राम मंदिर पर आए फैसले ने ओवैसी के बिगड़े बोल

नई दिल्ली: 

अयोध्या मामला:

अयोध्या भूमि विवाद को लेकर पांच जजों की पीठ ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित ढांचे पर अपना एक्सक्लूसिव राइट साबित नहीं कर पाया. कोर्ट ने विवादित ढांचे की जमीन हिंदुओं को देने का फैसला सुनाया, तो मुसलमानों को दूसरी जगह जमीन देने के लिए कहा है. AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने फैसला आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “मैं कोर्ट के फैसले से संतुष्‍ट नहीं हूं. सुप्रीम कोर्ट वैसे तो सबसे ऊपर है, लेकिन अपरिहार्य नहीं है. हमें संविधान पर पूरा भरोसा है, हम अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं, हमें खैरात के रूप में 5 एकड़ जमीन नहीं चाहिए. हमें इस पांच एकड़ जमीन के प्रस्‍ताव को खारिज कर देना चाहिए. हम पर कृपा करने की जरूरत नहीं है.”

ओवैसी ने आगे कहा, ”अगर मस्जिद वहां पर रहती तो सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला लेती. यह कानून के खिलाफ है. बाबरी मस्जिद नहीं गिरती तो फैसला क्या आता है. जिन्होंने बाबरी मस्जिद को गिराया, उन्हें ट्रस्ट बनाकर राम मंदिर बनाने का काम दिया गया है.”

सुप्रीम कोर्ट के पांचों जजों की सहमति से फैसला सुनाया गया है. फैसला पढ़ने के दौरान पीठ ने कहा कि ASI रिपोर्ट के मुताबिक नीचे मंदिर था. CJI ने कहा कि ASI ने भी पीठ के सामने विवादित जमीन पर पहले मंदिर होने के सबूत पेश किए हैं. CJI ने कहा कि हिंदू अयोध्या को राम जन्म स्थल मानते हैं. हालांकि, ASI यह नहीं बता पाया कि मंदिर गिराकर मस्जिद बनाई गई थी. मुस्लिम गवाहों ने भी माना कि वहां दोनों ही पक्ष पूजा करते थे. रंजन गोगोई ने कहा कि ASI की रिपोर्ट के मुताबिक खाली जमीन पर मस्जिद नहीं बनी थी. साथ ही सबूत पेश किए हैं कि हिंदू बाहरी आहते में पूजा करते थे.

साथ ही CJI ने कहा कि सूट -5 इतिहास के आधार पर है जिसमें यात्रा का विवरण है. सूट 5 में सीतार रसोई और सिंह द्वार का जिक्र है. सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए शांतिपूर्ण कब्जा दिखाना असंभव है. CJI ने कहा कि 1856-57 से पहले आंतरिक अहाते में हिंदुओ पर कोई रोक नहीं थी. मुसलमानों का बाहरी आहते पर अधिकार नहीं रहा.

SC orders that the disputed land must be given to Hindus.

BIG Breaking : SC orders that the disputed land must be given to Hindus. Centre to formulate a scheme within 3 months.
Muslims must be given alternate land.

AYODHYAVERDICT

A suitable plot of 5 acres must be granted to Sunni Waqf Board to set up a Mosque. The disputed land at Ayodhya must be given to a Board of Trustees for construction of #RamMandir. Centre to formulate scheme within 3 months.

AYODHYAVERDICT

#AYODHYAVERDICT

[09/11, 11:00 AM] www.demokraticfront.com: Muslims offered prayer inside the inner courtyard while the same was done by Hindus in the outer court yard : SC

AYODHYAVERDICT

[09/11, 11:00 AM] www.demokraticfront.com: Sunni Board cannot claim adverse possession : SC

AYODHYAVERDICT

[09/11, 11:01 AM] www.demokraticfront.com: SC holds that the mosque was not abandoned; mere cessation of namaz by Muslims cannot lead to inference that mosque was abandoned and they lost possession

AYODHYAVERDICT

राम मंदिर पर फैसला आने से पहले काँग्रेस की कार्यसमिति की बैठक

चंडीगढ़: 

राम मंदिर भूमि मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले कांग्रेस ने कार्यसमिति की बैठक बुलाई है. इसमें राम मंदिर मसले को लेकर पार्टी लाइन तय की जाएगी.

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस के सीनियर नेताओं के साथ अहम बातचीत करेंगी. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी भी दिल्ली लौट चुके हैं. वे भी इसमें शामिल होंगे. पहले रविवार को 4.30 यह बैठक होनी थी, लेकिन किन्हीं वजहों से इसे टाल दिया गया था.

देश के संभवत: सर्वाधिक चर्चित व विवादित अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में कल (शनिवार 9 नवंबर) सुबह 10:30 बजे सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाने जा रहा है.

इस मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद देश की शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. तभी से यह अनुमान लगाया जा रहा था कि प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के सेवानिवृत्त होने से पहले इस मामले में फैसला आ जाएगा.

अयोध्या मामले में फैसला कल सुबह 10:30 बजे, सारे देश में सुरक्षा के कड़े इंतेज़ाम

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट कल सुबह यानी 9 नवंबर को फैसला सुनाएगा. पांच जजों की पीठ यह फैसला सुनाएगी.
सूत्रों ने कहा कि न्यायाधीशों ने राज्य के अधिकारियों से पूछा कि कानून और व्यवस्था को बनाए रखने और इसे मजबूत करने के लिए क्या उन्हें किसी भी तरह की मदद की जरूरत है?

चंडीगढ़: 

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट कल सुबह यानी 9 नवंबर को फैसला सुनाएगा. पांच जजों की पीठ यह फैसला सुनाएगी. अयोध्या मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है. इस मामले में 40 दिनों तक नियमित सुनवाई हुई है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ यह फैसला सुनाएगी. यह भारत का सबसे पुराना मामला है. अयोध्या मामले में पक्षकार और पंच निर्वाणी अणी अखाड़े के परमाध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास ने कहा, ‘माहौल कोई बिगाड़ ही नहीं सकता है, हम लोग अयोध्यावासी सब मिलकर राम मंदिर का निर्माण करेंगे. इस पर कोई विचार न करे कोर्ट क्या कह रहे हैं. लड़ना होगा तो हम ही लड़ेंगे. यहां पर जो हो, एक धार्मिक व्यवस्था को जो व्यापार नहीं मिल रहा है उसपर ध्यान ना दें.’

वहीं इस मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा, ‘हमारी अपील है, लोग शांति बनाए रखें. हम लोग साथ होंगे आज हम पूरी दुनिया को संदेश दे रहे हैं. हम भारत के वासी हैं, जो फैसला कोर्ट करेगा वह हम मानेंगे. हम हिन्दुस्तान को बड़ा देखना चाहते हैं. हमारे यहां कोई विवाद नहीं है, किसी के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं, तमाम साधू और मुस्लिम साथ दिखाई पड़ते हैं. पूरी दुनिया देख रही है हम एक हैं. यहां जात नहीं पूछी जाती है, यहां इंसानियत देखी जाती है, ये हमारे घर भी आते हैं और हम भी जाते हैं हम शान्ति चाहते हैं. सब रख रखाव सरकार के हाथ में है.’

यहां आपको बता दें कि अयोध्या जमीन विवाद के फैसले से पहले एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के साथ अति गोपनीय बैठक की. ऐसा मना जा रहा है कि बैठक में प्रदेश में कानून-व्यवस्था का न्यायाधीश ने जायजा लिया. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, डीजीपी ओम प्रकाश सिंह और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के साथ अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही पीठ के पांच न्यायाधीशों में से अन्य दो न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी मौजूद रहे.

अयोध्या मामले पर फैसला कभी भी आ सकता है, इसलिए बैठक में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर केंद्रित चर्चा की गई. एक सूत्र ने कहा, ‘न्यायधीशों और राज्य अधिकारियों के बीच बैठक सुबह 11.30 बजे शुरू हुई और दोपहर 1 बजे खत्म हुई.’

सूत्रों ने कहा कि न्यायाधीशों ने राज्य के अधिकारियों से पूछा कि कानून और व्यवस्था को बनाए रखने और इसे मजबूत करने के लिए क्या उन्हें किसी भी तरह की मदद की जरूरत है?

छठ पूजा 2019 भव्यता के साथ संपन्न

छठ पूजा सूर्य, उषा, प्रकृति,जल, वायु और उनकी बहन छठी म‌इया को समर्पित है ताकि उन्हें पृथ्वी पर जीवन की देवतायों को बहाल करने के लिए धन्यवाद और कुछ शुभकामनाएं देने का अनुरोध किया जाए। छठ में कोई मूर्तिपूजा शामिल नहीं है। त्यौहार के अनुष्ठान कठोर हैं और चार दिनों की अवधि में मनाए जाते हैं।

हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक छठ महाव्रत मनाया जाता है। इसमें भगवान सूर्यदेव की पूजा होती है। इस बार छठ पूजा 13 नवंबर, 2018 को है।​​ छठ व्रत खासतौर पर पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता है।

छठ पर छठी मैया के जयकारे के साथ आराधना की जाती है। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश राज्यों में यह प्रमुख तौर पर मनाया जाता है…

छठ व्रत कथा

दिवाली के 6 दिन बाद छठ मनाया जाता है। छठ के महाव्रत को करना अत्यंत पुण्यदायक है। छठ व्रत सबसे महत्त्वपूर्ण रात्रि कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को होता है। सूर्योपासना का यह महापर्व चार दिनों तक मनाया जाता है। छठ पर्व के लिए कई कथाएं प्रचलित हैं, किन्तु पौराणिक शास्त्रों में इसे देवी द्रोपदी से जौड़कर देखा जाता है। मान्यता है कि जब पांडव जुए में अपना सारा राजपाट हार गए, तब द्रौपदी ने छठ का व्रत रखा था। द्रोपदी के व्रत के फल से पांडवों को अपना राजपाट वापस मिल गया था। इसी तरह छठ का व्रत करने से लोगों के घरों में समृद्धि और सुख आता है। छठ मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश सहित कई क्षेत्रों में छठ का महत्व है।

छठ पूजा या सूर्य षष्ठी या छठ व्रत में सूर्य भगवान की पूजा होती है और धरती पर लोगों के सुखी जीवन के लिए सूर्य देव के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। सूर्य देव को ऊर्जा और जीवन शक्ति का देवता माना जाता है। इसलिए छठ पर्व पर समृद्धि के लिए पूजा की जाती है।

सूर्य की पूजा से विभिन्न बीमारियों का इलाज संभव है। सूर्य पूजा के साथ स्नान किया जाता है। इससे कुष्ठ रोग जैसी गंभीर रोग भी दूर हो जाते हैं। छठ पर्व परिवार के सदस्यों और मित्रों की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए भी मनाया जाता है।

छठ व्रत पूजा विधि

छठ देवी भगवान सूर्यदेव की बहन हैं। जिनकी पूजा के लिए छठ मनाया जाता है। छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य की आराधना की जाती है। छठी मैया का ध्यान करते हुए लोग मां गंगा-यमुना या किसी नदी के किनारे इस पूजा को मनाते हैं। इसमें सूर्य की पूजा अनिवार्य है साथ ही किसी नदी में स्नान करना भी।इस पर्व में पहले दिन घर की साफ सफाई की जाती है। छठ पर्व पर गांवों में अधिक सफाई देखने को मिलती है। छठ के चार दिनों तक शुद्ध शाकाहारी भोजन किया जाता है, दूसरे दिन खरना का कार्यक्रम होता है, तीसरे दिन भगवान सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन भक्त उदियमान सूर्य को उषा अर्घ्य देते हैं।
छठ के दिन अगर कोई व्यक्ति व्रत को करता है तो वह अत्यंत शुभ और मंगलकारी होता है। पूरे भक्तिभाव और विधि विधान से छठ व्रत करने वाला व्यक्ति सुखी और साधनसंपन्न होता है। साथ ही निःसंतानों को संतान प्राप्ति होती है।

छठ अनुष्ठान विधि

छठ के दिन सूर्योदय में उठना चाहिए।
व्यक्ति को अपने घर के पास एक झील, तालाब या नदी में स्नान करना चाहिए।
स्नान करने के बाद नदी के किनारे खड़े होकर सूर्योदय के समय सूर्य देवता को नमन करें और विधिवत पूजा करें।
शुद्ध घी का दीपक जलाएं और सूर्य को धुप और फूल अर्पण करें।

छठ पूजा में सात प्रकार के फूल, चावल, चंदन, तिल आदि से युक्त जल को सूर्य को अर्पण करें।
सर झुका कर प्रार्थना करते हुए

ॐ घृणिं सूर्याय नमः, ॐ घृणिं सूर्य: आदित्य:, ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय, सहस्त्रकिरणाय मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहा,
या फिर
ॐ सूर्याय नमः 108 बार बोलें।

अपनी सामर्थ्य के अनुसार ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराएं।

अब देश में होंगे 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर अब राज्य नहीं

इतिहास के पटल पर आज 31 अक्तूबर का दिन खास तौर पर दर्ज़ हो गया जब आज आधी रात से  जम्मू कश्मीर का राज्य के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया ।

यह पहला मौका है जब एक राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया हो। आज आधी रात से फैसला लागू होते ही देश में राज्यों की संख्या 28 और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या नौ हो गई है।

आज जी सी मुर्मू और आर के माथुर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के प्रथम उपराज्यपाल के तौर पर बृहस्पतिवार को शपथ लेंगे।

श्रीनगर और लेह में दो अलग-अलग शपथ ग्रहण समारोहों का आयोजन किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल दोनों को शपथ दिलाएंगी।

सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था, जिसे संसद ने अपनी मंजूरी दी। इसे लेकर देश में खूब सियासी घमासान भी मचा। 

भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने की बात कही थी और मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 90 दिनों के भीतर ही इस वादे को पूरा कर दिया। इस बारे में पांच अगस्त को फैसला किया गया।


सरदार पटेल की जयंती पर बना नया इतिहास 


सरदार पटेल को देश की 560 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय का श्रेय है। इसीलिए उनके जन्मदिवस को ही इस जम्मू कश्मीर के विशेष अस्तित्व को समाप्त करने के लिए चुना गया।
देश में 31 अक्टूबर का दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। आज पीएम मोदी गुजरात के केवडिया में और अमित शाह दिल्ली में अगल-अलग कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। कश्मीर का राज्य के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया। इसके साथ ही दो केंद्रशासित प्रदेशों का दर्जा मध्यरात्रि से प्रभावी हो गया है। नए केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आए हैं।

 जम्मू और कश्मीर में आतंकियों की बौखलाहट एक बार फिर सामने आई है. आतंकियों ने कुलगाम में हमला किया है, जिसमें 5 मजदूरों की मौत हो गई है. जबकि एक घायल है. मारे गए सभी मजदूर कश्मीर से बाहर के हैं. जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से घाटी में ये सबसे बड़ा आतंकी हमला है. आतंकियों की कायराना हरकत से साफ है कि वे कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले से बौखलाए हुए हैं और लगातार आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं.

जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बलों ने इस इलाके की घेराबंदी कर ली है और बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है. अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया गया है. माना जा रहा है कि मारे गए मजदूर पश्चिम बंगाल के थे.

ये हमला ऐसे समय हुआ है जब यूरोपियन यूनियन के 28 सांसद कश्मीर के दौरे पर हैं. सांसदों के दौरे के कारण घाटी में सुरक्षा काफी कड़ी है. इसके बावजूद आतंकी बौखलाहट में किसी ना किसी वारदात को अंजाम दे रहे हैं. डेलिगेशन के दौरे के बीच ही श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के कुछ इलाकों में पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आईं.

जम्मू एवं से अनुच्छेद-370 हटने के बाद यूरोपीय संघ के 27 सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों द्वारा सवाल उठाने पर भारतीय जनता पार्टी ने जवाब दिया है. पार्टी का कहना है कि कश्मीर जाने पर अब किसी तरह की रोक नहीं है. देसी-विदेशी सभी पर्यटकों के लिए कश्मीर को खोल दिया गया है, और ऐसे में विदेशी सांसदों के दौरे को लेकर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं है.

भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा, ‘कश्मीर जाना है तो कांग्रेस वाले सुबह की फ्लाइट पकड़कर चले जाएं. गुलमर्ग जाएं, अनंतनाग जाएं, सैर करें, घूमें-टहलें. किसने उन्हें रोका है? अब तो आम पर्यटकों के लिए भी कश्मीर को खोल दिया गया है.’शहनवाज हुसैन ने कहा कि जब कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटा था, तब शांति-व्यवस्था के लिए एहतियातन कुछ कदम जरूर उठाए गए थे, मगर हालात सामान्य होते ही सब रोक हटा ली गई. उन्होंने कहा, ‘अब हमारे पास कुछ छिपाने को नहीं, सिर्फ दिखाने को है.’

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘जब कश्मीर में तनाव फैलने की आशंका थी, तब बाबा बर्फानी के दर्शन को भी तो रोक दिया गया था. यूरोपीय संघ के सांसद कश्मीर जाना चाहते थे. वे पीएम मोदी से मिले तो अनुमति दी गई. कश्मीर को जब आम पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है तो विदेशी सांसदों के जाने पर हायतौबा क्यों? विदेशी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर जाने से पाकिस्तान का ही दुष्प्रचार खत्म होगा.’

आठ दिन और छ्ह फैसले

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ 31-अक्टूबर:

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई नवंबर की 17 तारीख को रिटाइर हो रहे हैं  उन्हें छह महत्त्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाना है। सुप्रीम कोर्ट में इस समय दिवाली की छुट्टियां चल रही हैं और छुट्टियों के बाद अब काम 4 नवंबर को शुरू होगा।

अयोध्या बाबरी मस्जिद मामला, राफल समीक्षा मामला , राहुल पर अवमानना मामला, साबरिमाला , मुख्य न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का मामला और आर टी आई अधिनियम पर फैसले आने हैं।

अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला इन सभी मामलों में सर्वाधिक चर्चित है अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला। पांच जजों की संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई पूरी कर चुकी है और 16 अक्टूबर को अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा। इस पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ही कर रहे हैं। इस विवाद में अयोध्या, उत्तर प्रदेश में स्थित 2 .77 एकड़ विवादित जमीन पर किसका हक़ है, इस बात का फैसला होना है। हिन्दू पक्ष ने कोर्ट में कहा कि यह भूमि भगवान राम के जन्मभूमि के आधार पर न्यायिक व्यक्ति है। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना था कि मात्र यह विश्वास की यह भगवान राम की जन्मभूमि है, इसे न्यायिक व्यक्ति नहीं बनाता। दोनों ही पक्षों ने इतिहासकारों, ब्रिटिश शासन के दौरान बने भूमि दस्तावेजों, गैज़ेट आदि के आधार पर अपने अपने दावे पेश किये है। इस सवाल पर कि क्या मस्जिद मंदिर की भूमि पर बनाई गई? आर्किओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट भी पेश की गई।

 रफाल समीक्षा फैसला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में एसके कौल और केएम जोसफ की पीठ के 10 मई को रफाल मामले में 14 दिसंबर को दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई समीक्षा रिपोर्ट पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मामला 36 रफाल लड़ाकू विमानों के सौदे में रिश्वत के आरोप से संबंधित है। इस समीक्षा याचिका में याचिकाकर्ता एडवोकेट प्रशांत भूषण और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने मीडिया में लीक हुए दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में तर्क दिया कि सरकार ने फ्रेंच कंपनी (Dassault) से 36 फाइटर जेट खरीदने के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण सूचनाओं को छुपाया है। कोर्ट ने इस मामले में उन अधिकारियों के विरुद्ध झूठे साक्ष्य देने के सन्दर्भ में कार्रवाई भी शुरू की जिन पर यह आरोप था कि उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को गुमराह किया है। 10 अप्रैल को अदालत ने इस मामले में द हिन्दू आदि अखबारों में लीक हुए दस्तावेजों की जांच करने के केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों को दरकिनार कर दिया था। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलील दी थी कि ये दस्तावेज सरकारी गोपनीयता क़ानून का उल्लंघन करके प्राप्त किए गए थे, लेकिन पीठ ने इस प्रारंभिक आपत्तियों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि साक्ष्य प्राप्त करने में अगर कोई गैरकानूनी काम हुआ है तो यह इस याचिका की स्वीकार्यता को प्रभावित नहीं करता।

राहुल गांधी के “चौकीदार चोर है” बयान पर दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा रफाल सौदे की जांच के लिए गठित मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने राहुल गांधी के खिलाफ मीनाक्षी लेखी की अवमानना याचिका पर भी फैसला सुरक्षित रखा। राहुल गांधी ने रफाल सौदे को लक्ष्य करते हुए यह बयान दिया था कि “चौकीदार चोर है।” कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी इस टिपण्णी के लिए माफी मांग ली थी।

सबरीमाला समीक्षा फैसला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने सबरीमाला मामले में याचिकाकर्ताओं को एक पूरे दिन की सुनवाई देने के बाद समीक्षा याचिका पर निर्णय को फरवरी 6 को सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति खानविलकर, न्यायमूर्ति नरीमन, न्यायमूर्ति चंद्रचूड और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की संविधान पीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में ट्रावनकोर देवस्वोम बोर्ड, पन्दलम राज परिवार और कुछ श्रद्धालुओं ने 28 दिसंबर 2018 को याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी। याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में अपनी दलील में यह भी कहा था कि संवैधानिक नैतिकता एक व्यक्तिपरक टेस्ट है और आस्था के मामले में इसको लागू नहीं किया जा सकता। धार्मिक आस्था को तर्क की कसौटी पर नहीं कसा जा सकता। पूजा का अधिकार देवता की प्रकृति और मंदिर की परंपरा के अनुरूप होना चाहिए। यह भी दलील दी गई थी कि फैसले में संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत ‘अस्पृश्यता’ की परिकल्पना को सबरीमाला मंदिर के सन्दर्भ में गलती से लाया गया है और इस क्रम में इसके ऐतिहासिक सन्दर्भ को नजरअंदाज किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआई के अधीन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 4 अप्रैल को सीजेआई कार्यालय के आरटीआई अधिनियम के अधीन होने को लेकर दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने दिल्ली हाईकोर्ट के जनवरी 2010 के फैसले के खिलाफ चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सीजेआई का कार्यालय आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 2(h) के तहत ‘सार्वजनिक प्राधिकरण’है। वित्त अधिनियम 2017 की वैधता पर निर्णय ट्रिब्यूनलों के अधिकार क्षेत्र और स्ट्रक्चर पर डालेगा प्रभाव राजस्व बार एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखा। इस याचिका में वित्त अधिनियम 2017 के उन प्रावधानों को चुनौती दी गई है, जिनकी वजह से विभिन्न न्यायिक अधिकरणों जैसे राष्ट्रीय हरित अधिकरण, आयकर अपीली अधिकरण, राष्ट्रीय कंपनी क़ानून अपीली अधिकरण के अधिकार और उनकी संरचना प्रभावित हो रही है। याचिकाकर्ता की दलील थी कि वित्त अधिनियम जिसे मनी बिल के रूप में पास किया जाता है, अधिकरणों की संरचना को बदल नहीं सकता।

यौन उत्पीडन मामले में सीजेआई के खिलाफ साजिश मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के खिलाफ यौन उत्पीडन के आरोपों की साजिश की जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति एके पटनायक ने की और जांच में क्या सामने आता है, इसका इंतज़ार किया जा रहा है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन और दीपक गुप्ता की पीठ ने न्यायमूर्ति पटनायक को एडवोकेट उत्सव बैंस के दावों के आधार पर इस मामले की जांच का भार सौंपा था। उत्सव बैंस ने कहा था कि उनको किसी फ़िक्सर, कॉर्पोरेट लॉबिस्ट, असंतुष्ट कर्मचारियों ने सीजेआई के खिलाफ आरोप लगाने के लिए एप्रोच किया था। ऐसा समझा जाता है कि न्यायमूर्ति पटनायक ने इस जांच से संबंधित अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है।


काँग्रेस से 3 बार सांसद रहीं राजकुमारी रत्ना सिंह ने थामा कमल

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा। प्रतापगढ़ से पूर्व सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह बीजेपी का दामन थामाँ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में आज ही रत्ना सिंह प्रतापगढ़ में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से तीन बार कांग्रेस की सांसद रह चुकीं राजकुमारी रत्ना सिंह मंगलवार को राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं हैं। इस दौरान राजकुमारी के साथ उनके सैकड़ों समर्थकों ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ प्रतापगढ़ के गड़वारा बाजार में सदर सीट पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार राजकुमार पाल के समर्थन में जनसभा करने पहुंचे हैं।

लखनऊ: 

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है. प्रतापगढ़ की पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता राजकुमारी रत्ना सिंह आज (15 अक्टूबर) को  भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं. जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।

दरअसल, प्रतापगढ़ के गड़वारा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुनावी जनसभा में ये सार्वजनिक घोषणा हुई। पहले राजकुमारी रत्ना के भाजपा में शामिल होने का कार्यक्रम लखनऊ में था, लेकिन इस बीच विधानसभा उपचुनाव की सरगर्मी बढ़ने से इसमें बदलाव किया गया।

आपको बता दें कि राजकुमारी रत्ना सिंह पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय राजा दिनेश सिंह की बेटी हैं। राजा दिनेश सिंह प्रतापगढ़ से चार बार और उनकी पुत्री राजकुमारी रत्ना सिंह तीन बार 1996, 1999 और 2009 में सांसद रह चुकी हैं। रत्ना सिंह का परिवार शुरू से ही कांग्रेसी रहा है। इनके परिवार में रामपाल सिंह कांग्रेस के संस्थापक सदस्य थे।

पिता राजा दिनेश सिंह कांग्रेस की सरकार में विदेश मंत्री रहे. वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बहुत करीबी थे. इसके चलते नेहरू-गांधी परिवार उनको बहुत महत्व देता था. बिना सांसद रहे भी उन्हें मंत्री बनाया गया था. अचानक राजकुमारी रत्ना के कांग्रेस से नाता तोड़ने के फैसले पर प्रदेश कांग्रेस हतप्रभ है।

भारत माता की जय,का नारा लगाने की स्थिति में नहीं है कांग्रेसी: योगी आदित्यनाथ

काल्का , 11 अक्टूबर (सारिका तिवारी)

योगी आदित्यनाथ आज काल्का हल्के में भाजपा प्रत्याशी लतिका शर्मा के लिए प्रचार सभा में आमंत्रित थे। उन्होने हरियाणा में चुनावी रैली करने के लिए काल्का हल्के को दो कारणों से चुना पहला कारण यह मान कालिका का सिद्धपीठ है ओर दूसरे यह विधानसभा क्षेत्र संख्या अनुक्रमांक में पहले नंबर पर आता है। योगी ने काश्मीर से लेकर राफेल तक सभी मुद्दों पर बात की। वहीं उन्होने कॉंग्रेस के दोगले चरित्र पर खूब लताड़ लगाई। योगी ने याद दलाया की कॉंग्रेस में भारत माता का नारा रोक कर सोनिया गांधी ज़िंदाबाद के नारे लगवाए जाते है।

कांग्रेस ने पहले देश बेचा, अब टिकट बेच रहे : योगी आदित्यनाथ

कालका 11 अक्तूबर (सारिका तिवारी)

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए हुए उसे देश बेचने वाला बताया। योगी ने कहा कि कांग्रेस ने पहले देश को बेचा। जब देश की सत्ता उनके हाथ से चली गई तो उन्होंने अपनी पार्टी की टिकट बेचना शुरू कर दी। पार्टी के नेता ही लगातार आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस के नेताओं द्वारा टिकट बेची गई हैं।इसलिए जिस पार्टी का स्वयं कोई भविष्य तय नहीं है, वह दूसरों के बारे में क्या सोचेगी।

योगी आदित्यनाथ ने लोगों से ज्ञान चंद गुप्ता और लतिका शर्मा के पक्ष में मतदान की अपील की। सीएम योगी आदित्यनाथ कालका में भाजपा प्रत्याशी लतिका शर्मा और पंचकूला से भाजपा के प्रत्याशी ज्ञानचंद गुप्ता के पक्ष में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने योगी आदित्यनाथ का स्वागत किया।


विजयदशमी के दिन रफेल की जब शस्त्र पूजा तो कांग्रेसियों को हंसी आ रही थी अपने देश के समृद्धि विकास पर हंसने वाले लोगों पर कौन विश्वास करेगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कांग्रेस पार्टी घोटाला पार्टी के रूप में सामने आई है। कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान घोटालों खासतौर पर वाड्रा के विषय में बात करते हैं उन्होंने कहा कि दामाद जी ने घोटालों के नए कीर्तिमान स्थापित किए गुड़गांव से लेकर पंचकूला तक कोई ऐसी जमीन नहीं छोड़ी जिस पर घोटाला ना क्या हो।

योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 370 को समाप्त करने की पहल करने और उस पर ऐतिहासिक निर्णय लिए जाने की उनकी सराहना की जबकि राहुल गांधी ने काश्मीर को लेकर कहा की एक बार आप वहाँ छूट दो तो वहाँ खून की नदियां बह जाएंगी और वहाँ एक पटाखा भी नहीं फूटा। कॉंग्रेस और पाकिस्तान की नीति एक ही है की वहाँ जाणीवन में गतिरोध बना रहे और जीवन अस्तव्यस्त रहे। वहाँ आतंकवाद पनपता रहे। दूसरी ओर प्रधान मंत्री मोदी आतंकवाद को वैश्विक चुनौती मानते हुए सम्पूर्ण विश्व को इस समस्या के खिलाफ एक जुट करने पर जुटे हुए हैं।

योगी ने आते ही सभी को नवरात्रि की बधाई दी और याद दिलाया की भाजपा के मंच पर भारत माता की जय जय आर होती है जबकि कॉंग्रेस के मंचों पर भारत मटा की जैकार के नारे रोक कर सोनिया गांधी के नारों की बौछार होती है।

योगी आदित्यनाथ ने रहल गांधी पर चुटकी लेते हुए कहा कि रहल गांधी हर च्नाव के बाद नानी याद आ जाती है और वह उनसे मिलने भी जाते हैं। यह तंज़ उनके अज्ञात विदेशी प्रवासों को लेकर था।

योगी ने कहा कि अब काँग्रेस का कोई भविष्य नहीं रह गया है, कॉंग्रेस के लोग खुद काँग्रेस कि जड़ें खोद रहे हैं। वहीं प्रधान मंत्री मोदी में जनता ने दूसरी बार विश्वास जताया है हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में जहां विकास कि बयार बही है वहीं हरियाणा सरार ने 72000 नोकरियाँ बिना साक्षात्कार के वरीयता के आधार पर मोहैया करवाईं गईं। किसी भी पद के लिए भाई भतीजावाद नहीं किया गया।

योगि ने याद दिलाया कि मोदी सरकार कि नीतियों को अक्षरश: पालन करने वाली मनोहर सरकार के कारण हरियाणा ने लोकसभा कि एक भी सीट नहीं गंवाई। सारी लोकसभा सीटें जीतने का गोरव हरियाणा के सर सजा है।