Rajanth in the House
We are the fastest growing economy. This has been attested by all international agencies.. We will be among the top 3 economies by 2030
– Rajnath Singh
– Rajnath Singh
– Rajnath Singh
In an interesting turn of events, Shiv Sena MPs have decided not to attend the Lok Sabha on Friday where a debate on no-confidence motion against the Narendra Modi government is underway and a voting will be taken up later in the day.
This comes as a huge setback for the BJP, a day after it almost seemed to have garnered the support of the warring NDA ally.
Earlier on Thursday, Shiv Sena had issued a whip to its MPs to be present and vote in favour of the government.
“We will support the BJP. A formal announcement may be made by this evening,” a source close to Shiv Sena chief Uddhav Thackeray had said.
Hours after issuing the whip, the Sena shifted its stance and said party chief Uddhav Thackeray had asked his party MPs to remain in Delhi and a final decision on supporting the Modi government would be taken on Friday morning before the debate started.
As of Thursday, in the 545-member (including the Speaker) Lok Sabha, the NDA had 311 members, including 273 of the BJP, four of SAD, 18 of Shiv Sena, six of LJP, three of RLSP, two of JD-U, two of Apna Dal, and one each of All India N R Congress, SDF and NDPP.
Following Friday’s development, the BJP will lose 18 MPs of Shiv Sena taking the number down to 293.
However, the no-confidence motion moved by the Opposition does not pose a threat to the government as NDA enjoys absolute majority in the House. The majority mark is 268.
Meanwhile, the Biju Janata Dal (BJD) members walked out of the Lok Sabha on Friday as the House began its debate on a no-confidence motion against the government.
On the first day of the Monsoon Session, Lok Sabha Speaker Sumitra Mahajan had admitted the motion moved by the Opposition including the Congress and former BJP ally TDP.
TDP chief N Chandrababu Naidu had sought the support of other parties for the motion, citing the NDA government’s “non-fulfilment of the promise” in granting special status to his state.
Apart from TDP, the notice of no-confidence had also been given by members of the Congress, NCP, RSP and CPI-M. AIMIM member Asaduddin Owaisi.
Top leaders of the BJP and the Opposition, including Congress president Rahul Gandhi, will take part in the debate that will conclude with a reply from Prime Minister Narendra Modi.
नगर निगम पंचकूला की कार्यप्रणाली से पंचकूला के नागरिक बेहद रोष में हैं ! नगर निगम पंचकूला के प्रत्येक कार्य में गहरे भ्रष्टाचार की बू आती है ! सभी नियम कानून ताक पर रख दिए जा रहे हैं ! यहाँ भ्रष्टाचार आटे में नमक वाला नहीं बल्कि नमक में आटे वाला प्रतीत हो रहा है ! सार्वजनिक खजाने को नए नए तरीकों से जमकर लूटा खसोटा जा रहा है !
शहर के मौजिज नागरिक पिछले लम्बे समय से नगर निगम की कार्य प्रणाली पर सवाल उठा रहे है ! उनमे से बहुत से लोगों ने अपनी विभिन्न मामलों में अपनी शिकायते भी दी हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं है ! ऐसे में यह प्रतीत हो रहा है की जैसे यहाँ लोकतंत्र स्थगित कर दिया गया है और मनमानी का दौर है ! सरकार के नुमाइंदे पंचकूला के विधायक जिन्हे सब कुछ दिखाई भी दे रहा होगा और यहाँ के लोगों की नगर निगम की कार्यप्रणाली के खिलाफ उठाई जा रही आवाज़ भी सुनाई दे रही होगी लेकिन वे भी क्यों खामोश हैं ! क्या उन्हें शहर की जनता की तकलीफों से कोई वास्ता नहीं और उनके जज्बातों से कोई वास्ता नहीं ! शहर की जनता ने उन्हें अपना प्रतिनिधि चुना है ! वे अगर नगर निगम की कार्यप्रणाली को नहीं जांच सकते तो वे कम से कम शहर के नागरिकों की आवाज़ सरकार तक तो पहुंचायें और सरकार से शिकायत मामलों की जांच का आग्रह करें !
विक्रम संवत – 2075
अयन – दक्षिणायन
गोलार्ध – उत्तर
ऋतु – वर्षा
मास – आषाढ
पक्ष – शुक्ल
तिथि – अष्टमी
नक्षत्र – चित्रा
योग – सिद्ध
करण – बव
राहुकाल:-
10:30 AM – 12:00 PM
🌞सूर्योदय – 05:37 (चण्डीगढ)
🌞सूर्यास्त – 19:20 (चण्डीगढ)
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🚩व्रत -🚩
दुर्गाष्टमी।
🌹🌹🌹विशेष -🌹🌹🌹
गुप्त नवरात्र समाप्त।
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चोघड़िया मुहूर्त- एक दिन में सात प्रकार के चोघड़िया मुहूर्त आते हैं, जिनमें से तीन शुभ और तीन अशुभ व एक तटस्थ माने जाते हैं। इनकी गुजरात में अधिक मान्यता है। नए कार्य शुभ चोघड़िया मुहूर्त में प्रारंभ करने चाहिएः-
दिन का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
लाभ 07:18 09:01 शुभ
अमृत 09:01 10:44 शुभ
शुभ 12:27 14:10 शुभ
रात्रि का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
लाभ 21:53 23:10 शुभ
शुभ 00:28 01:45 शुभ
अमृत 01:45 03:02 शुभ
बीजू जनता दल ने सदन के शुरू होने से पहिले ही सदन का बहिष्कार किया
आंध्रप्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांग रहे तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई और इसे मंजूरी भी मिल गई है. शुक्रवार 20 जुलाई को बहस का दिन तय किया गया है.
बहस के लिए सबसे ज्यादा वक्त बीजेपी को मिला है. मोदी सरकार के खिलाफ टीडीपी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है. चर्चा के लिए टीडीपी को 13 मिनट का वक्त मिला है. कांग्रेस और AIADMK को 38-38 मिनट का वक्त दिया गया है. समाजवादी पार्टी को सिर्फ 6 मिनट का वक्त दिया गया है.
पार्टी चर्चा के लिए वक्त
BJP 3.33 घंटा
CONGRESS 38 मिनट
SP 6 मिनट
AIADMK 38 मिनट
Fortis Healthcare today said extra ordinary general meeting (EGM) of the company will be held on August 13 to seek shareholders nod for its acquisition by Malaysia’s IHH Healthcare. Last week, Fortis Healthcare board had approved a Rs 4,000-crore offer from IHH Healthcare for 31.1 percent stake in it, valuing the cash-strapped firm at Rs 8,880 crore.
The transaction, to be carried out via IHH Healthcare’s arm Northern TK Venture Pte Ltd, was to be followed up by an open offer for an additional 26 percent stake in Fortis.
In a notice for the EGM, Fortis Healthcare said that the consent of shareholders is being sought for issuance of 23,52,94,117 equity shares on preferential basis at a price of Rs 170 per share aggregating up to Rs 4,000 crore to Northern TK Venture Pte Ltd.
The company is also seeking nod from shareholders to reclassify Malvinder Mohan Singh, Malvinder Mohan Singh- Trust, Shivinder Mohan Singh, Harpal Singh, Abhishek Singh, Fortis Healthcare Holdings Pvt Ltd, Malav Holdings Pvt Ltd and RHC Holding Pvt Ltd from the ‘Promoter and Promoter Group’ shareholder category to ‘Public’ shareholder category.
The company will also ask shareholders to approve classification of Northern TK Venture Pte Ltd as ‘Promoter’ subsequent to the completion of the preferential allotment of equity shares, Fortis Healthcare said.
IHH Healthcare is expected to shell out a total of Rs 7,300 crore to acquire 57.1 percent stake, provided its open offer for 26 percent stake is fully subscribed.
The Malaysian healthcare chain, which will gain majority control of India’s second-largest hospital chain has already stated that in the long term it would rebrand Fortis hospitals into its own Gleneagles chain.
Shares of Fortis Healthcare Ltd today closed 2.96 percent lower at Rs 137.50 per scrip on the BSE.
हरियाणा विधानसभा और कैथल के लाखों मतदाताओं का अपमान करने वाले रणदीप सुरजेवाला बस बातें करना जानते हैं। जिस विधानसभा का सदस्य बनाने की दुहाई देकर उन्होंने कैथल के लोगों से वोट मांगे थे, उस विधानसभा में आने में अब सुरजेवाला को शर्म आती है। या फिर वे इस गौरवशाली सदन, कैथल की जरूरतों और प्रदेश के विकास को अहमियत ही नहीं देते ?
आखिर क्या कारण है कि रणदीप सुरजेवाला अब तक 66 दिन चली हरियाणा विधानसभा में सिर्फ 5 बार पधारे हैं ? टीवी पर चिल्ला चिल्ला कर भाजपा सरकार और मोदी जी से सवाल पूछने वाले इस महारथी ने साढ़े तीन साल में विधानसभा में एक भी सवाल नहीं पूछा। सभी मुद्दों पर मीडिया में ज्ञान बांटने वाले इन साहब को विधानसभा में ना तो कभी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने लायक कोई विषय मिला ना इन्होंने कभी किसी मसले पर काम रोको प्रस्ताव लाने की जरूरत समझी। मतलब धुरंधर प्रवक्ता जी का सवाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, काम रोको प्रस्ताव में खाता शून्य है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में झूठ का पुलिंदा परोसने वाले रणदीप सुरजेवाला के पास ऐसे कोई तथ्य नहीं हैं जो विधानसभा में कहे जा सकें क्योंकि विधानसभा में बाते तथ्यों और सच्चाई के आधार पर ही रखी जाती हैं। कोई झूठ बोलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है। बस इसीलिए सुरजेवाला ना वहां आते, ना कोई बात कहते।
सुरजेवाला यह क्यूं नहीं बताते कि 10 साल तक मंत्री होते हुए उन्होंने अपनी सरकार से स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करवाने और किसानों को 50 फीसदी मुनाफे वाला समर्थन मूल्य दिलवाने के लिए अपनी सरकार पर दबाव क्यूं नहीं बनाया। सुरजेवाला यह भी बताएं कि वित्त मंत्री और लोकनिर्माण मंत्री होते हुए भी उनके राज में अंबाला-कैथल-हिसार हाइवे को 4-लेन करने का प्रोजेक्ट लटका ही क्यूं रहा। कांग्रेस की दस साल की सरकार में सुरजेवाला कौन सी सैटिंग के तहत अपने क्षेत्र की सड़कों को लेकर चुप बैठे रहे।
किसानों की चिंता आपको तब क्यूं नहीं हुई जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा अधिग्रहण का डर दिखाकर किसानों की जमीन बिल्डरों के हाथों लुटवा रहे थे। क्यूं आप उस वक्त चुप रहे जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट किसी ने हाथ में उठा कर भी नहीं देखी।
सुरजेवाला को बताना चाहिए कि ये बातें जो उन्हें अब आती हैं, ये मंत्री की कुर्सी का सुख भोगते हुए 10 साल तक क्यूं नहीं आई ?
‘ खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे ‘ कहावत ऐसे ही लोगों के लिए बनी है।
चंडीगढ़। पंचकुला सी बी आई अदालत में आज मानेसर जमीन घोटाले की सुनवाई हुई, जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा पेश हुए। इस दौरान आरोपी पक्ष द्वारा सीबी आई से जरूरी दस्तावेज की मांग की गई। हालांकि इस मामले में चार्जशीट की स्क्रूटनी जारी है। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी। वहीं पेशी पर अदालत पहुंचे हुड्डा ने मीडिया से बातचीत न करते हुए तलख तेवर दिखाए।
ये है मामला…
सीबीआई द्वारा 15 अगस्त 2015 को पूर्व सीएम हुड्डा व अन्य के खिलाफ भादंसं की धारा 420, 465, 467, 471, 120 बी व पीसी अधिनियम 1998 के तहत मानेसर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था। सीबीआइ की टीम जांच में जुटाए दस्तावेजों से भरी 2 अलमारियों के साथ पंचकूला अदालत में जिनमें करीब 80 हजार पेजों की चर्जशीट सीबीआई अदालत में जमा करवा चुकी है। इस मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। ईडी ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ सीबीआई की एफआइआर के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज किया था। इस मामले में आरोप है कि अगस्त 2014 में निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात जनसेवकों के साथ मिलीभगत कर, गुड़गांव जिले में मानसेर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के किसानों और भूस्वामियों को अधिग्रहण का भय दिखाकर उनकी करीब 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली थी। उल्लेखनीय है कि मानेसर के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश यादव ने इस घोटाले के बारे में शिकायत की थी। बाद में राज्य सरकार की सिफारिश पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया। शिकायतकर्ता के मुताबिक तत्कालीन सरकार के अफसरों और बिल्डरों के बीच गठजोड़ रहा है।
सरेआम लूट की योजना बना रहे आज बारिश आई तो हैफेड मे जो अनाज के कटटे तिरपाल से ढके हुए थे
बारिश आते ही उनके ऊपर से तिरपाल हटा दिया गया ताकी ये अनाज भीगकर खराब हो गले सड़े फिर इसे शराब बनाने वाली कंपनीयो को बेच सके
जिस अनाज को सरकार 15 रूपये किलो खरीदती है अब इसी अनाज को शराब कंपनी को 1-2 रूपये किलो बेचा जाएगा तो अनुमान लगाईये किस तरह से जनता की गाढ़ी कमाई को लुटाया जा रहा है
सरकार को चुना लगाया जा रहा है
घटना 13-07-18 की है
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