नगर प्रशिद में सरकार बनने के कुछ समय में ही बदला हुआ कालका देखेंगे लोग: कौशल किशोर

  • नगर प्रशिद छेत्र में विकास कराने का ज़िम्मा मेरा: केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री  कौशल किशोर


कालका संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, कालका 13 जून:

केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री कौशल किशोर और यमुना नगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा सोमवार को कालका पहुंचे और कालका पिंजौर के विभिन्न क्षेत्रों में जनसंवाद व जनसभा कर नगर परिषद कालका में पार्टी द्वारा घोषित किए गए उम्मीदवारों के लिए वोट मांगी। इस मौके पर उनके साथ भारतीय जनता पार्टी के नगर परिषद कालका के चुनाव प्रभारी डा संजय शर्मा, अंबाला सांसद रतन लाल कटारिया, प्रदेश महामंत्री वेदपाल , पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल,  कालका की पूर्व विधायक लतिका शर्मा, भाजपा जिला अध्यक्ष अजय शर्मा, भाजपा जिला महामंत्री वीरेंद्र राणा, भाजपा वरिष्ठ नेता संतराम शर्मा, विस्तारक शशि दुरेजा, कुलदीप डेलू, कालका मंडल अध्यक्ष भवन जीत सिंह, पिंजौर मंडल अध्यक्ष नराता राम, मंडल महामंत्री हरीश मोंगा, चेयरमैन पद के उम्मीदवार कृष्ण लाल लांबा समेत सभी वार्ड के पार्षद उम्मीदवार व अन्य नेता उपस्थित रहे। इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि नगर परिषद क्षेत्र में विकास कराने का ज़िम्मा मेरा है। कहा कि नगर परिषद में सरकार बनने के कुछ समय में ही बदला हुआ कालका देखेंगे लोग। उन्होंने पिंजौर में आयोजित बैठक के दौरान सभी उम्मीदवारों को संबोधित करते हुए कहा कि कहा केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा रोगों के लिए विभिन्न विकास की योजनाएं चलाई गई है उसके बारे में जाकर लोगों को बताएं।

यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा द्वारा नंबर 19 की पावर हाउस कॉलोनी, नंबर 11 के नोबल स्कूल के पास, वार्ड नंबर 30 में कुराडी मोहल्ला में, नंबर 12 के सैनी मोहल्ले में, वार्ड नंबर 10 के पूजा मैरिज पैलेस, वार्ड नंबर 28 से टगरा कंगन, वार्ड नंबर 28 के बसंत बिहार में जनसंवाद व जनसभाएं कर भाजपा के चेयरमैन पद के उम्मीदवार व पार्षद पद के उम्मीदवारों के लिए वोट देने की अपील की गई।

साहित्यिक मित्रों का मिलन:कौन कौन मिले.ऐसे हुआ अनूठा संयोग!

साहित्यिक मित्रों के मिलने का संयोग हुआ और अपने अपने संस्मरणों के साथ राष्ट्र के अतीत के झरोखे से नवीन घटनाओं का अनेक दृष्टिकोण से मंथन हुआ जो आने वाले कई वर्षों तक राष्ट्र में भोगा जाएगा।

करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ :

यह संयोग हुआ “असहमति के स्वर” के विमोचन कार्यक्रम में जो प्रख्यात शिक्षाविद् और गीतकार प्रो चंद्रभानु त्यागी श्रीगंगानगर के सानिध्य में हुआ। त्यागी ने एक गीत गाया और क्षणों को आनंदित कर दिया।

 ब्लॉसम अकादमी ‘ माणकसर’ के सभा कक्ष में 12 जून 2022 का दिन विशेष रहा जिसमें रमेश चंद्र छाबड़ा के काव्य संग्रह “असहमति के स्वर” के विमोचन समारोह में मित्रों का यह मिलना हुआ। 

श्रीगंगानगर से डा.कृष्ण कुमार ‘आशु’, डा.संदेश त्यागी,प्रो. मोहित कुमार,डा.विशाल छाबड़ा पहुंचे।

साहित्यकार डा मंगत बादल रायसिंहनगर से

प्रह्लाद पारीक सरदारपुरा खर्था सूरतगढ़ से पहुंचे।

सूरतगढ़ से वरिष्ठ पत्रकार लेखक करणीदानसिंह राजपूत, रमेशचंद्र छाबड़ा, आकाशवाणी केंद्र सूरतगढ़ के पूर्व निदेशक दिनेश चन्द्र शर्मा, ब्लॉसम अकादमी के निदेशक अनिल चुघ,वरिष्ठ कवि राजेश चड्ढा,डा. हरिमोहन सारस्वत ‘रूंख’, लेखक नंदकिशोर सोमानी पहुंचे।

देश के हालात,संविधान व गांधी पर विचार: रमेश छाबड़ा की काव्यकृति की विमोचन रिपोर्ट

असहमति का अर्थ अराजकता नहीं होता— प्रो त्यागी

करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ – 12 जून 2022. :

असहमति का अर्थ अराजकता नहीं होता। असहमति के मूल में भूत,वर्तमान और भविष्य तीनों सम्मिलित होते हैं। यह लोकतन्त्र की सबसे बड़ी विशेषता है”-यह बात प्रख्यात शिक्षाविद् और गीतकार प्रो चंद्रभानु त्यागी ने रमेश चंद्र छाबड़ा की पुस्तक “असहमति के स्वर” के विमोचन समारोह में कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात साहित्यकार डा मंगत बादल और विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार करणीदानसिंह राजपूत थे।

प्रो चंद्र भानु त्यागी ने अपने संबोधन में कहा कि असत्य का बोलबाला तभी तक है जब तक सत्य प्रकट नहीं होता। सत्य की अनुपस्थिति ही असत्य है। इसलिये आवश्यकता केवल सत्य को सामने लाने की है। उन्होंने कहा कि जिसके भीतर की कविता समाप्त हो जाती है वही व्यक्ति हत्यारा या दंगाई हो सकता है। उन्होंने कहा कि आज गांधीवाद की आवश्यकता न केवल भारत को है, अपितु पूरी दुनिया को है। प्रो त्यागी ने कहा कि जिस व्यक्ति में जिज्ञासा बरक़रार रहती है वह शिखर से भी आगे नये शिखर गढ़ता है।लेखक का जिज्ञासु होना अति आवश्यक है, तभी वह अपने कर्त्तव्य का पालन भली भाँति कर सकता है। उन्होंने गीता के अनेक कथ्यों का विस्तार से वर्णन किया। 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा. मंगत बादल ने कहा कि हालाँकि कविता क्रांति नहीं कर सकती लेकिन क्रांति के लिये बीज ज़रूर तैयार कर सकती है।जब तक सत्ता को चुनौती देने वाले साहित्यकार रहेंगे तब तक समाज को किसी चिंता की ज़रूरत नहीं है।

विशिष्ट अतिथि करणीदानसिंह राजपूत ने कहा कि आज जिस देश राह पर जा रहा है वहाँ, तहज़ीब का बचना मुश्किल लगता है। ऐसे माहौल में लेखकों को उठना ही होगा और अपनी असहमति दर्ज करवानी ही पड़ेगी। यदि साहित्यकार नहीं खड़ा होगा तो देश की विरासत विध्वंस  का शिकार हो जायेगी। राजपूत ने रमेशचंद्र छाबड़ा के व्यक्तित्व और कवि रूप तथा काव्य यात्रा के कई सालों का रोचक वर्णन किया। राजपूत ने कहा कि कवि संघर्ष करने वाले,परेशानियां भोग रहे लोगों के बीच खड़ा होकर बात रख रहा है।

रमेशचंद्र छाबड़ा की काव्यकृति असहमति के स्वर पर दो पत्र पढे गए।

डा कृष्ण कुमार आशु ने पत्र वाचन करते हुए कहा कि कवि किसी के विपक्ष में नहीं होता अपितु वह सत्य का पैरोकार होता है।लेकिन आजकल कवियों ने भी सत्ता सुख के लालच में अपने कवित्व को ख़त्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि रमेश चंद्र छाबड़ा ने इस दौर में असहमति का स्वर सशक्त रूप से दर्ज करवाया हैं।

 प्रह्लाद पारीक ने भी पत्र वाचन करते हुए कहा कि रमेश चन्द्र छाबड़ा ने अपने कवि होने के धर्म का बखूबी पालन किया और वर्तमान समाज में मानवीय पीड़ाओं को अपना स्वर दिया है।

पुस्तक के लेखक रमेश चंद्र छाबड़ा ने अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि आज समाज का भी एक तरह से विभाजन हो गया है।ऐसे माहौल में चुप नहीं रहा जा सकता।इस नफ़रत के माहौल के ख़िलाफ़ व्यक्ति को खड़ा होना ही चाहिये। इसी भाव से इस पुस्तक की कविताओं की रचना हुई है। उन्होंने कहा कि इन कविताओं का स्वर किसी दल का राजनैतिक विरोध नहीं है बल्कि नकारात्मक माहौल के प्रति असहमति का स्वर है।

आकाशवाणी के पूर्व निदेशक दिनेश चन्द्र शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इससे पूर्व ब्लॉसम स्कूल के निदेशक अनिल चुघ ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के अंत में डा. विशाल छाबड़ा ने सभी का आभार व्यक्त किया।

 काव्यकृति पर विचार रखते हुए वरिष्ठ कवि राजेश चड्ढा ने कार्यक्रम का रोचकता से संचालन किया।

कार्यक्रम में डा. संदेश त्यागी, प्रो. मोहित कुमार,डा. हरिमोहन सारस्वत ‘रूंख’ लेखराज छाबड़ा, इंजीनियर रमेश चन्द्र माथुर, डा जयंत व्यास, लेखक नंदकिशोर सोमानी, संजय चुघ,मदन बैनीवाल, परसराम भाटिया, राकेश राठी, जयप्रकाश गहलोत, सिकंदर, विपिन छाबड़ा, विशाल छाबड़ा, अंतरिक्ष शर्मा, तनिष्क, कु.भूमिका आदि गणमान्य उपस्थित थे।०0०

किन्नर भी युगों से समाज का अभिन्न अंग

*सुप्रीम कोर्ट व भारतीय संविधान ने थर्ड जेंडर को दिए समान अधिकार

*समान अधिकार वाले किन्नरों के डेरों में बच्चों को  गोद लेने के  अधिकार  का हनन क्यों ? 

*क्यों हमारे डेरों से बच्चों को बरामदगी के नाम पर छीना जा रहा है  

*किन्नर समाज परम्परा के अधीन , गद्दीनशीन किन्नर समाज का सम्मानीय अंग  

*चाहे हमें हाई कोर्ट जाना पड़े   या फिर आंदोलन करना पड़े ,हम इंसाफ के लिए हर दरवाजा खटखटाएंगे

 चंडीगढ़ 13 जूनकिन्नर वेलफेयर बोर्ड के पदाधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए किन्नरों के मानवीय अधिकारों के संरक्षण की बात की है। किन्नर वेलफेयर बोर्ड की जनरल सेक्रेटरी तमन्ना महंत ने बताया की पिछले कुछ समय से कई स्थानों पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग से सबंधित होने का दावा करने वाले  कुछ व्यक्तियों द्वारा निजी हितों की पूर्ती हेतु बच्चों को किन्नरों के डेरे से रेस्क्यू कराने का बहाना बनाकर बगैर ओई नोटिस दिए, किन्नरों को प्रताड़ित करने के लिए अनधिकृत छापे मारे जा रहे हैं और किन्नरों को संविधान और भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संरक्षित लाइफ और लिबर्टी के मूल अधिकारों का हनन किया जा रहा है, एक और तो सुप्रीम कोर्ट थर्ड जेंडर को समान रूप से मान्यता दे रहा है दूसरी ओर यह अत्याचार क्यों। 
तमन्ना महंत का कहना है कि किन्नर भी इंसान हैं उनमें भी दिल है; वो भी भरे पूरे  परिवार में बच्चों के साथ सामान्य जीवन व्यतीत करना चाहते हैं गौरतलब है कि  कई किन्नरों के गोद लिए बच्चे आज जज वकील डॉक्टर प्रोफेसर भी बन चुके हैं तो अब यह सेंधमारी क्यों हो रही है।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में  किन्नरों के अलग-अलग डेरों से तमन्ना महंत ,मीना महंत, रेशमा , हिना, भवानी मां मीना महंत रवीना महंत सोनाक्षी महंत कमली महंत रेशमा महंत मौजूद रहे ।
हालाँकि, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अपने अग्रणी निर्णय में न्यायमूर्ति के.एस. राधाकृष्णन और ए.के. राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ और अन्य में सीकरी। [रिट याचिका (सिविल) संख्या 400 2012 (NALSA)] ने पुरुष और महिला के साथ तीसरे जेंडर  को मान्यता दी। विविध जेंडर  पहचानों को पहचानते हुए, न्यायालय ने ‘पुरुष’ और ‘महिला’ की दोहरी जेंडर  संरचना का भंडाफोड़ किया है, जिसे समाज द्वारा मान्यता प्राप्त है।
“तीसरे जेंडर  के रूप में ट्रांसजेंडरों की मान्यता एक सामाजिक या चिकित्सा मुद्दा नहीं है बल्कि एक मानवाधिकार मुद्दा है,” न्यायमूर्ति के.एस. राधाकृष्णन ने फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया था।
संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत कानून के समक्ष समानता के अधिकार और कानून के समान संरक्षण की गारंटी दी गई है। किसी की जेंडर  की  पहचान को चुनने का अधिकार गरिमा के साथ जीवन जीने का एक अनिवार्य हिस्सा है जो फिर से अनुच्छेद 21 के दायरे में आता है। व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के अधिकार का निर्धारण करते हुए, न्यायालय ने कहा कि “किस जेंडर से एक व्यक्ति संबंधित है ? वह संबंधित व्यक्ति द्वारा ही निर्धारित किया जाना है।” कोर्ट ने भारत के लोगों को जेंडर  पहचान का अधिकार दिया है।इसके अलावा, उनके साथ जेंडर  के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता क्योंकि यह अनुच्छेद 14, 15, 16 और 21 का उल्लंघन है।

Diksha and Ritik Jain crowned as Miss Farewell and Mr Farewell at PGGC- 46

Chandigarh :

A farewell party was organised by the students of BA-II to bid adieu to the outgoing students of BA-III at Post Graduate Government College, Sector – 46, Chandigarh, here, today. The function started with the lighting of the ceremonial lamp. Principal Dr. Abha Sudarshan in her address wished all the best to the outgoing students in all their future endeavours. She motivated the students to think, dream and achieve big in order to be unique. She also advised the students to develop creativity, skill and knowledge to be successful. She further inspired the students to move in the direction of their dreams confidently and live the life they have imagined for themselves.
The students presented a colourful cultural programme, including group dances, solo dances and solo songs. A modelling contest for the final-year students was the highlight of the day. Diksha of BA-III, was crowned “Miss Farewell” and Ritik Jain was awarded the title of “Mr Farewell”. Zeba was crowned “Miss. Outstanding and Arshdeep Singh was crowned “Mr. Outstanding”. Dr. Baljit Singh, Head, Department of Punjabi organised the function successfully and congratulated the outgoing graduates for their bright future. 

Panchkula Police

Police Files Panchkula

परिवार में एक व्यकित नशा में सलिप्त होता है तो उस परिवार के बच्चे भी उन्ही पद चिन्हो पर चलते है डीसीपी पंचकूला

पंचकूला/ 13 जून :- उपायुक्त पुलिस सुरेन्द्र पाल सिंह नें जानकारी देते हुए बताया कि नशा व्यकित को परिवारिक रुप से, आर्थिक रुप से, तथा सामाजिक तौर पर बर्बाद कर देता है । क्योकि अगर परिवार में से एक व्यकित नशा करनें लग जाता है तो वह अपनी जिन्दगी के साथ अपनें परिवार को भी बर्बाद कर देता है अगर आपकी परिवार में कोई व्यकित किसी प्रकार के नशे इत्यादि का सेवन करता है तो नजदीकी नागरिक अस्पताल जाकर उसका तुरन्त इलाज करवाएं ।

इसके अलावा पुलिस उपायुक्त नें कहा कि अगर आप नशे का सेवन करते है तो आपके बच्चे भी आपके पद चिन्हो पर चलेंगें क्योकि युवा वर्ग आज नशे की गिरफ्त में फंसता जा रहा है । इसका एक कारण है सहनशक्ति की कमी । युवा आजकल बहुत जल्दी अपना हौसला खो देते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि वे डिप्रेशन में चले जाते हैं । और फिर वे नशे की गिरफ्त में फंस जाते हैं । माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को हालात से लडऩा सिखाएं और उन्हें मजबूत बनाएं ।

इसके अलावा बताया कि नशे करनें का दुसरा सबसे बडा कारण है फैशन के तौर पर गलत संगत में पड़कर बीडी सिगेरट छोटे नशे का प्रयोग करते-2 बडे नशो का प्रयोग करनें लग जाते है क्योकि नशे को फैशन मान लेना युवा वर्ग की सबसे बड़ी कमजोरी है । दूसरों की देखा-देखी भी लोग नशा करने लग जाते हैं । युवा अपने आपको मजबूत बनाएं और गलत संगति से बचें । कोई भी परेशानी अपने माता-पिता के साथ में शेयर जरूर करें ।

इसके अलावा पंचकूला पुलिस द्वारा नशीला पदार्थो की तस्करी करनें वालों के खिलाफ कडी कार्यवाही हेतु विशेष अभियान चलाया हुआ है जिस अभियान के तहत पुलिस ने नशे सबंधी सूचना देनें हेतु व्टसअप नम्बर 708-708-1100 भी जारी किया हुआ है जिस नम्बर पर कोई भी व्यकित जिसके पास नशीले पदार्थो की खरीद फरोक्त या कोई नशीले पदार्थो की प्रयोग करता बारे सूचना व्टसअप के माध्यम सें (मैसज, विडियो, फोटो) भेजकर सूचित करके और भेजनें वालें का गुप्त रखा जायेगा ।

200 अफीम के मामलें में दुसरे आरोपी को किया काबू

पंचकूला/ 13 जून :- पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि उपायुक्त पुलिस श्री सुरेन्द्र पाल सिंह के निर्देशानुसार, इन्चार्ज क्राईम ब्रांच सेक्टर 19 निर्मल सिंह व उसकी टीम द्वारा 200 ग्राम अफीम के मामलें  में दुसरे आऱोपी को गिऱफ्तार किया गया । गिरफ्तार किये गये आरोपी की पहचान अनिल कुमार पुत्र करम चंद वासी मौहल्ला मुतियारपुरा फगवाडा कपुरथला पंजाब हाल गाँव राउवाला पिन्जोर के रुप में हुई ।

जानकारी के मुताबिक क्राईम ब्रांच सेक्टर 19 की टीम नें हिमशिखा कालौनी से कालका की तरफ आते शिव शंकर पुत्र रामदयाल वासी गाँव कस्तूरी पुर्वा गंजा जिला सुलतानपुर हाल कालका को 200 ग्राम अफीम के मामलें में गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तार किये गये आऱोपी से पुछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी शिव शकंर नें यह अफीम आरोपी अनिल कुमार से खरीदी थी जिस मामलें में सलिप्त आरोपी अनिल कुमार पुत्र कर्म चंद को कल दिनांक 12 जून को गिऱफ्तार किया गया । गिरफ्तार किये गये आऱोपी को पेश अदालत रिमांड पर लिया गया जायेगा ताकि आरोपी से नशीले पदार्थो की खरीद फरोक्त करनें वालें मुख्य आरोपी गिरफ्तार किया जा सके ।

पूजा छाबड़ा की लोकप्रियता का शानदार प्रदर्शन.चुनाव की अपील:घोषणा की प्रतीक्षा

बात घूम कर फिर वहीं आती है कि पूजा छाबड़ा चुनाव लड़ेगी या नहीं लड़ेगी? गुरूशरण छाबड़ा के बलिदान के बाद सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय का नाम गुरूशरण छाबड़ा के नाम कर दिया। पुरानी आबादी के उ.मा.विद्यालय का नाम भी गुरूशरण छाबड़ा के नाम कर दिया गया। श्री गंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में किसी नेता के नाम से संस्थाएं नहीं हुई। छाबड़ा के कई  आंदोलनों का इतिहास पूजा छाबड़ा को सशक्त बनाता है। राजनेतावों की संतति अपने दादा पड़दादा पिता के कामों का श्रेय लेते रहे हैं। पूजा छाबड़ा चुनाव लड़ेगी तो स्व.छाबड़ा के किए कामों का लाभ मिलेगा ही। 

  • पूजा छाबड़ा के चुनाव लड़ने की घोषणा का इंतजार
  • राजनीति करने और चुनाव लड़ने की गरीब पिछड़े लोगों की अपील प्रभावशाली अपील

करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ :

शराबबंदी आमरण अनशन में प्राणोत्सर्ग करने वाले शहीद गुरूशरण छाबड़ा जी की जयंती समारोह में उमड़ी भीड़ के जयकारों से पूजा छाबड़ा के विधानसभा चुनाव लड़ने की जन अपील हो चुकी है। राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा भारती को ही घोषणा करनी है। इसमें अभी जल्दबाजी नहीं होगी। बहुत से महत्वपूर्ण राजनैतिक निर्णय होने के बाद विशाल जन सम्मेलन में घोषणा होगी। आशा है कि वह सार्वजनिक घोषणा विशाल पंडाल में होगी।

सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र की जनता की प्रथम प्रक्रिया आ चुकी है की शहीद छाबड़ा जी की पुत्रवधू पूजा छाबड़ा यहां से चुनाव लड़े़। स्थानीय सत्ताधारी,सत्ता से दूर, विधायक, पूर्व विधायक, नेता राजनेता यह अपील नहीं करेंगे। यह तथ्य और कथ्य दोनों हैं। जो सत्ता सुख पांच पांच साल भोग चुके हैं वे फिर सत्ता में आने को आतुर हैं। पांच पांच साल राज में जो चाहा किया गया तब और करने के लिए बाकी क्या रह गया कि फिर सत्ता चाहिए और घर में बैठे हुए चाहिए। 

सालों से विभिन्न प्रकार की परेशानियां भोग रहे लोगों को जब किसी नेता ने किसी विधायक ने नहीं सुना, बात तक नहीं की तब उन पीड़ित लोगों को पूजा छाबड़ा में भरोसा नजर आया है। उनको भरोसा है कि यह शक्ति जरूर कुछ कर सकती है। पूजा छाबड़ा को चुनाव में उतरने की अपील इस जनता ने की है। ऐसी अपीलें जब जब हुई हैं तब तब परिवर्तन आए हैं।

सूरतगढ़ में 70 सालों में एक बार महिला विजय लक्ष्मी बिश्नोई विधायक रही। उनका कार्यकाल 1998 से 2003 तक रहा। आगामी चुनाव 2023 तक बीस साल हो जाऐंगे। इन बीस सालों में पुरुषों का राज काज देख लिया। महिला विधायक बने और सब का सहयोग मिले तो नारी शक्ति, नारी स्वावलंबन आदि के नारे सार्थक हो जाऐंगे।

राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी और भ्रष्टाचार मुक्ति के प्रयासों में लगी पूजा छाबड़ा में बहुत कुछ भरोसा लगा। 

सूरतगढ़ के अग्रसेन भवन में 9 जून 2022 को आयोजित शराबबंदी और समाज सुधार समारोह में जगह कम पड़ गई। अतिथियों के भाषणों के बीच में भी महिलाएं करीब दो घंटे पूजा छाबड़ा को मालाएं पहनाती रही। महिलाओं की भीड़ इससे पहले किसी सामाजिक राजनैतिक कार्यक्रम में नहीं रही। आश्चर्यजनक दृश्य था। महिलाओं की टोलियां पूजा छाबड़ा के नारे लगाते हुए आती रही। सपेरों की टोली बीन बजाते आई और मंच पर पहुंच कर पूजा छाबड़ा को आशीर्वाद दिया।

समारोह में श्री कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृषणम् ने ईश्वर के बाद पहला स्थान दिया और गुरूशरण छाबड़ा की शहादत को समाज के लिए किया बलिदान बताया। मरण व्रत लेना आसान नहीं होता। अपने प्राणों की आहुति देना जिसमें स्वयं के लिए कुछ नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि सभी आते और कहते गए कि राजनीति नहीं कर रहे। यह राजनैतिक मंच नहीं है। उन्होंने कहा राजनीति हर स्थान पर हो रही है तो फिर राजनीति क्यों नहीं की जाए? राजनीति की जानी चाहिए। सरकारें बहरी होती है। जब नहीं सुनती तब ढोल नगाड़े बजाने पड़ते हैं। लोकतंत्र में जब सरकारें नहीं सुनती तब अपनी आवाज के लिए एक ही माध्यम होता है चुनाव लड़ना। 

उन्होंने चुनौती पूर्ण रूप में कहा कि जब कोई महारानी सीएम बन सकती है तो पूजा छाबड़ा क्यों नहीं बन सकती। 

आचार्य ने कहा कि चुनाव लड़ने का निर्णय पूजा छाबड़ा को ही करना है। 

उन्होंने कहा कि यह गांधी का देश है। गांधी जी की तस्वीरें सरकारी कार्यालयों में लगी हैं। गांधी शराब के विरुद्ध थे तो शराबबंदी संपूर्ण देश में लागू होनी चाहिए। गुजरात और बिहार में शराब बंदी लागू है तो राजस्थान में भी हो। राजस्थान के मुख्यमंत्री गांधीवादी कहलाते हैं इसलिए उनको यहां शराबबंदी करनी चाहिए।

पूजा छाबड़ा ने कहा कि उनके पिता ससुर ने शराब बंदी के लिए प्राण न्यौछावर कर दिए। वह उनके कार्य को ही लेकर चल रही है। शराब को अपराधों की जननी बताते हुए कहा की सब पीड़ाएं नारी भोग रही है। नारी को लड़कियों को रेप जैसे घृणित अपराध का शिकार होना पड़ रहा है। पूजा ने शराब बंदी में मिल रहे जन सहयोग की प्रशंसा की। 

बात घूम कर फिर वहीं आती है कि पूजा छाबड़ा चुनाव लड़ेगी या नहीं लड़ेगी? गुरूशरण छाबड़ा के बलिदान के बाद सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय का नाम गुरूशरण छाबड़ा के नाम कर दिया। पुरानी आबादी के उ.मा.विद्यालय का नाम भी गुरूशरण छाबड़ा के नाम कर दिया गया। श्री गंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में किसी नेता के नाम से संस्थाएं नहीं हुई। छाबड़ा के कई  आंदोलनों का इतिहास पूजा छाबड़ा को सशक्त बनाता है। राजनेतावों की संतति अपने दादा पड़दादा पिता के कामों का श्रेय लेते रहे हैं। पूजा छाबड़ा चुनाव लड़ेगी तो स्व.छाबड़ा के किए कामों का लाभ मिलेगा ही। 

गुरूशरण छाबड़ा के आंदोलनों में सहयोगी रहे हजारों लोग वृद्धावस्था में हैं लेकिन वे सहयोग के लिए तत्पर रहेंगे।

करणीदानसिंह राजपूत,(गुरूशरण छाबड़ा के आंदोलनों का साथी)

Special Lecture of Foreign Visiting Faculty Geospatial Technologies and Peace

Chandigarh June 13, 2022

The presentation focuses on the Geospatial Technologies which are proliferating and are constantly in use in our daily lives in one way or the other way. It also focused on the use of Geospatial Technologies, tools such as GPS, GIS and remote sensing and their advantages and disadvantages were also discussed. The key focus of this presentation was GPS (Global Positioning Systems) technology and its use. Even though GPS was invented for the US Department of Defence, GPS is now in civilian use and is constantly also used for peaceful purposes. Location and time related services are used all over and are included in day to day uses such as ATM machines. These views were expressed by Dr. Rakesh Malhotra, Associate Professor, Department of Environmental, Earth and Geospatial Sciences, NORTH CAROLINA CENTRAL UNIVERSITY, Durham, North Carolina, USA, who is on Foreign Visiting Faculty in the Department of Gandhian and Peace Studies, PU, Chandigarh. In his expository talk, Dr. Rakesh highlighted that the Location Services, GIS Data and cameras are important but also come with drawbacks such as privacy and data storage. The all kinds of ATM machines, smart phones and smart watches, drones, missiles, navigation tools and other such gadgets are working all because of the GPS system though it’s a one-way communication but it is helping many to reach their destinations.



Dr. Manish Sharma, Chairperson, Department of Gandhian and Peace studies, welcoming the participants, highlighted that PU is consistently maintaining its leadership position in higher education and research on account of vibrant academic environment with the kind of interaction on different aspects of research with the national and international faculty, which will help in developing more global and pluralistic view of the outer world and also in developing the holistic perspective to harness skills to empathize with societal and ethical ramifications. He also highlighted that PU is making earnest efforts under the guidance of Prof Raj Kumar, Vice Chancellor, Panjab University to ensure collaboration with different international universities. The lecture received enthusiastic response from different departments with the participation and interaction with the faculty members, students and researchers from other departments too.

Panjab University organized Special Lecture on “Internal Fault lines in Pakistan” by Capt. Alok Bansal

Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Chandigarh June 13, 2022 :

The Department of Defence and National Security Studies (DDNSS) and Panjab University Institute of Social Sciences (PU-ISSER) in association with Centre for Ladakh and Jammu Kashmir Studies organized a special lecture on June 13, 2022 by Captain Alok Bansal on the theme “Internal Fault lines in Pakistan”. The lecture was organized at Gandhi Bhavan Seminar Hall, Panjab University.

Dr. Jaskaran Singh Waraich, Chairperson of the Defence and National Security Studies Department, delivered the opening remarks and introduced the theme of the lecture.  Prof. Simrit Kahlon, Director PU-ISSER chaired the event.

Capt. Bansal, currently the Director at India Foundation, is a former Indian Navy Officer, who served in the directorates of Naval Operations and Naval Intelligence. He is an expert on Geopolitics of South Asia and Pakistan in particular.

Capt. Bansal identified four major fault lines – Sectarianism, Economic Crisis, Ethno-Nationalism and Talibanization. He explained how these fault lines have aggravated over time and become a huge challenge for Pakistan’s security.

The lecture concluded with Prof. Simrit’s address. She highlighted the importance of issues brought to light by Capt. Bansal. 

The lecture was attended by the faculty, research scholars and students of the University.

कांग्रेस ने 66 वर्षीय नेता अजैब सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है

  पार्टी सूत्रों के हवाले से बताया है कि 23 जून को होने जा रहे संगरूर लोकसभा उपचुनाव में वह गुपचुप तरीके से अपने क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी दलबीर गोल्डी के खिलाफ प्रचार कर रही थीं। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की करीबी माने जाने वाली सुश्री हरचंद कौर इस बार हुए विधानसभा चुनाव में भी महल कलां से कांग्रेस प्रत्याशी थीं और तीसरे नंबर पर रही थीं। ढिल्लों को पार्टी ने संगरूर उपचुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया है। बताया जा रहा है कि हरचंद कौर जल्द ही भाजपा में शामिल होंगीं। उनके साथ ही चर्चा यह भी है कि बरनाला के कांग्रेस के तीन से चार मौजूदा पार्षद भी कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल होंगे। 

कांग्रेस के सरपंचों ने कैप्टन को लिखा पत्र, चाहते हैं अजायब सिंह रतोल बर्खास्त

kओरल’पुरनूर’, द्मोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

पंजाब में कांग्रेस पार्टी का बड़ा एक्शन दिखा है| खबर आ रही है कि, कांग्रेस ने 66 वर्षीय नेता अजैब सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पंजाब कांग्रेस ने अजैब सिंह रतोलान को उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है। पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि अनुशासनहीनता के प्रति पार्टी की जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी। रतोलान इस बार दिड़बा सीट से विधानसभा चुनाव हार गए थे। इस सीट पर आम आदमी पार्टी के नेता हरपाल सिंह चीमा जीते हैं।

इससे पहले खबर आई थी कि कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट करने के चलते कुलदीप बिश्नोई पर सख्त एक्शन लिया है और उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है| इसके साथ ही कुलदीप बिश्नोई से केंद्रीय कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की सदस्यता भी छीन ली गई है| साथ ही खबर में यह भी बताया गया था कि कांग्रेस हाईकमान द्वारा हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष को कुलदीप बिश्नोई की विधानसभा से सदस्यता रद्द करने के लिए पत्र भी लिखा जाएगा|