चंद्रशेखर राव, नायडू की तरह झगड़ने के बजाय अपने राज्य के विकास को तरजीह देते हैं : मोदी


तेलंगाना के सीएम की तारीफ करके मोदी ने ये सुनिश्चित कर लिया है कि 2019 में उनके पास एक संभावित सहयोगी के तौर पर टीआरएस होगी


शुक्रवार देर रात, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में अपना जवाब पूरा किया, तो, विजयवाड़ा से सांसद केसीनेनी नानी बोलने के लिए खड़े हुए. नानी ने शुरुआत में पीएम मोदी की भाषण कला की तारीफ की और कहा कि जब प्रधानमंत्री भाषण दे रहे थे, तो, उन्हें लगा कि वो एक ब्लॉकबस्टर बॉलीवुड फ़िल्म देख रहे हैं. लेकिन, कुछ सेकेंड के बाद ही नानी के बयान में तुर्शी नजर आ गई, जब उन्होंने कहा कि दुनिया में मोदी से बड़ा कोई अभिनेता नहीं. सत्ता पक्ष के सांसदों ने नानी के इस बयान पर कड़ा ऐतराज जताया.

लेकिन, फिल्मी दुनिया से प्रभावित विजयवाड़ा के सांसद नानी के आरोप में कुछ तो दम जरूर है. पीएम मोदी सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के हीरो हैं. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में टीडीपी अध्यक्ष को आंध्र के विकास का विलेन ठहराने की कोशिश की थी. पीएम ने टीडीपी नेता को झगड़ालू बताया और कहा कि वो अक्सर तेलंगाना की सत्ताधारी पार्टी टीआरएस से झगड़ते रहते थे. जिसकी वजह से कई बार राज्यपाल, गृह मंत्री और खुद पीएम को ये झगड़ा शांत कराना पड़ता था.

टीडीपी की आलोचना टीआरएस की तारीफ के साथ

चंद्रबाबू नायडू के जख्मों पर और नमक डालते हुए पीएम मोदी ने टीआरस प्रमुख और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की तारीफ की और कहा कि चंद्रशेखर राव, नायडू की तरह झगड़ने के बजाय अपने राज्य के विकास को तरजीह देते हैं. नायडू को इस बात से और भी गुस्सा आया होगा.

लेकिन, मोदी यहीं पर नहीं रुके. नायडू के साथ अकेले में हुई अपनी बातों को सार्वजनिक करते हुए पीएम ने कहा कि जब मार्च में टीडीपी ने एनडीए से बाहर जाने का फैसला किया, तो उन्होंने नायडू को आगाह किया था कि आप वायएसआर कांग्रेस के जाल में फंस रहे हैं. मोदी ने अपने भाषण के जरिए चंद्रबाबू नायडू को एक छोटे से क्षेत्रीय दल का नेता ठहरा दिया, जो अपने घरेलू मसले निपटाने के लिए झगड़ता है. मगर दावे ऐसे करता है कि वो बहुत बड़ा नेता हो और देश की बड़ी सियासी तस्वीर समझता है.

लोकसभा में पीएम मोदी ने चंद्रबाबू नायडू पर जो तीखे हमले किए उसमें एक बात सबसे अहम है, वो ये कि नायडू के साथ बीजेपी की दोस्ती गए जमाने की बात हो गई है. हालांकि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नायडू अभी भी उनके दोस्त हैं, लेकिन, पीएम के भाषण से साफ है कि नायडू के एनडीए छोड़ने को मोदी निजी दुश्मनी के तौर पर देख रहे हैं. निजी स्तर पर नायडू के राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और प्रकाश जावडेकर से रिश्ते अब भी बहुत अच्छे हैं. लेकिन अमित शाह और पीएम मोदी के साथ उनकी केमिस्ट्री गड़बड़ा गई है. और आज की तारीख में मोदी और शाह ही बीजेपी में सबसे अहम हैं.

आंध्र को विशेष दर्जा दिलाने पर नायडू का यू-टर्न

पीएम मोदी के भाषण पर पहली प्रतिक्रिया में नायडू ने उन्हें अहंकारी कहा. लेकिन तल्ख हकीकत ये है कि आंध्र प्रदेश और टीडीपी, राज्य को विशेष दर्जा दिलाने की ये सियासी लड़ाई हार गए हैं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि आंध्र को विशेष दर्जा दिलाने पर उन्होंने यू-टर्न लिया है क्योंकि ये नायडू ही थे जिन्होंने 2016-17 में राज्य के लिए विशेष वित्तीय पैकेज को स्वीकार किया था. केवल यही नहीं, मार्च 2017 में नायडू ने आंध्र प्रदेश विधानसभा में एक प्रस्ताव भी पेश किया था जिसमें इस पैकेज के लिए आंध्र प्रदेश की जनता की तरफ से केंद्र को दिल से शुक्रिया कहा गया. इस प्रस्ताव में साफ लिखा था कि भले ही नाम अलग हो, लेकिन ये पैकेज असल में राज्य के लिए विशेष दर्जे जैसा ही है. उस वक्त नायडू के प्रचारकों ने इसे जोर-शोर से आंध्र प्रदेश की जनता और नायडू की जीत के तौर पर पेश किया था. बल्कि, लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करने वाले टीडीपी सांसद जयदेव गल्ला ने मार्च 2017 में कहा था कि, ‘स्पेशल पैकेज विशेष राज्य के दर्जे से बेहतर है’. गुंटूर से सांसद गल्ला अब कह रहे हैं कि, ‘मेरे लिए विशेष दर्जा ही सब कुछ है’. ये आला दर्जे का सियासी दोगलापन है.

 

पीएम ने आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा न देने के लिए वित्तीय आयोग की सिफारिशों का बहाना बनाया. मोदी ने कहा कि उत्तर-पूर्व के राज्यों और पहाड़ी इलाकों के सिवा किसी और राज्य को विशेष दर्जा नहीं दिया जा सकता. चंद्रबाबू नायडू इसे सरासर झूठा दावा कहते हैं. सच तो ये है कि अगर आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेटस दिया जाता, तो केंद्र सरकार को तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे आंध्र प्रदेश के पड़ोसी राज्यों का विरोध झेलना पड़ता. क्योंकि तब इन राज्यों को लगता कि निवेशकों को रिझाने में आंध्र प्रदेश उनसे आगे निकल जाता.

2019 के लिए बड़ी दूर का पासा है टीआरएस का नाम लेना

बीजेपी की रणनीति साफ है. वो चंद्रबाबू नायडू पर दबाव बनाए रखना चाहती है. इस मामले में वाईएसआर कांग्रेस और पवन कल्याण उसके मददगार हैं. खास तौर से अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण के तीखे हमलों से नायडू को शक है कि वो बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं.

आंध्र प्रदेश के सियासी मैदान में जो तस्वीर बन रही है, उसमें नायडू के मुकाबले बीजेपी, वाईएसआर कांग्रेस और पवन कल्याण की जनसेना का मोर्चा बनता दिख रहा है. इस मुकाबले में नायडू तभी जीत सकते हैं, जब उनके खिलाफ इस तिकड़ी के वोट बंटें. अगर ये तीनों आपसी तालमेल से नायडू का मुकाबला करने की ठानते हैं, तो टीडीपी के लिए चुनौती बहुत बड़ी होगी. दूसरी तरफ टी़डीपी, कांग्रेस के साथ नहीं जा सकती, क्योंकि आंध्र की जनता उसे राज्य के बंटवारे का विलेन मानती है. हालांकि कांग्रेस ने वादा किया है कि वो सत्ता में आई तो आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देगी.

हालांकि मोदी का नायडू के दावों को झूठा साबित करना सिक्के का एक ही पहलू है. पीएम ने जिस तरह से इशारों में चंद्रशेखर राव की तारीफ की, उससे 2019 में हम नई तस्वीर देख सकते हैं. तेलंगाना के सीएम की तारीफ करके मोदी ने ये सुनिश्चित कर लिया है कि अगर 2019 में वो बहुमत के जादुई आंकड़े 272 से दूर रहते हैं, तो उनके पास एक संभावित सहयोगी के तौर पर टीआरएस होगी. आखिर चंद्रशेखर राव को लुभाने के लिए इससे अच्छा दांव क्या हो सकता है कि उन्हें अपने दुश्मन चंद्रबाबू नायडू से बेहतर नेता बताया जाए.

कर्णाटक में गौ रक्षा दल बनयेगी विश्व हिन्दू परिषद


यह दल रात के वक्त मवेशियों को ले जा रहे सभी संदिग्ध वाहनों को रोकेंगे और दोषियों के पकड़े जाने पर उन्हें पुलिस को सौंपेंगे


विश्व हिंदू परिषद ने कर्नाटक के तटीय दक्षिण कन्नड़ जिले के हर गांव में गौरक्षा दल बनाने का फैसला किया है. ताकि मवेशियों की चोरी और अवैध तरीके से उन्हें लाने ले जाने पर लगाम लगे.

परिषद के मंगलूर संभाग के अध्यक्ष जगदीश शेनावा ने कहा कि मवेशियों की बढ़ती चोरी की घटनाएं और दोषियों की गिरफ्तारी में पुलिस की कथित नाकामी के कारण उन्हें ऐसे दल  बनाने पड़े. उन्होंने कहा कि हर दल में 10 सदस्य होंगे. यह दल रात के वक्त मवेशियों को अवैध तरीके से लाने-ले जाने पर नजर रखेंगे. मवेशियों को ले जा रहे सभी संदिग्ध वाहनों को रोकेंगे और दोषियों के पकड़े जाने पर उन्हें पुलिस को सौंपेंगे.

शेनावा ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद को ऐसा कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि पुलिस जिले में मवेशियों को अवैध तरीके से लाने-ले जाने पर लगाम लगाने में पूरी तरह नाकाम रही है. उन्होंने कहा कि हिंदू कार्यकर्ताओं को नैतिकता के पहरेदार के तौर पर पेश करने की बजाय पुलिस को मवेशियों का अवैध परिवहन करने वालों के खिलाफ गुंडा कानून के तहत केस दर्ज करना चाहिए.

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल 26 जुलाई को जिले के वामनजूर में गौहत्या और मवेशियों के अवैध व्यापार को रोकने में अधिकारियों की कथित नाकामी के विरोध में संयुक्त रूप से एक रैली करेंगे.

जो प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं वे कभी अज्ञानता, झूठ और कलाबाजी को मिश्रित नहीं करते हैं:जेटली


जेटली ने लिखा, ‘राहुल ने बार-बार ये दर्शाया है कि वे तथ्यों से अनजान हैं. लागत बताने का मतलब होता है कि विमान में मौजूद हथियारों की भी जानकारी देना.’


लोकसभा में शुक्रवार को मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा है. शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र पर संविधान बदलने से लेकर जीएसटी पर आरोप लगाए थे. अरुण जेटली ने फेसबुक पर ब्लॉग लिखकर इन सभी आरोपों पर जवाब दिया है.

जेटली ने लिखा, ‘अगर कोई प्रतिभागी (राहुल गांधी) जो एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल का अध्यक्ष भी है (जो प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा रखता है), तो उसका बोला हुआ हर एक शब्द मूल्यवान होना चाहिए. उनके तथ्यों में विश्वसनीयता और सत्यता होनी चाहिए. बहस महत्वहीन नहीं होनी चाहिए.’ राहुल का घेराव करते हुए जेटली ने आगे कहा कि जो प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं वे कभी अज्ञानता, झूठ और कलाबाजी को मिश्रित नहीं करते हैं.

जितना ज्यादा ‘दल-दल’ होगा, उतना खिलेगा कमल- शाहजहांपुर में PM मोदी ने विपक्ष पर किए ये प्रहार

अरुण जेटली ने लिखा, ‘अफसोस की बात है कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष ने एक महान अवसर खो दिया है. अगर 2019 के लिए यह उनकी अबतक की सबसे अच्छी बहस थी, तो भगवान उनकी पार्टी (कांग्रेस) की मदद करे.’ जेटली ने कहा कि उनकी समझ की कमी न केवल बुनियादी मुद्दों तक ही सीमित है, बल्कि प्रोटोकॉल की जानकारी भी सीमित है.


Rahul Gandhi, by concocting a conversation with President Macron, has lowered his own credibility&seriously hurt the image of an Indian politician before the world at large. Not to be aware of the fact that UPA Government Minister had signed the secrecy pact is not understandable


जेटली ने आगे लिखा, ‘उन्होंने कहा कि किसी को भी कभी भी सरकार के मुखिया या राज्य के मुखिया के साथ हुई बातचीत को गलत नहीं ठहराना चाहिए. अगर कोई ऐसा कहता है, तो गंभीर लोग आपसे बात करने या आपकी उपस्थिति में बोलने के लिए अनिच्छुक होंगे.’

PM मोदी का राहुल पर तंज, कहा- ‘अविश्वास प्रस्ताव का कारण नहीं बता पाए तो गले पड़ गए’

केंद्रीय मंत्री ने ब्लॉग में लिखा, ‘सदन में राफेल का मुद्दा उठाने के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो से मुलाकात का भी जिक्र किया. इसको राहुल गांधी ने राष्ट्रपति मैक्रों के साथ बातचीत करके अपनी विश्वसनीयता कम की है. दुनिया भर में एक भारतीय राजनेता की छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है.’


Hallucinations can give momentary pleasure to a person. Therefore, to hallucinate after an embarrassing performance that he has won future election or to hallucinate that he is the reincarnation of Mark Antony may give him self-satisfaction but– in fact it is a serious problem.


जेटली ने लिखा, ‘ये नहीं भूलना चाहिए कि यूपीए सरकार के मंत्री ने गोपनीयता समझौते पर साइन किए. राहुल गांधी अब डॉक्टर मनमोहन सिंह को शर्मिंदा करना चाहते हैं, जो इस बातचीत के गवाह हैं.’

जेटली ने लिखा, ‘राहुल ने बार-बार ये दर्शाया है कि वे तथ्यों से अनजान हैं. लागत बताने का मतलब होता है कि विमान में मौजूद हथियारों की भी जानकारी देना.’

उन्होंने जीएसटी का जिक्र करते हुए कहा कि क्या वह इस तथ्य से अनजान हैं कि यूपीए ने जीएसटी संशोधन का प्रस्ताव दिया था? जीएसटी के दायरे में पेट्रोलियम उत्पादों को शामिल नहीं किया गया? यह केवल एनडीए सरकार है जो जीएसटी परिषद द्वारा सहमत होने के बाद जीएसटी लेकर आई.

पंचकूला-यमुनानगर फोरलेन पर स्थानीय निवासी हो टोल फ्री :विजय बंसल


केंद्रीय परिवहन मंत्री को भेजा ज्ञापन,नगर निगम सीमा में नही लग सकता टोल-प्लाजा


हरियाणा किसान कांग्रेस के प्रदेशउपाध्यक्ष व पूर्व चेयरमैन हरियाणा सरकार विजय बंसल ने श्री नितिन गडकरी,केंद्रीय परिवहन मंत्री ,भारत सरकार को ज्ञापन भेज कर मांग करी है कि पंचकूला-यमुनानगर टोल प्लाजा पर स्थानीय निवासियो को टोल फ्री किया जाए अन्यथा प्रस्तवित टोल प्लाजा को नगर निगम पंचकूला की सीमा से बाहर लगाया जाए।विजय बंसल ने इससे पूर्व भी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करके चंडीमंदिर टोल प्लाजा पर स्थानीय निवासियों को निजात दिलवाकर जनहित के कार्यो में मिसाल कायम करी थी।बंसल ने ज्ञापन में कहा है कि नैशनल हाइवे अथार्टी ऑफ इंडिया,बीओटी के आधार पर हरियाणा के पंचकूला से यमुनानगर तक फोरलेन का निर्माण कर रहा है।एनएचएआई एक टोल प्लाजा नग्गल गांव के पास लगा रहा है जोकि नगर निगम पंचकूला की सीमा के अंतर्गत आता है।एनएचएआई के नियमानुसार नगर निगम सीमा के अंतर्गत टोल प्लाजा नही लग सकता।प्रस्तवित टोल प्लाजा जगह के आसपास की निवासी, जिला पंचकुला के निवासी है और सभी दफ्तर,अस्पताल,विद्यालय,महाविद्यालय,शिक्षण संस्थान आदि कार्यो के लिए हररोज पंचकूला आना पड़ता है।यहाँ तक कि नगर निगम कार्यालय, लघु सचिवालय,न्यायलय,किसान मंडी,अनाज मंडी आदि भी पंचकूला में है।ऐसे में यदि टोल प्लाजा लग जाएगा तो स्थानीय निवासियों की जेब पर आर्थिक भोज बढेगा।साथ ही यह शिवालिक क्षेत्र के अधीन है जोकि अर्ध पहाड़ी व पिछड़ा क्षेत्र है।बंसल ने मांग करी है कि हरियाणा के पंचकूला से यमुनानगर निर्माणाधीन फ़ॉरलेन पर जिला पंचकूला निवासियों को टोल फ्री कर जनहित में आदेश पारित किए जाए।विजय बंसल ने बताया कि भाजपा ने 2014 के चुनावों में घोषणा करी थी कि सभी प्राइवेट वाहनों को टोल फ्री किया जाएगा जिससे तेल,समय की बचत होगी जबकि 4 वर्ष पूरे होने के बाद भी कोई कार्यवाही नही हुई।भाजपा की जनविरोधीनीतियों आज जनता के समक्ष है,रक्षक भक्षक बन गए है।विजय बंसल ने स्थानीय भाजपाई नेतृत्व पर आरोप लगाते हुए कहा कि कमजोर नेतृत्व होने की वजह से आमजनमानस परेशान है।केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार है उसके बावजूद भी जनता परेशान है।