पालघर साधुओं कि हत्या : फैक्ट फाइंडिंग टीम ने कई चौंकाने वाले दावे किए

महाराष्ट्र के पालघर में अप्रैल में हुई दो साधुओं सहित तीन लोगों की हत्या की जांच करने वाली एक स्वतंत्र फैक्ट फाइंडिंग टीम ने कई चौंकाने वाले दावे किए हैं। साधुओं की हत्या के पीछे गहरी साजिश और नक्सल कनेक्शन की तरफ इशारा किया है। रिटायर्ड जज, पुलिस अफसर और वकीलों को लेकर बनी इस कमेटी ने इस बड़ी साजिश के पदार्फाश के लिए पॉलघर मॉब लिंचिंग की जांच सीबीआई और एनआईए से कराने की सिफारिश की है। टीम ने कहा है कि पुलिस कर्मी चाहते तो घटना को रोक सकते थे, लेकिन उन्होंने हिंसा की साजिश में शामिल होने का रास्ता चुना। कमेटी ने शनिवार को एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान रिपोर्ट के चौंकाने वाले अंश पेश किए।

पुणे (महाराष्ट्र ब्यूरो):

महाराष्ट्र के पालघर में हुई साधुओं की हत्या के मामले में एक फैक्ट-फाइंडिंग पैनल के सदस्य संतोष जनाठे का दावा है कि एक एनसीपी नेता को उस भीड़ के बीच देखा गया था, जो पालघर में साधुओं की लिंचिंग की घटना में शामिल थे। फैक्ट फाइंडिंग टीम ने जिस NCP नेता को इस भीड़ हिंसा के बीच पाया है, उसका नाम काशीनाथ चौधरी है।

काशीनाथ चौधरी शरद पवार की ‘नेशनलिस्ट कॉन्ग्रेस पार्टी’ का जिला सदस्य है। उन पर आरोप लगे हैं कि साधुओं की लिंचिंग कर उनकी निर्मम हत्या करने वाली भीड़ में वामपंथी पार्टी सीपीएम के पंचायत सदस्य व उसके साथ विष्णु पातरा, सुभाष भावर और धर्मा भावर भी शामिल थे।

इस भीड़ में एनसीपी और सीपीएम नेताओं की मौजूदगी कई सवाल खड़े करती है। एनसीपी महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी है और शिवसेना के साथ गठबंधन में मिल कर सरकार चला रही है।

फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मसलन, झारखंड में नक्सल नेतृत्व वाले पत्थलगढ़ी आंदोलन की तर्ज पर पालघर में भी मुहिम चल रही है। कम्युनिस्ट कार्यकर्ता आदिवासियों को केंद्र और राज्य के कानूनों का पालन न करने के लिए भड़काने में जुटे हैं। आदिवासियों को अपने कानून का पालन करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। आदिवासियों को भ्रमित किया जा रहा है कि उनके पास सौ साल पुराना आदिवासी संविधान है। उन्हें सरकारी कानूनों का पालन करने की जगह आदिवासी संविधान का पालन करना चाहिए। कमेटी ने इस दावे के समर्थन में कुछ कम्युनिस्ट नेताओं के बयान और वीडियो भी जारी किए हैं।

फैक्ट फाइंडिंग समिति पहले भी इस निष्कर्ष पर पहुँच चुकी है कि क्षेत्र में काम करने वाले वामपंथी संगठन आदिवासियों के मन में सरकार और हिंदू धर्म गुरुओं, साधुओं और सन्यासियों के खिलाफ नफरत पैदा कर रहे हैं।

कमेटी ने करीब डेढ़ सौ पेज की जांच रिपोर्ट में कहा है, “झारखंड में नक्सल नेतृत्व वाले पत्थलगढ़ी आंदोलन की तर्ज पर पालघर में काम करने वाले वामपंथी संगठन संवैधानिक ढांचे और गतिविधियों के प्रति घृणा को बढ़ावा देने में लिप्त हैं। कम्युनिस्ट संगठन आदिवासी बाहुल्य गांवों की पूर्ण स्वायत्तता का दावा करते हुए संसद या राज्य के कानून का पालन न करने की घोषणा किए हैं। वामपंथी संगठनों की ओर से आदिवासियों में झूठ फैलाया जाता है कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं।”

उनकी जाँच से यह निष्कर्ष निकला था कि कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया, काश्तकारी संगठन, भूमिसेना, आदिवासी एकता परिषद, सीपीएम जैसे संगठनों के बढ़ते प्रभाव के साथ क्षेत्र में बढ़ती हिंसा, साधुओं की हत्या के रूप में सामने आई थी।

फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने कहा, “क्षेत्र में देश विरोधी गतिविधियां चल रहीं हैं। स्थानीय संगठन आदिवासियों के दिमाग में सरकार और साधुओं के खिलाफ नफरत पैदा कर रहे हैं। काश्तकारी संगठन, आदिवासी एकता परिषद, भूमि सेना और अन्य कई संगठन इसके लिए जिम्मेदार हैं। गांव में पत्थलगढ़ी आंदोलन की तरह संकल्प पारित करने के पीछे आदिवासी एकता परिषद के सदस्य का शामिल होना गहरी साजिश की तरफ इशारा करता है।”

जानें :- पत्थलगढ़ी आंदोलन : जानें कैसे उभरा आंदोलन और कहां तक इसका असर

इसके साथ ही इस केस को अभी तक भी सीबीआई के पास नहीं दिया गया है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने इस केस में अपनी क्षेत्रीय गौरव को आगे रखा है और वह इसलिए भी नहीं चाहती कि यह केस सीबीआई के पास ट्रांसफर हो क्योंकि सीबीआई गृह मंत्रालय के दायरे में आती है। महाराष्ट्र सरकार की इस केस को लेकर बरती गई उदासीनता पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही उन्हें फटकार लगा चुकी है।

सनद रहे कि महाराष्ट्र स्थित पालघर के गढ़चिंचले गाँव में गत 16 अप्रैल को दो साधुओं और उनके वाहन चालक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। बाद में यह कहा गया कि वह बच्चों की चोरी होने के संदेह में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। जबकि, ये दोनों साधु ड्राइवर के साथ अपने गुरुभाई के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सूरत जा रहे थे।

प्रणब दा उत्कृष्ट कोटि के विद्वान और कद्दावर स्टेट्समैन थे: प्रधान मंत्री मोदी

प्रणब मुखर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में मिराती गाँव के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनकी पिता का नाम कामदा किंकर मुखर्जी और माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था. उनके पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे. जिन्होंने ब्रिटिश शासन की खिलाफत करने पर 10 वर्षो से अधिक जेल की सजा काटी थी. उनका विवाह शुभ्रा मुखर्जी के साथ हुआ था. उनके दो बेटे और एक बेटी हैं. उन्हें पढ़ने, बागवानी करने और संगीत सुनने का शौक था.

बीमारी की वजह से देश के 13वें राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया. उन्हें फेफड़ों में संक्रमण की वजह से 10 अगस्त को दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां पर उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई और वे कोमा में चले गए. 

नयी दिल्ली(ब्यूरो) 

पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न से विभूषित प्रणब मुखर्जी का सोमवार को 84 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे पिछले कुछ हफ़्तों से दिल्ली में सेना के आरआर अस्पताल में इलाज करवा रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को विद्वान और कद्दावर स्टेट्समैन बताते हुए कहा कि उन्होंने देश की विकास यात्रा में अपनी अमिट छाप छोड़ी। पीएम मोदी ने ट्विटर पर अपनी और दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति से जुड़ी कुछ यादें शेयर की हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणब मुखर्जी के साथ अपनी कुछ तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है। इन्हीं में से एक तस्वीर में वे प्रणब मुखर्जी का पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते हुए दिख रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, “भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन से भारत दुखी है। हमारे देश की विकास यात्रा में उन्होंने अमिट छाप छोड़ी है। वह उत्कृष्ट कोटि के विद्वान और कद्दावर स्टेट्समैन थे, जिन्हें हर राजनीतिक तबके और समाज के सभी तबकों से तारीफ मिलती थी।”

पीएम मोदी ने एक और ट्वीट में लिखा है कि राष्ट्रपति रहते हुए प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन को आम लोगों के लिए और ज्यादा पहुँच वाला बनाया। एक अन्य ट्वीट में मोदी ने 2014 में खुद को प्रणब मुखर्जी से मिले मार्गदर्शन और सहयोग को याद किया है। उन्होंने लिखा कि 2014 में दिल्ली में वह नए थे, लेकिन पहले दिन से ही उन्हें प्रणब मुखर्जी का मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिला।

पीएम मोदी ने लिखा, “2014 में दिल्ली में मैं नया-नया था। पहले ही दिन से मुझे श्री प्रणब मुखर्जी का मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिला। मैं हमेशा उनके साथ बिताए पलों को याद रखूँगा। उनके परिवार, मित्रों, प्रशंसकों और पूरे भारत में उनके समर्थकों के प्रति संवेदना। ॐ शांति।”

गौरतलब है कि प्रणब मुखर्जी दिमाग में खून के एक थक्के के ऑपरेशन के लिए अस्पताल गए थे, जहाँ वो जाँच के दौरान कोरोना पॉज़िटिव भी पाए गए थे। बीते 10 अगस्त को उन्होंने खुद ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी थी। अस्पताल में ही सर्जरी के दौरान वो कोमा में चले गए थे।

राजनीतिक सफर
पहली बार   राज्यसभा सांसद  1969
पहली बार   केंद्रीय मंत्री    1973
पहली बार   कैबिनेट मंत्री    1984
पहली बार   लोकसभा सांसद  2004

प्रणब दा को सम्मान
भारत रत्न        2019
पद्म विभूषण        2008
सर्वश्रेष्ठ सांसद            1997
सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री        1984

राजनीति के ‘दादा’

1969 पहली बार राज्यसभा सदस्य
1973 इंदिरा गांधी सरकार में उप मंत्री
1975 दूसरी बार राज्यसभा सांसद
1981 तीसरी बार राज्यसभा सांसद
1984 इंदिरा गांधी सरकार में वित्त मंत्री
1984 सर्वे में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री
1991 योजना आयोग के उपाध्यक्ष
1993 चौथी बार राज्यसभा सांसद
1995 नरसिम्हा राव सरकार में विदेश मंत्री
1999 पांचवी बार राज्यसभा सांसद
2004 पहली बार लोकसभा सांसद
2004 यूपीए-1 सरकार में रक्षा मंत्री
2006 यूपीए-1 सरकार में विदेश मंत्री
2009 यूपीए-2 सरकार में वित्त मंत्री
2012 भारत के 13वें राष्ट्रपति बने
2017 राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म

FATF से डरा पाकिस्तान भारत पर मढ़ रहा दोष

पिछले साल की बैठक के बाद FATF ने पाकिस्तान से संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति द्वारा घोषित सभी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों को अन्य चीजों पर वित्तीय प्रतिबंध लगाने के लिए कहा था. इस लिस्ट में पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर और 1993 मुंबई बम धमाकों का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम शामिल है. पाकिस्तानी सरकार के अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद से देश को सालाना लगभग 10 बिलियन अमरीकी डॉलर का नुकसान हो रहा है.

पाकिस्तान ने जो दस्तावेज जारी किया है, उसमें बताया है कि शेख दाऊद इब्राहिम कासकर का जन्म भारत के महाराष्ट्र में रत्नागिरी के खेर में 26 दिसंबर, 1955 को शेख इब्राहिम अली कासकर के घर में हुआ था। उसकी नागरिकता भी भारतीय बताई गई है। साथ ही उसके सभी नामों जैसे दाऊद हसन, अद्बुल हमीन अब्दुल आजीज, दाऊद साबरी, दाऊद भाई, हाजी भाई, बड़ा भाई, आदि का जिक्र भी किया गया है।

इस्लामाबाद: 

आतंकवाद का ‘आका’ कहा जाने वाला पाकिस्तान फाइनेंशिएल एक्शन टास्क फोर्स की कार्रवाई को लेकर बेहद डरा हुआ है. प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि यदि पाकिस्तान को FATF द्वारा ब्लैकलिस्ट लिया गया तो देश की अर्थव्यवस्था नष्ट हो जाएगी और पाकिस्तानी करेंसी को गिरावट का सामना करना होगा. एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए, खान ने कहा कि अगर पाकिस्तान को एफएटीएफ की ब्लैकलिस्ट पर डाल दिया जाता है, तो उसकी स्थिति ईरान की तरह हो जाएगी. कोई हमसे डील नहीं करेगा, कोई भी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान हमारा साथ नहीं देगा. 

मिल चुके हैं कई मौके

अपने डर को बयां करते हुए इमरान खान ने कहा, ‘ब्लैकलिस्ट होने से हमारी करेंसी प्रभावित होगी. पाकिस्तानी रुपया गिरेगा और हमें नहीं पता कि कितना. रुपये को बचाने के लिए हमारी पास विदेशी भंडार नहीं है. जब रुपया गिरता है, तो बिजली, गैस और तेल से लेकर सबकुछ महंगा हो जाएगा. एक बार हम ब्लैकलिस्ट हो गए तो हमारी पूरी अर्थव्यवस्था मुद्रास्फीति के कारण नष्ट हो जाएगी’. पाकिस्तान पिछले दो सालों से FATF की ग्रे लिस्ट में है. उसे वित्तीय सौदों में पारदर्शिता लाने और आतंकवाद के वित्तपोषण पर कार्रवाई करने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए कई मौके मिल चुके हैं. FATF द्वारा कई बार डेडलाइन बढ़ाई गई है, लेकिन पाकिस्तान हर बार नाकाम रहा है.

यहां भी भारत पर लगाया आरोप

खान ने आरोप लगाया कि भारत उसे FATF में धकेलने की कोशिशों में लगा हुआ है. उन्होंने कहा, ‘भारत पिछले दो वर्षों से पाकिस्तान पर एफएटीएफ का प्रतिबंध लगवाने की कोशिश में है. वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर पिछले दो सालों से इस कोशिश में है कि हमें ब्लैकलिस्ट कर दिया जाए. यदि यह प्रतिबंध लग जाता है तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तबाह हो सकती है. हमारी की स्थिति ईरान जैसी हो सकती है जिससे कोई अतंरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान कारोबार नहीं करना चाहेगा.

कोरोना के चलते बढ़ी थी डेडलाइन

पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की अहम बैठक अक्टूबर में होने वाली है, जिसमें पाकिस्तानी पर कार्रवाई का फैसला होगा. FATF ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाला हुआ है और उसे 2019 के अंत तक आतंकियों पर लगाम कसने के लिए कार्ययोजना लागू करने के लिए कहा था, लेकिन बाद में कोरोना महामारी के कारण इसकी समयसीमा बढ़ा दी गई.

सालाना लगभग इतना नुकसान

पिछले साल FATF ने पाकिस्तान से कहा था कि वह उन सभी आतंकियों के लिए वित्तीय प्रतिबंधों की जानकारी प्रदान करे, जिसका उल्लेख संयुक्त राष्ट्र ने किया है. इसमें पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर और 1993 के मुंबई ब्लास्ट का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम शामिल है. पाकिस्तानी सरकार के मुताबिक, एफएटीएफ द्वारा ग्रेलिस्ट के डाले जाने के चलते पाकिस्तान को सालाना लगभग 10 बिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है.

तबलीगी जमात को औरंगाबाद हाइ कोर्ट से राहत, एफ़आईआर रद्द, ओवैसी ने भाजपा पर साधा निशाना

मोदी सरकार ने कोरोना पर अपनी विफलता छुपाने के लिए तबलीगी जमात को ‘बलि का बकरा’ बनाया और मीडिया ने इस पर प्रॉपेगेंडा चलाया। बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात मामले में देश और विदेश के जमातियों के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया है। इस एक फैसले ने तबलिगी जमात के प्रति लोगों को अपने विचार बदलने पर मजबूर किया हो ऐसा नहीं है, हाँ मुसलमानों के एक तबके में राहत है और खुशी की लहर है। इस फैसले का मोदी सरकार के तथाकथित @#$%$ मीडिया वाली बात सच साबित होती दिखती है।

महाराष्ट्र(ब्यूरो):

बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात मामले में देश और विदेश के जमातियों के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में तबलीगी जमात को ‘बलि का बकरा’ बनाया गया। कोर्ट ने साथ ही मीडिया को फटकार लगाते हुए कहा कि इन लोगों को ही संक्रमण का जिम्मेदार बताने का प्रॉपेगेंडा चलाया गया। वहीं कोर्ट के इस फैसले के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस प्रॉपेगेंडा से मुस्लिमों को नफरत और हिंसा का शिकार होना पड़ा।

देश में जब दिल्ली के निज़ामुद्दीन में स्थित तबलीग़ी जमात के बने मरकज़ में फंसे लोगों की ख़बर निकल कर सामने आई और तबलीगी जमात में शामिल छह लोगों की कोविड-19 से मौत का मामला सामने आया, तब से ही भारतीया मीडिया ने तबलीग़ी जमात की आड़ में देश के मुस्लमानों पर फेक न्यूज़ की बमबारी कर दी । मीडिया ने चंद लम्हों में इसको हिंदू-मुस्लिम का मामला बना कर परोसना शुरू कर दिया । सरकार से सवाल पूछने के बजाए नेशनल चैनल पर अंताक्षरी खेलने वाली मीडिया को जैसे ही मुस्लमानों से जुड़ा कोई मामला मिला उसने देश भर के मुस्लमानों की छवि को धूमिल करना शुरू कर दिया । कोरोनावायरस जैसी जानलेवा बीमारी को भारत में फैलाने का ज़िम्मेदार मुस्लमानों को ठहराना शुरू कर दिया। : नेहाल रिज़वी

कोर्ट ने शनिवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘दिल्ली के मरकज में आए विदेशी लोगों के खिलाफ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बड़ा प्रॉपेगेंडा चलाया गया। ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की गई, जिसमें भारत में फैले Covid-19 संक्रमण का जिम्मेदार इन विदेशी लोगों को ही बनाने की कोशिश की गई। तबलीगी जमात को बलि का बकरा बनाया गया।’

हाई कोर्ट बेंच ने कहा, ‘भारत में संक्रमण के ताजे आंकड़े दर्शाते हैं कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ ऐसे ऐक्शन नहीं लिए जाने चाहिए थे। विदेशियों के खिलाफ जो ऐक्शन लिया गया, उस पर पश्चाचाताप करने और क्षतिपूर्ति के लिए पॉजिटिव कदम उठाए जाने की जरूरत है।

वहीं हैदराबाद से सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कोर्ट के इस फैसले की सराहना करते हुए इसे सही समय पर दिया गया फैसला करार दिया। ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, ‘पूरी जिम्मेदारी से बीजेपी को बचाने के लिए मीडिया ने तबलीगी जमात को बलि का बकरा बनाया। इस पूरे प्रॉपेगेंडा से देशभर में मुस्लिमों को नफरत और हिंसा का शिकार होना पड़ा।’

PM at Lal Quila, addresing the Nation

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से सातवीं बार राष्ट्र को संबोधित कर तिरंगा फहराएंगे. प्रधानमंत्री को सलामी देने वाले गॉर्ड ऑफ ऑनर दस्ते में थल सेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस से एक-एक अधिकारी और 24 जवान शामिल होंगे. यहां पढ़ें Independence Day पर पीएम नरेंद्र मोदी के संबोधन से जुड़े Live Updates:

9:00 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहाकि आज भारत ने असाधारण समय में असंभव को संभव किया है. इसी इच्छाशक्ति के साथ प्रत्येक भारतीय को आगे बढ़ना है. वर्ष 2022, हमारी आजादी के 75 वर्ष का पर्व, अब बस आ ही गया है.

8:59 am (IST) पीएम ने कहा कि हमारी Policies, हमारे Process, हमारे Products, सब कुछ Best होना चाहिए, सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए. तभी हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर पाएंगे. 21वीं सदी के इस दशक में अब भारत को नई नीति और नई रीति के साथ ही आगे बढ़ना होगा. अब साधारण से काम नहीं चलेगा

8:57 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्ष मैंने यहीं लाल किले से कहा था कि पिछले पाँच साल देश की अपेक्षाओं के लिए थे, और आने वाले पाँच साल देश की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए होंगे. बीते एक साल में ही देश ने ऐसे अनेकों महत्वपूर्ण फैसले लिए, अनेकों महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए. अब NCC का विस्तार देश के 173 border और coastal districts तक सुनिश्चित किया जाएगा. इस अभियान के तहत करीब 1 लाख नए NCC Cadets को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी. इसमें भी करीब एक तिहाई बेटियों को ये स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी. अगले 1000 दिन में, लक्षद्वीप को भी सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ दिया जाएगा.

8:54 am (IST) हमारे देश में 1300 से ज्यादा Islands हैं. इनमें से कुछ चुनिंदा Islands को, उनकी भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, देश के विकास में उनके महत्व को ध्यान में रखते हुए, नई विकास योजनाएं शुरू करने पर काम चल रहा है. देश की सुरक्षा में हमारे बॉर्डर और कोस्टल इंफ्रास्ट्रक्चर की भी बहुत बड़ी भूमिका है. हिमालय की चोटियां हों या हिंद महासागर के द्वीप, आज देश में रोड और इंटरनेट कनेक्टिविटी का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है, तेज़ गति से विस्तार हो रहा है. भारत के जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा के लिए, अपनी सेना को मजबूत करने की है. भारत अब रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भी पूरी क्षमता से जुट गया है: PM 

8:51 am (IST) इसी प्रकार हमारे पूर्व के ASEAN देश, जो हमारे maritime पड़ोसी भी हैं, वो भी हमारे लिए बहुत विशेष महत्व रखते हैं. इनके साथ भारत का हज़ारों वर्ष पुराना धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध है. बौद्ध धर्म की परम्पराएं भी हमें उनसे जोड़ती हैं: PM 

8:50 am (IST) इनसे से कई देशों में बहुत बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं. जिस प्रकार इन देशों ने कोरोना संकट के  समय भारतीयों की मदद की, भारत सरकार के अनुरोध का सम्मान किया, उसके लिए भारत उनका आभारी है- PM

8:49 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षिण एशिया में दुनिया की एक चौथाई जनसंख्या रहती है. हम सहयोग और सहभागिता से इतनी बड़ी जनसंख्या के विकास और समृद्धि की अनगिनत संभावनाएं पैदा कर सकते हैं. इस क्षेत्र के देशों के सभी नेताओं की इस विशाल जन समूह के विकास और प्रगति की ओर एक अहम जिम्मेदारी है. आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं. जहां रिश्तों में समरसता होती है, मेल जोल रहता है.

8:45 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि लेकिन LOC से लेकर LAC तक, देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आँख उठाई है, देश ने, देश की ना ने उसका उसी भाषा में जवाब दिया है 

8:41 am (IST) देश के 100 चुने हुये शहरों में प्रदूषण कम करने के लिए एक holistic approach के साथ एक विशेष अभियान पर भी काम हो रहा है: PM

8:39 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की सच्ची ताकत स्थानीय इकाइयों में है. हम सभी के लिए गर्व की बात है कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय इकाइयों के जनप्रतिनिधि सक्रियता और संवेदनशीलता के साथ विकास के नए युग को आगे बढ़ा रहे हैं.

8:39 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि  बीते वर्ष लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर, वहां के लोगों की बरसों पुरानी मांग को पूरा किया गया है. हिमालय की ऊंचाइयों में बसा लद्दाख आज विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे बढ़ रहा है.

8:39 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि  जिस प्रकार से सिक्कम ने ऑर्गैनिक स्टेट के रूप में अपनी पहचान बनाई है, वैसे ही आने वाले दिनों में लद्दाख, अपनी पहचान एक कार्बन neutral क्षेत्र के तौर पर बनाए, इस दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है.

8:37 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि   ये एक साल जम्मू कश्मीर की एक नई विकास यात्रा का साल है. ये एक साल जम्मू कश्मीर में महिलाओं, दलितों को मिले अधिकारों का साल है! ये जम्मू कश्मीर में शरणार्थियों के गरिमापूर्ण जीवन का भी एक साल है.

8:37 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में अलग-अलग जगहों पर विकास की तस्वीर अलग-अलग दिखती है. छ क्षेत्र बहुत आगे हैं, कुछ क्षेत्र बहुत पीछे. कुछ जिले बहुत आगे हैं, कुछ जिले बहुत पीछे. ये असंतुलित विकास आत्मनिर्भर भारत के सामने बहुत बड़ी चुनौती है.

8:34 am (IST) आज भारत में कोराना की एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन वैक्सीन्स इस समय टेस्टिंग के चरण में हैं. जैसे ही वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलेगी, देश की तैयारी उन वैक्सीन्स की बड़े पैमाने पर Production की भी तैयारी है: PM

8:33 am (IST) आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है. ये है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन. नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा:. आपके हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थीं, ये सारी जानकारी इसी एक Health ID में समाहित होगी-PM

8:29 am (IST) जब कोरोना शुरू हुआ था तब हमारे देश में कोरोना टेस्टिंग के लिए सिर्फ एक Lab थी। आज देश में 1,400 से ज्यादा Labs हैं: PM

8:29 am (IST) पीएम ने कहा कि आज भारत में महिलाएं अंडरग्राउंड कोयला खदानों में काम कर रही हैं तो लड़ाकू विमानों से आसमान की बुलंदियों को भी छू रही हैं: PM देश के जो 40 करोड़ जनधन खाते खुले हैं, उसमें से लगभग 22 करोड़ खाते महिलाओं के ही हैं.कोरोना के समय में अप्रैल-मई-जून, इन तीन महीनों में महिलाओं के खातों में करीब-करीब 30 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए हैं.

8:27 am (IST) पीएम ने कहा कि मेरे प्रिय देशवासियों, हमारा अनुभव कहता है कि भारत में महिलाशक्ति को जब-जब भी अवसर मिले, उन्होंने देश का नाम रोशन किया, देश को मजबूती दी है.

8:26 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस संदर्भ में सचेत है, सतर्क है और इन खतरों का सामना करने के लिए फैसले ले रहा है और नई-नई व्यवस्थाएं भी लगातार विकसित कर रहा है. देश में नई राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है.

8:24 am (IST) साल 2014 से पहले देश की सिर्फ 5 दर्जन पंचायतें ऑप्टिल फाइबर से जुड़ी थीं. बीते पांच साल में देश में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है. आने वाले एक हजार दिन में इस लक्ष्य को पूरा किया जाएगा.आने वाले 1000 दिन में देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा: PM

8:23 am (IST) आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में, आधुनिक भारत के निर्माण में, नए भारत के निर्माण में, समृद्ध और खुशहाल भारत के निर्माण में, देश की शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है. इसी सोच के साथ देश को एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है. PM

8:23 am (IST) कोरोना के समय में हमने देख लिया है कि डिजिटल भारत अभियान की क्या भूमिका रही है. अभी पिछले महीने ही करीब-करीब 3 लाख करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन अकेले BHIM UPI से हुआ है-PM

8:20 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि एक आम भारतीय की शक्ति, उसकी ऊर्जा, आत्मनिर्भर भारत अभियान का बहुत बड़ा आधार है.इस ताकत को बनाए रखने के लिए हर स्तर पर, निरंतर काम हो रहा है

8:17 am (IST) मध्यम वर्ग से निकले प्रोफेशनल्स भारत ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाते हैं. मध्यम वर्ग को अवसर चाहिए, मध्यम वर्ग को सरकारी दखलअंदाजी से मुक्ति चाहिए: PM

8:17 am (IST) मध्यम वर्ग से निकले प्रोफेशनल्स भारत ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाते हैं. मध्यम वर्ग को अवसर चाहिए, मध्यम वर्ग को सरकारी दखलअंदाजी से मुक्ति चाहिए: PM

8:17 am (IST) इसी लाल किले से पिछले वर्ष मैंने जल जीवन मिशन का ऐलान किया था. आज इस मिशन के तहत अब हर रोज एक लाख से ज्यादा घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ने में सफलता मिल रही है: PM

8:14 am (IST) देश के किसानों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर देने के लिए कुछ दिन पहले ही एक लाख करोड़ रुपए का ‘एग्रीकल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर फंड’ बनाया गया है: PM 

8:14 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा  कि विकास के मामले में देश के कई क्षेत्र भी पीछे रह गए हैं. ऐसे 110 से ज्यादा आकांक्षी जिलों को चुनकर, वहां पर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वहां के लोगों को बेहतर शिक्षा मिले, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, रोजगार के बेहतर अवसर मिलें. मेरे प्यारे देशवासियों, आत्मनिर्भर भारत की एक अहम प्राथमिकता है – आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान.

8:12 am (IST) वोकल फॉर लोकल, Re-Skill और Up-Skill का अभियान, गरीबी की रेखा के नीचे रहने वालों के जीवनस्तर में आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का संचार करेगा: PM

8:09 am (IST) 7 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए, राशनकार्ड हो या न हो, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अन्न की व्यवस्था की गई, बैंक खातों में करीब-करीब 90 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए. कुछ वर्ष पहले तक ये सब कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि इतना सारा काम, बिना किसी लीकेज के हो जाएगा, गरीब के हाथ में सीधे पैसा पहुंच जाएगा. अपने इन साथियों को अपने गाँव में ही रोजगार देने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी शुरू किया गया है: PM

8:08 am (IST)  हमारे देश का सामान्य नागरिक, चाहे शहर में रह रहा हो या गांव में, उसकी मेहनत, उसके परिश्रम का कोई मुकाबला नहीं है: PM

8:07 am (IST)   मेरे प्यारे देशवासियों. हमारे यहां कहा गया है- सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्.. किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आज़ादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है, और उसके वैभव का, उन्नति प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है: PM 

8:07 am (IST) अब Infrastructure में Silos को खत्म करने का युग आ गया है. इसके लिए पूरे देश को Multi-Modal Connectivity Infrastructure से जोड़ने की एक बहुत बड़ी योजना तैयार की गई है: PM 

8:05 am (IST)  भारत को आधुनिकता की तरफ, तेज गति से ले जाने के लिए, देश के Overall Infrastructure Development को एक नई दिशा देने की जरूरत है. ये जरूरत पूरी होगी National Infrastructure Pipeline Project से. आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं. हमें Make in India के साथ-साथ Make for World के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है PM

8:05 am (IST) इस पर देश 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. अलग-अलग सेक्टर्स के लगभग 7 हजार प्रोजेक्ट्स को identify भी किया जा चुका है. ये एक तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नई क्रांति की तरह होगा: PM

8:03 am (IST) वन नेशन- वन टैक्स Insolvency और Bankruptcy Code बैंकों का Merger, आज देश की सच्चाई है कौन सोच सकता था कि कभी देश में गरीबों के जनधन खातों में हजारों-लाखों करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर हो पाएंगे?,कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए APMC एक्ट में इतने बड़े बदलाव हो जाएंगे सिर्फ कुछ महीना पहले तक N-95 मास्क, PPE किट, वेंटिलेटर ये सब हम विदेशों से मंगाते थे. आज इन सभी में भारत, न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है: PM

8:03 am (IST) इस शक्ति को, इन रिफॉर्म्स और उससे निकले परिणामों को देख रही है. बीते वर्ष, भारत में FDI ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. भारत में FDI में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ये विश्वास ऐसे ही नहीं आता है – PM

8:01 am (IST) कोरोना महामारी के बीच 130 करोड़ देशवासियों ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया. आत्मनिर्भर भारत देशवासियों के मन-मस्तिष्क में छाया है. ये आज सिर्फ शब्द नहीं रहा, बल्कि 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है- PM

8:00am(IST) मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, हमारी क्षमता, हमारी Creativity हमारी skills को बढ़ाना भी है.

7:58 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि SPACE सेक्टर को खोलने जैसे उपाय हमारे युवाओं के लिए रोजगार के कई नए अवसर पैदा करेंगे और उनके कौशल और क्षमता को बढ़ाने के लिए और अधिक अवसर प्रदान करेंगे.

7:55 am (IST) पीएम ने कहा कि एक समय था, जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी. तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे. आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं.

7:54 am (IST)  आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, finished product बनकर भारत में लौटता रहेगा: PM

7:51 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि भारत इस सपने को साकार करेगा. मुझे अपने साथी भारतीयों की क्षमताओं, आत्मविश्वास और क्षमता पर भरोसा है. एक बार जब हम कुछ करने की ठान लेते हैं, तब तक हम आराम नहीं करते, जब तक हम उस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते.

7:50 am (IST) आजादी का पर्व हमारे लिए आजादी के वीरों को याद करके नए संकल्पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है. ये हमारे लिए नई उमंग, उत्साह और प्रेरणा लेकर आता है. अगला आजादी का पर्व जब हम मनाएंगे, तो आजादी के 75 वें वर्ष में प्रवेश करेंगे. तो ये हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है.- PM

7:49 am (IST)  पीएम ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच, 130 करोड़ भारतीयों ने एक आत्म निर्भय भारत बनाने का संकल्प लिया है

7:47 am (IST)  पीएम ने कहा कि विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, बात वही पर खत्म नहीं हुई. भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी

7:45 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग, बलिदान और मां भारती को आजाद कराने के लिए समर्पण है. आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों को, वीर शहीदों को नमन करने का ये पर्व है.

7:44 am (IST) पीएम ने कहा  कि गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो.

7:42 am (IST) पीएम ने कहा कि अगले वर्ष हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे. एक बहुत बड़ा पर्व हमारे सामने है

7:42 am (IST) PM  नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे देश के कुछ हिस्सों के प्रति संवेदना जाहिर की और कहा कि जरूरत के इस समय में वह नागरिकों के साथ हैं.

7:36 am (IST) प्रधानमंत्री का संबोधन शुरु. प्रधानमंत्री ने कहा- मेरे प्यारे देशवासियों,इस पावन पर्व पर, आप सभी को बधाई और बहुत-बहुत शुभकामनाएं

7:31 am (IST) प्रधानमंत्री ने ध्वजारोहण किया और इसके बाद सेना के बैंड ने राष्ट्रगान की

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को शुभकामनाएं दी. उन्होंने लिखा #स्वतंत्रतादिवस के पावन अवसर पर सभी देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।  जय हिंद! Happy Independence Day to all fellow Indians. Jai Hind!

Former President Mukharjee Critical

New Delhi, August 11:

Former President Pranab Mukherjee, who was admitted to Delhi’s Army Hospital on Monday, is in critical condition and continues to remain critical on ventilatory support post-surgery for a brain clot, according to Army RR Hospital.

He underwent emergency life-saving surgery for a brain clot. The former President has also tested COVID-19 positive.

“On a visit to the hospital for a separate procedure, I have tested positive for COVID-19 today. I request the people who came in contact with me in the last week, to please self isolate and get tested for COVID-19,” Mukherjee tweeted on Monday afternoon.

Former President Pranab Mukherjee tested positive for coronavirus

New Delhi( Bureau), August 10:

Former President Pranab Mukherjee on Monday informed that he has tested positive for coronavirus and requested people who recently came in his contact to get tested for the virus.

“On a visit to the hospital for a separate procedure, I have tested positive for COVID19 today. I request the people who came in contact with me in the last week, to please self isolate and get tested for COVID-19,” Mukherjee tweeted.

The octogenarian leader is not the first political figure in India to have been tested positive for coronavirus.

Several Union Ministers including Home Minister Amit Shah, Minister of State Arjun Ram Meghwal, MoS for Agriculture Kailash Choudhary have tested positive for the virus.

Tamil Nadu Governor Banwarilal Purohit, Chief Minister BS Yediyurappa, Karnataka health minister B Sriramulu are among those high-profile personalities who got infected.

India registered 62,064 new coronavirus cases in the last 24 hours while the total recoveries crossed 15 lakh mark.

According to the Union Ministry of Health and Family Welfare (MOHFW), 1,007 new deaths were reported in the country and the cumulative toll reached 44,386.

The country’s COVID-19 count has risen to 22,15,075 including 6,34,945 active cases, 15,35,744 cured/discharged/migrated.

Zomato under attack by own boys as Cos. Chinese connection un earthed

Kolkata:

 A group of Zomato food delivery platform employees in Kolkata tore and burnt their official T-shirts to protest Chinese investment in the firm.

The agitation comes in the backdrop of the killing of 20 Indian soldiers in a clash with Chinese troops in eastern Ladakh’s Galwan Valley on 15 June.

During the protest at Behala in the southwestern part of the city on Saturday, some agitators claimed they have quit their jobs as Zomato has a sizeable Chinese investment and urged people to stop ordering food via the company.

In 2018, Ant Financial, a part of Chinese major Alibaba, had invested USD 210 million in Zomato for a 14.7 per cent stake. The food delivery major recently raised an additional USD 150 million from Ant Financial.

“Chinese companies are making profits from here and attacking the Army of our country. They are trying to grab our land. This cannot be allowed,” one of the protesters said.

Another protester said they were ready to starve but would not work for companies that have investment from China.

In May, Zomato laid off 520 employees or 13 per cent of its workforce in a huge retrenchment exercise due to the novel coronavirus pandemic.

There was no immediate reaction from Zomato and whether the protesters were among those who were retrenched was not known.

स्वस्थ्य संबंधी कुछ शर्तो के साथ जगन्नाथ रथ यात्रा होगी

पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ रथयात्रा की इजाजत दी. मंदिर प्रबंधन समिति, राज्य सरकार और केंद्र सरकार आपस में तालमेल कर रथयात्रा का आयोजन करवाएंगे. कोरोना से बचाव की गाइडलाइन का पालन करते हुए ऐसा किया जाएगा. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि पुरी में कोरोना के केसों की संख्‍या में बढ़ोतरी हो तो राज्‍य सरकार के पास रथ यात्रा रोकने की आजादी होगी. इससे पहले कॉलरा और प्लेग के दौरान भी रथ यात्रा सीमित नियमों और श्रद्धालुओं के बीच हुई थी. चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट केवल पुरी में यात्रा के बारे में विचार कर रहा है और ओडिशा में कहीं अन्‍य जगह पर नहीं. 

नयी दिल्ली(ब्यूरो) – 22 जून:

सुप्रीम कोर्ट ने पुरी में होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा पर अपने पिछले आदेश में लगाई गई रोक को हटा लिया है। यानी कल (23 जून 2020 को) पुरी में भगवान जगन्नाथ की पारंपरिक व ऐतिहासिक रथ यात्रा निकलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए मंदिर कमिटी, राज्य व केंद्र सरकार को समन्वय बना कर करने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने आज (22 जून, 2020) ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा पर रोक संबंधी आदेश में संशोधन करने के अनुरोध पर सुनवाई की। केंद्र की ओर से मामले का विशेष उल्लेख सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने किया। उन्होंने यहाँ कुछ प्रतिबंधों के साथ रथयात्रा की अनुमित देने का अनुरोध किया।

जगन्नाथ पुरी में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह रथयात्रा सदियों पुरानी है और इसे रोकना ठीक नहीं होगा। उन्होंने कोर्ट के समक्ष इस मामले में कुछ शर्तों और हिदायतों के साथ पूर्व के आदेश में संशोधन का आग्रह किया।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने मामले का उल्लेख करते हुए सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “यह कई करोड़ लोगों की आस्था का मामला है। अगर भगवान जगन्नाथ को कल बाहर नहीं लाया गया तो परंपरा के मुताबिक उन्हें अगले 12 साल तक बाहर नहीं निकाला जा सकता है।” इस पीठ में दोपहर बाद मुख्य न्यायधीश भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ गए।

सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस रथयात्रा में कवल उन लोगों का चयन होगा, जिनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया हो और वे भगवान जगन्नाथ मंदिर में सेवायत के रूप में काम कर रहे हों। उन्होंने बताया कि भीड़ को रोकने के लिए राज्य सरकार कर्फ्यू लगा सकती है। हालातों को देखते हुए कदम उठाए जा सकते हैं और जन भागीदारी के बिना रथ यात्रा आयोजित हो सकती है।

वहीं, ओडिशा सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने भी केंद्र की दलील का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अगर याचिकाकर्ता पूरे एहतियात के साथ रथयात्रा आयोजित करते हैं, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। जिसके बाद जस्टिस मिश्रा ने कहा कि वह सभी मामलों की सुनवाई के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श लेकर आदेश में संशोधन के मामले पर विचार करेंगे।

इसके बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया नागपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मामले पर सुनवाई के लिए जुड़े। 18 जून के आदेश के मामले में संशोधन की माँग वाले मामले की अध्यक्षता इसके बाद CJI ने ही की।

गौरतलब है कि इससे पहले 18 जून को कोरोना वायरस की महामारी को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 23 जून को पुरी (ओडिशा) के जगन्नाथ मंदिर में होने वाली वार्षिक रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर हमने इस साल रथयात्रा की इजाजत दे दी तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे।

इसके बाद पुरी के राजा गजपति दिब्यसिंह ने शनिवार (जून 20, 2020) को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिख कर रथ यात्रा को अनुमति देने के लिए अपने आदेश को संशोधित करने के लिए तत्काल सुप्रीम कोर्ट का रूख करने की अपील की थी। वहीं भाजपा ने भी दिब्यसिंह देब के प्रस्ताव के अनुसार कदम उठाने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार को पुरी शंकराचार्य से भी चर्चा करनी चाहिए।

यहाँ बता दें कि भुवनेश्वर के ओडिशा विकास परिषद एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर कर इस मामले को उठाया था। उन्होंने अपनी दायर में कहा ता कि रथयात्रा से कोरोना फैलने का खतरा हो सकता है। इसमें कहा गया था कि अगर लोगों की सेहत को ध्यान में रखकर कोर्ट दीपावली पर पटाखे जलाने पर रोक लगा सकता है तो फिर रथयात्रा पर रोक क्यों नहीं लगाई जा सकती?

लॉकडाउन में भुखमरी के कगार पर सेक्स वर्कर्स की जमात

वेश्यावृत्ति या प्रॉस्टिट्यूशन आज के जमाने में कोई नई बात नहीं है। वर्तमान समय में इस बारे में सभी को पता है। समाज में इसका चलन काफी लंबे समय से ही रहा है। हालांकि लोग इसके बारे में खुलकर बात करने या इसे स्वीकारने से हमेशा से ही कतराते रहे हैं। प्राचीनकाल में यानि कि राजा-महाराजाओं के जमाने में भी ऐसा हुआ करता था। यानि मोटे तौर पर यह समझ लें कि वेश्यावृत्ति हमेशा से ही विभिन्न समाजों का अभिन्न अंग रहा है। आज जहां कोरोना से सारा देश त्रस्त है लोग कम धंधे के लिए लॉकडाउन खुलने का इंतज़ार कर रहे हैं वहीं देश भर में रह रही वेश्याओं को अपने आज और आने वाले कल की भी चिंता सता रही है। लॉकडीपीडबल्यूएन की स्थिति में रोज़ कमाओ रोज़ खाओ वाली कमाई तो बंद हो ही गयी थी लेकिन आने वाले समय में वाइरस के भय से धंधा चौपट ही रहेगा।

अंग्रेजों के समय ‘नाच गर्ल्स'(nautch girls)

सारिका तिवारी, चंडीगढ़

Sarika Tiwari,
Chief Editor,
demokratikfront.com

देश में सिर्फ कोरोना का संकट नहीं है बल्कि लॉकडाउन के चलते बहुत से लोगों का व्यापार ठप हो गया है। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले से लेकर रोजाना कमाने वालों की स्थिति लॉकडाउन के चलते खराब हो गई है। इनमें सेक्स वर्क्स भी शामिल हैं जिनके काम रुकने के कारण भुखमरी के हालात हो गए हैं। कोरोना के कारण देश में लॉकडाउन की घोषणा हो गई जिसके बाद इनके पास एक भी ग्राहक नहीं पहुंच रहे। ऐसे में इनकी आमदनी बिल्कुल रुक गई है एक एक दिन काटना पहाड़ हो गया है।

सैलरी के इंतजार में हैं सेक्स वर्करों के बच्चे

राजस्थान के अजमेर जिले की एक सेक्स वर्कर नमिता (बदला नाम) अपने परेशानी की बात बताती हैं। नमिता कहती है- हमारा पेशा ऐसा है जिसमें रोज कमाने खाने की स्थिति होती है। घर में किसी को नहीं पता की हम सेक्स वर्कर हैं। सबको ये ही लगता है की हम कमाने के लिए ऑफिस में काम करने जाते हैं। जब सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी तो घर पर सबको लगने लगा की हम काम पर नहीं जाएंगे तो भी हमें पैसे मिलेंगे।

हमारे बच्चे भी परेशान है। रोज पूछते हैं की आपकी सैलरी कब आएगी? क्या जवाब दूं उन्हें कि तुम्हारी मां एक सेक्स वर्कर है? मेरी मजबूरी थी इस पेशे में आना। क्या खिलाती बच्चों को? पति शराबी है और घर के खर्चों से उसे कोई मतलब नहीं। घर का खर्च चलाने के लिए मुझे ये काम करना पड़ता है। लॉकडाउन के चलते ये काम भी बंद हो गया है और पैसे भी नहीं आ रहे।

sex workers

नमिता अपने धंधे के बारे में बताते हुए कहती हैं की लोगों के अंदर इस वायरस का डर है, मुझे नहीं लगता की 6-7 महीने तक कोई भी हमारे पास आएगा। ये डर तो अब हमारे लिए भी है की जो व्यक्ति हमारे पास आएगा, पता नहीं वो कहां का है। ये परेशानी सिर्फ नमिता की नहीं है बल्कि उसकी जैसी और कितनी ही सेक्स वर्कर हैं जो इन दिनों अपना खर्चा ना चला पाने के चलते परेशान हैं। नमिता की तरह ही इस पेशे से जुड़ी लाखों सेक्स वर्कर्स की ये ही समस्या है। ऊपर से लॉकडाउन बढ़ने के संकेतों ने इनकी परेशानी को और बढ़ा दिया है।

लॉकडाउन ने पैदा कर दिए भुखमरी के हालात

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में 30 लाख सेक्स वर्कर्स हैं जिनमें से नमिता एक है। वहीं ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में करीब 2 करोड़ सेक्स वर्कर है, जो इस पेशे से जुड़ी हुई हैं। दिल्ली की एक सेक्स वर्कर का कहना है की जल्दी ये लॉक डाउन नहीं खुला तो हमारे परिवार को भुखमरी झेलनी पड़ेगी। सरकार ने रातों रात लॉकडाउन कर दिया। हमें इतना भी समय नहीं मिला की हम आने वाले दिनों की तैयारी कर सकें।

सेक्स वर्कर्स देश की एक वो बड़ी आबादी है जो देश में मौजूद होने के बाद भी सरकार की मदद की तमाम योजनाओं में शामिल नहीं हैं। हजारों सेक्स वर्कर्स को सरकारी राशन इसलिए नहीं मिल पाता क्योंकि इनके पास राशन कार्ड नहीं हैं। इनके कमाने का जरिया ऐसा है जो इस लॉकडाउन की स्थिति में बिल्कुल भी संभव नहीं हैं। इन गलियों में काम करने वाली कितनी ही सेक्स वर्कर्स एचआईवी पॉजिटिव भी हैं और दूसरी बीमारियों से पीड़ित हैं पर इनके पास अस्पताल जाने तक के पैसे नहीं रह गए है।

कर्नाटक के कोलार जिले में रहने वाली सेक्स वर्कर भी इसी दुख से पीड़ित हैं। उन्होंने बताया कि हम जिस एरिया में रहते हैं वहां 3 हजार सेक्स वर्कर रहती है जिसमें 80 प्रतिशत स्ट्रीट बेस्ड हैं और होम बेस्ड केवल 20 प्रतिशत हैं। लॉकडाउन मे सबसे ज्यादा नुकसान स्ट्रीट बेस्ड वर्कर को हुआ है। इनके लिए एक समय के खाने की व्यवस्था करना भी बहुत मुश्किल हो गया है। सरकार इन पर कोई ध्यान नहीं दे रही।

बहुत चर्चित हैं ये रेड लाइट एरिया

देश में बहुत से रेड लाइट एरिया हैं जो हमेशा चर्चा रहते हैं। एशिया का सबसे बड़ा रेडलाइट एरिया सोनागाछी को माना जाता है। ये कोलकाता का बहुत ही चर्चित एरिया है। यहां कम से कम तीन लाख महिलाएं इस धंधे से जुड़ी हैं। दूसरे नंबर पर मुंबई का कमाठीपुरा है जहां पर दो लाख से अधिक सेक्स वर्कर हैं। इसके बाद दिल्ली का जीबी रोड, आगरा का कश्मीरी मार्केट, ग्वालियर का रेशमपुरा, पुणे का बुधवार पेठ भी काफी चर्चित है।

पुणे का बुधवार पेठ

ये सेक्स वर्कर सिर्फ देश के बड़े शहरों तक सीमित नहीं हैं। छोटे शहरों में वाराणसी का मडुआडिया, मुजफ्फरपुर का चतुर्भुर्ज स्थान, आंध्र पद्रेश के पेड्डापुरम व गुडविडा, सहारनपुर का नक्काफसा बाजार, इलाहाबाद का मीरगंज, नागपुर का गंगा जमुनी और मेरठ का कबाड़ी बाजार इन सेक्स वर्करों के एरिया के लिए जाना जाता है। यहां रहने वाली कुछ सेक्स वर्कर दूसरे शहरों में पलायन कर चुकी हैं तो कुछ इन्हीं बंद गलियों में पड़े अपना दिन बिता रही हैं। इनके पास ना तो रहने का सही इंतजाम है औऱ ना ही खाने पीने का सामान मौजूद है।

सेक्स वर्करों को नहीं मिलता कोई सरकारी लाभ

ऑल इंडिया नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर संगठन से जुड़ी रहने वाली कुसुम सेक्स वर्करों के हक और अधिकारों को लिए काम करती है। कुसुम बताती हैं की होम बेस्ड सेक्स वर्कर्स को बहुत परेशानिया हैं। जीबी रोड पर कुछ सेक्स वर्कर के पास स्वयं सेवी संस्थाएं पहुंचकर मदद भी कर रही हैं, लेकिन इन सेक्स वर्कर के बारे में तो कोई कुछ जानता भी नहीं है। इनकी तो गिनती करना भी मुश्किल है। अगर सिर्फ एक कॉलोनी की बात करें तो लगभग 500 महिलाएं होम बेस्ड सेक्स वर्कर्स हैं।

सेक्स वर्कर का कारोबार भी तीन हिस्सों में बंटा है। पहला है ब्रोथल, दूसरा होम बेस्ड जहां महिलाएं घर पर ही अपने ग्राहक खुद तय करती हैं। तीसरा है स्ट्रीट बेस्ड और ब्रोकर बेस्ड- यानी की वो जो दलालों के सहारे काम करती हैं।कुसुम ने बताया कि ऑल इंडिया नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर संगठन इन्हीं सेक्स वर्कर की आवाज उठाता है। कुसुम ने बताया की हमारा संगठन जितना हो सकता है उतना राशन इन सेक्स वर्करों तक पहुंचा रहा है, लेकिन ये राशन भी कितने दिन तक चलेगा कुछ कहा नहीं जा सकता। कुछ सेक्स वर्कर किराए के कमरों में रहती हैं। उनके लिए किराया देना भी मुश्किल हो रहा है।

कुसुम जिस संगठन से जुड़ी है उसें देशभर की लगभग पांच लाख सेक्स वर्कर जुड़ी हैं। ये संगठन 16 राज्यों में काम करता है इस संगठन में कई राज्यों से 108 कम्यूनिटी बेस्ड संगठन जुड़े हैं। इस संगठन की संयुक्त सचिव सुल्ताना बेगम राजस्थान के अजमेर जिले में 580 रजिस्टर्ड सेक्स वर्कर के लिए आवाज उठाती हैं। उनका कहना है कि जितनी भी महिलाएं इस पेशे से जुड़ी है उनमें 60-70 प्रतिशत लोगों के परिवार को पता ही नहीं है कि वो क्या काम करती हैं। परिवारों को बस इतना पता है की वो जहां काम करती हैं उन्हें वहां पैसा तो मिलेगा ही। इस समय इनकी परेशानी बढ़ गई है क्योंकि खर्चा चलाने का और कोई दूसरा रास्ता नहीं है।

आगे के महीनों में और बिगड़ सकते हैं हालात

आगे सुल्ताना कहती हैं कि इन सेक्स वर्करों को लोग बहुत अमीर समझते हैं, पर उनकी तकलीफ बस वहीं जान सकती है। इनके काम को काम का दर्जा नहीं मिला इसलिए सरकार की किसी योजना का फायदा भी इन्हें नहीं मिलता। लॉकडाउन में हमारी सरकार से गुजारिश है की इनकी सरकार जल्द से जल्द मदद करे वरना इनका परिवार भूखा मर जाएगा।

ऑल इंडिया नेटवर्क सेक्स वर्कर संगठन के को ऑर्डिनेट अमित कुमार बताते हैं कि देश में कोरोना जब शुरु हुआ तो जीबी रोड दिल्ली में रहने वाली करीब 60 फिसदी सेक्स वर्कर्स अपने घर जा चुकी थीं। अब वहां 40 फिसदी औरतें ही बची हैं। जिनकी कोठा मालकिन खाने का इंतजाम तो कर रही है, लेकिन किराए में कोई छूट नहीं दी है। अभी ये महिलाएं दोगुने कीमत पर ब्याज लेकर अपना काम चला रही हैं।

अमित ने लॉकडाउन हटने के 5-6 महीने के बाद की स्थिति का भी अनुमान लगा लिया है। उनका मानना है की जब सामान्य होने के बाद भी उनके किराए, राशन और पलायन की समस्या बनी रहेगी। जो घर जा चुकी हैं वो कोरोना के डर से वापस नहीं आने वाली। जो यहां रह गईं हैं उन्हें जल्दी ग्राहक नहीं मिलेंगे। लॉकडाउन के चलते इनकी स्थिति बहुत खराब हो गई है और इनका पेट भरने वाला भी कोई नहीं है।