मोरनी दुष्कर्म मामले में आया नया मोड़

पंचकूला के मोरनी ब्लॉक में हुए गैंग रेप का मामला – मामले में आया नया मोड़।

पीड़िता ने दिया बयान – मामले को पंचकूला से वापिस चंडीगढ़ ट्रांसफर किया जाए।

पंचकूला पुलिस पर नहीं है विश्वास।

क्योंकि पहले जब मदद के लिए गए, तो नहीं की मदद।

मनीमाजरा पुलिस से है मदद की आस।

बड़े अफसरों को मामला ट्रांसफर करने के बारे लिख कर दूंगी।

मैं नहीं हूं स्वस्थ – पीड़िता।

कपड़े धोते हुए मिला वो 50 रुपये का नोट।

आरोपी सन्नी ने बताया था कि नोट पर नम्बर पुलिस वाले का है,वो पुलिसकर्मी डेराबस्सी का है।

वहीं पीड़िता के पति का बयान भी आया सामने।

मांग है कि – चंडीगढ़ वापिस ट्रांसफर किया जाए।

पंचकूला पुलिस की कार्यवाही से नहीं है खुश।

चंडीगढ़ के अफसरों से मिलेंगे।

IG से मिलकर केस ट्रांसफर की करेंगे मांग।

लिपस्टिक से नोट पर लिखकर पुलिस वाले ने दिया था नम्बर।

पुलिस वाले ने दिया था नम्बर, सिविल कपड़ो में आये थे पुलिस वाले।

आरोपी सन्नी ने बताया था सिविल कपड़ों में पुलिस वाला है।

आरोपी पुलिसकर्मी डेराबस्सी के थे।

सरकार को पूर्वाग्रही चैनलों की पहचान करनि चाहिए: महबूबा

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर घाटी में 30 से ज्यादा टीवी चैनलों पर पाबंदी के फैसले पर सवाल उठाते हुए रविवार को कहा कि इसकी बजाय सरकार को ऐसे ‘पूर्वाग्रही’ चैनलों की पहचान करनी चाहिए जो ‘तनाव भड़काने के लिए’ गलत बातें प्रसारित करते हैं.

सरकार ने घाटी में पाकिस्तान और सऊदी अरब के 30 से ज्यादा चैनलों पर पाबंदी लगा दी है. उसकी दलील है कि व्यापक जनहित में और अमन – चैन कायम करने के लिए केबल ऑपरेटरों को ऐसे टीवी चैनलों को दिखाने से प्रतिबंधित कर दिया गया है जिन्हें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अनुमति प्राप्त नहीं है.

महबूबा ने ट्वीट किया, ‘जम्मू – कश्मीर में शांति के लिए खतरा होने की दलील देकर 30 से ज्यादा टीवी चैनलों पर हाल में लगाई गई पाबंदी सवाल उठाने लायक है.’

उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा कदम उठाने की बजाय ऐसे ‘पूर्वाग्रही’ चैनलों की पहचान करनी चाहिए जो देश में तनाव भड़काने और ध्रुवीकरण करने की मंशा से गलत बातें दिखाते हैं.

Sandhwan  and Sandoa AAP MLAs were send back from Ottawa airport

Toronto, July 22, 2018 :

Two AAp MLAs of Punjab Kultar Singh Sandhwan  and Amarjit Singh Sandoa have reportedly been detained at Ottwa Airport in Canada and asked to sent back by Canadian Immigration Authorities today .Unofficial sources told this reporter the relatives of one of the MLA made unsuccessful attempts to take the help of two Punjabi MPs to get the entry of them in Canada.The reason for their detention and deportation is still a mystery.

Dr Balbir Singh , Co-president AAP Punjab when contacted told babushahi.com  that he did not know any such thing happened with Kultar Singh  and Sandoa . He has read media reports in this regard only .He further told that both the MLAs were traveling to Canada on personal tour. They have not contacted any office bearer so far .He can comment only after he got in touch with them.

शिवसेना से नाराज शाह ने ली अलग राह


शाह ने कहा कि सभी सीटों पर ऐसी स्थिति होनी चाहिए कि तीनों पार्टियों शिवसेना, कांग्रेस व एनसीपी के एक साथ लड़ने पर भी चुनाव बीजेपी जीते


बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने महाराष्‍ट्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को 2019 का लोकसभा चुनाव शिवसेना के बिना लड़ने की तैयारी करने को कहा है. उन्‍होंने महाराष्ट्र के बीजेपी कार्यकर्ताओं को सभी 48 लोकसभा और 288 विधानसभा सीटों पर अकेले लड़ने के लिए संगठन मजबूत करने के निर्देश दिए. शाह ने कहा कि सभी सीटों पर ऐसी स्थिति होनी चाहिए कि तीनों पार्टियों शिवसेना, कांग्रेस व एनसीपी के एक साथ लड़ने पर भी चुनाव बीजेपी जीते.

शिवसेना से नाराज हैं शाह

अमित शाह अविश्‍वास प्रस्‍ताव के दौरान शिवसेना के बर्ताव से नाराज हैं. बता दें कि शिवसेना ने पहले तो प्रस्‍ताव के विरोध में वोट करने के लिए व्हिप जारी किया था लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया था. बाद में शिवसेना की तरफ से राहुल गांधी के भाषण की तारीफ भी की गई थी. इसने भी बीजेपी आलाकमान को नाराज किया है.

शिवसेना वर्तमान में महाराष्‍ट्र और केंद्र में बीजेपी के साथ है. इसके अलावा बृहन्‍मुंबई नगरपालिका (बीएमसी) में शिवसेना को बीजेपी ने समर्थन दिया है. इसके बावजूद शिवसेना लगातार केंद्र और राज्‍य की बीजेपी सरकार को निशाने पर लेती रही है. इसके चलते दोनों दलों के बीच दूरियां आ रही हैं. बीजेपी अध्‍यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं को 23 सूत्री कार्यक्रम के तहत काम करने को कहा है.

 

–  ऑनलाइन जुड़ने वाले कार्यकर्ताओ को सक्रिय किया जाए.

–  एक बूथ 25 यूथ के फॉर्मूले पर काम हो.

–  हर बूथ से बाइक रखने वाले पांच लोगों को जोड़ा जाए.

–  हर बूथ के मंदिर की लिस्ट, उनके ट्रस्टी और पुजारी का नंबर और डिटेल्स इकट्ठी की जाए.

–  हर बूथ में मस्जिदो की लिस्ट बनाई जाए.

–  किसी भी तरीके के लाभार्थियों की लिस्ट और डिटेल्‍स लाई जाए.

–  तीनों पार्टियो के एक होने पर भी 51 फीसदी मतदान बीजेपी को कराने का लक्ष्‍य दिया.

–  अपने-अपने इलाके में सभी से लगातार संपर्क रखा जाए.

–  मुद्रा बैंक से ज्यादा से ज्यादा लोन दिलाने की कोशिश हो.

–  हर बूथ में 10 एससी, 10 एसटी, 10 ओबीसी कार्यकर्ता जोड़े जाए.

–  प्रत्‍येक पांच घरों के लिए एक बीजेपी कार्यकर्ता तय हो.

–  अन्य पार्टियों की जानकारी निकाली जाए.

–  विपक्षी पार्टियों के नाराज कार्यकर्ताओं की लिस्ट बनाकर उनसे संपर्क साधा जाए.

–  विधायक जनता के बीच जाकर काम करें.

–  विस्तारकों को ऑनलाइन रिपोर्ट देनी होगी, उनके लिए अलग मोबाइल ऐप है.

–  विस्तारक सरकार की तरफ से किसी को भी काम कराने का आश्वासन न दें.

लोकसभा चुनाव से पहले  बीजेपी-शिवसेना के बीच के फासले को मिटाना बड़ी चुनौती

 

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अपनी पार्टी के ‘संपर्क फॉर समर्थन’ अभियान के तहत बीते 6 जून को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिले थे. तब कहा जा रहा था कि अमित शाह शिवसेना के गिले-शिकवे दूर करने के मकसद से मुंबई पहुंचे थे. लेकिन इस मुलाकात के बाद भी शिवसेना के तेवर नरम नहीं हुए.

हाल ही संसद में लाए गए ‘अविश्वास प्रस्ताव’ से भी शिवसेना ने खुद को अलग कर लिया था. कुछ महीने पहले पालघर लोकसभा सीट पर चुनाव में बीजेपी से मिली हार के बाद से उद्धव के तेवर बदले बदले से नजर आ रहे हैं. उन्होंने बीजेपी पर लगातार  हमला बोलते हुए 2019 का चुनाव अकेले ही लड़ने की बात भी कई दफे कही है.

ताजा मामला शिवसेना के मुख्यपत्र ‘सामना’ में दिए गए उद्धव ठाकरे के इंटरव्यू का है. इंटरव्यू के माध्यम से शिवसेना ने जमकर बीजेपी पर हमला बोला है और अपनी भड़ास निकाली है. पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने दिए इंटरव्यू में कहा कि वह किसी को भी शिवसेना के कंधे का सहारा लेकर बंदूक चलाने की इजाजत नहीं देंगे.

रविवार को ‘सामना’ में पब्लिश उद्धव ठाकरे के इंटरव्यू के टीजर में साफ बताया गया है कि शिवसेना अब बीजेपी के खिलाफ प्रत्यक्ष तौर पर सामने आ रही है. उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘शिवसेना पिछले 25 साल के गठबंधन में सड़ गई. बीजेपी के साथ गठबंधन कर शिवसेना को नुकसान हुआ उद्धव ने बीजेपी के साथ जाने पर नफा-नुकसान की बात भी की है.’

अविश्वास प्रस्ताव’ से दूरी बनाने के बाद शिवसेना ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ कर एक तरह से बीजेपी को उकसाने की भी कोशिश की है. ‘सामना’ में पहले पन्‍ने की हेडलाइन में राहुल के लिए लिखा गया- ‘भाई, तू तो छा गया…’ साथ ही राहुल के भाषण में ‘देश के चौकीदार कहने वाले उद्दोगपतियों के भागीदार बन गए हैं…’ जुमले को भी हाईलाइट किया गया.

बता दें कि शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को उद्धव ठाकरे का ये इंटरव्यू लिया है, जिसे सोमवार को पब्लिश किया जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि पूरा इंटरव्यू सामने आने के बाद ये साफ हो जाएगा कि बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन पर उद्धव ठाकरे का स्टैंड क्या है?

सूत्रों के मुताबिक, ठाकरे इस बात से झुंझलाए हुए हैं कि कैसे बीजेपी पूरी कोशिश में थी कि ‘अविश्वास प्रस्ताव’ पर शिवसेना का समर्थन हासिल कर ले. पार्टी के सूत्रों का कहना है कि सांसदों को वोटिंग में शामिल रहने के लिए जो व्हिप जारी किया गया था और जिसे बाद में वापस ले लिया गया, वो भी बीजेपी की एक चाल थी. इसी बात से नाराज होकर उद्धव ठाकरे ने वोटिंग से दूर रहने का फैसला लिया.

कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा जा रहा है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ‘अविश्वास प्रस्ताव’ से पहले उद्धव ठाकरे से बात करने के लिए उन्हें कई बार फोन किया था, लेकिन ठाकरे फोन पर नहीं आए. ऐसे में साफ है कि बीजेपी-शिवसेना के बीच कितना फासला आ चुका है. अगर बीजेपी अभी भी शिवसेना का साथ चाहती है, तो लोकसभा चुनाव से पहले इस फासले को मिटाना उसके लिए बड़ी चुनौती होगी.

Havan on the occasion of new session 2018 – 19

file photo for reference only

MCM DAV College is organising Hawan Ceremony to mark the beginning of new academic session on 23 July, 2018 at 9 AM.

500 – 700 किलोमीटर का सफर नतीजा ‘सिफर’

योगेश्वर शर्मा

पंचकूला, 22 जुलाई:

आम आदमी पार्टी का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी अब सुनियोजित ढंग से घपलों को अंजाम दे रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण पिछले दिनों आरटीआई कार्यकर्ता जगजीत द्वारा मांगी गई आरटीआई में हुआ कि इसके मंत्री एक एक दिन में 500 से 700 किलोमीटर से भी ज्यादा का सफर अपनी सरकारी कारों से करते रहे हैं।

आज यहां जारी एक ब्यान में आआपा  के जिला प्रधान योगेश्वर शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार से इस संबंध में मांगी गई आरटीआई के मिले जबाव के अनुसार हरियाणा के मंत्री इतने व्यस्त हैं कि वे दिन में 15 घंटे तक तो सडक़ पर अपनी कार में ही सफर करते रहते है । उनके शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा की कार 14 माह में 3 . 40 लाख किलोमीटर चली। यानि मंत्री महोदय दिन में औसतन 709 किलोमीटर का सफर तय करते हुए रोजाना सडक़ों पर ही रहे। ऐसे में यह कहा जा सक ता हैं कि मंत्री जी केवल अपने विधानसभा हल्के से चंडीगढ़ आए और यहां हाथ लगाया और वापिस चल दिए। उन्होंने यहां किसी से कोई बातचीत नहीं की और न ही कोई बैठक की,क्योंकि उनके पास ऐसा करने के लिए समय जो नहीं था। उनको रोजाना अपने 709 किलोमीटर का सफर जो तय करना था। उन्होंने कहा कि खुद मंत्री ने चैनल को इस संबंध में दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनका विधानसभा हल्का काफी दूरी पर है  इस लिए इतना सफर तो हो ही जाता है । योगेश्वर शर्मा ने कहा कि मंत्री इस हिसाब से दिन में 15 से 16 घंटे तक सफर करते रहे,  और उनकी कार में औसतन 4000 रुपये रोजाना का  डीजल फुंकता रहा। जबकि उनके मुख्यमंत्री की कार 1.10 लाख किलोमीटर ही चली। यानि कि मुख्यमंत्री की कार रोजाना 300 किलोमीटर तक ही चली। आआपा  जिला प्रधान ने कहा कि आरटीआई में हुए खुलासे से यह बात भी सामने आई है कि हरियाणा के ज्यादातर मंत्री पांच सौ  से साढ़े पांच सौ  किलोमीटर तक का सफर अपनी सरकारी कार से करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इतनी मारामारी होने के बावजूद विकास कहां खो गया इसकी किसी को भी जानकारी नहीं है । उन्होंने कहा कि हरियाणा के आमजन की खून पसीने की कमाई को इन मंत्रियों ने किस तरह बेदर्दी से पानी की तरह बहाया है इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है । यह घपला नहीं तो और क्या है,जबकि प्रदेश में  इस फूंके गये बेतहाशा डीजल का कहीं कोई कारगार परिणाम सामने देखने को नहीं मिला है। राज्य की जनता त्राहिमम त्राहिमम कर रही  है ।  हर एक कर्मचारी अपनी अपनी मांगों को मनवाने के लिए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले रखता है । उन्होंने प्रदेश के राज्यपाल से इस मामले में हस्ताक्षेप करते हुए इस बर्बाद किए गये धन की वसूली इन मंत्रियों से करवाये जाने की मांग की है।

क्यों गाय और मुस्लिम दोनों जीवित नहीं रह सकते?

अवधेश प्रताप सिंह

आज सबसे चर्चित विषय माब लिंचिंग और बलात्कार हैं यहां ध्यान दीजिये कि सभी दल सभी पक्ष मीडिया न्यायालय बुद्धिजीवी एक मत हैं कि ये गंदगी मिटनी चाहिये पर सब एक दूसरे को इनका पोषक बता रहे हैं आरोपित कर रहे हैं।

जब ओवैसी कहते हैं कि गाय को कानूनन जीने का हक है पर मुस्लिम को नहीं तब परोक्ष रूप से यही कह रहे हैं कि मुस्लिम को जीने का हक होना चाहिये गाय को नहीं। सवाल ये है कि गाय और मुस्लिम क्यों दोनों जीवित नहीं रह सकते क्यों मुस्लिम गाय को मारने का प्रयास करें और गौभक्त मुस्लिम को, समस्या का हल तो यही हो सकता है कि हिंदू मुस्लिम ईसाई कोई भी हो बहुसंख्य देशवासियों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए गौ हत्या से दूर रहें इसकी निंदा करें तब न कोई शक होगा न माब लिंचिंग होगी।

निस्संदेह कानून हाथ में लेना गौभक्तों की ज्यादती है जिस पर रोक लगनी चाहिये पर मीडिया अदालत और बुद्धिजीवी सहित राजनेता ये रेखांकित क्यों नहीं करते कि दोनों गलत हैं गौ हत्या भी और माब लिंचिंग भी, एक पक्षीय वकालत तो नकारात्मकता को प्रोत्साहन देने के समान है

जब मोदी जी कथित नकली गौभक्तों की निंदा करते लताड़ते हैं तब साथ में ये क्यों नहीं कहते कि गौवध का कोई भी प्रयास सामाजिक तानेबाने को आहत करता है इसलिये बरदाश्त नहीं किया जायेगा। इसीतरह ओवैसी यदि ये कहते कि गौवध के प्रयास करने वाले को जो सजा मिले कम है और माबलिंचिंग वाले को भी कठोरतम सजा दी जाय तो उनका राष्ट्रीय सरोकार ध्वनित होता, किंतु जो उन्होंने अभी कहा उसमें तो इस्लामिक सरोकार और गौ को मरने देने के भाव की प्रस्तुति हुई ये दोगला सरोकार इन घटनाओं को बढ़ावा देता है। यही हाल मीडिया न्यायालयों और अन्य सेकुलर नेताओं का है।

इसी प्रकार बलात्कार यदि मुस्लिम महिला या लड़की से हुआ और आरोपी हिंदू हैं तो कांग्रेस इंडियागेट पर मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन करती है किंतु यदि बलात्कार हिंदू लड़की पर मुस्लिम युवक करता है रंगे हाथ पकड़ा जाता है स्वयं कबूल करता है तो कांग्रेस सीबीआई जांच की मांग कर सजा टालने या आरोपी के बचाने का घृणित प्रयास करती है बलात्कार घृणित है निंदनीय दंडनीय है इसमें हिमदू मुस्लिम पक्ष का विचारण क्यों होना चाहिये कोई कथित हिंदू साधु बाबा या नक्काल बलात्कार का दोषी है तो हंगामा बरपा जाये पर यदि बलात्कारी मौलवी या पादरी हो तो चुप्पी साध ली जाय ये चारित्रिक बेईमानी और पाखंड ही नहीं है बल्कि यही आचरण बलात्कार व माब लिंचिंग का पोषक है सिख नरसंहार से बड़ा माब लिंचिंग तो होना संभव ही नहीं है पर मीडिया सेकुलर कांग्रेस उसकी निंदा करने में हिचकते ही नहीं बचाव करते झूठ बोलते और बगलें झांकते हैं ये बेईमानियां तब भी दिखती है जब ओवैसी या कांग्रेस को केवल बंगाल में हिंदुओं की भीड़ द्वारा हत्याओं कोई अपराध नहीं दिखता ये दोगलापन जब तक है अपराध रोकने की कोई मुहिम सफल नहीं हो सकती क्योंकि अपराधों के पोषक वही हैं जो होहल्ला मचाते हैं….#

Cyber threat to G-mail users

 

 

San Francisco, July 22, 2018: Gmail users have been alerted about a new Google Mail feature which could be leveraged by online crooks to carry out a wave of scams, media reported.

The company, in April, unveiled its brand new design which introduced a clean new user interface and a swathe of new features including the ability to snooze a message, auto-generate smart replies and self-destruct emails in the brand new “Confidential Mode”.

“It’s the Confidential Mode which is at the centre of security fears,” Express.co.uk reported on Saturday.

The Department of Homeland Security (DHS) reportedly issued an alert on the “potential emerging threat… for nefarious activity” with the Gmail redesign, the report said.

“We have reached out to Google to inform them of intelligence relevant to their services and to partner to improve our mutual interests in cyber security,” Lesley Fulop, DHS spokesperson said.

Central to these fears was the new “Confidential Email” feature that can require users to click a link in order to access these messages.

If you’re a Gmail user using the official Google Mail website then the “Confidential Email” appears when you click to open it. It shows a date for when the content will expire and informs the users that the email can’t be forwarded or downloaded.

However, its different if you’re a Gmail user viewing the message as a third-party client or a non-Gmail user who receives a confidential email.

In those cases, instead of the message appearing in their browser, users have to click a button to view the email. And this is where the security fears lie.

With the Gmail redesign, scammers could send out fake versions of confidential email alerts and trick a user into entering sensitive details.

“The tech giant is committed to protecting the security of users’ personal information and hence, had created “machine learning” algorithms to detect potential phishing scams that cyber criminals carry out,” said Google spokesman Brooks Hocog.

Phishing scams are where cyber criminals try to trick victims into clicking on seemingly trustworthy links in order to steal sensitive personal information.(agency)

पीड़िता की अश्लील वीडियो बना कर करता था ब्लैकमेल

पंचकुला के सेक्टर 19 से आया 17 साल की नाबालिग से रेप का मामला ….
लड़का पीड़िता की अश्लील वीडियो बना कर करता था ब्लैकमेल…

पुलिस में पीड़ित का बयानों के आधार पर लड़के के खिलाफ पोक्सो एक्ट 376,328,506 धारा लगा कर मामला दर्ज किया