पीडीपी नेताओं ने बीजेपी के साथ सरकार बनाने की बात की
पेड्डार ने कहा, जब हमारे दिवंगत नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद बीजेपी के साथ सरकार बना सकते हैं, तो हम क्यों नहीं बना सकते
पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक अब्दुल मजीद पेड्डार ने शनिवार को साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ गठजोड़ कर जम्मू- कश्मीर में नई सरकार बन सकती है. पेड्डार ने यह भी कहा कि पीडीपी के कुल 28 में से 18 विधायक बीजेपी से हाथ मिलाने की फिराक में हैं.
पेड्डार ने कहा, जब हमारे दिवंगत नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद बीजेपी के साथ सरकार बना सकते हैं, तो हम क्यों नहीं बना सकते. पेड्डार महबूबा मुफ्ती के इस बात का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि पीडीपी विधायक तोड़े गए तो इसके गंभीर नतीजे होंगे.
पेड्डार ने कहा, जम्मू-कश्मीर की अवाम ने हमें छह साल के लिए चुना लेकिन दुर्भाग्य है कि तीन साल गुजरने के बाद भी कुछ नहीं हुआ. अब अगले तीन साल के लिए हम जनता को अच्छा प्रशासन देना चाहते हैं. हमारी कोशिश एक ऐसी सरकार बनाने की है जो लोगों को परेशानियों से उबार सके.
पेड्डार ने ट्रिब्यून से कहा, संख्या के बारे में बात न करें. उन्हें 44 विधायक चाहिए, हमारे पास 51 हैं. हमारे साथ पूरी संख्या है. इंशा अल्लाह, हम सरकार बनाएंगे.
दूसरी ओर, महबूबा मुफ्ती के हालिया बयान कि पार्टी को तोड़ा गया तो और ज्यादा उग्रवादी पैदा होंगे, के खिलाफ उन्हीं की पार्टी के पांच नेता लामबंद हो गए हैं. इनमें तीन विधायक हैं और दो विधान परिषद के सदस्य हैं.
इन नेताओं का आरोप है कि वे काफी पहले से पार्टी अध्यक्ष और उनकी वंशवाद की राजनीति के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. इन नेताओं में जावेद हुसैन बेग, इमरान अंसारी, अब्दुल मजीद पेड्डार, यासिर रेशी और सैफुद्दीन भट्ट का नाम शामिल है. शनिवार को भी इन नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ अपनी बात रखी.
राम माधव ने भी महबूबा के बयान पर कहा कि महबूबा अपनी पार्टी के आन्तरिक मसलों को खत्म करने की बजाय दिल्ली पर आरोप मढ़ रही हैं और आतंक के नाम पर धमकी दे रही हैं. बीजेपी किसी पार्टी को तोड़ने की कोशिश नहीं कर रही है.
महबूबा के सलाउद्दीन वाले बयान पर माधव ने कहा कि केंद्र सरकार और सुरक्षा बलों के पास इतनी ताकत है कि वह घाटी के सभी आतंकियों और उन लोगों को बेअसर कर सकते हैं जो महबूबा के बयान के बाद आतंकी बनने की राह में हैं.
महबूबा ने कहा, अगर दिल्ली (केंद्र सरकार) ने 1987 की तरह यहां की अवाम के वोट पर डाका डाला, अगर इस किस्म की तोड़-फोड़ की कोशिश की, तो इससे और सलाहुद्दीन और यासिन मलिक पैदा होंगे. उन्होंने आगे कहा कि अगर दिल्लीवालों ने पीडीपी को तोड़ने का प्रयास किया इसका नतीजा बहुत ज्यादा खतरनाक होगा. आपको बता दें कि सलाहुद्दीन हिजबुल मुजाहिद्दीन का सरगना है. जब कि यासिन मलिक अलगाववादी नेता है.
पीडीपी चीफ के इस बयान पर कांग्रेस ने कहा है कि महबूबा मुफ्ती की कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि राज्य में अनिश्चितता का माहौल है. वहीं बीजेपी जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा है कि बीजेपी तोड़ फोड़ की राजनीति नहीं कर रही है और न ही पीडीपी में फूट डाल रही है.