भाजपा ने अंबासा नगर परिषद की 12 सीटें हासिल कीं, जबकि टीएमसी और सीपीआई-एम ने यहां एक-एक सीट जीती और दूसरी एक निर्दलीय उम्मीदवार के पास गई। भाजपा ने कैलाशहर नगर परिषद की 16 सीटों पर भी जीत हासिल की। यहां माकपा को एक सीट मिली। पानीसागर नगर पंचायत में भाजपा 12 सीटों पर विजयी हुई और सीपीआई (एम) ने एक पर जीत हासिल की। भाजपा ने खोवाई नगर परिषद के सात, धर्मनगर नगर पालिका के एक, मेलाघर नगर परिषद के दो और जिरानिया के 10 वार्डों में निर्विरोध जीत हासिल की थी। भाजपा ने बिना किसी चुनाव के रानीबाजार, विशाल गंज, मोहनपुर, कमालपुर, उदयपुर और शांतिबाजार के 92 वार्ड के नगर निकायों को जीता। शानदार जीत के साथ भाजपा के पास राज्य के शहरी निकायों के 324 वार्डों में से 329 सीटों पर जीत हासिल की।
सारिका तिवारी, चंडीगढ़/नयी दिल्ली:
त्रिपुरा निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने 334 में से 239 सीटों पर जीत दर्ज की है। अगरतला महानगर पालिका में पार्टी सभी 51 सीटों पर विजयी रही। भाजपा के 112 प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए। पार्टी ने जिस तरह का प्रदर्शन किया, उसे असाधारण माना जा सकता है। चुनाव से पहले प्रदेश में बनाए गए राजनीतिक माहौल का चुनाव परिणाम पर असर न के बराबर रहा। परिणाम से साफ है कि तृणमूल कॉन्ग्रेस ने पश्चिम बंगाल से नेताओं को भेज त्रिपुरा में जिस तरह का राजनीतिक माहौल को खड़ा करने का प्रयास किया, उसे स्थानीय लोगों में स्वीकृति नहीं मिली पाई। ऐसे में परिणाम के बाद अपने सदस्यों और नेताओं को बधाई देते हुए अभिषेक बनर्जी द्वारा जो कहा गया, वह आश्चर्यचकित नहीं करता।
पश्चिम बंगाल में भारी जीत के बाद पिछले कुछ महीनों से उत्तर-पूर्वी राज्यों में तृणमूल कॉन्ग्रेस की विस्तार की महत्वाकांक्षी योजना की काफी चर्चा रही है। इस प्रक्रिया में दल को त्रिपुरा में होने वाले निकाय चुनावों के रूप में पहला पड़ाव नजर आया था। यही कारण था कि दल के नेताओं ने राज्य के कई दौरे किए और काफी हद तक ऐसा माहौल बनाने की कोशिश जिसमें तृणमूल कॉन्ग्रेस द्वारा वहाँ उलटफेर की संभावना दिखाई दे। मीडिया में इस बात की चर्चा की गई कि भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ दी है। बांग्लादेश में हिंदुओं के विरुद्ध हुई हिंसा के विरोध में हिंदू संगठनों के प्रदर्शन को लेकर अफवाहें फैलाई गई। अंतिम दॉंव के रूप में तृणमूल कॉन्ग्रेस चुनावों को स्थगित करने के उद्देश्य से सर्वोच्च न्यायालय तक पहुँच गई, पर चुनाव परिणाम आने के बाद फिलहाल राजनीतिक स्थिति स्पष्ट हो गई है।
ऐसे एकतरफा चुनाव परिणाम के क्या कारण हो सकते हैं? यह प्रश्न इसलिए और प्रासंगिक हो जाता है क्योंकि अगले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में वापस न आने के दावे किए जाने लगे थे। राज्य के मुख्यमंत्री बिप्लब देब शुरू से ही लेफ्ट-लिबरल इकोसिस्टम के निशाने पर रहे हैं। शुरुआती दिनों में उनकी हर बात और हर बयान पर न केवल बहस का मुद्दा बनाया गया, बल्कि उन बयानों पर कई बार अफवाह और भ्रम भी फैलाया गया। समस्या यह थी कि इस इकोसिस्टम के लोगों को बिप्लब देब की राजनीति की समझ नहीं थी, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें अचानक त्रिपुरा की राजनीति में उतार दिया था। राज्य की उनकी समझ और लोगों के साथ उनके समीकरण की समझ त्रिपुरा के बाहर बैठे लोगों को नहीं थी।
डेमोग्राफी में बदलाव के विषय पर उत्तर-पूर्वी राज्यों में असम की तरह ही त्रिपुरा का भी एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य रहा है। लंबे समय तक चलने वाली वाम मोर्चे की सरकार ने त्रिपुरा को जिस स्तर का शासन और प्रशासन दिया उससे राज्य की जनता परेशान तो थी, लेकिन पश्चिम बंगाल की तरह उसके पास विकल्प दिखाई नहीं दे रहा था। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के रूप में उसे जब विकल्प मिला तो जनता को वामपंथियों से छुटकारा मिला और वामपंथियों के शासन से तंग आ चुकी जनता को एक युवा मुख्यमंत्री में नई राजनीति की आशा दिखी। यही कारण है कि वर्तमान मुख्यमंत्री काफी लोकप्रिय हैं और जनता उन्हें मौके देने से पीछे नहीं हटना चाहती।
इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि वर्षों तक सत्तासीन रहे वामपंथियों के पास सरकारी योजनाओं की डिलीवरी की जो प्रशासनिक मशीनरी थी, उसे पूरी तरह से जंग लग गया था। स्थानीय लोगों का ऐसा मानना है कि वर्तमान सरकार आने के बाद केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का लाभ काफी हद तक जनता तक पहुँचता रहा है। त्रिपुरा जैसे छोटे राज्यों में यह सुनिश्चित करना अपने आप में बड़ा काम माना जाता है और वर्तमान मुख्यमंत्री को इस बात की समझ है कि छोटे-छोटे प्रयासों से यह काम किया जा सकता है। कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में पहले से चल रहे तरीकों में बदलाव लाने का प्रयास किया गया है और उसका असर भी दिखाई देता है। राज्य के कुछ कृषि उत्पादों के लिए नए बाज़ार खोजने की कोशिशों की पहचान स्थानीय लोगों द्वारा की गई है।
वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा उत्तर-पूर्वी राज्यों में विकास प्राथमिकता देने का असर बाकी राज्यों की तरह त्रिपुरा में भी दिखाई दे रहा है। राज्य के साथ देश के अन्य जगहों की कनेक्टिविटी सुलभ होने के साथ ही स्थानीय उत्पादों के लिए नए बाजार मिलने की संभावना बढ़ेगी। वर्तमान मुख्यमंत्री प्रयास करते हुए नज़र आते हैं और जनता के साथ उनके संबंध पहले से बढ़े हैं। लोगों की बात सुनने के लिए तैयार मुख्यमंत्री की उनकी छवि उनके राजनीतिक सफर का भविष्य उज्ज्वल करेगी। निकाय चुनावों के परिणाम से साफ़ है कि एक दल के तौर पर भाजपा राज्य में अपनी जड़ें जमा चुकी है और असम की तरह ही त्रिपुरा में भी लंबे समय तक सत्ता में रहने का प्रयास उत्तर-पूर्वी राज्यों को लेकर दल की योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/11/BJPTripura.jpg6751200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-11-29 15:08:182021-11-29 15:13:14त्रिपुरा में भाजपा, बाकी लुप्त
10 नवंबर, 2021: आज का दिन ऐसे काम करने के लिए बेहतरीन है, जिन्हें करके आप ख़ुद के बारे में अच्छा महसूस करते हैं। आज आपको अपने उन रिश्तेदारों को पैसा उधार नहीं देना चाहिए जिन्होंने आपका पिछला उधार अब तक वापस नहीं किया है। आपका जीवनसाथी आपकी सहायता करेगा और मददगार साबित होगा। क्या आपने कभी गुलाब और केवड़े की महक को एक साथ महसूस किया है? आज आपकी ज़िन्दगी प्यार-मोहब्बत के नज़रिए से ऐसे ही महकने को है। अगर आप कामकाज के लिए ज़रूरत से ज़्यादा दबाव बनाएंगे तो लोग भड़क सकते हैं – कोई भी फ़ैसला लेने से पहले दूसरों की ज़रूरतों को समझने की कोशिश करें। अगर आप अपनी चीज़ों का ध्यान नहीं रखेंगे, तो उनके खोने या चोरी होने की संभावना है। ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत नज़र आएगी, क्योंकि आपके जीवनसाथी ने आपके लिए कुछ ख़ास योजना बनाई है। अपनीव्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 नवंबर, 2021: आपका ग़ुस्सा राई का पहाड़ बना सकता है, जो आपके परिवार को नाराज़ कर सकता है। वे लोग ख़ुशक़िस्मत हैं जो अपने ग़ुस्से पर क़ाबू रख सकते हैं। इससे पहले कि आपका ग़ुस्सा आपको ख़त्म करे, आप उसे ख़त्म कर दें। बैंक से जुड़े लेन-देन में काफ़ी सावधानी बरतने की ज़रूरत है। आपके माता-पिता की सेहत चिंता और घबराहट का कारण बन सकती है। आज प्रेम-संबंधों में अपने स्वतन्त्र विवेक का इस्तेमाल कीजिए। अपने वरिष्ठों को नज़रअंदाज़ न करें। आप चाहें तो परेशानियों को मुस्कुराकर दरकिनार कर सकते हैं या उनमें फँसकर परेशान हो सकते हैं। चुनाव आपको करना है। कुछ लोग सोचते हैं कि वैवाहिक जीवन ज़्यादातर झगड़ों और सेक्स के इर्द-गिर्द ही घूमता है, लेकिन आज आपके सब कुछ शान्त रहने वाला है। अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 नवंबर, 2021: आपका आकर्षक बर्ताव दूसरों का ध्यान आपकी तरफ़ खींचेगा। घर की जरुरतों को देखते हुए आज आप अपने जीवनसाथी के साथ कोई कीमती सामान खरीद सकते हैं जिससे आर्थिक हालात थोड़े तंग हो सकते हैं। बच्चे आपको अपनी उपलब्धियों से गर्व का अनुभव कराएंगे। आज आप अपने प्रेमी के साथ कहीं घूमने का प्लान बनाएंगे लेकिन किसी जरुरी काम के आने की वजह से यह प्लान कामयाब नहीं हो पाएगा जिसकी वजह से आप दोनों के बीच कहासुनी हो सकती है। महिला सहकर्मी बहुत मददगार रहेंगी और अटके कामों को भली-भांति पूरा करने में सहयोग देंगी। आज के समय में अपने लिए वक्त निकाल पाना बहुत मुश्किल है। लेकिन आज ऐसा दिन है जब आपके पास अपने लिए भरपूर समय होगा। शादिशुदा ज़िन्दगी के तमाम मुश्किल दिनों के बाद आप और आपका हमदम फिर प्यार की गर्माहट महसूस कर सकते हैं। अपनीव्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 नवंबर, 2021: स्वयं को शांत बनाए रखें क्योंकि आज आपको ऐसी कई बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है, जिनके चलते आप काफ़ी मुश्किल में पड़ सकते हैं। ख़ास तौर पर अपने ग़ुस्से पर क़ाबू रखें, क्योंकि यह और कुछ नहीं बल्कि थोड़ी देर पागलपन है। आज कोई लेनदार आपके दरवाजे पर आ सकता है और आपसे पैसे उधार मांग सकता है। उन्हें पैसे लौटाकर आप आर्थिक तंगी में आ सकते हैं। आपको सलाह दी जाती है कि उधार लेने से बचें। छोटे भाई-बहन आपसे राय मांग सकते हैं। आज आपका प्रिय आपके साथ में समय बिताने और तोहफ़े की उम्मीद कर सकता है। अहम लोगों से बातचीत करते वक़्त अपने आँख-कान खुले रखिए, हो सकता है आपके हाथ कोई क़ीमती बात या विचार लग जाए। आज आपके पास खाली समय होगा और इस समय का इस्तेमाल आप ध्यान योग करने में कर सकते हैं। आपको आज मानसिक शांति का अहसास होगा। सेहत के नज़रिे से गले लगने के अपने फ़ायदे हैं और आपको यह एहसास आज अपने जीवनसाथी से मिल सकता है। अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 नवंबर, 2021: रक्तचाप के मरीज़ों को ख़ास ख़याल रखने और दवा-दारू करने की ज़रूरत है। साथ ही उन्हें कॉलेस्ट्रोल को क़ाबू में रखने की कोशिश भी करनी चाहिए। ऐसा करना आगे काफ़ी लाभदायक सिद्ध होगा। विदेशों में पड़ी आपकी जमीन आज अच्छे दामों में बिक सकती है जिससे आपको मुनाफा होगा। पुराने परिचितों से मिलने-जुलने और पुराने रिश्तों को फिर से तरोताज़ा करने के लिए अच्छा दिन है। आज आपकी कोई बुरी आदत आपके प्रेमी को बुरी लग सकती है और वो आपसे नाराज हो सकते हैं। दूसरों को ऐसा काम करने के लिए बाध्य न करें, जो आप स्वयं न करना चाहें। अपना समय और ऊर्जा दूसरों की मदद करने में लगाएँ, लेकिन ऐसे मामलों में पड़ने से बचें जिनसे आपका कोई लेना-देना नहीं है। आपके जीवनसाथी के लबों की मुस्कान पल भर में आपका सारा दर्द ग़ायब करने की क़ाबिलियत रखती हे। अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 नवंबर, 2021: आज का दिन मौज-मस्ती और आनन्द से भरा रहेगा- क्योंकि आप ज़िन्दगी को पूरी तरह जिएंगे। आज आप अपने घर केे सदस्यों को कहीं घुमाने ले जा सकते हैं और आपका काफी धन खर्च हो सकता है। आज हर कोई आपसे दोस्ती करना चाहता है और आप उनकी ये इच्छा पूरी करने में ख़ुशी महसूस करेंगे। आज वे कपड़े न पहनें जो आपके प्रिय को पसंद न हों, नहीं तो मुमकिन है कि वो आहत महसूस करे। कार्यक्षेत्र में प्रगतिशील और बड़े बदलाव करने में सहकर्मी आपका पूरा सहयोग करेंगे। आपको भी तेज़ी से क़दम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए। मातहतों को कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित करना सकारात्मक परिणाम देगा। आज ऐसी कई सारी चीज़ें होंगी – जिनकी तरफ़ तुरन्त ग़ौर करने की आवश्यकता है। किसी ख़बसूरत याद के कारण आपके और आपके जीवनसाथी के बीच की अनबन रुक सकती है। इसलिए वाद-विवाद की हालत में पुराने दिनों की यादों को ताज़ा करना न भूलें। अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 नवंबर, 2021: शरीर के किसी अंगे में दर्द होने की संभावना है। किसी भी ऐसे काम से बचें, जिसमें ज़्यादा शारीरिक मेहनत की ज़रूरत हो। पर्याप्त आराम भी करें। लम्बे समय से अटके मुआवज़े और कर्ज़ आदि आख़िरकार आपको मिल जाएंगे। घर में मरम्मत का काम या सामाजिक मेल-मिलाप आपको व्यस्त रखेगा। दिन को ख़ास बनाने के लिए स्नेह और उदारता के छोटे-छोटे तोहफ़े लोगों को दें। इस राशि के कारोबारियों को आज कारोबार के सिलसिले में अनचाही यात्रा करनी पड़ सकती है। यह यात्रा आपको मानसिक तनाव दे सकती है। नौकरी पेशा लोगों को आज ऑफिस में इधर-उधर की बातें करने से बचना चाहिए। आपको याद रखने की ज़रूरत है कि भगवान उसी की मदद करता है, जो ख़ुद अपनी मदद करता है। आज से पहले शादीशुदा ज़िन्दगी इतनी अच्छी कभी नहीं रही। अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 नवंबर, 2021: आज आपके पास अपनी सेहत और लुक्स से जुड़ी चीज़ों को सुधारने के लिए पर्याप्त समय होगा। प्राप्त हुआ धन आपकी उम्मीद के मुताबिक़ नहीं होगा। आपको परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ बिताने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। रोमांटिक मुलाक़ात आपकी ख़ुशी में तड़के का काम करेगी। कार्यक्षेत्र में आज आप अपने काम में प्रगति देखेंगे। अपने किस मित्र के साथ आज समय बिता सकते हैं लेकिन इस दौरान आप शराब का सेवन करने से बचना चाहिए नहीं तो समय की बर्बादी हो सकती है। आपको महसूस होगा कि आपका जीवनसाथी इससे बेहतर पहले कभी नहीं हुआ। अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 नवंबर, 2021: नफ़रत की भावना महंगी पड़ सकती है। यह न केवल आपकी सहन-शक्ति घटाती है, बल्कि आपके विवेक को भी ज़ंग लगा देती है और रिश्तों में हमेशा के लिए दरार डाल देती है। जो लोग काफी वक्त से आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे उन्हें आज कहीं से धन प्राप्त हो सकता है जिससे जीवन की कई परेशानियां दूर हो जाएंगी। दोस्त और रिश्तेदार साथ में ज़्यादा वक़्त बिताने की मांग करेंगे लेकिन यह सभी दरवाज़े बन्द करके राजसी आनन्द लेने का समय है। सावधान रहें, क्योंकि प्यार में पड़ना आज के दिन आपके लिए दूसरी कठिनाइयाँ खड़ी कर सकता है। पैसे बनाने के उन नए विचारों का उपयोग करें, जो आज आपके ज़ेहन में आएँ। मुमकिन है कि आपके अतीत से जुड़ा कोई शख़्स आज आपसे संपर्क करेगा और इस दिन को यादगार बना देगा। जीवनसाथी से बिना पूछे योजना बनाएंगे, तो उनकी ओर से नकारात्मक प्रतिक्रिया मिल सकती है। अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 नवंबर, 2021: तनाव को नज़रअंदाज़ न करें। यह तम्बाकू और शराब की ही तरह ख़तरनाक महामारी है, जो तेज़ी से पाँव पसार रही है। प्रोपर्टी से जुड़े लेन-देन पूरे होंगे और लाभ पहुँचाएंगे। दिन के दूसरे हिस्से में कुछ दिलचस्प और रोमांचक काम करने के लिए बढ़िया वक़्त है। शाम के लिए कोई ख़ास योजना बनाएँ और कोशिश करें कि यह ज़्यादा-से-ज़्यादा रुमानी हो। अगर आप सही लोगों को अपनी क्षमताएँ और प्रतिभा दिखाएंगे, तो जल्दी ही लोगों की निगाहों में आपकी नयी और बेहतर छवि होगी। इस राशि वालों को आज खुद के लिए काफी समय मिलेगा। इस समय का उपयोग आप अपने शोकों को पूरा करने में कर सकते हैं। आप कोई किताब पढ़ सकते हैं या अपना पसंदीदा म्यूजिक सुन सकते हैं। जीवनसाथी के साथ थोड़ा हँसी-मज़ाक़, थोड़ी छेड़-छाड़ आपको किशोरावस्था के दिनों की याद दिला देंगे। अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 नवंबर, 2021: जो धुंध आपके चारों तरफ़ छायी हुई है और आपकी प्रगति को बाधित कर रही है, उससे बाहर निकलने का समय है। पैसे की अहमियत को आप अच्छे से जानते हैं इसलिए आज के दिन आपके द्वारा बचाया गया धन आपके बहुत काम आ सकता है और आप किसी बड़ी मुश्किल से निकल सकते हैं। जिन लोगों से आपकी मुलाक़ात कभी-कभी ही होती है, उनसे बातचीत और संपर्क करने के लिए अच्छा दिन है। आपकी प्रेम कहानी आज एक नया मोड़ ले सकती है, आपका साथी आज आपसे शादी को लेकर बात कर सकता है। ऐसे में कोई भी फैसला लेने से पहले आपको विचार अवश्य करना चाहिए। हाल में विकसित किए गए व्यावसायिक संबंध आगे चलकर बहुत फ़ायदा देंगे। आपके घर का कोई करीबी शख्स आज आपके साथ वक्त बिताने की बात कहेगा लेकिन आपके पास उनके लिए वक्त नहीं होगा जिसकी वजह से उनको तो बुरा लगेगा ही आपको भी बुरा लगेगा। आपके वैवाहिक जीवन में शारीरिक सुख के नज़रिए से कुछ ख़ूबसूरत परिवर्तन हो सकता है। अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327
10 नवंबर, 2021: दौड़-भाग भरा दिन आपको तुनकमिज़ाज बना सकता है। आपकी लगन और मेहनत पर लोग ग़ौर करेंगे और आज इसके चलते आपको कुछ वित्तीय लाभ मिल सकता है। घर से जुड़ी योजनाओं पर विचार करने की ज़रूरत है। गर्लफ़्रेंड/बॉयफ़्रेंड के साथ अभद्र व्यवहार न करें। नयी योजनाओं को शुरू करने के लिए बढ़िया दिन है। अपनी कमियों पर आपको काम करने की जरुरत है इसके लिए आपको अपने लिए समय निकालना चाहिए। अपने जीवनसाथी के किसी छोटी बात को लेकर बोेले गए झूठ से आप आहत महसूस कर सकते हैं। अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 819495932
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/05/गुरूवार-.jpg500700Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-11-10 02:44:442021-11-10 02:45:32राशिफल, 10 नवंबर, 2021
गेस्ट टीचर ने बिजली मंत्री मुर्दाबाद व खट्टर सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए
सतीश बंसल, सिरसा :
आज जिला सिरसा के अतिथि अध्यापकों की एक आवश्यक मीटिंग शहर के टाउन पार्क में हुई । खून से लिखकर महीला शिक्षको ने विधायकों को ज्ञापन दिए ।आज कालानवाली के विधायक शीशपाल केहरवाला ने खुद टॉक पार्क में आकर गेस्ट टीचर का ज्ञापन लिया, डबवाली के विधायक अमित सिहाग को ज्ञापन दिया, बिजली मंत्री रणजीत सिंह के निवास पर जब ज्ञापन देने गए, तो वहां गेस्ट टीचर का कोई ज्ञापन लेने नही, बदसलूकी की गई, गेस्ट टीचर ने बिजली मंत्री मुर्दाबाद व खट्टर सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए, तब गेस्ट टीचर का बिजली मंत्री के पी ए ने ज्ञापन लेने आए, उसके बाद गेस्ट टीचर ने सिरसा के विधायक गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा को ज्ञापन दिया। जिला प्रधान सुभाष खटाना ने 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्री आवास पर होने वाली महा आक्रोश रैली के लिए सभी साथियों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने का आह्वान किया । हिसार मंडल प्रधान हरदीप गिल ने वर्तमान में अतिथि अध्यापकों के सामने खड़ी सबसे बड़ी समस्या ट्रांसफर ड्राइव में अतिथि अध्यापकों के पद को रिक्त मानने पर सरकार के व्यवहार की आलोचना की गई ।16 वर्ष की सेवाओं के बाद भी अतिथि शिक्षकों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है । सरकार की दमनकारी नीति के विरुद्ध साथियों से आवाहन किया गया की हरियाणा सरकार ने जो अतिथि शिक्षक सेवा सुरक्षा अधिनियम 2019 पारित किया था उस गेस्ट टीचर एक्ट की स्कूल मुखिया ही धज्जियां रहे हैं । आज कोविड काल के इस संकट की घड़ी में शिक्षक क्रोना जोधा के रूप में अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर लड़ाई लड़ रहे हैं । हमारे लगभग 570 गेस्ट साथी करोना व अन्य बीमारियों से गुजर चुके हैं । लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी मेडिकल सुविधा उपलब्ध नहीं है । इसी कड़ी में आज 17/08/21 को पूरे हरियाणा में विधायक मंत्रियों को मुख्यमंत्री के नाम महिलाओं द्धारा खून से लिखे ज्ञापन सौंपकर मांग की गई कि सरकार अपने चुनावी वायदे के अनुसार अतिथि अध्यापकों को नियमित करें व अतिथि अध्यापकों के पदों को खाली मानने के तानाशाही फरमान को वापस ले । अतिथि शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की तरह ही ट्रांसफर ड्राईव में शामिल किया जाए । यदि सरकार ने 5 सितंबर 2021 तक अतिथि अध्यापकों की मांग नहीं मानी तो मजबूरन अतिथि अध्यापकों को कड़ा फैसला लेना पड़ेगा । अगर इस आंदोलन में कोई अनहोनी होती है तो इस इस अनहोनी की जिम्मेदार पूरी खट्टर सरकार होगी । इस अवसर पर राधा कृष्ण, देवेंद्र सिंह, हरदीप गिल, सुभाष खटाना, गुरप्रीत, यशपाल, सुनिता, वंदना, सीमा गिल, सुनील, राजपाल, रमेश गिरी, हंस राज, कमलेश, बलवंत, रमन गेस्ट टीचर उपस्थित रहे ।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/08/sirsa-17-agst-photo-02.jpg7801040Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-08-17 14:27:022021-08-17 14:27:28अतिथि अध्यापकों की मांग नहीं मानी तो मजबूरन अतिथि अध्यापकों को कड़ा फैसला लेना पड़ेगा – अतिथि अध्यापक
– कोरोना काल में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले फ्रंट लाइन वॉरियर, अधिकारियों व कर्मचारियों को किया सम्मानित सतीश बंसल सिरसा 15 अगस्त:
75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह स्थानीय पुलिस लाइन में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। समारोह में हिसार मंडल के आयुक्त चंद्र शेखर ने मुख्यअतिथि के रुप में शिरकत की और ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। इससे पहले आयुक्त चंद्र शेखर, उपायुक्त अनीश यादव व पुलिस अधीक्षक अर्पित जैन ने शहीद स्मारक व स्वतंत्रता सैनानी स्थल पर जाकर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
आयुक्त चंद्र शेखर ने आजादी के अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि तिरंगा हमारी स्वतंत्रता, स्वाभिमान और संघर्ष का प्रतीक है। इसके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध दशकों तक लम्बा संघर्ष किया, असहनीय यातनाएं झेली, हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमा और असंख्य कुर्बानियां दी। आज का दिन भारतवासियों के लिए बड़े गर्व और गौरव का दिन है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के वीरों का देश के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज भी देश की सेना में हर दसवां सैनिक हरियाणा से है। उन्होंने कहा कि दुनिया की इस प्राचीनतम सांस्कृतिक भूमि भारत की आजादी का आज हम अमृत महोत्सव मना रहे हैं। देश के लोकप्रिय एवं ओजस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चमत्कारिक नेतृत्व का आज पूरा विश्व लोहा मान रहा है। उनके नेतृत्व में आज देश में क्रांतिकारी बदलाव होते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में व्यवस्था परिवर्तन और सुशासन के लिए कारगर कदम उठाए गए हैं। प्रदेश सरकार ने ई-गवर्नेंस से गुड गवर्नेंस का जो अभियान चलाया था वह आज ‘परिवार पहचान पत्रÓ तक पहुंच गया है। इस एक ही दस्तावेज के माध्यम से सब सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ घरद्वार पर ही मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां सर्वाधिक 11 फसलों के दाने-दाने की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जाती है। किसान को उत्तम किस्म के बीज प्रदान करने के साथ-साथ फसल बीमा व फसल मुआवजा देकर प्राकृतिक आपदा के जोखिम को समाप्त किया गया है। प्रदेश सरकार ने फसल की सरलता से बिक्री के अलावा किसान को सब्सिडी, खाद, बीज व ऋण देने के लिए ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टलÓ शुरू किया है। किसान के फसल की गुणवत्ता बढ़े इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से जिला सिरसा के ऐलनाबाद, डबवाली, कालांवाली, रानियां व डिंग में मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का उद्घाटन कर पांच नई प्रयोगषालाओं की सौगात दी है, इस से किसान को भूमि के स्वास्थ्य की सही जानकारी मिलेगी और फसल उत्पादन के साथ-साथ गुणवत्ता में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संस्कार व रोजगार से युक्त शिक्षा देन के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। इसे वर्ष 2025 तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। इस दिशा में प्री नर्सरी से ही शिक्षा देने के लिए प्रदेश में 4 हजार प्ले-वे स्कूल और 500 नए मॉडल क्रेच खोले जा रहे हैं। प्रदेश में के.जी. पी.जी. कक्षा तक की शिक्षा एक ही छत के नीचे देने के लिए शिक्षण संस्थान तैयार किए जा रहे हैं। प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं देने के लिए 113 नए संस्कृति मॉडल स्कूल खोले गए हैं। अब इनकी संख्या बढ़कर 136 हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा को कौशल के साथ जोड़ा है। तकनीकी संस्थानों में उद्योगों की जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण के लिए उद्योगों के साथ एम.ओ.यू. जैसे कारगर कदम उठाये गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश खिलाडिय़ों ने ओलम्पिक व अन्य अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर देश व प्रदेश का नाम रोशन किया है। टोक्यो ओलम्पिक में नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक, पहलवान रवि दहिया ने रजत और बजरंग पुनिया ने कांस्य पदक जीतकर हमें गौरवान्वित किया है। हाकी में कांस्य पदक जीतने वाली टीम में हमारे दो खिलाड़ी सुरेन्द्र कुमार और सुमित कुमार शामिल हैं। महिला हॉकी टीम में तो 9 खिलाड़ी हरियाणा की हैं। जिसमें जिला सिरसा के गांव जोधकां की बेटी सविता पूनिया ने अपने शानदार प्रदर्शन से पूरे देशवासियों का दिल जीता और प्रदेश वासियों को गौरवांवित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए अनेक निर्णय किए हैं। उन्हें पंचायती राज संस्थाओं में उन्हें पुरुषों के समान प्रतिनिधित्व दिया गया है। प्रदेश के नागरिकों के सहयोग से हम ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओÓ कार्यक्रम में सफलता पा रहे हैं। इससे प्रदेश में लिंगानुपात दर वर्ष 2014 के 871 के मुकाबले अब 911 हो गई है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान के तहत लिंगानुपात में जिला सिरसा चौथी बार प्रथम रहा है जिसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा जिला महिला एवं बाल विकास विभाग को सम्मानित भी किया है। इस समय जिला सिरसा का लिंगानुपता 923 है। प्रदेश सरकार ने महिला सुरक्षा के और अधिक इंतमाज पुख्ता किए हैं। राज्य के सभी बस अड्डïों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। प्रदेश में महिला थानों, दुर्गा शक्ति एप तथा दुर्गा वाहिनी की स्थापना से महिलाओं में सुरक्षा की भावना बढी है। इसके साथ-साथ छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए घर से दो किलोमीटर से अधिक दूरी वाले स्कूलों के लिए 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं के लिए ‘छात्रा परिवहन सुरक्षा योजनाÓ आरम्भ की है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास और सहायता के लिए ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजनाÓ शुरू की गई है। इसके तहत प्रति बच्चा 2500 रुपये मासिक मदद दी जा रही है। इसके अलावा प्रदेश में सभी तरह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन एक अप्रैल 2021 से बढ़ाकर 2 हजार 500 रुपये मासिक की गई हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार कर हम कोविड-19 महामारी से लडऩे में सफल रहे हैं। इसकी दूसरी लहर में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था की और मरीजों के घरद्वार पर भी ऑक्सीजन पहुंचा कर हजारों लोगों की जान बचाई है।
उन्होंने कहा कि ‘म्हारा गांव-जगमग गांव योजनाÓ के तहत प्रदेश के लगभग 77 प्रतिशत यानिकी 5 हजार 309 गांवों को 24 घण्टे बिजली दी जा रही है। सरकार ने बिजली की दरें 37 पैसे प्रति यूनिट कम की हैं। इससे पहले वर्ष 2019 में हम बिजली के बिल आधे कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जिला के विभिन्न विभागाध्यक्षों ने 150 गांवों को गोद लिया और 300 गांवों में 11 सदस्यीय कमेटियों का गठन किया गया। जिला में जागरूकता कैंपों, रैली, नुक्कड़ नाटक व सामाजिक सभाओं का आयोजन करके आमजन को जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को उनकी सम्पत्ति का मालिकाना हक देने के लिए सभी गांवों को लाल डोरा मुक्त करने की योजना चलाई है। हमारी इस योजना को बाद में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के नाम से पूरे देष में लागू किया गया। समारोह में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रवीण कुमार लाल, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विनय शर्मा, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अमित अहलावत ने परेड की टुकडिय़ो के निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई। इस अवसर पर एसडीएम जयवीर यादव, नगराधीश गौरव गुप्ता, सीएमजीजीए कुनाल व रोमिल, जन नायक जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष सर्वजीत सिंह मसीतां, जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार, जिला खजाना अधिकारी नरेंद्र ढुल, जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र, जिला सैनिक बोर्ड के कल्याण अधिकारी कर्नल दीप डागर सहित कई गणमान्य व्यक्ति व विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद थे।
समारोह में मुख्यअतिथि मंडलायुक्त चंद्र शेखर व उपायुक्त अनीश यादव ने कोरोना महामारी से बचाव कार्य व लॉकडाउन के दौरान सराहनीय योगदान करने वाले सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं, कोरोना योद्धाओं, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर परेड एवं मार्च पास्ट की टुकडिय़ों में राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय की एनसीसी की टूकड़ी प्रथम, राजकीय मॉडल सांस्कृतिक वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय सिरसा की स्काऊट की (प्रजातंत्र के प्रहरी) टूकड़ी द्वितीय तथा शाह सतनाम जी कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय सिरसा की गल्र्स गाईड टुकड़ी तृतीय स्थान पर रही। परेड में विजेता टुकडिय़ों को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ-साथ महाराजा अग्रसेन कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय का बैंड भी शामिल रहा।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/08/sirsa-16-agst-photo-10.jpg12001798Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-08-16 14:13:452021-08-16 14:14:12बड़े हर्षाेल्लास से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस समारोह, आयुक्त चंद्र शेखर ने किया ध्वजारोहण
देश के अंतिम छोर बाड़मेर-जैसलमेर जिले में भारत-पाक बॉर्डर पर रेगिस्तानी धोरों में जहां फौज के टैंक भी चढ़ना मुश्किल होते थे, वहां अब 550 किमी लंबा हाइवे बना दिया गया है। रेतीले धोरों को काटकर टू लेन हाइवे बनाया गया है। सालों से इस बॉर्डर इलाके के गांवों में 6 माह तक गांवों का संपर्क टूटा रहता था, वे अब टू लेन हाइवे से जुड़े हुए है।गर्मियों की शुरूआत के साथ ही यहां 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से धूलभरी आंधियां चलती है, इससे गांवों के कच्चे रास्ते भी रेत से पट कर बंद हो जाते थे।
अजय नारायण शर्मा ‘अज्ञानी, अंबाला :
किसी देश की की आधारभूत संरचना की मजबूती से पता चलता है कि कोई देश असल में कितना मजबूत है। भारत सबसे ज्यादा ध्यान इसी आधारभूत संचरना पर दे रहा है। हम सब जानते हैं, राष्ट्रीय राजमार्ग, आधारभूत संचरना के महत्वपूर्ण अवयव होते हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने इस क्षेत्र में चमत्कारिक गति से काम करते हुए शानदार प्रगति की है। इस दौरान एक दिन में सबसे अधिक सड़क बनाने का रेकॉर्ड भी भारत ने अपने नाम दर्ज किया। बिना कुछ कहे ये रेकॉर्ड ही अपने आप में सब कुछ बखान कर देता है।
चमचमाता हाइवे हो चुका है तैयार
भारत में 200 से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जो पूरे देश को इस कोने से उस कोने तक जोड़े हुए हैं। उन्हीं में से एक है ‘भारतमाला सड़क परियोजना’। दूसरे शब्दों में कहें तो यह परियोजना भारत में राजमार्ग विकास के क्षेत्र में नगीना है, जिसकी चमक से सम्पूर्ण भारत प्रकाशमय है। इसी प्रकाश का एक हिस्सा राजस्थान में चमक बिखेर रहा है। जी हां, भारतमाला परियोजना के तहत ही राजस्थान के बाड़मेर-जैसलमेर में अब शानदार चमचमाता हुआ हाइवे, इस क्षेत्र की तरक्की के लिए दरवाजे खोले खड़ा है ।
लोगों को मिलेगी राहत
देश के अंतिम छोर बाड़मेर-जैसलमेर जिले में भारत-पाक बॉर्डर पर रेगिस्तानी धोरों में जहां फौज के टैंक भी चढ़ना मुश्किल होते थे, वहां अब 550 किमी. लंबा हाइवे बना दिया है। रेतीले धोरों को काटकर टू लेन हाइवे बना दिया है। सालों से इस बॉर्डर इलाके के गांवों में 6 माह तक गांवों का संपर्क टूटा रहता था, अब सभी गांव टू लेन हाइवे से जुड़े हुए हैं। गर्मियों की शुरुआत के साथ ही यहां 50-60 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से धूलभरी आंधियां चलती है, इससे गांवों के कच्चे रास्ते भी रेत से अट कर बंद हो जाते थे। अब रेतीले धोरों को कई जगह 50 फीट से भी ज्यादा ऊंचे काटकर कर हाइवे का निर्माण करवाया है। आंधी से रेत का कटाव शुरू होता है और बालू रेत हवा के साथ उड़कर स्थान बदलती है। इसी कारण सड़कें रेत से जाम हो जाती थीं,, लेकिन भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बाड़मेर के रामजी का गोल, खासर, रामसर, गडरारोड, मुनाबाव, सुंदरा होते हुए जैसलमेर के तनोट तक 550 किमी. लंबा टू लेन हाइवे बनाया है, जो इन सब बाधाओं को तुच्छ कर देगा। यहां हाइवे के आसपास के रेतीले धोरों को काटा गया है, ताकि रेत हाइवे पर नहीं आए। इतना ही नहीं रेत को रोकने के लिए हाइवे के किनारे दीवार तक बनाई गई है। करीब 4-5 जगह हवाई पट्टी की तरह बनाया गया है, जिस पर फाइटर प्लेन भी उतारे जा सकते हैं।
यह है भारतमाला प्रोजेक्ट
भारतमाला परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना है। इसके तहत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा जो अब तक अधूरे हैं। सरकार के मुताबिक योजना के पूरा होने पर भारतमाला के तहत राजमार्ग की कुल लंबाई 51,000 किमी होगी। परियोजना पर काम गुजरात और राजस्थान से शुरू किया।
बढ़ेगी राष्ट्रीय राजमार्ग की कवरेज
इसके बाद पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड की बारी आएगी। फिर उत्तर प्रदेश और बिहार से होते हुए पूर्वोतर के राज्य और भारत-म्यांमार बॉर्डर तक सड़कें बनाई जाएंगी। पहले चरण में 550 जिले कवर होंगे। अभी सिर्फ 350 जिलों से एनएच गुजरते हैं।
34 जिलों में सड़कों में लेन बढ़ाई जाएगी, जबकि 35 शहरों में लॉजिस्टिक पार्क स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा 700 जगहों पर सड़क किनारे यात्री सुविधाओं का निर्माण होगा। इनमें से 180 का निर्माण दो वर्ष में करने का लक्ष्य है।
प्रमुख बिंदु:
अगस्त 2020 तक 12,413 किमी. की लंबाई वाली कुल 322 परियोजनाओं को भारतमाला योजना के तहत प्रारंभ किया गया है। इसके अलावा परियोजना के तहत अब तक 2921 किमी. राजमार्गों का निर्माण किया जा चुका है।
भारतमाला परियोजना का इतिहास
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा वर्ष 2017-18 से भारतमाला कार्यक्रम चलाया जा रहा है।सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी ‘भारतमाला परियोजना’ के प्रथम चरण के तहत 5,35,000 करोड़ रुपए की लागत से 34,800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया जाएगा। इसके अंतर्गत आर्थिक कॉरिडोर, फीडर कॉरिडोर और इंटर कॉरिडोर, राष्ट्रीय कॉरिडोर, तटवर्ती सड़कें, बंदरगाह संपर्क सड़कें आदि का निर्माण किया जाएगा।
2022 में तक चलेगी परियोजना
इस कार्यक्रम की अवधि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 तक है। चरण-1 में कुल 34,800 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाना है, जिसमें शामिल हैं:
• 5,000 किलोमीटर राष्ट्रीय कॉरिडोर। • 9,000 किलोमीटर आर्थिक कॉरिडोर। • 6,000 किलोमीटर फीडर कॉरिडोर और इंटर कॉरिडोर। • 2,000 किलोमीटर सीमावर्ती सड़कें। • 2,000 किलोमीटर तटवर्ती सड़कें एवं बंदरगाह संपर्क सड़कें। • 800 किलोमीटर हरित क्षेत्र एक्सप्रेस वे। • 10,000 किलोमीटर अधूरे सड़क निर्माण कार्य।
इस परियोजना के तहत निर्माण कार्य करने वाली मुख्य एजेंसियाँ इस प्रकार हैं: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग और औद्योगिक विकास निगम तथा लोक निर्माण विभाग इस परियोजना में काम करेंगे।
क्या फायदा होगा इन राजमार्गों से
• पूरे देश में सड़क संपर्क में सुधार होगा। • आर्थिक गलियारों से कार्गो की त्वरित आवाजाही में होगी वृद्धि। • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि सुनिश्चित होगी। • निवेश में तेजी एवं रोजगार सृजन में वृद्धि होने की संभावना।
लेकिन भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बाड़मेर के रामजी का गोल, बाखासर, रामसर, गडरारोड, मुनाबाव, सुंदरा होते हुए जैसलमेर के तनोट तक 550 किमी लंबा टू लेन हाइवे बनाया गया है। यहां हाइवे के आसपास के रेतीले धोरों को काटा गया है, ताकि रेत हाइवे पर नहीं आए। इतना ही नहीं रेत को रोकने के लिए हाइवे के किनारे दीवार तक बनाई गई है। हाईवे को करीब 4-5 जगह हवाई पट्टी की तरह बनाया गया है, जिस पर फाइटर प्लेन भी उतारे जा सकते हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/06/c085ccf9-7fa0-44ec-829c-1b73ae804d67.jpg450600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-06-15 13:49:332021-06-15 13:50:33“भारतमाला प्रोजेक्ट: जिन धोरों पर सेना के टैंक मुश्किल से चढ़ते थे, वहां बना 550 किलोमीटर लंबा हाइवे”
हिन्दू धर्म में वर्ण व्यवस्था है, हिन्द धर्म 4 वर्णों में बंटा हुआ है, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वेश्या एवं शूद्र। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात पीढ़ियों से वंचित शूद्र समाज को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए संविधान में आरक्षण लाया गया। यह आरक्षण केवल (शूद्रों (दलितों) के लिए था। कालांतर में भारत में धर्म परिवर्तन का खुला खेल आरंभ हुआ। जहां शोषित वर्ग को लालच अथवा दारा धमका कर ईसाई या मुसलिम धर्म में दीक्षित किया गया। यह खेल आज भी जारी है। दलितों ने नाम बदले बिना धर्म परिवर्तन क्यी, जिससे वह स्वयं को समाज में नचा समझने लगे और साथ ही अपने जातिगत आरक्षण का लाभ भी लेते रहे। लंबे समय त यह मंथन होता रहा की जब ईसाई समाज अथवा मुसलिम समाज में जातिगत व्यवस्था नहीं है तो परिवर्तित मुसलमानों अथवा इसाइयों को जातिगत आरक्षण का लाभ कैसे? अब इन तमाम बहसों को विराम लग गया है जब एकेन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद सिंह ने सांसद में स्पष्ट आर दिया कि इस्लाम या ईसाई धर्म स्वीकार करने वाले दलितों के लिए आरक्षण की नीति कैसी रहेगी।
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
इस्लाम या ईसाई धर्म में परिवर्तित होने वाले दलितों को चुनावों में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों से चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा वह आरक्षण से जुड़े अन्य लाभ भी नहीं ले पाएँगे। गुरुवार (11 फरवरी 2021) को राज्यसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने यह जानकारी दी।
हिन्दू, सिख या बौद्ध धर्म स्वीकार करने वाले अनुसूचित जाति के लोग आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने के योग्य होंगे। साथ ही साथ, वह अन्य आरक्षण सम्बन्धी लाभ भी ले पाएँगे। भाजपा नेता जीवी एल नरसिम्हा राव के सवाल का जवाब देते हुए रविशंकर प्रसाद ने इस मुद्दे पर जानकारी दी।
आरक्षित क्षेत्रों से चुनाव लड़ने की पात्रता पर बात करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, “स्ट्रक्चर (शेड्यूल कास्ट) ऑर्डर के तीसरे पैराग्राफ के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो हिन्दू, सिख या बौद्ध धर्म से अलग है, उसे अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं माना जाएगा।” इन बातों के आधार पर क़ानून मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि इस्लाम या ईसाई धर्म स्वीकार करने वाले दलितों के लिए आरक्षण की नीति कैसी रहेगी।
क़ानून मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि संसदीय या लोकसभा चुनाव लड़ने वाले इस्लाम या ईसाई धर्म में परिवर्तित होने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्ति को निषेध करने के लिए संशोधन का प्रस्ताव मौजूद नहीं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/02/RSPLS.png382966Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-02-12 08:29:242021-02-12 10:03:53इस्लाम या ईसाई धर्म में परिवर्तन लेने के पश्चात दलित नहीं ले सकेंगे जातिगत आरक्षण का लाभ
आज 11 फरवरी को हिंदू पंचांग के अनुसार गुरुवार है. गुरुवार का दिन सुख समृद्धि और सौभाग्य का दिन होता है. यह दिन भगवान विष्णु और मां सरस्वती दोनों की पूजा का दिन होता है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु जल्दी प्रसन्न नहीं होते, मगर शास्त्रों में उनको प्रसन्न करने के बेहद आसान उपाय भी बताए गए हैं. जिनके माध्यम से आप प्रभु की कृपा के पात्र बन सकते हैं.
विक्रमी संवत्ः 2077,
शक संवत्ः 1942,
मासः माघ,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः अमावस रात्रि 12.36 तक है।
वारः गुरूवार,
नक्षत्रः श्रवण दोपहर 02.05 तक है,
योगः वरीयान 02.05 तक,
करणः चतुष्पद,
सूर्य राशिः मकर,
चंद्र राशिः मकर,
राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,
सूर्योदयः 07.07,
सूर्यास्तः 06.04 बजे।
नोटः आज माघ मौनी अमावस है। एवं महोदय योग है। तथा आज ही पितृ तर्पण आदि है।
नोटः आज आज रात्रि 02.11 से पंचक प्रारम्भ हो रहे है। पंचक काल में तृण, काष्ठ, धातु का संचय व भवन निर्माण और नवीन कार्य तथा यात्रा आदि कर्म वर्जित होते हैं।पंचक काल में शव दाह का भी निषेध होता है।चूंकि शव को इतनी लंबी अवधि हेतु रोकना देश काल परिस्थिति के अनुसार मुश्किल हैं, अतः योग्य वैदिक ब्रह्मण की सलाह लेकर पंच पुतलों का दाह और पंचक नक्षत्रों की शांति विधि पूर्वक करानी चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मृतक व्यक्ति के परिवार व संबंधियों में से ही पांच व्यक्तियों के अकालमृत्यु होने की आशंका बनी रहती है।
विशेषःआज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/10/Untitled.jpg260598Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-02-11 03:35:292021-02-11 03:36:43पंचांग 11 फरवरी 2021
कोरोना के खिलाफ जंग में पीएम मोदी की अपील के बाद देशवासी आज रात 9 बजे 9 मिनट दीया, कैंडल, मोबाइल फ्लैश और टार्च जलाकर एकजुटता का परिचय देंगे. लोग दीया जलाने की तैयारी कर लिए हैं.
नई दिल्ली:
कोरोना वायरस के खिलाफ पूरे देश ने एकजुट होकर प्रकाश पर्व मनाया. पीएम मोदी की अपील पर एकजुट होकर देश ने साबित कर दिया कि कोरोना के खिलाफ हिंदुस्तान पूरी ताकत से लड़ेगा. देश के इस संकल्प से हमारी सेवा में 24 घंटे, सातों दिन जुटे कोरोना फाइटर्स का भी हौसला लाखों गुना बढ़ गया. गौरतलब है कि पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में हैं. अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देश कोरोना के आगे बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं लेकिन भारत के संकल्प की वजह से देश में कोरोना संक्रमण विकसित देशों के मुकाबले कई गुना कम है.
Live Updates-
कोरोना के खिलाफ एकजुट हुआ भारत, प्रकाश से जगमगाया पूरा देश
पीएम मोदी की अपील पर हिंदुस्तान ने किया कोरोना के खिलाफ जंग का ऐलान
कोरोना के खिलाफ जापान में जला पहला दीया,
कुछ देर बाद 130 करोड़ हिंदुस्तानी लेंगे एकजुटता का संकल्प
अमित शाह ने जलाए दीये
दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर सभी लाइट बंद करने के बाद मिट्टी के दीपक जलाए.
योगी आदित्यनाथ ने जलाया दीया
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दीया जलाकर एकता की पेश की मिसाल. दीए की रोशनी से बनाया ऊं.
अनुपम खेर ने जलायी मोमबत्ती
अनुप खेर ने दीया जलाकर दिया एकता का संदेश
बता दें कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को अपील की थी कि पूरे देश के लोग रविवार रात 9 बजे घर की बत्तियां बुझाकर अपने कमरे में या बालकनी में आएं और दीया, कैंडिल, मोबाइल और टॉर्च जलाकर कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी एकजुटा प्रदर्शित करें.
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होली जरूर मनाएं, लेकिन घर पर ही मनाएं। मोहल्लों और गांवों में एकत्रित होकर समूह में न मनाएं। रंगों के इस त्योहार के समय कोरोना अब महामारी बन चुका है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि भीड़ वाले जगहों पर न जाएं। क्योंकि किसी एक को संक्रमण होने पर कई दूसरे लोग इसकी गिरफ्त में आ सकते हैं। बेहतर होगा कि होली भी समूह में मनाने से बचें। हैप्पी होली।
चंडीगढ़:
आज होली है। फागुन के इस महीने में रंगों के इस त्योहार में हर कोई सराबोर होने को आतुर है, लेकिन एहतियात भी जरूरी है। चीन से पैदा हुआ कोरोना अंटार्कटिका को छोड़ सारे महाद्वीपों को अपने जद में ले चुका है। इंसानों से इंसानों में इसके वायरस का तेजी से संक्रमण हो रहा है। तभी तो विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत तमाम स्वास्थ्य संस्थाएं सामूहिक जुटान न करने की सलाह दे रहे हैं। उनकी इसी सलाह पर प्रधानमंत्री मोदी के बाद एक-एक करके कई मशहूर हस्तियों ने होली न खेलने का निर्णय लिया। जनमानस के लिए तो साल भर का यह त्योहार है। वे भला होली से दूर क्यों रहें। विशेषज्ञ भी कहते हैं कि होली जमकर खेलिए, लेकिन एहतियात बरतना न भूलिए।
यह बात सही है कि विशेष परिस्थितियों में कोरोना सामान्य फ्लू की तुलना में दस गुना घातक है, लेकिन अगर व्यक्ति का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत है तो इसका वायरस लाचार हो जाता है। स्वस्थ जीवनशैली और खानपान से कोई भी अपने शरीर की प्रतिरक्षा इकाई को इस वायरस की कवच बना सकता है। बुजुर्गो और किसी अन्य रोग से ग्रसित व्यक्ति को खास एहतियात की दरकार होगी। होली की मस्ती में यह न भूलें कि कोरोना अब विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी घोषित की जा चुकी है। लिहाजा जमकर गुलाल उड़ाएं, रंगों की फुहारें छोड़ें, लेकिन अत्यधिक भीड़ में जाने से परहेज करें। कोरोना का वायरस हवा में तैरते अति सूक्ष्म कणों के साथ आंखों यहां तक कि फेस मास्क को भी भेदने की सामर्थ्य रखता है। सिर्फ खांसी या छींक के साथ निकलने वाले बड़े कणों को ही मास्क रोकने में सक्षम है। इसलिए सावधान रहिए, लेकिन होली के उल्लास को कम मत होने दीजिए।
विशेषज्ञ बोल
होली जरूर मनाएं, लेकिन घर पर ही मनाएं। मोहल्लों और गांवों में एकत्रित होकर समूह में न मनाएं। रंगों के इस त्योहार के समय कोरोना अब महामारी बन चुका है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि भीड़ वाले जगहों पर न जाएं। क्योंकि किसी एक को संक्रमण होने पर कई दूसरे लोग इसकी गिरफ्त में आ सकते हैं। बेहतर होगा कि होली भी समूह में मनाने से बचें। हैप्पी होली।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/03/hqdefault.jpg360480Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-03-10 01:40:172020-03-10 01:40:31कोरोना से घबरा कर होली फीकी न करें
भारत में अवैध घुसपैठिए से किसको फायदा हो रहा है, ये घुसपैठिए किसके वोट बैंक बने हुए हैं। अभी हाल में पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि बंगाल में तकरीबन 50 लाख मुस्लिम घुसपैठिए हैं, जिनकी पहचान की जानी है और उन्हें देश से बाहर किया जाएगा। बीजेपी नेता के दावे में अगर सच्चाई है तो पश्चिम बंगाल में मौजूद 50 घुसपैठियों का नाम अगर मतदाता सूची से हटा दिया गया तो सबसे अधिक नुकसान किसी का होगा तो वो पार्टी होगी टीएमसी को होगा, जो एनआरसी का सबसे अधिक विरोध कर रही है और एनआरसी के लिए मरने और मारने पर उतारू हैं।
नयी दिल्ली
असम एनआरसी के बाद पूरे भारत में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) बनाने की कवायद भले ही अभी पाइपलाइन में हो और इसका विरोध शुरू हो गया है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि भारत के सरहद से सटे लगभग सभी पड़ोसी मुल्क मसलन पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों में नागरिकता रजिस्टर कानून है।
पाकिस्तान में नागरिकता रजिस्टर को CNIC, अफगानिस्तान में E-Tazkira,बांग्लादेश में NID, नेपाल में राष्ट्रीय पहचानपत्र और श्रीलंका में NIC के नाम से जाना जाता है। सवाल है कि आखिर भारत में ही क्यों राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC)कानून बनाने को लेकर बवाल हो रहा है। यह इसलिए भी लाजिमी है, क्योंकि आजादी के 73वें वर्ष में भी भारत के नागरिकों को रजिस्टर करने की कवायद क्यों नहीं शुरू की गई। क्या भारत धर्मशाला है, जहां किसी भी देश का नागरिक मुंह उठाए बॉर्डर पार करके दाखिल हो जाता है या दाखिल कराया जा रहा है।
भारत में अवैध घुसपैठिए से किसको फायदा हो रहा है, ये घुसपैठिए किसके वोट बैंक बने हुए हैं। अभी हाल में पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि बंगाल में तकरीबन 50 लाख मुस्लिम घुसपैठिए हैं, जिनकी पहचान की जानी है और उन्हें देश से बाहर किया जाएगा। बीजेपी नेता के दावे में अगर सच्चाई है तो पश्चिम बंगाल में मौजूद 50 घुसपैठियों का नाम अगर मतदाता सूची से हटा दिया गया तो सबसे अधिक नुकसान किसी का होगा तो वो पार्टी होगी टीएमसी को होगा, जो एनआरसी का सबसे अधिक विरोध कर रही है और एनआरसी के लिए मरने और मारने पर उतारू हैं।
बीजेपी नेता के मुताबिक अगर पश्चिम बंगाल से 50 लाख घुसैपठियों को नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया तो टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वोट प्रदेश में कम हो जाएगा और आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कम से कम 200 सीटें मिलेंगी और टीएमसी 50 सीटों पर सिमट जाएगी। बीजेपी नेता दावा राजनीतिक भी हो सकता है, लेकिन आंकड़ों पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि उनका दावा सही पाया गया है और असम के बाद पश्चिम बंगाल दूसरा ऐसा प्रदेश है, जहां सर्वाधिक संख्या में अवैध घुसपैठिए डेरा जमाया हुआ है, जिन्हें पहले पश्चिम बंगाल की वामपंथी सरकारों ने वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया।
ममता बनर्जी अब भारत में अवैध रूप से घुसे घुसपैठियों का पालन-पोषण वोट बैंक के तौर पर कर रही हैं। वर्ष 2005 में जब पश्चिम बंगला में वामपंथी सरकार थी जब ममता बनर्जी ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में घुसपैठ आपदा बन गया है और वोटर लिस्ट में बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल हो गए हैं। दिवंगत अरुण जेटली ने ममता बनर्जी के उस बयान को री-ट्वीट भी किया, जिसमें उन्होंने लिखा, ‘4 अगस्त 2005 को ममता बनर्जी ने लोकसभा में कहा था कि बंगाल में घुसपैठ आपदा बन गया है, लेकिन वर्तमान में पश्चिम बंगाल में वही घुसपैठिए ममता बनर्जी को जान से प्यारे हो गए है।
क्योंकि उनके एकमुश्त वोट से प्रदेश में टीएमसी लगातार तीन बार प्रदेश में सत्ता का सुख भोग रही है। शायद यही वजह है कि एनआरसी को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सबसे अधिक मुखर है, क्योंकि एनआरसी लागू हुआ तो कथित 50 लाख घुसपैठिए को बाहर कर दिया जाएगा। गौरतलब है असम इकलौता राज्य है जहां नेशनल सिटीजन रजिस्टर लागू किया गया। सरकार की यह कवायद असम में अवैध रूप से रह रहे अवैध घुसपैठिए का बाहर निकालने के लिए किया था। एक अनुमान के मुताबिक असम में करीब 50 लाख बांग्लादेशी गैरकानूनी तरीके से रह रहे हैं। यह किसी भी राष्ट्र में गैरकानूनी तरीके से रह रहे किसी एक देश के प्रवासियों की सबसे बड़ी संख्या थी।
दिलचस्प बात यह है कि असम में कुल सात बार एनआरसी जारी करने की कोशिशें हुईं, लेकिन राजनीतिक कारणों से यह नहीं हो सका। याद कीजिए, असम में सबसे अधिक बार कांग्रेस सत्ता में रही है और वर्ष 2016 विधानसभा चुनाव में बीजेपी पहली बार असम की सत्ता में काबिज हुई है। दरअसल, 80 के दशक में असम में अवैध घुसपैठिओं को असम से बाहर करने के लिए छात्रों ने आंदोलन किया था। इसके बाद असम गण परिषद और तत्कालीन राजीव गांधी सरकार के बीच समझौता हुआ। समझौते में कहा गया कि 1971 तक जो भी बांग्लादेशी असम में घुसे, उन्हें नागरिकता दी जाएगी और बाकी को निर्वासित किया जाएगा।
लेकिन इसे अमल में नहीं लाया जा सका और वर्ष 2013 में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। अंत में अदालती आदेश के बाद असम एनआरसी की लिस्ट जारी की गई। असम की राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर सूची में कुल तीन करोड़ से अधिक लोग शामिल होने के योग्य पाए गए जबकि 50 लाख लोग अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए, जिनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों शामिल हैं। सवाल सीधा है कि जब देश में अवैध घुसपैठिए की पहचान होनी जरूरी है तो एनआरसी का विरोध क्यूं हो रहा है, इसका सीधा मतलब राजनीतिक है, जिन्हें राजनीतिक पार्टियों से सत्ता तक पहुंचने के लिए सीढ़ी बनाकर वर्षों से इस्तेमाल करती आ रही है। शायद यही कारण है कि भारत में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर जैसे कानून की कवायद को कम तवज्जो दिया गया।
असम में एनआरसी सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद संपन्न कराया जा सका और जब एनआरसी जारी हुआ तो 50 लाख लोग नागरिकता साबित करने में असमर्थ पाए गए। जरूरी नहीं है कि जो नागरिकता साबित नहीं कर पाए है वो सभी घुसपैठिए हो, यही कारण है कि असम एनआरसी के परिपेच्छ में पूरे देश में एनआरसी लागू करने का विरोध हो रहा है। लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि भारत में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर नहीं होना चाहिए। भारत में अभी एनआरसी पाइपलाइन का हिस्सा है, जिसकी अभी ड्राफ्टिंग होनी है। फिलहाल सीएए के विरोध को देखते हुए मोदी सरकार ने एनआरसी को पीछे ढकेल दिया है।
पूरे देश में एनआरसी के प्रतिबद्ध केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि 2024 तक देश के सभी घुसपैठियों को बाहर कर दिया जाएगा। संभवतः गृहमंत्री शाह पूरे देश में एनआरसी लागू करने की ओर इशारा कर रहे थे। यह इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि देश के विकास के लिए बनाए जाने वाल पैमाने के लिए यह जानना जरूरी है कि भारत में नागरिकों की संख्या कितनी है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में, वहां के सभी वयस्क नागरिकों को 18 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर एक यूनिक संख्या के साथ कम्प्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र (CNIC) के लिए पंजीकरण करना होता है। यह पाकिस्तान के नागरिक के रूप में किसी व्यक्ति की पहचान को प्रमाणित करने के लिए एक पहचान दस्तावेज के रूप में कार्य करता है।
इसी तरह पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में भी इलेक्ट्रॉनिक अफगान पहचान पत्र (e-Tazkira) वहां के सभी नागरिकों के लिए जारी एक राष्ट्रीय पहचान दस्तावेज है, जो अफगानी नागरिकों की पहचान, निवास और नागरिकता का प्रमाण है। वहीं, पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश, जहां से भारत में अवैध घुसपैठिए के आने की अधिक आशंका है, वहां के नागरिकों के लिए बांग्लादेश सरकार ने राष्ट्रीय पहचान पत्र (NID) कार्ड है, जो प्रत्येक बांग्लादेशी नागरिक को 18 वर्ष की आयु में जारी करने के लिए एक अनिवार्य पहचान दस्तावेज है।
सरकार बांग्लादेश के सभी वयस्क नागरिकों को स्मार्ट एनआईडी कार्ड नि: शुल्क प्रदान करती है। जबकि पड़ोसी मुल्क नेपाल का राष्ट्रीय पहचान पत्र एक संघीय स्तर का पहचान पत्र है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति के लिए विशिष्ट पहचान संख्या है जो कि नेपाल के नागरिकों द्वारा उनके बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय डेटा के आधार पर प्राप्त किया जा सकता है।
पड़ोसी मुल्क श्रीलंका में भी नेशनल आइडेंटिटी कार्ड (NIC) श्रीलंका में उपयोग होने वाला पहचान दस्तावेज है। यह सभी श्रीलंकाई नागरिकों के लिए अनिवार्य है, जो 16 वर्ष की आयु के हैं और अपने एनआईसी के लिए वृद्ध हैं, लेकिन एक भारत ही है, जो धर्मशाला की तरह खुला हुआ है और कोई भी कहीं से आकर यहां बस जाता है और राजनीतिक पार्टियों ने सत्ता के लिए उनका वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती हैं। भारत में सर्वाधिक घुसपैठियों की संख्या असम, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में बताया जाता है।
भारत सरकार के बॉर्डर मैनेजमेंट टास्क फोर्स की वर्ष 2000 की रिपोर्ट के अनुसार 1.5 करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठ कर चुके हैं और लगभग तीन लाख प्रतिवर्ष घुसपैठ कर रहे हैं। हाल के अनुमान के मुताबिक देश में 4 करोड़ घुसपैठिये मौजूद हैं। पश्चिम बंगाल में वामपंथियों की सरकार ने वोटबैंक की राजनीति को साधने के लिए घुसपैठ की समस्या को विकराल रूप देने का काम किया। कहा जाता है कि तीन दशकों तक राज्य की राजनीति को चलाने वालों ने अपनी व्यक्तिगत राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण देश और राज्य को बारूद की ढेर पर बैठने को मजबूर कर दिया। उसके बाद राज्य की सत्ता में वापसी करने वाली ममता बनर्जी बांग्लादेशी घुसपैठियों के दम पर मुस्लिम वोटबैंक की सबसे बड़ी धुरंधर बन गईं।
भारत में नागरिकता से जुड़ा कानून क्या कहता है?
नागरिकता अधिनियम, 1955 में साफ तौर पर कहा गया है कि 26 जनवरी, 1950 या इसके बाद से लेकर 1 जुलाई, 1987 तक भारत में जन्म लेने वाला कोई व्यक्ति जन्म के आधार पर देश का नागरिक है। 1 जुलाई, 1987 को या इसके बाद, लेकिन नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2003 की शुरुआत से पहले जन्म लेने वाला और उसके माता-पिता में से कोई एक उसके जन्म के समय भारत का नागरिक हो, वह भारत का नागरिक होगा। नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2003 के लागू होने के बाद जन्म लेने वाला कोई व्यक्ति जिसके माता-पिता में से दोनों उसके जन्म के समय भारत के नागरिक हों, देश का नागरिक होगा। इस मामले में असम सिर्फ अपवाद था। 1985 के असम समझौते के मुताबिक, 24 मार्च, 1971 तक राज्य में आने वाले विदेशियों को भारत का नागरिक मानने का प्रावधान था। इस परिप्रेक्ष्य से देखने पर सिर्फ असम ऐसा राज्य था, जहां 24 मार्च, 1974 तक आए विदेशियों को भारत का नागरिक बनाने का प्रावधान था।
क्या है एनआरसी और क्या है इसका मकसद?
एनआरसी या नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन बिल का मकसद अवैध रूप से भारत में अवैध रूप से बसे घुसपैठियों को बाहर निकालना है। बता दें कि एनआरसी अभी केवल असम में ही पूरा हुआ है। जबकि देश के गृह मंत्री अमित शाह ये साफ कर चुके हैं कि एनआरसी को पूरे भारत में लागू किया जाएगा। सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि एनआरसी का भारत के किसी धर्म के नागरिकों से कोई लेना देना नहीं है इसका मकसद केवल भारत से अवैध घुसपैठियों को बाहर निकालना है।
एनआरसी में शामिल होने के लिए क्या जरूरी है? एनआरसी के तहत भारत का नागरिक साबित करने के लिए किसी व्यक्ति को यह साबित करना होगा कि उसके पूर्वज 24 मार्च 1971 से पहले भारत आ गए थे। बता दें कि अवैध बांग्लादेशियों को निकालने के लिए इससे पहले असम में लागू किया गया है। अगले संसद सत्र में इसे पूरे देश में लागू करने का बिल लाया जा सकता है। पूरे भारत में लागू करने के लिए इसके लिए अलग जरूरतें और मसौदा होगा।
एनआरसी के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत है?
भारत का वैध नागरिक साबित होने के लिए एक व्यक्ति के पास रिफ्यूजी रजिस्ट्रेशन, आधार कार्ड, जन्म का सर्टिफिकेट, एलआईसी पॉलिसी, सिटिजनशिप सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, सरकार के द्वारा जारी किया लाइसेंस या सर्टिफिकेट में से कोई एक होना चाहिए। चूंकि सरकार पूरे देश में जो एनआरसी लाने की बात कर रही है, लेकिन उसके प्रावधान अभी तय नहीं हुए हैं। यह एनआरसी लाने में अभी सरकार को लंबी दूरी तय करनी पडे़गी। उसे एनआरसी का मसौदा तैयार कर संसद के दोनों सदनों से पारित करवाना होगा। फिर राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद एनआरसी ऐक्ट अस्तित्व में आएगा। हालांकि, असम की एनआरसी लिस्ट में उन्हें ही जगह दी गई जिन्होंने साबित कर दिया कि वो या उनके पूर्वज 24 मार्च 1971 से पहले भारत आकर बस गए थे।
क्या NRC सिर्फ मुस्लिमों के लिए ही होगा?
किसी भी धर्म को मानने वाले भारतीय नागरिक को CAA या NRC से परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। एनआरसी का किसी धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। यह भारत के सभी नागरिकों के लिए होगा। यह नागरिकों का केवल एक रजिस्टर है, जिसमें देश के हर नागरिक को अपना नाम दर्ज कराना होगा।
क्या धार्मिक आधार पर लोगों को बाहर रखा जाएगा?
यह बिल्कुल भ्रामक बात है और गलत है। NRC किसी धर्म के बारे में बिल्कुल भी नहीं है। जब NRC लागू किया जाएगा, वह न तो धर्म के आधार पर लागू किया जाएगा और न ही उसे धर्म के आधार पर लागू किया जा सकता है। किसी को भी सिर्फ इस आधार पर बाहर नहीं किया जा सकता कि वह किसी विशेष धर्म को मानने वाला है।
NRC में शामिल न होने वाले लोगों का क्या होगा?
अगर कोई व्यक्ति एनआरसी में शामिल नहीं होता है तो उसे डिटेंशन सेंटर में ले जाया जाएगा जैसा कि असम में किया गया है। इसके बाद सरकार उन देशों से संपर्क करेगी जहां के वो नागरिक हैं। अगर सरकार द्वारा उपलब्ध कराए साक्ष्यों को दूसरे देशों की सरकार मान लेती है तो ऐसे अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेज दिया जाएगा।
आभार, Shivom Gupta
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/01/nrcn-1578736214-1579523229.jpg338600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-01-22 02:49:502020-01-22 02:49:53जब छोटे-छोटे पड़ोसी मुल्कों में हैं नागरिकता रजिस्टर कानून! भारत में ही NRC का विरोध क्यों?
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