यूसुफ ने 20 साल पहले भारतीय विमान हाईजैक किया था, उसी का कैम्प तबाह

नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जिस आतंकी कैम्प को निशाना बनाया, उसे जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार अजहर यूसुफ उर्फ उस्ताद गोरी चलाता था। यूसुफ ने ही मसूद के भाई इब्राहिम अजहर के साथ मिलकर 1999 में इंडियन एयरलाइन्स का विमान काठमांडो एयरपोर्ट से हाईजैक किया था। इस विमान को ये आतंकी अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे। 176 यात्रियों की सुरक्षा के बदले भारत को मसूद अजहर समेत आतंकियों को रिहा करना पड़ा था। 25 ट्रेनर समेत 350 आतंकी मारे गए

पुलवामा हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ यह कार्रवाई मंगलवार तड़के 3:50 बजे की। 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने बालाकोट में 15 मिनट में 6 बम बरसाए। इसमें फिदायीन हमलों के 25 ट्रेनर समेत 350 आतंकी मारे गए।कैम्प में फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं मौजूद थीं। बालाकोट एबटाबाद के पास है और एलओसी से करीब 80 किलोमीटर दूर है। एबटाबाद में ही अमेरिकी सेना ने अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मारा था।

इस कैम्प में आतंकियों को जंग लड़ने की ट्रेनिंग दी जाती थी। पाक आर्मी के पूर्व अफसर ट्रेनर होते थे। इसमें मसूद अजहर आतंकियों को जिहाद के लिए उकसाता था। इसमें आतंकियों को आधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती थी। जैश से पहले इस कैम्प का इस्तेमाल आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन करता था।

 खुफिया जानकारी के आधार पर भारत ने हमला किया जब वायुसेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की, तब ट्रेनिंग कैम्प में मौजूद सभी आतंकी सो रहे थे। पाकिस्तान एजेंसियों को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि देश के अंदर कोई हमला होगा। उन्हें एलओसी के पास पीओके स्थित कैम्पों पर सर्जिकल स्ट्राइक का शक था। 

भारत को खुफिया जानकारी मिली थी कि जैश ने बड़ी संख्या में आतंकियों और ट्रेनरों को बालाकोट स्थित कैम्प में शिफ्ट किया है। इस कैम्प में 500-700 लोगों के रहने की व्यवस्था थी। किसी रिजॉर्ट की तरह बने इस कैम्प में स्वीमिंग पूल से लेकर खाने तक की सारी व्यवस्था थी।वायुसेना ने इस हमले में जैश के चीफ मसूद अजहर के साले अजहर यूसुफ और इब्राहिम अजहर को निशाना बनाया। यूसुफ के खिलाफ 2000 में इंटरपोल ने लुक आउट नोटिस जारी किया था।

हमले में मारे गये मसूद अजहर के भाई

कराची में जन्‍मे यूसुफ पर अपहरण, हाइजैकिंग और हत्‍या समेत कई मामले चल रहे हैं

नई दिल्‍ली: जब वायुसेना ने एलओसी पारकर पीओके के 80 किमी भीतर बालाकोट में हमला किया तो सूत्रों के मुताबिक वहां जैश-ए-मोहम्‍मद (JeM) के सरगना मसूद अजहर का करीबी रिश्‍तेदार यूसुफ अजहर भी मौजूद था. कहा जा रहा है कि इस हमले में वह भी मारा गया. यूसुफ अजहर इंटरपोल के वांछित अपराधियों की सूची में है. कराची में जन्‍मे यूसुफ पर अपहरण, हाइजैकिंग और हत्‍या समेत कई मामले चल रहे हैं. मरने वालों में दुसरे मुख्या नाम हैं:

  • मौलाना अम्मार – जैश का शीर्ष कमांडर
  • ताल्हा सैफ – मसूद अजहर का भाई
  • अजहर खान – जैश का शीर्ष कमांडर
  • इब्राहीम अजहर – C – 814 का highjacker

इस बीच भारतीय वायुसेना की कार्रवाई की गूंज पाकिस्‍तानी संसद में भी सुनाई दी. पाक संसद में कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान की नीतियों पर सवालिया उठाते हुए विपक्षी सांसदों ने ‘इमरान खान-शर्म करो, शर्म करो’ के नारे लगे. पाकिस्‍तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विपक्षी सांसदों ने इस मसले पर संसद के संयुक्‍त सत्र को बुलाने की मांग की है. 

इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को कहा कि भारत ने हमारी सीमा में घुसकर हमला किया है. पाकिस्तान ने कहा कि नियंत्रण रेखा का उल्लंघन कर भारत ने ‘उकसावे’ की कार्रवाई की है और इस्लामाबाद को ‘‘जवाब देने का हक है.’’ भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों द्वारा मंगलवार तड़के नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर की गई बमबारी के बाद कुरैशी ने यह बयान दिया है. सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हालात पर चर्चा करने के लिए महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की है.

भारत द्वारा यह हवाई हमला जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के 12 दिन बाद किया गया है. पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के हमले में 40 जवान शहीद हुए थे. इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा कि भारत ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया है और पाकिस्तान को जवाब देने का हक है.

विदेश मंत्रालय में विचार-विमर्श के लिए आयोजित उच्चाधिकारियों की ‘आपात बैठक’ के बाद कुरैशी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहले तो उन्होंने आज पाकिस्तान के खिलाफ उकसावे की कार्रवाई की. यह नियंत्रण रेखा का उल्लंघन है. मैं इसे नियंत्रण रेखा का उल्लंघन मानता हूं और पाकिस्तान को आत्मरक्षा के लिए समुचित जवाब देने का हक है.’’  विदेश मंत्रालय में बैठक के बाद कुरैशी ने प्रधानमंत्री खान को इसकी जानकारी दी. इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारतीय वायुसेना ने मुजफ्फराबाद सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) का उल्लंघन किया है.

पाक सेना की मीडिया शाखा अंतर-सेवा जन संपर्क (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया है, ‘‘भारतीय वायुसेना के विमान मुजफ्फराबाद सेक्टर से घुसे. पाकिस्तानी वायुसेना की ओर से समय पर और प्रभावी जवाब मिलने के बाद वह जल्दबाजी में अपने बम गिरा कर बालाकोट के करीब से बाहर निकल गए. जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है.’’  उन्होंने लिखा है, ‘‘भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया है. पाकिस्तानी वायुसेना ने तुरंत जवाब दिया. भारतीय विमान लौट गए.’’ 

घंटों बाद आईएसपीआर ने कहा कि भारतीय विमान मुजफ्फराबाद सेक्टर में नियंत्रण रेखा के भीतर पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में सिर्फ तीन-चार मील ही अंदर घुसे थे. आईएसपीआर का कहना है, ‘‘जल्दबाजी में वापस लौटते हुए विमानों ने बम गिराए जो खाली मैदानों में गिरे. किसी अवसंरचना को नुकसान नहीं पहुंचा है. कोई हताहत नहीं हुआ है. तकनीकी जानकारी और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं जल्दी ही मिलेंगी.’’ 

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख नेता सीनेटर शेरी रहमान ने कहा कि भारत द्वारा नियंत्रण रेखा का उल्लंघन ‘गलत कदम है’’. उन्होंने कहा कि ऐसे कदमों से क्षेत्र में गुस्से के जरिए अशांति बढ़ेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनावी बिगुल बातचीत के विकल्प को नुकसान पहुंचा रहा है. भारत की सत्तारूढ़ पार्टी को युद्ध की ओर कदम बढ़ाने के अलावा चुनाव जीतने का और कोई तरीका नजर नहीं आ रहा है. इस बीच पाकिस्तानी मीडिया में खबरें आ रही हैं कि भारत सरकार ने घरेलू दबाव में आकर यह सांकेतिक हमला किया है. प्रधानमंत्री इमरान खान ने अभी तक इस मसले पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

पाकिस्तान पर हमले से तिलमिलाए घाटी के नेता

  • पाकिस्तान परस्त अलगाववादी महबूबा मुफ़्ती, सोज़ और अब्दुल्लाह खान दान काफी तिलमिला गये हैं. ‘ मोदी क्या कर लेगा’ / ‘इमरान विचार करेंगे’ यही फर्क है सोच में
  • ‘अब पीएम इमरान खान इस पर विचार करेंगे कि ‘पाकिस्तान जबाव दे या नहीं. देखना यह है कि वह किस तरह की प्रतिक्रिया देंगे? कहां प्रतिक्रिया देंगे? क्या भारत पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर करारा जवाब देगा.’ ओमर अब्दुल्लाह

भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के पाकिस्तान के क्षेत्र में अंदर जाकर आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने के बाद कश्मीर में मंगलवार को तनाव की स्थिति पैदा हो गई.

पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में भारतीय वायुसेना द्वारा आज तड़के किए गए हमले को लेकर श्रीनगर और घाटी के अन्य बड़े शहरों के निवासियों को छोटे छोटे समूहों में बातचीत करते हुए देखा गया.

भारत और पाकिस्तान के बीच सभी युद्धों को देखने वाले अब्दुल गनी डार (80) ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि यह यहीं समाप्त हो जाएगा और इसमें वृद्धि नहीं होगी. यदि शत्रुता में वृद्धि होती है तो इससे नियंत्रण रेखा के दोनों ओर रह रहे लोग सबसे अधिक प्रभावित और पीड़ित होंगे.’

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित कई लोगों ने दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच एक पूर्ण युद्ध की संभावना को लेकर सोशल मीडिया पर अपना डर व्यक्त किया है.

अब्दुल्ला ने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है, ‘अब पीएम इमरान खान इस पर विचार करेंगे कि ‘पाकिस्तान जबाव दे या नहीं. देखना यह है कि वह किस तरह की प्रतिक्रिया देंगे? कहां प्रतिक्रिया देंगे? क्या भारत पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर करारा जवाब देगा.’

सरकार ने पिछले सप्ताह अलगाववादियों और जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर कैडर पर कारवाई शुरू की थी जिसके बाद कश्मीर के निवासियों ने जरूरत का सामान जमा करना शुरू कर दिया.

घाटी में अर्द्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती के बाद यह कार्रवाई हुई है.

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को लोगों की इस आशंका को दरकिनार कर दिया था कि यह मात्र चुनाव से जुड़ी कार्रवाई है और उन्हें दहशत में आने की जरूरत नहीं है.

इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि एनआईए ने कुछ शीर्ष अलगावादी नेताओं और उनके प्रति सहानुभूति रखने वालों के घरों पर छापेमारी के बाद सुरक्षा बलों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है.

अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि छापेमारी के विरोध में प्रदर्शन होंगे जिसके कारण शहर के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.

बॉलीवुड सितारों ने वायु सेना को दी बधाई

नई दिल्लीः इंडियन एयर फोर्स ने मंगलवार सुबह पीओके में घुसकर कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है. पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से यह पहला एक्शन माना जा रहा है. सूत्रों के अनुसार भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में चल रहे आतंकी कैंपों को निशाना बनाते हुए बमबारी की. इंडियन एयर फोर्स के 12 मिराज 2000 विमानों ने जैश के आंतकी ठिकानों पर 1000 किलों से ज्यादा विस्फोटक गिराए. पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 से ज्यादा भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद से ही लोगों में आंतकियों के खिलाफ काफी नाराजगी थी.

सुबह 03.30 बजे की गई बमबारी
खबरों की मानें तो इंडियन एयर फोर्स ने आज सुबह 03.30 बजे ये बमबारी की. इंडियन एयर फोर्स ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pok) में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह कर दिया है. इंडियन एयर फोर्स की इस कार्रवाई के बाद अब बॉलीवुड का रिएक्शन भी सामने आने लगा है. पीओके में इंडियन एयर फोर्स द्वारा की गई कार्रवाई की खबर आते ही अजय देवगन, अनुपम खेर और परेश रावल ने ट्वीट कर पीएम नरेंद्र मोदी को शुक्रिया कहा. आइए अब देखते हैं किसने क्या ट्वीट किया-

वहीं, दूसरी और पुलवामा हमले के बाद हुई इस कार्रवाई को पाकिस्तान ने भी स्वीकार कर लिया है. पाकिस्तानी सेना ने स्वीकारा है कि भारतीय वायुसेना ने पीओके में दाखिल होकर कार्रवाई की है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफ्फूर ने दावा किया कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने लाइन ऑफ कंट्रोल का उल्लंघन किया है. पाक सेना के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘भारतीय वायुसेना ने एलओसी का उल्लंघन किया. हमने तुरंत जवाब दिया, जिसके बाद भारतीय वायुसेना के विमान वापस अपनी सीमा में लौट गए.

सेना का इंतकाम मंगल को आतंक की बारहवीं

हमले के बाद का नज़ारा

नई दिल्लीः भारतीय वायुसेना ने मंगलवार को पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में घुसकर कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है. भारत ने PoK में चल रहे आतंकी कैंपों को निशाना बनाते हुए भारतीय वायुसेना के विमानों से बमबारी की. सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस ऑपरेशन को भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 विमानों ने अंजाम दिया. वायुसेना के मिराज 2000 ने पीओके में घुसकर जैश ए मोहम्मद के आंतकी ठिकानों पर 1000 किलों से ज्यादा के बम गिराए. इस हमले में जैश के कई आतंकी ठिकाने और लॉन्च पैड तबाह हुए है.

खबर है कि 3 जगहों पर भारतीय वायुसेना ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जैश के 12 ठिकानों को तबाह किया है. ऐसा बताया जा रहा है कि पीओके में बालाकोट, चकोटी और मुजफ्फराबाद में आतंकी कैंप तबाह किए गए है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोवाल ने पीएम मोदी को इस हमले की पूरी जानकारी दी है. पीएमओ में गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और एनएसए के साथ बैठक जारी है.

भारतीय वायुसेना ने ये सर्जिकल स्ट्राइक आज सुबह 03.30 बजे की. भारतीय वायुसेना ने जैश ए मोहम्मद के कई ठिकानों को तबाह कर दिया है. बता दें कि पीएम मोदी ने पुलवामा हमले के 24 घंटे के अंदर बड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया गया था. पुलवामा हमले के बाद हुई इस कार्रवाई को पाकिस्तान ने स्वीकार कर लिया है.

पाकिस्तानी सेना ने माना है कि भारतीय वायुसेना पीओके में दाखिल हुई है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफ्फूर ने दावा किया कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने लाइन ऑफ कंट्रोल का उल्लंघन किया है. पाक सेना के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘भारतीय वायुसेना ने एलओसी का उल्लंघन किया. हमने तुरंत जवाब दिया, जिसके बाद भारतीय वायुसेना के विमान वापस अपनी सीमा में लौट गए.’

इसके बाद एक अन्य ट्वीट में गफ्फूर लिखा.’भारतीय वायुसेना ने मुजफ्फराबाद सेक्टर से घुसने की कोशिश की, समय रहते ही पाकिस्तान एयरफोर्स ने जवाबी कार्रवाई की. जिसके बाद वह बालकोट की तरफ वापस लौट गया. किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है.’ गफ्फूर ने इस हमले में हुई तबाही की तस्वीर भी शेयर की. 

पुलवामा हमले के बाद पीएम मोदी ने कहा था, ‘शहादत का बदला लेने के लिए सुरक्षाबलों को दी गई छूट’
पीएम मोदी ने कहा था कि पुलवामा में वीर शहीद हुए जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए सुरक्षाबलों को पूरी आजादी दे दी गई है. उन्होंने कहा था कि हमले से पूरे देश में आक्रोश है, इस समय लोगों का खून खौल रहा है. लेकिन देश की जनता को सेना के शौर्य पर पूरा भरोसा है. गुनहगारों को उनके किए की सजा अवश्य मिलेगी. भारत आतंक के खिलाफ अपनी लड़ाई को और भी तेज करेगा. 

पीएम मोदी ने कहा था कि मैं आतंकी संगठनों को और उनके सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि वो बहुत बड़ी गलती कर गए हैं. पूरे विश्व में अलग-थलग पड़ चुका हमारा पड़ोसी देश अगर ये समझता है कि जैसे घृणा वाले काम वह कर रहा है और जिस तरह की साजिशें रच रहा है, उससे वह हमारे देश में अस्थिरता पैदा करने में सफल हो जाएगा, तो वो बहुत बड़ी भूल कर रहा है.

पीएम मोदी ने कहा था कि ऐसे हमलों का भारत डटकर मुकाबला करेगा. सारी दुनिया आज हमारे साथ खड़ी है, किसी भी हालत में हम रुकने वाले नहीं हैं. मैं पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. उन्होंने देश की सेवा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए हैं. दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं, उनके परिवारों के साथ हैं.

पीएम ने कहा था कि जो हमारी आलोचना कर रहे हैं, उनकी भावनाओं को भी मैं समझ रहा हूं. उनका पूरा अधिकार है. मेरा सभी साथियों से अनुरोध है कि, ये बहुत ही संवेदनशील और भावुक समय है, इसलिए राजनीतिक छींटाकशी से दूर रहें. यह समय एक साथ मिलकर लड़ने का है. 

जांच रोकने की अर्ज़ी और चुनाव लड़ने की मर्ज़ी के पीछे की मंशा

सारिका तिवारी॰
25 फरवरी, 2019:

इसके एक दिन पहले ही वाड्रा ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए संकेत दिया था कि वह राजनीति से जुड़ने पर विचार कर रहे हैं.
कुछ ही दिन में आचार संहिता लागू होने वाली है और उनके नामांक्न भरने के बाद कोई भी जांच एजन्सि उनसे चुनाव तक पूछ ताछ नहीं कर पाएगी
ईडी ने धन शोधन से जुड़े एक मामले में पिछले साल वाड्रा के कार्यालय में छापेमारी कर ये दस्तावेज जब्त किए थे.

अदालत ने मनी लॉड्रिंग के मामले में पूछ ताछ पर फिलहाल रोक लगाने की याचिका खारिज करते हुये  रॉबर्ट वाड्रा को कल यानि  मंगलवार से ईडी के सामने पेश होने के निर्देश देते हुए जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है.

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि vadra कांग्रेस कि ओर से मुरादाबाद से संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं शायद इसीलिए अदालत मे उन्होने पूछ ताछ रोकने के लिए याचिका दी थी क्योकि कुछ ही दिन में आचार संहिता लागू होने वाली है और उनके नामांक्न भरने के बाद कोई भी जांच एजन्सि उनसे चुनाव तक पूछ ताछ नहीं कर पाएगी।

पिछले दिनों वाड्रा ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए संकेत दिया था कि वह राजनीति से जुड़ने पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने लिखा कि वर्षों की सीख और अनुभव यूं बेकार नहीं जाना चाहिए और इसे बेहतर इस्तेमाल में लाया जाना चाहिए. उन्होंने आगे लिखा कि, ‘देश के विभिन्न हिस्सों में वर्षों और महीनों तक काम करते हुए मुझे उन लोगों के लिए खास कर यूपी में और अधिक काम करने का एहसास हुआ, जहां मेरी छोटी सी कोशिश बहुत से परिवर्तन कर सकती है. मैंने इन जगहों पर सच्चा प्यार, स्नेह और सम्मान प्राप्त किया जो मुझे बहुत विनम्रतापूर्वक मिला.’

प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में उतरने के बाद अब उनके पति रॉबर्ड वाड्रा से पोस्टर के जरिये अपील की जा रही है कि वो राजनीति में उतरने की गुजारिश की जा रही है. पोस्टर में वाड्रा के मुरादाबाद लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए कहा जा रहा है. इस पोस्टर में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भी तस्वीरें लगी हुई हैं. राजनीति में उतरने के बारे में बात करते हुए एक न्यूज एजेंसी से रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि पहले वो अपने ऊपर लगे बेकार के आरोपों से बरी हो जाएं. उन्होंने कहा कि वो इस दिशा में काम करना शुरू कर चुके हैं. जल्दबाजी नहीं है. लोगों को लगता है कि मैं बदलाव ला सकता हूं.

विशेष न्यायाधीश अरविन्द कुमार ने कहा कि सोमवार को ईडी को निर्देश दिया कि वाड्रा को उनके कार्यालय से पिछले साल जब्त किए गए दस्तावेजों की प्रति पांच दिन के भीतर मुहैया कराए. अदालत ने ईडी की जांच रोकने का निर्देश देने का अनुरोध करनेवाली याचिका पर सुनवाई के लिए अगली तारीख दो मार्च तय की है. वाड्रा ने शनिवार को अदालत में अर्जी देकर कहा था कि ईडी जब्त दस्तावेजों के आधार पर उनसे पूछताछ कर रहा है, इसलिए उन्हें सब दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराई जानी चाहिए. एजेंसी ने सात दिसंबर, 2018 को दिल्ली में वाड्रा के कार्यालयों पर छापा मारा था.

ईडी ने धन शोधन से जुड़े एक मामले में पिछले साल वाड्रा के कार्यालय में छापेमारी कर ये दस्तावेज जब्त किए थे. गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा और प्रियंका गांधी के पति वाड्रा विदेशों में संपत्तियों की कथित खरीद और राजस्थान के बीकानेर में कथित जमीन घोटाला मामलों में आरोपी हैं. 

वाड्रा पर आरोप है कि उन्होंने 19 लाख ब्रिटिश पाउंड मूल्य की संपत्ति लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्क्वॉयर इलाके में धनशोधन के जरिए खरीदी है. जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि उसे ऐसी सूचना मिली है कि लंदन में वाड्रा की अनेक नयी संपत्तियां हैं. इनमें दो घर भी हैं, जिनमें एक का मूल्य 50 लाख और दूसरे का 40 लाख ब्रिटिश पाउंड है. इसके अलावा उनके छह अन्य घर और अन्य संपत्तियां हैं. वाड्रा पर आरोप है कि उन्होंने 19 लाख पाउंड की ब्रिटिश संपत्ति खरीदी है. ये संपत्ति लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्क्वॉयर इलाके में मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए खरीदी गई है.

रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा को हाल ही में कांग्रेस ने महासचिव नियुक्त किया है. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश का जिम्मा सौंपा है. वहीं वाड्रा से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इन दिनों पूछताछ कर रही है. वाड्रा ने खुद पर लगे इन इल्जामों को बेवजह बताया है. उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने धीरे-धीरे महसूस किया कि इन आरोपों में कोई भी सच्चाई नहीं है.

पाकिस्तान के आईसीसी से निष्कासन की तैयारी मे बीसीसीआई

हाल ही में पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले में भारत के दर्जनों जवानों की शहादत के बाद इसी साल इंग्लैंड में होने वाले क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत पाकिस्तान मुकाबला के बहिष्कार का मांग लगातार जोर पकड़ती जा रही है. अब खबर आई है कि बीसीसीआई ने एक चिट्ठी तैयार की है जिसमें आईसीसी से क्रिकेट के इस महाकुंभ से पाकिस्तान को बैन करने की मांग की जाएगी और ऐसा ना होने की सूरत में बीसीसीआई यानी टीम इंडिया वर्ल्ड का हिस्सा नहीं होगी.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी ने इस खत का मजमून तैयार कर लिया है और इसे बोर्ड को चला रही सीओए के चीफ विनोद राय की मंजूरी भी हासिल हो चुकी है. इसे गुरुवार को आआईसीसी के चेयरमेन शशांक मनोहर को भेजा जा सकता है लेकिन उससे पहले कानूनी सलाह ली जाएगी.

भारत और पाकिस्तान के बीच 16 जून का वर्ल्ड कप का मुकाबला खेला जाएगा. इस टूर्नामेंट में कुल 10 टीमें भाग लेंगी.

भारत और पाकिस्तान के बीच आईसीसी विश्व कप में होने वाले मैच के बहिष्कार की मांग के बीच मैनचेस्टर में 16 जून को होने वाले इस मैच का जलवा प्रशंसकों के बीच बरकरार है. ओल्ड ट्रैफर्ड में 25000 दर्शकों की क्षमता के बावजूद टिकटों के लिए 400000 से अधिक लोगों ने आवेदन किया है.

For Pakistan, it’s time to stop the bluster and inject some sober reality into statements.

If it wasn’t such a dangerous situation, the statements coming thick and fast from Pakistan would be hilarious and perplexing. Pakistan prime minister Imran Khan is his speech aimed mostly at the international community and his domestic audience — leaning forward at each word and gesture — prof-erred advice to India on Kashmir, and promised to take immediate action if India provided ‘actionable’ intelligence on the involvement of Pakistan in the Pulwama attacks.

According to Khan, this was a “Naya” Pakistan that would act differently. To most watchers, however, it seemed remarkably like the same old Pakistan, protesting too much and doing precious little. Yes, the Pakistan prime minister is considerably better looking than that poor Nawaz Sharif, now showing his age as he battles multiple cases. But that’s about all.

File picture of Imran Khan
File picture of Imran Khan.

To an ignorant observer, Imran’s speech would have seemed to be entirely sincere, especially when he asked what Pakistan had to gain from an attack at a time when it was seeking financial assistance from one and all. The observer, however uninformed, would only have to type in “Jaish-e-Mohammed” into a search engine to get all the details of the outfit’s huge buildings and campuses in Bahawalpur in the province of Punjab.

Thereafter if interested, he or she could also access an interesting input. Recent reports amply demonstrate Jaish-e-Mohammed chief’s threats against Kashmir, and Pulwama specifically, during a rally on 5 February in Peshawar barely nine days before the attack. That is the date when Pakistan marks “Kashmir Solidarity Day” when extremist and terror groups show their muscle at rallies where every kind of threat against India, and its leaders are publicly made. Really, Prime Minister Khan, it’s simply far too easy to see.

In the same taped broadcast, Khan also chose to warn India that Pakistan would retaliate against any attack, which is something that would be expected from the prime minister of a country that is in danger. However, the curious part is that he chose to make these statements five days after the Pulwama attack, and well after Prime Minister Narendra Modi’s own warning of a suitable retaliation. Khan’s stated position is that he was busy with the Saudi prince, which is somewhat plausible since he was engaged in driving the royal around. But no head of a country is likely to react so slowly to a threat of war unless he was either waiting for some commitment/information from some source or, else he’s been told to make such a statement by the powers that stand at his elbow. Reports pointing to 35 cuts and editing in the video only fuelled this speculation.

Since then others in his entourage, probably fired by his public indignation have been up in arms. The Pakistan foreign minister pre-empted his chief by calling for proof (16 February) of Jaishe-Mohammed’s hand in the attack, probably reading from a statement that lies in triplicate in a file related to the 26/11 Mumbai Attacks. Former Pakistan cricket captain Shahid Afridi backed Khan to the hilt, but clearly far more upset at the cancellation of the forthcoming matches of the Pakistan Super League.

A far more extreme position came from Pakistan Ambassador to Afghanistan Zahid Nasrullah Khan who chose to issue a statement that peace talks between the US and the Taliban would be affected if India resorted to violence. This created a hum on social media and seemed to expose Pakistan’s game of blackmail and efforts to drag the US into the whole. The statement was, however, less undiplomatic than it seemed. Next week, the US representative is to meet with Taliban leaders at Qatar. The Pakistan ambassador was making a threat that he could easily deliver on. In the event, the US didn’t rise to the bait. The US National Security Advisor supported India’s right to self-defence, as did Secretary of State Mike Pompeo.

The situation then went from strange to stranger as other Pakistani officials weighed in. Sheik Rashid, a politician who changes parties like he changes his clothes, waxed eloquent declaring, “If anyone tries to look at Pakistan with evil in their minds, their eyes will be gouged out…. Neither will birds chirp nor will bells ring at the temples after that.” With that, there seemed little more to say. Memes and ribaldry prevailed on social media, bringing the whole situation to the level of a circus, and a very poor one at that.

The outcry seemed to be an exercise in one-upmanship. In the middle of all this melee, the usually loquacious Director General ISPR ( Inter-Services Public Relations) Major General Asif Ghafoor was unexpectedly silent. So did the military brass. It would have seemed a dignified silence, but for this barrage of statements from persons like Rashid who are practically unofficial spokespersons for the establishment. In all this, there is one clear danger. In India, it is the prime minister who outlined the position of the government and gave the decision making to the Indian Armed Forces on how to implement his directive. That is how a democratic country works, despite the apparent noise and flurry of public hyperventilating. In Pakistan, it is still unclear, and thereby there is always a risk of misinterpretation of signals and a possible unintended escalation. It’s time to stop the bluster and inject some sober reality into statements. This is all getting too much like reality TV. Except that this is about war and loss of lives, and somewhere, someone may blunder.

पाकिस्तान में जा रहा भारतीय हिस्से का पानी अब भारत ही में बहेगा: नितिन गडकरी

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय पानी को पाकिस्तान जाने से रोकने के लिय उठाए गए कदमों की बात तो की परंतु वह यह भूल गए की पुंजाब में अमरिंदर-सिद्धू की सरकार है, इनहोने पहले ही सतलुज यामिना नहर को समतल कर दिया है और हरियाणा के हिस्से मेन आने वाला सतलुज का पानी भी पाकिस्तान को ही जाने दिया है क्या इस प्रकार वह पाकिस्तान को पानी रोक पाएंगे???

नई दिल्ली; पुलवामा आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान को जाने वाले अपने हिस्से के पानी को रोकने का फैसला किया है. इसके साथ ही इस पानी को जम्मू और कश्मीर और पंजाब की तरफ मोड़ने का फैसला भी केंद्र सरकार ने लिया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान के ओर जाने वाले अपने हिस्से के पानी को रोकने का फैसला किया है. हम पूर्वी नदियों के पानी का रुख जम्मू कश्मीर और पंजाब की तरफ मोड़ेंगे.’ 

MODI Govt. has decided to stop our share of water which used to flow to Pakistan

नितिन गडकरी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, शाहपुर-कंडी में रावी नदी पर बांध बनाने का काम शुरू हो चुका है. वहीं UJH प्रोजेक्ट हमारे हिस्से के पानी को जम्मू-कश्मीर के लिए संग्रहित करेगा और शेष पानी दूसरे रावी-ब्यास लिंक के जरिए बहते हुए दूसरे बेसिन राज्यों को मिलेगा. 

MODI Govt. has decided to stop our share of water which used to flow to Pakistan

इससे पहले बुधवार को एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा था, ‘बंटवारे के बाद भारत और पाकिस्तान को तीन-तीन नदियों के पानी के इस्तेमाल की अनुमति मिली थी. इस समझौते के बावजूद भारत के कोटे में आई तीन नदियों का पानी अब तक पाकिस्तान में प्रवाहित हो रहा था. अब हमने इन तीनों नदियों पर प्रॉजेक्ट्स का निर्माण कराया है, जिनकी मदद से अब इन नदियों का पानी पंजाब और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. एक बार जब यह काम शुरू हो जाएगा तो इससे यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि भी हो सकेगी.’

‘फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को आतंकी सूची में डालने के लिये एक प्रस्ताव का नेतृत्व करेगा.

पाकिस्तान में रह रहे जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की नकेल कसने में भारत को शुरुआती समर्थन मिला है. इस मामले में भारत को फ्रांस का समर्थन मिला है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि फ्रांस ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए कदम उठाने की बात कही है. फ्रांस इस बारे में संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लेकर आएगा. बताया जा रहा है कि फ्रांस अगले दो दिन में ऐसा प्रस्ताव लेकर आएगा.

पुलवामा हमले पर भारत के नजरिए का फ्रांस ने समर्थन किया है. इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है. मसूद अजहर के संगठन जैश ए मोहम्‍मद ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले की जिम्‍मेदारी ली थी. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे.

यह दूसरा मौका होगा जब फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में ऐसे किसी प्रस्ताव के लिए पक्ष बनेगा. 2017 में अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति 1267 में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन के प्रमुख पर प्रतिबंध की मांग की गई थी. इस प्रस्ताव पर चीन ने अड़ंगा लगा दिया था.

एक वरिष्ठ फ्रांसीसी सूत्र ने बताया, ‘फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को आतंकी सूची में डालने के लिये एक प्रस्ताव का नेतृत्व करेगा. यह अगले कुछ दिनों में होगा.’

फ्रांसीसी सूत्रों ने बताया कि फ्रांस के इस फैसले पर फ्रांस के राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार फिलिप एतिन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच मंगलवार सुबह चर्चा हुई.

इस दौरान हमले को लेकर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए फ्रांसीसी कूटनीतिज्ञ ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों को अपने कूटनीतिक प्रयासों में समन्वय करना चाहिए.