4-2 से फ्रांस ने फिफा 2018 अपने नाम किया


फ्रांस ने फाइनल में क्रोएशिया को 4-2 से पराजित किया. वो 1998 में पहली बार विश्व कप में फाइनल खेली थी और जीतने में सफल रही थी


 

रेफरी की अंतिम सीटी बजते ही फ्रांस जश्न में डूब गया. मैच के अंतिम पलों में ही बेंच पर बैठे उसके खिलाड़ी, कोच, सपोर्ट स्टाफ और फैंस जश्न में मूड में आ गए थे. फ्रांस ने रविवार को मास्को के लुज्निकी स्टेडियम में फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण में एक बार फिर अपनी बादशाहत साबित कर दी. महत्वपूर्ण मौकों पर स्कोर करने की अपनी काबिलियत और भाग्य के दम पर उसने रोमांचक फाइनल में दमदार क्रोएशिया को 4-2 से हराकर दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया.

 

फ्रांस ने इससे पहले 1998 में विश्व कप जीता था. तब उसके कप्तान डिडियर डेस्चैम्प्स थे जो अब टीम के कोच हैं. इस तरह से डेस्चैम्प्स खिलाड़ी और कोच के रूप में विश्व कप जीतने वाले तीसरे व्यक्ति बन गए हैं. उनसे पहले ब्राजील के मारियो जगालो और जर्मनी फ्रैंज बेकनबॉर ने यह उपलब्धि हासिल की थी.

फ्रांस ने 18वें मिनट में मारियो मांजुकिच के आत्मघाती गोल से बढ़त बनाई, लेकिन इवान पेरिसिच ने 28वें मिनट में बराबरी का गोल दाग दिया. फ्रांस को हालांकि जल्द ही पेनल्टी मिली जिसे एंटोनी ग्रीजमैन ने 38वें मिनट में गोल में बदला जिससे फ्रांस मध्यांतर तक 2-1 से आगे रहा.

पॉल पोग्बा ने 59वें मिनट में तीसरा गोल दागा, जबकि किलियन एम्बाप्पे ने 65वें मिनट में फ्रांस की बढ़त 4-1 कर दी. जब लग रहा था कि अब क्रोएशिया के हाथ से मौका निकल चुका है तब मांजुकिच ने 69वें मिनट में गोल करके उसकी उम्मीद जगाई. क्रोएशिया पहली बार फाइनल में पहुंचा था. उसने अपनी तरफ से हर संभव प्रयास किए और अपने कौशल और चपलता से दर्शकों का दिल भी जीता, लेकिन आखिर में ज्लाटको डॉलिच  की टीम को उप विजेता बनकर ही संतोष करना पड़ा. निसंदेह क्रोएशिया ने बेहतर फुटबॉल खेली लेकिन फ्रांस ने अधिक प्रभावी और चतुराईपूर्ण खेल दिखाया. यही उसकी असली ताकत है जिसके दम पर वह 20 साल बाद फिर चैंपियन बनने में सफल रहा.

दोनों टीमें 4-2-3-1 के संयोजन के साथ मैदान पर उतरी. क्रोएशिया ने इंग्लैंड की खिलाफ जीत दर्ज करने वाली शुरुआती एकादश में बदलाव नहीं किया तो फ्रांसीसी कोच डेस्चैम्प्स ने अपनी रक्षापंक्ति को मजबूत करने पर ध्यान दिया. क्रोएशिया ने अच्छी शुरुआत और पहले हाफ में न सिर्फ गेंद पर अधिक कब्जा जमाए रखा, बल्कि इस बीच आक्रामक रणनीति भी अपनाए रखी. उसने दर्शकों में रोमांच भरा, जबकि फ्रांस ने अपने खेल से निराश किया. यह अलग बात है कि भाग्य फ्रांस के साथ था और वह बिना किसी खास प्रयास के दो गोल करने में सफल रहा.

मैच की महत्वपूर्ण बातें

फ्रांस के पास पहला मौका 18वें मिनट में मिला और वह इसी पर बढ़त बनाने में कामयाब रहा. फ्रांस को दायीं तरफ बॉक्स के करीब फ्री किक मिली. ग्रीजमैन का क्रास शॉट गोलकीपर डेनियल सुबासिच की तरफ बढ़ रहा था. लेकिन तभी मांजुकिच ने उस पर हेडर लगा दिया और गेंद गोल में घुस गई. इस तरह से मांजुकिच विश्व कप फाइनल में आत्मघाती गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए. यह वर्तमान विश्व कप का रिकॉर्ड 12वां आत्मघाती गोल है.

पेरिसिच ने हालांकि जल्द ही बराबरी का गोल करके क्रोएशियाई प्रशंसकों और मांजुकिच में जोश भरा. पेरिसिच का यह गोल दर्शनीय था जिसने लुज्निकी स्टेडियम में बैठे दर्शकों को रोमांचित करने में कसर नहीं छोड़ी. क्रोएशिया को फ्री किक मिली और फ्रांस इसके खतरे को नहीं टाल पाया. मांजुकिच और डोमागोज विडा के प्रयास से गेंद विंगर पेरिसिच को मिली. उन्होंने थोड़ा समय लिया और फिर बाएं पांव से शॉट जमाकर गेंद को गोल के हवाले कर दिया. फ्रांसीसी गोलकीपरी ह्यूगो लॉरिस के पास इसका कोई जवाब नहीं था.

लेकिन इसके तुरंत बाद पेरिसिच की गलती से फ्रांस को पेनल्टी मिल गई. बॉक्स के अंदर गेंद पेरिसिच के हाथ से लग गई. रेफरी ने वीएआर की मदद ली और फ्रांस को पेनल्टी दे दी. अनुभवी ग्रीजमैन ने उस पर गोल करने में कोई गलती नहीं की. यह 1974 के बाद विश्व कप में पहला अवसर है जबकि फाइनल में मध्यांतर से पहले तीन गोल हुए.

क्रोएशिया ने दूसरे हाफ में भी आक्रमण की रणनीति अपनाई और फ्रांस को दबाव में रखा. खेल के 48वें मिनट में लुका मोड्रिच ने एंटे रेबिच का गेंद थमाई, जिन्होंने गोल पर अच्छा शॉट जमाया. लेकिन लॉरिस ने बड़ी खूबसूरती से उसे बचा दिया.

लेकिन गोल करना महत्वपूर्ण होता है और इसमें फ्रांस ने फिर से बाजी मारी. दूसरे हाफ में वैसे भी उसकी टीम बदली हुई लग रही थी. खेल के 59वें मिनट में किलियन एम्बाप्पे ने दाएं छोर से गेंद लेकर आगे बढ़े. उन्होंने पोग्बा तक गेंद पहुंचाई जिनका शॉट विडा ने रोक दिया. रिबाउंड पर गेंद फिर से पोग्बा के पास पहुंची जिन्होंने उस पर गोल दाग दिया.

इसके छह मिनट बाद एम्बाप्पे ने ने स्कोर 4-1 कर दिया. उन्होंने बाएं छोर से लुकास हर्नाडेज से मिली गेंद पर नियंत्रण बनाया और फिर 25 गज की दूरी से शॉट जमाकर गोल दाग दिया जिसका विडा और सुबासिच के पास कोई जवाब नहीं था. एम्बाप्पे ने 19 साल, 207 दिन की उम्र में गोल दागा और वह विश्व कप फाइनल में गोल करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए. पेले ने 1958 में 17 साल की उम्र में गोल दागा था.

क्रोएशिया लेकिन हार मानने वाला नहीं था. तीन गोल से पिछड़ने के बावजूद उसका जज्बा देखने लायक था. लेकिन उसने दूसरा गोल फ्रांसीसी गोलकीपर लॉरिस की गलती से किया. उन्होंने तब गेंद को ड्रिबल किया जबकि मांजुकिच पास में थे. क्रोएशियाई फारवर्ड ने उनसे गेंद छीनकर आसानी से उसे गोल में डाल दिया. इसके बाद भी क्रोएशिया ने हार नहीं मानी. उसने कुछ अच्छे प्रयास किए, लेकिन उसके शॉट बाहर चले गए. इस बीच इंजरी टाइम में पोग्बा को अपना दूसरा गोल करने का मौका मिला, लेकिन वह चूक गए.

राज्य सभा को मिले 4 मनोनीत सदस्य, बढ़ा भाजपा का आधार


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोनल मान सिंह, राकेश सिन्हा, राम सकल और रघुनाथ महापात्रा का नाम राज्यसभा के नए सांसद के तौर पर मनोनीत किया है


 

राज्यसभा के लिए राष्ट्रपति ने चार लोगों के नाम को मनोनित किया है. ये चारों लोग अलग-अलग क्षेत्र के हुनरमंद हैं. इनमें राकेश सिन्हा, राम सकल, रघुनाथ महापात्रा और सोनल मान सिंह का नाम शामिल है. संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए और प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति ने इन 4 नामों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है.

आइए जानते हैं इन चारों के बारे में…

राकेश सिन्हा

राकेश सिन्हा दिल्ली यूनिवर्सिटी के मोतीलाल नेहरू कॉलेज में प्रोफेसर हैं और आरएसएस के विचारक हैं. लेकिन राकेश सिन्हा के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1980 में हुई थी. दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ते हुए उन्होंने तय किया कि वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उम्मीदवार के तौर पर छात्र संघ का चुनाव लड़ेंगे. सिन्हा ने एक अच्छा कैंपेन चलाया लेकिन वो जीत नहीं सके.

हिंदू कॉलेज में पढ़ने वाले कम ही छात्र इस प्रकार की महत्वकांक्षा रखते हैं. सिन्हा जब मैदान में थे बिहारी बनाम लोकल का मुद्दा अपने चरम था. ऐसे में उनका चुनाव लड़ने का निर्णय लेना एक महत्वपूर्ण कदम था.

एक छात्र और राजनीतिक की तरफ झुकाव रखने वाले एक छात्र कार्यकर्ता के रूप में की गई उनकी कड़ी मेहनत का फल आने वाले सालों में उन्हें मिलने लगा. वो राइट विंग बुद्धिजीवियों के सबसे प्रसिद्ध चेहरों में से एक बन गए. ऐसा इसलिए नहीं था कि वे आरएसएस और उनके सहयोगियों को अच्छी तरह से जानते थे और उन्होंने आरएसएस संस्थापक केबी हेडगेवार पर अपना पोस्ट ग्रेजुएशन डिजर्टेशन लिखा था. बल्कि उन्होंने वामपंथी विचारधारा और राजनीतिक को समझने के लिए काफी समय और ऊर्जा खर्च की थी.

वाम दलों पर काफी रिसर्च किया है राकेश सिन्हा ने

राकेश सिन्हा ने हार्डकोर राइट विंगर होते हुए भी अपना एमफिल, नागरिक स्वतंत्रता आंदोलन पर करने को चुना. इसके बाद उन्होंने अपने पीएचडी रिसर्च के लिए सीपीआई (एम) के संगठनात्मक और विचाराधारात्मक परिवर्तन को चुना.

उनको पहली बार तब प्रसिद्धि हासिल हुई जब उन्होंने आरएसएस संस्थापक हेडगेवार पर किताब लिखी. इसे उस समय का हेडगेवार पर पहला प्रमाणिक जीवनी कहा गया. सिन्हा ने एक राइट विंग थिंक टैंक, इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन की भी स्थापना की.

एक समय जब आरएसएस अपने काम और दर्शन के बारे में बहुत चुनिंदा या लगभग गुप्त रहता था. यहां तक कि सार्वजनिक मंच पर खुद को बचाने में भी, खासकर समाचार चैनलों पर, तब सिन्हा ने संघ परिवार का अघोषित प्रवक्ता बनने की पहल की.

सिन्हा ने अपने दोस्तों के बीच कभी भी अपनी आकांक्षाओं को गुप्त नहीं रखा. वह खुले तौर पर संसद के ऊपरी सदन में एक सांसद के तौर पर जाने की अपनी बात को कहते थे और इस मंच से बहस करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते थे.

सिन्हा को कई संस्थानों का नेतृत्व करने का प्रस्ताव मिला लेकिन उन्होंने इसे सवीकार नहीं किया. आज सिन्हा यह कह सकते हैं उन्हें जो चाहिए था, वह मिल गया है. इसके लिए वे अपने विचारधारात्मक परिवार का धन्यवाद भी कह सकते हैं.

राम सकल

इनके अलावा, उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले राम सकल किसान नेता हैं. दलित समुदाय के कल्याण और बेहतरी के लिए उन्होंने कई काम किए हैं. वो पूर्व में लगातार 3 बार रॉबर्टसगंज से बीजपी के सांसद भी रह चुके हैं. लेकिन 2004 में उन्हें टिकट नहीं मिला. आरएसएस से मजबूत संबंध रखने वाले राम सकल संघ के जिला प्रचारक थे. टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया. अब जब उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनित किया गया है, तो एक बार फिर भारतीय संसद में जाने के लिए तैयार हैं.

रघुनाथ महापात्रा

रघुनाथ महापात्रा अद्भुत प्रतिभा के धनी हैं. उनकी शिल्पकला का जादू देश में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी माना जाता है. साल 2013 में उन्हें पद्म विभूषण से नवाज़ा गया था. इससे पहले उन्हें पद्म भूषण, शिल्प गुरु अवार्ड जैसे कई समान मिल चुके हैं.

अब तक उन्होंने लगभग 2000 छात्रों को ट्रेनिंग दी है. देश की पारंपरिक शिल्प कला को सहेजने में उनका बहुत बड़ा योगदान है. उनकी कला की खूबसूरती पुरी के जगन्नाथ मंदिर में देखने को मिलती है. उनके कई कामों को देश और विदेश में खूब ख्याति मिली. इसमें से एक संसद के सेंट्रल हॉल में लगी भगवान सूर्य की 6 फीट लंबी प्रतिमा है. उनके द्वारा बनाए गए लकड़ी के बुद्धा को पेरिस के बुद्धा मंदिर में रखा गया है.

सोनल मानसिंह

ओडिसी डांस के प्रमुख प्रदर्शकों में से एक सोनल मानसिंह प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, विचारक, शोधकर्ता, वक्ता, कोरियोग्राफर और शिक्षिका हैं. सोनल मानसिंह ओडिसी के अलावा, भरतनाट्यम में भी माहिर हैं. उन्होंने कई भारतीय पौराणिक कथाओं के माध्यम से कई नृत्य कलाएं बनाई हैं. सोनल मानसिंह को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. इनको 1992 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया और वह सबसे कम उम्र में पद्म भूषण पाने वाली महिला हैं.

PM Narendra Modi Lauds Hima Das For Her Historic IAAF Gold


Hima Das of Assam has become the First Indian Athlete to win a gold medal in a world Championship across all age groups.


Hima Das has done India proud, becoming the first winner on track in the World Under-20 athletics championships in Finland. This is a breakthrough achievement as track events have been the least productive for Indian athletes in recent decades, which have seen tremendous advancements in so many other disciplines. The Assamese teenager may have graduated to proper running shoes with spikes only a couple of years ago, but she has been most impressive in her progressive performances in the 400m event.

Her finishing prowess enabled her to move fluently in the home stretch, putting some distance between herself and her rivals in a time of 51.46 seconds. In beating all comers, including those older than her, Hima suggests she has great potential that raises the prospects of a track medal in world-level IAAF and other competitions. The younger they come out winning, even in age-level events, the better their future should be. A string of sporting accomplishments across disciplines in recent times, including in the Olympics, suggests that Indian sportswomen are getting over their inhibitions and have upped their self-confidence to the extent of being able to produce their best in international venues.

President Kovind Applouds Hima das he tweeted,” Congratulations to our sensational sprint star Hima Das for winning the 400m gold in the World Under-20 Championship. This is India’s first ever track gold in a World Championship. A very proud moment for Assam and India, Hima; now the Olympic podium beckons!”

PM Modi tweeted,”India is delighted and proud of athlete Hima Das, who won a historic Gold in the 400m of World U20 Championships. Congratulations to her! This accomplishment will certainly inspire young athletes in the coming years.”

Ranjay Vardhan Rathod said,”Hima Das creates history by winning Gold medal in 400m of World U20 Championships. She is 1st Indian athlete to win Gold in track event of U-20 World Championships. You have made 🇮🇳 proud.

 

ASSAM CM Sarbananda Sonowal also lauded ‘Assam’s Sprint Sensation’.

Congratulations to Hima Das for winning Women’s 400m Gold at @iaaforg World U20 Athletics Championship in Finland. Assam’s sprint sensation has scripted history by becoming the first Indian athlete to do so in a track event.

Keep on believing & keep on making the nation proud!

 

her family may have not seen her gold medal bit it is not a surprise to them

Novel malaria vaccine may offer treatment hope

 

New York, July 14, 2018: Researchers have developed a vaccine that protects against malaria infection in mouse models by targeting the specific protein that parasites use to evade the immune system.

Malaria parasites produce a unique protein, named Plasmodium macrophage migration inhibitory factor (PMIF), crucial to the life cycle of the parasite, as it ensures transmission through to new hosts.

This PMIF suppresses memory T cells — the infection-fighting cells that respond to threats and protect the body against re-infection.

The study, published in the journal Nature Communications, demonstrates the effectiveness of the anti-PMIF vaccine.

“If you vaccinate with this specific protein used by the malaria parasite to evade an immune response, you can elicit protection against re-infection,” said Richard Bucala, from Yale University in Connecticut, US.

“To our knowledge, this has never been shown using a single antigen in fulminant blood-stage infection,” Bucala added.

In the study, the team tested a RNA-based vaccine designed to target PMIF. They used a strain of the malaria parasite with PMIF genetically deleted, and observed that mice infected with that strain developed memory T cells and showed stronger anti-parasite immunity.

Further, the research team used two mouse models of malaria to test the effectiveness of a vaccine using PMIF.

One model had early-stage liver infection from parasites carried by mosquitoes, and the other, a severe, late-stage blood infection. In both models, the vaccine protected against re-infection.

Finally, the researchers transferred memory T cells from the immunized mice to “naive” mice never exposed to malaria. Those mice were also protected.

The researchers next plan to develop a vaccine for individuals who have never had malaria, primarily young children.

“The vaccine would be used in children so that they would already have an immune response to this particular malaria product, and when they became infected with malaria, they would have a normal T cell response, clear the parasite, and be protected from future infection,” Bucala said.

The new telecom policy may attract an investment of $100 billion in the digital communications sector

 

The Telecom Commission on Wednesday approved the new telecom policy and the recommendations on net neutrality, according to sources.

The new telecom policy aimed at attracting an investment of $100 billion in the digital communications sector is likely to be in place by July 2018, Communications Minister Manoj Sinha had said on June 12.

The government on May 1 had released the draft National Telecom Policy 2018 to reform the licencing and regulatory regime and promote the ease of doing business.

The draft National Digital Communications Policy focuses on provisioning of broadband for all, creating four million additional jobs and enhancing the contribution of the sector to 8 per cent of India’s GDP from around 6 per cent in 2017.

It also plans to propel India to the Top 50 nations in the ICT Development Index of International Telecommunication Union from 134 in 2017, enhancing the country’s contribution to global value chains and ensuring digital sovereignty.

The Telecom Commission also approved the recommendations made by the Telecom Regulatory Authority of India on the country’s position on net neutrality.

The sector regulator had backed the principles of a free and open Internet and prohibited discriminatory treatment of content.

“Auckland’s Top Model” by Royal International Events organised

Royal International Events is a brand launched by Shabeena Shaheen & Shaayal Gounden who brings you Auckland’s Top Model. A modelling competition like no other. A first ever modelling competition to be held in Auckland.Our top finalists will be given proper training and face different rounds. Our final round will be held on the 8th of September 2018 where all our finalists will showcase designer outfits. They will be judged throughout all their rounds and a final judgement will be made on the 8th of September where our Auckland’s Top Model 2018 overall winner, 1st runner up, 2nd runner up and most popular model will be announced which will be done by votes & Facebook support.

Tom Tom Bar & Eatery, Auckland City

Final event venue is Tom Tom Bar & Eatery in Auckland City.

Tonight 7th of July 2018 our Top 21 Finalists will be officially sashed as Auckland’s Top Model finalists of 2018 batch. A cake cutting ceremony done by Shabeena shaheen & Shaayal Gounden as they launch their brand, followed by a beautiful Indian fusion dance performance. Shabeena shaheen who was also crowned as Auckland’s Top Model Ambassador 2018.

Shaayal Gounden who was crowned world Supermodel Asia Pacific 2018. What n night it was , a turn out of nearly 200 people at the beautiful venue at Naumi Auckland Airport Hotel ! Everyone had an amazing time.

Nancy Nair currently a finalist for MRS Global earth Elite going to be held in Las Vegas. Nancy has been a finalist in a few paegents ranging from 2006-2018 whereby she has won MRS india Fiji, MRS Nz 1st runner up and miss personality Mrs India NZ 2006. Nancy believes in women empowerment and equally shares a passion for motivating youth especially the young girls in the community to work towards their goals and aspirations to better themselves in which ever way they suit fit to their lives.nancy will be doing a public speaking workshop for the top model finalist.

 

यूएन द्वारा दी गयी कश्मीर की रिपोर्ट पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित थी


बंगश ने स्वीकार किया है कि जायद को रिपोर्ट देने से पहले उन्होंने इस्लामाबाद में पाकिस्तानी अधिकारियों से बात की थी और लॉबिंग की थी


कनाडा में रहने वाले एक पाकिस्तानी इस्लामिस्ट ने खुलासा किया है कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा कश्मीर पर दी गई रिपोर्ट को बनाने वाले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के प्रमुख जाएद राद अल हुसैन के साथ वे संपर्क में थे. पाकिस्तान मूल के कनैडियाई नागरिक जफर बंगश ने कहा कि कश्मीर पर यूएन की रिपोर्ट को बनाने में हमारी भी भूमिका है. मैं मानवाधिकार आयोग के प्रमुख के साथ व्यक्तिगत तौर से संपर्क में था जहां उन्हें किसी जानकारी की जरूरत थी. वे नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ के हालातों के बारे में जानकारी चाहते थे. जफर बंगश यार्क क्षेत्र के मस्जिद के इमाम हैं.

बंगश ने स्वीकार किया है कि जायद को रिपोर्ट देने से पहले उन्होंने इस्लामाबाद में पाकिस्तानी अधिकारियों से बात की थी और लॉबिंग की थी. उन्होंने बताया  कि जायद को रिपोर्ट देने से पहले उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया से बात की थी. उन्होंने खुलासा किया कि कश्मीर के हमारे दोस्तों का भी इस रिपोर्ट को तैयार करने में रोल है.

भारत पहले ही यूएन की इस रिपोर्ट को गलत बताकर इसे खारिज कर चुका है.

Iran will end “special privileges” for India: Iranian diplomat

 

 

 

Iran will end “special privileges” for India if New Delhi tried to replace Iranian crude with supplies from Saudi Arabia, Russia, and the United States, said a senior Iranian diplomat in New Delhi on July 10.

Speaking at an event organised by the All India Minorities Front at the Parliament annexe, Massoud Rezvanian Rahaghi said that Iran had tried to help India whenever possible on strategic issues like energy and connectivity, but argued that India’s investment promises in the port of Chabahar have not been delivered.

“In previous round of U.S. sanctions between 2012 to 2015, Iran did its best to ensure security of oil supply to India. …However, if India were to replace Iran with countries like Saudi Arabia, Russia, Iraq, U.S. and others for the 10% of its oil demand then it may have to revert to dollar-denominated imports which mean higher CAD and deprivation of all other privileges Iran has offered to India,” Mr. Rahaghi said.

The Iranian response comes days after India was asked by the Donald Trump administration to drastically cut down crude supply from Iran. India has not spelt out how it would address the concerns of the U.S. government. The Ministry of External Affairs has maintained that Delhi would consult “all stakeholders” in ensuring energy security.

The Iranian official said that Iran remained an open market for Indian requirements like petroleum, , urea and LNG and Iran understood India’s energy requirements.

Mr. Rahaghi also spoke about the impact of U.S. withdrawal from the Iran nuclear deal, also known as Joint Comprehensive Plan of Action (JCPOA), and argued that unilateralism by the U.S. was imposing a heavy cost on the world. He cautioned that a conflict in the Gulf region would “drive up” the price of crude oil and impact growing powers like India and China.

Mr. Rahaghi said that Iran came as a “blessing” to India in New Delhi’s quest to access the markets of the emerging economies in the Central Asian region but hinted that Tehran is not satisfied with India’s investment levels in the Chabahar port.

“…It’s unfortunate that Indian investment promises for expansion of Chabahar port and its connectivity projects have not been accomplished so far, and it is expected that India take immediately necessary measures in this regard if its cooperation and engagement in Chabahar port is really of strategic nature,” said the Iranian diplomat.

Iran reserved the right to act in response to U.S. measures. “Iran and Syria are winning against terrorism and some of these forces are now coming to Afghanistan,” he said while asking regional powers to remain vigilant of spill over effects from the wars in West Asian region.

मेक इन इंडिया के तहत सैमसंग भारत में लाये दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फ़ैक्टरि


पढ़िए दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री का उद्धघाटन करते वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा


सोमवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से सटे नोएडा पहुंंचे. नोएडा में दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री का उद्धघाटन करने पहुंचे मोदी ने लोगों को संबोधित भी किया. पढ़िए उनके भाषण की पांच मुख्य बातें.

–  पांच हज़ार करोड़ रुपए का ये निवेश ना सिर्फ सैमसंग के भारत में व्यापारिक रिश्तों को मजबूत बनाएगा, बल्कि भारत और कोरिया के संबंधों के लिए भी अहम सिद्ध होगा.

–  पीएम मोदी ने कहा, पिछले चार वर्षों में फैक्ट्रियों की संख्या 2 से बढ़कर 120 हो गई हैं, जिसमें 50 से ज्यादा तो यहां नोएडा में ही हैं. इससे 4 लाख से अधिक नौजवानों को सीधा रोजगार मिला है.

–  आज भारत में लगभग 40 करोड़ स्मार्टफोन उपयोग में है, 32 करोड़ लोग ब्रॉडबैंड इस्तेमाल कर रहे हैं. बहुत कम दर पर इंटरनेट डेटा उपलब्ध है, देश की एक लाख से अधिक ग्राम पंचायतों तक फाइबर नेटवर्क पहुंच चुका है. ये सारी बातें, देश में हो रही डिजिटल क्रांति का संकेत हैं.

–  पीएम मोदी ने कहा, सस्ते डेटा और सस्ते स्मार्टफोन से बिजली-पानी का बिल भरना, स्कूल-कॉलेज में एडमिशन, PF हो या पेंशन, लगभग हर सुविधा ऑनलाइन मिल रही है.

–  नरेंद्र मोदी ने कहा, मुझे प्रसन्नता है कि इस पहल को आज दुनियाभर से सहयोग मिल रहा है. मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग की बात करें तो आज भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है.

अन्तरिक्ष में भारत के खिलाफ पाकिस्तान की आँख बन रहा चीन


उपग्रह पीआरएसएस-1 और पाकटीईएस-1 ए को पश्चिमोत्तर चीन में जिउकान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से पूर्वाह्न 11 बजकर 56 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया.


चीन ने पाकिस्तान के लिए सोमवार को दो दूर संवेदी उपग्रहों का प्रक्षेपण किया. तकरीबन 19 साल के दौरान लॉन्ग मार्च -2 सी रॉकेट का यह पहला अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक प्रक्षेपण है.

उपग्रह पीआरएसएस-1 और पाकटीईएस-1 ए को पश्चिमोत्तर चीन में जिउकान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से पूर्वाह्न 11 बजकर 56 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया.

पीआरएसएस -1 पाकिस्तान को बेचा गया चीन का पहला ऑप्टिकल रिमोट सेंसिंग उपग्रह है और किसी विदेशी खरीदार के लिये चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी (सीएएसटी) द्वारा विकसित 17 वां उपग्रह है.

पाकिस्तान द्वारा विकसित वैज्ञानिक प्रयोग उपग्रह पाकटीईएस-1 ए को उसी रॉकेट से उसकी कक्षा में भेजा गया. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त 2011 में संचार उपग्रह पाकसैट -1 आर के प्रक्षेपण के बाद से चीन और पाकिस्तान के बीच एक और अंतरिक्ष सहयोग हुआ है.

पीआरएसएस-1 का इस्तेमाल जमीन और संसाधन के सर्वेक्षण, प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी, कृषि अनुसंधान, शहरी निर्माण और सीमा एवं सड़क क्षेत्र के लिए रिमोट सेंसिंग सूचना उपलब्ध कराने के लिए किया जायेगा.

सोमवार का यह प्रक्षेपण लॉन्ग मार्च रॉकेट श्रृंखला का 279 वां अभियान और करीब दो दशक के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक प्रक्षेपण है. 1999 में इसने मोटोरोला के इरिडियम उपग्रह का प्रक्षेपण किया था.