं, परन्तु जब रंगों का फव्वारा फूटता है तब हमारे जीवन में आकर्षण आ जाता है। अज्ञानता में भावनाएं एक बोझ के समान होती हैं, जबकि ज्ञान में वही भावनाएं जीवन में रंग भर देती हैं। सभी भावनाओं का सम्बन्ध एक रंग से होता है जैसे कि – लाल रंग क्रोध से, हरा इर्ष्या से, पीला पुलकित होने या प्रसन्नता से, गुलाबी प्रेम से, नीला रंग विशालता से, श्वेत शान्ति से और केसरिया संतोष/त्याग से एवं बैंगनी ज्ञान से जुड़ा हुआ है। त्यौहार का सार जान कर ज्ञान में होली का आनंद उठाएं।

होली क्यों मनाई जाती है और क्या सिखाती है।

जीवन रंगों से भरा होना चाहिए! प्रत्येक रंग अलग-अलग देखने और आनंद उठाने के लिए बनाए गए हैं। यदि सभी रंगों को एक में मिला कर देखा जाए तो वे सभी काले दिखेंगे। लाल, पीला, हरा आदि सभी रंग अलग-अलग होने चाहिए, पर साथ ही हमें इनका आनंद भी एक साथ उठाना चाहिए। इसी प्रकार व्यक्ति द्वारा जीवन में निभाई जाने वाली भूमिकाएँ, उसके भीतर शांतिपूर्ण एवं पृथक रूप से अलग-अलग विद्यमान होनी चाहिए। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति अपनी “पिता” वाली भूमिका कार्यालय में भी निभाने लगे तो भगवान् ही मालिक है। पर हमारे देश में कभी-कभी नेता पहले पिता बन कर और बाद में नेता बन कर सोचते हैं।

हम चाहे जिस भी परिस्थिति में हों, हमें अपना योगदान शत-प्रतिशत देना चाहिए और तब हमारा जीवन रंगों से भरा रहेगा! प्राचीन भारत में इसी संकल्पना को “वर्णाश्रम” कहा गया है। इसका अर्थ है-प्रत्येक व्यक्ति-चाहे वह डाक्टर, अध्यापक, पिता या कुछ और हो, उससे वह भूमिका पूरे उत्साह के साथ निभाने की अपेक्षा की जाती है। व्यवसायों को आपस में मिला देने से उत्पादनियता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। यदि कोई डाक्टर व्यवसाय करना चाहता है तो उसे अपने डाक्टर पेशे को प्राथमिकता न देते हुए, अलग से व्यवसाय करना चाहिए न कि चिकित्सा को ही अपना व्यवसाय बना लेना चाहिए। मन के इन भिन्न ‘पात्रों’ को अलग एवं पृथक रखना सुखी जीवन का रहस्य है और होली हमें यही सिखाती है।

सभी रंगों का उद्गम सफ़ेद रंग से हुआ है पर इन सभी रंगों को आपस में मिलाने पर ये काले रंग में परिवर्तित हो जाते हैं। जब हमारा मन उज्जवल और चेतना शुद्ध, शांत, प्रसन्न एवं ध्यानस्थ हो तो विभिन्न रंग एवं भूमिकाओं का जन्म होता है। हमें वास्तविक रूप से अपनी सभी भूमिकाओं को निभाने की शक्ति प्राप्त होती है। हमें अपनी चेतना में बार-बार डुबकी लगानी होगी। यदि हम केवल बाहर ही देखते रहे और आस-पास के बाहरी रंगों से खेलते रहे तो हम अपने चारों ओर अन्धकार पाने के लिए मजबूर हो जाएंगे। अपनी सभी भूमिकाओं को पूरी निष्ठा एवं गंभीरता के साथ निभाने के लिए हमें भूमिकाओं के मध्य गहन विश्राम लेना होगा। गहन विश्राम में बाधा पंहुचाने वाला सबसे बड़ा कारक इच्छाएं हैं। इच्छाएं तनाव की द्योतक हैं। यहाँ तक कि छोटी सी/ तुच्छ इच्छा भी बड़ा तनाव देती है। बड़े-बड़े लक्ष्य अक्सर कम चिंताएं देते हैं ! कई बार इच्छाएं मन को यातना भी देती हैं।

एक ही रास्ता है कि इच्छाओं पर ध्यान ले जाएँ और उन्हें समर्पित कर दें। इच्छाओं अथवा कर्म के प्रति सजग होना या ध्यान ले जाने को “कामाक्षी” कहा जाता है। सजगता से इच्छाओं की पकड़ कम हो जाती है, और आसानी से समर्पण हो जाता है और तब अपने भीतर अमृत धारा फूट पड़ती है। देवी “कामाक्षी” ने अपने एक हाथ में गन्ना पकड़ रखा है और दूसरे में एक फूल। गन्ना काफी सख्त होता है और उसकी मिठास प्राप्त करने के लिए उसे निचोड़ना पड़ता है। जबकि फूल कोमल होता है और इससे रस निकालना बेहद आसान है। वास्तव में जीवन में भी तो यही होता है। जीवन इन्ही दोनों का मिश्रण है! इस परमानन्द को बाहरी संसार से प्राप्त करने की तुलना में अपने ही भीतर प्राप्त करना काफी आसान है जबकि बाहरी संसार में इसके लिए बहुत प्रयास करने पड़ते हैं।

होली की कथाएँ जानिए

‘पुराण’ शब्द का उद्गम संस्कृत के ‘पुर नव’ शब्द से हुआ है, जिसका अर्थ है ‘जो नगर में नया है’। पुराण तथ्यों/ बातों को नए ढंग से प्रस्तुत करने का तरीका है। यह रंग-बिरंगे कथा-कहानियों से परिपूर्ण ग्रन्थ है। सतह पर तो ये कहानियाँ काल्पनिक लगती हैं परन्तु वास्तव में इनमें अति सूक्ष्म सत्य है।

एक असुर राजा हिरण्यकश्यप चाहता था कि सभी उसकी पूजा करें। परन्तु उसका अपना ही पुत्र ‘प्रह्लाद’ उस राजा के घोर शत्रु भगवान नारायण का परम भक्त था। इस बात से क्रोधित राजा अपनी बहन होलिका की सहायता से प्रह्लाद से मुक्ति चाहता था। अग्नि में भी न जलने की शक्ति प्राप्त होलिका प्रह्लाद को अपनी गोद में ले कर जलती हुई आग (चिता) में बैठ गई। परन्तु इस आग में होलिका स्वयं जल गई और प्रह्लाद आग में से सही-सलामत बाहर निकल आया।

यहाँ हिरण्यकश्यप बुराई का प्रतीक है और प्रह्लाद निश्छलता, विश्वास एवं आनंद का। आत्मा को केवल भौतिक वस्तुओं के प्रति ही प्रेम रखने के लिए ही सिमित नहीं किया जा सकता। हिरण्यकश्यप भौतिक संसार से मिलने वाला समस्त आनंद चाहता था, पर ऐसा हुआ नहीं। किसी जीवात्मा को सदा के लिए भौतिकता में कैद नहीं रखा जा सकता। इसका अंततः अपने उच्चतर स्व अर्थात नारायण की ओर बढ़ना स्वाभाविक है।

Science behind Holi, the festival of Colours

Curtsy: Ministry of Culture, Govt. of India

Holi, the festival of Colours is celebrated in different corners of India with pomp and gaiety on full moon day in the month of Phalgun which is the month of March as per the Gregorian calendar. We all are also aware of the Legend of demon King Hiranyakashyap and his son Prahlad and sister HolikaI don’t want to repeat that story. Have you ever thought that there could be any scientific reason behind the festivals we celebrate? Here, I intend to trace the science behind the festival of Holi. Let’s explore-

Holi is played in the Spring Season which is a period between end of winter and advent of summer. We normally go through the transition phase of winter and summer.  The period induces the growth of bacteria in the atmosphere as well as in the body. When Holika is burnt, temperature of the nearby area raises around 50-60 degree Celsius. Following the tradition when people perform Parikrama (go around the bonfire/pyre), the heat coming from the bonfire kills the bacteria in the body and cleanses it.

In some parts of the country, after Holika Dahan (burning of Holika) people put ash on their forehead and also mix Chandan (paste of sandal wood) with the young leaves and flowers of the Mango tree and consume. It is believed to promote good health.

This is the time, when people get the feeling of tardiness. This is quite natural for the body to experiences some tardiness because of change in weather from cold to the hot in the atmosphere. To counter this laziness, people sing Songs (Phag, Jogira etc.) with Dhol, Manjira and other traditional instruments. This helps in rejuvenating the human body. Their physical movement while

playing with colours also helps in the process.

Colours play vital role in fitness of human body. Deficiency of a particular colour could cause an ailment and can be cured when that colour element is supplemented either through diet or medicine. In ancient times, when people started playing Holi, the colours used by them were made from natural sources like turmeric, Neem, Palash (Tesu) etc. The playful pouring and throwing of colour powders made from these natural sources has a healing effect on the human body. It has the effect of strengthening the ions in the body and adds health and beauty to it.

Plant based sources of colours:

Colour Sources

Green : Mehendi and dried leaves of Gulmohur tree, leaves of spring crops and herbs, Spinach leaves, rhododendron leaves and pine needles
Yellow : Turmeric (Haldi) powder, Bael fruit, amaltas, species of chrysanthemums, and species of marigold, dandelions, sunflowers, marigolds, daffodils and dahlias, gram flour
Red  : Rose or the bark of crab apple trees, Red Sandal wood Powder, feels of Red Pomegranate, flowers of Tesu tree (Palash), fragrant red sandal wood, dried hibiscus flowers, madder tree, radish and pomegranate
Saffron : Flowers of Tesu tree (Palash), Mixing lime with turmeric powder creates an alternate source of orange powder, barberry
Blue : Indigo, Indian berries, species of grapes, blue hibiscus and jacaranda flowers
Purple : Beetroot
Brown : Dried Tea leaves, red maple trees, Katha
Black : Some species of grapes, fruit of Gooseberry (Amla)

Now a day, market is mostly flooded with synthetic colours and herbal colours are not available in adequate quantity. Synthetic Colours are also cheap and people feel we have to pour this on others and not on ourselves, hence they opt for it. But they forget one thing that everybody thinks in the same way and others also pour you with same synthetic colours. The synthetic colours available in the market comprises of toxic components such as lead oxide, diesel, chromium iodine and copper sulphate which lead to rashes on the skin, allergies, pigmentation, frizzy hair and eye irritation. In extreme cases, it can cause serious skin diseases and clogging of hair cuticles resulting in severe hair damage. So we should deliberately opt for herbal colours even if it is costly. If demand increases, the cost would naturally come down.

Problems caused by some common Synthetic colours:

Green – It might contain copper sulphate and can cause problems like eye allergy and temporary blindness.

Red – It might contain mercury sulphide, which can lead to skin cancer, mental retardation, paralysis and impaired vision.

Purple – It might contain chromium iodide leading to health problems like bronchial asthma and allergies.

Silver – It might contain aluminum bromide, which is carcinogenic.

Blue – It might contain Prussian blue, which can cause contract dermatitis.

Black – It might contain lead oxide leading to health problems like renal failure and learning disability.

So try to play holi with natural colours. I know it is practically not possible all of a sudden. In the meantime, you can minimize the side effects of synthetic colours by following some simple steps. Here are they-

Tips: Before playing Holi

  • Body: It’s also a good idea to apply a thick layer of moisturizer, petroleum jelly or coconut oil on your face and other exposed parts of the body to prevent colours from coming into direct contact with your skin.
  • Hair: Oil your hair and scalp with olive, coconut or castor oil. Add a few drops of lemon juice to prevent dandruff and infection triggered by the chemical colours.
  • Clothing: What you choose to wear should cover maximum parts of your body. Wear dark colour-full sleeves cotton clothes. Synthetic cloth would be sticky and denims would be heavy once you have a bucket full of colours/water splashed on you.
  • Lips and Eyes: Don’t wear lenses. Mostly people are interested in applying surprise colours on your face and you may get your eyes hurt by the lenses. Use a sun glass to protect your eyes from a misfire of colour filled darts or water jets. Apply a lip balm for your lips.
  • Water: Drink plenty of water before you start playing Holi. This will keep your skin hydrated. Also keep sipping water carefully while playing Holi.
  • Bhang/Alcohol: Don’t consume bhang if you are a heart patient, excessive intake may lead to heart attack/failure.

Tips: After playing Holi

  • Do not scrub the colour off with soap. Soaps contain esters that erode the skin layers and often cause rashes. Use a cream-based cleanser or you can even use oil for removing the colours, and then go for a bath. Apply a lot of moisturising cream to keep the skin hydrated.
  • If the colours are still left on your skin you can apply besan with milk/milk cream on your body for removing colours.
  • Don’t use kerosene, spirit or petrol to clean your face. Try a cream-based cleanser or baby oil.
  • Don’t use hot water, it will stick the colour on your body. Use normal water.
  • Stay away from sunlight till colour is removed.
  • Itching in eye or redness may be normal but if it continues for more than few hours immediately contact with a doctor.