Karnataka Budget: CM Kumaraswamy announces farm loan waiver; petrol, electricity to get dearer


Unveiling the budget proposals in the Assembly, Kumaraswamy, who also holds the finance portfolio, said he has limited the loan amount to Rs 2 lakh, as it was “not right” to waiver higher value crop loan.


 

In a big relief to the farm sector, Karnataka Chief Minister H D Kumaraswamy today announced a mega Rs 34,000 crore farm loan waiver scheme in the maiden budget of the Congress-JDS coalition government.

Unveiling the budget proposals in the Assembly, Kumaraswamy, who also holds the finance portfolio, said he has limited the loan amount to Rs 2 lakh, as it was “not right” to waiver higher value crop loan.

“Due to this crop loan waiver scheme, farmers will get the benefit of Rs 34,000 crore,” Kumaraswamy said, seeking to fulfil a major electoral promise made by the JDS in its manifesto for the recently held assembly polls in the state.

With the waiver scheme imposing a huge burden on the exchequer, he also announced proposals to mop up additional resources, including increase in the rate of tax on petrol by Rs 1.14 per litre and diesel by Rs 1.12 per litre.

He also proposed a hike in the additional excise duty on Indian-made liquor by 4 per cent across the board on all 18 slabs.

Kumaraswamy recalled his assurance to waive all types of crop loans of farmers taken for agricultural activities within 24 hours of formation of a full-fledged government.

“However, even though the people of the state have not blessed a single party government, I have been provided with a good opportunity to form a coalition government and to work as chief minister of that coalition,” he said.

Kumaraswamy said he had decided to waive all defaulted crop loans of the farmers made up to December 31, 2017 in the first stage.

Besides this, it has been decided to credit the repaid loan amount or Rs 25,000, whichever is less, to each of the farmers account, to help farmers who had repaid the loan within time, the chief minister said.

The families of the government officials and officials of the cooperative sector, farmers who have paid income-tax for the past three years and other ineligible farm loan recipients will be outside the purview of the loan waiver scheme.

Maheshwari who allegedly issued the threat to Ms. Chaturvedi arrested by Mumbai police

The Mumbai police have arrested one Girish Maheshwari for allegedly issuing a rape threat to the 10-year-old daughter of Congress spokesperson Priyanka Chaturvedi on Twitter.

Two days ago, the Union Home Ministry directed the police to file a case against the person.

Maheshwari allegedly issued the threat to Ms. Chaturvedi from his Twitter handle @GirishK1605, which was deleted following an outrage on the social media.

“One person named Girish has been arrested and being taken to Mumbai,” a police official from Ahmedabad said

The Delhi Police had filed an FIR in the case after receiving a complaint from Ms. Chaturvedi.

After the alleged threat tweet, Ms. Chaturvedi had approached both the Mumbai and Delhi police, seeking action against the Twitter user.

Ms. Chaturvedi thanked Home Minister Rajnath Singh and the Delhi and Mumbai police for the arrest.

मौका ख़ुशी का हो या क्षोभ का 100 रु का चंदा दो दिल्ली वालो


जित्तोगे तो पिटोगे अक हारोग्गे तो पिटोगे, दिल्लीवासियों कि हालत अब कुछ ऐसी ही प्रतीत होती है.

केजरीवाल कोर्ट में उपराज्यपाल के खिलाफ केस जीत गए अब ख़ुशी मानाने के लिए दिल्लीवासियों से 100 रु कि वसूली करनी है, यदि प्रति कमाऊ व्यक्ति कि जेब से 100 रु भी निकाले जाएँ तो कितने बनेंगे भाई, वैसे पूछ रहे हैं.


आम आदमी पार्टी (आप) ई-मेल के जरिए अपने समर्थकों से 100 रुपए डोनेट करने की अपील कर रही है. इस ई-मेल में दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) से चल रही खींचतान पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए पार्टी ने कहा है कि यह दिल्ली की जनता की जीत है.

‘हम जीत गए’, ‘दिल्ली की जनता जीत गई’, कुछ इन्हीं शब्दों से अपने ई-मेल की शुरुआत करते हुए पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की खुशी जाहिर की है. पार्टी ने कहा है कि यह देश के संविधान और लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ी जीत है.

चलिए इस इतने बड़े दिन का एक छोटे से डोनेशन की मदद से जश्न मनाएं. हम सभी इसके पात्र हैं. चलिए अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और बाकी के आप मंत्री, विधायकों और वोलेंटियर को उनके संघर्ष के लिए बधाई दें.

यह पहली बार नहीं है जब किसी बात के लिए पार्टी ने अपने समर्थकों से 100 रुपए के डोनेशन की मांग रखी है. इसके पूर्व भी जब बॉटनिकल गार्डन से कालकाजी मंदिर जाने वाली मंजेटा लाइन मेट्रो का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करवाया गया था और अरविंद केजरीवाल को बुलाया तक नहीं गया था, तब भी पार्टी ने अपने समर्थकों के सामने 100 रुपए के डोनेशन की मांग रखी थी.

वहीं एक बार केजरीवाल ने एक पत्र जारी कर स्वच्छ राजनीति के लिए अपने समर्थकों से 100 रुपए के चंदे की मांग की थी. बता दें क‌ि उनकी इस अपील के कुछ ही घंटों में आम आदमी पार्टी पर धन की बारिश हो गई थी.

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों के आए फैसले के बाद से अरविंद केजरीवाल उत्साहित हैं. फैसले में कोर्ट ने कहा है कि उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार की सलाह से काम करना चाहिए. उपराज्यपाल यह याद रखें कि दिल्ली की सरकार जनता की चुनी हुई सरकार है.

साथ ही यह भी कहा कि विधानसभा के फैसलों के लिए उपराज्यपाल की सहमति जरूरी नहीं है और उपराज्यपाल को राष्ट्रहित का ध्यान रखना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भूमिका दिल्ली के बॉस की तरह हो गई है.

उधर जनता बेहाल हो रही है, अब यह शायद सुप्रीम कोर्ट को भी कोसेंगे.

 

शशि थरूर की अग्रिम जमानत याचिका पर दिल्ली की एक अदालत आज फैसला सुना सकती है

नई दिल्ली।

सुनंदा पुष्कर के मौत के मामले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अग्रिम जमानत याचिका पर दिल्ली की एक अदालत आज फैसला सुना सकती है। थरूर अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की आत्महत्या के मामले में आरोपी हैं। कोर्ट में विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने शशि थरूर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया।

बुधवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार ने कहा कि वह गुरुवार को अपना फैसला सुनाएंगे। दिल्ली पुलिस ने थरूर की याचिका का विरोध किया है। अदालत ने पांच जून को पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र पर संज्ञान लिया था। 62 वर्षीय सांसद को सात जुलाई को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष पेश होने को कहा गया है।
दिल्ली पुलिस ने पत्नी से क्रूरता तथा आत्महत्या के लिए उकसाने को लेकर शशि थरूर को एकमात्र संदिग्ध आरोपी बताया था। कोर्ट ने मामले में फाइल की गई आरोप-पत्र पर भी संज्ञान लिया है। तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर को मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 जुलाई को अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी समर विशाल के समक्ष पेश होने को कहा गया है।
पुलिस ने 3000 हजार पन्नों की दाखिल की गई चार्जशीट में शशि थरूर पर अपनी पत्नी की आत्महत्या को लेकर क्रूरता करने का आरोप लगाया था। हालांकि शशि थरूर ने इन आरोपों को बेबुनियाद, आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण बताया था और कहा था कि यह बदले की भावना से चलाये जा रहे अभियान का नतीजा है। दिल्ली पुलिस ने थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 और 498ए के अंतर्गत 14 मई को आरोप पत्र दाखिल किए थे।

मोदी की ऐतिहासिक वृद्धि की घोषणा, एक मीठी गोली ओर ऐतिहासिक धोखा : विपक्ष

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को फसल वर्ष 2018-19 में अधिसूचित खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 फीसदी वृद्धि को ऐतिहासिक बताया है। वहीं, किसान संगठन ने इसे किसानों के साथ ऐतिहासिक धोखा करार दिया है।

प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट के जरिए कहा, ‘‘मैं प्रसन्न हूं कि सरकार ने किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी प्रदान करने का अपना वादा पूरा किया है। फसलों के एमएसपी में ऐतिहासिक वृद्धि की गई है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र के विकास के हर जरूरी उपाय करने को प्रतिबद्ध है।

मोदी का यह बयान केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अधिसूचित फसलों के लिए किसानों को उत्पादन लागत पर 50 फीसदी लाभ के साथ एमएसपी को मंजूरी प्रदान करने के तुरंत बाद आया।

कांग्रेस ने हालांकि इस निर्णय को चुनावी लॉलीपॉप करार दिया और कहा कि सरकार ने कृषि लागत एवं उत्पादन आयोग (सीएसीपी) की 2018-19 के लिए की गई सिफारिशों के आधार पर एमएसपी घोषित नहीं किया है।

इस बीच, अखिल भारतीय किसान सभा ने खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि के केंद्र सरकार के इस फैसले को किसानों के साथ धोखा करार दिया है। संगठन ने कहा, ‘‘धान के एमएसपी में 200 रुपये की बढ़ोतरी किसानों के साथ ऐतिहासिक धोखा है।’’

किसान संगठन ने एक बयान में कहा कि मोदी और भाजपा से किसानों को बड़ी उम्मीद थी, इसलिए उन्होंने 2014 में भाजपा का साथ दिया था, मगर भाजपा सरकार ने उनकी उम्मीदें पूरी नहीं की।

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बुधवार को फसल वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) की खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में उत्पादन लागत पर 50 फीसदी लाभ के साथ वृद्धि की घोषणा की।

मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी मीडिया को देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने किसानों को उनकी फसलों की लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देने का ऐतिहासिक फैसला किया है, जिससे अर्थव्यवस्था को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

उन्होंने कहा कि कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने मॉनसून सीजन की प्रमुख फसल धान की लागत 1,166 रुपये प्रति क्विंटल तय की थी और सरकार ने 50 फीसदी लाभ जोडक़र धान का एमएसपी 1,750 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जोकि पिछले साल से 200 रुपये अधिक है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को लिए गए फैसले के अनुसार, फसल वर्ष 2018-19 में सामान्य ग्रेड के धान का एमएसपी 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1750 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है और सामान्य ग्रेड-ए धान का एमएसपी 1590 रुपये से बढ़ाकर 1770 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।

वहीं हाइब्रिड धान का एमएसपी 1700 रुपये प्रति कुंटल से बढ़ाकर 2430 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

गृहमंत्री ने कहा कि एमएसपी ए2 और एफएल के योग के आधार पर होगा, जोकि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश की लागत संकल्पना पर आधारित है। केंद्र सरकार को एमएसपी में बढ़ोतरी से 15,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च करना होगा।

जबकि, किसान संगठन का कहना है कि उन्हें स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार, सी2 स्तर पर 50 फीसदी लाभ के साथ एमएसपी देने का आश्वासन दिया गया था।

गौरतलब है कि ए2 में किसानों द्वारा फसल के उत्पादन में किए गए मौद्रिक खर्च शामिल हैं, जिसमें बीज और खाद या उर्वरक से लेकर मजदूरी जुताई, सिंचाई आदि पर होने वाला खर्च शामिल है। जबकि ए2 और एफएल के योग में किसान परिवार द्वारा किए गए श्रम का पारिश्रमिक शामिल हो जाता है। वहीं, ए2 प्लस एफल और सी2 में जमीन का किराया भी शामिल हो जाता है।

उन्होंने कहा कि उच्च एमएसपी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने की योजना का हिस्सा है।

राजनाथ ने कहा कि बाजरा का एमएसपी सीएसीपी द्वारा तय लागत 990 रुपये पर 97 फीसदी प्रतिफल के साथ 1,950 रुपये प्रति क्विंटल होगा।

सरकार ने मूंगफली का एमएसपी 4,450 रुपये से बढ़ाकर 4,890 रुपये प्रति कुंटल कर दिया। इसी प्रकार सोयाबीन का समर्थन मूल्य 3,050 रुपये से बढ़ाकर 3,399 रुपये और मूंग का एएसपी 5,575 रुपये से बढ़ाकर 6,975 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। रागी का एमएसपी 1,900 रुपये से बढ़ाकर 2,897 रुपये और बाजरा का 1,425 रुपये से बढ़ाकर 1950 रुपये कर दिया गया है। ज्वार का एमएसपी 1,725 रुपये से बढ़ाकर 2,450 रुपये और उड़द का 5,400 रुपये से बढ़ाकर 5,600 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

तुअर का एमएसपी 5,450 रुपये से बढ़ाकर 5,675 रुपये और कपास लांग स्टेपल का 4,320 रुपये से बढ़ाकर 5,450 रुपये प्रति क्विंटल और मीडियम स्टेपल का 4,020 रुपये से बढ़ाकर 5,150 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

सूरजमुखी का एमएसपी 4,100 रुपये से बढ़ाकर 5,388 रुपये प्रति कुंटल, तिल का एमएसपी 5,300 रुपये से बढ़ाकर 6,249 रुपये प्रति कुंटल और नाइजरसीड का एमएसपी 4,050 रुपये से बढ़ाकर 5,877 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

मक्के का एमएसपी 1,425 रुपये से बढ़ाकर 1,700 रुपये प्रति क्विंटल  कर दिया गया है।

आआपा के बाबूशाही को निर्देश “काम में तेज़ी लाओ”….


आनन फानन : दिल्ली सरकार ने बुधवार को नौकरशाहों के तबादलों और तैनातियों के लिए भी एक नई प्रणाली शुरू की जिसके लिए मंजूरी देने का अधिकार मुख्यमंत्री केजरीवाल को दिया गया है


सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट की बैठक बुलाई और अफसरों को राशन की घरों पर आपूर्ति और सीसीटीवी कैमरे लगाने जैसी परियोजनाओं को पूरा करने के  लिए की रफ्तार तेज करने का निर्देश दिया.

दिल्ली सरकार ने बुधवार को नौकरशाहों के तबादलों और तैनातियों के लिए भी एक नई प्रणाली शुरू की जिसके लिए मंजूरी देने का अधिकार मुख्यमंत्री केजरीवाल को दिया गया है.

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने करीब आठ मिनट तक चली मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार काम करने का निर्देश दिया गया है.

सिसोदिया ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच सत्ता संघर्ष पर कोर्ट के फैसले के बाद आप सरकार को अपने हर निर्णय को उपराज्यपाल अनिल बैजल से मंजूर कराने की जरूरत नहीं है.

अभी तक आईएएस और दानिक्स (दिल्ली , अंडमान निकोबार द्वीपसमूह सिविल सेवा) अधिकारियों के तबादलों और तैनातियों के लिए मंजूरी देने का अधिकार उपराज्यपाल के पास रहा है.

हालांकि दिल्ली सरकार में कार्यरत वरिष्ठ नौकरशाहों ने दावा किया कि ‘ सेवा संबंधी मामले ’ अब भी उपराज्यपाल के कार्यालय के अधिकार क्षेत्र में आते हैं क्योंकि दिल्ली केंद्रशासित प्रदेश है.

एक शीर्ष अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट की यथोचित नियमित पीठ सेवा संबंधी मामलों और अन्य मुद्दों पर अंतिम निर्णय करेगी.

एक अन्य अधिकारी ने दावा किया कि शीर्ष अदालत ने गृह मंत्रालय की मई , 2015 की अधिसूचना को रद्द नहीं किया है जिसके मुताबिक सेवा संबंधी मामले उपराज्यपाल के अधीन आते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता लेकिन यह भी कहा कि उपराज्यपाल को स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार नहीं है.

केजरीवाल ने बैठक के बाद ट्वीट किया , ‘ दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कामकाज करें. अब राशन की घरों पर आपूर्ति और सीसीटीवी लगाने के प्रस्तावों पर भी तेजी लाने का निर्देश दिया है.’

जम्मू-कश्मीर के सात डिप्टी कमिश्नर समेत 13 आईएएस अफसरों के तबादले कर दिए गए


जम्मू-कश्मीर, स्पेशल ट्रिब्यूनल की चेयरपर्सन सरिता चौहान का तबादला कर उन्हें एजुकेशन डिपार्टमेंट में कमिश्नर/सचिव नियुक्त किया गया है


जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन के दौरान बड़ा फेरबदल हुआ है. जम्मू-कश्मीर के सात डिप्टी कमिश्नर समेत 13 आईएएस अफसरों के तबादले कर दिए गए हैं.

जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के ऑर्डर के मुताबिक, अजगर हसन समून जो वित्त कमिश्नर के पद पर तैनात थे उनका तबादला कर एनिमल और शीप हसबैंड्री डिपार्टमेंट में मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त किया गया है.

जम्मू-कश्मीर, स्पेशल ट्रिब्यूनल की चेयरपर्सन सरिता चौहान का तबादला कर उन्हें एजुकेशन डिपार्टमेंट में कमिश्नर/सचिव नियुक्त किया गया है.

राज कुमार भगत, जो एनिमल एंड शीप हसबैंड्री डिपार्टमेंट में कमिश्नर/सेक्रेटरी के पद तैनात थे उन्हें ट्राइबल अफेयर डिपार्टमेंट में कमिश्नर/सेक्रेटरी बनाया गया है. सलमा हामिद ट्रायबल अफेयर डिपार्टमेंट में सचिव के पद पर थे उन्हें अब जम्मू-कश्मीर स्पेशल ट्रिब्यूनल में चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है.

स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट में सचिव फारुक अहमद शाह को बाढ़ नियंत्रण डिपार्टमेंट में सचिव नियुक्त किया गया है. जम्मू कश्मीर सर्विस सलेक्शन कमिशन में चेयरमैन सिमरन सिंह को डोडा में डिप्टी कमिश्नर बनाया गया है.

अब पुद्दुचेर्री भी मांगती है उपराज्यपाल से छुटकारा


पुद्दुचेरी की गवर्नर किरण बेदी हैं और वहां के सीएम नारायणसामी का आरोप है कि किरण बेदी उनके कामकाज में दखल दे रही हैं


दिल्ली को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. एलजी और सीएम के बीच फंसी दिल्ली पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पर सीएम अरविंद केजरीवाल का फैसला मान्य होगा. अब पुडुचेरी के चीफ मिनिस्टर वी नारायणसामी ने चेतावनी दी है कि वह पुडुचेरी में भी दिल्ली वाला फैसला लागू करवाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अगर यहां कानून का उल्लंघन होता है तो मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा.

उन्होंने कहा, ‘मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं. यह पुडुचेरी की सरकार पर भी पूरी तरह लागू होता है. यह भी केंद्रशासित राज्य हैं. यह ऐतिहासिक फैसला है और चुने गए प्रतिनिधिोयों की जीत है.’ पुडुचेरी की गवर्नर किरण बेदी हैं. लेकिन नारायणसामी ने उनका नाम लिए बगैर कहा, ‘जो भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ काम करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसला नहीं मानने वाले के खिलाफ मैं खुद शिकायत करूंगा.’ सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अरविंद केजरीवाल की बड़ी जीत मानी जा रही है. अदालत ने साफ किया कि दिल्ली में काम करने का अधिकार पूरी तरह एलजी के हाथ में नहीं है.

अराजकता का दंश झेलती आआपा क्या अब ओर अराजक होगी


एक आम आदमी के रूप में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सड़कों पर अपनी राजनीति की शुरुआत में बिजली कंपनियों की मनमानी के खिलाफ पावर की लड़ाई लड़ी तो अब आम आदमी पार्टी के लिये एलजी के खिलाफ पावर की लड़ाई जीती


पिछले महीने अचानक ही दिल्ली समेत देश की राजनीति में एकदम नए ढंग के धरने ने धमाल मचा दिया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उपराज्यपाल के दफ्तर पर हल्ला बोल देते हैं. वो अपनी कैबिनेट के 4 मंत्रियों के साथ सोफे पर विराजमान हो जाते हैं. धरना दे रहे दो मंत्री दो कदम आगे चलते हुए भूख हड़ताल पर बैठ जाते हैं. केजरीवाल एंड टीम की मांग होती है कि दिल्ली सरकार के कामों का बायकॉट करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एलजी कड़ी कार्रवाई करें तो साथ ही राशन की डोर स्टेप योजना की फाइल को आगे बढ़ाएं. केजरीवाल की ‘स्टाइल ऑफ पॉलिटिक्स’ पर बारीक नजर रखने वाले विरोधी ‘धरना मैन रिटर्न्स’ और ‘नौटंकी’ जैसे शब्दबाणों से प्रहार शुरू कर देते हैं. केजरीवाल की मांगों को राजनीतिक स्टंट और ड्रामा बताया जाता है. यहां तक कि दिल्ली हाईकोर्ट भी एलजी ऑफिस में केजरीवाल के धरने को असंवैधानिक करार देते हुए पूछ लेती है कि केजरीवाल को धरने की अनुमति किससे मिली?

केजरीवाल का धरना सियासी स्टंट के चश्मे से देखा जाता है. बीजेपी-कांग्रेस के दो तरफा हमले होते हैं और उन सबके बीच उपराज्यपाल दिल्ली के सीएम की मांगों को अनसुना कर देते हैं. केजरीवाल आरोप लगाते हैं कि उपराज्यपाल अनिल बैजल इन 9 दिनों में उनसे बात करने के लिये 9 मिनट का समय भी नहीं निकाल पाए. लेकिन इस टीस के साथ धरना खत्म करने वाले केजरीवाल ने भी शायद ये कभी नहीं सोचा होगा कि उनकी एक अपील कहीं पर गौर से सुनी जाने वाली है और दिल्ली के एलजी के साथ प्रशासनिक अधिकारों के लेकर चल रही खींचतान पर उनकी याचिका की गंभीरता से विवेचना होने वाली है.

दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में उपराज्यपाल अनिल बैजल को  दिल्ली का प्रशासनिक हेड बताया था. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने जब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो उसे पावर का बोनस भी मिल गया. सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से केजरीवाल को एक तरह से हस्तिनापुर के रण के लिये कर्ण का कुंडल-कवच मिल गया.

अब केजरीवाल को सत्ता चलाने के लिए तीन वरदान मिल चुके हैं. उनकी सलाह मानने के लिये उपराज्यपाल बाध्य होंगे. अभी तक अरविंद केजरीवाल को अपने हर फैसले के लिये उपराज्यपाल की मंजूरी लेनी पड़ती थी लेकिन अब केजरीवाल अपने फैसले के मालिक-मुख्तार खुद होंगे. केजरीवाल की सबसे बड़ी शिकायत ये रहती आई है कि दिल्ली के अधिकारी और कर्मचारी उनके आदेशों को तामील नहीं करते हैं.

लेकिन अब ट्रांसफर-पोस्टिंग की पावर हाथ में आने के बाद केजरीवाल अपने महत्वपूर्ण विभागों में मर्जी के अधिकारी-कर्मचारी बिठा सकेंगे. अब केजरीवाल एंटी करप्शन ब्यूरो में अपने पसंद के अधिकारी को मुखिया बना सकेंगे. ट्रांसफर-पोस्टिंग के जरिये ही वो आईएएस अफसर और कर्मचारियों पर भी नकेल कस सकेंगे.

भले ही अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने में किसी आम आदमी की तमाम उम्र बीत जाती हो लेकिन आम आदमी पार्टी को अपने अधिकार हासिल करने में साढ़े तीन साल का ही वक्त लगा. कह सकते हैं कि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी के ‘अच्छे दिन’ आ गए हैं.

केजरीवाल अब विरोधियों से कह सकते हैं कि उनके पास सत्ता है, पावर है, पैसा है और पॉलिटिक्स के नए-नए स्टंट हैं.  केजरीवाल कह सकते हैं, ‘पहले तुम बोलते थे और मैं सुनता था. अब मैं बोलूंगा और तुम सुनोगे. केजरीवाल अब अधिकारियों से ये भी कह सकते हैं कि ‘फाइल भेजी है….साइन इट’.

बहरहाल एक आम आदमी के रूप में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सड़कों पर अपनी राजनीति की शुरुआत में बिजली कंपनियों की मनमानी के खिलाफ पॉवर की लड़ाई लड़ी तो अब आम आदमी पार्टी के लिये एलजी के खिलाफ पावर की लड़ाई जीती. लेकिन इन दोनों ही लड़ाइयों के केंद्र में केवल सत्ता ही थी. अब बड़ा सवाल ये है कि केजरीवाल तय समय में अपने वादों को पूरा करने की चुनौती से किस तरह पार पा सकेंगे? क्योंकि पहले तो ये कह कर दिल्ली की जनता को समझा लिया गया, ‘हम काम करते रहे और ये परेशान करते रहे’.

लेकिन अब जब दिल्ली सरकार को तमाम प्रशासनिक शक्तियां मिल चुकी हैं तो फिर कोई भी आरोप, बहाना या धरना काम नहीं आएगा क्योंकि एक हवा चली  है कि दिल्ली सरकार की दिल्लीवासियों के लिये बड़ी जीत हुई है. ऐसे में अब केजरीवाल एंड टीम भविष्य में किसी मुद्दे पर केंद्र सरकार या फिर उपराज्यपाल को इतनी आसानी से कटघरे में खड़ा नहीं कर सकेगी.

अब दिल्ली सरकार पर जनता की उम्मीदों की वजह से लटकती तलवार है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब बिना पावर के आम आदमी पार्टी पर इतने अराजक होने के आरोप लगते रहे हों तो फिर पावर आने के बाद शक्तियों के गैरवाजिब इस्तेमाल न होने की गारंटी कौन लेगा?

Overjoyed AAP receives “regret note”

Until now, the Lt Governor was the approving authority for transfer and posting of IAS and DANICS (Delhi, Andaman and Nicobar Islands Civil Services) officers.


The note, sources said, cited a Ministry of Home Affairs notification of May 2015, and made it clear that until there were clear directions overturning the notification, the Services department could do little.


Armed with the Supreme Court order that decisions of the Delhi government did not need the concurrence of the Lieutenant Governor, the AAP government Wednesday sent a file to Secretary (Services), empowering Chief Minister Arvind Kejriwal to transfer and post senior officers. But within hours, a five-page note was sent to Deputy Chief Minister Manish Sisodia, who also holds the Services portfolio, expressing inability to carry out the order, sources said.

The note, sources said, cited a Ministry of Home Affairs notification of May 2015, and made it clear that until there were clear directions overturning the notification, the Services department could do little. “The MHA notification is in the name of the President and unless it is specifically overturned or quashed, it stands,” a senior officer said, claiming that Services, for now, remained with the office of the Lt Governor.

The note, AAP sources said, was received by Sisodia’s office hours after the file was sent to Secretary (Services).
Contacted , Sisodia and Chief Secretary Anshu Prakash declined comment. Earlier in the day, following the court ruling, the Delhi cabinet introduced a new system for transfer and posting of officers. It said Sisodia would be responsible for the transfer and posting of Delhi Administrative Subordinate Services (DASS) Grade-I, II, Principal Secretary and Private Secretary-level officers.

Until now, the Lt Governor was the approving authority for transfer and posting of IAS and DANICS (Delhi, Andaman and Nicobar Islands Civil Services) officers.

The Delhi government and the officers have been locked in a war of words ever since Chief Secretary Anshu Prakash alleged he had been assaulted by two AAP MLAs in the presence of the Chief Minister. The cabinet also decided on fast-tracking two key projects — doorstep delivery of ration and installation of CCTV cameras — which the AAP said had been awaiting clearance from the Lt Governor.