नई दिल्ली: कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय पटल पर जोर-शोर से उठाने के बावजूद तवज्जो नहीं मिलने पर पाकिस्तान बौखला गया है. 15 अगस्त को एक ओर भारत जहां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापते हुए दुनिया को इस मुद्दे की अनदेखी पर गंभीर परिणाम की चेतावनी दी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”कश्मीर मुद्दे पर अनदेखी से मुस्लिम देशों में कट्टरता बढ़ेगी.” उन्होंने कहा कि क्या दुनिया खामोशी से कश्मीर पर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार को देखती रहेगी? उन्होंने दुनिया को चेतावनी देने के लहजे में कहा कि यदि इस तरह के जुल्मोसितम को ऐसे ही होते रहने दिया गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे और मुस्लिम जगत में इसकी प्रतिक्रियास्वरूप कट्टरता और हिंसा बढ़ेगी.
इससे पहले 14 अगस्त को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री इमरान खान अपने करीब 40 मिनट के भाषण में अधिकांश समय तक भारत, बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ ही बोलते रहे. आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीरी लोगों के साथ अपनी एकजुटता दिखाने के लिए पाकिस्तान ने अपने स्वतंत्रता दिवस को इस बार कश्मीरी एकजुटता दिवस के रूप में घोषित किया. कश्मीरी लोगों के साथ सद्भावना प्रकट करते हुए इमरान खान पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद भी गए.
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वहां इमरान खान ने भारत को युद्ध की गीदड़भभकी दी. इमरान खान ने कहा कि भारत सिर्फ कश्मीर तक नहीं रुकेगा, Pok में भी बढ़ेगा. इमरान ने बालकोट एयर स्ट्राइक को भी दबी जुबान से स्वीकार कर लिया. उन्होंने कहा, “भारत ने बालाकोट से ज्यादा खतरनाक प्लान बनाया है. बालाकोट से भी बड़ी कारवाई भारत पीओके में करेगा. अगर युद्ध हुआ तो इसकी जिम्मेदारी दुनिया की होगी. हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे.”
इमरान खान ने कहा, “ये सिर्फ कश्मीर तक नहीं रुकेगा- ये पाक की तरफ भी आएगा. हमें जानकारी है – दो बार मीटिंग हुई है. पाक फौज को पूरी तरह पता है, इन्होंने प्लान बनाया हुआ है. जिस तरह पुलवामा के बाद बालाकोट किया था उससे भी ज्यादा खौफनाक प्लान बनाया हुआ है. आपकी ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा. तैयार है पाक फौज, पूरी कौम तैयार है.
पीएम मोदी
इसके विपरीत 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में सिर्फ भारत के विकास और उज्ज्वल भविष्य की बात की. पीएम मोदी ने पाकिस्तान का जिक्र तक करना भी जरूरी नहीं समझा. पीएम मोदी ने अपने 92 मिनट के संबोधन में एक बार भी पाकिस्तान का जिक्र नहीं किया. इसी बात से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत और पाकिस्तान की प्राथमिकताएं क्या हैं?
इमरान खान के विपरीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day India) के मौके पर न्यू इंडिया के विकास से जुड़े जनसरोकार के कमोबेश सभी विषयों पर अपनी बात रखी. उन्होंने पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को रखा. डिजिटल पेमेंट, पर्यटन से लेकर प्लास्टिक पर बैन तक की बात कही. उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए स्थानीय चीजों को महत्व दें. हमारे देश में नॉर्थ-ईस्ट से लेकर इतनी ढेर सारी खूबसूरत देखने-घूमने लायक जगहें हैं. इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि मैं ऐसे लोगों को जानता हूं जो छुट्टियां मनाने या सैर के लिए विदेश घूमने जाते हैं लेकिन देश 2022 में जब 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा तो क्या प्रत्येक परिवार देश के भीतर के 15 पर्यटन स्थलों की सैर कर सकता है? इससे घरेलू पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. भले ही वे पर्यटन स्थल अभी ज्यादा विकसित नहीं हो सके हों लेकिन सैलानी बढ़ने पर वहां सुविधाओं का विकास भी होगा. इससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही लोगों को भी अपने देश और संस्कृति को देखने-सुनने और जुड़ने का मौका मिलेगा.
प्लास्टिक से परहेज
इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से प्लास्टिक को पूरी तरह से बैन करने की अपील पीएम मोदी ने की. उन्होंने कहा कि क्या हम पूरी तरह से प्लास्टिक थैलियों के इस्तेमाल से मुक्त हो सकते हैं? इस विचार के क्रियान्वयन का वक्त अब आ गया है. इस दिशा में गांधी जयंती के मौके पर दो अक्टूबर को अहम कदम उठाते हुए अपने आस-पास के माहौल को प्लास्टिक से मुक्त करने का प्रयास करें. इस सिलसिले में व्यवसायियों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने यहां बोर्ड पर लगाएं कि सामान के लिए कृपया अपना कपड़े का थैला साथ लाएं. यहां पर प्लास्टिक की थैली नहीं मिलेगी. उन्होंने जनता से प्लास्टिक के थैलों के खिलाफ अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की.
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के मकसद से पीएम मोदी ने नया नारा दिया. उन्होंने कहा कि अक्सर दुकानों में ‘आज नकद-कल उधार’ का बोर्ड देखने को मिलता है लेकिन व्यापारियों से आग्रह करते हैं कि अब वे इसके बजाय ‘डिजिटल पेमेंट को हां, नकद को ना’का बोर्ड लगाएं. इससे डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा.
जल संरक्षण
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार की प्राथमिकता को इस आधार पर समझा जा सकता है कि हमने नई सरकार के गठन के 70 दिन के भीतर ही जल शक्ति मंत्रालय बनाया. उन्होंने कहा कि सभी लोग जल के महत्व को समझें. किसान जल की हर बूंद से अधिक पैदावार की सोचें. शिक्षा कर्मी बचपन से ही पानी के महत्व को बताएं. पानी के क्षेत्र में 70 सालों में जो काम हुआ है, हमें पांच साल में उसका चौगुना काम करना होगा. हम और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते हैं.
उन्होंने एक प्रसिद्ध संत की कविता का जिक्र करते हुए कहा कि जब पानी समाप्त हो जाता है तो प्रकृति का कार्य रुक जाता है, एक तरह से विनाश प्रारंभ हो जाता है. इसी कड़ी में उन्होंने कहा कि उत्तरी गुजरात में एक धार्मिक जगह है. जैन समुदाय के लोग उसके प्रति श्रद्धा भाव रखते हैं. वहां एक जैन मुनि हुए. वह किसान थे, खेत में काम करते थे. वह 100 साल पहले लिख कर गए हैं कि एक दिन ऐसा आएगा जब पानी किराने की दुकान पर बिकेगा. आज वास्तव में पीने का पानी किराने की दुकान पर मिलता है.
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के 70 साल हो गए. हर किसी ने अपने-अपने तरीके से प्रयास किया है. लेकिन आज हिन्दुस्तान में आधे घर ऐसे हैं जिनको पीने का पानी के लिए मशक्क्त करना पड़ता है. 2-5 किमी पैदल जाना पड़ता है. आधा जीवन खप जाता है. हर घर को जल कैसे मिले. हम आने वाले दिनों में जल जीवन मिशन को लेकर आगे बढ़ेंगे. इस मद में साढ़े तीन लाख करोड़ से भी ज्यादा खर्च करने का संकल्प किया है. जल संरक्षण के मुद्दे पर हमें न रुकना है और न आगे बढ़ने से रुकना है. यह सरकारी अभियान नहीं बनना चाहिए. जनसामान्य को लेकर इस मुद्दे पर आगे बढ़ना है.