370 से घबराए पाकिस्तान पोषित जैश ने भारत को बड़ी वारदात के लिए धमकाया

धारा 370 हटने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने क्या क्या जतन नहीं किए पर अपना सा मुंह ले कर बैठ गया। फिर उसने अपनी सेना की गतिविधियां बढ़ा दीं पर भारतीय जनरल रावत ने बता दिया कि अगर कोई हिमाकत हुई तो भारतीय सेना काफी भीतर तक पहुँच जाएगी। फिर इमरान खान का पीओके वाला बयान पाकिस्तान की हताशा को जताता है। सब तरफ से हार कर अब पाकिस्तान ने अपनी दूसरी फौज को आगे कर दिया है। जैश ए मोहम्मद। अब वह पाकिस्तान की तरफ से भारत को धमका रहा है। आर्टिकल 370 हटने के बाद पाकिस्‍तान जहां कश्‍मीर पर पुराना राग अलाप रहा है वहीं हताश आतंकी संगठन भारत को धमकियां देने पर उतारू हो गए हैं। demokraticfront.com की पाकिस्तान को सलाह है कि उसकी किसी भी त्ंज़ीम को किसी भी तरह कि हिमाकत से बचना चाहिए और उसे यकीन रखना होगा कि भारतीय सेना मात्र उकसावे कि प्रतीक्षा में है।

नई दिल्‍ली: आर्टिकल 370 हटने के बाद पाकिस्‍तान जहां कश्‍मीर पर पुराना राग अलाप रहा है वहीं हताश आतंकी संगठन भारत को धमकियां देने पर उतारू हो गए हैं. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद (JeM) ने पाक अधिकृत कश्‍मीर (Pok) के मुजफ्फराबाद में आर्टिकल 370 हटाने का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया और कश्‍मीर में ‘जेहाद’ की धमकी दी. इस विरोध प्रदर्शन में कहा गया कि आर्टिकल 370, 35ए हटाने के बाद जो पाकिस्‍तान ने किया है वो उसको बहुत पहले कर लेना चाहिए था. हम मायूस नहीं होंगे. हिंदुस्‍तान के साथ दो-दो हाथ हो जाएं. अब नारों, जिंदाबाद, मुर्दाबाद से कुछ नहीं होगा, शब्‍दों की तुलना में एक्‍शन अधिक मायने रखता है. हम सब सब तैयार हैं.

दरअसल कश्‍मीर मुद्दे को अंतरराष्‍ट्रीय पटल पर जोर-शोर से उठाने के बावजूद तवज्‍जो नहीं मिलने पर पाकिस्‍तान बौखला गया है. इसकी बानगी इस रूप में समझी जा सकती है कि 15 अगस्‍त को भारत के स्‍वतंत्रता दिवस के दिन पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर कश्‍मीर का राग अलापते हुए दुनिया को इस मुद्दे की अनदेखी पर गंभीर परिणाम की चेतावनी दी. उन्‍होंने ट्वीट कर कहा, ”कश्‍मीर मुद्दे पर अनदेखी से मुस्लिम देशों में कट्टरता बढ़ेगी.” उन्‍होंने कहा कि क्‍या दुनिया खामोशी से कश्‍मीर पर मुस्लिमों पर हो रहे अत्‍याचार को देखती रहेगी? उन्‍होंने दुनिया को चेतावनी देने के लहजे में कहा कि यदि इस तरह के जुल्‍मोसितम को ऐसे ही होते रहने दिया गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे और मुस्लिम जगत में इसकी प्रतिक्रियास्‍वरूप कट्टरता और हिंसा बढ़ेगी.

कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटने के बाद से पाकिस्‍तान में इस कदर बौखलाहट है कि उसके राष्‍ट्रपति ने खुलेआम भारत के खिलाफ जिहाद की धमकी दे दी है. पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति आरिफ अल्‍वी ने 14 अगस्‍त को कहा कि भारत ने शिमला समझौता तोड़ा है. अब उसके खिलाफ जिहाद हो सकता है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान कश्‍मीरियों की मदद जारी रखेगा. हम भारत के फैसले के खिलाफ संयुक्‍त राष्‍ट्र में अपील करेंगे.

भारत की बढ़ती आर्थिक व्यवस्था से क्षुब्ध डोनाल्ड ने डबल्यूटीओ को चेताया

डोनाल्‍ड ट्रम्प (Donald Trump) ने पहले भी कई बार WTO पर अमेरिका के साथ अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाया है और उससे हटने की धमकी भी दी है. उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन को डब्ल्यूटीओ के नियमों को मानने की जरूरत नहीं है
ट्रंप ने कहा कि, भारत और चीन एशिया की बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं इसलिए अब उन्हें विकासशील नहीं माना जा सकता है

  1. डोनाल्‍ड ट्रम्‍प ने WTO छोड़ने की धमकी दी है
  2. चीन को लेकर ट्रम्‍प WTO से नाराज हैं
  3. ट्रम्‍प ने कहा क‍ि अमेरिका को WTO के नियम मानने की जरूरत नहीं है

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने कहा है कि अगर स्थितियां नहीं सुधरीं तो अमेरिका विश्व व्यापार संगठन (WTO) से हट जाएगा. ट्रम्प ने पेन्सिलवेनिया के एक ‘शेल केमिकल प्लांट’ में मंगलवार को कर्मचारियों से कहा, ”अगर हमें छोड़ना पड़ा तो हम छोड़ देंगे.”

राष्‍ट्रपति ट्रम्‍प ने कहा, ”हमें पता है कि कई सालों से वे हमें नुकसान पहुंचा रहे हैं, ये अब और नहीं होगा.” उन्‍होंने डब्ल्यूटीओ को उसके पिछले कई कदमों का जिक्र करते हुए उस पर निशाना साधा है और अमेरिका को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकालने की धमकी दी है. उन्होंने दावा किया कि डब्ल्यूटीओ अमेरिका के प्रति अनुचित व्यवहार कर रहा है और कहा कि डब्ल्यूटीओ वॉशिंगटन की अनदेखी नहीं कर सकता है.

ट्रम्प ने पहले भी कई बार डब्ल्यूटीओ पर अमेरिका के साथ अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाया है और उससे हटने की धमकी भी दी है. उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन को डब्ल्यूटीओ के नियमों को मानने की जरूरत नहीं है.

ट्रम्‍प ने कहा कि संगठन में शामिल किए जाने के वक्त चीन को दी गईं शर्तों को लेकर अमेरिका की शिकायत है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रौद्योगिकी के चीन द्वारा चोरी के बारे में अमेरिका ने शिकायतें दी थीं. लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका के पास वास्तव में वैश्विक व्यापारिक संस्था द्वारा मध्यस्थता से विवादों को जीतने का एक सफल रिकॉर्ड है. ट्रंप का दावा है कि संस्थान के नियमों में सुधार के लिए जब भी कहा गया ट्रंप प्रशासन ने प्रभावी रूप से अपने रुख में नरमी बरती है.

बता दें कि चीन ने सोमवार को कहा था कि अमेरिका का विश्व व्यापार संगठन में चीन का ‘विकासशील राष्ट्र’ का दर्जा उससे वापस लेने की चेतावनी उसके ‘घमंड’ और ‘स्वार्थीपन’ को बताता है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पिछले शुक्रवार को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइथाइजर को भेजे गए एक निर्देश के बाद चीन ने सोमवार को यह प्रतिक्रिया जाहिर की थी.

इस निर्देश में कहा गया है कि व्यापार नियमों की वैश्विक व्यवस्था का संचालन और विवादों का निपटारा करने वाले डब्ल्यूटीओ द्वारा विकसित और विकासशील देशों के बीच किया जाने वाला विभाजन अब पुराना पड़ गया है. इसका परिणाम यह हो रहा है कि डब्ल्यूटीओ के कुछ सदस्य बेजा फायदा उठा रहे हैं.

माना जा रहा है कि यह निर्देश चीन को ध्यान में रखकर दिया गया है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ट्रंप प्रशासन की यह मांग उसके ‘घमंड’ और ‘स्वार्थीपन’ को बताती है. उन्होंने कहा कि एक या कुछ देशों को यह फैसला करने का अधिकार नहीं होना चाहिए कि किसी देश को विकासशील देशों की श्रेणी में रखना है और किसे नहीं.

गौरतलब है कि डब्ल्यूटीओ में विकासशील देश का दर्जा मिलने से विश्व व्यापार संगठन संबंधित सरकारों को मुक्त व्यापार प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए लंबी समय-सीमा प्रदान करता है और साथ ही ऐसे देशों को अपने कुछ घरेलू उद्योगों का संरक्षण करने और राजकीय सहायता जारी रखने की अनुमति होती है.

मलेशियाइ कैबिनेट में उठेगा ज़ाकिर नाईक का मुद्दा

जाकिर नाईक ने कहा था कि मलेशिया में रहने वाले हिंदू मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद  से ज्यादा नरेंद्र मोदी के वफादार हैं. 

कुआलालांपुर:

 भारत में कथित आतंकी गतिविधियों और धनशोधन में वांछित विवादित मुस्लिम धर्म उपदेशक जाकिर नाइक द्वारा मलेशिया में रह रहे हिंदुओं को लेकर दिए गए बयान पर वहां के मंत्री ने करारा जवाब दिया है. मलेशियाई सरकार में मानव संसाधन मंत्री एम कुलासेगरन ने कहा है मलेशियाई हिंदुओं पर सवाल उठाने वाले जाकिर नाइक पर तुरंत एक्शन लिया जाए. दरअसल जाकिर नाइक ने कहा था कि मलेशिया में रहने वाले हिंदू मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद  से ज्यादा नरेंद्र मोदी के वफादार हैं. 

कुलसेरगन ने बुधवार को जारी किए अपने एक बयान में कहा, ‘जाकिर नाइक एक बाहरी व्यक्ति है, जो एक भगोड़ा है और उसे मलेशियाई इतिहास की बहुत कम जानकारी है, इसलिए, उसे मलेशियाई लोगों को नीचा दिखाने जैसा विशेषाधिकार नहीं दिया जाना चाहिए. इससे ज्यादा उनकी देश के प्रति वफादारी पर क्या सवाल है किया जा सकता है.’

उन्होंने कहा  ‘जाकिर नाईक का यह बयान किसी भी तरह से मलेशिया के स्थायी निवासी होने के पैमाने पर खरा नहीं उतरता है. इसे अगली कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा.’

कुलसेरगन ने अपने बयान में कहा, ‘इसलिए, अब समय आ गया है कि मलेशियाई लोग अपने सहिष्णु और सामंजस्यपूर्ण देश में धार्मिक और नस्लीय भावनाओं का उपयोग करने वाली ज़ाकिर नाईक की रणनीति को उजागर करके राष्ट्र की शांति और स्थिरता को एकजुट और सुरक्षित करें.’

बता दें कि जुलाई महीने में जाकिर नाइक ने मलेशिया से वापस नहीं भेजे जाने के लिए मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद का शुक्रिया अदा किया था. मलेशिया के अखबारों में बयान छपवाकर धन्यवाद देते हुए जाकिर नाइक ने देश का कोई कानून नहीं तोड़ने का वादा भी किया था. इससे पहले भारत ने औपचारिक तौर पर मलेशिया से जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का आग्रह किया था. अपने भड़काऊ भाषणों से युवाओं को आतंकी गतिविधियों के लिए प्रेरित करने का आरोप लगने के बाद जाकिर 2016 में देश से फरार हो गया था.


बिफरे पाकिस्तान ने सम्झौता एक्सप्रेस बंद की

पाकिस्तान ने अपने ट्रेन ड्राइवर और गार्ड को समझौता एक्सप्रेस के साथ भेजने से मना कर दिया है. इसके बाद पाकिस्‍तानी मंत्री ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी

नई दिल्‍ली: कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 और 35A पर भारत के फैसले से खिसियाए पाकिस्‍तान ने समझौता एक्‍सप्रेस को बंद करने की घोषणा की है. पाकिस्‍तान के रेल मंत्री शेख राशिद अहमद खान ने कहा, समझौता एक्‍सप्रेस को हमेशा के लिए बंद किया जाता है. जिन्‍होंने इसके लिए पहले से टिकट खरीद लिए हैं, बिना कोई चार्ज काटे रिफंड लौटा दिया जाएगा.

पाकिस्‍तान के रेल मंत्री ने ट्वीट कर कहा, जब तक मैं पाकिस्‍तान का रेल मंत्री हूं, ये समझौता एक्‍सप्रेस नहीं चलेगी. इससे पहले पाकिस्तान ने अपने ट्रेन ड्राइवर और गार्ड को समझौता एक्सप्रेस के साथ भेजने से मना कर दिया था. इस संबंध में उसने अटारी रेलवे स्‍टेशन सूचना भेजी की वह फिलहाल इस सेवा को रोक रहा है, लिहाजा भारतीय रेल अपने ड्राइवर और क्रू मेंबर को भेजकर समझौता एक्सप्रेस को पाकिस्‍तान से ले जाएं. इसके बाद भारत ने अपने ड्राइवर और क्रू मेंबर को इंजन के साथ पाकिस्‍तान भेजा. 

भारत की ओर से भेजा गया इंजन ट्रेन को लेकर वापस आया. इसके बाद ये ट्रेन पाकिस्‍तान से बाघा 110 यात्र‍ियों के साथ पहुंची. अटारी अंतरराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन के सुपरिंटेंडेंट अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि आज पाकिस्तान से समझौता एक्सप्रेस को भारत आना था, लेकिन इस दौरान पाकिस्तान से मैसेज भेजा गया कि भारतीय रेल अपने ड्राइवर और क्रू मेंबर को भेजकर समझौता एक्सप्रेस को ले जाए.

दिल्‍ली से लाहौर के बीच समझौता एक्‍सप्रेस दो सप्‍ताह में एक बार चलती है. इससे भारत और पाकिस्‍तान के यात्री आसानी से एक दूसरे के मुल्‍क की यात्रा कर पाते हैं. 2019 में भी पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्‍ट्राइक के बाद समझौता एक्‍सप्रेस को रोक दिया गया था. इस रेल को 1976 में शिमला समझौते के तहत चलाया गया था.

नेपाल के राजदूत ने गवर्नर हरियाणा से मुलाक़ात

चंडीगढ़, 26 जुलाई-

हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायाण आर्य से आज यहां हरियाणा राजभवन में नेपाल के राजदूत नीलाम्बर आचार्य ने मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होनें शिक्षा, संस्कृति जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की। भारत में राजदूत आचार्य ने राज्यपाल आर्य को रूद्राक्ष की माला भेंट की। आर्य ने भी उनकों राजभवन की तरफ से स्मृति चिन्ह दिया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव विजय सिंह दहिया व नेपाल दूतावास में संस्कृति और शिक्षा का कार्यभार देख रहे होम प्रसाद ल्यूटेल भी उपस्थित थे।

वर्ल्ड आइकॉन अवार्ड का श्रीलंका में हुआ शानदार आयोजन: महिंद्रा राजपक्षे

वर्ल्ड आइकॉन अवार्ड का श्रीलंका में हुआ शानदार आयोजन: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति ने शख्सियतों को किया समान्नितवर्ल्ड आईकॉन अवॉर्ड्स प्रतिवर्ष विदेश में आयोजित किए जा रहे वर्ल्ड आईकॉन अवॉर्ड्स समारोह की श्रंखला में इस वर्ष भी श्रीलंका की राजधानी कोलंबो के ऐतिहासिक बीएमआईसीएच सभागार में समारोह का आयोजन भव्य तरीके से संपन्न हुआ। अवार्ड में श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति श्री महिंदा राजपक्षे बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। 

कार्यक्रम के निर्देशक दुष्यंत सिंह ने बताया कि समारोह में तकरीबन 8 देशों की हस्तियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। कार्यक्रम में निर्णायक मंडल के सदस्य क्रमशः श्री अतुल मोहन श्री विभव तोमर श्री प्रदीप चांदीरामानी डॉक्टर रितु सिंह व अवार्ड की प्रतिनिधि डॉक्टर प्रतिमा तोतला मुख्य रूप से मौजूद थी कार्यक्रम का संचालन बॉलीवुड हस्ती व निर्देशक दुष्यंत सिंह ने किया  श्री महिंदा राजपक्षे ने कार्यक्रम की बेहद प्रशंसा की व वैश्विक तौर पर ऐसे कार्यक्रमों की निरंतरता पर जोर दिया। कुल मिलाकर श्रीलंका की धरती पर या एक शानदार आयोजन था 

पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने स्वीकारा रामायण कांक्लेव का आमंत्रण

रामकथा ने केवल भारत को ही नहीं एशिया के अन्य देशों को भी प्रेरित किया है। एक सहस्ताब्दी पूर्व भारतीय संस्कृति दक्षिण-पूर्वी एशिया में पहुँची और तभी से रामायण वहाँ के जन-जीवन में रस-बस गई। थाईलैंड, मलेशिया, कम्बोडिया, बर्मा, लओस आदि में रामकथा का प्रर्याप्त प्रचार है।

थाईलैंड और कम्बोडिया में रामकिर्ती प्रसिद्ध है। यहाँ रामलीला का आयोजन नृत्य-नाटक के रुप में होता है। इंडोनेशिया की रामलीला का आयोजन रंग-बिरंगे नृत्य के रुप में होता है। यहाँ रामायण की जनप्रिय ककाविन कवित्ते है जिनसे रामलीला के मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किए जाते हैं। नृत्य जावा व बाली द्वीपों में काफी प्रसिद्ध हैं। करीब सौ व्यक्तियों द्वारा खुली रंगशाला में खेला जाने वाला सुग्रीव वानर नृत्य भी अत्यन्त आकर्षक होता है। वायंगकुलैत नामक छायानृत्य काफी लोकप्रिय है जिसमें रामकथा के पात्र चमड़े के वस्र पहन कर नृत्य करते हैं।

नेपाल में रामलीला का आयोजन काफी बड़े पैमाने पर होता है। नेपाल में रामलीला मनोरंजन के लिए नहीं होता बल्कि धार्मिकता की भावना से की जाती है। नेपाली भाषा में अनूदित “भानु रामायण” पर आधारित रामकथा को प्रत्येक वर्ष पंचमी तिथि पर जानकी मंदिर में अनुप्राणित किया जाता है, क्योंकि लोगों का विश्वास है कि यहाँ सीता-राम का विवाह हुआ था।

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श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने स्वीकारा रामायण कांक्लेव का आमंत्रण आगामी जनवरी माह में हिंदुस्तान में आयोजित होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय रामायण कांक्लेव का आमंत्रण गत 21 जुलाई को श्रीलंका में आयोजित समारोह में श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने स्वीकार किया कांक्लेव के मुख्य प्रवक्ता महेंद्र चौधरी ने बताया की उपरोक्त समारोह में तकरीबन 10 से 12 देशों के वर्तमान व पूर्व राष्ट्राध्यक्ष सहित कई विद्वान व राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कलाकार हिस्सा लेंगे इसी क्रम में श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति श्री महिंदा राजपक्षे ने कार्यक्रम हेतु अपनी सहमति प्रदान की।

उपरोक्त कार्यक्रम के अंतर्गत नेपाल भूटान सिंगापुर मलेशिया थाईलैंड मारीशस फिजी दुबई इत्यादि देशों के शीर्ष लोगों को आमंत्रित करने का क्रम शुरू हो गया है कांक्लेव के निर्देशक दुष्यंत सिंह के अनुसार समूची रामचरितमानस को एक विशेष तरह के संगीत में  संगीतबद्ध कर उसका अंतरराष्ट्रीय फिल्मांकन किया जाएगा एवं उसका बृहद प्रचार प्रसार व प्रदर्शन राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा। उपरोक्त संगीत में ही रचना में देश विदेश के दिग्गज कलाकार अपना स्वर देंगे।

रूचिन त्यागी के अनुसार जनवरी माह में तीन दिवसीय रामायण कांक्लेव में देश-विदेश से आ रहे महानुभाव प्रभु श्री राम व रामचरितमानस के ऊपर अपने विचार रखेंगे व उपरोक्त कार्यक्रम के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभु श्री राम के भक्तों को जोड़ने के साथ साथ पर्यटन के क्षेत्र में भी एक वृहद रामायण कारी डोर की परिकल्पना को पंख लगेंगे आयोजकों के अनुसार उपरोक्त कार्यक्रम में भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी व महामहिम राष्ट्रपति महोदय श्री रामनाथ कोविंद जी व प्रभु श्री राम की जन्म स्थली अयोध्या का प्रतिनिधित्व कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आमंत्रण के साथ साथ कार्यक्रम हेतु आशीर्वाद लिया जाएगा उपरोक्त कार्यक्रम की तैयारियां जोर शोर से जारी हैं व आयोजकों के अनुसार सन 2020 का कदाचित वैश्विक तौर पर यह सबसे बड़ा आयोजन होगा

श्रीलंका में रामायण के प्रमाण

रावण जब माता सीता का अपहरण कर श्रीलंका पहुंचा तो सबसे पहले सीता जी को इसी जगह रखा था। इस गुफा का सिर कोबरा सांप की तरह फैला हुआ है। गुफा के आसपास की नक्‍काशी इस बात का प्रमाण है। इसके बाद जब माता सीता ने महल मे रहने से इंकार कर दिया तब उन्‍हें अशोक वाटिका में रखा गया। सीता अशोक के जिस वृक्ष के नीचे बैठती थी वो जगह सीता एल्‍या के नाम से प्रसिद्ध है। 2007 में श्रीलंका सरकार एक रिसर्च कमेटी ने भी पुष्‍टि की, कि सीता एल्‍या ही अशोक वाटिका है। बाद में हनुमान जी के लंका जलाने से भयभीत रावण ने सीता जी को अशोक वाटिका से हटा कर कोंडा कट्टू गाला में रखा था। पुरातत्व विभाग को यहां कई ऐसी गुफाएं मिली है जो रावण के महल तक जाती थी।

हनुमान जी के पद चिन्ह

रामायण मे वर्णन है जब हनुमान जी ने सीता जी को खोजने के लिए समुद्र पार किया था तब उन्होंने विशाल रूप धारण किया था। जिसके चलते जब वो श्रीलंका पहुंचे तो उनके पैर के निशान वहां बन गए। जो आज भी मौजूद हैं।

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श्रीलंका में हिमालय की जड़ी-बूटी

श्रीलंका मे उस स्थान पर जहां लक्ष्मण मूर्छित होकर गिरे थे और उन्‍हे संजीवनी दी गई थी वहां हिमालय की दुर्लभ जड़ी-बूटियों के अंश मिले हैं। दावा है कि इन  जड़ी-बूटियों का श्रीलंका में पाया जाना रामायण काल की वास्‍तविकता को प्रमाणित करता है।

विशालकाय हाथी

रामायण के सुंदर कांड अध्‍याय में लिखा है लंका की रखवाली के लिए विशालकाय हाथी करता था। जिन्हें हनुमान जी ने अपने एक प्रहार से धराशाही किया था।  पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में ऐसे ही हाथियों के अवशेष मिले हैं जिनका आकार वर्तमान हाथियों से बहुत ज्‍यादा है। 

रावण का महल

पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में एक महल मिला है जिसे रामायण काल का बताया जाता है। रामायण लंका दहन का वर्णन है जब हनुमान जी ने पूरी लंका मे अपनी पूंछ से आग लगा दी थी। जलने के बाद उस जगह की की मिट्टी काली हो गई थी, इस बात के प्रमाण भी यहां से मिलते हैं। यहीं से थोड़ी दूर पर रावण एल्ला नाम से एक झरना है, जो 82 फीट की ऊंचाई से गिरता है। राम द्वारा रावण का वध करने के पश्‍चात विभीषण को लंका का राजा बनाया गया था। विभीषण ने अपना महल कालानियां में बनाया था। यह कैलानी नदी के किनारे स्थित था। नदी के किनारे पुरातत्व विभाग को उस महल के अवशेष मिले हैं।

सीएम आवास घेरने जा रहे चालक-परिचालकों को पुलिस ने हाउसिंग बोर्ड चौक पर रोका

फोटो : तारा ठाकुर

रोडवेज से हटाये गये चालक-परिचालकों ने आज फिर यहां नौकरी बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। सीएम आवास घेरने जा रहे चालक-परिचालकों को पुलिस ने हाउसिंग बोर्ड चौक रोक लिया। खबर लिखने से वे चौक के पास मुख्य सड़क पर डेरा डाले हुये थे।

प्राप्त जानकारी अनुसार हरियाणा के विभिन्न जिलों से यहां सेक्टर पांच में धरना स्थल पर पहुंचे चालक-परिचालकों ने पहले सभा की और सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाये। इन्हें पिछले साल 16 अक्तूबर से 2 नवंबर तक हुई रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने के बाद नौकरी से हटा दिया गया था। हटाये गये सुजेश पान्नू, आशीष, रोशन, देवी लाल, अंकित, धर्मेंद्र, अमित आदि ने बताया कि जनता की सुविधा के मद्देनजर उन्होंने विपरीत समय में सरकार का साथ दिया और प्राइवेट नौकरी छोड़कर हड़ताल के दौरान चालक-परिचालक की डयूटी दी। उस वक्त सरकार ने आश्वासन दिया था उन्हें सेवा से नहीं हटाया जायेगा। पिछले नौ महीनों में वे परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार और विभाग के मंत्रियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन केवल आश्वासनों का झुनझुना ही मिला।

उन्होंने कहा कि मजबूरन उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। प्राइवेट नौकरी जाने के बाद अब वे न इधर के रहे न उधर के। सभा के बाद वे बारिश में जुलूस के रूप में सीएम आवास घेराव के लिये सेक्टर पांच से निकले लेकिन पुलिस ने अवरोधक खड़े कर उन्हें हाउसिंग बोर्ड चौक के पास रोक लिया। खबर लिखने तक वे मुख्य सड़क पर ही डटे थे। इन चालक-परिचालकों ने 22 जुलाई को भी यहां प्रदर्शन किया था। उनकी एक ही मांग है कि 1993 की नीति के तहत उनकी नौकरी बहाल की जाये ताकि वे भी परिवार को गुजर बसर ठीक से कर सके।

पार्टी से अलग जा कर थरूर ने किया मोदी का बचाव

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर झूठा बयान दिया है. इसकेजिंका बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पीएम मोदी का बचाव किया है. शशि थरूर का यह बयान उस समय आया है जब लोकसभा में कॉंग्रेस ने जाम कर बवाल काटा। कॉंग्रेस नेताओं ने ट्रम्प के बयान पर प्रधान मंत्री को कटघरे में खड़ा कर दिया और उन्हे स्वयं उपस्थित हो कर जवाब देने को कहा। हालात तो यह हो गए की टीवी समाचारों में छुटभैये नेता भी जिनका अस्तित्व उनके मोहल्ले तक ही है वह भी स्वयं को प्रधान मंत्री का समकक्ष मान कर प्रधान मंत्री हाजिर हो वाली तर्ज़ पर एनएसई जवाब मांग रहे हैं।

नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान  से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  को लेकर झूठा बयान दिया है. इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पीएम मोदी का बचाव किया है. थरूर ने डोनाल्ड ट्रंप की क्लास लगाते हुए कहा है कि ट्रंप सरासर झूठ बोल रहे हैं. पीएम मोदी कभी भी कश्मीर मसले में किसी तीसरे की मध्यस्थता की बात कह ही नहीं सकते हैं. थरूर ने कहा है कि बातचीत के दौरान पीएम मोदी की कही गई बातों को ट्रंप ठीक से समझ नहीं पाए होंगे, इसलिए वह इस तरह की बातें कर रहे हैं.

भारत के विदेश मंत्रालय ने भी ट्रंप को झूठा ठहराया
इससे पहले भारत के विदेश मंत्रालय भी अमेरिकी राष्ट्रपति को झूठा ठहरा चुका है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्विटर पर लिखा, ‘हमने राष्ट्रपति ट्रंप के बयान को प्रेस में देखा कि वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने को तैयार हैं, अगर भारत और पाकिस्तान इसकी मांग करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी कोई मांग राष्ट्रपति ट्रंप से नहीं की है.’

उन्होंने आगे लिखा है कि कश्मीर मसले पर भारत का स्टैंड साफ है. कश्मीर दो देशों के बीच का मुद्दा है, ऐसे में इस पर द्विपक्षीय वार्ता ही हो सकती है. पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत की शर्त ये है कि सीमा पार से आतंकवाद बंद हो.

ट्रंप ने क्या कहा?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से बातचीत के दौरान प्रेस को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘दो सप्ताह पहले मेरी पीएम नरेंद्र मोदी से भेंट हुई थी और उन्होंने मुझसे पूछा था कि क्या आप मथ्यस्थ बनना चाहेंगे? मैंने पूछा कहां? उन्होंने कहा, कश्मीर में.’

उधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी डोनाल्ड ट्रंप से कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की भूमिका निभाने का आग्रह किया है. इसपर ट्रंप ने कहा, ‘अगर मैं मदद कर सकता हूं तो मुझे मध्यस्थ बन कर खुशी होगी.’

ट्रंप का यह बयान आते ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे झूठा बता दिया. दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमेशा आक्रामक रहने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी ट्रंप को झूठा ठहराया है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि पीएम मोदी कश्मीर मसले पर किसी तीसरे के मध्यस्थ बनने की बात कतई नहीं कह सकते हैं. यहां आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौर में शशि थरूर को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव पद के लिए नॉमिनेट किया गया था. हालांकि थरूर यह चुनाव हार गए थे.

कांग्रेस ने ट्रंप के बयान पर संसद में बहस की मांग की
हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंपके बयान पर संसद में बहस होनी चाहिए. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर अपनी बात संसद में रखनी चाहिए. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर अपनी बात संसद में रखनी चाहिए. कांग्रेस ने लोकसभा और राज्यसभा में नोटिस देकर कहा है कि ट्रंप के बयान पर बहस कराई जाए.