गृहमंत्री कि मौजूदगी में 6000 छात्र एसपीसी के दायित्वों कि शपथ लेंगे


21 जुलाई को गुरूग्राम में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में 6000 स्कूली छात्र इस प्रोजेक्ट में प्रदेश के प्रति अपने दायित्व की शपथ लेंगे।


चंडीगढ।

हरियाणा में युवा पीढ़ी कानून, नागरिक भावना, लोकतांत्रिक व्यवस्था का सम्मान और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निवर्हन बेहतर तरीके से कर सकें, इसके लिए उनके व्यवहार और दैनिक दिनचर्या में बदलाव लाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। पुलिसिंग व्यवस्था से नजदीकी से परिचित कराने तथा समय आने पर इस प्रकार की भूमिका को समाज हित में निभाने के लिए नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) की तर्ज पर छात्र पुलिस कैडेट (एसपीसी) को शुरू किया जा रहा है। हरियाणा के स्कूली छात्रों को राष्ट्र्र, पदेश और समाज के प्रति जागरूक बनाने की दिशा में प्रारंभ किए जा रहे इस प्रोजेक्ट के माध्यम से सरकार की मंशा छात्रों को राष्ट्रीय युवा नीति के उद्दश्यों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्र निर्माण में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है।

छात्र पुलिस कैडेट अभियान में आठवीं से ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों को पुलिस विभाग गृह विभाग, शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग, वन विभाग एवं स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर न केवल व्यवस्था से परिचित कराएंगे, अपितु अलग-अलग परिस्थितियों में वह क्या कदम उठाएं, इसका भी प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। छात्र, छात्राओं को कानून का सम्मान करने, अनुशासन बनाए रखने, सामुदायिक भावना, समाज के कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति विकसित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। यही नहीं उन्हें परिवार, समुदाय, पर्यावरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए नशा, असभ्य एवं असहिष्णु व्यवहार, सामाजिक बुराईयों के खिलाफ लडऩे के लिए प्रेरित करेगा।

वर्ष 2006 में कोच्चि पुलिस ने शुरू किया था प्रोजेक्ट…

वर्ष 2006 में केरल के कोच्चि सिटी पुलिस द्वारा 30 स्कूलों के 400 छात्रों के साथ एक अभियान शुरू किया गया, जिसमें पुलिस अधिकारियों द्वारा उनके साथ सामुदायिक मुद्दों पर चर्चा करते हुए पुलिसिंग व्यवस्था से परिचय कराया गया। इसके बाद छात्रों के रूझान और उनकी इच्छा को देखते हुए इसे प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया और जनवरी 2010 में कोझिकोड में भीड प्रबंधन में ऐसे प्रशिक्षित छात्रों की क्षमता का उपयोग किया गया। इसके बाद 2 अगस्त 2010 में 127 स्कूलों के 11 हजार विद्यार्थियों के साथ प्रोजेक्ट शुरू किया गया।

हमारा मकसद प्रदेश के युवाओं को सामाजिक व्यवस्था के प्रति जवाबदेह बनाने तथा पुलिसिंग व्यवस्था से परिचित कराने का है। हाल ही में इजराइल दौरे के दौरान देखा था कि प्रत्येक युवा को सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य है, ताकि वह अपने राष्ट्र के हितों के प्रति सजग बन सकें और उचित समय आने पर अपना योगदान दे सकें। इस पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा हुई तो उन्होंने केरल में एक दशक से चल रही छात्र पुलिस कैडेट को अपनाने की सलाह दी। 21 जुलाई को गुरूग्राम में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में 6000 स्कूली छात्र इस प्रोजेक्ट में प्रदेश के प्रति अपने दायित्व की शपथ लेंगे।
मनोहर लाल, मुख्यमंत्री हरियाणा

आखिरकार निगम ने कंपनी को किया टर्मिनेट, मेयर और शहरवासियों की जीत


एग्जिक्यूशन की पावर कमिश्नर के पास है, वही इस बारे में बता सकते हैं। परंतु इतना स्पष्ट है कि काम हो चुका है।
-देवेश मौदगिल, मेयर, चंडीगढ़


चंडीगढ़। शहरवासियों को बधाई। पेड पार्किंग का ठेका लंबी जद्दोजहद के बाद आज रद कर दिया गया। पिछले तीन-चार महीनों से चल रहे पेड पार्किंग के मुद्दे का आज आखिरकार पटाक्षेप हो ही गया। नगर निगम चंडीगढ़ ने इस तिमाही की रकम समय से अदा न होने के चलते पार्किंग ठेका कंपनी ‘आर्या टोल इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड’ को आखिरकार टर्मिनेट कर दिया।

नगर निगम के मेयर देवेश मौदगिल के पदभार संभालते ही कई परेशानियों का अंबार खड़ा हो गया था। किंतु वह शहर के आम लोगों के साथ थे। बार-बार उनका यही कहना होता था कि जब पार्किंग स्मार्ट नहीं हुई तो पैसे क्यों बढ़ाए जाएं। उनके कार्यकाल के पूर्व ही किए गए एक एमओयू में सारी शर्तें लगभग पार्किंग ठेकेदार आर्या इंफ्रा टोल प्रा.लि के पक्ष में थी।

पूर्व मेयर अरुण सूद भी ठेकेदार के पक्ष में ही सदन की बैठकों में बार-बार बयान देते रहे और कहते रहे कि एमओयू की शर्तों के अनुसार ठेका रद नहीं हो सकता किंतु शुक्र है आखिरकार ठेका रद हो गया और मेयर देवेश मौदगिल की वास्तविक रूप में विजय हुई क्योंकि उन्होंने शुरू में ही कहा था कि ठेका रद करा कर ही दम लेंगे।

निगम ने की पार्किंग चलाने की तैयारी….

इस बीच नगर निगम चंडीगढ़ की तरफ से विगत तीन दिनों से ठेका रद करने के बाद पजेशन की तैयारी की जा रही थी। सूत्रों ने बताया कि कंपनी को आदेश भेजा जा चुका है कि जितना जल्दी हो वह पार्किंग्स खाली कर दे ताकि निगम उन पार्किंग्स को अपने विभागीय कर्मियों द्वारा संचालित कर सके। पता चला है कि ठेके को संचालित करने के लिए कुल 240  कर्मियों की टीम गठित की जा चुकी है उन्हेें पर्चियां भी थमा दी गई हैं। इसके अलावा चार अधिकारी भी इसकी मॉनिटरिंग के लिए तैनात किए जा चुके हैं।

जेई सीधे तौर पर इसकी सुपरविजन करेगा। इसके इंचार्ज एसडीओ पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करेंगें और रिपेार्ट हर रोज देंगे। इसके इलावा डेली कलेक्शन एसडीई पार्किंग कार्यालय में जमा की जाएगी। पार्किंग स्थलों ड्यूटी करने वालों की दो टीमें गठित की गई हैं जिसके तहत पहली टीम सुबह  7  बजे अपना कार्यभार संभालेगी और ६ घंटे की ड्यूटी करेगी, जबकि दूसरी टीम सायं  7 बजे तक ड्यूटी करेगी। कुल 13 घंटों की ड्यूटी शामिल है।

सदर की विगत माह की बैठक में इस पर लंबी चौड़ी बहस हुई थी। अधिकांश पार्षद मेयर के फैसले के साथ थे। उनके द्वारा गठित कमेटियों ने भी ठेकेदार द्वारा किए गए वॉयलेशन का हवाला देकर ठेका रद करने की सिफारिश की थी। अभी हाल ही में ज्वाइन किए नगर निगम कमिशनर आईएएस केके यादव ने भी पूरे मामले का अध्ययन करने को एक माह का समय मांगा था।

विगत  29जून को सदन की मासिक बैठक के दौरान भी पार्षदों में रोष था कि ठेका टर्मिनेट क्यों नहीं हो रहा जबकि सदन ने इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया हुआ है। कमिश्नर ने उसी वक्त कहा था कि जज्बाती होने से काम नहीं होता और सदन के प्रस्ताव से भी ठेका रद नहीं किया जा सकता। अत: कानूनी प्रक्रिया के तहत वॉयलेशन को ही आधार मानकर आगे कार्रवाई करना उचित होगा। उन्होंने निगम की कानूनी शक्तियों का हवाला भी दिया था।

संवाददाताओं ने ठेका कंपनी के ठेकेदार सुनील बदलानी से फोन पर संपर्क किया उनका जवाब था कि उनका ठेका टर्मिनेट कर दिया गया। साथ ही उनका यह भी कहना था कि कंपनी इस मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी और जो भी उसका बकाया होगा उसे लेकर ही रहेगी।

अंतत: आर्याटोल इंफ्रा प्रा लि. इनके जाल में फंस ही गई। विगत शुक्रवार को निगम द्वारा कंपनी को शो कॉज नोटिस जारी किया गया था। अगले दिन उसे तिमाही की बकाया राशि करीब  3.69 करोड़ रुपये की अदायगी निगम के खाते में करनी थी। निर्धारित समय व तिथि बीत जाने के बावजूद कंपनी ने पैसों की अदायगी नहीं की। निगम के ज्वाइंट कमिशनर तेजदीप सैनी ने कहा था कि वॉयलेशन के तहत कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। हांलाकि आज संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर तेजदीप सैनी ने कोई बात नहीं की, किंतु मतलब साफ था कि निगम की तरफ एक्शन हो चुका था।

बता दें कि पेड पार्किंग शहरवासियों में भी पार्किंग दरे डबल किए जाने के खिलाफ भारी रोष था। लोगों का कहना था कि पार्किंग तो स्मार्ट हुई नहीं, लेकिन ठेकेदार ने दरें डबल कर दी। उधर, ठेकेदार का कहना था कि नगर निगम चंडीगढ़ की तरफ से समझौते के अनुसार उसे सेक्टर- 22 की पार्किंग की पूरी जगह उपलब्ध नहीं कराई गई लिहाजा कंपनी को ठेका लेने के साथ ही १० करोड़ की आर्थिक क्षति उठानी पड़ी। किंतु आखिरकार जीत शहर के लोगों की ही हुई है।

 

मेक इन इंडिया के तहत सैमसंग भारत में लाये दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फ़ैक्टरि


पढ़िए दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री का उद्धघाटन करते वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा


सोमवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से सटे नोएडा पहुंंचे. नोएडा में दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री का उद्धघाटन करने पहुंचे मोदी ने लोगों को संबोधित भी किया. पढ़िए उनके भाषण की पांच मुख्य बातें.

–  पांच हज़ार करोड़ रुपए का ये निवेश ना सिर्फ सैमसंग के भारत में व्यापारिक रिश्तों को मजबूत बनाएगा, बल्कि भारत और कोरिया के संबंधों के लिए भी अहम सिद्ध होगा.

–  पीएम मोदी ने कहा, पिछले चार वर्षों में फैक्ट्रियों की संख्या 2 से बढ़कर 120 हो गई हैं, जिसमें 50 से ज्यादा तो यहां नोएडा में ही हैं. इससे 4 लाख से अधिक नौजवानों को सीधा रोजगार मिला है.

–  आज भारत में लगभग 40 करोड़ स्मार्टफोन उपयोग में है, 32 करोड़ लोग ब्रॉडबैंड इस्तेमाल कर रहे हैं. बहुत कम दर पर इंटरनेट डेटा उपलब्ध है, देश की एक लाख से अधिक ग्राम पंचायतों तक फाइबर नेटवर्क पहुंच चुका है. ये सारी बातें, देश में हो रही डिजिटल क्रांति का संकेत हैं.

–  पीएम मोदी ने कहा, सस्ते डेटा और सस्ते स्मार्टफोन से बिजली-पानी का बिल भरना, स्कूल-कॉलेज में एडमिशन, PF हो या पेंशन, लगभग हर सुविधा ऑनलाइन मिल रही है.

–  नरेंद्र मोदी ने कहा, मुझे प्रसन्नता है कि इस पहल को आज दुनियाभर से सहयोग मिल रहा है. मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग की बात करें तो आज भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है.

बुलेट ट्रेन मामला अब गोदरेज अड़ा


गौरतलब है कि किसान और आदिवासी पहले ही इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं


केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना के सामने एक नई चुनौती पैदा हो गई है. परियोजना के लिए विकरोली में प्रस्तावित अपनी प्राइम लोकेशन के अधिग्रहण के खिलाफ गोदरेज ग्रुप ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

समूह ने परियोजना का मार्ग बदलने की बात कही है ताकि उसकी कंपनी गोदरेज कंस्ट्रक्शन की लगभग 8.6 एकड़ जमीन उससे बाहर आ सके. बता दें कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच बन रहे 508.17 किलोमीटर लंबे रेल ट्रेक का 21 किलोमीटर हिस्सा अंडरग्राउंड होगा. अंडरग्राउंड ट्रैक का एक पॉइंट विकरोली में है. गोदरेज ग्रुप की तरफ से पिछले महीने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसपर 31 जुलाई को एक जज की बेंच द्वारा सुनवाई की जा सकती है.

गौरतलब है कि किसान और आदिवासी पहले ही इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं. गुजरात के चार किसानों ने भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की हुई है. बता दें कि पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे से साथ अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखी ती.

देश की पहली बुलेट ट्रेन करीब 350 किलोमीटर की रफ्तार से चलेगी और अहमदाबाद से मुंबई की दूरी को तीन घंटे में तय करेगी. अपने सफर के दौरान ट्रेन 12 स्टेशन पर रुकेगी जिसमें से चार महाराष्ट्र में हैं.

अन्तरिक्ष में भारत के खिलाफ पाकिस्तान की आँख बन रहा चीन


उपग्रह पीआरएसएस-1 और पाकटीईएस-1 ए को पश्चिमोत्तर चीन में जिउकान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से पूर्वाह्न 11 बजकर 56 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया.


चीन ने पाकिस्तान के लिए सोमवार को दो दूर संवेदी उपग्रहों का प्रक्षेपण किया. तकरीबन 19 साल के दौरान लॉन्ग मार्च -2 सी रॉकेट का यह पहला अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक प्रक्षेपण है.

उपग्रह पीआरएसएस-1 और पाकटीईएस-1 ए को पश्चिमोत्तर चीन में जिउकान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से पूर्वाह्न 11 बजकर 56 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया.

पीआरएसएस -1 पाकिस्तान को बेचा गया चीन का पहला ऑप्टिकल रिमोट सेंसिंग उपग्रह है और किसी विदेशी खरीदार के लिये चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी (सीएएसटी) द्वारा विकसित 17 वां उपग्रह है.

पाकिस्तान द्वारा विकसित वैज्ञानिक प्रयोग उपग्रह पाकटीईएस-1 ए को उसी रॉकेट से उसकी कक्षा में भेजा गया. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त 2011 में संचार उपग्रह पाकसैट -1 आर के प्रक्षेपण के बाद से चीन और पाकिस्तान के बीच एक और अंतरिक्ष सहयोग हुआ है.

पीआरएसएस-1 का इस्तेमाल जमीन और संसाधन के सर्वेक्षण, प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी, कृषि अनुसंधान, शहरी निर्माण और सीमा एवं सड़क क्षेत्र के लिए रिमोट सेंसिंग सूचना उपलब्ध कराने के लिए किया जायेगा.

सोमवार का यह प्रक्षेपण लॉन्ग मार्च रॉकेट श्रृंखला का 279 वां अभियान और करीब दो दशक के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक प्रक्षेपण है. 1999 में इसने मोटोरोला के इरिडियम उपग्रह का प्रक्षेपण किया था.

आतंकियों ने माँ को मार बेटे की पढ़ाई लूट ली


अब्‍दुल माजिद अपने बड़े बेटे का दाखिला जम्‍मू-कश्‍मीर से बाहर मेडिकल काजेल में कराना चाहते थे. शायद आतंकियों को यही बात बुरी लग गई. जिसके चलते रविवार रात आतंकियों ने अब्‍दुल माजिद के घर में धावा बोल दिया.


जम्मू : 

बेटे का मेडिकल कालेज में दाखिल कराने के लिए जम्‍मू कश्‍मीर के एक परिवार ने हाल में अपनी जमीन का एक टुकड़ा बेंचा था. यह दंपति अपने बेटे का दाखिला मेडिकल कालेज में करा पाता, इससे पहले आतंकियों को घर में मौजूद रुपयों की भनक लग गई. रविवार रात्रि हथियारों से लैस आतंकियों ने इस दंपति के घर में धावा बोल दिया. घर की मालकिन ने बेटे की पढ़ाई का वास्‍ता दिया तो आतंकियों का गुस्‍सा सातवें आसमान में पहुंच गया. झल्‍लाएं आतंकियों ने चाकू से इस महिला का गला रेत दिया. जिसके बाद खून से लथपथ महिला जमीन पर पड़ी तड़पती रही और आतंकी  घर मे लूटपाट करते रहे  आतंकियों के घर से जाने के बाद इस घर के मुखिया ने पड़ोसियों से मदद मांगी. किसी तरह इस महिला को अस्‍पताल तक ले जाया गया. जहां डाक्‍टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया.

यह दर्दनाक वारदात जम्मू – कश्मीर के बांदीपुरा के शाहगुंद गांव की है. दरअसल, अब्‍दुल माजिद अपनी पत्‍नी शकीला बेगम और चार बेटों के साथ इसी गांव में रहते थे. अब्‍दुल माजिद के बेटे ने हाल में 12वीं की परीक्षा पास की थी. अब्‍दुल माजिद चाहते थे कि उनका बेटा कश्‍मीर में फैले आतंकवाद से दूर जाकर अपना भविष्‍य बनाए. अपने बेटे का भविष्‍य बनाने के लिए उन्‍होंने कुछ दिनों पहले अपनी जमीन का एक टुकड़ा बेंचा था. वह अपने बेटे का दाखिला जम्‍मू-कश्‍मीर से बाहर मेडिकल काजेल में कराना चाहते थे. शायद आतंकियों को यही बात बुरी लग गई. जिसके चलते रविवार रात आतंकियों ने अब्‍दुल माजिद के घर में धावा बोल दिया. दो आतंकी घर के बाहर रुके, जबकि एक आतंकी घर के भीतर दाखिल हो गया. घर के भीतर घुसे आतंकी ने हथियारों के बल पर परिवार के सभी सदस्‍यों को बंधक बना लिया और लूटपाट करने लगे.

आतंकी घर में मौजूद पूरा रुपया और सोने के आभूषण अपने साथ ले जाना चाहते थे, जिससे अब्‍दुल माजिद अपने बेटे को जम्‍मू-कश्‍मीर से बाहर न भेज सके. अपने बेटे के बेहतर भविष्‍य के लिए बुने सपनों को बिखरता देख शकीला विफर पड़ी. उसने अपने बेटे की पढ़ाई का वास्‍ता देकर आतंकियों को रोकने की कोशिश की. इसी बात ने आतंकियों के गुस्‍से को सातवें आसमान में पहुंचा दिया. झल्‍लाए आतंकी ने अपनी जेब से छुरा निकाला और शकीला की गर्दन रेत दी. खून से लथपथ शकीला को वही पड़ा छोड आतंकी फिर लूटपाट में लग गए. घर में लूटपाट की वारदात को अंजाम देने के बाद आतंकी घर से फरार हो गए. जिसके बाद  अब्‍दुल माजिद अपनी पत्‍नी शकीला को लेकर श्रीनगर के एक हॉस्पिटल पहुंचे. जहां चिकित्‍सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

सूत्रों के अनुसार, मामले की छानबीन के लिए पहुंची पुलिस ने घर से कुछ दूरी पर लूटे गए रुपयों का एक हिस्‍सा पड़ा हुआ पाया. इससे यह साफ हो गया कि इस वारदात को रुपए हासिल करने के मकसद से नहीं बल्कि अब्‍दुल माजिद के बेटे की पढ़ाई रोकने के इरादे से अंजाम दिया गया था. प्रथम दृष्‍टया इस दर्दनाक वारदात के लिए लश्‍कर-ए-तैयबा को जिम्‍मेदार माना जा रहा है. वहीं बांदीपुरा पुलिस ने स्पेशल टीम का गठन कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है.

 

 

 

‘हम अपने मौजूदा सहयोगियों को सम्मान देंगे और लोकसभा चुनावों के पहले नए दोस्त लाएंगे और राष्ट्र को एक स्वच्छ सरकार देंगे.’ शाह


चेन्नई में अमित शाह ने कहा तमिल गौरव और तमिल भाषा की रक्षा के लिए बीजेपी और उसकी तमिलनाडु इकाई की तरह कोई भी पार्टी प्रतिबद्ध नहीं है.


चेन्नई : 

बीजेपी और उसके कुछ घटक दलों में तल्खी के बीच पार्टी प्रमुख अमित शाह ने सहयोगियों को सम्मान देने और अगले साल लोकसभा चुनाव के पहले केंद्र में एनडीए का विस्तार करते हुए नए दोस्तों को लाने का इरादा जताया. तमिलनाडु में पार्टी अपना जनाधार बढ़ाने के लिए गठबंधन करने पर विचार कर रही है. अमित शाह ने तमिल गौरव का आह्वान करते हुए जोर दिया कि बीजेपी की तरह कोई और पार्टी इसकी रक्षा के लिए उतना प्रतिबद्ध नहीं है.

शहर के बाहरी हिस्से में बीजेपी के शक्ति और महाशक्ति केंद्रों के करीब 15000 सदस्यों की बैठक में उन्होंने कहा, ‘हम अपने मौजूदा सहयोगियों को सम्मान देंगे और लोकसभा चुनावों के पहले नए दोस्त लाएंगे और राष्ट्र को एक स्वच्छ सरकार देंगे.’

शक्ति केंद्र के प्रभारी के पास बूथ स्तरीय पांच पदाधिकारियों के पार्टी संबंधी कार्य पर नजर रखने की जिम्मेदारी होती है जबकि महाशक्ति केंद्र का पदाधिकारी शक्ति केंद्र के पांच पदाधिकारियों पर नजर रखता है.

शाह ने कहा कि लोकसभा चुनावों के पहले वह तमिलनाडु में अपने नए सहयोगियों की घोषणा करेंगे. तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी पार्टी-द्रमुक का नाम लिए बिना शाह ने कहा कि उसने तमिल गौरव के मुद्दे पर दुष्प्रचार अभियान शुरू कर दिया था.

उन्होंने कहा, ‘तमिल गौरव का मुद्दा जो उठा रहे हैं वो हमारे खिलाफ दुष्प्रचार में लिप्त हैं. तमिल गौरव और तमिल भाषा की रक्षा के लिए बीजेपी और उसकी तमिलनाडु इकाई की तरह कोई भी पार्टी प्रतिबद्ध नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘‘जब वे केंद्र में यूपीए के साथ सत्ता में थे तो रेलवे टिकट का प्रिंट तमिल भाषा में नहीं होता था. नरेंद्र मोदी जब सत्ता में आए तो ऐसा हुआ. बीजेपी सभी राज्यों के गौरव का सम्मान करती है क्योंकि यह हमारी संस्कृति में है.’’

इलाहाबाद = प्रयाग = प्रयागराज??????


2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल विष्णुकांत शास्त्री ने भी इलाहाबाद का नाम बदलने की वकालत की थी.


लखनऊ जुलाई 9, 2018 :

नाम बदलने की परंपरा में अब इलाहाबाद का नाम बदलने की मांग उठने लगी है. अगर सब कुछ सही रहा तो संगम नगरी इलाहाबाद का नाम ‘प्रयाग’ हो जाएगा. इसकी कवायद के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने राज्यपाल राम नाईक को पत्र लिखा है और उनसे इलाहाबाद का नाम प्रयाग करने में मदद का अनुरोध किया है.

योगी सरकार काफी पहले से ही इलाहाबाद का नाम प्रयाग करने की कोशिश में है. इससे पहले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य इलाहाबाद का नाम प्रयाग करने की बात रख चुके हैं. इस सम्बन्ध में सिद्धार्थनाथ ने कहा कि राज्यपाल राम नाईक जब महाराष्ट्र के सांसद थे तब उन्होंने ‘बॉम्बे’ को ‘मुंबई’ के नाम से बदलने में मदद की थी. उन्होंने कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने इलाहाबाद का नाम ‘प्रयाग’ करने पर विचार करने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा है. उम्मीद है वह इस पत्र को गंभीरता से लेकर मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे.

गौरतलब है कि इससे पहले उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने भी इलाहाबाद का नाम बदलकर ‘प्रयाग’ करने के सम्बन्ध में बयान दिया था. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि इलाहाबाद की पहचान यहां तीन नदियों के संगम की वजह से है, इसलिए इसका नाम ‘प्रयागराज’ होना चाहिए.

उन्होंने कुंभ आयोजन से पहले इस काम को पूरा करने का आश्वासन भी दिया था. अब स्वास्थ्य मंत्री का राज्यपाल को लिखा पत्र भी इसी कड़ी से जोड़ कर देखा जा रहा है. साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि 2019 में होने वाले कुंभ से पहले योगी सरकार इलाहाबाद का नाम बदलकर ‘प्रयाग’ कर देगी.

स्वास्थ्य मंत्री के अलावा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इलाहाबाद का नाम बदलने की मांग की है. अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर कहा कि कुंभ मेला से पहले इलाहाबाद का नाम प्रयाग कर देना चाहिए. बता दें कि 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल विष्णुकांत शास्त्री ने भी इलाहाबाद का नाम बदलने की वकालत की थी.

आआपा अध्यक्ष के आरोप सिरे से गलत हैं : उपराज्यपाल


उपराज्यपाल अनिल बैजल ने ने यह प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस आरोप पर दी है कि उपराज्यपाल शीर्ष अदालत के फैसले को स्वीकार करने में ‘चुनिंदा’ रवैया अपना रहे हैं.


उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सोमवार को कहा कि दिल्ली सरकार और केन्द्र के बीच सत्ता संघर्ष पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ‘ चुनिंदा तरीके से स्वीकार करने का ’ आरोप ‘ गलत ’ है और उनके बयान का ‘चुनिंदा’ तरीके से हवाला दिया गया. बैजल ने यह प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस आरोप पर दी है कि उपराज्यपाल शीर्ष अदालत के फैसले को स्वीकार करने में ‘चुनिंदा’ रवैया अपना रहे हैं.

केजरीवाल ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में कहा था , ‘आप इस निर्णय को लेकर चयनात्मक कैसे हो सकते हैं. इस मामले में आपको अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि या तो आप सभी मामले को किसी नियमित पीठ के समक्ष रखेंगे , और इसलिए आप आदेश का कोई हिस्सा स्वीकार नहीं करेंगे. या आपको इस निर्णय को पूरा स्वीकार करना चाहिए और इसे लागू करना चाहिए. ’’

केजरीवाल ने पत्र में कहा , ‘आप कैसे कह सकते हैं कि आप आदेश का यह पैरा स्वीकार करेंगे , लेकिन उसी आदेश का वह पैरा नहीं स्वीकार करेंगे. ’

बैजल ने मुख्यमंत्री पर मीडिया को अपना पत्र लीक करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने केजरीवाल को जवाब दिया , ‘आपका पत्र मेरे कार्यालय में पहुंचने से पहले यह सोशल और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के पास पहुंच चुका है.’

उपराज्यपाल कार्यालय के बयान के अनुसार , बैजल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने छह जुलाई के उनके पत्र का ‘ चुनिंदा तरीके से हवाला ’ दिया और उच्चतम न्यायालय के चार जुलाई के फैसले को चयनित तरीके से स्वीकार करने का उनका आरोप ‘‘ गलत ’’ है.

“मैं चीजों को तत्काल बदलने के लिए जादू नहीं कर सकता हूं” कुमारस्वामी


बीजेपी की ओर से गठबंधन को ‘नापाक’ और लोगों के साथ धोखा बताने पर उन्होंने कहा कि उनको डर है कि चुनाव फिर हो सकते हैं जो निराधार है

कुमार स्वामी ने मनोहन सिंह के ब्यान की याद ताज़ा कार्वा दी जहां उन्होने जादू की छड़ी का उल्लेख करते हुए अपनी असमर्थता जताई थी.


कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें राज्य के विभिन्न मुद्दों का निपटारा करने के लिए समय चाहिए. उन्होंने कहा, ‘अजीब परिस्थितियों में इस सरकार का गठन हुआ है. मुझे वक्त चाहिए. मैं चीजों को तत्काल बदलने के लिए जादू नहीं कर सकता हूं.’

उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विधायकों द्वारा उठाए गए सिंचाई परियोजना से लेकर अवैध बालू खनन और अन्य मुद्दों का हवाला दिया. चर्चा के दौरान कुमारस्वामी और विपक्ष के नेता बीएस येदियुरप्पा के बीच जबर्दस्त तकरार हुई. येदियुरप्पा ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस-जेडी (एस) गठबंधन की आलोचना की.

कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार ने इंसानियत के साथ समाज के हर तबके की मदद के लिए काम करना शुरू कर दिया है. बीजेपी की ओर से गठबंधन को ‘नापाक’ और लोगों के साथ धोखा बताने पर उन्होंने कहा कि उनको डर है कि चुनाव फिर हो सकते हैं जो निराधार है. उन्होंने कहा, ‘गठबंधन सरकार बनी रहेगी और प्रभावी तरीके से सरकार के लिए काम करेगी.’

कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी गठबंधन की सरकार के पास बहुमत है और ना कि सिर्फ 37 जेडी (एस) विधायक हैं. उन्होंने कहा कि 2006 में जब जेडी (एस)-बीजेपी की सरकार थी, सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद बीजेपी ने मुख्यमंत्री बनने के लिए उन्हें समर्थन दिया था. क्या तब लोकतंत्र की हत्या नहीं हुई थी?

कुमारस्वामी ने कहा, ‘कोई भी यह दावा नहीं कर सकता था कि मैं मुख्यमंत्री बन सकता हूं. यहां तक कि मैं भी नहीं. क्योंकि स्थिति इस तरह की थी, लेकिन फैसले लिए गए और मैंने प्रभार संभाला. इसलिए मैं खुद को परिस्थितियों की पैदाइश कहता हूं.’