कांवड़ियों की आपसी लड़ाई में एक की मौत

काँवड़ यात्रा का प्र्तीकात्मक चित्र

अजय कुमार

बहादुरगढ़

गांव आसोदा से हरिद्वार कावड़ लेने गए जत्थे मैं शामिल दो युवकों का आपस में शामली के पास विवाद हो गया विवाद इतना बढ़ गया कि एक कावड़िया ने दूसरे कावड़िया को बोतल मार कर घायल कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई मृतक की पहचान गांव आसोदा निवासी परमजीत के रूप में हुई है

Nirankari Mata Savinder Hardev ji passes away

Nirankari Mata Savinder Hardev ji passes away after a prolong illness at 5:15 pm in New Delhi. She was 61. Born on 2nd January 1957 to Sh. Manmohan Singh and Smt. Amrit Kaur and later was adopted by Sh. Gurumukh Singh and Mrs Madan Kaur ji.

She got her education at convent of Christian and Mary Mussoorie As a better half of Baba Hardev Singh she supported him in prachar and welfare in india and abroad.

She was the 5th Saduru of nirankari mission

She is survived by three daughters. Samta, Renuka and Sudeeksha

Sadguru Sudiksha ji is the 6th head of Nirankari Mission

The body of Mata ji will be plaed for last ‘darshans’ in Samagam ground no. 8 till 7th of August, 2018, the cremation will be held at Nigam Bodh Ghat on 8th August at 12 noon in electrical crematorium. The mission sources told.

The Shradhaanjli samaroh will take place in samagam ground the same day at 2:00 pm

आज का राशिफल

आज का राशिफल

टिप्स फॉर 05-08-2018 रविवार हमारी हर टिप्स ज्यादा से ज्यादा शेयर करे *सबका मंगल हो

*आज गंड योग – तिथि कृष्ण अष्टमी और अश्वनी और भरणी नक्षत्र

आज के योग के अनुसार आज सुबह अपने इष्टदेव को भोग लगावे और उनके मंत्र का जप करे और शांतिमय जीवन के लिए प्रार्थना करे

आज का मंत्र लेखन – आज ॐ श्री एकलिंगजी नाथ नमो नमः यह मंत्र २१ बार लिख ( हो शके तो 108 बार लिखे )

आज क्या करे आज भी वाहन की मरमत के लिए शुभ दिवस, लीगल कामो के लिए शुभ दिवस…

आज क्या ना करे – आज भी शादी ना करे आज, ज्यादा भावुक ना हो आज, स्त्री संग से दूर ही रहे आज …

आज कहा जाना शुभ रहेगा – बोटनीकल गार्डन – हॉस्पिटल – प्रायमरी स्कुल – रेसकोर्स की मुलाक़ात के लिए शुभ दिवस …

आज शाम 5 बजे से 07 30 बजे के बिच कोई भी शुभ कार्य ना करे

भोजन उपाय – आज भोजन मिठाई जरूर खाये

दान पुण्य उपाय – आज किसी धर्म स्थान में गुड़ का दान करे

वस्त्र उपाय – आज भी ओरेंज रंग के वस्त्र धारण करे …

वास्तु उपाय – आज शाम घर में गुगुल और कपूर का धुप जरुर करे

सावधानी रक्खे – आज के ग्रहों के अनुसार आज जिन्हें आँख के रोग की शिकायत ज्यादा रहती हे या फिर इससे जुडी कोई भी परेशानी ज्यादा रहती या ऐसी कोई भी समस्या से पीड़ित है वो आज अपने व्यवहार में एवं तामसी खान पान में सावधानी बरतें और ध्यान जरुर करे

05 अगस्त जिनका जन्म दिन हे और जिनकी शादी की सालगिरह हे वो आज अपने पिता से आशीर्वाद ले और उन्हें कोई उपहार जरूर भेट करे

आज का राशिफल

दिनाँक 5/8/2018

मेष:
आज का दिन आपके लिए शुभ है। परिजन, स्नेहीजन तथा मित्रों के साथ समारोह में उपस्थित रह सकते हैं। नए कार्य का प्रारंभ करने के लिए उत्साह रहेगा, लेकिन अति उत्साह से हानि न हो इसका ध्यान रखें।

वृषभ:
शारीरिक तथा मानसिक रूप से आज आप व्यग्र रहेंगे। चिंताओं के कारण मानसिक भार रह सकता है, जो आपको मानसिक रूप से अस्वस्थ रख सकता है। परिजनो के साथ भी मनमुटाव ना हो, इसका ध्यान रखें। बिना सोचे समझे निर्णय न लें।

मिथुन:
आज आपका दिन बहुत लाभदायी है। अविवाहितों को योग्य जीवनसाथी मिलने के योग हैं। धनप्राप्ति के लिए दिन शुभ है। मित्रों से अचानक हुई मुलाकात आनंददायी रहेगा। मित्रों से लाभ होगा। परिजनो से लाभ होने के संकेत हैं। स्त्री मित्रों से लाभ होगा।

कर्क:
आज का दिन आपके लिए अनुकूल है। आप आज हर काम सरलता से संपन्न कर पाएंगे। नौकरी में आपके उच्च पदाधिकारी खुश रहेंगे। आपके प्रमोशन के योग हैं। परिजनों के साथ मुक्त मन से बातचीत होगी। माता के साथ सम्बंध अच्छे रहेंगे।

सिंह:
आज आपका दिन मध्यम फलदायी रहेगा। आपका व्यवहार न्यायपूर्ण रहेगा। आज आपके धार्मिक एवं मांगलिक कार्यो में व्यस्त रहने की संभावना देख रहे हैं। धार्मिक प्रवास का आयोजन भी हो सकता है। विदेश में रहनेवाले स्वजनों के समाचार मिलेंगे।

कन्या:
आज का दिन कोई भी नए कार्य का श्रीगणेश करने के लिए योग्य है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बाहर के खाने-पीने से परहेज रखें। क्रोध की मात्रा अधिक रहेगी, इसलिए वाणी पर संयम रखें। परिजनों से उग्र चर्चा के कारण मनमुटाव न हो इसका खास ध्यान रखें।

तुला:
आज आपका दिन आमोद-प्रमोद में रहेगा। प्रणय के लिए आज का दिन अच्छा है। मित्र आपके प्रवास को आनंद से भर देंगे। नए वस्त्रों की खरीदी के योग हैं। तन-मन की तंदुरस्ती अच्छी रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। वैवाहिक सुख की अनुभूति होगी।

वृश्चिक:
आज आप अनिश्चितता और सुख-शांति के साथ घर में समय व्यतीत करेंगे। शारीरिक तथा मानसिक प्रसन्नता कार्य करने में उत्साह प्रदान करेगी। ऑफिस में स्टाफ की मदद से कार्य पूरे कर सकेंगे। अधूरे कार्य पूरे होंगे।

धनु:
आज कार्य सिद्धि व सफलता न मिले तो हताश न हों, सफलता जरूर मिलेगी। परिजनो के साथ मनमुटाव ना हो, इस बात का ध्यान रखें। आज कोई यात्रा प्रवास न करे। आज किसी भी नए कार्य का प्रारंभ न करें।

मकर:
आज का दिन मिश्रित फलदायी होगा। क्रोध पर संयम रखें। संपत्ति से संबंधित प्रश्नों के विषय में मन परेशान हो सकता है। आज कोई यात्रा न करें। नकारात्मक विचारों से दूर रहें। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। आकस्मिक धनखर्च हो सकता है।

कुंभ:
चिंताओं के बादल हटने से आप मानसिक हलकापन महसूस करेंगे। मन में उत्साह का संचार होगा। दिनभर आनंदपूर्वक बीतेगा। भाई-बंधुओं एवं स्नेहीजनों से मेलजोल बढ़ेगा। आज कोई महत्त्वपूर्ण योजना भी बना सकते हैं।

मीन:
आज वाणी और क्रोध पर संयम रखें, अन्यथा हानि हो सकती है। धन संबंधित लेन-देन में सावधानी की आवश्यकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। परिजनों से मनमुटाव ना हो, इसका ध्यान रखें।

आज का उपाय :- रोज़ाना हरी घास पर नंगे पाँव चलने से शारीरिक और आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।

जिस आरक्षण की मांग सवर्ण तबकों के खिलाफ शुरू हुई थी वो ही तबके धीरे-धीरे खुद के लिए आरक्षण का कवच मांगने लगे

अपने पैरों पर खड़ा होना होगा और सबसे बेहतर तरीके से अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़नी होगी. तो अपने गुस्से को बनाए रखिए और शक्ति को इकट्टठा कीजिए. सत्ता और सम्मान आपके पास संघर्ष के जरिए ही आएगा.’

राज वशिष्ठ


हमें तैयार रहना चाहिए कि जिस ब्राह्मणवाद के खिलाफ बाबा साहेब ने आरक्षण की मांग की थी अब ब्राह्मण समाज खुद को उपेक्षित मानता हुआ सड़कों पर बस-ट्रक फूंकता दिखाई दे

इसके कई कार्न हैं ओर शायद सबसे बड़ा यह कि तमाम मेहनत (99%) के बावजूद सुवर्ण तबका आरक्षण के 9% से हार जाता है


भारतीय संविधान में आरक्षण न शामिल किए जाने की बात पर संविधान सभा से इस्तीफे की पेशकश कर देने वाले भीम राव आंबेडकर आखिर किस सत्ता और सम्मान के लिए लोगों की शक्ति इकट्ठा करने की बात कह रहे थे. दरअसल आजादी के पहले भारतीय समाज की जो संरचना थी उसमें संपत्ति और संसाधनों पर अधिकार सवर्ण जातियों के पास ही हुआ करते थे जिसके खिलाफ बिगुल फूंकने का काम भीम राव आंबेडकर ने किया. लेकिन वक्त जैसे-जैसे गुजरा आरक्षण की परिधि चौड़ी होती गई है. आरक्षण की शुरुआत जिन सवर्ण तबकों के खिलाफ शुरू हुई थी वो ही तबके धीरे-धीरे खुद के लिए आरक्षण का कवच मांगने लगे. कह सकते हैं कि आरक्षण की पूरी अवधारणा ही उलट गई.

 

एक उदाहरण से समझें तो जिस महाराष्ट्र के रहने वाले भीम राव आंबेडकर थे उस महाराष्ट्र में दलितों को प्रताड़ित करने के आरोप सबसे ज्यादा मराठाओं पर ही लगते हैं. जिस मराठा साम्राज्य की गौरव गाथा महाराष्ट्र में गाई जाती हैं उस मराठा साम्राज्य में दलितों की स्थिति सबसे ज्यादा विदीर्ण थी. और शायद यही वजह है जिसकी वजह से मराठा साम्राज्य के खिलाफ वहां के दलितों ने अंग्रेजों का साथ दिया था जिसका जश्न हर साल मनाया जाता है और भीमा-कोरेगांव हिंसा भी उसी दिन हुई थी. अब वही मराठा समुदाय आरक्षण की मांग कर रहा है. और आरक्षण मांगने का अंदाज ‘मराठा स्टाइल’ में ही है. अब सोचिए क्या भीमराव आंबेडकर की आरक्षण की पूरी अवधारणा इस मराठा आंदोलन के बाद उलटी नहीं हो गई है? यानी जिन पर प्रताड़ना का आरोप था आज वही खुद को प्रताड़ित दिखा रहे हैं.

बड़े जातीय आंदोलनों की परिणति

संविधान निर्माण के समय जब भीमराव आंबेडकर आरक्षण की बात पर संविधान सभा से इस्तीफा तक देने को तैयार थे तो उस समय देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भी आरक्षण का एक मजबूत पक्ष रखा था. वल्लभ भाई को संशय था कि अगर आरक्षण की व्यवस्था संविधान में की जाएगी तो धीरे-धीरे ये अन्य जातियों में भी फैलेगा. लेकिन आंबेडकर अड़े रहे और वल्लभ भाई अपने संशय के बावजूद उनके सामने झुक गए लेकिन इतिहास ने दोनों दूरदर्शियों को सही साबित किया. आगे चलकर जैसे आरक्षण ने पिछड़ी जातियों को मजबूत करने और मुख्यधारा में जोड़ने में काफी हद तक भूमिका निभाई तो वल्लभ भाई का वो संशय भी सही साबित हुआ कि वक्त गुजरने के साथ आरक्षण की मांग अन्य जातियों में अपना पैर पसारेगी.

एक मजेदार बात यह भी देखिए कि सरदार वल्लभ भाई पटेल गुजरात की जिस पाटीदार बिरादरी से ताल्लुक रखते थे वो राज्य की सबसे मजबूत जातियों में गिनी जाती है. गुजरात की राजनीति में वर्तमान समय सबसे ज्यादा छाए रहने वाले चेहरे हैं हार्दिक पटेल. उनकी ख्याति की वजह है अनामत आंदोलन. मतलब सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जो संशय जाहिर किया था उसने उनकी ही बिरादरी को घेर लिया.

इतना ही राजस्थान के गुर्जर, हरियाणा के जाट, आंध्र प्रदेश के कापू दशकों से आरक्षण की मांग करते रहे हैं. अब मराठा भी कुछ सालों से इनमें शामिल हो गए हैं. ये सभी जातियां अपने-अपने राज्यों में राजनीतिक और सामाजिक रसूख रखने वाली जातियां हैं.

गुर्जर आंदोलन

1990 में बने गुरनाम सिंह कमीशन ने जाट समुदाय को ओबीसी वर्ग में रखा था. लेकिन सालों तक चले वादों के खेल के बावजूद इस जाति के लोगों को ओबीसी स्टेटस नहीं मिला. 10 साल के शासन के बाद जब यूपीए की सरकार के आखिरी दिन तो केंद्र ने इस जाति को ओबीसी लिस्ट में डाल दिया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस प्रावधान को खारिज कर दिया और जाट फिर वहीं खड़े हो गए जहां खड़े थे. हालांकि जाट उतनी बुरी जगह नहीं खड़े थे जहां वो खुद को दिखाना चाहते थे. क्यों!!!

दरअसल जिस हरियाणा में जाटों ने ओबीसी स्टेटस पाने के लिए करोड़ों की संपत्ति फूंक डाली उस राज्य में तकरीबन 50 प्रतिशत के आस-पास जमीनों पर कब्जा जाट समुदाय का ही है. इसी वजह से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सितंबर 2014 में जाटों सहित चार अन्य जातियों को राज्य के स्पेशल बैकवर्ड क्लास के प्रावधान से भी बाहर कर दिया था.

कुछ ऐसी ही दिलचस्प कहानी गुजरात के पाटीदारों की भी है. मूल तौर पर पाटीदार नाम ही पट्टी यानी खेत से निकला हुआ है. आजादी के बाद गुजरात के पाटीदार समुदाय ने राजनीति से लेकर सामाजिक हैसियत बेहद मजबूत की है. लेकिन पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग करने वाले हार्दिक पटेल को खूब प्रसिद्धि मिली.

कुछ ऐसा ही हाल आंध्र के कापू और राजस्थान के गुर्जरों का है. दोनों ही राज्यों में इन जातियों का जबरदस्त प्रभाव है लेकिन आरक्षण की मांग दिन ब दिन बलवती होती जा रही है.

मराठा समुदाय तो महाराष्ट्र की लड़ाका कौम के तौर पर देखा जाता है. इस समुदाय की सामाजिक हैसियत ब्राह्मणों के ठीक बाद वाली श्रेणी में गिनी जाती है. मराठी जातियों पर रिसर्च करने वाली समाज विज्ञानी शर्मिला रेगे ने अपनी किताब:

Writing Caste/Writing Gender: Narrating Dalit Women’s Testimonies’

में लिखा है-‘ महाराष्ट्र में पारंपरिक जातीय संरचना के हिसाब से ब्राह्मण सबसे ऊपर आते हैं. उसके बाद मराठा जातियां आती हैं और उसके बाद महार व अन्या एससी जातियां. ‘

भारतीय समाज में आरक्षण का प्रावधान सामाजिक रूप से पिछड़ेपन की व्यवस्था को ठीक करने के लिए शुरू किया गया था. लेकिन ऊपर दी गई सभी जातियां दशकों से आरक्षण के लिए आंदोलनरत हैं जबकि सामाजिक स्थिति के आधार पर देखा जाए तो सभी तकरीबन रसूख वाली जातियां ही हैं.

जातियों को आरक्षण के जरिए दिए जा रहे प्रलोभन

मजबूत जातियों द्वारा भी आरक्षण की मांग से इतर राजनीतिक पार्टियां भी इसे चुनावी हथकंडे के तौर पर अपनाने लगी हैं. जातियों को आरक्षण देने को नेताओं के मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जाता है. बिहार में दलित से अलग महादलित वाले फैसले को नीतीश कुमार की राजनीतिक महारत के तौर पर ही देखा जाता है. लेकिन क्या आरक्षण की शुरुआत के पीछे भी यही ‘लॉलीपॉप’ की अवधारणा थी? बिल्कुल नहीं. ये समाज के वंचित तबकों को सरकारी मदद के जरिए ताकतवर बनाने के प्रयास भर था जो वीभत्स राजनीतिक रूप लेता चला जा रहा है.

इसी साल अप्रैल महीने में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने उच्च जातियों को 15 फीसदी आरक्षण दिए जाने के वकालत कर दी है. इससे इतर राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड में ब्राह्मण आरक्षण की मांग उठ चुकी है. जिस तरीके मराठा आंदोलन अपना उग्र रूप धारण किए हुए है बहुत मुश्किल नहीं कि देश भर में ब्राह्मण और क्षत्रियों का संगठन बनाकर इनके लिए भी आरक्षण की मांग शुरू कर दी जाए.

रामविलास पासवान

संविधान निर्माण के समय आरक्षण के प्रावधान के साथ ही 10 सालों में इसकी समीक्षा किए जाने की भी बात कही गई थी जिसका उद्देश्य निश्चित रूप से यही होगा कि आरक्षित समाज के तबकों का अध्ययन कर धीरे-धीरे इसे कम किया जाए. लेकिन 20वीं सदी के मध्य में आजादी पाने वाला भारत 21वीं सदी की शुरुआत में आरक्षण की जकड़न में और फंसता हुआ दिखाई दे रहा है. हमें तैयार रहना चाहिए कि जिस ब्राह्मणवाद के खिलाफ बाबासाहेब ने आरक्षण की मांग की थी अब ब्राह्मण समाज खुद को उपेक्षित मानता हुआ सड़कों पर बस-ट्रक फूंकता दिखाई दे.

मुजफ्फरपुर कांड:: सहायक निदेशक देवेश कुमार शर्मा – निलंबित, आरोपी ब्रजेश ठाकुर गिरफ्तार

शेल्टर होम कांड के आरोपी ब्रजेश ठाकुर गिरफ्तार हो चुका है


विभाग के निदेशक राजकुमार के आदेश पर सहायक निदेशक देवेश कुमार शर्मा के खिलाफ मामले में देरी करने पर यह कार्रवाई की गई है


बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह (शेल्टर होम) रेप कांड में बड़ी कार्रवाई हुई है. बिहार सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए समाज कल्याण विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर (सहायक निदेशक) देवेश कुमार शर्मा को निलंबित कर दिया है.

विभाग के डायरेक्टर (निदेशक) राजकुमार के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है.

दिवेश शर्मा ने ही शेल्टर होम रेप कांड की एफआईआर दर्ज कराई थी. देवेश इस कांड में वादी भी हैं. देवेश शर्मा पर टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस) की सोशल ऑडिट रिपोर्ट पर कार्रवाई में देरी करने का आरोप है.

शेल्टर होम रेप कांड पर बिहार से लेकर दिल्ली तक राजनीति तेज है. विपक्षी पार्टियां इस मामले को लेकर बिहार सरकार पर लगातार हल्ला बोल रही हैं. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा है.

शनिवार को शेल्टर होम कांड के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर तेजस्वी यादव ने खूब राजनीति की, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बुलाए इस धरने में राहुल गांधी समेत विपक्षी पार्टियों के कई बड़े नेता पहुंचे थे. इस दौरान सबने एक सुर से बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर इस मामले में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया.

शनिवार को ही बिहार के नगर विकास एवं आवास विभाग मंत्री सुरेश शर्मा को इस मामले में विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. नगर निगम में योजनाओं का शिल्यान्यास करने दरभंगा पहुंचे सुरेश शर्मा को कांग्रेस सेवा दल के जमाल हसन ने अपने समर्थकों के साथ काले झंडे दिखाए.

TISS के सोशल ऑडिट से नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण का हुआ था खुलासा

बता दें कि इस साल के शुरुआत में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई (टीआईएसएस) ने अपने सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर के साहु रोड स्थित बालिका सुधार गृह (शेल्टर होम) में नाबालिग लड़कियों के साथ कई महीने तक रेप और यौन शोषण होने का खुलासा किया था. इस दौरान कई लड़कियों को गर्भपात के लिए भी मजूबर किया गया था.

मेडिकल जांच में शेल्टर होम की कम से कम 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हुई है. पीड़ित कुछ बच्चियों ने कोर्ट को बताया कि उन्हें नशीला पदार्थ दिया जाता था फिर उनके साथ रेप किया जाता था. इस दौरान उनके साथ मारपीट भी होती थी. पीड़ित लड़कियों ने बताया कि जब उनकी बेहोशी छंटती थी और वो होश में आती थीं तो खुद को निर्वस्र (बिना कपड़ों) पाती थीं.

मामले के तूल पकड़ने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश की. इसके अलावा शेल्टर होम चलाने वाले एनजीओ को काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया गया है.

28 जुलाई को सीबीआई की टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी. इस हाई प्रोफाइल केस में कई आरोपी जेल में हैं.

मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड – जंतर मंतर “दिन में राजनैतिक चराग जलाए गए”

दिल्ली में मुजफ्फरपुर रेप कांड पर एकजुट दिखा विपक्ष, क्या होगा अंजाम!


इस मुद्दे को लेकर राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार पर हमला करना और कटघरे में खड़ा करना साफ दिखा रहा है कि विपक्ष अब सरकार को एकजुट होकर घेरने की तैयारी में है

यह धरना प्रदर्शन लेकर दिल्ली आने वाले तेजशवी यादव के तार सीधे सीधे अनैतिक देह व्यापार (देह व्यापार हमेशा ही अनैतिक रहा है) में लिप्त मणि प्रकाश यादव से जुड़े हैं। (कहीं यह उस मुद्दे से ध्यान भटकने कि एक कमजोर कोशिश तो नहीं?

वही दिल्ली, वही जंतरमंतर, वही बलात्कार की पीड़ा, वही धारना प्रदर्शन। इस बार फर्क सिर्फ इतना था कि धरने पर आने वाले लोगों ने मोमबत्तियाँ जलाईं और नितीश एवं मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। बलात्कार जैसे विषयों पर राजनीति न करने कि सलाह देने वालों ने जंतरमंतर पर जम कर राजनीति की।

निर्भ्या कांड के दौरान दिल्ली का हर युवा, प्रोढ़, वृद्ध क्या स्त्री क्या पुरुष सभी ने न्याय की गुहार लगाई, पानी की तोपों, लाठीयों डंडों क्या काय नहीं झेला, हफ्तों भर दिल्ली सुलगती रही, राहुल गांधी मौन रहे, मौन तो क्या किसी को दिखाई भी नहीं पड़े, ओर आज जंतर मंत्र पर मोमबत्ती जलाए खड़े हैं


सब कुछ लूटा के होश में आए तो क्या किया

दिन में अगर चराग जलाए तो क्या किया।

अरविंद केजरीवाल आज तक के दिल्ली के सबसे विवादास्पद मुख्यमंत्री, निर्भ्या कांड के दोषी को बाल गृह से बाहर निकलने पर वोटबंक की खातिर 25000 रुपए, सिलाई मशीन इत्यादि भेंट किए। उन्हें भी बिहार में हुई निर्मम, निर्लज्ज घटनाओं  पर बहुत क्षोभ है।उन्होने दिल्ली वासियों से कहा कि वह तेजशवी के धरने मे शामिल हो कर उनके धरने को सार्थक करें, और खुद भी दल बल सहित वहाँ मंच सांझा किया।

बलात्कार एक दर्दनाक धब्बा है जो स्त्री कि आत्मा तक को घायल कर देता है, घायल देह, विदीर्ण आत्मा सामाजिक अपमान झेलती स्त्री के दर्द को कब समझेंगे 

 

दिल्ली के जंतर-मंतर पर तेजस्वी यादव की अगुआई में सभी विपक्षी दलों का जमावड़ा लगा था. बिहार के मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म का मुद्दा गरम है और विपक्ष इस मुद्दे को लेकर बिहार की नीतीश सरकार के अलावा केंद्र की सरकार पर भी हमलावर है. विपक्ष इस मुद्दे को गरमाए रखना चाहता है. आलम यह है कि पटना में धरना-प्रदर्शन और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद अब दिल्ली में भी विरोध का बिगुल फूंका गया.

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अगुआई में दिल्ली के जंतर मंतर पर सभी विरोधी पार्टियों के बड़े नेता पहुंचे थे. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई नेता डी राजा, शरद यादव, टीएमसी से दिनेश त्रिवेदी, आप से संजय सिंह और सोमनाथ भारती, आईएनएलडी से दुष्यंत चौटाला समेत कई पार्टियों के नेता मंच पर मौजूद थे.

लेकिन, मंच पर तेजस्वी के धरने प्रदर्शन को समर्थन देने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल  गांधी का आना यह साबित कर गया कि इस वक्त मोदी विरोधी धड़े को मजबूती देने के लिए सभी विरोधी दल कुछ भी करने को तैयार हैं.

विपक्ष कि एकजुटता मात्र राजनैतिक

भले ही मुद्दा बिहार के मुजफ्फरपुर से जुड़ा है. लेकिन, इस मुद्दे को लेकर राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार पर हमला करना और कटघरे में खड़ा करना साफ दिखा रहा है कि विपक्ष अब सरकार को एकजुट होकर घेरने की तैयारी में है. धरने में शामिल होने आए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुजफ्फपुर की घटना को लेकर देश भर की महिलाओं के हालात को लेकर चिंता जताई.

उन्होंने कहा कि ‘हम केवल 40 बच्चियों के लिए नहीं बल्कि हिंदुस्तान की सभी महिलाओं के लिए यहां आए हैं.’ एक बार फिर राहुल गांधी ने बीजेपी –आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘एक तरफ बीजेपी-आरएसएस की सोच तो दूसरी तरफ पूरा हिंदुस्तान है और यह बात पीएम और उनकी पार्टी को भी दिखाई देगी.’

New Delhi: RJD leader Tejashwi Prasad Yadav addresses during a protest over the issue of alleged sexual abuse at a government-funded shelter home in Muzaffarpur district, in New Delhi on Saturday, Aug 4, 2018. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI8_4_2018_000207B)

तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे पर नीतीश कुमार पर जमकर हमला किया. तेजस्वी ने साफ शब्दों में कहा कि ‘इस मामले में दोषी लोग सत्ता के करीब थे लिहाजा कोई कार्रवाई नहीं हुई. तेजस्वी ने कहा कि मेरी भी सात बहनें हैं, मैं रात भर सो नहीं पाता.’ इस मुद्दे पर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम खुला खत भी लिखकर उनके इस्तीफे की मांग की है.

कुमार से इस मुद्दे को लेकर नैतिकता के आधार पर इस्तीफा  मांग दिया. उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस मुद्दे पर तीन महीने के भीतर कार्रवाई कर दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग कर दी.

नीतीश के सुशासन बाबू की छवि तोड़ना चाहते हैं तेजस्वी

दरअसल, यह मुद्दा बिहार में काफी तूल पकड़ता जा रहा है.आरजेडी की तरफ से लालू यादव के वारिस तेजस्वी यादव ने पूरी तरह से मोर्चा संभाल रखा है. तेजस्वी ने बिहार विधानसभा के भीतर भी इस मुद्दे पर जोरदार विरोध दर्ज कराया. बिहार में इस घटना के विरोध में जमकर मोर्चेबंदी की.

लेकिन, अब दिल्ली में पहुंचकर मुजफ्फरपुर की घटना को बिहार के बाहर राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की तैयारी से साफ है कि आरजेडी हर हाल में नीतीश कुमार की उस छवि को तोड़ना चाहती है, जिसके दम पर वो सुशासन बाबू के नाम से जाने जाते हैं.

New Delhi: (L-R) CPI leader D Raja, RJD leader Tejashwi Prasad Yadav, Loktantrik Janata Dal leader Sharad Yadav and Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal during a protest over the issue of alleged sexual abuse at a government-funded shelter home in Muzaffarpur district, in New Delhi on Saturday, Aug 4, 2018. (PTI Photo/Indraneel Chowdhury)(PTI8_4_2018_000223B)

आरजेडी को लगता है कि नीतीश कुमार की बेहतर छवि पर सवाल खड़ा करने से बिहार और बिहार के बाहर पूरे देश भर में इसका फायदा उसे ही मिलेगा. लालू-राबड़ी शासनकाल में बिहार में जंगलराज का हवाला देकर नीतीश कुमार ने बेहतर शासन का विकल्प देने का वादा किया था. ऐसे में अब पलटवार आरजेडी की तरफ से हो रही है. इस तरह की घटनाओं को जोर-शोर से उठाकर आरजेडी दिखाने की कोशिश कर रही है कि नीतीश कुमार बेहतर शासन देने में विफल रहे हैं, इस उम्मीद में कि अब अगले चुनाव में जनता नीतीश के चेहरे को बदल दे.

लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कर डैमेज कंट्रोल की कोशिश शुरू कर दी है. लेकिन, लगता है इस मुद्दे पर विरोधियों से अभी तकरार  जारी रहने वाली है. इस मुद्दे पर सियासी बवाल भी जारी रहेगा. लेकिन, बार-बार दुष्कर्म की इस हृदय विदारक घटना पर सियासत नहीं करने की बात करने वाले सभी दल अपनी सियासत ही चमकाने में ज्यादा लगे हैं.

Daily Bulletin: India’s Chandrayaan-2 mission postponed for the second time

Here’s what is expected to make the news on Sunday:

India’s Chandrayaan-2 mission postponed for the second time

World Badminton Championships: Having beaten the likes of Ji Hyun Sung, Nozomi Okuhara and Akane Yamaguchi so far, PV Sindhu will take on Carolina Marin in the final of the World Badminton Championships today. Sindhu will be keen to win the title this time around after losing at the same stage to Okuhara last year.

Delhi terror alert for Independence Day: Just days ahead of the 72nd Independence Day celebration, security forces in the national capital have gone on a high alert following intel of a Jaish-e-Mohammad planning a “fidayeen attack”.Manchester City take on Chelsea in the FA Community Shield: The 2017-18 Premier League champions Manchester City face FA Cup champions Chelsea in the 2018-19 season curtain raiser. It will be Maurizio Sarri’s first competitive match as in-charge of Chelsea. Both clubs are missing important players like Eden Hazard, Thibaut Courtois, N’golo Kante (Chelsea), Kevin De Bruyne, John Stones, Raheem Sterling (City) after they played for their respective national sides at the 2018 FIFA World Cup.

Harvey Weinstein case: Disgraced Hollywood tycoon’s defense lawyer has demanded that a New York court dismisses the sex crime charges against him, by disclosing “warm” emails between him and his alleged rape victim, in which she said “I love you”, among other things.

Muzaffarpur shelter home rape case: As Opposition leaders targeted the Nitish Kumar – government over the Muzaffarpur shelter home rape case on Saturday, the heat is on Bihar social welfare minister Manju Verma, whose husband is accused of often entering the rooms of minor girls in the shelter home without anyone accompanying him. Verma reportedly defended her husband on Saturday and said that she would hang him herself if he is found guilty in the sex scandal.

Assam flood situation worsens: The flood situation in Assam deteriorated on Saturday with two more deaths reported in Sivasagar district, taking the toll to 43, while nearly 1.1 lakh people remain affected across six districts in the state. According to the Assam State Disaster Management Authority (ASDMA), two persons lost their lives in flood-related incidents at Sonari revenue circle of Sivasagar.

NRC in Assam: A day after TMC filed two police complaints were filed against Assam chief minister Sarbananda Sonowal in West Bengal, two more FIRs have been registered in Assam against West Bengal chief minister Mamata Banerjee and members of a TMC delegation, which went to Silchar, for allegedly creating disturbances on the basis of religion. A total of five FIRs have been registered against Banerjee in Assam since the publication of the NRC final draft on 30 July.

Imran may take oath as Pakistan PM on 14 August: Imran Khan, who is set to become Pakistan’s new prime minister, may take oath of the office on the country’s Independence Day on 14 August. Unveiling a tentative schedule of the National Assembly formation, caretaker Law Minister Ali Zafar told Dawn that the Election Commission of Pakistan (ECP) was already on board as it was engaged in making necessary arrangements required to hold the prime minister’s election on the desired date. Zafar said a fresh session of the assembly could be called on August on 11 or 12.

Confirmed Ebola cases rise to 13 in Congo’s latest outbreak: The number of confirmed cases in Congo’s new outbreak of the Ebola virus has risen to 13, including three deaths. The World Health Organisation has warned that this new outbreak of the deadly virus in North Kivu province poses a particular challenge as the region is a “war zone” with several active armed groups and thousands of displaced people. Congo announced the latest outbreak on Wednesday with four confirmed cases, a week after declaring the end to a previous outbreak in the northwest with 33 deaths.

India’s Chandrayaan-2 mission postponed for the second time: According to reports, the Indian Space Research Organisation (ISRO) has postponed the Chandrayan-2 mission, which aimed to soft- landing a rover on the surface of the moon. The Chandrayan-2 mission, which was supposed to be launched in October has now been postponed to December.

GST slabs may reduce to 3: In the long-term, Goods and Services Tax (GST) slabs may come down to three, in addition to the exempted category, Sanjeev Sanyal, Principal Economic Adviser to the Finance Ministry, said on Saturday. The three slabs could be a low of 5 per cent, a central 15 per cent (merging 12 per cent and 18 per cent slabs that exist now) and a top rate of 25 per cent. Presently, there are four GST slabs of 5, 12, 18 and 28 per cent, plus the exempted category which attracts 0 per cent GST.

There is no vacancy for the prime minister’s post till 2024: Paswan

Union minister Ram Vilas Paswan

Chandigarh: Union minister Ram Vilas Paswan on Saturday asserted that there was no vacancy for the prime minister’s post in 2019 and the Opposition should work hard and aim for it in 2024.

The ruling NDA partner Lok Janshakti Party chief Pawan made the assertion and claimed that the achievements of the Narendra Modi government in last four years were more than those of any other regime since Independence.

Paswan also spoke at length on Dalit issues, acknowledging that the government earlier had a problem of perception on the Dalit issue, but the same had been set right.

The Union Minister for Consumer Affairs, Food and Public Distribution was addressing a news conference, during which he also described the NDA government as “pro-poor, pro-Dalits and pro-farmers”.

Paswan made the remarks in reply to queries on his experience as the NDA partner and if he would be the part of the BJP-led alliance in the 2019 polls.

“The Modi government has been in power for over four years now and if you count the achievements of this government during this tenure, it has been better than any other government since Independence.

“There is no charge which the prime minister faces, he comes from a humble background. Out of 24 hours, he works for 20 hours… This government brought so many schemes for common man and the poor like Jan Dhan Yojana, insurance cover for common people. Besides, India is emerging as an economic superpower,” he said.

He said the LJP supported the NDA when it had only two other allies – the Akali Dal and the Shiv Sena.

“For the last two years, we (LJP) have been saying that in 2019, there is no vacancy, the Congress and the Opposition can work hard, but they should realise there is no vacancy in 2019. They can work hard for 2024 and not 2019,” he said.

Asked if the LJP would be part of the NDA in 2019, Paswan categorically said, “Not being so is unthinkable.”

Referring to the Supreme Court’s March 2018 order which had laid down some safeguards against the misuse of the SC/ST (Prevention of Atrocities) Act, Paswan said after this verdict some people started a campaign to portray the Modi regime as “anti-Dalit”.

He said the entire country knew that the Supreme Court had diluted the SC/ST (Prevention of Atrocities) Act and that it was not a government decision, but a countrywide protest was started as if the government had done it.

“We filed a review petition in the court. As we felt it may take time, a decision was taken in the Cabinet and a bill (to undo the Supreme Court order) was introduced in the Lok Sabha on Friday,” he said.

With the Opposition targeting the BJP over dilution of the SC/ST (Prevention of Atrocities) Act, Paswan said various Dalit organisations would hold rallies across the country from 11-14 August, and thank the prime minister for bringing the bill to undo the apex court verdict on the matter.

The Dalit Sena, affiliated to the LJP, has lauded Prime Minister Narendra Modi for the government’s “historic” decision to bring the bill to undo the apex court order on the law on atrocities against the Dalits.

Paswan said four-five months back he had stated that despite so many works and achievements of the Narendra Modi government, there was “a perception that this regime is anti-Dalit.” And, he had also said he would set this perception right, he added.

Paswan said while speaking in the ongoing session of the Parliament recently that he had pointed out that that the Opposition brought the no-confidence motion against the government, “but not even one from the Opposition, be it the Congress or the Samajwadi Party, uttered a word pertaining to Dalits or the atrocities.”

Asked if the government’s stand would change in case the Supreme Court stands by its verdict in response to the petition for review of the March verdict on the SC/ST (Prevention of Atrocities) Act, Paswan asserted that “it is the government’s job to make law.”

“Parliament is supreme, the court’s work is to see whether the laws which have been made, are constitutionally right… it is the government’s job to make law,” he said.

Countering arguments that the apex court’s judgment had only laid down some safeguards to prevent the misuse of the SC/ST Act, Paswan said any act can be misused, but the misuse of any law is not a valid ground for repeal of its provisions.

“Did it not happen in dowry cases when entire family often landed behind bars?” he asked.

He said “many Dalits feared lodging an FIR after dilution of the Act.”

“Now, they have said a DSP will probe, but which DSP favours the poor? The result will be that the atrocities will once again rise,” he said referring to the apex court’s 20 March verdict, which stipulated that before registering the FIRs under the SC/ST Act, a DSP-level officer would hold a preliminary inquiry and the prior permission of an SP-rank officer would be needed to arrest the accused.

Asked about Rashtriya Janata Dal’s (RJD) protest rally with other Opposition parties at Jantar Mantar in New Delhi over sexual abuse of the girls at Muzaffarpur shelter home, Paswan said taking out protest march was the job of the Opposition and they would do that.

What was important in this case, he said, was to see the intent of the Bihar chief minister, who has described the incident as “shameful” and assured that the culprits would not be spared.

Sepratists and political parties join hands for Artical 35.A

 

Days before the Supreme Court is to start hearing a bunch of petitions challenging the validity of Artical 35.A of the Constitution which gives the Jammu and Kashmir legislature the powers to decide who are permanent residents of the state, the administration has written to the apex court to defer the hearings, citing upcoming panchayat and urban local body elections.

In a letter written to the Registrar of the Supreme Court, on Friday, counsel for the Jammu and Kashmir government sought an adjournment of the hearings on “account of the ongoing preparations for the upcoming panchayat/urban local body and municipal elections.” The hearings are to start on Monday.

Hindustan Times is in possession of a copy of the letter written to the Supreme Court Registrar. Kashmiri separatist organisations have called for a two day shutdown against the attempts to repeal Article 35 A.

Article 35A gives special rights to permanent residents of Jammu and Kashmir. It disallows people from outside the state from buying or owning immovable property in the state settle permanently, or avail themselves of state-sponsored scholarships.

A bunch of petitions have been filed in the top court challenging article 35 A of the constitution contending that the article was illegally added because it was never proposed before Parliament.

Article 35 A was added to the Constitution by a Presidential Order. It accords special rights and privileges to the citizens of J&K and also empowers the state legislature to frame any law without attracting a challenge on the grounds of it violating the Right to Equality of people from other states under the Indian Constitution.

A think tank associated with the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) that has been campaigning to repeal Article 35A of the Constitution has, meanwhile, stepped up efforts to garner support for its demand.

The Jammu and Kashmir Study Centre (JKSC) has been opposing the article on grounds that it “violates the rights of citizens and has been incorporated without following the due process.” It has also been pushing for abrogation of Article 370 that confers special status on Jammu and Kashmir,

JKSC has been trying to shape public opinion through discussions and closed door meetings on how Article 35 A is discriminatory against women and the marginalised sections.

As per the provision of the law, if a woman from the state marries a non-state subject, her husband and children cannot inherit her assets and are denied a permanent resident certificate (PRC); this does not apply to men who marry non-state subjects.

“Women are the worst affected by this (35A) provision,” said Abha Khanna, director (media) of the JKSC. She said over 200 Valmiki (lower caste) families that were moved to the state in 1957 with the promise that they would be granted a permanent residence certificate (PRC) had not yet been rehabilitated.

“These people were offered permanent residency, with the condition that it would last only till the time they were alive; now their children and grandchildren are denied admissions and jobs. Similarly, the Gorkhas who came in 18th Century and have served the state and its people are also denied PRC,” she said.

According to an RSS functionary, the issue came up for discussion at the Akhil Bharatiya Prant Pracharak meeting held in Jammu in June, where the Sangh brass reiterated the need to repeal the Article.

“The decision to mobilise support for repealing the Article, which the Sangh feels is a fraud, was taken at the meeting,” the functionary said on condition of anonymity.

Sonoval quoted Mamta’ TMC as “divisive design of the external forces”

 

Guwahati:

Assam chief minister Sarbananda Sonowal hit out at his West Bengal counterpart Mamata Banerjee on Saturday, saying there was an “evil design” in her remarks and sending a TMC team to the north-eastern state to destabilise the NRC process.

Banerjee had questioned the transparency of the final NRC draft and alleged that the Centre had resorted to “vote bank and divide and rule policy”.

She had also alleged that the exclusion of over 40 lakh people from the register was an “attempt to evict the Bengalis from Assam” and said those Indian citizens had become “refugees in their own land”.

Sonowal thanked the people of Barak Valley for the “exemplary composure” they exhibited, without falling prey to the “divisive design of the external forces”, an official release issued by the Chief Minister’s Office (CMO) said.

He also condemned the alleged move of the external forces to vitiate the peaceful environment in Assam in the name of the National Register of Citizens (NRC), the release added.

“Sonowal hailed the restraint and patience shown by the people of Assam, more particularly the residents of Barak Valley, in view of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee’s inflammatory remarks and her decision of sending a delegation to Barak Valley with an evil design to polarise the society,” it said.

The chief minister also said since the beginning of updating the NRC, some vested interests were hell-bent on destabilising the process by making remarks inimical to the age-old unity prevailing among the people of the Barak and Brahmaputra valleys, the hills and the plains.

He added that “in spite of all evil intentions”, the people of Assam showed “remarkable composure” and strengthened the friendship and camaraderie among themselves.

Sonowal thanked the Bengali-speaking people of the state and different organisations spread across Assam for “unequivocally” registering their protests against the West Bengal chief minister’s “plan of polarising the state”.

“Assam is a land known for its unity since ages. People belonging to different castes, communities, creed and religions symbolise this unity which is unique. Though several attempts were made to disturb this unity, the people of Assam showed resilience and reinforced the state’s unity,” he added.

The people of the Barak and Brahmaputra valleys, the hills and the plains of the state will never be misled by such “evil design”, Sonowal asserted.

He said the people of Assam are guided by the humanitarian and unifying philosophies of singer and lyricist Bhupen Hazarika and Leftist composer-singer Hemanga Biswas.

Referring to the age-old harmonious relations between Assam and West Bengal, he mentioned the common socio-cultural icons such as Ashutosh Mukherjee, Sahityarathi Lakshminath Bezbaroa and Rabindranath Tagore.

“Therefore, being a chief minister of such a state which has deep-rooted culture and traditions, Mamata Banerjee should not have made such baseless comments which have got communal undertone aimed at disturbing the strong relations between Assam and Bengal,” Sonowal said.

The recent NRC document is only a draft and all genuine Indian citizens whose names did not feature in it need not worry. They would get “ample opportunities” to get their names enrolled through disposal of claims and objections, he said.

The chief minister said Assam has a culture and civilisation which has evolved as a result of melting down of different communities and ethnicities, which are all embracive and receptive.

“Exhibiting unique resilience, the people of Assam have always showed political maturity. Peacefully accepting the publication of the draft NRC is testimony of such political maturity of the people of Assam,” he asserted.

Sonowal said the final draft of the NRC had been prepared under the direct supervision of the Supreme Court with active role of the Registrar General of India and is a document to safeguard the interest of the people of Assam.

“It is a matter of pride and prestige for the people of the state to be a part of the updating of the NRC and witness the complete draft publication in an atmosphere of complete peace and rejoice,” he said.

Banerjee had also sent an eight-member Trinamool Congress team to assess the situation in Barak Valley on August 2 following the publication of the final fraft of the NRC, which is touted as the proof of Assamese identity.

The team was kept under preventive detention at the Silchar airport and was sent back the next day.

The Assam Police has registered five FIRs against Banerjee by the people as well as a lady police official, who was allegedly injured during a scuffle with the TMC delegates at Silchar airport.

Two police complaints were filed against Sonowal by the TMC in Kolkata.