Rupee crashes to lifetime low of 69 per dollar

A question raised today, now that the rupee has crossed the 69 level, is as to where can it go? The answer is that no one really knows, as there have been too many things happening that go beyond the realm of fundamentals. Normally when the rupee falls at a rapid pace, it is conjectured that it would continue to fall and new psychological levels are accordingly fixed.

Touching 69 invariably has the market talking of 70. This is because we tend to make what in economics is called ‘adaptive expectations’. But as has been seen in the past, the Reserve Bank of India (RBI) can make a big difference in terms of intervening in the market, which then changes things quite appreciably and often there can be a reversal in direction.

Why has the rupee fallen? There are two standard sets of reasons for the same with each one reinforcing the other. These are witnessed even today. The market sentiment actually drives the rupee on a daily basis. Here the causes have strengthened this week.

First, the trade war between the US and China seems to be escalating in terms of decibels though the exact tariffs and restrictive procedures are less severe. But this is good to spook the market. Second, the recent decision of the OPEC to increase output has been interpreted as being a damp squib as the amount is too low to make a difference. The market now realises that what has been proposed touches the periphery and not the core. Therefore, Brent is back to the happy hunting days of $77-78 a barrel.

Third, US sanctions on Iran are escalating. As India imports oil from Iran, the panic is palpable even though closure of this market will bring about substitution with other countries. But the fact that a part of such imports is in oil is good enough to keep the market jittery.

Fourth, added to these factors is the realisation that interest rates in the US will increase, which means that there will be less capital flows to India. This makes the scene even messier. Last, the signals from RBI are awaited. Will the RBI do or not do? Yes, this is critical in the market as it always believes that the RBI will intervene in the market by selling dollars or through banks like the SBI in case things are moving away from fundamentals. As long as the RBI does not say anything or does not intervene in the market, it means that things are fine. Therefore, the rupee will go below further.

In such a situation, the fundamentals also get supportive. Exporters would prefer to hold back their dollar earnings hoping to reap a higher conversion rate that lowers the supply of dollars. Importers will rush for purchases of dollars – especially the oil companies, which in turn will add to demand for forex. This makes the fundamentals weaker, which support further deprecation. This is the usual story of the decline of the rupee which is being played out again.

The fundamentals are tending to show signs of fissures. The trade balance is widening and will do so further in case oil remains where it is. The CAD came in higher for FY18 and the belief is that it will be pressurised further this year due to these developments. Add to this the FPIs that were the favourites of the markets. They are in the withdrawal mode and in the last three months have been negative. This tilts the fundamentals in favour of a weaker rupee. which is being witnessed today.

The RBI has to step in now and send signals. Otherwise the assumption will be that a weaker rupee is acceptable as it provides a boost to exports. But beyond a limit, the inflation consequences are scary. Inflation is already moving up and a weaker rupee combined with a trade deficit means that imported inflation increases further. While one cannot predict food prices, the non-food component has been rising in the last 12 months and this can be the proverbial last straw. Therefore, there has to be some control over the depreciation. This is something which the RBI has to decide and it would have to assess the component of the depreciation which is not related to the fundamentals that are weakening.

The external account has been a strong point for us in the last three years mainly owing to the oil factor and relative peaceful geo-political relations. The advent of Donald Trump and other developments has made the global economic situation more volatile and the equations have changed. That is why the currency will cease to be stable, and forex reserves that were assiduously built up will now become a war chest where withdrawals can be expected to maintain stability in the market.

फरीदाबाद में मानव रचना एजुकेशनल इंस्टिट्यूट में दो दिवसीय रोजगार मेले का उद्घाटन

 

 

उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने किया फरीदाबाद में मानव रचना एजुकेशनल इंस्टिट्यूट में दो दिवसीय रोजगार मेले का उद्घाटन

 

इस रोजगार मेले में लगभग 100 कंपनियां शिरकत कर रही है और 14500 से ज्यादा वैकेंसी उपलब्ध है

सभी तरह की शैक्षणिक योग्यता के अनुसार उम्मीदवार तीन कंपनियां चुनकर इंटरव्यू दे सकते हैं।

कैप्टन ने डी.एस.पी. के विरुद्ध कड़ी कार्यवाई किये जाने को यकीनी बनाने के लिए कहा

चंडीगढ़।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के निर्देशों पर कार्यवाई करते हुए पंजाब पुलिस ने लुधियाना की एक लडक़ी को नशों में धकेलने के विवाद के केंद्र में घिरे हुए डी.एस.पी. को मुअत्तल कर दिया है।
पुलिस के एक प्रवक्ता के अनुसार दोषों की जांच के लिए एक सीनियर महिला आई.पी.एस. अधिकारी को जि़म्मेदारी सौंपी गई है। इन दोषों पर गंभीर नोटिस लेते हुए मुख्यमंत्री ने डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा को इस मामले की उचित जांच यकीनी बनाने और दोष साबित होने पर डी.एस.पी. के विरुद्ध कड़ी कार्यवाई किये जाने को यकीनी बनाने के लिए कहा है।
प्रवक्ता के अनुसार अनीता पुंज, आई.पी.एस, डायरैक्टर पी.पी.ए. फिलौर को इस मामले की प्राथमिक जांच करने के लिए कहा है और इस संबंधी रिपोर्ट एक सप्ताह में पेश करने के निर्देश दिए हैं। लुधियाना की इस लडक़ी ने डी.एस.पी. फिऱोज़पुर दलजीत सिंह के विरुद्ध ए.डी.सी.पी. 3 लुधियाना के पास दोष लगाऐ हैं। दलजीत सिंह के मुअत्तली के अलावा लुधियाना के सी.पी. ने सिफारिश की है कि इस मामले की जांच सीनियर महिला आई.पी.एस. अधिकारी के पास से करवाई जाये।
इससे पहले आज मुख्यमंत्री ने ऐलान किया था कि इन दोषों की जांच की जायेगी और डी.एस.पी. पर दोष सिद्ध होने पर उसके विरुद्ध कानून के अनुसार सख्त कार्यवाई की जायेगी। नशों के मामले में रत्ती भर भी ढील न सहन करने की वचनबद्धता को दोहरतो हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि नशों को बढ़ावा देने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा और उसके विरुद्ध कानून के तहत सख्त कार्यवाई की जायेगी।

‘ए बार बंगला चलो पालटाई’ शाह


शाह बोले, ‘ टीएमसी अगर समझती है कि हिंसा के तांडव से बंगाल में इनकी सरकार बनी रहेगी तो मैं आज इनको चुनौती देता हूं कि हमारे कार्यकर्ताओं का लहू रंग लाएगा और अब आपकी सरकार लंबे समय नहीं चल पाएगी.’


पश्चिम बंगाल के अपने दो दिवसीय दौरे के आखिरी दिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पुरुलिया के सिमुलिया ग्राउंड में रैली को संबोधित करने पहुंचे. रैली में मौजूद भारी भीड़ को देखकर बीजेपी अध्यक्ष ने प्रदेश की टीएमसी सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा वार कर दिया. अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर शाह ने प्रदेश की सरकार को निशाने पर लिया.

अमित शाह ने कहा ‘हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं का लहू रंग लाएगा. ज्यादा दिनों तक आपकी सरकार नहीं चल पाएगी.’ पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा में बीजेपी के कई कार्यकर्ता मारे गए हैं. पुरुलिया में ही तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की पंचायत चुनाव बाद हत्या हो गई थी.

बीजेपी अध्यक्ष ने मंच से ही पीड़ित परिवार के परिजनों को सांत्वना दी और मौजूद लोगों को भरोसा दिलाया कि बीजेपी हर हाल में उन पीड़ित कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी रहेगी.

पंचायत चुनावों ने भरी ऊर्जा

दरअसल, बीजेपी पश्चिम बंगाल में हाल के पंचायत चुनावों के बाद काफी उत्साहित है. पार्टी ने लगभग सात हजार पंचायत में जीत दर्ज की है. बीजेपी दावा कर रही है कि सही मायने में निष्पक्ष चुनाव होते तो तस्वीर कुछ और होती. अमित शाह ने भी आरोप लगाया कि ममता राज में दो करोड़ मतदाताओं को वोट ही नहीं डालने दिया गया.

लेकिन, अब पार्टी की तरफ से तैयारी लोकसभा चुनाव की हो रही है. लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी ने अभी से ही ‘ए बार बंगला चलो पालटाई’ का नारा दिया है. यानी इस बार बंगाल में परिवर्तन का नारा बीजेपी की तरफ से दिया जा रहा है. पुरुलिया की रैली में भी अमित शाह ने साफ कर दिया कि 2019 का लोकसभा चुनाव ही बंगाल में अगली सरकार की नींव डालने वाला है. फिलहाल बीजेपी बंगाल में बड़ी बढ़त का दावा कर रही है. दो सीटों वाली बीजेपी ने लक्ष्य रखा है 42 सीटों में से 22 से ज्यादा सीटों पर जीत का.

मुस्लिम तुष्टीकरण का मुद्दा भी है अहम

हालांकि बीजेपी के एजेंडे में पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या के मुद्दे के अलावा ममता सरकार के मुस्लिम तुष्टीकरण का मुद्दा भी काफी ऊपर है. शाह को भी बंगाल की जमीनी हकीकत का अंदाजा है, उन्हें भी पता है कि मुस्लिम तुष्टीकरण के मुद्दे को उठाकर जमीनी स्तर पर इसका फायदा सीधे बीजेपी को मिलेगा.

बीजेपी के कार्यकर्ता और रैली में जुटी भीड़ की तरफ से लगातार जय श्री राम के नारे लगाए जा रहे थे. इस बारे में बीजेपी युवा मोर्चा के बंगाल अध्यक्ष देबजीत सरकार ने फ़र्स्टपोस्ट से बातचीत के दौरान कहा, ‘रामनवमी के मौके पर जिस तरह से बजरंग दल के लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है और ममता सरकार जिस तरह से मुस्लिम तुष्टीकरण की कोशिश करती है वो आने वाले दिनों में टीएमसी को बैकफायर करेगा.’

वंदे मातरम से अपना भाषण खत्म करने से पहले अमित शाह ने भी जय श्री राम और जय-जय श्री राम के नारे लगाकर कार्यकर्ताओं को अपने हिंदुत्व के एजेंडे पर बरकरार रहने का संकेत भी दे दिया. उत्साहित भीड़ की तरफ से भी इस मुद्दे पर शाह को पुरजोर समर्थन भी मिला. बीजेपी आने वाले दिनों में सरकार की पक्षपात पूर्ण रवैये को मुद्दा बनाकर बंगाल में अपनी जड़ को और मजबूत करने की कोशिश भी कर रही है.

बीजेपी पहले से ही बांग्लादेश से आने वाले अवैध घुसपैठियों के मुद्दे को भी उठाती रही है. एक बार फिर से रैली में अमित शाह ने राज्य के लोगों को वादा किया कि पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या से निजात दिलाई जाएगी.

ममता ने किया बंगाल का बंटाधार !

दरअसल, ममता बनर्जी पूरे देश में विपक्षी दलों के कुनबे को एक कर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही हैं. अमित शाह ने उल्टे ममता से सवाल करते हुए कहा,‘ममता जी देश में गठबंधन बनाइए इसमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन, पहले बंगाल संभाल लीजिए नीचे से जमीन खिसक रही है.’

दरअसल अमित शाह ममता बनर्जी को बंगाल के भीतर ही घेरना चाहते हैं. शाह की रणनीति है कि देशभर में मोदी विरोधी गठबंधन को बनाने की कोशिश में लगी ममता को अगर उनके घर में ही घेर लिया जाए तो फिर वो देशभर में माहौल बनाने की कोशिश में सफल नहीं हो पाएगी.

अमित शाह ने केंद्र के पैसे को बंगाल के विकास पर ठीक से खर्च नहीं करने का आरोप भी लगा दिया. रैली के दौरान अमित शाह ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल का नहीं बल्कि ममता राज में टीएमसी के गुंडों का विकास हो रहा है. बंगाल की दुर्दशा और दूसरे राज्यों की तुलना में कम विकास को लेकर शाह लेफ्ट के साथ-साथ ममता बनर्जी को घेर रहे हैं.

पुरुलिया की रैली में अमित शाह ने आरोप लगाया कि मां, मांटी और मानुष की बात करने वाली ममता बनर्जी ने राज्य का बंटाधार कर दिया है. पहले जब ममता सरकार बनी तो राज्य के लोगों पर लगभग दो लाख करोड़ का ऋण था लेकिन, अब यह बढ़कर साढे तीन लाख करोड़ तक पहुंच गया है.

बंगाली अस्मिता के मुद्दे पर भी बीजेपी गंभीर

दरअसल बीजेपी की रणनीति में बंगाली अस्मिता का मुद्दा भी काफी आगे है. बीजेपी की रैली के दौरान इसकी झलक भी मिली. बीजेपी के सभी बैनर-पोस्टर पर हर जगह केवल बांग्ला में ही नारे लिखे गए थे. अमित शाह ने भी बंगाल की धरती को स्वामी विवेकानंद से लेकर रामकृष्ण परमहंस की धरती बताया. जिक्र रवींद्र संगीत का भी किया. जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का भी किया. बीजेपी की रणनीति ही रही जिसके तहत हिंदी हर बैनर पोस्टर से गायब थी. लेकिन, ममता बनर्जी के टीएमसी के बैनर को हिंदी में लिखे जाने पर भी शाह ने तंज कस दिया. शाह ने कहा कि शायद उन्हें पढाने के लिए हिंदी में इस तरह का बैनर तैयार किया गया था.

2019 में बंगाल से बहुत है आस

दरअसल बीजेपी के एजेंडे में बंगाल इस वक्त काफी ऊपर है. बीजेपी को उम्मीद है कि देश के दूसरे प्रदेशों में अगर 2014 के मुकाबले सीटों की संख्या कुछ कम भी आती है तो उसकी भरपाई पश्चिम बंगाल जैसे राज्यो से कर ली जाएगी. इसके लिए पहले से ही बड़े प्लान पर काम चल रहा है. बीजेपी ने अपने लिए बंगाल में मिशन 22 + का लक्ष्य भी रखा है. पंचायत चुनावों की सफलता के बाद पुरुलिया की बड़ी रैली के बाद अब अमित शाह की टीम और आक्रामक होकर अपने मिशन में लगने की तैयारी में है.

RJD को गंदगी से भरा बताया, जहां कोई भी नहीं जाना चाहेगा : पासवान


पासवान ने की नीतीश से बात, बिहार में NDA के बरकरार रहने की बात कही

पासवान ने RJD को गंदगी से भरा बताया, जहां कोई भी नहीं जाना चाहेगा


केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री और JDU प्रमुख नीतीश कुमार से अपनी बातचीत के बाद आज कहा कि राज्य में बीजेपी नीत NDA बरकरार रहेगा और यह वहां साथ मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेगा.

दरअसल , कुमार के अगले कदम को लेकर अटकलें बढ़ गई हैं. उनकी पार्टी के कई नेता JDU को गठबंधन में बड़े साझेदार के तौर पर पेश कर रहे हैं.

RJD प्रमुख का कुछ ही दिन पहले मुंबई में एक ऑपरेशन होने के बाद उनके साथ कुमार की टेलीफोन पर हुई बातचीत ने भी अटकलों को तेज कर दिया है.

पासवान ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने आज कुमार से बात की और JDU नेता ने उनसे कहा कि NDA बरकरार रहेगा.

लोजपा प्रमुख ने कहा , ‘मैंने नीतीश जी से बात की है. मैंने बीजेपी नेताओं से भी बात की है. आपको बताना चाहुंगा कि NDA बरकरार रहेगा. हम सभी एक ही जहाज पर सवार हैं और कोई भी इसे डुबाना नहीं चाहेगा.’

उन्होंने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 12 जुलाई को राज्य का दौरा करेंगे और उनके कुमार से मुलाकात करने की उम्मीद है. शाह ने हाल ही में पासवान से मुलाकात की थी.

उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर सहयोगी दलों के बीच कथित मतभेद की खबरों को तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि वरिष्ठ नेताओं की जब बैठक होगी , तब इसे सुलझा लिया जाएगा.

पासवान ने RJD को गंदगी से भरा बताया, जहां कोई भी नहीं जाना चाहेगा.

उन्होंने कुमार की लालू के साथ हुई बातचीत के बाद लगाई जा रही अटकलों को बेबुनियाद बताया और कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने पिछले कुछ हफ्तों में RJD प्रमुख के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए उन्हें या उनके सहयोगियों को चार फोन कॉल किए हैं. पासवान ने कहा कि हर चीज को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए.

बिहार में RJD नीत गठबंधन के दरवाजे कुमार की वापसी के लिए बंद होने संबंधी तेजस्वी यादव (लालू प्रसाद के बेटे) के बयान के बारे पूछे जाने पर पासवान ने कहा कि वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.

नीतीश कुमार के लिए 2015 जैसा रणनीति बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं


2015 चुनाव में नीतीश के साथ काम कर चुके प्रशांत किशोर एक बार फिर से सुशासन बाबू और जेडीयू के करीब आ गए हैं


सियासी रणनीति बनाने में माहिर माने जाने वाले पीके यानी प्रशांत किशोर क्या फिर से नीतीश कुमार के लिए 2015 जैसा रणनीति बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं. यह सवाल एक बार फिर से बिहार के सियासी फिजा में घूम रहा है. इसकी चर्चा तब तेज हुई जब एनडीए की बैठक के ठीक एक दिन पहले पीके और नीतीश कुमार की मुलाकात हुई थी.

पीके इफेक्ट को लेकर बिहार में सियासी गर्मी तेज हो गई है. बिहार के बक्सर के रहने वाले प्रशांत किशोर की पहचान सियासी नब्ज को पहचानने और चुनावी रणनीति बनाने में माहिर शख्सियत के तौर पर मानी जाती है.

सियासी हलके में पीके 2014 से तब चर्चा में आए जब बीजेपी के चुनावी रणनीतिकार बने और बीजेपी को तब शानदार सफलता मिली. इसके बाद पीके बीजेपी से अलग होकर नीतीश कुमार के नजदीक आए और बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के लिए रणनीतियां बनाई जिसके परिणाम में महागठबंधन को शानदार जीत मिली.

इसके बाद पीके नीतीश कुमार से दूर हो गए थे लेकिन इस वक्त जब नीतीश कुमार और एनडीए में अंदर खाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है तो पीके एक बार फिर से नीतीश कुमार के नजदीक आ गए हैं. वह नीतीश कुमार और जेडीयू के लिए रणनीति बनाने में लग गए हैं.

पीके की सक्रियता को लेकर जेडीयू खुलकर नहीं बोल रही है. जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक कहते हैं कि 2015 में प्रशांत किशोर प्रचार का काम देखने के लिए हमारे साथ जुड़े थे. जहां तक रणनीति बनाने का सवाल है, इसमें नीतीश कुमार ही माहिर हैं और उनसे बड़ा रणनीतिकार और चाणक्य कोई नहीं है. पार्टी से जितने लोग जुड़ते हैं उससे कहीं न कहीं पार्टी का फायदा होता है.

सूत्र बताते हैं कि पिछले दो महीने में पीके कई बार बिहार का दौरा कर चुके हैं और नीतीश कुमार से मुलाकात कर जेडीयू के लिए नई रणनीति बना रहे हैं. यही नहीं सूत्र यह भी बता रहे हैं कि आने वाले कुछ महीने में जेडीयू कई नए कार्यक्रम तैयार कर जनता के बीच जाने वाली है. इसका खाका भी पीके ने तैयार कर लिया है. बताया जाता है कि नीतीश कुमार और पीके की बैठक के बाद यह रणनीति भी बनी की ज्यादा सीट को लेकर बयानों का सिलसिला तेज हो ताकि बीजेपी पर सीटों को लेकर दबाव बने. इसके बाद जेडीयू के प्रवक्ता और बड़े नेताओं ने भी एक सुर से नीतीश को बड़े भाई कहा और ज्यादा सीट मांगने का बयान देने लगे.

जाहिर है पीके की रणनीति अभी और तेज होगी. बीजेपी भी पीके आने की हलचल पर संभल कर बयान दे रही है. बीजेपी प्रवक्ता संजय सिंह टाइगर कहते हैं कि चुनाव में कई लोगों की भूमिका होती है और सबसे बड़ी भूमिका जनता की होती है. किसी को चुनाव प्रबंधन में जोड़ने के लिए हर पार्टी स्वतंत्र है.

बिहार में महागठबंधन को सफलता दिलवा चुके पीके की जेडीयू के साथ नजदीकी से नीतीश के विरोधी सतर्क हो गए हैं. पीके पर सवाल पूछने पर कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा कहते हैं कि महागठबंधन नहीं बनता तो वह सफलता नहीं मिलती. इसमें पीके का क्या रोल है? महागठबंधन पीके ने नहीं बनवाया था.

बहरहाल, लोकसभा चुनाव के पहले तमाम पार्टियां चुनावी रणनीति बनाने में जुट गई है. भले ही यूपी के चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के लिए पीके सफलता नहीं दिलवा सके लेकिन उनकी कुशल रणनीति का कायल हर पार्टी है. बिहार के सियासत में पीके कितना इफेक्ट डालते हैं ये तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन इतना भी तय है कि पीके की रणनीति से वाकिफ दूसरी पार्टियां भी इसकी काट में रणनीति बनाने में जुट गई है.

हमारे कार्यकर्ताओं का बलिदान बेकार नहीं जाएगा : शाह


पश्चिम बंगाल: जानिए बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या समेत किन मुद्दों पर बोले अमित शाह


दो दिवसीय दौरे पर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने तृणमूल कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने पश्चिम बंगाल की जनता के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिए गए लाभों के बारे में भी बताया. राज्य में हो रही बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या पर भी उन्होंने आज खुलकर बात की. जानिए शाह के पश्चिम बंगाल दौरे की प्रमुख बातें.

 संपर्क फॉर समर्थन अभियान के तहत बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पुरुलिया के लागदा गांव पहुंचे, उनके स्वागत के लिए भीड़ में काफी उत्साह दिखा.

 भाषण देने से पहले अमित शाह ने तारापीठ मंदिर में पूजा-अर्चना की.

 शाह के रैली में पहुंचते ही बंगाल में बदलाव और परिवर्तन का नारा लगा.

 शाह ने कहा कि अगर तृणमूल कांग्रेस को लगता है कि हिंसा के जरिए वह सत्ता में बने रहे सकते हैं तो मैं उनको चुनौती देता हूं कि हमारे कार्यकर्ताओं का बलिदान बेकार नहीं जाएगा और तृणमूल कांग्रेस की सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगी.

 शाह ने बीजेपी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि यूपीए सरकार में 13वें फाइनेंस कमीशन के जरिए पश्चिम बंगाल को केवल 1 लाख 32 हजार करोड़ रुपए दिए गए वहीं 14वें फाइनेंस कमीशन में बीजेपी की सरकार ने राज्य के विकास के लिए 3 लाख 60 हजार रुपए दिए.

 शाह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास योजनाएं तृणमूल कांग्रेस की सरकार की वजह से पश्चिम बंगाल की जनता तक नहीं पहुंच रही हैं.

 शाह ने टीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल का विकास नहीं हुआ लेकिन टीएमसी के गुंडों का विकास हो गया है. हालात यह हैं कि सभी फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया है केवल बम बनाने वाली फैक्ट्री चलाई जा रही हैं.

 पुरुलिया में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता दुलाल कुमार के पिता महावीर कुमार ने कहा कि ममता सरकार कुछ नहीं कर रही है, बीजेपी की तरफ से हमें 5 लाख की मदद मिली है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग हमारे घर आए थे. वहीं महावीर की पत्नी ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य सरकार की जांच एजेंसी पर भरोसा नहीं है.

 मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता दुलाल की बेटी ने कहा कि वह बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहती हैं और अपने पिता का सपना पूरा करना चाहती हैं.

हुडा ने प्रदेश के कर्मचारियों के भविष्य का नाश किया : विज

फाइल फोटो


 

अम्बाला|

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर प्रदेश के कर्मचारियों का नाश करने के आरोप लगाए हैं। विज ने कर्मचारियों के हितों के लिए सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कर्मचारियों की पैरवी की बात कही है। साथ ही विज ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और कैथल के विधायक सुरजेवाला पर चुटकी लेते हुए उन्हें भविष्यवाणी करने वाले सियासी तोते पालने का शौकीन करार दिया। विज ने भजनलाल परिवार पर भी सियासी हमले करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का बचाव किया है। अम्बाला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान विज ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। अनिल विज ने पूर्व की कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर प्रदेश के कर्मचारियों को बर्बाद करने के आरोप लगाए हैं।

सेक्टर 39 में युवती से हुई झपटमारी

 

चंडीगढ़।

शहर में रोजाना दो से तीन की संख्या में स्नैचिंग की वारदातें सामने आ रही है। पुलिस इन वारदातों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से फेल साबित हुुई है। बुधवार दोपहर को मोटरसाइकिल सवार झपटमार ने सेक्टर-39 से युवती का पर्स झपट लिया और मौके से फरार हो गया। घटना की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल करने के बाद अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस ने बताया कि डड्डूमाजरा की रहने वाली पीडि़त सुनीता सेक्टर-41 में ब्यूटी पार्लर में काम करती है। पीडि़ता अपने घर से पार्लर की ओर जा रही थी जैसे ही सुनीता सेक्टर-39 स्थित स्लिप रोड के पास पहुंची तो पीछे से आए मोटरसाइकिल सवार झपटमार ने उसके हाथ से पर्स छीन लिया। जिसके चलते पीडि़ता ने जोर से चिल्लाया लेकिन मोटरसाइकिल सवार झपटमार तेज रफ्तार से फरार हो गया जिसकी सूचना पुलिस को दी गई थी। पुलिस के मुताबिक पीडि़ता के पर्स में डेढ़ सौ रुपया और एक मोबाइल फोन था पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद विशेष अभियान चलाकर सभी स्कूल वाहनों की चैकिंग की जाएगी : संधू

 

चण्डीगढ़, 28 जून- हरियाणा पुलिस द्वारा राज्य में स्कूलों के ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद विशेष अभियान चलाकर सभी स्कूल वाहनों की चैकिंग की जाएगी, जिसमें उसके कागजात से लेकर उसमें दी जाने वाली सुविधाओं की भी पूरी परख की जाएगी ताकि बच्चों की सुरक्षा को पुख्ता किया जा सके। इसमें किसी भी स्तर पर कोई भी कौताही नहीं बरती जाएगी।

हरियाणा पुलिस के महानिदेशक श्री बी.एस संधू ने सडक़ सुरक्षा बैठक में यह जानकारी देते हुए बताया कि यह अभियान स्कूल वाहनों की दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान बसों में सीसीटीवी कैमरा, प्रथम चिकित्सा बॉक्स व अन्य उपकरणों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाएगा। वाहन चालकों के ड्राईविंग लाईसेंस और गाड़ी के अन्य दस्तावेज भी चैक किए जांएगे।

उन्होंने कहा कि यह अभियान सुबह स्कूल समय के बाद चलाया जाएगा और एक-एक स्कूल को कवर किया जाएगा। स्कूल की छुट्टी होने तक सभी वाहनों की चैकिंग की जाएगी। एक दिन में एक स्कूल कवर होगा। स्कूल के समय से पहले और बाद मेें चैकिंग नहीं की जाएगी ताकि बच्चों व अभिभावकों को परेशानी न हो।