चीन से उधार ले कर सऊदी का कर्ज़ चुका रहा पाकिस्तान सऊदी को ही गरिया रहा

  • चीन से कर्ज लेकर सऊदी का लोन चुका रहा पाकिस्तान, कश्मीर को लेकर दोनों देशों में खराब हैं संबंध।
  • पाकिस्तान ने हाल में ही सऊदी अरब को सुनाई थी खरी खोटी, जबाव में सऊदी ने पाक से वापस लिया वित्तीय समर्थन।
  • केवल 12 अरब डॉलर हैै पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार, जीडीपी का 90 फीसदी हो सकता है कर्ज।

कंगाली के दहलीज पर खड़ा पाकिस्तान अब कर्ज को चुकाने के लिए भी कर्ज ले रहा है। पाकिस्तान ने सऊदी अरब को 3 बिलियन डॉलर कर्ज के बदले 1 बिलियन डॉलर की राशि वापस की है। इस कर्ज की अदायगी के लिए पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर की राशि उसके सदाबहार दोस्त चीन ने दी थी। वहीं, कश्मीर पर साथ न देने से चिढ़े पाकिस्तान ने सऊदी को धमकी भी दी है।

इस्लामाबाद: 

पाकिस्तान की ऊल जलूल हरकतों से तंग आकर आखिरकार सऊदी अरब ने बड़ा कदम उठा लिया है. इसके तहत सऊदी अरब ने हाल ही में पाकिस्तान से एक बिलियन अमेरिकी डॉलर की वसूली की है, जो उसने डेढ़ साल पहले पाकिस्तान को बतौर कर्ज दिया था. पाकिस्तान के ऊपर सऊदी अरब का करीब तीन बिलियन डॉलर का कर्ज था, जिसे अब वो पाकिस्तान से वसूल रहा है.

सऊदी अरब की ओर से उठाया कदम इस बात की तरफ इशारा करता है कि पाकिस्तान बेहद तेजी से मुस्लिम देशों का विश्वास खोता जा रहा है. इसी वजह से सऊदी अरब ने अपने लोन की रकम की वसूली शुरू कर दी है, जो उसने पाकिस्तान को दिए थे. सऊदी अरब ने पाकिस्तान को ये रकम उस समय दी थी, जब पाकिस्तान को विदेशी कर्ज भरने के लिए धन की बेहद सख्त जरूरत थी. 

पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इस बारे में खबर छापी और लिखा है कि अब सऊदी अरब पाकिस्तान की मदद से अपने हाथ पीछे खींच रहा है. सऊदी अरब की तरफ से ये कदम ऐसे समय पर उठाया गया है, जब पाकिस्तान इस्लामिक देशों के समूह ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन (Organization Of Islamic Cooperation) में भारत के खिलाफ लामबंदी में जुटा है. पाकिस्तान पिछले एक साल से ओआईसी में भारत के खिलाफ जम्मू कश्मीर राज्य से आर्टिकल 370 हटाने के खिलाफ समर्थन मांग रहा है, लेकिन उसे यहां जोरदार झटका लगा और कोई भी देश पाकिस्तान की मदद के लिए खड़ा नहीं हुआ.

पाकिस्तानी अखबार डॉन में पाकिस्तान के राजनयिक सूत्र के हवाले से छपे लेख में लिखा है कि सऊदी अरब ने पाकिस्तान के उस अनुरोध को नकार दिया, जिसमें कश्मीर मुद्दे को आईओसी में उठाने का आग्रह किया गया था. पाकिस्तान को आईओसी में सपोर्ट न मिलने के बाद 22 मई को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने कहा था कि इस्लामिक देशों में एकजुटता नहीं है. यहां तक कि हम आईओसी में कश्मीर मुद्दे तक को नहीं उठा सके.

एक तरफ पाकिस्तान जहां मुस्लिम देशों का भरोसा खोता जा रहा है, तो वहीं चीन उसकी मदद के नाम पर पूरा फायदा उठा रहा है और पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने के नाम पर अपना आर्थिक उपनिवेश बना रहा है. सऊदी अरब के हाथ खींच लेने के बाद चीन ने पाकिस्तान को एक बिलियन डॉलर की न सिर्फ लोन के तौर पर मदद दी, बल्कि सीपीईसी (China-Pak Economic Corridor) के तहत 6.5 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त निवेश भी किया है. 

टिक टॉक और वी चैट अमेरिका में बैन, बौखलाया चीन

अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर इस आदेश पर मुहर लगा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरूवार के दिन टिकटॉक और वी चैट पर पाबंदी लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए। आदेश में यह बेहद साफ़ तौर लिखा है कि दोनों ही एप्लीकेशन को अमेरिका में 45 दिन के भीतर बंद कर दिया जाए। मैसेजिंग एप वी चैट (WeChat) और वीडियो शेयिरिंग एप (TikTok) के खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर बीजिंग परेशान है. 

चंडीगढ़ (tech desk):

अमेरिका और चीन के बीच जारी खींचतान में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा कदम उठाया है। ट्रंप ने चीन की एप्लीकेशन टिक टॉक और वी चैट के मालिकों से किसी भी तरह का लेन-देन करने पर पाबंदी लगा दी है। कुछ ही दिन पहले ख़बर आ रही थी कि अमेरिकी टेक कंपनी टिक टॉक को खरीद सकती हैं। लेकिन अब ऐसा न होने की सूरत में अमेरिका ने टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाने के लिए 15 सितंबर की सीमा तक तय कर दी है।    

अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर इस आदेश पर मुहर लगा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरूवार के दिन टिकटॉक और वी चैट पर पाबंदी लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए। आदेश में यह बेहद साफ़ तौर लिखा है कि दोनों ही एप्लीकेशन को अमेरिका में 45 दिन के भीतर बंद कर दिया जाए। हाल ही में अमेरिकी सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए आदेश जारी किया था।  जिसके मुताबिक़ वह इस एप्लीकेशन का उपयोग नहीं कर सकते थे।   

एप्लीकेशन के आदेश पर आधिकारिक रूप से मुहर लगाने के बाद ट्रंप ने कहा कि यह पाबंदी बेहद ज़रूरी थी। टिकटॉक जैसे एप्लीकेशंस का भरोसा नहीं किया जा सकता है। यह एप्लीकेशन जिस तरह देश का डाटा (जानकारी) चुराते हैं उससे देश की आंतरिक सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है। ट्रंप ने इस विषय पर बयान जारी करते हुए कई अहम बातें कहीं। ट्रंप ने कहा, “चीन के यह एप्लीकेशन अमेरिकी लोगों से संबंधित दो तरह की जानकारी चुराते हैं पहली निजी और दूसरी स्वामित्व से जुड़ी। इसके अलावा यह जानकारी चीन की कम्युनिष्ट पार्टी तक पहुँचाई जाती है।” 

इसके बाद ट्रंप ने कहा, “इसकी वजह से चीन की सरकार को अमेरिका के संघीय कर्मचारियों और संगठित – असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की जानकारी मिल जाती है। वह इस तरह की जानकारियों को ट्रैक कर सकते हैं। चीन की सत्ताधारी पार्टी इस तरह की निजी जानकारियों के आधार पर ब्लैकमेल करने का दस्तावेज़ तैयार कर सकती है। ऐसी जानकारियों का इस्तेमाल कॉर्पोरेट स्तर पर जासूसी के लिए भी किया जा सकता है।” 

हालाँकि, इस कार्रवाई पर फिलहाल टिकटॉक और वी चैट की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इसके ठीक पहले अमेरिकी व‍िदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को कहा था कि वह अमेरिकी कार्रवाई को चीनी तकनीकी से निजी ऐप तक बढ़ा रहे हैं। उन्‍होंने इस मामले में टिकटॉक और वी चैट का ज़िक्र किया था। भारत में पहले ही सभी तरह के संदिग्‍ध ऐप पर प्रतिबंधित लगाया जा चुका है। 

हाल ही ऐसी ख़बरें आई थीं जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ बढ़ते तनाव और जासूसी के आरोपों के बीच इसके संकेत दिए थे। इधर बाइटडांस (ByteDance) और माइक्रोसॉफ्ट के बीच सौदे को लेकर बातचीत चलने की बात हो रही थी। बाइटडांस टिकटॉक की पेरेंट कंपनी है।

क्या राहुल – सोनिया चीन से हुए कॉंग्रेस का सच सामने रखेंगे??? संबित पात्रा

अपने लंबे शासनकाल में वह चीन भारत की सीमाएं भी नहीं तय नहीं कर पाए। पर आज वह चीन के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं। यह कोई पहला मौका नहीं है, जब कांग्रेस ने ऐसा किया है। भारत-चीन के बीच डोकलाम विवाद के समय भी जब दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हुई थीं, तब भी राहुल गांधी गुपचुप चीनी राजदूत से मिलने पहुंच गए थे। उरी और बालाकोट एयर स्ट्राइक पर भी सवाल उठाकर कांग्रेस देश को शर्मसार कर चुकी है।

दरअसल, चीन के साथ विवाद के बाद कांग्रेस पार्टी और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच हुए समझौते की बात सामने आई थी. जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि कोई राजनीतिक दल किसी सरकार के साथ किस तरह समझौता कर सकता है? सीजेआई ने कहा कि कुछ चीजें कानून में बिल्कुल अलग हैं. एक राजनीतिक दल कैसे चीन के साथ समझौते में शामिल हो सकता है? कभी नहीं सुना कि किसी सरकार और दूसरे देश की राजनीतिक पार्टी में कोई समझौता हो रहा हो. हालांकि इस मामले में वकील ने कहा कि ये समझौता दो पार्टियों के बीच है. सनद रहे चीन में एक ही पार्टी है और उसी की सरकार है जबकि भारत में बहू दलीय प्रणाली है। अभी तक कॉंग्रेस और सीपीसी के करार का मज़मून साफ नहीं हुआ है.

नई दिल्ली:

 आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की टिप्पणी पर भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी. संवाददाता सम्मेलन में संबित पात्रा ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या कोई पॉलिटिकल पार्टी किसी दूसरे देश से करार कर सकती है, ये गंभीर मुद्दा है. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जी के ट्वीट्स ने कांग्रेस पार्टी को बुरी तरह से एक्सपोज किया था कि किस तरह 2008 में बीजिंग जाकर सोनिया जी और राहुल जी ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से करार किया. क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर आपस में बातचीत और सलाह-मशविरा किया. इन सबसे देश और सुप्रीम कोर्ट अचंभे में है. लेकिन इन सब पर कांग्रेस पार्टी ने जवाब नहीं दिया है.’

संबित पात्रा ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने एमओयू साइन किया था शी जिनपिंग के साथ. नड्डा जी ने देश के सामने सच्चाई को रखा. नड्डा जी ने पूछा था आखिरकार सच्चाई क्या है बताया जाए. उन्होंने इसे लेकर कई ट्वीट किए. कांग्रेस और सीपीसी (CPC) के बीच करार साइन हुआ था. सरकार और पार्टी वहां एक है. कांग्रेस पार्टी ने करारनामा साइन किया चीन के साथ और कहा कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सभी विषयों पर आदान-प्रदान करेंगे. ये हैरान करने वाला है, आश्चर्यजनक है. आज सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा है. चीफ ​जस्टिस ने कहा है कि एक पार्टी और एक देश के बीच ये करार हैरान करने वाला है.’

संबित पात्रा ने कहा, ‘गांधी परिवार के साथ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के एक खास संबंध बने इसलिए ये करार हुआ. बीजिंग में ओलंपिक्स का आयोजन हुआ तो सोनिया जी खास मेहमान बन कर गईं. डोकलाम स्टैंड ऑफ के दौरान राहुल गांधी रंगे हाथों पकड़े गए चीनी डिप्लोमैट के घर में. राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी डोनेशन मिला. नड्डा जी ने आज चैलेंज किया है कि क्या मां-बेटा बाहर आकर सवाल का जवाब देंगे.’

बता दें​ कि सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर एक याचिका दी गई थी जिस पर सुनवाई से कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा.

कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच हुए समझौते की जांच की मांग वाली जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि 2008 में आपसी सहयोग और जानकारियों के लेन-देन के लिए हुआ समझौता संदिग्ध है जिसकी NIA से जांच होनी चाहिए. याचिका में सोनिया और राहुल गांधी को भी पक्ष बनाया गया है. एक वकील ने ये याचिका दायर की है.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमने अबतक यह नहीं सुना कि एक देश की सरकार दूसरे देश की राजनीतिक पार्टी के साथ कोई समझौता करती हो.

चीन के गेमिंग ऐप्प को एपल कंपनी का झटका, हटाये 30 हज़ार ऐप्प्स

चीन के मोबाइल गेमिंग इंडस्ट्री को स्मार्टफोन निर्माता कंपनी एप्पल से बड़ा झटका ​लगा है. शनिवार को एक रिसर्च फर्म ने कहा है कि एप्पल ने अपने चीनी स्टोर से करीब 30 हजार ऐप्स हटा लिए हैं. इन ऐप्स को चीनी सरकार से लाइसेंस लेना अनिवार्य है.

नई दिल्ली. 

एप्पल ने शनिवार को चाइनीज ऐप स्टोर से करीब 29,800 से ज्यादा ऐप्स को हटा दिया है, जिसमें से 26 हजार से ज्यादा ऐप्स गेमिंग के हैं. चीन की एक रिसर्च फर्म Qimai ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है. एप्पल ने यह कार्रवाई चीनी अथॉरिटी द्वारा बिना लाइसेंस प्राप्त किए गए ऐप्स को लेकर किया है. हालांकि, इस मामले पर अभी तक एप्पल की तरफ से कोई जानकारी नहीं आई है. इसी साल फरवरी में एप्पल ने पब्लिशर्स को जून तक की डेडलाइन दी थी कि वो स्थानीय सरकार से जारी लाइसेंस नंबर के बारे में जानकारी दें ताकि यूजर्स को मेक इन-ऐप खरीदारी की सुविधा मिल सके. चीन के एन्ड्रॉयड ऐप स्टोर बहुत पहले से ही इन रेग्युलेशन का पालन करता है. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो सका कि आखिर क्यों इस साल ही एप्पल इस अनुपालन के लिए सख्त हुआ है.

पिछले महीने भी हटाए गए थे ढाई हजार ऐप्स

जुलाई के पहले सप्ताह में इस स्मार्टफोन निर्माता कंपनी ने 2,500 से ज्यादा टाइटल्स को अपने ऐप स्टोर से ह​टा लिया था. इन ऐप्स की लिस्ट में Zynga और Supercell जैसे डेवलपर्स के गेमिंग ऐप्स भी शामिल थे. इस दौरान रिसर्च फर्म सेंसर टावर ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी थी.

चीन की सरकार एक लंबे समय से अपने यहां गेमिंग इंडस्ट्रीजपर सख्त नियामों को लागू करने पर जोर देती रही है ताकि सेंसिटिव जानकारी व कॉन्टेन्ट पर लगाम लगाई जा सके. जो ​गेमिंग ऐप्स इन-ऐप की खरीदारी की सुविधा देते हैं, उनकी अप्रुवल प्रोसेस बेहद जटिल है. यही कारण है कि चीन के गेमिंग ऐप डेवलपर्स के लिए समस्या खड़ी हो गई है. बता दें कि चीन में दुनिया की सबसे बड़े गेम डेवलपर्स की इंडस्ट्री मौजूद हैं.

छोटे और मध्यम स्तर के डेवलपर्स के लिए समस्या

एप्पल चाइना के मार्केटिंग मैनेजर के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में लिखा गया है कि इस कार्रवाई से छोटे और मध्यम स्तर के डेवलपर्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. उनकी कमाई कम होगी. लेकिन अब बिजनेस लाइसेंस प्राप्त करने की जटिलताओं से चीन में iOS गेम इंडस्ट्री को भी नुकसान हो रहा है.

ऐप्पल ने दी थी 30 जून तक की डेडलाइन

Qimai की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2020 में एप्पल ने अपने ऐप स्टोर के बैक स्टेज रिव्यू पेज पर एक मैसेज अपडेट किया था. इस मैसे​ज में बताया गया था कि चीन के कानून के तहत इन ऐप्स को ‘जनरल ए​डमिनिस्ट्रेशन ऑफ प्रेस एंड पब्लिशिंग हाउस’ से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है. इसी को ध्यान में रखते हुए आप 30 जून 2020 तक इस लाइसेंस को उपलब्ध कराएं. मेनलैंड चाइना में मौजूदा सभी ऐप्स का अप्रुवल नंबर अनिवार्य है.

अमर नहीं रहे

पूर्व समाजवादी पार्टी नेता, राज्‍यसभा सांसद अमर सिंह का निधन हो गया है. वो पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे उनका दुबई कए एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. कुछ दिनों पहले ही उनका किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था. शनिवार दोपहर उनका निधन हो गया।

राज्‍यसभा सांसद अमर सिंह का निधन हो गया है. वह लगभग 6 महीने से बीमार चल रहे थे. सिंगापुर में इलाज के दौरान अमर सिंह शनिवार दोपहर जिंदगी की जंग हार गए. उनके सियासी सफर में ऊपर चढ़ने और नीचे गिरने की कहानी दो दशकों के दौरान लिखी गई. एक दौर में वो समाजवादी पार्टी के सबसे असरदार नेता थे, उनकी तूती बोलती थी लेकिन हाशिए पर भी डाले जाते रहे. समाजवादी पार्टी की कमान अखिलेश के हाथों में जाने के बाद उन्हें सपा से किनारा करना पड़ा.

अमर सिंह विभिन्न वजहों से कई बार विवादों में भी रहे। एक बार उन्होंने एक वाकया सुनाया था कि कैसे उन्होंने 1999 में कॉन्ग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की पिटाई की थी। मणिशंकर अय्यर ने उन्हें अवसरवादी कहा था और शराब के नशे में कुछ भी बकने का आरोप लगाया था। जब अय्यर ने उन्हें माँ की गाली दी और मुलायम को भी गाली दी तो उन्होंने वहीं पटक कर अय्यर की पिटाई कर दी।

64 वर्षीय राज्यसभा सांसद अमर सिंह का निधन सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ। सोशल मीडिया के माध्यम से उन्होंने ईद की शुभकामनाएँ भी दी थीं और साथ ही बाल गंगाधर तिलक की 100वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया था। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के निधन पर दुःख जताते हुए कहा कि स्वभाव से विनोदी अमर सिंह की सार्वजनिक जीवन के दौरान सभी दलों में मित्रता थी।

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स्वागत है, ये गर्व की उड़ान है, हैप्पी लैंडिंग: INS कोलकाता

राफेल विमान भारत द्वारा पिछले दो दशक से अधिक समय में लड़ाकू विमानों की पहली बड़ी खरीद है। इन विमानों के आने से भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ोतरी होगी. भारत ने 23 सितंबर 2016 को फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था. 

अंबाला – 29 जुलाई :

जिस पल का इंतजार देश को बरसों से था, वो अब आने वाला है. रफाल का इंतजार खत्म होने वाला है. आज से वायुसेना को रफाल की प्रचंड शक्ति मिलने वाली है. रफाल विमानों ने भारतीय वायुसीमा में एंट्री कर ली है. अब से कुछ ही देर में अंबाला एयरबेस पर इनकी लैंडिंग होगी. भारतीय वायुसीमा में पांचों रफाल विमानों के घुसते ही युद्धपोत INS कोलकाता ने स्वागत करते हुए कहा- ये गर्व की उड़ान है, हैप्पी लैंडिंग. विमानों की लैंडिंग को देखते हुए अंबाला एयरबेस पर पुलिस ने सैन्य अड्डे के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है. 

लड़ाकू विमानों के इस बेड़े ने सोमवार को फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोरदु के मेरिग्नैक एयरबेस से उड़ान भरी थी. ये विमान लगभग 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बुधवार दोपहर अंबाला पहुंचेंगे. इन विमानों में एक सीट वाले तीन और दो सीट वाले दो विमान होंगे. अधिकारियों ने अंबाला सैन्य अड्डे के आसपास धारा 144 लगा दी है. तस्वीरें लेने और वीडियो बनाने पर रोक लगा दी है. सैन्य अड्डे के तीन किलोमीटर के दायरे में निजी ड्रोन उड़ाने पर भी रोक लगा दी है. 

धुलकोत, बल्देव नगर, गरनाला और पंजखोरा सहित सैन्य अड्डे से लगे गांवों में धारा 144 लागू कर चार या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया. अंबाला के उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि लागू 144 लागू होने के दौरान सैन्य अड्डे की चाहरदीवारी और उससे लगे क्षेत्रों की तस्वीरें लेना और वीडियो बनाना प्रतिबंधित है. 

इस बीच, हरियाणा पुलिस ने सैन्य अड्डे के पास स्थित आवासीय इलाकों में कई नाके बनाए हैं और कई पुलिस अधिकारी गश्त लगाते भी दिखे.  लाउडस्पीकर से लोगों को छतों पर खड़े होकर तस्वीरें ना लेने और वीडियो ना बनाने की चेतवानी भी दी जा रही है. उन्होंने ऐसा करने वालों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है. कई स्थानों पर लड़ाकू विमानों के स्वागत के लिए होर्डिंग भी लगाए गए हैं. हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने बुधवार को कहा कि अंबाला के लोग विमानों के आगमन को लेकर बहुत उत्साहित हैं. 

राफेल विमान भारत द्वारा पिछले दो दशक से अधिक समय में लड़ाकू विमानों की पहली बड़ी खरीद है। इन विमानों के आने से भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ोतरी होगी. भारत ने 23 सितंबर 2016 को फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था. 

इन विमानों को बुधवार दोपहर में भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन नम्बर 17 में शामिल किया जाएगा, जिसे ‘गोल्डन एरोज’ के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि, इन विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल करने के लिए मध्य अगस्त के आसपास समारोह आयोजित किया जा सकता है जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है. भारत ने जो 36 राफेल विमान खरीदे हैं उनमें से 30 विमान लड़ाकू जबकि छह प्रशिक्षक विमान हैं. अंबाला एयरबेस को भारतीय वायुसेना का महत्वपूर्ण बेस माना जाता है क्योंकि यहां से भारत-पाकिस्तान सीमा महज 220 किलोमीटर की दूरी पर है. 

47 और चीनी एप पर प्रतिबंध

भारत सरकार द्वारा पहले 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने के लगभग एक महीने बाद 47 और चीनी एप पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, जो पहले प्रतिबंधित एप के क्लोन थे। इसकी जानकारी सूत्रों से मिली। संबंधित मोबाइल एप्लिकेशन की सूची जल्द ही प्रकाशित की जाएगी।

दिल्ली(ब्यूरो):

सूत्रों के मुताबिक जिन 47 चाइनीज़ एप्लीकेशंस पर फिलहाल प्रतिबंध लगाया है, वह पहले से बैन की गई एप्लीकेशंस के क्लोन की तरह काम कर रही थीं। सरकार की तरफ से इन 47 एप्लीकेशंस के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी गई है। ख़बरों की मानें तो करीब 250 ऐसी चाइनीज़ एप्लीकेशंस की सूची तैयार कर ली गई है जिन पर आने वाले समय में कार्रवाई हो सकती है। 

सरकार मूल रूप से यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इस तरह की एप्लीकेशंस का डोमेन कितना सुरक्षित है। इसके अलावा यह एप्लीकेशंस यूज़र्स की निजी सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन तो नहीं करती हैं। सरकार की तरफ से जिन एप्लीकेशंस की सूची तैयार की गई है उसमें चीन की डिजिटल दुनिया के कई बड़े नाम शामिल हैं। पबजी, टेनसेंट, अलीबाबा समेत कई एप्लीकेशन मौजूद हैं। पिछले काफी समय से चीन की कई मशहूर एप्लीकेशंस पर डाटा मॉर्फिंग (जानकारी का गलत इस्तेमाल) का आरोप लगता रहा है। 

इसके पहले इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने चीन की कई एप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगाया था। जिसके बाद प्रतिबंधित एप्स गूगल प्ले स्टोर से हटा दिए गए थे। जानकारों के मुताबिक़ प्रतिबंध लगाने के बावजूद इन एप्लीकेशंस के नकली वर्ज़न मौजूद थे और वह अच्छे से काम भी कर रहे थे। अब इन्हें अधिकृत तौर पर लगभग हर जगह से हटा दिया गया है। 

भारत सरकार ने बीते महीने टिकटॉक समेत कुल 59 चीनी ऐप्स को देश में बैन कर दिया गया था। भारत और चीन के बीच गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत सरकार की तरफ से यह कार्रवाई हुई थी। उस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीनी ऐप्स पर बैन लगाने के फैसले पर भारत सरकार का कहना था कि सुरक्षा के मद्देनजर ये कदम उठाया गया है।

स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी

प्ंाचकूला  26 जुलाई:

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कोविड-19 के चलते सोशल डिस्टेसिंग नियमों का पालन करते हुए पूरे देश मंे कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ पर कारगिल शहीदों को नमन किया।  

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष  ने पंचकूला के सैक्टर 12 स्थित युद्व स्मारक, सैक्टर 2 स्थित मेजर संदीप संाखला व सैक्टर 8 स्थित मेजर संदीप सागर की प्रतिमा पर पुष्प चक्र अर्पित कर कारगिल शहीदों को श्रद्वाजंलि दी। उन्होंने शहीदों को समर्पित पौधारोपण भी किया। पुलिस के जवानों ने शस्त्र उलटे कर वीर शहीदों को श्रद्वांजलि दी और मातमी धून भी बजाई।

गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 26 जुलाई 1999 को आज ही के दिन भारत माता के वीर सपूतों ने 18000 फीट की ऊंचाई  पर अदम्यय साहस एवं वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तानी घूसपेठियों को खदेड़कर कारगिल की चोटी पर तिरंगा फहराया। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्व विपरित परिस्थितियों में लड़ा गया किन्तु हमारे जवानों ने बहादुरी का परिचय दिया। यह क्षण हमारे लिए विस्मरणीय है और उसी के बाद आज के दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है। कारगिल के शहीदों का बलिदान युवा पीढी के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं और उनमें देश भक्ति का जज्बा पैदा करता है।

एक सवाल जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पंचकूला खेलों के हब के रूप में विकसित हो रहा है। इसलिए भारत सरकार  ने यहां के खेल इन्फ्रास्कचर को ध्यान में रखते हुए खेलो इंडिया यूथ 2021 खेलों की मेजबानी देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह पंचकूला के लिए गौरव की बात है कि इन खेलों में देशभर के लगभग 25 हजार से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि  पंचकूला में पहले भी इस तरह राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन करवाया जाता है और इन खेलों से पंचकूला में खेल गतिविधियों में ओर अधिक सुधार होगा।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कारगिल युद्व में हमारे 527 वीर शहीद हुए थे। इनमें हरियाणा के भी 89 जवान शामिल थे जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए शहादत दी। उन्होंने कहा कि इस युद्व में लगभग 1400 सैनिक घायल भी हुए। देश के लिए यह ऐतिहासिक क्षण कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे जांबाज वीर सैनिकों की बदौलत ही हम आज खुली हवा में सांस ले रहे हैं जो निरंतर सीमा पर सजग प्रहरी बनकर हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे है। ऐसे बहादुर  सैनिकों पर हमें नाज है जिनकी बदौलत नागरिक चैन की नींद सो रहे है।

गुप्ता ने कहा कि हम सैनिकों के बलिदान का कर्ज तो नहीं उतार सकते है, परंतु उनके आश्रितों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्व के शहीदों को तत्कालीन प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की बदौलत उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में सम्भव हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार ने कारगिल शहीदों को पैट्रोल पम्प व गैस एजेंसियां आंवटित की थी।

गुप्ता ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सैनिकों के परिवारों के आश्रितों के कल्याण के लिए अलग से सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण विभाग का गठन किया है। इसके माध्यम से वितिय सहायता एवं अन्य योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। इस अवसर पर कारगिल युद्व के दौरान सेना प्रमुख जनरल वी पी मलिक, एसडीएम धीरज चहल, एसीपी राजकुमार, तहसीलदार पुण्यदीप शर्मा, कार्यकारी अधिकारी नगर निगम जनरैल सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा, महामंत्री हरेन्द्र मलिक, योगेश शर्मा सहित कई पूर्व सेना अधिकारियों ने भी कारगिल शहीदों को पुष्प अर्पित कर श्रद्वाजंलि दी।

शहीद मेजर संदीप सागर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सैक्टर 7 में भी कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को पुष्पाजंलि अर्पित कर श्रद्वांजलि दी गई।

26 जुलाई : विजय दिवस पर मन की बात

  • करगिल युद्ध भारत कभी नहीं भूल सकता है-PM मोदी
  • ‘पाक ने पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश की थी’
  • करगिल युद्ध के दौरान अटल जी संदेश को याद करें

नई दिल्ली: 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे ‘मन की बात‘ कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने मन की बात में कहा कि आज का दिन बहुत खास है. आज कारगिल विजय दिवस है. 21 साल पहले आज के दिन करगिल में हमारी सेना ने भारत की जीत का झंडा लहराया था. कारगिल का युद्ध किन परिस्थितियों में हुआ था, वह भारत कभी नहीं भूल सकता. पीएम मोदी ने अमर शहीदों के साथ वीर माताओं को भी नमन किया. 

पीएम मोदी ने कहा, “पाकिस्तान में बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहां चल रहे आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था. भारत और पाकिस्तान से अच्छे संबंधों के लिए प्रयासरत था. दुष्ट का स्वभाव भी होता है, हर किसी से बिना वजह दुश्मनी करना ऐसे स्वभाव के लोग जो हित करता है, उसका भी नुकसान ही सोचते हैं. इसलिए भारत की मित्रता के जवाब में पाकिस्तान के द्वारा पीठ में छुरा भोंकने की कोशिश हुई थी लेकिन इसके बाद जो भारत की वीर सेना ने जो पराक्रम दिखाया उसे पूरी दुनिया ने देखा.” 

पीएम मोदी ने आगे कहा, “जीत पहाड़ों की ऊंचाई कि नहीं भारत के वीरो के ऊंचे हौसले की हुई. वीर माताओं के प्यार के बारे में एक दूसरे को बताए शहीदों की वीरता के बारे में एक दूसरे को बताएं. मैं देश के लोगों से अपील करता हूं. कारगिल युद्ध के समय अटल जी ने यहां दिल्ली से जो कहा था वह आज भी हमारे लिए प्रासंगिक है. महात्मा गांधी का मंत्र था कि किसी को कोई दुविधा हो तो उसे क्या करना क्या ना करना, उसे भारत के सबसे गरीब और असहाय व्यक्ति के बारे में सोचना चाहिए. जो वह करने जा रहा है. उससे उस व्यक्ति की भलाई होगी या नहीं होगी. गांधी जी के इस विचार से आगे बढ़कर अटल जी ने कहा था कि करगिल युद्ध ने हमें एक दूसरा मंत्र दिया है. यह मंत्र था कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले हम यह सोचे कि क्या हमारा यह कदम उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी.” 

कोरोना का खतरा टला नहीं

पीएम मोदी ने कोरोना के खतरे के प्रति आगाह किया. उन्होंने कहा, “आज हमारे देश में कोरोना का रिकवरी एक अन्य देशों के मुकाबले बेहतर साथ ही हमारे देश में मृत्यु दर भी विदेशों से कम. हमें कारोना से बहुत ही ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. चेहरे पर मास्क लगाना या गमछे का प्रयोग करना दो गज़ की दूरी हाथ धोना कहीं पर थूकना नहीं साफ सफाई का पूरा ध्यान यही हमारे हथियार हैं. जब भी मास्क हटाने का मन करे, तब उन डॉक्टर का कोरोना वायरस का स्मरण करिए वह घंटों तक मास्क पहनकर जुटे रहते हैं.” 

आपदा को अवसर में बदलने का वक्त

पीएम मोदी ने एक बार फिर दोहराया को कोरोना संकट की आपदा को अवसर में बदलने का यही सही वक्त है. उन्होंने लोकल उत्पादों को बढ़ावा देने की बात कही. पीएम मोदी ने कहा, “उत्तर पूर्व में कारीगरों ने बांस से बनी इको फ्रेंडली बोतलें और बर्तन बनाए हैं. यह हम सबके लिए उदाहरण है. झारखंड में लेमन ग्रास की खेती कर कारोबार बढ़ाया जा रहा है. लद्दाख और लेह में चूली फल या खुमानी की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे खुमानी को सुखाकर दूसरे हिस्सों में भेजा जा रहा है.” 

The Quick brown fox नहीं यह है एक वर्णमाला का सम्पूर्ण वाक्य ‘क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोटौठीडढण:।’

अजय नारायण शर्मा ‘अज्ञानी’, चंडीगढ़:

संस्कृत भाषा का कोई सानी नहीं है। यह अत्यंत वैज्ञानिक व विलक्षण भाषा है जो अनंत संभावनाएं संजोए है।

अंग्रेजी में
A QUICK BROWN FOX JUMPS OVER THE LAZY DOG
यह एक प्रसिद्ध वाक्य है। अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर इसमें समाहित हैं। किन्तु इसमें कुछ कमियाँ भी हैं, या यों कहिए कि कुछ विलक्षण कलकारियाँ किसी अंग्रेजी वाक्य से हो ही नहीं सकतीं। इस पंक्ति में :-

1) अंग्रेजी अक्षर 26 हैं और यहां जबरन 33 का उपयोग करना पड़ा है। चार O हैं और A,E,U,R दो-दो हैं।
2) अक्षरों का ABCD.. यह स्थापित क्रम नहीं दिख रहा। सब अस्तव्यस्त है।

अब संस्कृत में चमत्कार देखिये!

क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोटौठीडढण:।
तथोदधीन पफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।

अर्थात्– पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का, दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनहार कौन? राजा मय कि जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं।

आप देख सकते हैं कि संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस पद्य में आ जाते हैं। इतना ही नहीं, उनका क्रम भी यथायोग्य है।

एक ही अक्षर का अद्भुत अर्थ विस्तार।
माघ कवि ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल “भ” और “र”, दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है-

भूरिभिर्भारिभिर्भीभीराभूभारैरभिरेभिरे।
भेरीरेभिभिरभ्राभैरूभीरूभिरिभैरिभा:।।

अर्थात् धरा को भी वजन लगे ऐसे वजनदार, वाद्य यंत्र जैसी आवाज निकालने वाले और मेघ जैसे काले निडर हाथी ने अपने दुश्मन हाथी पर हमला किया।

किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में केवल “न” व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है और गजब का कौशल प्रयोग करके भारवि नामक महाकवि ने कहा है –

न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नाना नना ननु।
नुन्नोSनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नन्नुनन्नुनुत्।।

अर्थ- जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है वो भी मनुष्य नहीं है। घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करें वो भी मनुष्य नहीं है।

अब हम एक ऐसा उदहारण देखेंगे जिसमे महायमक अलंकार का प्रयोग किया गया है। इस श्लोक में चार पद हैं, बिलकुल एक जैसे, किन्तु सबके अर्थ अलग-अलग –

विकाशमीयुर्जगतीशमार्गणा विकाशमीयुर्जगतीशमार्गणाः।
विकाशमीयुर्जगतीशमार्गणा विकाशमीयुर्जगतीशमार्गणाः।।

अर्थात् – अर्जुन के असंख्य बाण सर्वत्र व्याप्त हो गए जिनसे शंकर के बाण खण्डित कर दिए गए। इस प्रकार अर्जुन के रण कौशल को देखकर दानवों को मारने वाले शंकर के गण आश्चर्य में पड़ गए। शंकर और तपस्वी अर्जुन के युद्ध को देखने के लिए शंकर के भक्त आकाश में आ पहुँचे।

संस्कृत की विशेषता है कि संधि की सहायता से इसमें कितने भी लम्बे शब्द बनाये जा सकते हैं। ऐसा ही एक शब्द इस चित्र में है, जिसमें योजक की सहायता से अलग अलग शब्दों को जोड़कर 431 अक्षरों का एक ही शब्द बनाया गया है। यह न केवल संस्कृत अपितु किसी भी साहित्य का सबसे लम्बा शब्द है। (चित्र संलग्न है…)

संस्कृत में यह श्लोक पाई (π) का मान दशमलव के 31 स्थानों तक शुद्ध कर देता है।

गोपीभाग्यमधुव्रात-श्रुग्ङिशोदधिसन्धिग।
खलजीवितखाताव गलहालारसंधर।।

pi=3.1415926535897932384626433832792

श्रृंखला समाप्त करने से पहले भगवन श्री कृष्णा की महिमा का गान करने वाला एक श्लोक प्रस्तुत है जिसकी रचना भी एक ही अक्षर से की गयी है।

दाददो दुद्ददुद्दादी दाददो दूददीददोः।
दुद्दादं दददे दुद्दे दादाददददोऽददः॥

यहाँ पर मैंने बहुत ही काम उदाहरण लिए हैं, किन्तु ऐसे और इनसे भी कहीं प्रभावशाली उल्लेख संस्कृत साहित्य में असंख्य बार आते हैं। कभी इस बहस में न पड़ें कि संस्कृत अमुक भाषा जैसा कर सकती है कि नहीं, बस यह जान लें, जो संस्कृत कर सकती है, वह कहीं और नहीं हो सकता।