हैदराबाद जधन्य बलात्कार और हतयाकांड के आरोपियों का हुआ इनकाऊटर

सूत्रों के अनुसार, पुलिस रिमांड में भेजे गए चारों आरोपियों को मौका ए वारदात पर घटनाक्रम को समझने के लिए ले जाया गया था, लेकिन यहां से इन्‍होंने भागने की कोशिश की.

हैदराबाद : 

हैदराबाद में महिला डॉक्‍टर से गैंगरेप करने के बाद उसकी जलाकर हत्‍या करने वाले चारों आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है. सूत्रों के अनुसार, पुलिस रिमांड में भेजे गए चारों आरोपियों को मौका ए वारदात पर घटनाक्रम को समझने के लिए ले जाया गया था, लेकिन यहां से इन्‍होंने भागने की कोशिश की. इसके बाद पुलिस ने इन्‍हें मुठभेड़ में मार गिराया. बताया यह भी जा रहा है कि आरोपियों ने पुलिस पर हमला करने की कोशिश की थी, जिसके बाद पुलिस ने आत्‍मरक्षा में इन्‍हें मार गिराया.

तेलंगाना पुलिस ने आरोपियों के एनकाउंटर की पुष्टि की है. आरोपियों के शवों को पोस्‍टमॉर्टम के लिए महमूदनगर अस्‍पताल ले जाया जाएगा है.

अब देश में होंगे 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर अब राज्य नहीं

इतिहास के पटल पर आज 31 अक्तूबर का दिन खास तौर पर दर्ज़ हो गया जब आज आधी रात से  जम्मू कश्मीर का राज्य के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया ।

यह पहला मौका है जब एक राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया हो। आज आधी रात से फैसला लागू होते ही देश में राज्यों की संख्या 28 और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या नौ हो गई है।

आज जी सी मुर्मू और आर के माथुर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के प्रथम उपराज्यपाल के तौर पर बृहस्पतिवार को शपथ लेंगे।

श्रीनगर और लेह में दो अलग-अलग शपथ ग्रहण समारोहों का आयोजन किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल दोनों को शपथ दिलाएंगी।

सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था, जिसे संसद ने अपनी मंजूरी दी। इसे लेकर देश में खूब सियासी घमासान भी मचा। 

भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने की बात कही थी और मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 90 दिनों के भीतर ही इस वादे को पूरा कर दिया। इस बारे में पांच अगस्त को फैसला किया गया।


सरदार पटेल की जयंती पर बना नया इतिहास 


सरदार पटेल को देश की 560 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय का श्रेय है। इसीलिए उनके जन्मदिवस को ही इस जम्मू कश्मीर के विशेष अस्तित्व को समाप्त करने के लिए चुना गया।
देश में 31 अक्टूबर का दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। आज पीएम मोदी गुजरात के केवडिया में और अमित शाह दिल्ली में अगल-अलग कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। कश्मीर का राज्य के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया। इसके साथ ही दो केंद्रशासित प्रदेशों का दर्जा मध्यरात्रि से प्रभावी हो गया है। नए केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आए हैं।

 जम्मू और कश्मीर में आतंकियों की बौखलाहट एक बार फिर सामने आई है. आतंकियों ने कुलगाम में हमला किया है, जिसमें 5 मजदूरों की मौत हो गई है. जबकि एक घायल है. मारे गए सभी मजदूर कश्मीर से बाहर के हैं. जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से घाटी में ये सबसे बड़ा आतंकी हमला है. आतंकियों की कायराना हरकत से साफ है कि वे कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले से बौखलाए हुए हैं और लगातार आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं.

जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बलों ने इस इलाके की घेराबंदी कर ली है और बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है. अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया गया है. माना जा रहा है कि मारे गए मजदूर पश्चिम बंगाल के थे.

ये हमला ऐसे समय हुआ है जब यूरोपियन यूनियन के 28 सांसद कश्मीर के दौरे पर हैं. सांसदों के दौरे के कारण घाटी में सुरक्षा काफी कड़ी है. इसके बावजूद आतंकी बौखलाहट में किसी ना किसी वारदात को अंजाम दे रहे हैं. डेलिगेशन के दौरे के बीच ही श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के कुछ इलाकों में पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आईं.

जम्मू एवं से अनुच्छेद-370 हटने के बाद यूरोपीय संघ के 27 सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों द्वारा सवाल उठाने पर भारतीय जनता पार्टी ने जवाब दिया है. पार्टी का कहना है कि कश्मीर जाने पर अब किसी तरह की रोक नहीं है. देसी-विदेशी सभी पर्यटकों के लिए कश्मीर को खोल दिया गया है, और ऐसे में विदेशी सांसदों के दौरे को लेकर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं है.

भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा, ‘कश्मीर जाना है तो कांग्रेस वाले सुबह की फ्लाइट पकड़कर चले जाएं. गुलमर्ग जाएं, अनंतनाग जाएं, सैर करें, घूमें-टहलें. किसने उन्हें रोका है? अब तो आम पर्यटकों के लिए भी कश्मीर को खोल दिया गया है.’शहनवाज हुसैन ने कहा कि जब कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटा था, तब शांति-व्यवस्था के लिए एहतियातन कुछ कदम जरूर उठाए गए थे, मगर हालात सामान्य होते ही सब रोक हटा ली गई. उन्होंने कहा, ‘अब हमारे पास कुछ छिपाने को नहीं, सिर्फ दिखाने को है.’

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘जब कश्मीर में तनाव फैलने की आशंका थी, तब बाबा बर्फानी के दर्शन को भी तो रोक दिया गया था. यूरोपीय संघ के सांसद कश्मीर जाना चाहते थे. वे पीएम मोदी से मिले तो अनुमति दी गई. कश्मीर को जब आम पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है तो विदेशी सांसदों के जाने पर हायतौबा क्यों? विदेशी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर जाने से पाकिस्तान का ही दुष्प्रचार खत्म होगा.’

आठ दिन और छ्ह फैसले

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ 31-अक्टूबर:

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई नवंबर की 17 तारीख को रिटाइर हो रहे हैं  उन्हें छह महत्त्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाना है। सुप्रीम कोर्ट में इस समय दिवाली की छुट्टियां चल रही हैं और छुट्टियों के बाद अब काम 4 नवंबर को शुरू होगा।

अयोध्या बाबरी मस्जिद मामला, राफल समीक्षा मामला , राहुल पर अवमानना मामला, साबरिमाला , मुख्य न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का मामला और आर टी आई अधिनियम पर फैसले आने हैं।

अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला इन सभी मामलों में सर्वाधिक चर्चित है अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला। पांच जजों की संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई पूरी कर चुकी है और 16 अक्टूबर को अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा। इस पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ही कर रहे हैं। इस विवाद में अयोध्या, उत्तर प्रदेश में स्थित 2 .77 एकड़ विवादित जमीन पर किसका हक़ है, इस बात का फैसला होना है। हिन्दू पक्ष ने कोर्ट में कहा कि यह भूमि भगवान राम के जन्मभूमि के आधार पर न्यायिक व्यक्ति है। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना था कि मात्र यह विश्वास की यह भगवान राम की जन्मभूमि है, इसे न्यायिक व्यक्ति नहीं बनाता। दोनों ही पक्षों ने इतिहासकारों, ब्रिटिश शासन के दौरान बने भूमि दस्तावेजों, गैज़ेट आदि के आधार पर अपने अपने दावे पेश किये है। इस सवाल पर कि क्या मस्जिद मंदिर की भूमि पर बनाई गई? आर्किओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट भी पेश की गई।

 रफाल समीक्षा फैसला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में एसके कौल और केएम जोसफ की पीठ के 10 मई को रफाल मामले में 14 दिसंबर को दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई समीक्षा रिपोर्ट पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मामला 36 रफाल लड़ाकू विमानों के सौदे में रिश्वत के आरोप से संबंधित है। इस समीक्षा याचिका में याचिकाकर्ता एडवोकेट प्रशांत भूषण और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने मीडिया में लीक हुए दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में तर्क दिया कि सरकार ने फ्रेंच कंपनी (Dassault) से 36 फाइटर जेट खरीदने के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण सूचनाओं को छुपाया है। कोर्ट ने इस मामले में उन अधिकारियों के विरुद्ध झूठे साक्ष्य देने के सन्दर्भ में कार्रवाई भी शुरू की जिन पर यह आरोप था कि उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को गुमराह किया है। 10 अप्रैल को अदालत ने इस मामले में द हिन्दू आदि अखबारों में लीक हुए दस्तावेजों की जांच करने के केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों को दरकिनार कर दिया था। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलील दी थी कि ये दस्तावेज सरकारी गोपनीयता क़ानून का उल्लंघन करके प्राप्त किए गए थे, लेकिन पीठ ने इस प्रारंभिक आपत्तियों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि साक्ष्य प्राप्त करने में अगर कोई गैरकानूनी काम हुआ है तो यह इस याचिका की स्वीकार्यता को प्रभावित नहीं करता।

राहुल गांधी के “चौकीदार चोर है” बयान पर दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा रफाल सौदे की जांच के लिए गठित मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने राहुल गांधी के खिलाफ मीनाक्षी लेखी की अवमानना याचिका पर भी फैसला सुरक्षित रखा। राहुल गांधी ने रफाल सौदे को लक्ष्य करते हुए यह बयान दिया था कि “चौकीदार चोर है।” कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी इस टिपण्णी के लिए माफी मांग ली थी।

सबरीमाला समीक्षा फैसला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने सबरीमाला मामले में याचिकाकर्ताओं को एक पूरे दिन की सुनवाई देने के बाद समीक्षा याचिका पर निर्णय को फरवरी 6 को सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति खानविलकर, न्यायमूर्ति नरीमन, न्यायमूर्ति चंद्रचूड और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की संविधान पीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में ट्रावनकोर देवस्वोम बोर्ड, पन्दलम राज परिवार और कुछ श्रद्धालुओं ने 28 दिसंबर 2018 को याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी। याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में अपनी दलील में यह भी कहा था कि संवैधानिक नैतिकता एक व्यक्तिपरक टेस्ट है और आस्था के मामले में इसको लागू नहीं किया जा सकता। धार्मिक आस्था को तर्क की कसौटी पर नहीं कसा जा सकता। पूजा का अधिकार देवता की प्रकृति और मंदिर की परंपरा के अनुरूप होना चाहिए। यह भी दलील दी गई थी कि फैसले में संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत ‘अस्पृश्यता’ की परिकल्पना को सबरीमाला मंदिर के सन्दर्भ में गलती से लाया गया है और इस क्रम में इसके ऐतिहासिक सन्दर्भ को नजरअंदाज किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआई के अधीन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 4 अप्रैल को सीजेआई कार्यालय के आरटीआई अधिनियम के अधीन होने को लेकर दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने दिल्ली हाईकोर्ट के जनवरी 2010 के फैसले के खिलाफ चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सीजेआई का कार्यालय आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 2(h) के तहत ‘सार्वजनिक प्राधिकरण’है। वित्त अधिनियम 2017 की वैधता पर निर्णय ट्रिब्यूनलों के अधिकार क्षेत्र और स्ट्रक्चर पर डालेगा प्रभाव राजस्व बार एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखा। इस याचिका में वित्त अधिनियम 2017 के उन प्रावधानों को चुनौती दी गई है, जिनकी वजह से विभिन्न न्यायिक अधिकरणों जैसे राष्ट्रीय हरित अधिकरण, आयकर अपीली अधिकरण, राष्ट्रीय कंपनी क़ानून अपीली अधिकरण के अधिकार और उनकी संरचना प्रभावित हो रही है। याचिकाकर्ता की दलील थी कि वित्त अधिनियम जिसे मनी बिल के रूप में पास किया जाता है, अधिकरणों की संरचना को बदल नहीं सकता।

यौन उत्पीडन मामले में सीजेआई के खिलाफ साजिश मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के खिलाफ यौन उत्पीडन के आरोपों की साजिश की जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति एके पटनायक ने की और जांच में क्या सामने आता है, इसका इंतज़ार किया जा रहा है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन और दीपक गुप्ता की पीठ ने न्यायमूर्ति पटनायक को एडवोकेट उत्सव बैंस के दावों के आधार पर इस मामले की जांच का भार सौंपा था। उत्सव बैंस ने कहा था कि उनको किसी फ़िक्सर, कॉर्पोरेट लॉबिस्ट, असंतुष्ट कर्मचारियों ने सीजेआई के खिलाफ आरोप लगाने के लिए एप्रोच किया था। ऐसा समझा जाता है कि न्यायमूर्ति पटनायक ने इस जांच से संबंधित अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है।


विक्रम लैंडर का पता लगा, संपर्क साधने की कोशिश जारी

  • वैज्ञानिक ऑर्बिटर के जरिए विक्रम लैंडर को संदेश भेजने की कोशिश कर रहे हैं
  • डेटा एनालिसिस के बाद पता चलेगा कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर कितना काम करेंगे

इसरो (ISRO) को चांद पर विक्रम लैंडर की स्थिति का पता चल गया है. ऑर्बिटर ने थर्मल इमेज कैमरा से उसकी तस्वीर ली है. हालांकि, उससे अभी कोई संचार स्थापित नहीं हो पाया है. ये भी खबर है कि विक्रम लैंडर लैंडिंग वाली तय जगह से 500 मीटर दूर पड़ा है. चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में लगे ऑप्टिकल हाई रिजोल्यूशन कैमरा (OHRC) ने विक्रम लैंडर की तस्वीर ली है.

अब इसरो वैज्ञानिक ऑर्बिटर के जरिए विक्रम लैंडर को संदेश भेजने की कोशिश कर रहे हैं ताकि, उसका कम्युनिकेशन सिस्टम ऑन किया जा सके. इसरो के विश्वस्त सूत्रों ने aajtak.in को बताया कि बेंगलुरु स्थित इसरो सेंटर से लगातार विक्रम लैंडर और ऑर्बिटर को संदेश भेजा जा रहा है ताकि कम्युनिकेशन शुरू किया जा सके.

इसरो प्रमुख के सिवन ने बताया कि हमें विक्रम लैंडर के बारे में पता चला है, वह चांद की सतह पर देखा गया है. ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल पिक्चर ली है. लेकिन अभी तक कोई संचार स्थापित नहीं हो पाया है. हम संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं.

भविष्य में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर कितना काम करेंगे, इसका तो डेटा एनालिसिस के बाद ही पता चलेगा. इसरो वैज्ञानिक अभी यह पता कर रहे हैं कि चांद की सतह से 2.1 किमी ऊंचाई पर विक्रम अपने तय मार्ग से क्यों भटका. इसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि विक्रम लैंडर के साइड में लगे छोटे-छोटे 4 स्टीयरिंग इंजनों में से किसी एक ने काम न किया हो. इसकी वजह से विक्रम लैंडर अपने तय मार्ग से डेविएट हो गया. यहीं से सारी समस्या शुरू हुई, इसलिए वैज्ञानिक इसी प्वांइट की स्टडी कर रहे हैं.

इसके अलावा चांद के चारों तरफ चक्कर लगा रहे ऑर्बिटर में लगे ऑप्टिकल हाई रिजोल्यूशन कैमरा (OHRC) से विक्रम लैंडर की तस्वीर ली जाएगी. यह कैमरा चांद की सतह पर 0.3 मीटर यानी 1.08 फीट तक की ऊंचाई वाली किसी भी चीज की स्पष्ट तस्वीर ले सकता है.

चंद्रयान-2 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग को लेकर असमंजस बरकरार

चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग को लेकर असमंजस बरकरार है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) के प्रमुख के सिवन (K Sivan) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चंद्रयान -2 से चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर दूर संपर्क टूट गया. इसरो (ISRO) में मौजूद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि देखिए जीवन में उतर चढ़ाव आते रहते हैं. ये कोई छोटा अचीवमेंट नहीं है, देश आप पर गर्व करता है. फिर से कम्युनिकेशन शुरू हुआ तो अब भी उम्मीद बची है

मिशन नाकाम नहीं हुआ है बल्कि हमे आंशिक सफलता मिली है, हम बहुत करीब पहुंचे। ऑर्बिटर लैंडर की तस्वीरें भेजेगा। ऑर्बिटर अभी भी ट्रैक पर है और डेटा भेज रहा है। हिन्दुस्तान से बातचीत में इसरो के वरीय वैज्ञानिक और चंद्रयान 2 मिशन के प्रोजेक्ट डाइरेक्टर अमिताभ ने यह जानकारी दी। इसके अलावा लैंडर के क्रेश होने के सवाल पर इसरो के वैज्ञानिक देवी प्रसाद कार्णिक ने जवाब दिया कि डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है। हमारे पास अभी तक कोई परिणाम नहीं है। इसमें समय लगता है। अभी कुछ भी कहना सही नहीं है। 

चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था।लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया। ‘विक्रम ने ‘रफ ब्रेकिंग और ‘फाइन ब्रेकिंग चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया। इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं। इसरो अध्यक्ष के. सिवन इस दौरान कुछ वैज्ञानिकों से गहन चर्चा करते दिखे। उन्होंने घोषणा की कि ‘विक्रम लैंडर को चांद की सतह की तरफ लाने की प्रक्रिया योजना के अनुरूप और सामान्य देखी गई, लेकिन जब यह 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था तो तभी इसका जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। डेटा का अध्ययन किया जा रहा है।

भरतपुर से प्रभात और चुरू से गरिमा प्रधान मंत्री के साथ चंद्रयान 2 की सफल landing देखेंगे

देशभर के 70 हजार बच्चों में से इसरो की ओर से आयोजित कि गई ऑनलाइन स्पेश क्विज प्रतियोगिता में राजस्थान से 2 बच्चों का चयन हुआ है.

भरतपुर: राजस्थान के भरतपुर के आर्मी स्कूल का छात्र प्रभात 7 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बेंगलुरू में चन्द्रयान 2 के चन्द्रमा पर उतरने वाले दृष्य को देखने वाला प्रदेश का दूसरा छात्र होगा. 

देशभर के 70 हजार बच्चों में से इसरो की ओर से आयोजित कि गई ऑनलाइन स्पेश क्विज प्रतियोगिता में भरतपुर जिले से 185 बच्चों में प्रभात का चयन हुआ था. चयन के बाद मीडिया से बातचीत में उसने हर्ष जताया था. भरतपुर के आर्मी स्कूल के शिक्षकों ने इसे गौरव का क्षण बताया है. 

प्रभात के अलावा चूरू के केंद्रीय विद्यालय की छात्रा गरिमा शर्मा 7 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इसरो में चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग देखेंगी. 

बता दें कि इसरो ने 25 अगस्त को एक ऑनलाइन क्विज आयोजित की गई थी. जिसमें प्रत्येक राज्य व केंद्र शासित प्रदेश से 2 छात्रों का चयन करना था. इसमें राजस्थान के दो स्कूली छात्रों का चयन किया गया है. जिनमें एक चूरू की गरिमा शर्मा का नाम भी शामिल है.

चंद्रमा पर चंद्रयान 2 की लैंडिंग को बच्चों के साथ सांझा करने और विज्ञान में बच्चों की रूचि बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से यह प्रतियोगिता आयोजित करवाई गई थी. इस क्विज में कक्षा 8 से 10 तक के स्टूडेंट्स ने भाग लिया था. 

10 मिनट में देने थे 20 सवालों के ऑनलाइन जवाब
इस क्विज में 10 मिनट में 20 सवालों के ऑनलाइन जवाब देने थे. गरिमा ने महज 6 मिनट 40 सैकिंड में ही इन सवालों के जवाब दे दिए.

हिन्दू धर्म त्यागने वाले देवस्थान की नौकरी भी छोड़ें: जगन मोहन रेड्डी

आंध्र प्रदेश सरकार ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम् में कार्यरत गैर हिंदू कर्मचारियों के लिए नौकरी छोड़ने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, मंदिर ट्रस्ट में कार्यरत गैर हिंदू या जिन्होंने हिंदू धर्म को छोड़कर किसी अन्य धर्म को अपना लिया है उन कर्मचारियों को नौकरी छोड़नी होगी।

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम् में वर्तमान समय में 48 गैर हिंदू कर्मचारी काम कर रहे हैं। इसके अलावा अपने आदेश में सरकार ने सभी कर्मचारियों के जांच करने के लिए भी कहा है। राज्य के मुख्य सचिव एलवी सुब्रमण्यम ने कहा कि ट्रस्ट में काम करने वाले कई कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्होंने हिंदू धर्म छोड़कर किसी अन्य धर्म को अपना लिया है। हालांकि यह उनका चयन है। उन्हें ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता, लेकिन वे तिरुपति की नौकरी नहीं कर सकते हैं।

आंध्रा सरकार ने यह आदेश कुछ संगठनों द्वारा तिरुमला में बढ़ते धर्मांतरण को लेकर जताई गई चिंता के बाद जारी किया है। कुछ दिन पहले ही राज्य के मुख्य सचिव एलवी सुब्रमण्यम ने मंदिर का दौरा भी किया था।

एक्स स्पीकर के शोरूम से विधान सभा का चोरी हुआ सामान जब्त

पूर्व स्पीकर के बेटे के शोरूम में कम से कम 70 ऐसी चीजें थीं, जिन्हें विधानसभा से चुरा कर लाया गया था।

आंध्र प्रदेश विधानसभा से कुछ क़ीमती फर्नीचर गायब हो गए थे। इस सम्बन्ध में पुलिस ने केस भी दर्ज किया था। अब यही फर्नीचर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कोडेला शिवा प्रसाद राव के गुंटूर स्थित निजी दफ़्तर से मिले हैं। ऐसा करने के लिए वह अनधिकृत हैं क्योंकि विधानसभा की संपत्ति को कोई भी नेता अपने व्यक्तिगत प्रयोग के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता।

राजस्व विभाग और विधानसभा के अधिकारियों ने गुंटूर स्थित गौतम हीरो शोरूम से भी कुछ फर्नीचर बरामद किए। ये शोरूम पूर्व विधानसभाध्यक्ष के बेटे शिवराम कृष्णा का है। दोनों पिता-पुत्र के ख़िलाफ़ विधानसभा की संपत्ति को व्यक्तिगत प्रयोग के लिए कहीं और लेकर जाने के सम्बन्ध में मामला दर्ज किया गया। विधानसभा के अधिकारियों ने पहले ही फर्नीचर की पहचान कर ली थी और उसके बाद मामला दर्ज किया गया।

शोरूम में कम से कम 70 ऐसी चीजें थीं, जिन्हें विधानसभा से चुरा कर लाया गया था। हालाँकि, विधानसभा अधिकारियों ने जिन चीजों की सूची दी थी, उनकी संख्या इससे कम ही थी। पूर्व विधानसभाध्यक्ष के ख़िलाफ़ धारा 409 (लोक सेवक या बैंक कर्मचारी, व्यापारी या अभिकर्ता द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन) और धारा 411 (चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

विधानसभा के अधिकारी एम ईश्वर राव की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। ईश्वर राव ने हाईकोर्ट से अनुमति माँगी थी कि पूर्व विधानसभा स्पीकर के दफ्तर और उनके बेटे के शोरूम से विधानसभा की सम्पत्तियाँ वापस ली जाएँ। उन्होंने उच्चाधिकारियों को इस सम्बन्ध में जून में ही पत्र लिखा था लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।

साभार टीवी9 तेलुगू

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राव ने स्वीकार किया था कि विधानसभा के फर्नीचर को हैदराबाद से अमरावती ट्रांसफर करते समय उनमें से कुछ फर्नीचर उनके आवास पर भेजे गए थे। पूर्व स्पीकर का कहना था कि फर्नीचर अस्थायी विधानसभा में ख़राब हो सकते थे, इसीलिए उनकी सुरक्षा और मेंटेनन्स के लिए ऐसा किया गया। टीडीपी नेता राव ने हालिया चुनाव में हार का सामना किया है। विवाद होने के बाद यह फर्नीचर के रुपए देने के लिए भी तैयार हैं।

मल्टीलेवल मार्केटिंग घोटाले क्यूनेट में नामचीन कलाकारों को नोटिस, 70 गिरफ्तार

हैदराबाद: बहुस्तरीय (मल्टीलेवल) मार्केटिंग घोटाले क्यूनेट के संबंध में साइबराबाद पुलिस ने 38 मामले दर्ज करते हुए कुल 70 लोगों को गिरफ्तार किया है. साइबराबाद पुलिस आयुक्त वी.सी. सजनार ने मंगलवार को बताया कि ये मामले ग्रेटर हैदराबाद को कवर करने वाले तीन पुलिस आयुक्तों में से एक साइबराबाद पुलिस कमिश्नरेट में आने वाले अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा कि विहान डायरेक्ट सेलिंग प्राइवेट लिमिटेड (क्यूनेट) और इसके प्रमोटरों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में कई मामले दर्ज किए गए थे.

अनिल कपूर, बोमन ईरानी सहित शाहरुख खानसमेत कई एक्टरों को नोटिस

पुलिस ने कंपनी के कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए अभिनेता अनिल कपूर, शाहरुख खान, बोमन ईरानी, जैकी श्रॉफ, विवेक ओबेरॉय, पूजा हेगड़े और अल्लू सिरीश को भी नोटिस दिया है. अनिल कपूर, शाहरुख खान और बोमन ईरानी ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से नोटिस का जवाब दिया है. वहीं अन्य बॉलीवुड हस्तियों से जवाब का इंतजार किया जा रहा है. सजनार के कहा कि तीनों बॉलीवुड कलाकारों की प्रतिक्रिया का अध्ययन किया जा रहा है. पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘इस योजना के शीर्ष 500 प्रमोटरों को भी नोटिस दिए गए हैं और उनके जवाबों का इंतजार है.’

उन्होंने कहा कि यह भारत के क्यूआई समूह की एक फ्रेंचाइजी विहान की ओर से धोखाधड़ी का मामला है, जो क्यूनेट के नाम से मार्केटिंग करती है. पुलिस के अनुसार, विहान को पहले गोल्ड क्वेस्ट एंड क्वेस्ट नेट के नाम से जाना जाता था. यह क्यूआई समूह के स्वामित्व वाली हांगकांग स्थित एक प्रत्यक्ष बिक्री या बहु-स्तरीय विपणन (मल्टी लेवल मार्केटिंग) कंपनी है. पुलिस के अनुसार, वे सॉफ्टवेयर कर्मचारियों, बेरोजगार युवाओं और गृहणियों को निशाना बना रहे थे.

विहान को बंद करने की प्रक्रिया शुरू

कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने कहा कि विहान को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं सजनार ने लोगों से अपील की है कि वे क्यूनेट में शामिल न हों और विहान को कोई भुगतान न करें.

उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) बेंगलुरु ने विहान को बंद करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की बेंगलुरु बेंच में याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा कि आरओसी ने कंपनी अधिनियम-2013 के विभिन्न उल्लंघनों के लिए विहान के खिलाफ अभियोग चलाया था. कंपनी से जुड़े 12 लोगों के खिलाफ निदेशक और प्रमोटर के रूप में लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है.

ई-कॉमर्स की आड़ में भारत के बाहर भेजे कए करोड़ों रुपए

फाइनेंशियल फ्रॉड्स विक्टिम्स वेलफेयर एसोसिएशन ने दावा किया कि डायरेक्ट सेलिंग और ई-कॉमर्स की आड़ में कंपनी ने 20 हजार करोड़ रुपये भारत से बाहर भेजे हैं.

इस बीच क्यूनेट ने आरोपों से इनकार किया है. उसने रिपोर्ट को आधारहीन के साथ तथ्यों व व्यापार की समझ के बिना तैयार किया गया बताया. क्यूनेट ने कहा कि उन्होंने न्यायिक फोरम में इस रिपोर्ट को चुनौती दी है.

क्यूनेट एक ई-कॉमर्स आधारित प्रमुख एशियाई डायरेक्ट सेलिंग कंपनी है, जो होम केयर, पर्सनल केयर, स्किन केयर, हेल्थ फूड सप्लीमेंट्स, घड़ियां और हॉलिडे पैकेज की श्रेणियों में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की मार्केटिंग करती है. क्यूनेट भारत में अपने सब फ्रेंचाइजी के माध्यम से काम करती है.

यूएपीए बिल राज्यसभा में पास

  • गैर-कानूनी गतिविधि निवारण संशोधन (यूएपीए) विधेयक, 2019 बिल राज्यसभा में भी पास हुआ
  • इसमें गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल व्यक्ति को आतंकी घोषित करने का प्रावधान, विपक्षी दल इसके विरोध में
  • गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- कब तक संगठनों पर प्रतिबंध लगाएंगे, एक के बाद दूसरा सामने आ जाता है
मैं भरोसा दिलाता हूं कि आप कुछ नहीं करोगे तो कुछ नहीं होगा : अमित शाह

नई दिल्ली. आतंकी गतिविधियों में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए मोदी सरकार संशोधित यूएपीए बिल लेकर आई है। शुक्रवार को यह विधेयक राज्यसभा में भी पास हो गया। चर्चा के दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने विधेयक में संशोधन का विरोध किया। दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर आतंकवाद से समझौता करने का आरोप लगाया। गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें जवाब देते हुए कहा, ”दिग्विजय सिंह जी कह रहे हैं कि मुझे ही आतंकी घोषित कर दो। आपका गुस्सा जायज है, वे क्योंकि अभी-अभी चुनाव हारे हैं। लेकिन मैं भरोसा दिलाता हूं कि आप कुछ नहीं करोगे तो कुछ नहीं होगा।”

संशोधित बिल में सरकार ने गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल व्यक्ति विशेष को आतंकी घोषित करने का प्रावधान शामिल किया है। दिग्विजय ने कहा कि हमें भाजपा की मंशा पर संदेह है। कांग्रेस ने कभी आतंकवाद से समझौता नहीं किया, इसीलिए यह कानून लेकर आए थे। आतंकवाद से समझौता करने वाले आप लोग हैं। भाजपा सरकार ने ही पहले रुबैया सईद और फिर मसूद अजहर को छोड़ा था।

कानून का दुरुपयोग के आरोप लगाने से पहले अपना इतिहास देखिए

गृह मंत्री ने कहा, ”इमरजेंसी के दौरान क्या हुआ था? मीडिया पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया और विपक्ष के सभी नेताओं को जेल में डाल दिया था। 19 महीने तक देश में लोकतंत्र को खत्म कर दिया गया और अब आप (कांग्रेस) हम पर कानून के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं। कृपया अपना इतिहास भी देख लीजिए। जब हम विपक्ष में थे तो 2004, 2008 और 2013 में हमने यूपीए सरकार के यूएपीए बिल को समर्थन दिया था। क्योंकि हमें लगता था कि आतंकवाद से लड़ने के लिए यह जरूरी था।”

हम सिर्फ व्यक्ति को आतंकी घोषित करने के विरोध में: कांग्रेस

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, ”अगर विधेयक के संशोधन को देखें तो लगता है कि यह एनआईए को ताकतवर बनाएगा। लेकिन इसमें किसी व्यक्ति का नाम आतंकी की सूची में हटाने और जोड़ने का प्रावधान है। हम इसी का विरोध कर रहे हैं न कि गैर-कानूनी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बने कानून का। 2008 में जब मैंने गृह मंत्री की जिम्मेदारी संभाली तो आतंकवाद का सामना करने के लिए तीन स्तंभ- एनआईए, नेटग्रिड और एनसीटीसी बनाए थे। आज हमारे पास सिर्फ एक स्तंभ है। आपने एनआईए को छोड़कर बाकी दो के लिए क्या किया?”

कब तक संगठनों पर ही रोक लगाते रहेंगे: गृह मंत्री

अमित शाह ने चिदंबरम को जवाब दिया, ”आपने पूछा कि आतंकी गतिविधियों में लिप्त संगठनों पर प्रतिबंध है तो किसी व्यक्ति को विशेष को आतंकी घोषित करने की क्या जरूरत है। हमने संशोधन में ऐसा प्रावधान रखा है क्योंकि एक संगठन पर रोक लगाई जाती है तो कुछ व्यक्तियों के द्वारा दूसरा खड़ा कर दिया जाता है। कब तक हम संगठनों पर ही रोक लगाते रहेंगे?

एनआईए को पहले से ज्यादा अधिकार, इसलिए विरोध

बिल में नए प्रावधान जोड़े गए हैं। इसमें सबसे बड़ा प्रावधान यह है कि एनआईए अब आतंकी के समर्थकों को भी आतंकी घोषित कर उनकी संपत्ति जब्त कर सकेगी। यही नहीं, अब आतंकी संगठन के साथ-साथ उस व्यक्ति को भी आतंकी घोषित किया जा सकेगा, जो किसी न किसी रूप से आतंक को बढ़ावा दे रहा होगा। उसकी संपत्ति जब्त करने के लिए एनआईए को उससे संबंधित राज्य की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।

किसी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने के 4 आधार होंगे

1. जो व्यक्ति आतंकी घटना को अंजाम देगा या इसमें सहयोग देगा।
2. जो व्यक्ति किसी आतंकी घटना की तैयारी कर रहा होगा।
3. जो देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले कृत्य करेगा।
4. जो व्यक्ति किसी भी तरह से आतंकवाद से जुड़ा हुआ पाया जाएगा।

विपक्ष ने लोकसभा में चर्चा के दौरान वॉकआउट किया था

लोकसभा में 24 जुलाई को बिल पर बहस के दौरान विपक्ष ने इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजनी की मांग करते हुए वॉकआउट किया था। चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सरकार लड़ती है। कौन-सी पार्टी सत्ता में हैं और बिल कौन लेकर आया, उससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए। आतंकवाद के खात्मे के लिए कड़े कानून की जरूरत है। कांग्रेस सरकार बिल लाती है तो सही, लेकिन हम संशोधन कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है? हम आतंकवाद को खत्म करना चाहते हैं, संशोधित कानून से राज्यों की शक्ति कम नहीं होगी। यह कानून 1967 में कांग्रेस सरकार लेकर आई। इसके बाद आप ही ने इसमें तीन संशोधन किए।